Sunday, April 26, 2020
पाकिस्तानी मौलवी ने कहा- महिलाओं की गलत करतूतों के कारण फैल रहा कोरोना, इंसानों की झूठ और बेईमानी की वजह से आई यह बीमारी April 26, 2020 at 07:36PM
पाकिस्तान के जाने माने मौलवी मौलाना तारिक जमील ने कहा है कि कोरोना के लिए महिलाएं जिम्मेदार है। उसने यह बात प्रधानमंत्री इमरान खान की मौजूदगी में एक लाइव टेलीविजन कार्यक्रम में कही। यह कार्यक्रम कोरोना पीड़ितों के लिए फंड जुटाने के लिए किया गया था। मौलाना ने कहा किकिसने हमारी देश की इज्जत के टुकरे-टुकरे किए हैं? कौन हमारे देश की बेटियों को नाचने के लिए कह रहा है? उन्हें कौन छोटे कपड़े पहनने के लिए कह रहा है? मैं इसके लिए किसे जिम्मेदार ठहराऊं? मैं अल्लाह से इसलिए माफी चाहता हूं कि मैं अपने लोगों को नहीं समझा सका कि जब मुसलमानों की बेटियां गलत रास्ते पर जाती हैं, युवा अश्लिता चुनते हैं तो अल्लाह नाराज होता है। ऐसे में इस तरह की महामारियां फैलती हैं।
वहां मौजूद प्रधानमंत्री इमरान खान नेभी उसे ऐसी टिप्पणी करने के बाद नहीं रोका।अब तक उससे ऐसे बयान के लिए कोई सवाल भी नहीं किया गया है। मौलाना ने यह भी कहा कि यह बीमारी लोगों की झूठ, धोखा और बेईमानी की वजह से फैली है। जमील ने इस दौरान मीडिया पर भी झूठ फैलाने का आरोप लगाया लेकिन बाद में इसके लिए माफी मांग ली। हालांकि उसने महिलाओं पर की गई टिप्पणी के लिए माफी नहीं मांगी।
पाकिस्तान मानवाधिकार आयोग ने फटकार लगाई
पाकिस्तान मानवाधिकार आयोग (एचआरसीपी) ने इस पर मौलाना को फटकार लगाई है। आयोग ने ट्वीट किया कि मौलाना जमील का हालिया बयान बेवजह महिलाओं की गरिमा को कोरोना से जोड़ता है। इस तरह सीधे ऐसी बातें कहना अस्वीकार्य है। सरकारी टेलीविजन पर प्रसारण हो रहे कार्यक्रम में ऐसा कहना समाज में मौजूद कुप्रथाओं को बढ़ावा देगा। मानवाधिकार आयोग के साथ ही महिलाओं के अधिकारों के लिए काम करने वाले संगठनों ने भी मौलाना के बयान की निंदा की है।
पाकिस्तान में महिलाओं के साथ बड़े पैमाने पर भेदभाव
पाकिस्तान में महिलाओं के साथ बड़े पैमाने पर भेदभाव होता है। संयुक्त राष्ट्र विकास कार्यक्रम (यूएनडीपी) के पहले जेंडर सोशल नॉर्म्स इंडेक्स के मुताबिक पाकिस्तान में 99.81% महिलाओं के साथ भेदभाव होता है। इस साल मार्च में तैयार किए गए इस अध्ययन में कहा गया है कि लैंगिक समानता के क्षेत्र में सुधार के बावजूद आज भी दुनिया में करीब 90% लोग ऐसे हैं, जो महिलाओं के प्रति भेदभाव या पूर्वाग्रह रखते हैं। 28% लोगों ने तो पत्नी की पिटाई तक को जायज बताया था, जिनमें महिलाएं भी शामिल थी। यह इंडेक्स दुनिया की 80% आबादी वाले 75 देशों में अध्ययन के आधार पर बनाया गया था।
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सऊदी के किंग सलमान का नया आदेश- देश में नाबालिगों को नहीं दी जाएगी मौत की सजा April 26, 2020 at 06:15PM
सऊदी अरब में नाबालिगों को मौत की सजा नहीं होगी। यहां के किंग सलमान ने रविवार को नाबालिगों को मौत की सजा नहीं देने का आदेश जारी किया। देश के एक शीर्ष अधिकारी ने इस बात की पुष्टि की है। किंग ने 10 साल की कैद काट चुके लोगों के मामलों की समीक्षा करने और उनकी आगे की सजा माफ करने का भी आदेश दिया है। पिछले दो दिन में ही यहां की दो कठोर सजा खत्म की गई है। शनिवार को ही यहां कोड़े मारने की सजा पर रोक लगाई गई थी। सुप्रीम कोर्ट के सजा के तरीके पर टिप्पणी करने के बाद यह फैसला किया गया था। अब यहां कोड़े मारने की सजा को जेल या जुर्माने यामें बदला गया है।
ऐसा माना जा रहा है कि किंग सलमान के बेटे और क्राउन प्रिंस मुहम्मद बिन सलमान की वजह से इस्लामिक कानून के तहत कठोर सजा के प्रावधान बदले गए हैं। इस्लामिक कानून कट्टरपंथी वहाबी मान्यताओं पर आधारित है। दुनिया के कई देशों में इसका पालन होता है।
कम से कम छह लोगों की मौत की सजा समाप्त होगी
किंग सलमान के आदेश से देश में कम से कम छह लोगों की मौत की सजा खत्म हो जाएगी। ये सभी अल्पसंख्यक शिया समुदाय के हैं और इनकी उम्र18 साल से कम है। हालांकि नाबालिगों से जुड़े आतंकी गतिविधियों वाले मामलों पर अलग से सुनवाई का आदेश जारी किया गया है। यहां पर सरकार विरोधी प्रदर्शनों में शामिल होने पर आतंकी गतिविधियों में शामिल होने का मामला दर्ज होता है। ऐसे मामलों में देश की कानून व्यवस्था बिगाड़ने और राजा के आदेश का उल्लंघन का आरोप लगाया जाता है।
क्राउन प्रिंस ने अपनाई हैं कई उदारवादी नीतियां
क्राउन प्रिंस लमान ने सऊदी अरब में कई उदारवादी नीतियां अपनाई हैं। उन्होंने 2018 में देश में महिलाओं को कार चलाने की अनुमति दी थी। इसे सऊदी का एतिहासिक क्षण बताया गया था। उनकी कई कोशिशों को सराहा गया है, लेकिन मानवाधिकारों के उल्लंघन के मामले में उन्हें आलोचना भी झेलनी पड़ी है। वॉशिंगटन पोस्ट केपत्रकार जमाल खशोगी की हत्या के बाद उन पर गंभीर आरोप लगे हैं।2019 में तुर्की के सऊदी दूतावास में खशोगी कीहत्या कर दी गई थी
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काम को लेकर सवाल करने पर ट्र्म्प भड़के, कहा- सुबह से देर रात तक काम करता हूं, कई महीनों से व्हाइट हाउस भी नहीं छोड़ा April 26, 2020 at 05:58PM
राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प काम को लेकर सवाल उठाने पर अमेरिकी मीडिया पर भड़क गए हैं। उन्होंने रविवार को ट्वीट कर रहा कि मैं सुबह से देर रात तक काम करता हूं, पिछले कई महीनों से मैंने व्हाइट हाउस नहीं छोड़ा है। जो लोग मुझे और देश के इतिहास को जानते हैं उनका कहना है कि मैं सबसे मेहनती राष्ट्रपति हूं। हालांकि, मुझे इस बारे में नहीं पता। लेकिन मैं यह जानता हूं कि मैं मेहनती हूं और इन साढ़े तीन सालों मैंने जितना काम किया है, शायद उतना किसी राष्ट्रपति ने नहीं किया होगा। फिर भी इस तरह की खबरें पढ़ता हूं।
न्यूयॉर्क टाइम्स ने बीते गुरुवार को एक खबर छापी थी, जिसमें यह बताया था कि ट्रम्प पिछले कई दिनों से ओवल ऑफिस में दोपहर तक ही पहुंचते हैं। वे सुबह और शाम का ज्यादातर वक्तव्हाइट हाउस के अपने बेडरूम में टीवी पर न्यूज देखते हुए बिताते हैं। रिपोर्ट के मुताबिक, अमेरिकी राष्ट्रपति इस दौरान फ्रेंच फ्राइज और डाइट कोक पीते हैं। इतना ही नहीं, वे कोरोनावायरस टास्क फोर्स की ब्रीफिंग से पहले होने वाली बैठकों में भी हिस्सा नहीं लेते हैं और मुख्य सहयोगियों द्वारा तैयार की गईदिन की बड़ी बातों को ब्रीफिंग से पहले ही देखते हैं। इसी रिपोर्ट को लेकर ट्रम्प गुस्से में हैं।
ट्रम्प ने कोरोना पर रोज होने वाली ब्रीफिंग बंद की
इससे पहले, ट्रम्प ने शनिवार को व्हाइट हाउस में कोरोना पर होने वाले डेली ब्रीफिंग भी बंद कर दी। उन्होंने इसे लेकर ट्वीट किया था किप्रेंस ब्रीफिंग का कोई मतलब नहीं है। पक्षपाती मीडिया शत्रुतापूर्ण सवालों के अलावा कुछ नहीं पूछता। उन्हें इससे रेटिंग मिलती हैं, लेकिन अमेरिकी नागरिकों को फेक न्यूज के अलावा कुछ नहीं मिलता। इससे एक दिन पहले, व्हाइट हाउस की ब्रीफिंग सिर्फ 20 मिनट में ही खत्म हो गई थी। इस दौरान ट्रम्प ने पत्रकारों के एक भी सवाल का जवाब नहीं दिया था।
कोरोना को लेकर दिए अजीब सुझाव पर ट्रम्प की आलोचना हुई
अमेरिकी राष्ट्रपति पिछले कुछ दिनों से लगातार मीडिया के निशाने पर हैं। उन्होंने गुरुवार को कोरोना पर हुई ब्रीफिंग के दौरान भी अजीब सुझाव दिया था। मेडिकल एक्सपर्ट ब्रायन और टास्क फोर्स के कॉर्डिनेटर डेबोराह ब्रिक्स जानकारी दे रहे थे कि किस तरह से सूर्य की रोशनी और सैनिटाइजर कोरोनोवायरस को मार सकते हैं। इस पर ट्रम्प ने कहा था कि वे किसी तरह रोगियों को इसका इंजेक्शन दे दें और मरीजों के शरीर में अल्ट्रवॉयलेट लाइट (पराबैंगनी किरणें) पहुंचा दें। इस पर ट्रम्प की आलोचना हुई थी। इसके बाद उन्होंने सफाई में कहा था कि मैंने यह सुझाव तंज कसते हुए दिया था। ट्रम्प के इस सुझाव के बाद कंपनियों ने लोगों से आग्रह किया था कि वे सैनिटाइजर का इंजेक्शन किसी कीमत पर न लगाएं।
अमेरिका में 57 हजार से ज्यादा मौतें
कोरोनावायरस से बुरी तरह प्रभावित अमेरिका में अब तक संक्रमण के 9 लाख 87 हजार से ज्यादा मामले सामने आ चुके हैं। यहां इस वायरस से 55 हजार से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है। लॉकडाउन की वजह से अमेरिका में करीब 2.6 लोग बेरोजगार हो चुके हैं।
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Saudi Arabia abolishes death penalty for juveniles April 26, 2020 at 04:41PM
North Korean leader Kim Jong Un 'alive and well': South Korea April 26, 2020 at 04:10PM
अब दक्षिण कोरिया ने कहा- किम जोंग पिछले 14 दिनों से उत्तर कोरिया के वोन्सान शहर में, वे जिंदा और स्वस्थ April 26, 2020 at 04:57PM
उत्तर कोरिया के तानाशाह किम जोंग उन (36) के स्वास्थ्य को लेकर सस्पेंस बरकरार है। इस बीच दक्षिण कोरिया के राष्ट्रपति मून जे-इन के विदेश नीतियों के सलाहकार ने उसके स्वास्थ्य को लेकर लगाई जा रही अटकलों का खंडन किया है। उन्होंने रविवार को सीएनएन चैनल से बात करते हुए कहा कि किम जोंग जिंदा और स्वस्थहै। वह 13 अप्रैल के बाद से ही उत्तर कोरिया के वोन्सानइलाके में रह रहा है।12 अप्रैल को किम की कार्डियोवेस्कुलर सर्जरी हुई थी। इसके बाद से ही उसके स्वास्थ्य को लेकर कई तरह की बातें कही जा रही हैं।
किम जोंग उन की सेहत को लेकर दो अलग-अलग दावे किए जा रहे हैं। शनिवार देर रात हॉन्गकॉन्ग के एक चैनल ने अपनी रिपोर्ट में किम की मौत की बात कही थी। वहीं, दक्षिण कोरिया की एक मीडिया रिपोर्ट में किम के स्वस्थ होने और उसके एक रिजॉर्ट में होने का दावा किया था।
किम इस सालपहली बार अपने दादा के समारोह में शामिल नहीं हुए थे
किम 15 अप्रैल को अपने दादा किम इल सुंग के एक कार्यक्रम में भी शामिल नहीं हुए थे। ऐसा पहली बार हुआ था। इसके बाद से कई कयास लगने शुरू हो गए थे। कुछ विशेषज्ञों का कहना था कि वे यह साबित करना चाहते हैं कि उनकीअहमियत विरासत से ज्यादा है। साथ ही वे पारंपरिक कार्यक्रमों में हिस्सा न लेकर खुद को मॉडर्न भी साबित करना चाहते हैं। किम दिखाना चाहते हैं कि वे अपने पूर्वजों की तरह नहीं हैं। वहीं, उनकी मौत होने और रिजॉर्ट पर घूमने की बातें भी सामने आई थी।
चीन में किम की मौत का मैसेज वायरल हुआ था
