Monday, May 25, 2020
एलन मस्क और उनकी सिंगर गर्लफ्रेंड ने अपने बेटे के नाम के न्यूमेरिक भाग में बदलाव किया May 25, 2020 at 07:14PM
टेस्ला के सीईओ एलन मस्क और उनकी सिंगर गर्लफ्रेंड ग्राइम्स ने अब अपने पहले बच्चे का नाम X AE A-12 से बदलकर X AE A-Xii कर दिया है। नाम के केवल न्यूमेरिक भाग में बदलाव किया गया है। इसमें 12 को हटाकर रोमन का अंक Xii कर दिया गया है।
इस महीने की शुरुआत में सेलिब्रिटी कपल ने अपने बेटे का नाम X AE A-12 रखा था, जो काफी चर्चा में रही थी। लोगों ने सोशल मीडिया पर उनके बेटे के नाम के कई मीम्स शेयर किए थे।
नाम में बदलाव की खबर तब मिली जब कनाडाई सिंगर से इंस्टाग्राम पर उनके एक फॉलोअर ने पूछा कि क्या वे अपने बच्चे का नाम बदलने का विचार कर रही हैं। इस पर सिंगर ने जवाब दिया- X AE A-Xii।
ग्राइम्स ने बेटे के नाम का मतलब भी बताया था
हालाकि, उन्होंने इस बदलाव के पीछे के कारण के बारे में ज्यादा जानकारी नहीं दी। उन्होंने 4 मई को अपने पहले बच्चे को जन्म दिया था। इससे पहले ग्राइम्स ने ट्विटर पर बेटे के नाम का मतलब बताया था। उन्होंने कहा था कि बेटे के नाम में दोनों के फेवरेट एयरक्राफ्ट से लेकर ग्राइम्स का फेवरेट गाना है।
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China reports 36 new coronavirus cases May 25, 2020 at 06:16PM
मेजर सुमन गावनी यूएन सैन्य जेंडर एडवोकेट अवॉर्ड से सम्मानित होंगी, किसी भारतीय को पहली बार यह सम्मान मिलेगा May 25, 2020 at 06:28PM
भारतीय सेना में अफसर और महिला शांतिदूत सुमन गवनी को संयुक्त राष्ट्र (यूएन) सैन्य जेंडर एडवोकेट ऑफ द ईयर के अवॉर्ड से सम्मानित करेगा। यह पहली बार है जब किसी भारतीय शांति रक्षक को इस अवॉर्ड से सम्मानित किया जाएगा।सैन्य पर्यवेक्षक सुमन यूएन मिशन के तहत दक्षिण सुडान में तैनात थीं। हाल ही में उन्होंने अपना मिशन पूरा किया है।
उनके साथ ब्राजील की सैन्य कमांडर कर्ला मोंटेइरो डे कास्त्रो अराउजो को भी यह सम्मान मिला है।यह लगातार दूसरा साल है जब ब्राजील केशांतिदूत को यह सम्मान मिला है।अराउजो संयुक्त राष्ट्र के सेंट्रल अफ्रीकन रिपब्लिक में मिशन में काम कर रही हैं।
भारतीय संसदीय मिशन ने भी ट्वीट कर इसकी जानकारी दी।
दोनों को 29 मई को सम्मानित किया जाएगा
अवॉर्ड के लिए दोनों का चयन करते समय यूएन महासचिव एंटोनियो गुटेरेस ने दोनों को पॉवरफुल रोल मॉडल्स बताया। गुटेरेस दोनों को संयुक्त राष्ट्र शांति रक्षक अंतरराष्ट्रीय दिवस के दिन 29 मई को एक ऑनलाइन कार्यक्रम के जरिए सम्मानित करेंगे।
दोनों ब्लू हेलमेट्स के लिए प्रेरणा: गुटेरेस
गुटेरेस नेकहा कि इन्होंने अपने काम के जरिए उन लोगों में विश्वास जगाया है, जिनके लिए हम काम करते हैं। दोनों ब्लू हेलमेट्स के लिए प्रेरणा हैं। संयुक्त राष्ट्र के सैनिकों को ब्लू हेलमेट कहा जाता है। वे आबादी को खतरों से बचाते हैं और उन्हें सुरक्षित वातावरण प्रदान करते हैं।
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डब्ल्यूएचओ ने कोरोना के इलाज में हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन का ट्रायल रोका; दवा के साइड इफेक्ट को देखते हुए फैसला May 25, 2020 at 05:12PM
विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने कोरोना के इलाज के लिए हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन का ट्रायल फिलहाल रोक दिया है। इस दवा के साइड इफेक्ट्स को देखते हुए ये फैसला लिया गया। डब्ल्यूएओ के चीफ तेद्रोस गेब्रियेसस के मुताबिक मेडिकल जर्नल लेन्सेट की एक स्टडी में पिछले हफ्ते कहा गया था कि कोरोना के मरीजों को हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन देने से उनकी जान का जोखिम बढ़ सकता है।
हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन के अलावा दूसरे ट्रायल जारी
तेद्रोस ने सोमवार को बताया कि ट्रायल में शामिल दुनियाभर के सैंकड़ों अस्पतालों ने कोरोना के मरीजों को एहतियातन हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन देना बंद कर दिया है। इसके अलावा दूसरे ट्रायल जारी हैं। डेटा सेफ्टी मॉनिटरिंग बोर्ड आंकड़ों की समीक्षा कर रहा है।
अमेरिकी राष्ट्रपति ने खुद हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन लेने की बात कही
हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन आमतौर पर अर्थराइटिस (गठिया) के मरीजों को दी जाती है, लेकिन कई बड़ी हस्तियों का मानना है कि ये दवा कोरोना से बचाव में भी मददगार है। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने पिछले हफ्ते कहा था कि वे खुद हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन ले रहे हैं। इसके बाद कई देशों ने इस दवा को थोक में खरीदना शुरू कर दिया था। ब्राजील का स्वास्थ्य मंत्रालय भी कोरोना के हल्के लक्षणों वाले मरीजों को हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन और मलेरिया की दवा क्लोरोक्वीन देने की सिफारिश कर चुका है।
रिसर्च में दावा- हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन से कोरोना के मरीजों को फायदा नहीं
लेन्सेट की स्टडी में कहा गया था कि दोनों दवाओं के गंभीर साइड इफेक्ट हो सकते हैं। खासतौर से दिल की धड़कन असामान्य (एबनॉर्मल) हो सकती है। कोरोना के मरीजों को इन दवाओं से कोई फायदा नहीं होता। सैंकड़ों अस्पतालों में भर्ती 96 हजार मरीजों के रिकॉर्ड के आधार पर लेन्सेट में ये दावा किया गया था।
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Joe Biden makes 1st in-person appearance in more than 2 months May 25, 2020 at 04:46PM
अब तक 55.87 लाख संक्रमित और 3.47 लाख मौतें: डब्ल्यूएचओ कोरोना के इलाज के लिए हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन का ट्रायल नहीं करेगा May 25, 2020 at 04:30PM
दुनिया में अब तक 55 लाख 87 हजार 129 लोग संक्रमित हैं। 23 लाख 65 हजार 645 लोग ठीक हुए हैं। मौतों का आंकड़ा 3 लाख 47 हजार 861 हो गया है। उधर, डब्ल्यूएचओ ने सुरक्षा कारणों के चलते संक्रमण के इलाज के लिए हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन के ट्रायल पर रोक लगा दी है। संस्था ने कहा कि ‘लैंसेट’ की रिपोर्ट में कहा गया है कि इलाज करा रहे लोगों में हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन के इस्तेमाल से मौतों की आशंका बढ़ी हुई नजर आई है।
डब्ल्यूएचओ के महानिदेशक डॉ. टेड्रोस गेब्रियेसस ने सोमवार को बताया कि 17 देशों के चार सौ अस्पतालों में कोरोना के मरीजों पर शुरू किए गए ट्रायल के कार्यकारी समूह की सिफारिश पर यह फैसला किया गया। ‘लैंसेट’ में शुक्रवार को एक रिपोर्ट में बताया गया था कि जिन मरीजों को यह दवा अलग से या माइक्रोलाइड एंटी बायोटिक के साथ दी गई थी, उनमें मृत्यु दर ज्यादा पाई गई।
कोरोनावायरस : 10 सबसे ज्यादा प्रभावित देश
देश |
कितने संक्रमित | कितनी मौतें | कितने ठीक हुए |
अमेरिका | 17,06,226 | 99,805 | 4,64,670 |
ब्राजील | 3,76,669 | 23,522 | 1,53,833 |
रूस | 3,53,427 | 3,633 | 1,18,798 |
स्पेन | 2,82,480 | 26,837 | 1,96,958 |
ब्रिटेन | 2,61,184 | 36,914 | उपलब्ध नहीं |
इटली | 2,30,158 | 32,877 | 1,41,981 |
फ्रांस | 1,82,942 | 28,432 | 65,199 |
जर्मनी | 1,80,789 | 8,428 | 1,61,200 |
तुर्की | 1,57,814 | 4,369 | 1,20,015 |
भारत | 1,44,950 | 4,172 | 60,706 |
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अमेरिका: 99,805 मौतें
अमेरिका में हर दिन होने वाली मौतों में कमी आ रही है। जॉन हॉपकिंस यूनिवर्सिटी के मुताबिक, सोमवार को यहां 532 लोगों की जान गई है। देश में अब मरने वालों की संख्या 99 हजार 805 हो चुकी है। वहीं, एक दिन में करीब 19 हजार नए मामले सामने आए हैं। इसके साथ ही संक्रमण का आंकड़ा 17 लाख 6 हजार 226 हो गया है।
ट्रम्प ने गोल्फ खेलने का बचाव किया
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प 23 मई को लॉकडाउन लागू होने के 75 दिन बाद गोल्फ खेलने पहुंचे थे। इसके बाद विवाद शुरू हो गया। वे लगातार दूसरे दिन भी गोल्फ खेलने गए। इसका लोगों ने जमकर विरोध किया। गोल्फ क्लब के बाहर कुछ लोग तख्तियां लेकर खड़े थे। इन पर लिखा था- 1 लाख लोग मारे गए हैं। हमें चिंता है। क्या आपको चिंता है? ट्रम्प ने हाल ही में उनके गोल्फ खेलने को लेकर मीडिया कवरेज के खिलाफ ट्वीट कर कहा- बाहर निकलने के लिए या थोड़ा एक्सरसाइज करने के लिए मैं हर वीकेंड पर गोल्फ खेलता हूं। फर्जी और भ्रष्टाचारी न्यूज ने इसको ऐसे दिखाया जिससे यह पाप की तरह लगने लगा।
24 घंटे में 1.02 लाख मरीज मिले: डब्ल्यूएचओ
डब्ल्यूएचओ के मुताबिक, दुनियाभर में 24 घंटे में 1 लाख 2 हजार 790 संक्रमित मिले हैं, जबकि 4380 लोगों की मौत हुई है। वहीं, संक्रमण का कुल आंकड़ा 50 लाख से ज्यादा हो गया है, जबकि तीन लाख 42 हजार लोगों की जान जा चुकी है।
