Monday, April 20, 2020
United Nations calls for scaling up all efforts to confront pandemic April 20, 2020 at 07:35PM
Seoul says no suspicious activity in North Korea amid Kim Jong Un concerns April 20, 2020 at 06:11PM
तानाशाह किम जोंग उन की जिंदगी खतरे में, ऑपरेशन के बाद तबीयत बिगड़ी April 20, 2020 at 06:09PM
उत्तर कोरिया के तानाशाह किम जोंग उन की जिंदगी खतरे में बताई जा रही है। अमेरिकी अफसरों के मुताबिक, एक ऑपरेशन के बाद किम की तबीयत बिगड़ गई है। बताया जा रहा है कि किम 15 अप्रैल को अपने दादा के एक कार्यक्रम में भी शामिल नहीं हुए थे। इसी के बाद उनके स्वास्थ्य को लेकर कयास लगने शुरू हो गए थे।
किम जोंग उन के परमाणु कार्यक्रम ने अमेरिका को चिंता में डाल दिया था। दक्षिण कोरियाई राष्ट्रपति मून जे-इन के प्रयासों से किम और अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प के बीच जून 2018 में सिंगापुर में पहली बार चर्चा हुई थी। इसके बाद दोनों नेता फरवरी 2019 में वियतनाम में भी मिले। बातचीत के बाद ही किम ने परमाणु कार्यक्रम बंद करने का फैसला लिया था। हालांकि, अमेरिका की तरफ से व्यापारिक प्रतिबंधों में रियायत न मिलने के चलते नाराजगी भी जताई थी।
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अमेरिका में कच्चे तेल की कीमतों में ऐतिहासिक गिरावट, पहली बार कीमत निगेटिव 37.63 डॉलर प्रति बैरल तक पहुंची April 20, 2020 at 04:57PM
अमेरिका में कच्चे तेल की कीमतों में भारी गिरावट आई है। यह 21 साल के सबसे निचले स्तर पर पहुंच गया। सोमवार को बाजार बंद होने तक इसकी कीमतों में 105% की गिरावट दर्ज की गई। कीमतेंनेगेटिव 2 डॉलर प्रति बैरल (करीब 130 रुपए ) पर पहुंच गई। कोरोना की वजह से बाजार में मांग कम होने और अमेरिका में इसका भंडारण जरूरत से ज्यादा होने के कारण यह स्थिति पैदा हुई है। मौजूदा समय में आलम यह है कि अमेरिका में अब कच्चे तेल के भंडारण के लिए जगह की कमी महसूस होने लगी है। ऐसे में कीमतों में और भी कमी आने की उम्मीद है।
सोमवार को वेस्ट टेक्सस इंटरमिडिएट (डब्ल्यूटीआई) में के मई वितरण में भी 300 प्रतिशत से ज्यादा की गिरावट देखी गई है।1986 के बाद यह पहली बार है जब कच्चे तेल की कीमतों में इतनी ज्यादा गिरावट देखने को मिली है।
अमेरिकी इतिहास में ऐसा पहली बार हुआ
कोरोना वायरस संकट की वजह से दुनियाभर में घटी तेल की मांग के चलते इसकी कीमतें लगातार गिर रही हैं और इतिहास में पहली बार ऐसा हुआ है जब अमेरिकी कच्चे तेल की कीमत इतनी नीचे पहुंची है।
रिस्ताद एनर्जी के प्रमुख ब्योर्नार टोनहुगेन के मुताबिक,“वैश्विक आपूर्ति की मांग में कमी की समस्या की वजह से तेल की कीमतों में वास्तविक तौर पर गिरावट आने लगी है।”व्याच्चे तेल के साथ प्रति बैरल 3.70
व्यापारी कच्चे तेल के साथ
मंगलवार को मई डिलेवरी के लिए होने वाले सौदे का आखिरी दिन है। तेल व्यापारियों को कीमतें अदा कर डिलेवरी लेने का यह अंतिम मौका था। हालांकि मांग कम होने के कारण व्यापारी इसे खरीदने में दिलचस्पी नहीं दिखा रहे हैं। इसके साथ ही इनके भंडारण में भी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। कच्चा तेल रखने वाले व्यापारी अब ग्राहकों से इसे खरीदने के लिए कह रहे हैं। इन व्यापारियों की ओर से खरीदने वालों को प्रति डॉलर 3.70 डॉलर (करीब 283 रुपए)देने की पेशकश भी कर रहे हैं।इसी को कच्चे तेल की कीमतों को शून्य डॉलर प्रति बैरलनीचे जाना कहते हैं।
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16 migrants test positive for coronavirus on Mexican border April 20, 2020 at 04:40PM
अब तक 1 लाख 70 हजार मौतें: अमेरिका में 24 घंटे में 1,939 लोगों ने जान गंवाई और 28 हजार से ज्यादा संक्रमित हुए April 20, 2020 at 04:35PM
दुनिया में अब तक एक लाख 70 हजार 423 लोगों की मौत हो चुकी है। संक्रमण के 24 लाख 81 हजार मामले हैं। वहीं, छह लाख 46 हजार 675 ठीक हो चुके हैं। अमरिका में 24 घंटे में 1,939 लोगों की जान गई है और 28 हजार 123 मरीज मिले हैं। यहां अब तक 42 हजार 514 लोगों की मौत हो चुकी है।
कोरोनावायरस : सबसे ज्यादा प्रभावित 10 देश
देश | कितने संक्रमित | कितनी मौतें | कितने ठीक हुए |
अमेरिका | 7 लाख 92 हजार 759 | 42 हजार 514 | 73 हजार 389 |
स्पेन | 2 लाख210 | 20 हजार 852 | 80 हजार 587 |
इटली | 1 लाख 81 हजार 228 | 24 हजार 114 | 48 हजार 877 |
फ्रांस | 1 लाख 55 हजार 383 | 20 हजार 265 | 37 हजार 409 |
जर्मनी | 1 लाख 47 हजार 065 | 4 हजार 862 | 91 हजार 500 |
ब्रिटेन | 1 लाख 24 हजार 743 | 16 हजार 509 | उपलब्ध नहीं |
तुर्की | 90 हजार 980 | 5 हजार 209 | 13 हजार 430 |
ईरान | 83 हजार 505 | 5 हजार 209 | 59 हजार 273 |
चीन |
82 हजार 747 |
4 हजार 632 | 77 हजार 123 |
रूस | 47 हजार 121 | 405 | 3 हजार 446 |
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अमेरिका: न्यूयॉर्क में करीब 19 हजार मौतें
