Sunday, January 12, 2020
'I'm spending all my money to get rid of Trump': Michael Bloomberg January 12, 2020 at 08:23PM
इकलौती ओलिंपिक पदक विजेता अलीजादेह ने देश छोड़ा, लिखा- पाखंड और झूठ का हिस्सा नहीं बनना चाहती January 12, 2020 at 08:29PM
इंटरनेशनल डेस्क. ईरान की इकलौती महिला ओलिंपिक पदक विजेता किमिया अलीज़ादेह ने देश छोड़ने का फैसला किया है। 21 साल की किमिया ने इस बारे में सोशल मीडिया पर पोस्ट लिखा,जिसमें उन्होंने कहा कि वह ईरान में झूठ, अन्याय और चापलूसी का हिस्सा नहीं बनना चाहती। उन्होंने खुद को देश की लाखों सताई हुई महिलाओं में से एक माना है। वहइस वक्त कहां है, इस बारे में उन्होंने कोई जानकारी नहीं दी है। लेकिन ईरानी मीडिया ने उनके नीदरलैंड्स में होने की बात कही है।
किमिया नेरियो ओलिंपिक में ताइक्वांडो में ब्रॉन्ज मेडल जीता था
किमिया ने 2016 के रियो ओलिंपिक में ताइक्वांडो में ब्रॉन्ज मेडल जीताथा। वे देश के लिए इकलौता ओलिंपिक मेडल जीतने वाली खिलाड़ी हैं। अपनी पोस्ट में इस खिलाड़ी ने ईरानी अफसरों पर आरोप लगाए किउन्होंने मेरी कामयाबी को अपने प्रचार के लिए इस्तेमाल किया। इस ओलिंपियन ने ईरान छोड़ने का फैसला तब लिया, जब देश में यूक्रेन के विमान को गलती से मार गिराने के कारण भारी विरोध प्रदर्शन हो रहा है।
ईरानी अफसरों ने अपमान किया
किमिया ने आगे लिखा,‘‘मैं सालों तक देश के लिए खेलती रही। अधिकारियों का हर आदेश माना। उन्होंने जो पहनने के लिए कहा, वही पहना। लेकिन हमउनके लिए अहमियत नहीं रखते। केवल इस्तेमाल होने वाले औजार की तरह हैं। सरकार मेरीकामयाबी को राजनीतिक तौर पर भुनाती रही।’’ अलीजादेह ने इससे भी इनकार किया कि उन्हें यूरोप से कोई आकर्षक प्रस्ताव मिला है और न ही उन्होंने यह बताया है कि वह कहां जाएंगी।
अलीजादेह को टोक्यो ओलिंपिक में खेलने की उम्मीद
बीते गुरुवार ईरान की समाचार एजेंसी इसना की रिपोर्ट में कहा गया, 'ईरानी ताइक्वांडो को झटका,किमिया अलीज़ादेह नीदरलैंड्स में बसीं'। इसीरिपोर्ट में लिखा गया है किअलीज़ादेह को 2020 के टोक्यो ओलंपिक में हिस्सा लेने की उम्मीद तो है, लेकिन ईरान के झंडे तले नहीं। उन्होंने भविष्य की योजनाओं के बारे में जानकारी तो नहीं दी है। लेकिन ये साफ कर दिया कि वहजहां भी जाएंगी, वहां ईरान की बेटी बनकररहेंगी।
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ताल ज्वालामुखी भड़का, फटने पर तालाब में सुनामी आने का खतरा; 8000 लोग रेस्क्यू किए गए January 12, 2020 at 08:22PM
मनीला. फिलीपींस के सक्रिय ज्वालामुखी में से एक ‘ताल’ ज्वालामुखी सोमवार सुबह भड़कने लगा। वैज्ञानिकों के मुताबिक, अगले कुछ घंटों में ज्वालामुखी फट जाएगा। ताल लेक पर मौजूद इस ज्वालामुखी के भड़कते ही मनीला का मौसम काफी खराब हो गया। इसका लावा 32000 से 49000 फीट (करीब 10-15 किमी.) दूर तक फैला है। खतरे को देखते हुए प्रशासन ने करीब 8,000 स्थानीय लोगों को बाहर निकाल लिया है। आशंका है कि अगर ज्वालामुखी फटा, तो इसका लावा ताल लेक में गिरेगा, जिससे आसपास के इलाकों में सुनामी आ सकती है।
ताल दुनिया के सबसे छोटे ज्वालामुखियों में से एक है। हालांकि, यह फिलीपींस का दूसरा सबसे सक्रिय ज्वालामुखी है। पिछले 450 सालों में यह 34 बार फट चुका है। आखिरी बार यह 1977 में फटा था। 1974 में यह कई महीनों तक भड़का था। 1911 में इसमें विस्फोट हुआ था और करीब 1500 लोगों की मौत हुई थी।