स्पेन: विदेशी नागरिक क्वारैंटाइन नहीं होंगे
जर्मन न्यूज कंपनी डॉयचे वेले के अनुसार स्पेन के पर्यटन मंत्री रेयेस मरोतो ने सोमवार को कहा कि सरकार विदेशी पर्यटकों को जुलाई से देश में आने की अनुमति दे सकती है। तब तक 14 दिन के अनिवार्य क्वारैंटाइन को हटा दिया जाएगा। इस बयान का स्टॉक मार्केट में भी असर हुआ। प्रमुख होटल संचालक मेलिया होटल्स ने शुरुआती कारोबार में 14% की वृद्धि दर्ज की। स्पेन पर्यटकों का दूसरा पसंदीदा देश है। यहां हर साल करीब आठ करोड़ पर्यटक आते हैं।
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अमेरिकी विशेषज्ञ मास्क की जगह फेस शील्ड काे तरजीह दे रहे, इसे पहनना और दोबारा उपयोग करना आसान, यह संक्रमण से भी बचाती है May 25, 2020 at 02:31PM
दुनियाभर में लाेगाें ने काेराेना संक्रमण से बचने के लिए मास्क काे अपना लिया है। अधिकतर सरकाराें ने भी इसे अनिवार्य कर दिया है। हालांकि, कुछ अमेरिकी डाॅक्टर फेस शील्ड काे अपनाने की सलाह दे रहे हैं। यूनिवर्सिटी ऑफ आयोवा के इंफेक्शियस डिसीज फिजिशियन डाॅ. इल पेरेंसेविच कहते हैं, ‘टेस्टिंग और काॅन्टैक्ट ट्रेसिंग बढ़ाने, साेशल डिस्टेंसिंग और हाथ धाेने की आदत के साथ फेस शील्ड का उपयाेग भी संक्रमण का फैलाव कम करने में मदद कर सकता है।’
यह महज विचार नहीं है। सिंगापुर में प्रीस्कूल छात्राें और शिक्षकाें काे अगले महीने स्कूल खुलने पर फेस शील्ड दिए जाएंगे। फिलाडेल्फिया में स्वास्थ्य विशेषज्ञाें ने अनुशंसा की किस्कूल खुलें ताे शिक्षक फेस शील्ड पहनें।
काेराेनावायरस के ड्राॅपलेट हवा में तैरते रहते हैं- डॉ. शेरी
बाेस्टन के वुमंस हाॅस्पिटल में डर्मेटाेलाॅजिस्ट डाॅ. शेरी यू कहते हैं, ‘काेराेनावायरस के ड्राॅपलेट हवा में तैरते रहते हैं, इसलिए आंखों और पूरे चेहरे काे सुरक्षित करना बहुत जरूरी है। शील्ड काे स्टरलाइज और साफ किया जा सकता है। ये टूटने या दरार पड़ने तक इस्तेमाल की जा सकती हैं। एल्काेहाॅल वाले तरल से साफ करने या साबुन या गर्म पानी से धाेकर भी इन्हें संक्रमण मुक्त किया जा सकता है।’
फेस शील्ड आंखाें समेेत पूरे चेहरे की सुरक्षा करती है-डाॅ. पेरेंसेविच
डाॅ. पेरेंसेविच मानते हैं कि फेस शील्ड आंखाें समेेत पूरे चेहरे की सुरक्षा करती है। चेहरे काे बार-बार छूने से बचाती है। चश्मे या टाेपी के साथ भी इसे पहनना आसान है। ये सिर पर कुछ हिस्से काे ही घेरती हैं, जबकि मास्क से आधे से अधिक चेहरा ढंक जाता है। मास्क के कपड़े या मटेरियल से बार-बार खुजली हाेती है। कई लाेग मास्क गलत तरीके से पहनते हैं। यह नाक से लटका रहता है या सिर्फ मुंह ही ढंकता है।
लाेग बार-बार मास्क ठीक करते रहते हैं। बात करते वक्त वे मास्क उतार लेते हैं, जिससे जाेखिम बढ़ जाता है। दूसरी तरफ कपड़े का मास्क जहां संक्रमण फैलाने से राेकता है, वहीं यह पहनने वाले काे संक्रमण से नहीं बचाता है। डाॅ. पेरेंसेविच कहते हैं, लिप-रीडिंग पर निर्भर रहने वाले लाेगाें के लिए फेस शील्ड बेहतर है। फेस शील्ड से लिप मूवमेंट आसानी से दिख जाते हैं।
एक कफ सिम्यूलेशन शाेध के मुताबिक, यदि आपने फेस शील्ड पहनी है और काेई व्यक्ति 18 इंच की दूरी पर भी खांसता है ताे वायरस से प्रभावित हाेने का खतरा 96% तक कम हाेता है।
अधिक रिसर्च से पता चलेगा कि फेस शील्ड बेहतर होती हैं
कुछ स्थितियाें में फेस शील्ड एन95 मास्क की तरह प्रभावी नहीं है। डाॅ. विलियम लिंडस्ले कहते हैं, ‘यदि आप किसीकुर्सी पर बैठे हैं और सामने वाला व्यक्ति खड़ा है या आप खड़े हैं और दूसरा व्यक्ति आपके पीछे खड़ा है, ताे ड्राॅपलेट फेस शील्ड के इर्दगिर्द से घुस सकते हैं।’ डाॅ.पेरेंसेविच कहते हैं कि अधिक रिसर्च से यह मालूम पड़ सकेगा कि फेस शील्ड मास्क से बेहतर हाेती हैं, ये पूरे चेहरे काे ही सुरक्षित नहीं करतीं, बल्कि इन्हें गलत तरीके से पहनना बिल्कुल असंभव है।
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सतह पर मौजूद कोरोनावायरस उतनी आसानी से संक्रमण नहीं फैला सकता, जितना माना जा रहा था: सीडीसी May 25, 2020 at 02:28PM
अभी तक कहा जा रहा था कि सतहों को छूने पर कोरोना संक्रमण तेजी से फैलता है। पर अब अमेरिका के सीडीसी ने साफ किया है कि सतह पर मौजूद कोरोनावायरस उतनी आसानी से संक्रमण नहीं फैला सकता, जितना माना जा रहा था। इस जानकारी से उन लोगों को कुछ राहत मिलेगी, जो सामान लाने के बाद बैग्स को सैनिटाइज करते रहते हैं या बार-बार फर्श, स्लैब जैसी सतहों को साफ करते रहते हैं।
सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन की प्रवक्ता क्रिस्टीन नॉरल्युंड ने कहा कि कोरोनावायरस मुख्य तौर पर एक व्यक्ति को दूसरे के करीबी संपर्क की वजह से सबसे तेजी से फैल रहा है। वर्जीनिया टेक यूनिवर्सिटी में एयरोसॉल साइंटिस्ट डॉ. लिंसे ने कहा कि संक्रमण के लिए सबसे पहले सतह पर पर्याप्त मात्रा में कोरोना होना जरूरी है। इसके बाद किसी दूसरे व्यक्ति के उस सतह को छूने तक वायरस जिंदा रहना जरूरी है।
कोरोना वायरस से संक्रमण फैलाने में योगदान रहता
पर्याप्त मात्रा में वायरस हैं और व्यक्ति छू भी ले तो संक्रमण के लिए कोरोना का उस व्यक्ति की त्वचा पर तब तक जिंदा रहना जरूरी है, जब तक कि वो उससे अपनी नाक, आंख या मुंह को छू नहीं लेता। इसके अलावा भी कई ऐसी बातें हैं, जिनका किसी सतह पर मौजूद कोरोना वायरस से संक्रमण फैलाने में योगदान रहता है।
अभी तक इसी बात का जवाब नहीं मिल पाया है कि किसी एक जगह पर वायरस की संख्या कम से कम और ज्यादा से ज्यादा कितनी होनी चाहिए जो उसके फैलने की दर को प्रभावित कर सकती है।
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अमेरिका में ट्रम्प से लोग बोले- 1 लाख मौतें हुईं, आपको चिंता है; ब्राजील में जनता ने बोलसोनारों को हत्यारे कहा May 25, 2020 at 02:28PM
अमेरिका, ब्राजील और ब्रिटेन सबसे ज्यादा कोरोना प्रभावित 5 देशों में शामिल हैं। बढ़ते संक्रमण और इससे हो रही मौतों के कारण तीनों देशों की जनता नाराज है। अमेरिका में राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प, ब्राजील में राष्ट्रपति जेयर बोलसोनारो और ब्रिटेन में प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन के खिलाफ जनता सड़कों पर उतर रही है। वह सोशल मीडिया के जरिए गुस्सा जता रही है। कहीं लॉकडाउन और सोशल डिस्टेंसिंग का सख्ती से पालन नहीं कराने पर नाराजगी है, तो कहीं देश की बदहाल स्वास्थ्य सेवाओं पर गुस्सा है।
अमेरिका: ट्रम्प गोल्फ खेल रहे; लोग बोले- 1 लाख मौतें हुईं, आपको चिंता है
अमेरिका में राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प लगातार दूसरे दिन गोल्फ खेलने गए। इसका लोगों ने जमकर विरोध किया। गोल्फ क्लब के बाहर कुछ लोग तख्तियां लेकर खड़े थे। इन पर लिखा था- 1 लाख लोग मारे गए हैं। हमें चिंता है। क्या आपको चिंता है?
इस पर ट्रम्प ने मीडिया से कहा, ‘हां, मुझे चिंता है, इसलिए मैंने कोरोना से मारे गए लोगों की याद में मेमोरियल डे वीकेंड पर व्हाइट हाउस का झंडा आधा झुकाने का आदेश दिया था। हमें विपक्ष के नेता बदनाम करने की कोशिश कर रहे हैं। हमारे अच्छे कामों को कोई नोटिस नहीं कर रहा।’
इससे पहले ट्रम्प ने ट्वीट कर कहा, 'अमेरिका में कोरोना के नए मामले कम आए हैं। मौतों की दर भी कम हो रही है।'बता दें कि अमेरिका में अब तक 16,86,436 मामले आए हैं। जबकि 1,00,017 मौतें हुई हैं।
ब्राजील: पार्टी से लौटे बोलसोनारो को घेरा, जनता ने कहा- आप हत्यारे हैं
ब्राजील के राष्ट्रपति जेयर बोलसोनारो फूड और ड्रिंक की पार्टी के लिए राजधानी ब्रासिलिया से बाहर गए। जब वे लौटे तो नाराज लोगों ने उनका घेराव किया। लोगों ने कहा, ‘राष्ट्रपति हत्यारे हैं।’ बोलसोनारो को सुरक्षाकर्मियों ने सुरक्षित निकाला। बोलसोनारो पर जनता का गुस्सा इसलिए भी है, क्योंकि वह कोरोना को साधारण फ्लू बता चुके हैं।
एक बार तो उन्होंने यह भी कह दिया था कि कोरोना केवल कल्पना है। लोगों को इसकी चिंता नहीं करना चाहिए। बोलसोनारो ने सख्त लॉकडाउन का समर्थन कभी नहीं किया। वह उन लोगों का पक्ष लेते रहे, जो लॉकडाउन के खिलाफ सड़कों पर उतरे थे। ब्राजील दुनिया का दूसरा सबसे कोरोना प्रभावित देश है। यहां कोरोना के अब तक 3,65,213 मामले आए हैं, जबकि 22,746 मौतें हुई हैं।
ब्रिटेन: लॉकडाउन तोड़ने पर सहयोगी काे बचाया, चर्च के निशाने पर जॉनसन
ब्रिटेन में लॉकडाउन तोड़ने के मामले में शीर्ष सहयोगी का बचाव करने पर प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन घिर गए हैं। जॉनसन के मुख्य सलाहकार डोमिनिक कमिंग्स कोरोना के लक्षणों के बावजूद पत्नी के साथ माता-पिता से मिलने लंदन से 420 किमी दूर डरहम गए थे, जबकि लोगों को घर में रहने का आदेश था। कुछ लोगों ने इसकी शिकायत पुलिस में की।