अमेरिका में सबसे ज्यादा प्रभावित राज्य न्यूयॉर्क है, जहां अब तक 18 हजार 929 लोगों की जा जा चुकी है। न्यूयॉर्क स्वास्थ्य विभाग ने सोमवार को बताया कि न्यूयॉर्क स्टेट में अभी तक दो लाख 47 हजार 512 संक्रमित हैं जबकि न्यूयॉर्क शहर में यह आंकड़ा एक लाख 36 हजार 806 है। इससे पहले न्यूयॉर्क के गवर्नर एंड्रयू क्यूमो ने बताया कि रविवार को न्यूयॉर्क में 478 संक्रमितों की मौत हुई है जबकि शनिवार को 507 लोगों ने जान गंवाई थी।
अमेरिकी कच्चे तेल की कीमतों में ऐतिहासिक गिरावट
अमेरिकी कच्चे तेल की कीमतों में सोमवार को ऐतिहासिक 105% की गिरावट दर्ज की गई। पहली बार तेल की कीमतें माइनस 2 डॉलर प्रति बैरल पर पहुंच गई। वेस्ट टेक्सास इंटरमीडिएट (डब्ल्यूटीआई) के मई वितरण में 300% से ज्यादा की गिरावट दर्ज की गई। कोरोना संकट की वजह से दुनियाभर में घटी तेल की मांग के चलते इसकी कीमतें लगातार गिर रही हैं। इतिहास में पहली बार ऐसा हुआ है जब अमेरिकी कच्चे तेल की कीमत इतनी नीचे पहुंची है। रिस्ताद एनर्जी के प्रमुख ब्योर्नार टोनहुगेन ने कहा,“वैश्विक आपूर्ति की मांग में कमी की समस्या की वजह से तेल की कीमतों में वास्तविक तौर पर गिरावट आने लगी है।” कोरोना के खतरे के कारण ज्यादातर देशों में लगाए लॉकडाउन के कारण तेल की मांग में भारी कमी आई है। इसके चलते तेल कंपनियों के भंडार पूरी तरह से भर चुके हैं।
- तेल की कीमतें निगेटिव होने को लेकर अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने कहा कि एक स्तर तक बहुत सारे लोगों के लिए यह दिलचस्प है। अमेरिका अपने पेट्रोलियम भंडार को भरना चाहेगा। हम करीब 7.5 करोड़ बैरल रिजर्व रखना चाहते हैं। हमारी सरकार तेल कीमतों को ठीक कर लेगी।
- टेस्टिंग कीट को लेकर ट्रम्प ने राज्यों के गवर्नरों की आलोचना की। उन्होंने कहा कि उन लोगों को पता ही नहीं है कि टेस्ट करने की सही प्रक्रिया क्या है। राज्यों के पास पर्याप्त टेस्टिंग की क्षमता है।
इटली: संक्रमण में कमी
महामारी की शुरुआत के बाद पहली बार इटली में पहली बार संक्रमण के मामलों में कमी आई है। बीबीसी के मुताबिक, सिविल प्रोटेक्शन एजेंसी की चीफ एजेंलो बोरेली ने कहा कि पहली बार देश में संक्रमण के मामलों में कमी आई है। सोमवार तक यहां एक लाख आठ हजार 237 मरीज हैं, जो या तो अस्पताल में भर्ती हैं या घर में क्वारैंटाइन हैं। रविवार को 486 एक्टिव केस का इजाफा हुआ था। अमेरिका और स्पेन के बाद इटली तीसरा देश है, जहां संक्रमण के सबसे ज्यादा मामले हैं। यहां अब तक 24 हजार से ज्यादा मौतें हुई हैं, जबकि एक लाख 81 हजार 228 संक्रमित हैं।
श्रीलंका: 20 जून को संसदीय चुनाव होंगे
श्रीलंका में 25 अप्रैल को होने वाले संसदीय चुनावों को वायरस के खतरे के कारण स्थगित कर दिया गया है। अब यह 20 जून को होंगे। श्रीलंका चुनाव आयोग ने मंगलवार को ये जानकारी दी। सरकार के सूचना विभाग ने एक बयान जारी कर कहा कि चुनाव आयोग की तरफ से जारी इस फैसले के बाद चुनावों की नई तारीख घोषित को लेकर एक विशेष राजपत्र नोटिस जारी किया जाएगा। इससे पहले चुनाव आयोग के प्रमुख महिंदा देशप्रिया ने कहा था कि इस स्थित में 25 अप्रैल को चुनाव कराना संभव नहीं है, क्योंकि सरकारी कर्मचारी इन हालातों में काम नहीं कर सकते हैं। श्रीलंका के राष्ट्रपति गोतबाया राजपक्षे ने दो मार्च को संसद भंग कर दिया था। देश में अब तक संक्रमण के 302 केस मिले हैं, जबकि सात लोगों की मौत हो चुकी है।
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इटली और स्पेन में घटी मौतें, फ्रांस में भर्ती होने वालों की संख्या कम हुई; ब्रिटेन में लॉकडाउन जल्दी नहीं हटेगा April 20, 2020 at 02:20PM
दुनिया में कोरोना के एपिसेंटर रहे इटली और स्पेन में मौतों की संख्या घटी है। 24 घंटों में इटली में 433 मौतें हुईं। यह एक हफ्ते मे सबसे कम आंकड़ा रहा। स्पेन में 24 घंटों के दौरान 399 लोगों की मौत हुई। जबकि इससे एक दिन पहले मरने वालों की संख्या 410 थी। फ्रांस में भी पिछले 24 घंटे में 395 मौतें हुईं। शीर्ष स्वास्थ्य अथिकारी जेरोम सालोमन के मुताबिक,लगातार पांचवें दिन अस्पताल में भर्ती होने वाले कम हुए हैं। इनमें 29 लोगों की कमी आई है। आईसीयू में भर्ती होने वालों की संख्या लगातार 11वें दिन घटी है। यूरोप में 11 लाख लोग संक्रमित हैं।
कोरोना की दूसरी लहर की आशंका, ब्रिटेन नहीं मिलेगी ढील, पीपीई किट की कमी
ब्रिटेन-देश में लॉकडाउन जल्दी नहीं हटेगा। पीएम जॉनसन कोरोना की दूसरी वेव को लेकर चिंतिंत हैं, इसलिए ढील देने के पक्ष में नहीं हैं। उधर देश में पीपीई किट की कमी है। इसे लेकर डॉक्टर्स ने पीएम आवास के बाहर प्रदर्शन भी किया।
जर्मनी-चीन पर कोरोना फैलाने का आरोप लगाते हुए 10.81 लाख करोड़ रु. का बिल भेजा है। कोरोना से देश को इतना नुकसान हुआ है। इससे संबंधित पूरी लिस्ट यहां के प्रसिद्ध अखबार ‘बिल्ड’ में प्रकाशित भी की गई है। जीडीपी भी गिरी है।
रूस-देश में एचआईवी की दवा केलेट्रा की कालाजाबाजारी शुरू हो गई है। इसे कोरोना के इलाज में प्रभावी माना जा रहा है। जनवरी के शुरुआत में इसका एक बॉक्स करीब 900 रुपए में मिल रहा था। अब 3600-3700 रुपए वसूले जा रहे हैं। रूस में 47 हजार संक्रमित हैं। हर दिन 4 हजार केस आ रहे हैं।
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100 दिनों में कोरोना संक्रमण से 1.5 लाख मौतें; इससे 4 गुना शराब से, 2 लाख ने खुदकुशी की April 20, 2020 at 02:20PM