संयुक्त राष्ट्रने भी जताई चिंता
रविवार देर शाम ही ज्वालामुखी से लावा और राख निकलना शुरू हो गया था। इसके चलते ताल के पूरे क्षेत्र में अब तक 75 भूकंप के झटके आ चुके हैं। इनमें से 32 झटके लेवल-2 के (कमजोर) थे। यूनाइटेड नेशंस के ह्यूमैनिटेरियन अफेयर्स के ऑफिस- ओसीएचए फिलीपींस ने कहा कि ज्वालामुखी के आसपास 14 किमी के दायरे में 4.5 लाख लोग रहते हैं। उन्हें जल्द से जल्द ताल ज्वालामुखी के डेंजर जोन से निकालने का काम किया जाना चाहिए।फिलीपींस के इंस्टीट्यूट ऑफ वोल्केनोलॉजी एंड सीस्मोलॉजी (फिवोल्क्स) ने फिलहाल अलर्ट लेवल को 3 से बढ़ाकर 4 पर कर दिया है। यह गंभीर खतरे का निशान है।
मनीला में हवा खराब, सरकारी ऑफिस-स्कूल बंद
फिलीपींस के राष्ट्रपति रोड्रिगो दुतेर्ते ने मनीला और आसपास के इलाकों में फैली राख और खराब हवा को देखते हुए सरकारी दफ्तर और स्कूल बंद रखने के निर्देश दिए हैं। स्वास्थ्य अधिकारियों को सांस की समस्या से जूझ रहे लोगों की देखभाल करने के निर्देश दिए गए हैं। साथ ही लोगों को घर के अंदर रहने की चेतावनी भी जारी की गई है।मनीला एयरपोर्ट से उड़ान भरने वाली 286 फ्लाइट्स को उड़ान भरने से रोक दिया गया है। मनीला के पास क्लार्क फ्रीपोर्ट को खुला रखा गया, हालांकि, यहां भी विमानों को सावधानी के साथ उड़ान भरने के लिए कहा गया है।
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Rumbling volcano shuts down Philippine capital January 12, 2020 at 08:01PM
अंतरिक्ष मिशन के लिए ईरानी मूल की जैस्मीन मोघबेली तैयार, चांद या शुक्र पर जाएंगी January 12, 2020 at 06:32PM
ह्यूस्टन. अमेरिका ने जब से ईरानी जनरल कासिम सुलेमानी को मार गिराया है, तब से दोनों देशों में तनाव बढ़ गया है। इस बीच एक अच्छी खबर यह है कि ईरानी मूल की अंतरिक्ष यात्री जैस्मीन मोघबेली नासा के अंतरिक्ष मिशन के लिए तैयार हैं। वे पहली ईरानी-अमेरिकी अंतरिक्ष यात्री होंगी, जो चंद्रमा या शुक्र ग्रह के मिशन पर जाएंगी।
जैस्मीन ने हेलिकॉप्टर गनशिप पायलट के रूप में अफगानिस्तान के लिए 150 मिशन पूरे किए हैं। मैसाचुसेट्स इंस्टिट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी से एयरोनॉटिकल इंजीनियरिंग में ग्रेजुएट 36 साल की जैस्मीन का जन्म जर्मनी में हुआ था। 1979 में इस्लामिक क्रांति के समय उनका परिवार ईरान चला गया था। हालांकि, मोघबेली न्यूयॉर्क के बाल्डविन में पली-बढ़ीं। 15 साल की उम्र में वे एक स्पेस कैंप में शामिल हुई थीं, वहीं उन्होंने सितारों तक पहुंचने का निश्चय किया।
सेना में कमीशन भी प्राप्त किया
9/11 के महज 4 साल बाद ही 2005 में मोघबेली ने सेना में कमीशन प्राप्त किया। तब उनके माता-पिता उसके मध्य-पूर्वी मूल का होने से डर गए थे, लेकिन अमेरिकी सेना में उन्हें बहुत फैसला मिला। हाल ही में उन्होंने अपने साथी सैम से शादी की है। मालूम हो, नासा ने मोघबेली समेत 11 साथियों को 18,000 आवेदकों में से चुना था।
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ट्रम्प के दावों के उलट रक्षा मंत्री बोले- इसके सबूत नहीं कि ईरान हमारे 4 दूतावासों को निशाना बनाने वाला था January 12, 2020 at 06:20PM