उसके बाद से ब्रिटेन में डोमिनिक के इस्तीफे की मांग को लेकर प्रदर्शन हो रहे हैं। कई चर्च के बिशप ने भी जॉनसन की आलोचना की है। लोगों का कहना है कि क्या ब्रिटेन में आम जनता और प्रधानमंत्री के करीबी के लिए अलग-अलग नियम हैं। इधर, जॉनसन ने कहा है कि वह डोमिनिक को नहीं हटाएंगे, उन्होंने नियम नहीं तोड़ा। ब्रिटेन में अब तक संक्रमण के 259,559 मामले आए हैं। 36,793 मौतें हुई हैं।
ऑस्ट्रिया: कर्फ्यू तोड़ने पर राष्ट्रपति ने माफी मांगी
ऑस्ट्रिया में कोरोना को लेकर लगाए गए कर्फ्यू का उल्लंघन करने पर राष्ट्रपति एलेक्जेंडर बेलेन ने जनता से माफी मांगी है। दरअसल, बेलेन रात 11 बजे के बाद एक रेस्तरां में थे। ऑस्ट्रिया में रात 11 बजे से सुबह तक कर्फ्यू लगाया गया है। बेलेन ने कहा, 'मैं कर्फ्यू के बाद पहली बार रेस्तरां गया था। समय का ध्यान नहीं रहा। माफी चाहता हूं।' ऑस्ट्रिया में 16,539 मामले आए हैं, जबकि 641 मौतें हुई हैं।
कनाडा: टोरंटो मेयर ने गलती मानी, कहा- सोशल डिस्टेंसिंग नहीं रख सका
कनाडा में टोरंटो के मेयर जॉन टोरी ने सोशल डिस्टेंसिंग का पालन नहीं करने पर जनता से खेद जताया है। दरअसल, टोरंटो के ट्रिनिटी बेलवुड्स पार्क में हजारों लोग सैर के लिए पहुंच गए थे। इस भीड़ में मेयर टोरी भी थे। टोरी ने कहा है कि वह पार्क में सोशल डिस्टेंसिंग का पालन नहीं कर सके। इसलिए माफी मांगते हैं।
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Furore rages on over UK PM's defence of top aide's lockdown breach May 25, 2020 at 02:15AM
पायलट ने तीन बार चेतावनी को नजरअंदाज किया था, जांच टीम पर भी सवाल उठे May 25, 2020 at 01:16AM
पाकिस्तान के कराची में हुए प्लेन क्रैश के बाद पायलट की कई गलतियां सामने आ रही हैं। अब सामने आया है कि पायलट ने एटीसी (एयर ट्रैफिक कंट्रोलर) की तीन चेतावनियों को नजरअंदाज कर दिया था। कंट्रोलर ने विमान की गति और ऊंचाई को लेकर पायलट को चेताया था, लेकिन पायलट को लगता था कि वह संतुष्ट है और स्थिति को संभाल लेगा। इसके साथ ही जांच टीम में एक भी कमर्शियल पायलट न शामिल करने भी सवाल उठने लगे हैं।
22 मई को पीआईए का प्लेन ए-320 कराची जा रहा था। यह प्लेन कराची में जिन्ना इंटरनेशनल एयरपोर्ट के पास ही जिन्ना गार्डन एरिया में क्रैश हो गया। इस हादसे में 97 लोगों की मौत हुई थी, जबकि 2 लोग बचाए गए थे।
1. पहली चेतावनी
जियो न्यूज ने एटीसी के हवाले से बताया लाहौर से कराची आ रहा पीआईए का प्लेन ए-320 जब जिन्ना इंटरनेशनल एयरपोर्ट से 15 नॉटिकल मील (27.78 किलोमीटर) दूर था, तब वह 10 हजार फीट की ऊंचाई पर उड़ रहा था। एटीसी ने पहली चेतावनी जारी करते हुए ऊंचाई को सात हजार फीट तक रखने को कहा था। पायलट ने ऊंचाई कम करने के बजाय जवाब दिया कि वह संतुष्ट है।
2. दूसरी चेतावनी
जब प्लेन केवल 10 नॉटिकल मील (18.52 किमी) दूर था तब प्लेन सात हजार फीट की ऊंचाई पर था, जबकि इसे तीन हजार फीट तक होना चाहिए था। एटीसी ने फिर से दूसरी चेतावनी दी। हालांकि, पायलट ने उसे भी नजरअंदाज कर दिया। उसने कहा कि वह संतुष्ट है और स्थिति संभाल लेगा।
3. तीसरी चेतावनी
प्लेन जब पहली कोशिश में लैंड नहीं हो पाया तो पायलट ने खुद ही गो-अराउंड (गोल चक्कर) करने का फैसला लिया। इस दौरान प्लेन 1800 फीट की ऊंचाई पर था। एटीसी से फिर से चेतावनी देकर कहा कि प्लेन को ती हजार फीट की ऊंचाई पर ले जाएं। इस पर फर्स्ट ऑफिसर (पायलट) ने कहा कि हम कोशिश कर रहे हैं। इसके तुरंत बाद ही हादसा हो गया।प्लेन में पर्याप्त ईंधन मौजूद था।
रिपोर्ट में कहा गया कि प्लेन में इतना ईंधन था कि वह 2.34 घंटे तक उड़ सकता था, जबकि लाहौर से कराची आने में सिर्फ 1.33 घंटे की उड़ान हुई थी। पाकिस्तानी जांचकर्ता यह पता लगाने की कोशिश कर रहे हैं कि क्या दुर्घटना पायलट की गलती से हुई या कोई तकनीकी खामी थी।
सीएए भी जारी कर चुका है रिपोर्ट
पाकिस्तान की सिविल एविएशन अथॉरिटी (सीएए) की रिपोर्ट के अनुसार फ्लाइट ने जिन्ना नेशनल एयरपोर्ट पर उतरने की पहली कोशिश में तीन बार रनवे को छुआ था। रनवे पर रगड़ के साथ चिंगारी भी भड़की थी। तीसरी बार रनवे छूने के बाद पायलट ने प्लेन को फिर से हवा में उठा लिया था। इस दौरान संभवना है कि इंजन का ऑयल और फ्यूल पंप खराब हो गए होंगे। इनमें लीकेज हुई होगी। इसके चलते प्लेन बहुत ऊंचा नहीं उठ पाया और हादसा हो गया। सबसे अजीब बात यह है कि इस दौरान कॉकपिट में मौजूद क्रू ने एयर ट्रैफिक कंट्रोल (एटीसी) को कोई जानकारी नहीं दी थी।
जांच टीम पर उठे सवाल