दुनिया भर में कोरोना की वजह से डेढ़ लाख से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है।यह आंकड़ा लगातार बढ़ रहा है। लेकिन, अन्य बीमारियां भी लोगों की जान ले रही हैं। हालांकि, कोरोना संकट की वजह से इस पर लोगों का ध्यान थोड़ा कम है। आंकड़ों की मानें, तो इस साल के महज 100 दिन में करीब 49 लाख लोग दिल की बीमारी की वजह से जान गंवा चुके हैंजबकि सालाना आंकड़े 2 करोड़ हैं। अल्कोहल से 8 लाख से ज्यादा मौतें हो चुकी हैं, जो एड्स से हुईं मौतों की तुलना में करीब 3 गुना हैं। यह आंकड़े डब्ल्यूएचओ, द वर्ल्डकाउंट के मुताबिक हैं।
2 लाख से ज्यादा सुसाइड ने बढ़ाई चिंता
इस साल दो लाख से ज्यादा लोगों ने आत्महत्या कर ली। डब्ल्यूएचओ के मुताबिक, सालाना स्तर पर यह आंकड़ा औसतन करीब 8 लाख होता है।
कारण | मौतें | सालाना मौतें |
कार्डियोवस्कुलर | 49 लाख | 1.78 करोड़ |
मलेरिया | 1.19 लाख | 6.20 करोड़ |
अल्कोहल | 8.3 लाख | 30 लाख |
एचआईवी एड्स | 3 लाख | 9.42 लाख |
सुसाइड | 2.20 लाख | 8 लाख |
भुखमरी | 2.5 लाख | 28 लाख |
धूम्रपान | 1.30 लाख | 72 लाख |
अमेरिका: कोरोना से लड़़ रहे भारतीय डॉक्टर्स गंभीर
दुनियाभर में कोरोना के खिलाफ जंग में फ्रंटलाइन पर डॉक्टर्स, नर्स और अन्य मेडिकल स्टाफ मोर्चा संभाले हैं। अमेरिका और ब्रिटेन में कई भारतीय मूल के डॉक्टर्स और अन्य मेडिकल स्टाफ दिन-रात जुटे हैं। कई डॉक्टर इस जंग में जिंदगी कुर्बान कर चुके हैं। ऐसी ही एक डॉक्टर थीं माधवी अया, कोरोना संक्रमित के इलाज के दौरान चपेट में आईं डॉ. माधवी का न्यूयॉर्क के अस्पताल में पिछले सप्ताह निधन हो गया। इसी तरह कई भारतीय डॉक्टर्स की जान गई है तथा कई गंभीर रूप से बीमार हैं। संक्रमितों में ज्यादा भारतीय-अमेरिकी डॉक्टर न्यूयॉर्क और न्यूजर्सी से हैं।
डॉक्टर रजत गुप्ता (परिवर्तित नाम) न्यूजर्सी में कोरोना मरीज की जांच कर रहे थे। तभी उसने डॉक्टर गुप्ता के चेहरे पर उल्टी कर दी। इसके बाद डॉक्टर गुप्ता भी संक्रमित पाए गए। उन्हेंबचाया नहीं जा सका। भारतीय मूल के अमेरिकी चिकित्सकों के संघ (एएपीआई) के सचिव रवि कोहली ने कहा कि कम से कम 10 डॉक्टर गंभीर हैं। किडनी रोग विशेषज्ञ प्रिया खन्ना (43) का हाल में न्यूजर्सी में निधन हो गया। उनके सर्जन पिता सत्येंद्र खन्ना (78) भी संक्रमित हैं। एएपीआई की वाइस प्रेसिडेंट डॉ. अनुपमा गोतीमुकुला ने कहा, ‘भारतीय-अमेरिकी डॉक्टर्स असल नायक हैं। इस खतरनाक दौर में भी ये जुटे हैं।’ उन्होंने बताया कि संस्था प्रमुख डॉक्टर अजय लोढा भी कोरोना के कारण आईसीयू में हैं।
भारतीय छात्रों के लिए हेल्पलाइन
अमेरिका में हिंदू संगठनों के समूह ने भारतीय छात्रों के लिए हेल्पलाइन शुरू की है। हिंदू युवा, भारतीय, विवेकानंद हाउस और सेवा इंटरनेशनल ने संयुक्त रूप से ‘कोविड-19 स्टूडेंट सपोर्ट नेटवर्क’ पहल की है। वॉशिंगटन में इसका काम देख रहे प्रेम रंगवानी ने कहा कि इसे 90 छात्र चला रहे हैं। इसके जरिए छात्रों को जरूरी चीजें देना और उनके रहने की व्यवस्था करना भी शामिल है।
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10 हजार लोगों ने मास्क पहनकर और दो मीटर की दूरी बनाकर पीएम का विरोध किया, यहां कोरोना के 13 हजार से ज्यादा मामले आ चुके हैं April 20, 2020 at 08:43AM
दुनियाभर में लॉकडाउन जारी है। कई देशों में सख्त नियम लागू हैं। इनमें इजरायल भी शामिल है, जहां कोरोना को हराने के लिए सख्त प्रतिबंध हैं। लेकिन, इन प्रतिबंधों से परेशान करीब 10 हजार लोग रविवार देर रात सड़क पर उतर आए। उन्होंने पीएम बेंजामिन नेतन्याहू के खिलाफ प्रदर्शन किया। प्रदर्शनकारियों ने मास्क पहनकरऔर दो मीटर की दूरी बनाकर पीएम के खिलाफ नारेबाजी की। उनके हाथों में काले झंडे थे, जिसमें सरकार विरोधी नारे लिखे थे।
प्रदर्शनकारी बोले- हम नियमों का पालन कर रहे हैं
प्रदर्शनकारियों का कहना था- देश में सख्त प्रतिबंध लागू हैं। लेकिन हम एक-दूसरे से दूरी बनाकर और मास्क पहनकर प्रदर्शन कर सकते हैं। हम नियमों का पालन कर रहे हैं। वहीं,इजरायल में अब तक संक्रमण के 13 हजार 491 मामले सामने आ चुके हैं, जबकि 172 लोगों की मौत हो चुकी है।
साल में तीन बार चुनाव, सरकार तब भी नहीं बनी
प्रदर्शनकारियों ने ‘सेव द डेमोक्रेसी’ के बैनर तले गैंट्ज की ब्लू एंड व्हाइट पार्टी से भ्रष्टाचार के आरोपों वाले प्रमुख के नेतृत्व वाले गठबंधन में शामिल नहीं होने का आह्वान किया। नेतन्याहू भ्रष्टाचार के तीन मामलों में आरोपी हैं। हालांकि, वे इससे इनकार करते रहे हैं। देश में एक साल में तीन चुनाव हो चुके हैं, इसके बाद भी सरकार नहीं बन पाई है।
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टॉम एंड जैरी पात्रों को रचने वाले जीन डाइच का 95 साल की उम्र में देहांत; जीन को सपने में भी दोनों लड़ते दिखाई देते थे, सुबह वो यही लड़ाई कागज पर उतार देते थे April 20, 2020 at 08:17AM