वाॅशिंगटन. अमेरिका ने जनरल सुलेमानी की हत्या की जो वजहें बताईं, उनके पक्ष में अब तक सबूत पेश नहीं किए हैं। राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने दो दिन पहले ही बिना सबूतों के दावा किया था कि जनरल सुलेमानी बगदाद स्थित दूतावास के साथ पश्चिम एशिया में मौजूद 4 दूतावासों को निशाना बनाने वाला था। हालांकि, अब अमेरिकी रक्षा मंत्री मार्क एस्पर ने ही ट्रम्प के इन दावों की पुष्टि करने से इनकार कर दिया है। एस्पर ने रविवार को एक चैनल से कहा, “मेरे सामने चार दूतावासों पर हमले की कोई बात सामने नहीं आई। इससे जुड़े कोई सबूत नहीं है।”
हालांकि, उन्होंने राष्ट्रपति के बयान का बचाव करते हुए कहा, “ट्रम्प की तरह ही मुझे भी लगता था कि वे हमारे दूतावासों को ही निशाना बनाएंगे। क्योंकि वे किसी भी देश में हमारी ताकत दिखाते हैं।”
ट्रम्प ने क्या दावा किया था?
ट्रम्प ने फॉक्स न्यूज को दिए इंटरव्यू मेंकहा था, “मुझे लगता है कि वह चार दूतावासों पर हमले की साजिश रच रहा था। शायद बगदाद स्थित दूतावास पर भी हमले की साजिश थी।” हालांकि, सुलेमानी की हत्या के एक हफ्ते बाद भी ट्रम्प ने यह दावा बिना कोई सबूत या अन्य जानकारी दिए ही कर दिया। इससे पहले विदेश मंत्री माइक पोम्पियो और ट्रम्प प्रशासन के अफसरसुलेमानी की हत्या पर कुछ ठोस नहीं कह पाए हैं।
जनरल सुलेमानी की हत्या की वजह बताना जरूरी: यूएन
संयुक्त राष्ट्र चार्टर के आर्टिकल-51 के मुताबिक, किसी भी देश को दूसरे देश में कार्रवाई करने के बाद अपने पक्ष में सबूत पेश करने होते हैं। अमेरिकी प्रशासन अब तक जनरल सुलेमानी को मारने की सटीक वजहें नहीं बता पाया है। विदेश मंत्री पोम्पियो ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा था कि जनरल सुलेमानी पश्चिमी एशिया क्षेत्र में अमेरिकी अफसरों को निशाना बनाने वाला था, लेकिन उन्होंने इस बारे में आगे कोई जानकारी नहीं दी। जब उनसे पूछा गया कि सुलेमानी किस तरह से खतरा था, तो पोम्पियो ने मुद्दा दिसंबर में विद्रोहियों के हमले में मारे गए अमेरिकी कॉन्ट्रैक्टर की तरफ मोड़ दिया।
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विमान हादसे पर प्रदर्शनों के बीच ट्रम्प की चेतावनी- ईरान सरकार विरोधियों की न तो हत्या करे, न ही परमाणु हथियार बनाए January 12, 2020 at 04:50PM
वॉशिंगटन. अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ईरान में सरकार के खिलाफ हो रहे प्रदर्शनों पर करीब से नजर बनाए हुए हैं। ईरान की जनता रूहानी सरकार के खिलाफ विमान हादसे पर दो दिन से प्रदर्शन कर रही है। इन्हें काबू में करने के लिए पुलिस ने रविवार को भीड़ पर आंसू गैस के गोले छोड़े। इसके बाद ट्रम्प ने प्रदर्शनों पर एक ही दिन में दूसरा ट्वीट किया और कहा- “राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार ने बताया कि नए प्रतिबंधों से ईरान का दम घुट गया है और वे समझौता करने के लिए मजबूर होने वाले हैं। असल में मुझे चिंता नहीं है कि वे समझौता करते हैं या नहीं। लेकिन ईरानी नेताओं को संदेश है कि उन्हें परमाणु हथियार नहीं बनाने हैंऔर प्रदर्शनकारियों को नहीं मारना चाहिए।
ट्रम्प ने आगे कहा, “हजारों को पहले ही मारा या जेल में डाला जा चुका है और पूरी दुनिया देख रही है। सबसे जरूरी है कि अबअमेरिका भी देख रहा है। अपना इंटरनेट शुरू करो और रिपोर्टर्स को आजादी से घूमने दो। अपने महान ईरानियों का कत्ल बंद करो।”
ईरान में अचानक क्यों भड़के प्रदर्शन?