पाकिस्तान में पायलटों के संघ और विमानन क्षेत्र के विशेषज्ञों ने जांच टीम पर सवाल उठाए हैं। प्लेन क्रैश की जांच पाकिस्तानी एयर फोर्स कर रही है। पाकिस्तान एयरलाइंस पायलट एसोसिएशन (पाल्पा) के सेक्रेटरी कैप्टन इमरान नैरेजो ने द डॉन से बात करते हुए कहा, ‘‘जांच टीम संतुलित नहीं है, क्योंकि इसमें कॉमर्शियल पायलट को शामिल नहीं किया गया है। कॉमर्शियल प्लेन से जुड़े हादसे को एक कॉमर्शियल पायलट ही बेहतर तरीके से समझ सकता है।’’पाकिस्तान ने प्लेन क्रैश की जांच के लिए चार सदस्यीय एक जांच टीम बनाई है। इसमें तीन सदस्य ‘एयरक्राफ्ट एक्सिडेंट इंवेस्टिगेशन बोर्ड’ के हैं, जबकि एक एयरफोर्स के सेफ्टी बोर्ड से है। जांच टीम तीन महीने में अपनी रिपोर्ट सबमिट करेगी।
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विवादित इलाकों में चीन के 5 हजार सैनिक, सड़क बनाने के लिए भारी मशीनें लाया; भारत ने भी ताकत बढ़ाई, पुल भी बना रहा May 25, 2020 at 12:43AM
लद्दाख में लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल (एलएसी) के पास कई सेक्टरों में चीन ने करीब 5 हजार जवान तैनात कर दिए हैं। पड़ोसी के इस कदम के बाद भारतीय सेना ने भी इन इलाकों में अपने जवान बढ़ाने शुरू कर दिए हैं। इसी महीने दोनों सेनाओं के बीच तीन बार अलग-अलग जगहों पर टकराव हो चुका है। पिछले हफ्ते दोनों देशों की सेनाओं के कमांडर बातचीत कर मुद्दा सुलझाने की कोशिश भी कर चुके हैं।
गलवान नाले के पास दोनों सेनाएं डटीं
- न्यूज एजेंसी एएनआई को सूत्रों ने बताया कि एलएसी के पास चीन ने अपने सैनिकों को दौलत बेग ओल्डी और इससे जुड़े इलाकों के पास तैनात किया है, जहां पर भारतीय सेना की 81 और 114 ब्रिगेड तैनात है।
- चीन की सेना एलएसी के पास स्थित पेनगॉन्ग लेक के पास अपने जवानों को ले आई है। इसके साथ ही वह यहां पर भारी वाहन भी लाई है। गलवान नाला एरिया में भारतीय पोस्ट केएम 120 से करीब 15 किमी दूर चीनी सैनिकों ने अपने टेंट लगा लिए हैं। चीन गलवान में बंकर बनाने के लिए भारी उपकरण भी ला रहा है।
- भारतीय सीमा इस तरह के इन्फ्रास्ट्रक्चर बनाने पर ऐतराज भी जाहिर कर चुका है, लेकिन चीनी सेना लगातार काम में जुटी है।
- इसी इलाके में भारतीय सेना ने पेट्रोलिंग पोस्ट 14 के पास ब्रिज बना रही है। इसका चीन की सेना ने विरोध किया था।
- पोस्ट केएम 120 पर किसी भी वक्त सेना और आईटीबीपी के 250 जवान रहते हैं। लेकिन, भारत अब यहां ज्यादा जवान और उपकरण भेज रहा है। ईस्टर्न लद्दाख सेक्टर में भारत दौलतबेग ओल्डी में एयरफील्ड का इस्तेमाल पूर्वी लद्दाख में जवान भेजने में कर रहा है।
- दौलत बेग ओल्डी में भारतीय सड़क के पास एयरफील्ड बनाने के पुराने प्रपोजल पर भी फिर से विचार किया जा रहा है। यह इलाका इस लिहाज से अहम है कि यहां पर चीन की सेना भारत के एरियल मूवमेंट पर नजर नहीं रख सकती है।
जवान बंधक बनाए जाने की रिपोर्ट पर भारत ने कहा- ये गलत हैं
भारतीय सेना ने रविवार सुबह एक रिपोर्ट को लेकर बयान जारी किया था। इसमें कहा गया था कि चीन की सेना ने भारतीय सैनिकों को कुछ दिन बंधक बनाने के बाद छोड़ा। सेना ने कहा- सीमा पर किसी भी भारतीय सैनिक को बंधक नहीं बनाया गया। जब मीडिया इस तरह की अपुष्ट चीजों को पब्लिश करता है तो यह केवल राष्ट्रीय हितों को चोट पहुंचाता है
इस महीने भारत और चीन मेंतीन झड़पें हुईं
1) तारीख- 5 मई, जगह- पूर्वी लद्दाख की पैंगोंग झील
उस दिन शाम के वक्त इस झील के उत्तरी किनारे पर फिंगर-5 इलाके में भारत-चीन के करीब 200 सैनिक आमने-सामने हो गए। भारत ने चीन के सैनिकों की मौजूदगी पर ऐतराज जताया। पूरी रात टकराव के हालात बने रहे। अगले दिन तड़के दोनों तरफ केसैनिकों के बीच झड़प हो गई। बाद में दोनों तरफ के आला अफसरों के बीच बातचीत के बाद मामला शांत हुआ।
2) तारीख- संभवत: 9 मई, जगह- उत्तरी सिक्किम में 16 हजार फीट की ऊंचाई पर मौजूद नाकू ला सेक्टर
यहां भारत-चीन के 150 सैनिक आमने-सामने हो गए थे। आधिकारिक तौर पर इसकी तारीख सामने नहीं आई। हालांकि, द हिंदू की रिपोर्ट के मुताबिक, यहां झड़प 9 मई को ही हुई। गश्त के दौरान आमने-सामने हुए सैनिकों ने एक-दूसरे पर मुक्कों से वार किए। इस झड़प में 10 सैनिक घायल हुए। यहां भी बाद में अफसरों ने दखल दिया। फिर झड़प रुकी।
3) तारीख- संभवत: 9 मई, जगह- लद्दाख