मशहूर कार्टून कैरेक्टर टॉम एंड जैरी के इलस्ट्रेटर, ‘पोपाय द सेलर मैन’ और ‘मुनरो’ जैसी कार्टून फिल्म्स के निर्देशक और निर्माता जीन डाइच का 95 साल की उम्र में निधन हो गया। वे 16 अप्रैल को प्राग के अपने अपार्टमेंट में मृत मिले। जीन पहले उत्तरी अमेरिका में सेना से जुड़े हुए थे। वे पायलटों को ट्रेनिंग देने और सेना के लिए ड्राफ्टमैन का काम करते थे, लेकिन सेहत संबंधी परेशानियों के चलते उन्हें 1944 में सेना से हटा दिया गया। बाद में वे एनिमेशन के क्षेत्र से जुड़ गए। इसके बाद उन्होंने टॉम एंड जैरी कार्टून कैरेक्टर क्या सोचकर बनाया? एक इंटरव्यू में उन्होंने यह साझा किया था। आप भी पढ़िए।
चुनौती ऐसा कैरेक्टर बनाने की थी, जो बिना कुछ बोले सबको हंसा सके और सालों तक याद रहे
जीन डाइच ने बताया था कि मैं 1944 में अमेरिका में सेना की नौकरी छोड़कर हॉलीवुड के मशहूर एमजीएम प्रोडक्शन हाउस के साथ जुड़ गया। टॉम एंड जेरी की शुरुआत भी यहीं से हुई। इसे बनाने से पहले मेरे सामने यह चुनौती थी कि बिल्ली और चूहे की कभी न खत्म होने वाली इस लड़ाई में भाषा और किसी भी देश की सीमा से परे मैं ऐसा कैरेक्टर बनाऊं, जिसे लोग सालों तक याद रख सकें। यानी ऐसा कैरेक्टर, जो बिना कुछ बोले अपने भाव से सबको हंसा सके।
सपने में भी लड़ते हुए दिखते थे टॉम एंड जैरी- जीन
उन्होंने बताया किइसी बीच, मेरी मुलाकात विलियम हन्ना और जोसेफ बारबरा से हुई। दोनों एमजीएम स्टूडियो में काम करते थे। दोनों बहुत मेहनती थे। मैंने टॉम एंड जैरी के कैरेक्टर्स पर उनके साथ मिलकर काम करना शुरू किया। एनिमेटर होने के नाते मुझे एक सीरिज में हजारों कार्टून स्ट्रिप बनाने पड़ते थे, क्योंकि तब कम्प्यूटर की तकनीक नहीं हुआ करती थी।जीन ने कहा था किटॉम एंड जैरी का कैरेक्टर मेरे दिमाग में ऐसे घुस गया कि रात के सपने में भी मुझे वो आपस में लड़ते हुए दिखाई देते थे। सुबह उनकी लड़ाई को मैं कागज पर उकेर देता था।
1960 में टॉम एंड जैरी की 13 एपिसोड की नई श्रृंखला बनाई- जीन
1957 में एमजीएम स्टूडियो ने अपनी एनिमेशन यूनिट को बंद कर दिया। 1959 में मैं प्राग घूमने आया और यहीं बसने की ठान ली। इसके बाद हन्ना और बारबरा भी प्राग आ गए और यहां खुद का प्रोडक्शन हाउस खोला। 1960 में टॉम एंड जैरी की 13 एपिसोड की नई श्रृंखला और ‘पोपाय द सेलर मैन’ फिल्म ने सफलता के झंडे गाड़ दिए। यहां से मुझे प्रसिद्धि मिली। 1967 में मुनरो के लिए मुझे ऑस्कर भी मिला।
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अमेरिका और ब्राजील के बाद फ्रांस में भी लॉकडाउन का विरोध, पेरिस में दंगा भड़का; पुलिस पर बर्बरता और नस्लभेद का आरोप April 20, 2020 at 05:57AM
अमेरिका और ब्राजील के बाद फ्रांस में लॉकडाउन काविरोध शुरू हो गया है। फ्रांस की राजधानी पेरिस में रविवार को लॉकडाउन के विरोध में दंगे भड़क उठे। यह दंगे उत्तरी पेरिस के विलेन्यूवे ला-गेरेन में भड़के। पुलिस पर आरोप है कि वह लॉकडाउन का पालन करवाने के दौरान गैर-ईसाई अल्पसंख्यकों के साथ बर्बरता से पेश आई और नस्लभेदी रवैया अपनाया। फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुअल मैक्रों ने सोशल डिस्टेंसिंग के प्रतिबंधों को 11 मई तक बढ़ा दिया है। इसी के बाद पेरिस में यह दंगे भड़के हैं।
दंगों के दौरानभारी संख्या में लोग सरकार के विरोध में सड़कों पर उतर गए।पुलिस ने आंसू गैस छोड़ी, रबर बुलेट चलाई और लाठी चार्ज भी किया। तस्वीरों में पुलिस का लाठीचार्ज और लोगों का विरोध स्पष्ट नजर आया। इस दौरान सड़कों पर पटाखे भी छोड़े गए।
30 साल का बाइकर पुलिस कार से टकराया, उसके बाद भड़के दंगे
पेरिस में 30 साल का एक बाइक सवार एक अनियंत्रित पुलिस कार की चपेट में आकर गंभीर रूप से घायल हो गया था। इसके बाद लोग भड़क गए और प्रदर्शन करने लगे। लोगों ने कई वाहन जला दिए और आतिशबाजी भी की। लोगों का कहना है कि बाइक सवार जा रहा था तो पुलिस ने जानबूझकर अपनी कार का गेट खोल दिया, जिससे वह उससे टकराकर गंभीर रूप से घायल हो गया। फ्रांसीसी पत्रकार ताहा बुहाफ्स ने घटना से जुडा एक वीडियो पोस्ट किया है। यहां पुलिस पर नस्लवाद के आरोप लगाए गए हैं।
फ्रांस में मौतों की दर में कमी आई
फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुअल मैक्रों ने फ्रांस में सोशल डिस्टेसिंग के नियम 11 मई तक बढ़ा दिए हैं। फ्रांस में वायरस से होने वाली मौतों में सोमवार को तीन हफ्तों में सबसे ज्यादा कमी आई है। यहां 395 मौतें दर्ज की गईं। यहां कुल 19,718 मौतें दर्ज की गई हैं।
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Prince Harry begged father-in-law to call him before wedding, document shows April 20, 2020 at 05:16AM
स्पेन, इटली और फ्रांस में 45 फीसदी तक प्रदूषण घटा, मौसम वैज्ञानिक बोले- महामारी से दुनिया को यही एक अच्छी चीज मिली April 20, 2020 at 05:00AM
एम्सटर्डम. कोरोना महामारी से यूरोप में 10 लाख से ज्यादा लोग संक्रमित हैं। 95 हजार से ज्यादा की मौतें हो चुकी हैं। संकट के इस वक्त में नीदरलैंड के मौसम विज्ञान संस्था(केएनएमआई) ने यूरोप के तीन बड़े देश स्पेन, इटली और फ्रांस के वायुमंडल की सैटेलाइट तस्वीर जारी की है, जिसके मुताबिक यहां के वायुमंडल से वायु प्रदूषण 2019 की तुलना में 45% तक घट गया है। अध्ययन के अनुसार वायुमंडल में नाइट्रोजन डाइऑक्साइड का स्तर भी 54% तक गिर गया है।