बीजिंग से संचालित हॉन्गकॉन्ग के एचकेएसटीवी चैनल की रिपोर्ट में कहा गया था किकिम जोंग की मौत हो चुकी है। वहीं, इंटरनेशन बिजनेस टाइम्स की रिपोर्ट में कहा गया कि चीनी मैसेजिंग ऐप वीबो पर किम की मौत की खबर का पोस्ट वायरल हो रहा है। एक अन्य रिपोर्ट में बीजिंग के सूत्रों ने कहा कि किम के हार्ट में स्टेंट डालने का ऑपरेशन गलत हो गया, क्योंकि एक सर्जन के हाथ कांप रहे थे।
दक्षिण कोरिया के अखबार ने दी थी किम की सर्जरी की जानकारी
उत्तर कोरिया के मामलों पर नजर रखने वाले दक्षिण कोरिया के अखबार डेली एनके के मुताबिक, 12 अप्रैल को किम की कार्डियोवेस्कुलर सर्जरी हुई थी। रिपोर्ट के मुताबिक, किम काफी सिगरेट पीते हैं। उन्हें मोटापे की समस्या है और वे ज्यादा काम करते हैं। उनका हायंगसन काउंटी स्थित विला में इलाज हुआ। डेली एनके के मुताबिक, इसके बाद उनकी स्थिति में सुधार की खबरें आईं। उनके इलाज में लगी मेडिकल टीम के ज्यादातर सदस्य 19 अप्रैल को राजधानी प्योंगयांग लौट आए। कुछ सदस्य उनकी देखभाल करने के लिए वहीं रुके रहे।
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अब तक करीब 30 लाख संक्रमित और 2 लाख मौतें: अमेरिका में 24 घंटे में 1331 लोगों ने दम तोड़ा, कुल आंकड़ा 55 हजार के पार April 26, 2020 at 04:55PM
दुनिया में कोरोनावायरस से अब तक दो लाख छह हजार 990 लोगों की मौत हो चुकी है। 29 लाख 94 हजार 731 संक्रमित हैं, जजबकि आठ लाख 78 हजार 792 ठीक हो चुके हैं। अमेरिका में 24 घंटे में 1331 लोगों ने दम तोड़ा है। पिछले दिन के मुकाबले रविवार को कम मौतें हुईं। एक दिन पहले यहां 2494 जान गई थी। यहां अब तक 55 हजार 413 लोगों की मौत हो चुकीहै, जबकि नौ लाख 87 हजार 160 संक्रमित हैं।
कोरोनावायरस : सबसे ज्यादा प्रभावित 10 देश
देश | कितने संक्रमित | कितनी मौतें | कितने ठीक हुए |
अमेरिका | 9 लाख87 हजार 160 | 55 हजार 413 | 1 लाख 18 हजार 781 |
स्पेन | 2 लाख 26 हजार 629 | 23 हजार 190 | 1 लाख 17 हजार 727 |
इटली | 1 लाख 97 हजार 675 | 26 हजार 644 | 64 हजार 928 |
फ्रांस | 1 लाख 62 हजार 100 | 22 हजार 856 | 44 हजार 903 |
जर्मनी | 1 लाख 57 हजार 770 | 5 हजार 976 | 1 लाख 12 हजार |
ब्रिटेन | 1 लाख 52 हजार 840 | 20 हजार 732 | उपलब्ध नहीं |
तुर्की | 1 लाख 10 हजार 130 | 2 हजार 805 | 29 हजार 140 |
ईरान | 90 हजार 481 | 5 हजार 710 | 69 हजार 657 |
चीन |
82 हजार 830 |
4 हजार 632 | 77 हजार 394 |
रूस | 80 हजार 949 | 747 | 6 हजार 767 |
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अमेरिका: कई राज्यों से पाबंदियां खत्म होंगी
अमेरिका में कई राज्यों जैसे मिनिसोटा, कोलोराडो, मिसिसिपी, मोंटाना और टेनेसी से पाबंदियां खत्म होगी। एक रिपोर्ट के मुताबिक, रविवार को न्यूयॉर्क पुलिस के दो अफसरों की मौत हो गई। अब तक न्यूयॉर्क के कुल 37 पुलिसकर्मी मारे जा चुके हैं। न्यूयॉर्क में रविवार को अप्रैल में पहली बार 400 से कम मौतें हुईं। राज्य में अब तक 22 हजार 275 लोगों की जान जा चुकी है, जबकि दो लाख 93 हजार 991 संक्रमित हैं।
ब्रिटेन:7 मई से पहले लॉकडाउन में ढील
ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन सात मई से पहले लॉकडाउन में ढील दे सकते हैं। जॉनसन के एक सहयोगी ने रविवार को एक दैनिक अखबार ‘द टेलीग्राफ’ को बताया कि देश में लॉकडाउन सात मई तकलगा है, लेकिन अगर प्रधानमंत्री चाहे तो इस प्रतिबंध में पहले भी बदलाव या फिर कोई घोषणा कर सकते हैं। अखबार के मुताबिक, अगर कोरोना की रोकथाम में लगे विशेषज्ञों ने सहमति दे दी तो जॉनसन लॉकडाउन में ढील दे सकते हैं। वे कोरोना से उबरने के बाद सोमवार से अपने काम पर वापस लौट आए हैं। देश में अब तक 20 हजार से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि एक लाख 52 हजार 840 संक्रमित हैं।
इटली: प्रतिबंध खत्म किया जा सकता है
इटली के प्रधानमंत्री गिउसेप कोंटे ने रविवार को कहा कि इटली में 4 मई से लॉकडाउन प्रतिबंधों में धीरे-धीरे छूट दी जाएगी। साथ ही उन्होंने लोगों से सोशल डिस्टेंसिंग बनाए रखने की भी अपील की। कोंटे ने कहा- यात्रा प्रतिबंधों में राहत दी जाएगी, पार्कों और बगीचों में जाने की अनुमति होगी और अंतिम संस्कार में 15 लोग शामिल हो सकेंगे। यहां 24 घंटे में 260 लोगों की जान गई है। यह आंकड़ा 14 मार्च के बाद सबसे कम है। देश में अब तक एक लाख 97 हजार 675 लोग संक्रमित हैं।
स्पेन: 24 घंटे में 288 की मौत
स्पेन में 24 घंटे में 288 लोगों की मौत हुई है। एक दिन पहले यहां 378 ने दम तोड़ा था। देश में मौतों की संख्या अब कम हो रही है। यहां अब तक 23 हजार 190 लोगों की जान जा चुकी है, वहीं दो लाख 26 हजार संक्रमित हैं।
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लैब में बने संक्रामक बीमारी के ‘हथियार’ से निपटने के लिए यूएन जैसा नया संगठन बनाएं देश: बिल गेट्स April 26, 2020 at 01:54PM
माइक्रोसॉफ्ट के सह संस्थापक बिल गेट्स का कहना है कि दूसरे विश्व युद्ध के बाद संयुक्त राष्ट्र जैसे संगठन बनाए गए। कोविड-19 के बाद नेताओं को अगली महामारी रोकने के लिए नए संस्थान बनाने चाहिए। ये हमें इसके लिए भी तैयार करेंगे कि अगर कोई लैब में संक्रामक बीमारी को तैयार कर हथियार की तरह उसका इस्तेमाल करता है, तो उससे कैसे निपटना है। ‘द इकाेनाॅमिस्ट’ से अनुबंध के तहत पेश है उनके विचार...