ईरान ने 8 जनवरी को यूक्रेन के विमान को मार गिराया था। ईरान ने शनिवार को कबूला कि उसकी सेना ने गलती से यूक्रेन के यात्री विमान को निशाना बना दिया। सरकार की तरफ से जारी बयान में इसे इंसानी भूल (ह्यूमन एरर) बताया गया। इस घटना के बाद से ईरान में हजारों लोग सरकार के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे हैं।
ट्रम्प ईरान के लिए फारसी में ट्वीट कर चुके हैं
इससे पहले ट्रम्प ने शनिवार रात को भी ईरान के प्रदर्शनों पर फारसी में ट्वीट किया था। उन्होंने कहा था- ईरान के बहादुर और लंबे समय से पीड़ित लोगों के साथ मैं अपने कार्यकाल की शुरुआत से खड़ा हूं। मेरा प्रशासन आपके साथ खड़ा रहेगा। शांतिपूर्ण ढंग से प्रदर्शन कर रहे लोगों का नरसंहार नहीं होना चाहिए, न ही उनका इंटरनेट बंद होना चाहिए। पूरी दुनिया देख रही है।
एनएसए ने कहा था- ईरान के पास बातचीत के अलावा कोई चारा नहीं
ट्रम्प का यह बयान उनके एनएसए रॉबर्ट ओ ब्रायन के एक न्यूज चैनल से किए ईरान के बारे में किए दावों के बाद आया। राॅबर्ट ने कहा कि नए प्रतिबंधों की वजह से ईरान के पास समझौते के अलावा कोई चारा नहीं है। हमारा ज्यादा से ज्यादा दबाव बनाने का अभियान काम कर रहा है। उसके पास विकल्प कम हैं और उसे बात करनी ही होगी।
रॉबर्ट ने कहा, “ईरान की अर्थव्यवस्था पर काफी दबाव है और ऐसे में जब छात्र विमान हादसे पर बाहर आकर ‘तानाशाह को मौत’ जैसे नारे लगाएं और हजारों ईरानी सड़कों पर उतरें तो इस तरह का दबाव उन्हें समझौते के लिए आगे लेकर ही आएगा।
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'Apologise & resign': Iranians rally against leaders for downing plane January 12, 2020 at 03:17PM
Canadian officials accidentally push nuke alert to millions January 12, 2020 at 03:11PM
Iran's only female Olympic medallist 'defects' January 12, 2020 at 01:34PM
नेपाल ने नई एनजीओ नीति बनाई, भारतीय सीमा पर मौजूद विदेशी फंड से चलने वाले मदरसों की जांच का प्रावधान January 12, 2020 at 05:27AM
काठमांडू. भारत और चीन के साथ संबंधों को ध्यान में रखते हुए नेपाल अपने यहां काम करने वाले अंतरराष्ट्रीय स्वयं सेवी संस्थाओ (एनजीओ) के लिए नई नीति तैयार कर रहा है। काठमांडू पोस्ट के मुताबिक,अधिकारियों ने रविवार को बताया कि नई नीति आने के बाद कोई भी एनजीओ ऐसे कार्यक्रम नहीं चला सकेगा जिसपर इन दोनों पड़ोसी देशों ने आपत्ति जताई हो। नीति में भारत से सटे इलाकों में मदरसा चलाकर विदेशी फंड लेने वाले एनजीओ की जांच का भी प्रावधान होगा।
नई नीति नेपाल का सोशल वेलफेयर काउंसिल तैयार कर रहा है।काउंसिल के अधिकारियों के मुताबिक, फिलहाल नीति का मसौदा तैयार किया जा रहा है। इसमें कुछ प्रावधान देश में नए एनजीओ के पंजीकरण कानून से जुड़े होंगे।
भारत और चीन दोनों ने नेपाल को बताई थी अपनी चिंताएं