डच इंस्टीट्यूट के वैज्ञानिकों ने यूरोपीय अंतरिक्ष एजेंसी के कॉपरनिकस ट्रोपोमी उपकरण से 2019 के मार्च-अप्रैल महीनों की 2020 के मार्च-अप्रैल से तुलनात्मक अध्ययन किया। इसमें पाया कि तीनों देशों का वातावरण बहुत साफ हो गया है। इन तस्वीरों से भी पता चलता है कि 2019 में इन देशों के वायुमंडल में प्रदूषण का स्तर कितना ज्यादा था।
स्पेन, इटली, फ्रांस में अब तक 60 हजार से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है
विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार वायु प्रदूषण से हर साल दुनिया में 7 फीसदी लोगों की असमय मौत होती है। दूसरी तरफ, बात अगर स्पेन, फ्रांस और इटली की करें तो अब तक कोरोना से यहां करीब 60 हजार लोगों की मौत और 4.5 लाख से ज्यादा लोग संक्रमित हो चुके हैं। यूरोप में सबसे ज्यादा मौतें इटली में 23,660 में हुई हैं।
एक्सपर्ट्स कहते हैं- नाइट्रोजन डाइऑक्साइड जानलेवा प्रदूषक है, जो औद्योगिक गतिविधियों द्वारा उत्पन्न होता है
स्टडी करने वाले केएनएमआई के वैज्ञानिक डॉ. हेंक एस्कस ने कहते हैं कि नाइट्रोजन डाइऑक्साइड एक घातक प्रदूषक है, जो औद्योगिक गतिविधियों द्वारा उत्पन्न होता है। हमारी टीम ने 2019 और 2020 के तुलनात्मक अध्ययन में पाया कि मैड्रिड (स्पेन), मिलान और रोम (इटली) के साथ लगते अन्य शहरों में नाइट्रोजन डाइऑक्साइड का स्तर 45% तक कम हो गया है, जबकि फ्रांस के पेरिस में इसका स्तर 54 प्रतिशत रहा। डेटा कैलुकेलेशन में 15% प्लस और माइनस की संभावना है, जो कि एक अहम मार्जिन है। ऐसा मुख्य रूप से बदलते मौसम की स्थिति और नाइट्रोजन डाइऑक्साइड की दैनिक दर में भारी उतार-चढ़ाव के कारण होता है। कोरोना महामारी का यही एर उजला पक्ष है कि दुनिया में वायु प्रदूषण का स्तर कम हो गया है।'
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हैरी और मेगन मर्केल ने ब्रिटेन के चार अखबारों को ब्लैकलिस्ट किया, गलत खबरें छापने का आरोप April 20, 2020 at 04:14AM
प्रिंस हैरी और उनकी पत्नी मेगन ने रविवार को चार बड़े अखबारों को ब्लैकलिस्ट कर दिया है। उन्होंने इन अखबारों पर गलत और आक्रामक खबरें छापने का आरोप लगाया है । उन्होंने एक पत्र जारी कर इसकी जानकारी दी है। ये चार अखबार- द सन, डेली मेल, मिरर और एक्सप्रेस हैं।
ब्रिटिश रॉयल फैमिली को छोड़कर हाल ही में अलग हुए दंपती नेइन अखबारों को एक लेटर लिखा है। फाइनेंशियल टाइम्स के रिपोर्टर मार्क डि स्टेफनो ने ट्विटर पर यह लेटर पोस्ट किया है। इसमें लिखा है, ‘‘यह कदम आलोचनाओं से बचने के लिए नहीं है। यह मीडिया पर सेंसरशिप लगाने के बारे में भी नहीं है।’’ माना जा रहा है कि हैरी और उनकी पत्नी मेगन मीडिया में आईं गलत खबरों को लेकर आहत हैं। दंपति ने अपने लिए नई प्रेस नीति अपनाई है। इसमें इन चार अखबारों को बाहर कर दिया गया है। संपादकों को अपने संदेश में, दंपति ने कहा है कि उनकी नई नीति सभी मीडिया पर लागू नहीं होती है और वे दुनिया भर के पत्रकारों के साथ काम करना जारी रखेंगे।
जनवरी में रॉयल फैमिली से अलग होने की घोषणा की थी
हैरी और मेगन ने जनवरी में रॉयल ड्यूटी से अलग होने और आर्थिक रूप से स्वतंत्र होने की घोषणा की थी। उनके अलग होने की प्रक्रिया को ब्रेक्जिट की तर्ज पर मेग्जिट कहा गया था। इस दौरान कई रिपोर्ट सामने आईं थीं कि मेगन शाही जीवन से नाखुश थीं। इसके साथ मीडिया में और भी तमाम तरह की खबरें आईं थीं। जिस पर दंपति पहले भी नाराजगी जता चुकाहै। वर्तमान में हैरी और मेगन कैलिफोर्निया में बहुत सामान्य जीवन बिता रहे हैं। कैलिफोर्निया में अभी उनके ठिकाने की सही जानकारी नहीं है। माना जा रहा है कि वे तटीय शहर मालिबु में रहते हैं।
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हैरी और मेगन मर्केल ने ब्रिटेन के चार अखबारों को ब्लैकलिस्ट किया, गलत खबरें छापने का आरोप April 20, 2020 at 04:14AM
प्रिंस हैरी और उनकी पत्नी मेगन ने रविवार को चार बड़े अखबारों को ब्लैकलिस्ट कर दिया है। उन्होंने इन अखबारों पर गलत और आक्रामक खबरें छापने का आरोप लगाया है । उन्होंने एक पत्र जारी कर इसकी जानकारी दी है। ये चार अखबार- द सन, डेली मेल, मिरर और एक्सप्रेस हैं।
ब्रिटिश रॉयल फैमिली को छोड़कर हाल ही में अलग हुए दंपती नेइन अखबारों को एक लेटर लिखा है। फाइनेंशियल टाइम्स के रिपोर्टर मार्क डि स्टेफनो ने ट्विटर पर यह लेटर पोस्ट किया है। इसमें लिखा है, ‘‘यह कदम आलोचनाओं से बचने के लिए नहीं है। यह मीडिया पर सेंसरशिप लगाने के बारे में भी नहीं है।’’ माना जा रहा है कि हैरी और उनकी पत्नी मेगन मीडिया में आईं गलत खबरों को लेकर आहत हैं। दंपति ने अपने लिए नई प्रेस नीति अपनाई है। इसमें इन चार अखबारों को बाहर कर दिया गया है। संपादकों को अपने संदेश में, दंपति ने कहा है कि उनकी नई नीति सभी मीडिया पर लागू नहीं होती है और वे दुनिया भर के पत्रकारों के साथ काम करना जारी रखेंगे।
जनवरी में रॉयल फैमिली से अलग होने की घोषणा की थी