कोरोना वैक्सीन लगाए बिना जिंदगी सामान्य ढर्रे पर नहीं लौटेगी
गेट्सने कहा, जब इतिहासकार कोविड-19 महामारी पर किताब लिखेंगे तो जो हम अब तक जीते रहे हैं, वह एक तिहाई के आसपास ही होगा। कहानी का बड़ा हिस्सा उस पर होगा, जो आगे होना है। यूरोप के अधिकांश हिस्से, पूर्वी एशिया और उत्तरी अमेरिका में इस महामारी का चरम संभवत: इस महीने के आखिर तक बीत जाएगा। कई लोगों को उम्मीद है कि कुछ हफ्तोंमें चीजें वैसी ही हो जाएंगी, जैसी दिसंबर में थीं। दुर्भाग्य से, ऐसा नहीं होगा। मुझे भरोसा है कि मानवता इस महामारी को हरा देगी, लेकिन यह तभी होगा, जब अधिकतर जनसंख्या को वैक्सीन लगा दी जाएगी। तब तक जिंदगी सामान्य ढर्रे पर नहीं लौट सकेगी।
खेल लगभग खाली स्टेडियम में ही होंगे
गेट्सके मुताबिक, भले ही सरकार घर पर ही रहने के आदेश को वापस ले ले और व्यापार अपने दरवाजे खोल दे, लेकिन लोग सामान्य तौर पर खुद को बीमारी की चपेट में आने से बचाने की कोशिश करेंगे ही। हवाईअड्डों पर भारी भीड़ नहीं होगी। खेल लगभग खाली स्टेडियमों में ही होंगे। दुनिया की अर्थव्यवस्था दबी ही रहेगी, क्याेंकि मांग कम रहेगी और लोग अधिक कंजूसी से खर्च करेंगे। जैसे ही विकसित देशों में महामारी धीमी हाेगी, वे विकासशील देशों की तरह गति बढ़ाएंगे। हालांकि, उनका अनुभव सबसे खराब होगा। गरीब देशों में जहां बहुत ही कम काम दूर बैठकर हो सकते हैं, वहां सामाजिक दूरी के उपाय भी काम नहीं कर पाएंगे।
सुरक्षित तभी होंगे जब प्रभावी समाधान होगा
गेट्समानते हैं कि वायरस का संक्रमण तेजी से बढ़ेगा और स्वास्थ्य तंत्र संक्रमितों की देखभाल नहीं कर सकेगा। न्यूयॉर्क जैसे कोविड-19 से सर्वाधिक प्रभावित शहरों का डेटा दिखाता है कि मैनहट्टन के एक अकेले अस्पताल में ही अधिकतर अफ्रीकी देशों की तुलना में ज्यादा इंटेंसिव केयर बेड उपलब्ध हैं।दसियों लाख लोग मर सकते हैं। अमीर देश इसमें मदद कर सकते हैं। उन्हें सुनिश्चित करना होगा कि अतिआवश्यक सप्लाई सिर्फ बड़ी बोली लगाने वाले को ही न दी जाए।लेकिन, अमीर व गरीब देशों के लोग समान रूप से तभी सुरक्षित होंगे, जब हमारे पास इस बीमारी का प्रभावी मेडिकल समाधान यानी वैक्सीन उपलब्ध होगी।
दुनियाभर में उपलब्ध संस्थानों में वैक्सीन बन रही होंगी
उन्होंने कहा,अगले एक साल तक मेडिकल शोधकर्ता दुनिया के सबसे महत्वपूर्ण लोगों मेें शामिल होंगे। मुझे उम्मीद है कि 2021 के मध्य के बाद दुनियाभर में उपलब्ध संस्थानों में वैक्सीन बन रही होंगी। अगर ऐसा होता है तो यह एक ऐतिहासिक उपलब्धि होगी- जब मानव पहली बार इतनी तेजी से एक नई बीमारी को पहचानने और फिर उसके खिलाफ प्रतिरक्षण का काम करेगा। वैक्सीन पर प्रगति के अलावा इस महामारी से दो अन्य बड़ी मेडिकल उपलब्धियां भी हासिल होंगी। एक जांच के क्षेत्र में होगी। अगली बार जब कोई नया वायरस उभरेगा तो लोग संभवत: उसकी घर पर वैसे ही जांच कर सकेंगे, जैसे वे प्रेगनेंसी की जांच करते हैं। बस उन्हें अपनी नाक के भीतर से स्वैब लेना होगा।
रिसर्चर अब एंटीवायरल की बड़ी लाइब्रेरियां विकसित करेंगे
गेट्स का मानना है कि रिसर्चर अब एंटीवायरल की बड़ी और विविधता वाली लाइब्रेरियां विकसित करेंगे, ताकि किसी भी नए वायरस के आने पर वे इन्हें तेजी से स्कैन करने और प्रभावी इलाज तलाशने में सक्षम हों। वैज्ञानिकों का लंबे समय से मानना है कि एमआरएनए वैक्सीन हमें कैंसर की एक संभावित वैक्सीन की ओर ले जा सकती है। लेकिन, कोविड-19 तक इस पर व्यापक अनुसंधान नहीं हुआ है कि वे किस तरह से इसे लोगों को वहन करने योग्य कीमत पर उपलब्ध करा सकते हैं। दूसरे विश्व युद्ध के बाद दुनिया के नेताओं ने भविष्य में संघर्षों को रोकने के लिए संयुक्त राष्ट्र जैसे संगठन बनाए।
नेताओं को अगली महामारी रोकने के लिए संस्थान बनाने चाहिए
गेट्स ने कहा,कोविड-19 के बाद नेताओं को अगली महामारी रोकने के लिए संस्थान बनाने चाहिए। यह राष्ट्रीय, क्षेत्रीय और वैश्विक संगठनों का मिश्रण होना चाहिए। आज के युद्ध अभ्यासों की तरह ये संगठन नियमित तौर पर ‘जीवाणु अभ्यास’ भी करेंगे। इससे जब कभी किसी चमगादड़ या पक्षी से मनुष्यों पर कोई नया वायरस कूदेगा तो हम तैयार रहेंगे। ये संगठन हमें इस बात के लिए भी तैयार करेंगे कि अगर कोई अपनी लैब में किसी संक्रामक बीमारी को तैयार करके हथियार की तरह उसका इस्तेमाल करता है, तो उससे कैसे निपटना है। महामारी के लिए अभ्यास करने से दुनिया खुद की जैव आतंकवाद जैसी किसी कार्रवाई से भी रक्षा करने में सक्षम होगी।