भारत और चीन दोनों ही नेपाल में चलने वाले कुछ एनजीओ की कार्यशैली पर सवाल कर चुके हैं। जहां भारत ने कई बार सीमा पार से होने वाली आतंकी और आपराधिक गतिविधियों को लेकर चिंता प्रकट की है वहीं चीन ने नेपाल के रास्ते तिब्बती लोगों के आने जाने पर रोक लगाने की मांग की है। नेपाल की संतुलित विदेश नीति के मुताबिक इन बातों का भी नई नीति में ध्यान रखा जाएगा। सीमावर्ती क्षेत्रों में मदरसा और मोनेस्ट्री चलाने वाले एनजीओ की गतिविधियों को नियंत्रित करने की कोशिश होगी।
सीमाई इलाके में कई ऐसे देश जिन्हें विदेशों से फंड मिलते हैं
भारत से सटी सीमाई इलाकों में कई ऐसे मदरसे हैं जिन्हें कतर,सऊदी अरब और तुर्की जैसे देशों से फंड मिल रहे हैं। इन मदरसों की बढ़ती संख्या और गतिविधियों को लेकर भारत कई बार नेपाल को सचेत भी कर चुका है। इस नीति के तहत इन्हें मिल रही विदेशी फंडिंग को मंजूरी देने से पहले इनके कार्यक्रमों की जांच की जा सकेगी। हालांकि, अभी इस संबंध में नेपाल सरकार ने काठमांडू स्थित भारतीय दूतावास से संपर्क नहीं किया है।
नेपाल ने माना-भारत ने विदेशी फंड से चलने वाले मदरसों से आगाह किया
नेपाल ने यह माना है कि भारत ने इसेमदरसों मेंघुसपैठ होने पर नेपाल की अंदरूनी सुरक्षा प्रभावित होने के प्रति आगाह किया है। चीन से सटी सीमा पर चलने वाले एनजीओ पर भी नेपाल सरकार की पैनी नजर है। नेपाल यह नहीं चाहता कि चीन के साथ इसके रिश्ते में किसी प्रकार की खटास आए क्योंकि चीन नेपाल में कई अहम परियोजनाओं को पूरा करने में मदद कर रहा है। एनजीओ की आड़ में चीनसीमा से तस्करी रोकने के लिए भी नेपाल गंभीर है।
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Chinese navy commissions first fourth generation destroyer January 12, 2020 at 04:19AM
At least 17 killed as extreme cold sweeps across Afghanistan January 12, 2020 at 03:50AM
Germany: Mass evacuation underway before WWII bomb defusing January 12, 2020 at 02:27AM
सरकार के खिलाफ नागरिकों ने 6 किलोमीटर लंबी दौड़ में हिस्सा लिया, तानाशाही खत्म करो के नारे लगाए January 12, 2020 at 02:36AM
बैंकॉक. हजारों लोगों ने रविवार की सुबह सरकार के खिलाफ विरोध करते हुए बैंकॉक में आयोजित 6 किमी. लंबी दौड़ में हिस्सा लिया। बैंकॉक के एक पार्क से शुरू हुई यह दौड़ लोगों ने सरकार विरोधी रैप गाते हुए पूरी की। प्रतिभागियों ने प्रधानमंत्री प्रयुत चान-ओ-चा को सत्ता से हटाने की मांग की। लोगों ने तानाशाही खत्म करो के नारे लगाए। प्रधानमंत्री प्रयुत थाइलैंड में अंकल तू के नाम से मशहूर हैं। इसलिए,दौड़ का नाम स्थानीय भाषा में‘विंग लाइ लुंग’ रखा गया था जिसका अर्थ ‘अंकल को बाहर करो’ होता है।
इस दौड़ में सभी उम्र वर्ग के करीब 10 हजार लोगों ने हिस्सा लिया। प्रदर्शनकारियों ने तीन उंगलियां हवा में उठाकर मौजूदा सरकार को सलामी देकर अपना विरोध जाहिर किया। इसके बाद सत्तारूढ़ पार्टी के समर्थकों ने भी प्रधानमंत्री के समर्थन में एक रैली निकाली।