जिस दिन उत्तरी सिक्किम में भारत-चीन के सैनिकों में झड़प हो रही थी, उसी दिन चीन ने लद्दाख में लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल पर अपने हेलिकॉप्टर भेजे थे। चीन के हेलिकॉप्टरों ने सीमा तो पार नहीं की, लेकिन जवाब में भारत ने लेह एयरबेस से अपने सुखोई 30 एमकेआई फाइटर प्लेन का बेड़ा और बाकी लड़ाकू विमान रवाना कर दिए। मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो हाल के बरसों में ऐसा पहली बार हुआ जब चीन की ऐसी हरकत के जवाब में भारत ने अपने लड़ाकू विमान सीमा के पास भेजे।
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Singapore reports lower number of 344 new coronavirus cases May 24, 2020 at 11:03PM
प्रधानमंत्री जेसिंडा आर्डर्न लाइव इंटरव्यू दे रही थीं, इसी दौरान भूकंप आ गया; अब वीडियो वायरल हो रहा May 24, 2020 at 10:26PM
न्यूजीलैंड की प्रधानमंत्री जेसिंडा आर्डर्न सोमवार को राजधानी वेलिंगटन में टीवी पर लाइव इंटरव्यू दे रही थीं। इसी दौरान भूकंप आ गया। वह कुछ देर के लिएरुकीं तो जरूर, लेकिन उन्होंने अपना इंटरव्यू शांतिपूर्वक जारी रखा। भूकंप पर जेसिंडा का लाइव रिएक्शन अब सुर्खियां बटोर रहा है।
जिस समय भूकंप आया आर्डर्न ने शो के होस्ट रयान ब्रिज से कहा, ‘‘रयान... हम एक भूकंप का सामना कर रहे हैं। यहां सब चीजें हिल रही हैं... अगर तुम देखो तो मेरे पीछे की चीजें भी हिल रही हैं, बिहाइव (पार्लियामेंट भवन) थोड़ा ज्यादा हिल रहा है।’’ इस दौरान कैमरा और दूसरी चीजें हिलने लगती हैं। इसके बाद उन्होंने अपने होस्ट को आश्वासन दिया कि वह सुरक्षित हैं और फिर से इंटरव्यू शुरू हुआ।थोड़ी ही देर में यह वीडियो सोशल मीडिया में वायरल हो गया।
भूकंप की तीव्रता 5.8 मैग्नीट्यूड थी
जियोनेट के अनुसार वेलिंगटन और उसके आस-पास के क्षेत्र में आए भूकंप की तीव्रता रिक्टर स्केल पर 5.8 मैग्नीट्यूड थी। इसका केंद्र वेलिंगटन के पास के ही शहर लेविन के उत्तर-पश्चिम में जमीन से 30 किलोमीटर अंदर था।
भूकंप से कोईनुकसान नहीं हुआ
इसके बाद में एक प्रेस कांफ्रेंस कर आर्डर्न ने यह जानकारी दी कि भूकंप से किसी को नुकसान नहीं हुआ है। न्यूजीलैंड भूकंपीय रूप से सक्रिय ‘रिंग ऑफ फायर’ पर स्थित है। यह ज्वालामुखी और प्रशांत महासागर की खाइयों में 40 हजार किलोमीटर की दूरीतक फैला हुआ है। यहां के क्राइस्टचर्च शहर में 2011 में 6.3 मैग्नीट्यूड की तीव्रता का भूकंप आया था, जिसमें 185 लोग मारे गए थे।2016 में यहां साउथ आईलैंड के कैकोरा में 7.8 मैग्नीट्यूड का भूकंप आया था। इस दौरान केवल 2 लोग मारे गए थे, लेकिन अरबों डॉलर का नुकसान हुआ था।
जेसिंडा आर्डर्न 2017 में प्रधानमंत्री बनीं थीं
जेसिंडा आर्डर्न 2017 में न्यूजीलैंड की प्रधानमंत्री बनीं थीं। तब से लेकर अब तक कई संकटों का बेहतर तरीके से सामना करने के लिए कारण वह बहुत लोकप्रिय हो गई हैं। चाहे वो पिछले साल क्राइस्टचर्च में बड़े पैमाने पर गोलीबारी हो, दिसंबर में ज्वालामुखी विस्फोट हो या अब कोरोनावायरस महामारी हो।
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नेपाल के रक्षामंत्री ने कहा- लिपुलेख पर भारतीय सेना प्रमुख का बयान इतिहास का अपमान, सेना को राजनीतिक बयान नहीं देने चाहिए May 24, 2020 at 09:23PM
नेपाल के रक्षामंत्री ईश्वर पोखरेल ने अब भारतीय सेना प्रमुख की आलोचना की है। उन्होंने कहा कि लिपुलेख मुद्दे पर भारतीय सेना प्रमुख का बयान हमारे देश के इतिहास का अपमान है।लिपुलेख मुद्दे पर नेपाल के विरोध पर सेना प्रमुख नरवणे ने कहा था कि यह विरोध किसी और के इशारे पर हो रहा है।
नेपाल के रक्षामंत्री ने न्यूजपेपर ‘द राइजिंग नेपाल’ से बातचीत करते हुए कहा, ‘‘इस तरह का बयान अपमानजनक है, इसमें नेपाल के इतिहास, सामाजिक विशेषता और स्वतंत्रता की अनदेखी की गई है। भारतीय सेना प्रमुख ने नेपाली गोरखा जवानों की भावनाओं को भी आहत किया है जो भारत की रक्षा के लिए अपना जीवन दांव पर लगा देते हैं। इससे उन्हें गोरखा बलों के सामने खड़ा होना भी मुश्किल हो गया है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘सेना प्रमुख को ऐसे राजनीतिक बयान देना कितना पेशेवर है? हमारे यहां ऐसा कुछ नहीं होता है। नेपाली सेना ऐसे मामलों पर नहीं बोलती है। पिछले कई मौकों पर, अंतरराष्ट्रीय संधियों और समझौतों में इसी तरह की बातचीत में कुछ कमियाँ रही होंगी। नेपाल के एक करीबी और दोस्त के रूप में भारत को सकारात्मक प्रतक्रिया देनी चाहिए। हम बातचीत में स्पष्ट शब्दों में सब कुछ सामने रखेंगे। इस तरह के डायलॉग दिमाग से नहीं बल्कि तथ्यों और सुबूतों के आधार किए जाएंगे।’’