महामारी ने हमें दिखाया है कि वायरस सीमा कानूनों का पालन नहीं करते
मैं उम्मीद करता हूं कि अमीर देश गरीब देशों को इन तैयारियों में शामिल करेंगे, खासकर मूलभूत हेल्थकेयर सिस्टम स्थापित करने के लिए मदद देकर। यहां तक कि बहुत ही खुदगर्ज व्यक्ति या अलग-थलग सरकारों को भी इस पर सहमत होना चाहिए। इस महामारी ने हमें दिखा दिया है कि वायरस सीमा कानूनों का पालन नहीं करते हैं और हम सब माइक्रोस्कोपिक जीवाणुओं के एक नेटवर्क से आपस में जुड़े हुए हैं। इतिहास हमेशा एक तय ढर्रे पर नहीं चलता। लोग तय करते हैं कि कौन सी दिशा लेनी है और वे गलत मोड़ भी ले सकते हैं। 2021 के बाद के साल बहुत कुछ 1945 के बाद के सालों जैसे ही होंगे। लेकिन आज की सबसे ज्यादा समानता 10 नवंबर 1942 से हो सकती है। ब्रिटेन ने युद्ध में पहली जमीनी लड़ाई जीती थी और विंस्टन चर्चिल के एक भाषण में घोषणा की- ‘यह अंत नहीं है। यह अंत की शुरुआत भी नहीं है। लेकिन यह संभवत: शुरुआत का अंत है।
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वर्क फ्राॅम हाेम के दाैरान कैसे बनाएं स्क्रीन-लाइफ बैलेंस, व्यस्त हाेना ही प्राॅडक्टिव हाेना नहीं; गैजेट के लिए ‘बेड टाइम’ तय करें April 26, 2020 at 01:54PM
कैथरिन प्राइस.बहुत से लाेगाें की तरह आप भी ‘वर्क फ्राॅम हाेम’ कर रहे हैं ताे आप अपना बहुत सा समय स्क्रीन के सामने बिता रहे हाेंगे। लाॅकडाउन और साेशल डिस्टेंसिंग के समय में स्क्रीन बाहरी दुनिया से जुड़ने के लिए हमारी ‘आंखें’ हाे गई हैं। ऐसे में सवाल उठता है कि स्क्रीन के सामने कितना समय बिताना चाहिए? और क्या इस वक्त में स्क्रीन-लाइफ बैलेंस संभव है। संक्षेप में, यह इस वक्त भी संभव है। जानिए किस तरह यह बैलेंस रखा जा सकता है:
- तय करें कि क्या, कितना जरूरी है: आप घर पर कंप्यूटर के सामने पूरा दिन बिता देते हैं, ताे यह आकलन करने की जरूरत है कि उस काम काे कितने समय में निपटाया जा सकता था। व्यस्त हाेना ही प्राॅडक्टिव हाेना नहीं है। जाे जरूरी है, वही करें। फिर अन्य काम करें।
- ऑन स्क्रीन मूड कैसा है: स्क्रीन पर समय बिताते समय अपने मूड काे भांपें। यदि आप प्राॉडक्टिव, खुश और शांतचित्त महसूस करते हैं ताे जारी रखें। यदि यह गैरजरूरी और बुरा महसूस कराए ताे समय कम कर दें।
- ऑफ-स्क्रीन गतिविधियाें की सूची बनाएं: ऐसी चीजाें की सूची बनाएं, जिनके लिए डिवाइस की जरूरत नहीं पड़ती, जिनमें आपकाे मजा आता है। ताकि फ्री टाइममिलते ही आपके पास काम हाे। जैसे घूमना, मेडिटेशन, स्नान, कुकिंग या किताब पढ़ना, संगीत सुनना।
- दिन के शुरू और रात से पहले दूर रहें: यह अपवाद है, पर आप स्क्रीन पर किए गए काम से भावनात्मक या बाैद्धिक रूप से उत्तेजक हाे सकते हैं। उठते ही स्क्रीन से जुड़ने से दिनभर विचलित रह सकते हैं। रात में ऑन स्क्रीन रहने पर आंखाें पर असर पड़ सकता है।
- सीमाएं तय करें:स्क्रीन से शारीरिक दूरी बनाना जरूरी है। फाेन काे दूर रखकर चार्ज करें। फाेन के लिए भी ‘बेड टाइम’ तय करें। नाेटिफिकेशन काे कम से कम करें। समस्या पैदा करने वाले एप डिलीट कर दें। अलग-अलग डिवाइस के लिए अलग-अलग काम तय करें। जैसे ईमेल डेस्कटाॅप कंप्यूटर पर ही चेक करेंगे। साेशल मीडिया के लिए फाेन या आईपैड का ही इस्तेमाल करेंगे।
- नियमित ब्रेक लें: स्क्रीन से हटकर समय बिताएं। बिना फाेन घूमने जा सकते हैं। राेज डिजिटल विश्राम ले सकते हैं। हफ्ते में एक दिन या एक रात भी स्क्रीन से दूर रह सकते हैं।
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चीन के जिस शहर वुहान से संक्रमण शुरू हुआ, वहां अस्पतालों में संक्रमित मरीजों की संख्या जीरो हुई April 26, 2020 at 04:25AM
चीन के जिस शहर वुहान से कोरोनावायरस संक्रमण की शुरूआत हुई थी। अब वहां के अस्पतालों में वायरस से संक्रमित मरीजों की संख्या जीरो हो गई है। चीन के स्वास्थ्य अधिकारी ने रविवार को यह जानकारी दी। उन्होंनेबताया कि हुबेई प्रांत की राजधानी वुहान में अस्पताल में अब कोई भी कोरोना का मरीज भर्ती नहीं है। वुहान में लॉकडाउन बीते आठ अप्रैल को हटाया गया था। यह शहर76 दिनों तक लॉकडाउन रहा था।