हैरी और मेगन ने जनवरी में रॉयल ड्यूटी से अलग होने और आर्थिक रूप से स्वतंत्र होने की घोषणा की थी। उनके अलग होने की प्रक्रिया को ब्रेक्जिट की तर्ज पर मेग्जिट कहा गया था। इस दौरान कई रिपोर्ट सामने आईं थीं कि मेगन शाही जीवन से नाखुश थीं। इसके साथ मीडिया में और भी तमाम तरह की खबरें आईं थीं। जिस पर दंपति पहले भी नाराजगी जता चुकाहै। वर्तमान में हैरी और मेगन कैलिफोर्निया में बहुत सामान्य जीवन बिता रहे हैं। कैलिफोर्निया में अभी उनके ठिकाने की सही जानकारी नहीं है। माना जा रहा है कि वे तटीय शहर मालिबु में रहते हैं।
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प्रिंस हैरी और उनकी पत्नी मेगन ने ब्रिटेन के चार अखबारों को ब्लैकलिस्ट किया, कहा- यह कदम मीडिया पर सेंसरशिप लगाने के लिए नहीं उठाया April 20, 2020 at 02:58AM
प्रिंस हैरी और उनकी पत्नी मेगन ने रविवार को चार बड़े अखबारों को ब्लैकलिस्ट कर दिया है। उन्होंने इन अखबारों पर गलत और आक्रामक खबरें छापने का आरोप लगाया है । उन्होंने एक पत्र जारी कर इसकी जानकारी दी है। ये चार अखबारद सन, डेली मेल, मिरर और एक्सप्रेस हैं।माना जा रहा है कि हैरी और उनकी पत्नी मेगन मीडिया में छपी गलत खबरों को लेकर आहत हैं।
अखबारों को लिखा पत्र
दंपतीने अपने लिए नई प्रेस नीति अपनाई है। इसमें इन चार अखबारों को बाहर कर दिया गया है। ब्रिटिश रायल फैमिली को छोड़कर हाल ही में अलग हुए दंपती नेइन अखबारों को एक लेटर भी लिखा है।फाइनेंशियल टाइम्स के रिपोर्टर मार्क डि स्टेफनो ने ट्विटर पर यह लेटर पोस्ट किया है। इसमें लिखा है, ‘‘यह कदम आलोचनाओं से बचने के लिए नहीं है। यह मीडिया पर सेंसरशिप लगाने के बारे में भी नहीं है। हमारीनई नीति सभी मीडिया पर लागू नहीं होती है और हम दुनिया भर के पत्रकारों के साथ काम करना जारी रखेंगे।"
जनवरी में रायल फैमिली से अलग होने की घोषणा की थी
हैरी और मेगन ने जनवरी में रायल ड्यूटी से अलग होने और आर्थिक रूप से स्वतंत्र होने की घोषणा की थी। उनके अलग होने की प्रक्रिया को ब्रेक्जिट की तर्ज पर मेग्जिट कहा गया था। इस दौरान कई रिपोर्ट सामने आईं थीं कि मेगन शाही जीवन से नाखुश थीं। इसके साथ मीडिया में और भी तमाम तरह की खबरें आईं थीं। जिस पर दंपति पहले भी नाराजगी जता चुके हैं। वर्तमान में हैरी और मेगन कैलिफोर्निया में बहुत सामान्य जीवन बिता रहे हैं। कैलिफोर्निया में अभी उनके ठिकाने की सही जानकारी नहीं है। माना जा रहा है कि वे तटीय शहर मालिबु में रह रहे हैं।
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जर्मनी ने कोरोनावायरस से हुए नुकसान की भरपाई के लिए चीन को 12 लाख करोड़ रुपए का बिल भेजा April 19, 2020 at 11:13PM
चीन के वुहान से फैले कोरोनोवायरस संक्रमण के कारण चीन को दुनिया के कई देशों की आलोचना का सामना करना पड़ रहा है। अमेरिका और यूरोप के कई देशों ने चीन पर सीधा आरोप लगाया है। जर्मनी ने अब चीन को कोरोनावायरस से हुए नुकसान की भरपाई के लिए 130 अरब पाउंड (करीब 12 लाख करोड़ रुपए) का बिल भेजा है।
यूरोपीय शक्तियोंजैसे जर्मनी, फ्रांस, ब्रिटेन और अमेरिका ने चीन की संदिग्ध भूमिका पर आलोचना की है। जर्मनी के सबसे बड़े अखबार बिल्ड में एक इनवॉइस छापा गया है। इसमें बताया गया है कि बीजिंग पर बर्लिन की 130 अरब पाउंड (149 बिलियन यूरो) की उधारी बाकी है। जर्मनी में अब तक संक्रमण के 1 लाख 45 हजार 743 मामले सामने आए हैं। यहां 4,642 लोगों की मौत भी हो चुकी है
किस क्षेत्र में कितना नुकसान
जर्मनी के अखबार ‘बिल्ड’ में ‘चीन को कितनी उधारी चुकानी है’ हेडलाइन से खबर छापी गई है। नुकसान की लिस्ट में कि 27 अरब यूरो टूरिस्ट रेवेन्यू का नुकसान, 7.2 अरब यूरो फिल्म इंडस्ट्री का नुकसान, जर्मन एयरलाइन कंपनियों का प्रति घंटे का 10 लाख यूरो नुकसान और 50 अरब यूरो जर्मनी के छोटे उद्योगों को हुआ नुकसान शामिल है। ‘बिल्ड’ ने बताया कि इसमें प्रति व्यक्ति 1,784 यूरो (1,550 पाउंड) का नुकसान भी जोड़ा गया है। यह जर्मनी की जीडीपी 4.2 प्रतिशत गिरने की स्थिति का आंकड़ा है।
सब जानते हुए दुनिया को अंधेरे में रखने का आरोप
जर्मनी के इस कदम को चीन ने राष्ट्रवाद को बढ़ावा देने और विदेशियों से नफरत दिखाने वाला कदम बताया है। बिल्ड एडिटर-इन-चीफ जूलियन रीचेल्ट ने कहा, ‘‘हमने अपने अखबार में पूछा है कि क्या चीन को दुनियाभर को भारी आर्थिक क्षति के लिए भुगतान करना चाहिए?’’ उन्होंने कहा, ‘‘शी जिनपिंग, आपकी सरकार और वैज्ञानिक यह बहुत पहले से जानते थे कि कोविड-19 बहुत ही खतरनाक वायरस है, लेकिन आप लोगों ने दुनिया को इस बारे में अंधेरे में रखा। इसके साथ ही जब पश्चिमी देशों के वैज्ञानिकों ने जानना चाहा कि वुहान में क्या चल रहा है तो आपके वैज्ञानिकों ने कोई जवाब नहीं दिया। आपको सच बताने में लगा कि यह एक राष्ट्रीय अपमान है। ”
ट्रम्प भी दे चुके हैं चेतावनी
शनिवार को अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने चीन को चेताया कि अगर उसने यह जानबूझकर किया है तो उसे गंभीर परिणाम भुगतने होंगे। ट्रम्प ने कहा था, ‘‘जब यह संक्रमण शुरू हुआ तभी इसे चीन में रोका जा सकता था, लेकिन ऐसा नहीं हुआ और अब पूरी दुनिया इसके चपेट में है।’’चीन पर ऐसे आरोप लगाए जाते रहे हैं कि उसके किसी भी काम में पारदर्शिता नहीं होती है। इस घातक वायरस का स्रोत रहे चीन के वुहान का वह वेट मार्केट भी फिर से शुरू कर दिया गया है।