लोगों ने नागरिक अधिकार में कटौती पर नाराजगी जाहिर की
दौड़ में शामिल होने वाले लोगों ने नागरिकों के अधिकारों की कटौती करने के लिए सरकार के खिलाफ नाराजगी जाहिर की। उन्होंने कहा कि हमारे लिए यह महत्वपूर्ण नहीं है कि प्रधानमंत्री कौन है, हम न्याय की मांग कर रहेहैं। देश के अधिकतर व्यापारियों को महसूस हो रहा है कि देश की अर्थव्यवस्था नहीं सुधरी है। हम आज सरकार से अपनी नाराजगी जाहिर करने के लिए इस दौड़ में शामिल हुए हैं। लोग नहीं चाहते की देश की शासन में सेना की दखलअंदाजी हो।
लोगों में प्रधानमंत्री को लेकर है नाराजगी
2014 में सेना की समर्थन प्राप्त प्रधानमंत्री प्रयुत की फ्यूचर फॉरवर्ड पार्टी (एफएफपी) ने जीत हासिल की थी। इसके बाद से ही उन के खिलाफ देश में नाराजगी बढ़ रही है। देश की डेमक्रैटिक पार्टियों ने इस चुनाव में गड़बड़ी की शिकायत भी की थी। एफएफपी के नेता और तांतथॉर्न जुआंग्रूनग्रुआंगकिट पर कई आरोप लगाए गए थे। इसके बाद उन्हें संसद से निष्काषित कर दिया गया था। हाल के दिनों में एफएफपी और तांतथॉर्न के खिलाफ दर्ज होने वाले मामले बढने से लोगों में अधिक नाराजगी है।
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Fly me to the moon: Japanese billionaire Maezawa seeks girlfriend for SpaceX voyage January 12, 2020 at 02:13AM
बर्फीले तूफान की चपेट में दक्षिणी राज्य, 11 की मौत; 1200 से ज्यादा फ्लाइट कैंसल और हजारों घरों में बिजली गुल January 12, 2020 at 12:13AM
वॉशिंगटन. अमेरिका के दक्षिणी राज्यों में बर्फीले तूफान, भारी बारिश और बाढ़ से 11 लोगों की मौत हो गई। न्यूज एजेंसी के मुताबिक तूफान का सबसे ज्यादा असर टेक्सास, ओकाहोमा, शिकागो औरडलास राज्यों में है। यहां भारी बारिश से बाढ़ जैसे हालात बन गए हैं। शिकागो डिपार्टमेंट ऑफ एविएशन के मुताबिक, शिकागो के दो इंटरनेशनल एयरपोर्टसे 1200 से ज्यादा फ्लाइट रद्द कर दी गईं। वहीं, ओकाहोमा और अरकंसास में बाढ़ की वजह सेकई हाईवे बंद कर दिए गए।
एजेंसी के मुताबिक, टेक्सास में शनिवार को एक पुलिस अफसर और एक बचावकर्मी की मौत हो गई। वहीं, ओकाहामा में बाढ़ के पानी में डूबने से एक व्यक्ति की मौत हो गई। लुसियाना में एक घर ढह जाने से बुजुर्ग दंपति की मौत हो गई। वहीं, लोवा में एक ट्रक पलट जाने से एक व्यक्ति की मौत हो गई। टेक्सास में बिजली जाने से हजारों लोग अपने घरों को छोड़कर ओहियो चले गए। अलबामा में करीब 85 हजार लोग बिना बिजली के रहने को मजबूर हैं। तूफान इतनातेज है कि इसके कारण मिसौरी, ओकाहामा और अरकंसास में कई पेड़ उखड़ गए और कई घरों को भी नुकसान पहुंचा।
नेशनल वेदर सर्विस ने 218 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से हवा चलने की चेतावनी दी