चीन के नेशनल हेल्थ कमीशन के प्रवक्ता मि फेंग ने बीजिंग में प्रेस कॉन्फ्रेंस मेंबताया कि मेडिकल वर्कर्स के कठिन प्रयासों और लोगों की मेहनत से यह लक्ष्य हासिल हो पाया है। समाचार एजेंसी शिन्हुआ की रिपोर्ट के अनुसार, वुहान में भर्ती कोरोनावायरस का आखिरी मरीज शुक्रवार को ठीक हो गया।
हुबेई प्रांत में 50 से भी कम संक्रमित
अधिकारियों ने बताया कि हुबेई प्रांत में अब 50 से भी कम संक्रमित रह गए हैं। यहां पिछले 20 दिनों में संक्रमण का कोई नया मामला नहीं सामने आया है।चीन में पिछले 24 घंटे में 11 नए मामले सामने आए हैं। इसमें से पांच मामले बाहर से आए थे, जबकि बाकी 6 लोकल ट्रांसमिशन के थे। पांच लोगों को हेइलोंगजियांग प्रांत में भर्ती कराया गया है। चीन का यह प्रांत रूस से सटा हुआ है। यहां की राजधानी हार्बिन और एक शहर सुइफेने में संक्रमण के नए मामले तेजी से बढ़े हैं। इसके चलते रूस से सीमा को भी बंद कर दिया गया है।
लगातार 11 दिन से कोई भी मौत नहीं हुई
चीन में पिछले 11 दिनों से एक भी मौत नहीं दर्ज की गई है। चीन में अभी तक संक्रमण के कुल 82 हजार 827 मामले सामने आए हैं। इसके साथ ही 4 हजार 632 लोगों की मौत भी हो चुकी है।
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हेलमेट से पता लगा रहे कोरोना के संदिग्ध, एक मिनट में 200 का टेम्प्रेचर स्कैन, फीवर अलर्ट भी April 26, 2020 at 02:10AM
कोरोना संक्रमण को रोकने के लिए दुबई पुलिस नई तकनीक का इस्तेमाल कर रही है। वहां लोगों का तापमान मापने के लिए टेम्प्रेचर गन की जगह हेलमेट का इस्तेमाल किया जा रहा है। पुलिसकर्मी हेलमेट पहने सड़कों और दूसरे पब्लिक प्लेस पर तैनात रहते हैं।
यह हेलमेट एक मिनट में 200 लोगों के तापमान को माप सकता है। जैसे ही किसी व्यक्ति का तापमान जरूरत से ज्यादा डिटेक्ट होता है। हेलमेट फीवर अलर्ट जारी करता है। इसके बाद इलाके में उक्त व्यक्ति की पहचान करना आसान हो जाता है।
गुरुवार सेमाॅल, कैफे और रेस्त्रां खुलेंगे
इस सुविधा के चलते संयुक्त अरब अमीरात ने गुरुवार से मल्टीस्टोरी शॉपिंग माॅल, कैफे और रेस्त्रां आदि खोलने का फैसला किया है। रमजान के पवित्र महीने की वजह से लॉकडाउन में यह ढील दी जा रही है। हालांकि, मक्का में कर्फ्यू लगा रहेगा। देश में पिछले एक महीने से लॉकडाउन लागू था। कोरोनावायरस से यूएई में अब तक 136 लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि 16 हजार 299 लोग संक्रमित हैं।
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गठबंधन सरकार के खिलाफ सड़कों पर उतरे हजारों लोग, नेतन्याहू से पद छोड़ने की मांग की April 26, 2020 at 01:18AM
इजराइल में बेंजामिन नेतन्याहू और उनके विपक्षी बेनी गांत्ज में गठबंधन सरकार बनाने को लेकर पिछले हफ्ते हुए समझौते के खिलाफ हजारों लोग सड़कों पर उतर आए हैं। लोगों का कहना है कि इस समझौते से भ्रष्टाचार के आरोपों का सामना कर रहे प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू सत्ता में बने रहेंगे। उनके खिलाफ कार्रवाई नहीं हो पाएगी।
प्रदर्शनकारियों ने कहा कि गठबंधन सरकार को लेकर बनी सहमति लोकतंत्र को कुचलने वाली है। गठबंधन सरकार में नेतन्याहू सत्ता में बने रहेंगे और न्यायाधीशों की नियुक्ति में दखल दे सकेंगे। इसके चलते न्यायाधीश एवं अधिकारी नेतन्याहू को भ्रष्टाचार के आरोपों से बाहर निकलने में मदद कर सकते हैं। नेतन्याहू पर धोखाधड़ी, विश्वासघात और रिश्वत लेने के आरोप हैं। हालांकि, उन्होंने आरोपों से इनकार किया है।
प्रदर्शन में सोशल डिस्टेंसिंग का ध्यान रखा
प्रदर्शनकारी तेव अलीव के राबिन चौक पर इकट्ठा हुए। इस प्रदर्शन को ‘ब्लैक फ्लैग प्रोटेस्ट’ नाम दिया गया है।प्रदर्शनकारियों ने कोरोनावायरस को फैलने से रोकने के लिए लागू सोशल डिस्टेंसिंग के नियमों का पालन किया। वे एक-दूसरे से दूरी बनाकर खड़े थे और मास्क भी लगाया हुआ था। उन्होंने नेतन्याहू से पद छोड़ने की मांग की।
इजराइल में एक साल में तीन बार चुनाव हो चुके हैं।
इजराइल में एक साल के भीतर तीन बार आम चुनाव हो चुके हैं। इन चुनावों में न तो नेतन्याहू की लिकुड पार्टी के गठबंधन और न ही बेनी गांत्ज की ब्लू एंड व्हाइट पार्टी के गठबंधन को बहुमत मिला है। अब बेंजामिन नेतन्याहू और उनके विपक्षी बेनी गांत्ज में मिलीजुली सरकार बनाने को लेकर सहमति बन गई है। इसके साथ ही यहां चौथे चुनाव का संकट टल गया है।
नेतन्याहू बहुमत पाने से तीन सीट से चूक गए थे