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न्यूज चैनल ने हत्या के आरोपी की जगह लगा दी आमिर खान की फोटो, स्क्रीनशॉट वायरल April 19, 2020 at 09:26PM
पाकिस्तानी मीडिया अपनी गलती की वजह से चर्चा में है। यहां के एक न्यूज चैनल में हत्या के आरोपी की जगह बॉलीवुड एक्टरआमिर खान की फोटो लगा दी गई। इसको लेकर अबी न्यूज चैनल को काफी ट्रोल किया जा रहा है। दरअसल हत्या के आरोपी का नाम भी आमिर खान था, इसके चलते ही चैनल से यह गलती हुई। आमिर खान के फैंस भी इससे नाराज हैं।
पाकिस्तान की कोर्ट ने राजनीतिक पार्टी मुजाहिर कौमी आंदोलन -हक्की (एमक्यूएम) के नेता आमिर खान को डबल मर्डर के केस में 17 साल बाद रिहा किया है। इसी खबर को ब्रेक करने की जल्दी में एक न्यूज चैनल में आमिर खान की जगह बॉलीवुड एक्टर आमिर खान का फोटो लगाकर न्यूज चला दी। जब तक इस गलती का एहसास होता तब तकदेर हो चुकी थी। लोगों ने इसका स्क्रीन शॉट लेकर वायरल करना शुरू कर दिया। पाकिस्तान की पत्रकार नायला इनायत ने भी इस स्क्रीन शॉट को ट्विटर पर पोस्ट किया है। उन्होंने ट्वीट में तंज कसते हुए लिखा, ‘‘हम नहीं जानते थे कि भारतीय अभिनेता पिछले 17 सालों से पाकिस्तान में थे।’’
कई मीम्स हुए वायरल
स्क्रीन शॉट वायरल होते ही सोशल मीडिया पर कई मीम्स भी वायरल हुए हैं
लॉकडाउन से पहलेआमिर खान अभी लाल सिंह चड्ढा की शूटिंग में जुटे थे। फिलहाल कोरोनावायरस के चलते शूटिंग रुकी हुई है।ये फिल्म हॉलीवुड फिल्म ‘फॉरेस्ट गंप’ की रीमेक होगी। फिल्म 2021 में रिलीजहो सकती है।
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अमेरिका में महिलाएं बनी 'कोरोना वरियर्स', सोशल वर्कर, कैशियर, डिलीवरी, इमरजेंसी नर्स जैसे जरूरी वर्कफोर्स में पुरुषों से ज्यादा महिलाएं हैं तैनात, हर 3 में से एक बड़ी जिम्मेदारी महिलाओं पर April 20, 2020 at 12:52AM
कोरोनावायरस का सबसे ज्यादा असर अमेरिका पर पड़ा है। यहां कोरोना से 7 लाख से ज्यादा लोग संक्रमित हैं। इस समय अमेरिका में आवश्यक वर्कफोर्स के तौर पर ज्यादातर महिलाएं तैनात हैं। प्रत्येक तीन में से एक महत्वपूर्ण काम महिलाओं के जिम्मे हैं। सोशल वर्कर, कैशियर, डिलीवरी, फूड प्रोसेसिंग, इमरजेंसी नर्स, फार्मासिस्ट या घर पर स्वास्थ्य सहयोगी, आपातकाल के इस दौर में महिलाएं सैनिकों की तरह तैनात हैं। संकट के इस काल में 48,710,000 अमेरिकी महिलाएं कोरोना वरियर्स की भूमिका में हैं।
आमतौर पर जरूरी कामों में पुरुषों की ही संख्या ज्यादा होती है
न्यूयॉर्क टाइम्स द्वारा सरकार के जरूरी कार्यकर्ताओं की गाइडलाइन्स के सेंसस डाटा का विश्लेषण किया गया है। इसमें पता चला है कि अमेरिका में तीन में से एक महत्वपूर्ण काम महिलाओं के जिम्मे है। सामान्य दिनों में तो जरूरी कामों में पुरुषों की ही संख्या ज्यादा होती है, पर मार्च में सरकार द्वारा जारी गाइडलाइन में जिन नौकरियों को जरूरी बताया गया है, इनमें ज्यादातर काम महिलाओं के जिम्मे है।
देश में जरूरी वर्कफोर्स में महिलाओं की हिस्सेदारी 52%
क्षेत्र |
महिलाओं का योगदान (%) | कुल वर्कर |
सोशल वर्कर |
78% | 2,320,000 |
हेल्थकेयर |
77% | 19,090,000 |
क्रिटिकल रिटेल |
53% | 7,570,000 |
मेडिकल सप्लाई |
46% | 520,000 |
फूड प्रोसेसिंग |
39% | 2,290,000 |
डिलीवरी |
34% | 2,620,000 |
आईटी/फाइनेंस |
28% | 360,000 |
यूटिलिटी वर्कर |
23% | 2,100,000 |
कोरोनावायरस संक्रमित होने वाले हेल्थवर्कर्स में 73% महिलाएं हैं
फिलहाल देश में 1.9 करोड़ हेल्थवर्कर हैं। कृषि के मुकाबले तीन गुना ज्यादा। महामारी से पहले भी यहां पर हेल्थवर्कर की मांग बहुत ज्यादा थी। हर पुलिस अधिकारी के साथ 4 रजिस्टर्ड नर्सें हैं। फिर भी लगातार इनकी कमी बताई जा रही है। उधर सीडीसी की ताजा रिपोर्ट के मुताबिक कोरोनावायरस संक्रमित होने वाले हेल्थवर्कर्स में 73% महिलाएं हैं।
स्त्रोत- न्यूयार्क टाइम्स
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पुलिस की वर्दी पहने बंदूकधारी ने 16 लोगों की हत्या की; रातभर गोलीबारी करता रहा, सुबह हमलावर का भी शव मिला April 19, 2020 at 11:38PM
कनाडा के नोवा स्कोटिया प्रांत में सोमवार को पुलिस की वर्दी पहने बंदूकधारी ने 16 लोगों की हत्या कर दी। इस दौरान कई लोग घायल भी हुए। घटना में हमलावर भी मारा गया। हालांकि, पहले पुलिस ने उसे गिरफ्तार करने की जानकारी दी थी। हमलावर की पहचान 51 साल के गैबरियल वोर्टमैन के रूप में हुई है।पुलिस ने बताया कि हमलावर ने प्लानिंग के तहत फायरिंग की घटना की अंजाम दिया है। वह पोर्टपिक्यू में अक्सर रुकता था। उसने अपनी कार को पुलिस की कार की तरह करवा रखा था। साथ ही उसने पुलिस की यूनिफार्म भी पहन रखी थी।
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, रविवार रात स्कोटिया प्रांत के हालिफाक्स से 100 किमी दूर पोर्टपिक्यू कस्बे में गोलीबारी की सूचना मिली थी। पुलिस जब वहां पहुंची तो उन्हेंकई शव मिले। पुलिस ने सभी लोगों को घरों में अपने बेसमेंट में छिप जाने के लिए कहा।इसके बाद पुलिस कोअन्य जगहों पर गोलीबारी की घटनाओं की जानकारी मिली और वहां भी कुछ शव मिले। थोड़ी देर बाद पुलिस ने जानकारी दी कि उन्होंने हमलावार को गिरफ्तार कर लिया है। हालांकि, थोड़ी देर बाद ही उसके मरने की खबर आई। सोमवार सुबह पता चला कि कुल 16 लोगों की मौत हुई है।