नेशनल वेदर सर्विस ने शनिवार को अरकंसास, टेनेसी, मिसिसिपी, मिसौरी, इलिनोइस और इंडियाना प्रांत में भारी बारिश के बाद बाढ़ की चेतावनी जारी की। शिकागो में भी बाढ़ की चेतावनी दी गई। वहीं, उत्तरी-पश्चिमी इलिनोइस के आसपास के इलाकों में बर्फीले तूफान की चेतावनी जारी की गई। इस इलाके में218 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से तूफान की आशंका भी जताई थी। उत्तरी इलिनोइस और शिकागो में रविवार को विंटर वेदर एडवाइजरी जारी की गई। इसमें रविवार तीन बजे तक बर्फीले तूफान की चेतावनी दी गई।
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प्रिंस हैरी और मेगन के शाही विरासत छोड़ने पर महारानी ने आपात बैठक बुलाई, मेगन फोन लाइन के जरिए जुड़ेंगी January 12, 2020 at 12:03AM
लंदन. ब्रिटेन की महारानी क्वीन एलिजाबेथ द्वितीय ने सोमवार को शाही परिवार की अपने निजी निवास सैन्ड्रिंघम एस्टेट में आपात बैठक बुलाई है। इसमें प्रिंस हैरी और उनकी पत्नी मेगन मर्केल के शाहीविरासत छोड़नेपर पहली बार बात होगी। इसके अलावा दोनों की भविष्य की जिम्मेदारियों को लेकर भी चर्चा होगी। शाही जोड़े नेबुधवार को अचानक शाही विरासत छोड़ने का फैसला लेकर सबको चौंका दिया था।
मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो महारानी एलिजाबेथ द्वितीय ने प्रिंस हैरी (ड्यूक ऑफ ससेक्स), उनके भाई विलियम (ड्यूक ऑफ कैम्ब्रिज) और उनके पिता चार्ल्स (प्रिंस ऑफ चार्ल्स) को इस बैठक के लिए बुलायाहै। वहीं, मेगन मर्केल इस वक्त कनाडा में हैं और वे फोन लाइन के जरिए इस बैठक में जुड़ेंगी। कपल के फैसले के बाद यह पहला मौका होगा, जब महारानी की मौजूदगी में शाही परिवार इस मुद्दे पर बात करेगा।
प्रिंस हैरी के फैसले से महारानी एलिजाबेथ और भाई विलियम नाराज : रिपोर्ट
रिपोर्ट्स के मुताबिक, प्रिंस हैरी-मेगन ने इस बारे में शाही परिवार के किसी सदस्य से चर्चा नहीं की थी। उनके इस फैसले पर महारानी की तरफ से नाराजगी जाहिर करने की भी खबरें हैं। वहीं,हैरी के भाई विलियम भी इस फैसले से नाराज बताए जा रहे हैं।
बैठक में दंपति के भविष्य को लेकर तैयार प्रस्तावों पर बात होगी
रिपोर्ट्स के मुताबिक, उम्मीद की जा रही है कि बातचीत के जरिए हैरी और मेगन के शाही परिवार से रिश्तों में नया मोड़ आएगा, क्योंकि महारानी जल्द से जल्द इस मामले का हल निकालना चाहती हैं। लेकिन, अभी भी बातचीत के रास्ते में बहुत रुकावटें आ सकती हैं। बैठक में प्रिंस हैरी और मेगन को लेकर महल, ब्रिटिश सरकार के प्रतिनिधियों और कनाडा सरकार द्वारा मिलकर तैयार किए गए प्रस्तावों पर भी बात हो सकती है। दोनों कैसे, भविष्य में अपने नए लक्ष्यों को पूरा करेंगे, इस पर भी विचार किया जाएगा।
इससे पहलेदंपति ने कहा था कि वे नए ससेक्स रॉयल चैरिटी के जरिए धर्मार्थ कार्यों को जारी रखेंगे। जो उन्होंने पिछले साल जून में ड्यूक और डचेस ऑफ कैम्ब्रिज फाउंडेशन से अलग होने के बाद स्थापित किया था।