2 मार्च को हुए तीसरी बार चुनाव में लिकुड पार्टी को 36 सीटें और उसकी (लिकुड पार्टी) अगुआई वाले राइट विंग संगठन को 58 सीटें मिली थीं। मुख्य विपक्षी बेनी गांत्ज की ब्लू एंड व्हाइट पार्टी को 33 सीटें और उसकी (ब्लू एंड व्हाइट) अगुआई वाले वामपंथी गुट को 55 सीटें मिली थीं। 120 सीट वाली इजराइल की संसद में बहुमत के लिए 61 सीटों की जरूरत होती है। चुनाव में इन मुख्य पार्टियों के अलावा अन्य छोटी पार्टियों ने 15 सीटें हासिल की थीं। इस चुनाव में नेतन्याहू बहुमत पाने से तीन सीट चूक से गए थे।
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85 दिन में वायरस से दुनियाभर में 50 हजार लोग मारे गए, महज 23 दिन में संक्रमण ने डेढ़ लाख लोगों की जान ली April 26, 2020 at 12:40AM
दुनियाभर में कोरोनावायरस से मरने वालों काआंकड़ा 2 लाख केपार हो गया है। आंकड़ों से लिहाज से देखें तो दुनियाभर में पहले 50 हजार लोगों की मौत 85 दिन (करीब तीन महीने) में हुई थी। इसके बाद महज 23 दिन में डेढ़ लाख लोगों की मौत हो गई। इससे पता चलता है कि इस वायरस की रफ्तार कितनी खतरनाक है। 11 मार्च को विश्व स्वास्थ्य संगठन(डब्ल्यूएचओ) ने इस बीमारी को महामारी घोषित किया था। रविवार यानी 26 अप्रैल तक कुल 2 लाख 03 हजार 317 लोगों की मौत हो चुकी है और 29 लाख 23 हजार 656 लोग संक्रमित हो चुके हैं।
पहली मौत 9 जनवरी को, 2 अप्रैल तक 50 हजार मौतें
चीन ने 31 दिसंबर को डब्ल्यूएचओ को इस रहस्यमय बीमारी को लेकर पहली बार अलर्ट किया था। उस वक्त चीन में कोरोनावायरस संक्रमण के मात्र 34 मामले थे।9 जनवरी को इस वायरस से पहली मौत चीन के हुबेई प्रांत की राजधानी वुहान में हुई थी।2 अप्रैल तक दुनियाभर में मौतों का आंकड़ा 50 हजार तक पहुंच गया। इस दौरान इटली में सबसे ज्यादा 13 हजार 915 मौतें हुईं। वहीं, स्पेन में 10 हजार 348, अमेरिका में 7 हजार 576 और चीन में 3322 लोगों की जान गई।
दूसरी 50 हजार मौतें सिर्फ 8 दिन में
पहली 50 हजार मौतों का आंकड़ा छूने में तीन महीने लगे वहीं, अगली 50 हजार मौतें सिर्फ 8 दिन(2 से10 अप्रैल तक) में हो गईं। इस दौरान सबसे ज्यादा 14 हजार 462 मौतें सिर्फ अमेरिका में हुईं। इसके बाद स्पेन में 5 हजार 733 और इटली में 4 हजार 934 लोगों की जान गई ।
तीसरी 50 हजार मौतें मात्र 7 और चौथी 50 हजार मौतें आठ दिन में
कोरोनावायरस से तीसरी 50 हजार मौतें मात्र 7 दिन(10 से 17 अप्रैल तक) में हुई। 10 अप्रैल को मौतों का आंकड़ा 1 लाख 05 हजार 979 था। 17 अप्रैल को यह आंकड़ा 1 लाख 53 हजार 915 पर पहुंचगया। इसके 8 दिन बाद यानी 25 अप्रैल को यह आंकड़ा बढ़कर 2 लाख 03 हजार 164 हो गया। इस दौरान भी अमेरिका में सबसे ज्यादा 32 हजार 218 मौतें हुईं।
केवल अमेरका में ही 54 हजार से ज्यादा लोगों की मौत
कोरोनावायरस से सबसे ज्यादा प्रभावित अमेरिका है। यहां पर अब तक9 लाख 60 हजार 896 लोग संक्रमित हो चुके हैं। इसके साथ ही 54 हजार 265 लोगों की मौत हो चुकी है। अमेरिका में पहली मौत 29 फरवरी को हुई थी। तब तक चीन में 2 हजार 870 लोगों की मौत हो चुकी थी।
अमेरिका में 41 दिन में 10 हजार मौतें
अमेरिका में पहली 10 हजार मौतें 41 दिनों में हुईं। दूसरी दस हजार मौतें मात्र 6 दिनों में हो गईं। फिर मात्र चार दिनों में 10 हजार मौतें और हुईं। 23 अप्रैल को यह आंकड़ा 50 हजार पार कर गया।अमेरिका के साथ ही यूरोपीय देश इटली, स्पेन, फ्रांस और ब्रिटेन में कोरोना कहर बरपा रहा है। इटली में 26 हजार 384, स्पेन में 22 हजार 902, फ्रांस में 22 हजार 614 और ब्रिटेन में 20 हजार 319 लोगों की मौतें हो चुकी हैं।
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मीडिया के सवालों से जूझ रहे ट्रम्प ने व्हाइट हाउस में डेली ब्रीफिंग बंद की, सैनिटाइजर का इंजेक्शन लगाने वाले सुझाव की हो रही थी आलोचना April 26, 2020 at 12:37AM
डोनाल्ड ट्रम्प ने अपनी नियमित कोरोनावायरस टास्क फोर्स की ब्रीफिंग कैंसल कर दी है। ट्रम्प ने कहा कि रोज प्रेस कांफ्रेंस का कोई मतलब नहीं है, क्योंकि मीडिया की ओर से दुश्मन की तरह सवाल पूछे जाते हैं और मीडिया को फेक न्यूज फैलाकर रेटिंग मिलती है।ट्रम्प ने ट्वीट किया कि रोज होने वाली प्रेस कांफ्रेंस का क्या मतलब है जब मीडिया द्वेष से भरे हुए सवालों के अलावा कुछ नहीं पूछती है। इसके बाद सही खबरें भी नहीं दिखाई जाती हीें। उन्हें फेक न्यूज चलाकर रिकॉर्ड रेटिंग मिलती है और अमेरिकन लोगों को कुछ नहीं मिलता। इतनी कोशिशों और समय का कुछ सदुपयोग नहीं होता है।
