वॉशिंगटन. अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने महाभियोग कार्रवाई में अपने खिलाफ गवाही देने वाले दो अफसरों को व्हाइट हाउस से निकाल दिया है। इनमें यूरोपियन यूनियन में अमेरिकी राजदूत गोर्डन सोंडलैंड और सेना के अफसर लेफ्टिनेंट कर्नल अलेक्जेंडर विंडमैन शामिल रहे। दोनों ने ही संसद के निचले सदन (हाउस ऑफ रिप्रेजेंटेटिव्स) में ट्रम्प के खिलाफ गवाही दी थी। इनकी गवाही को ट्रम्प के खिलाफ फैसले में अहम माना जा रहा था।
आर्मी अफसर विंडमैन व्हाइट हाउस में राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद के साथ काम कर रहे थे। राष्ट्रपति ट्रम्प के आदेश के बाद उन्हें व्हाइट हाउस से बाहर कर दिया गया। उनके अलावा उनके भाई लेफ्टिनेंट कर्नल येवगेनी विंडमैन को भी व्हाइट हाउस में ड्यूटी से निकाल दिया गया। विंडमैन के वकील ने कहा कि राष्ट्रपति ने यह कदम बदला लेने के लिए उठाया। खुद ट्रम्प भी सीनेट में सुनवाई पूरी होने के बाद कह चुके थे कि वे दोनों अफसरों (सोंडलैंड और विंडमैन) से खुश नहीं हैं।
विंडमैन के वकील ने कहा- उन्हें सच बोलने की कीमत चुकानी पड़ी
लेफ्टिनेंट कर्नल विंडमैन के व्हाइट हाउस से बाहर किए जाने के कुछ देर बाद ही उनके वकील डेविड प्रेसमेन ने कहा कि उनके क्लाइंट को सच बोलने के लिए निकाला जा रहा है। एक सच ने आर्मी अफसर से उनकी नौकरी, उनका करियर और उनकी निजता छीन ली है। उन्होंने कहा कि किसी के मन में यह सवाल नहीं है कि एक सैन्य अफसर पर ऐसी कार्रवाई क्यों हुई, सबको यह बात पता है कि क्यों व्हाइट हाउस के पास अब एक सैन्य अफसर कम है। उनके गर्व और सही निर्णय करने की क्षमता ने ताकतवर लोगों को डरा दिया है।
दूसरी तरफ राजदूत सोंडलैंड ने वकील की तरफ से बयान जारी कराया। उन्होंने कहा कि राष्ट्रपति ने मुझे तत्काल प्रभाव से वापस बुला लिया है। मैं इस पद पर सेवा का मौका देने के लिए राष्ट्रपति ट्रम्प और विदेश मंत्री माइक पोम्पियो का शुक्रिया अदा करता हूं। यहां मेरा काम मेरे करियर का मुख्य चरण रहा।
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