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लगातार दूसरी बार साई इंग-विन जीतीं, कहा- चीन की विस्तारवादी नीतियों से लड़ने के लिए हम सबसे आगे खड़े January 11, 2020 at 10:04PM
ताईपेई. डेमोक्रेटिक प्रोग्रेसिव पार्टी की प्रत्याशी साई इंग-विन ने राष्ट्रपति चुनाव में दूसरे कार्यकाल के लिए जीत हासिल कर ली।उन्होंने शनिवार को अपने निकटतम प्रतिदंद्वी हन कू-यू को 80 लाख से अधिक वोटों से हराया। जीत के बाद साईने कहा कि हम चीन की विस्तारवाद नीतियों से लड़ने के लिए सबसे आगे खड़े हैं। इस चुनाव का परिणाम अहम है। ताइवान के लोगों ने यह दिखाया है कि जब उनकी संप्रभुता को खतरा होगा तो वे और अधिक जोर से आवाज उठाएंगे।’’
इस चुनाव मे साईकी जीत मेनलैंड चीन की सत्तारुढ कॉम्युनिस्ट पार्टी के लिए बड़ा झटका माना जा रहा है। 2016 में उनके पहले कार्यकाल से ही कॉम्युनिस्ट पार्टी उन्हें हराने की पूरी कोशिश कर रही थी। इस चुनाव में कॉम्युनिस्ट पार्टी की प्रत्याशी को केवल 38प्रतिशत वोट ही मिले जबकि सई 57 प्रतिशत वोट हासिल करने में सफल रही।
‘चीन ताइवान को डराना बंद करे,हम धमकियों से नहीं डरेंगे’
साई ने कहा कि इस जीत के बाद चीन ताइवान को डराना बंद करे। मैं उम्मीद करती हूं कि बिजिंग के अधिकारी लोकतांत्रिकताइवान को पहचानेंगे। हम लोकतांत्रितक ढंग से चुनी गई सरकार होने के नाते चीन की धमकियों से नहीं डरेंगे। उन्होंने कहा कि ताइवान चीन की विस्तारवादी नीतियों से परेशान दुनिया के अन्य मुल्कों का प्रतिनिधि है। हम अपने लोकतांत्रिक संस्थानों को बचाने के साथ ही चीन के साथ आर्थिक संबंधों को बनाए रखने की कोशिश कर रहे हैं। हम दोनों पक्षों के साथ बातचीत कर शांतिपूर्ण माहौल कायम करने के पक्ष में हैं।
कॉम्युनिस्ट बनाम डेमोक्रेटिक रहा चुनाव
यह राष्ट्रपति चुनाव कॉम्युनिस्ट बनाम डेमोक्रेटिक रहा। काम्युनिस्ट पार्टी ने ‘एक देश, दो प्रणाली’ की अपनी पुरानी नीतियों के साथ चुनाव लड़ा। सई ने अपने चुनाव प्रचार में इसका खुलकर विरोध किया। उन्होंने हॉन्गकॉन्ग में लोकतंत्र समर्थित आंदोलन के खिलाफ चीन की कार्रवाई को मुद्दा बनाया। साई ने चुनाव प्रचार के दौरान ‘आज हॉन्गकॉन्ग, कल ताइवान’ का नारा दिया था। उन्होंने मतदाताओं से ताइवान की प्रशासनिक स्वतंत्रता से किसी प्रकार का समझौता न करने की अपील की थी।
चीन ने ताइवान को अलग-थलग करने की कोशिश की
चीन लगातार ताइवान को अलग-थलग करने की कोशिश कर रहाहै। चीन ने इसके कूटनीतिक सहयोगियों को दूर कर दिया। मौजूदा समय में दुनिया के केवल 15 देश हीताईवान को मान्यता देते हैं। इसके पासपोर्ट को संयुक्त राष्ट्र मान्यता नहीं देता। चीन ने आर्थिक रूप से नुकसान पहुंचाने के लिए अपने सभी नागरिकों कोताइवान द्वीप पर जाना बैन कर दिया है। ताइवान को स्वतंत्र राष्ट्र बनाने की मांग करने वाली कई कंपनियों को चीन सरकार ने दंडित दिया है।
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