अजीब सुझावों पर हुई थी आलोचना
गुरुवार को हुई ब्रीफिंग के दौरान ट्रम्प ने अजीब सुझाव दिए थे। दरअसल, बीफ्रिंग के दौरान मेडिकल एक्सपर्ट ब्रायन और टास्क फोर्स के कॉर्डिनेटर डेबोरा बिरक्स जानकारी दे रहे थे कि किस तरह से सूर्य की रोशनी और कुछ क्लींजर, सैनिटाइजर कोरोनोवायरस को मार सकते हैं। इस पर ट्रम्प ने कहा था कि वे किसी तरह रोगियों को इसका इंजेक्शन दे दें और मरीजों के शरीर में अल्ट्रवॉयलेट लाइट(पराबैंगनी किरणें) पहुंचा दें। इस पर ट्रम्प की बहुत आलोचना हुई थी।
आलोचना होने पर बोले- मैं तंज मारा था
काफी आलोचना होने पर ट्रम्प ने सफाई देते हुए कहा था कि उन्होंने यह सुझाव तंज कसते हुए दिया था। ट्रम्प के इस सुझाव के बाद सैनिटाइजर बनाने वाली कंपनियों ने लोगों से आग्रह किया था कि वे सैनिटाइजर का इंजेक्शन किसी कीमत पर न लगाएं। ट्रम्प ने एक दूसरे ट्वीट में कहा, याद रखें, इलाज इस समस्या से बदतर नहीं हो सकता है। सावधान रहें, सुरक्षित रहें और कॉमन सेंस का इस्तेमाल करें। ट्रम्प ने अमेरिका के पब्लिक हेल्थ इंस्टीट्यूट (सीडीसी) के एक ट्वीट को भी रिट्वीट किया। इसमें कहा गया है कि, घरेलू क्लीनर और डिसइंफेक्टैंट का इस्तेमाल सावधानी से न करने पर वे स्वास्थ्य समस्याएं पैदा कर सकते हैं। प्रोडक्ट के लेबल पर छपे निर्देशों का पूरा पालन करें।
मीडिया रिपोर्टरों से आए दिन भिड़ते रहे हैं ट्रम्प
व्हाइट हाउस में डेली ब्रीफिंग के दौरान ट्रम्प की आए दिन मीडिया रिपोर्टरों से भिड़ंत होती रही है। उन्होंने प्रमुख मीडिया संस्थानों पर ईमानदारी से काम नहीं करने का भी आरोप लगाया था। पिछले हफ्ते ही उन्होंने कहा था कि मीडिया संस्थानों को अपनी खबर का स्रोत बताना चाहिए। उन्होंन न्यूयॉर्क टाइम्स के व्हाइट हाउस संवाददाता मैगी हैबरमैन और सीएनएन के राजनीतिक विश्लेषक पर हमला बोला था। उन्होंने दोनों पर बिना स्रोतों का हवाला दिए खबर लिखने और दिखाने का आरोप लगाया था। ट्रंप ने कहा कि सूत्रों के हवाले से सबसे ज्यादा खबरें वाशिंगटन पोस्ट, न्यूयॉर्क टाइम्स और सीएनएन में की जाती हैं। ट्रंप कहा था कि कोई स्रोत है तो उसका नाम दिया जाना चाहिए।
अमेरिका में अब तक 9 लाख 60 हजार से ज्यादा पॉजिटिव केस
महामारी से बुरी तरह प्रभावित अमेरिका में अभी तक संक्रमण के 9 लाख 60 हजार 896 मामले सामने आ चुके हैं। इसके साथ ही 54 हजार 265 लोगों की मौत हो चुकी है। अमेरिका में अब तक एक लाख 18 हजार 162 संक्रमित लोग ठीक भी हो चुके हैं। लॉकडाउन की वजह से अमेरिका में करीब 2.6 लोग बेरोजगार हो चुके हैं।
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यमन के दक्षिण प्रांतो में अलगाववादी समूह ने खुद की सरकार बनाने की घोषणा की, ईरान और सऊदी के बाद यूएई भी मैदान में April 25, 2020 at 11:16PM
मिडिल ईस्ट के देश यमन के दक्षिण में अलगाववादी समूहों ने कई प्रांतों में खुद की सरकार बनाने की घोषणा की है। उन्होंने सरकार के साथ हुए शांति समझौते को तोड़ दिया है। बड़ी बात यह है कि अलगाववादियों ने यमन की आर्थिक राजधानी अदन में भी कब्जा कर लिया है। इससे यहां एक और गृह युद्ध का खतरा पैदा हो गया है।
अलगाववादी समूह ‘सदर्न ट्रांजिशनल काउंसिल’ने एक बयान में कहा कि अब वे दक्षिणी प्रांतों और बंदरगाह शहर पर खुद ही शासन करेंगे। इन अलगाववादियों को संयुक्त अरब अमीरात का समर्थन (यूएई) मिला हुआ है, जबकि सरकार को सऊदी अरब का समर्थन है। अलगाववादियों ने सरकार पर भ्रष्टाचार और कुप्रबंधन के आरोप लगाए हैं।
अलगाववादियों के कदम को सरकार ने खारिज किया
यमन सरकार ने अलगाववादियों के इस कदम को खारिज कर दिया। विदेश मंत्री मोहम्मद अब्दुल्ला अल-हदरामी ने सऊदी अरब से अपना रुख स्पष्ट करने और ‘सदर्न ट्रांजिशनल काउंसिल’ के विद्रोह के खिलाफ कदम उठाने को कहा है।
ईरान समर्थित हूती विद्रोहियों से मिलकर लड़े थे
यमन में करीब चार साल से गृहयुद्ध चल रहा है। एक ओर सऊदी अरब समर्थित सरकार है और दूसरी ओर ईरान समर्थित हूती विद्रोही। इन हूती विद्रोहियों से लड़ने के लिए अलगाववादियों ने सरकार के साथ मिलकर लड़ाई लगी है। अब अलगाववादियों का यह कदम देश को एक और गृहयुद्ध की ओर ले जा रहा है।
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