पिछले हफ्ते नेपाल के प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली ने भी कहा था कि दो पड़ोसी देशों के बीच सेना का बोलना सही नहीं है।
नरवणे ने कहा था कि नेपाल किसी और के इशारे पर विरोध कर रहा
15 मई को जनरल नरवणे ने लिपुलेख दर्रे से 5 किलोमीटर पहले तक सड़क निर्माण पर नेपाल की आपत्ति पर हैरानी जताई थी।नरवणे ने चीन की तरफ इशारा करते हुए कहा था कि संभावना है कि नेपाल ऐसा किसी और के कहने पर कर रहा है। उन्होंने कहा था कि बॉर्डर रोड ऑर्गनाइजेशन (बीआरओ) की ओर से बनाई गई सड़क काली नदी के पश्चिम में है। इसलिए, मुझे नहीं पता कि वे किस बात का विरोध कर रहे हैं।
लिपुलेख मार्ग के उद्घाटन के बाद नेपाल ने आपत्ति जताई थी
भारत ने 8 मई को लिपुलेख-धाराचूला मार्ग का उद्घाटन किया था। नेपाल ने इसे एकतरफा फैसला बताते हुए आपत्ति जताई थी। उसका दावा है कि महाकाली नदी के पूर्व का पूरा इलाका नेपाल की सीमा में आता है। जवाब में भारतीय विदेश मंत्रालय ने कहा था कि लिपुलेख हमारे सीमा क्षेत्र में आता है और लिपुलेख मार्ग से पहले भी मानसरोवर यात्रा होती रही है। हमने अब सिर्फ इसी रास्ते पर निर्माण कर तीर्थ यात्रियों, स्थानीय लोगों और कारोबारियों के लिए आवागमन को सुगम बनाया है।
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एलओसी पहुंचे आर्मी चीफ बाजवा ने कहा- कश्मीर को वैश्विक मुद्दा बनाने में हम नाकाम रहे, दुनिया को बात समझाने में भारत को कामयाबी मिली May 24, 2020 at 09:10PM
पाकिस्तान के आर्मी प्रमुख कमर जावेद बाजवा ने ईद के मौके पर नियंत्रण रेखा (एलओसी) के पास स्थित पूना सैक्टर का दौरा किया। इस मौके पर भी उन्होंने कश्मीर का जिक्र किया। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान कश्मीर को वैश्विक मुद्दा बनाने में नाकाम रहा। जबकि भारत दुनिया को अपनी बात समझाने में कामयाबी मिली। लिहाजा वैश्विक समुदाय का ध्यान कश्मीर में मानवाधिकार उल्लंघन और हिंसा से हट गया है।
बीते कुछ दिनों में सीमापार घुसपैठ की घटनाओं में इजाफा हुआ है। कश्मीर में 3 मई को मुठभेड़ में भारतीय सेना के कर्नल आशुतोषसमेत 5 जवानों के शहीद होने के बाद भारत ने सख्त रुख अख्तियार किया है। मई में सुरक्षाबल 3 बड़े एनकाउंटर कर चुके हैं। यह भी रिपोर्ट्स आई थीं कि भारत की कार्रवाई की डर से पाकिस्तान एयरफोर्स ने अपनी सीमा में गश्त बढ़ा दी है। इन्हीं सब के चलते बाजवा नियंत्रण रेखा पर जायजा लेने गए थे।
कश्मीर विवादित हिस्सा
बाजवा के मुताबिक- ‘‘कश्मीर विवादित हिस्सा है। भारत ने उसे हमेशा हिस्सा बताया। भारत सरकार ने जम्मू-कश्मीर से राज्य का दर्जा छीनते हुए उसे केंद्र शासित प्रदेश बना दिया। वहां से 5 अगस्त 2019 को अनुच्छेद 370 भी हटा दिया, जबकि यह नैतिक और संवैधानिक रूप से सही था। हम कश्मीरियों के साथ इस बार भी भाईचारे से ईद मना रहे हैं। कश्मीर में भी भारत ने लॉकडाउन कर रखा है ताकि हिंसक गतिविधियों को अंजाम दिया जा सके।’’ बाजवा ने यह भी कहा कि पाकिस्तान आर्मी को खतरों को लेकर सतर्क है। सुरक्षा को लेकर हम देश की उम्मीदों पर खरा उतरेंगे।
मंत्री के बयान का भी जिक्र किया
बाजवा ने पाकिस्तान के सूचना मंत्री शिबली फराज के बयान का जिक्र करते हुए कहा कि पाकिस्तान के लोग कश्मीरियों पर ढाए जा रहे जुल्मों को नहीं भूलेंगे।शिबली ने ट्वीट किया था- ‘‘कश्मीर पर हिंदुत्ववादी मोदी सरकार ने कब्जा कर लिया है। इससे पूरी दुनिया के सामने संकट खड़ा हो गया है।’’
कश्मीर में बीते 13 दिन में 3 बड़े एनकाउंटर
19 मई, श्रीनगर: सुरक्षाबलों ने डाउनटाउन इलाके में हिजबुल मुजाहिदीन 2 आतंकियों को मार गिराया। इसमें से एक जुनैद सहराई था जो अलगाववादी संगठन तहरीक-ए-हुर्रियत प्रमुख मोहम्मद अशरफ सहराई का बेटा था।
16 मई, डोडा: सुरक्षाबलों ने डोडा के खोत्रा गांव में हिजबुल मुजाहिदीन के आतंकी ताहिर को 5 घंटे चली मुठभेड़ में मार गिराया था।
6 मई, पुलवामा: सुरक्षाबलों ने हिजबुल मुजाहिदीन के टॉप कमांडर रियाज नायकू को मारा गिराया था। वह दो साल से मोस्ट वॉन्टेड लिस्ट में शामिल था। वह बीमार मां से मिलने पुलवामा के गांव बेगपोरा आया था। पुलिस को इस गांव में नायकू और उसके कुछ साथियों की मौजूदगी का इनपुट मिला था।
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