प्रधानमंत्री ट्रूडो ने घटना परदुखजताया
प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने घटना को लेकर दुख प्रकट करते हुए कहा, “एक देश के रूप में, ऐसे दुखद क्षणों में, हम एक दूसरे का सपोर्ट करने के लिए एक साथ हैं। साथ मिलकर हम पीड़ितों के परिवारों के साथ शोक मनाएंगे, और उन्हें इस मुश्किल समय से निकालने में मदद करेंगे।” नोवा स्कोटिया प्रांत के प्रीमियर स्टीफन मैकनील ने इस घटना को प्रांत के 30 वर्ष के इतिहास में अब तक की सबसे क्रूर घटना बताया है। इससे पहले साल 1989 में मॉन्ट्रियल के इकोले पॉलीटेक्निक में शूटिंग के दौरान 14 महिलाओं की मौत हो गई और 14 घायल हो गए थे।
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एक्सपर्ट्स बोले- अमेरिका पाबंदियों में ढील देने से पहले कोरोना टेस्टिंग को 3 गुना बढ़ाए, नहीं तो हालात बिगड़ेंगे; अभी एक दिन 1.46 लाख टेस्ट हो रहे April 19, 2020 at 09:23PM
कीथ कोलिन्स.अमेरिकीराष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने देश की अर्थव्यवस्था को तीन चरणों में खोलने का ऐलान किया है। कई अमेरिकी प्रांतों के गवर्नरभी प्रतिबंधों में ढील देना चाहते हैं। इसको लेकर हार्वर्ड यूनिवर्सिटी के शोधकर्ताओं ने चिंता जताई है। उनका कहनाहै कि प्रतिबंधों में ढील देने से पहलेअमेरिका को मौजूदाकोरोना टेस्टिंग कोतीन गुना तक बढ़ाना होगा। उससे पहले किसी तरह की ढील से बहुत ज्यादा खतरा बढ़ जाएगा।
टेस्टिंग बढ़ाना बेहद जरूरी, ताकि स्वस्थ लोग संक्रमितों से दूर हो सकें
कोविड ट्रैकिंग प्रोजेक्ट के अनुसारअभी अमेरिका मेंएक दिन मेंएक लाख 46 हजार लोगों की कोरोना टेस्टिंग की जा रहीहै। अभी तक करीब 37 लाख लोगों की टेस्टिंग की जा चुकी है। अमेरिका को मई के मध्य तक फिर से पूरी तरह से खोलने के लिए एक दिन में 5लाख से 7 लाख तक टेस्टिंग करनी होंगी। शोधकर्ताओं के अनुसार टेस्टिंग का स्तर बढ़ाना इसलिए जरूरी है, क्योंकिज्यादा से ज्यादा संक्रमितोंकी पहचान कर उन्हें स्वस्थ लोगों से दूर कर बेहद जरूरी है।
अमेरिका की पॉजिटिव रेट दुनिया में सबसे ज्यादा
अमेरिका में अभी एक दिन में जितने लोगों की टेस्टिंग हो रही है, उसमें से 20 फीसदी लोग पॉजिटिव पाए जा रहेहैं। शोधकर्ताओं ने बताया है कि यह दर बहुत ज्यादा है। हार्वर्ड ग्लोबल हेल्थ इंस्टीट्यूट के डायरेक्टर आशीष झा ने बताया कि अगर किसी देश की पॉजिटिव रेट ज्यादा हैतो इसका मतलब साफ है कि वहां उन संक्रमितों की संख्या बहुत ज्यादा है, जिनका टेस्ट नहीं किया गया है। ऐसे में पॉजिटिव रेट कम करने के बाद ही अर्थव्यवस्था को खोलना बेहतर होगा। इसके लिए जरूरी है कि संक्रमित लोगों की ज्यादा से ज्यादा पहचान की जाए। शोधर्कताओं ने बताया कि टेस्टिंग बढ़ाकर हम पॉजिटिव रेट को 10 प्रतिशत तक घटा सकते हैं। अमेरिका में अभी पॉजिटिव रेट 20 प्रतिशत है। वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गनाइजेशन के मुताबिक यह रेट दुनिया में सबसे ज्यादा है। जर्मनी में पॉजिटिव रेट 7 प्रतिशत और दक्षिण कोरिया में तीन प्रतिशत है। अमेरिका के अलग-अलग राज्यों की टेस्टिंग और पॉजिटिव रेट में भी भिन्नता है।
अमेरिका में सबसे ज्यादा पॉजिटिव रेट न्यू जर्सी प्रांत में है
अमेरिका के न्यू जर्सी में पॉजिटिव रेट सभी प्रांतों के मुकाबले सबसे ज्यादा है। यहां 1 लाख 57 हजार टेस्टिंग में से करीब आधे कोरोना पॉजिटिव पाए गए हैं। इससे पता चलता है कि इस राज्य में बहुत से लोग कोरोनावायरस से संक्रमित हैं, लेकिन उन लोगों का टेस्ट नहीं किया गया है। न्यू जर्सी के हेल्थ डिपार्टमेंट के असिस्टेंट कमिश्नर क्रिस्टोफर न्यूवर्थ ने कहा कि कई लोग ऐसे हैं, जिनमें थोड़े बहुत लक्षण हैं, लेकिन जांच कराने नहीं आ रहे हैं। यहां पर वायरस से संक्रमित 80 प्रतिशत लोगों की टेस्टिंग अभी तक नहीं हुई है।
एक लाख लोगों में से औसतन152 लोगों का टेस्टहोना चाहिए
एक्सपर्ट्स का कहना है कि एक लाख लोगों में कम से कम 152 लोगों का रोजानाकोरोना टेस्ट होना ही चाहिए। अभी ज्यादातर प्रांतों में उन्हीं लोगों का टेस्ट किया गया है, जिनमें या तो गंभीर लक्षण थे या वे हेल्थ वर्कर्स थे। शोधकर्ताओं के मुताबिक पॉजिटिव पाए जाने वाले व्यक्ति के संपर्क में आने वाले10 लोगों का टेस्ट जरूरी है। इसके अलावाहल्का सा भी जुकाम-बुखार के लक्षण वालों का भीटेस्ट जरूर होना चाहिए। अमेरिका में टेस्टिंग किट की कमी औरतकनीकी खामियों के कारण कई लोगों की टेस्टिंग नहीं की जा सकी है। ऐसे में संक्रमित लोग दूसरों को संक्रमित करते रहे। नतीजतन आज दुनिया में सबसे ज्यादा संक्रमण के मामले और मौतें अमेरिका में हैं। हेल्थ एक्सपर्ट ने कहा है कि अगर अमेरिका शुरुआत से ज्यादा से ज्यादा टेस्टिंग करता तो देश में महामारी इतना नुकसान नहीं पहुंचा पाती। जॉनहॉपकिंस सेंटर के असिस्टेंट प्रोफेसर कैटलिन रिवर्स ने कहते हैं कि टेस्टिंग नहींहोने से अमेरिका में वायरस इतना ज्यादा फैल गया। शोधकर्ताओं का अनुमान है कि मई के मध्य तक संक्रमण के मामलों में कमी आ सकती है।
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