अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने कहा है कि देश में कोरोना संक्रमण दुनिया में सबसे ज्यादा होना सम्मान की बात है। उन्होंने व्हाइट में कहा सोमवार को कहा, ‘‘जब आप कहते हैं कि हम संक्रमण के मामलों में आगे हैं तो मैं इसे बुरा नहीं मानता। इसका मतलब है कि हमने किसी और से कहीं ज्यादा टेस्टिंग की है। मैं इसे एक विशेष मामले में सम्मान की तरह देखता हूं। यह एक अच्छी बात है क्योंकि इससे पता चलता है कि हमारी टेस्टिंग बेहतर है। इसलिए मैं इसे एक ‘सम्मान के तमगा’के तौर पर देखता हूं। वाकई यह एक सम्मान की बात है।’’
जॉन हॉपकिन्स यूनिवर्सिटी के मुताबिक, अमेरिका में अब तक 10 लाख 50 हजार से भी ज्यादा मामले आए हैं और 92 हजार से ज्यादा मौतें हुई हैं। दूसरे नंबर पर रूस है जहां करीब 3 लाख लोग संक्रमित मिले हैं।
डेमोक्रेटिक नेशनल कमेटी ने ट्रम्प के इस बयान की आलोचना की है। कमेटी ने ट्वीट किया देश में कोरोना के 10 लाख से ज्यादा केस मिलना पूरी तरह से हमारे देश के लीडरशिप की नाकामी है। इससे पहले पिछले हफ्ते सिनेट की बैठक में भी इस पर सवाल किए गए थे। रिपब्लिक के रिप्रेजेंटेटिव मिट रॉम्नी ने कहा कि था देश का टेस्टिंग रिकार्ड अच्छा नहीं है। हमारे यहां फरवरी मार्च में मामले सामने आने शुरू हुए थे। इस लिहाज से देखें तो अब तक हुई टेस्टिंग पर्याप्त नहीं हैं। इसमें खुश होने जैसे कोई बात नहीं।अमेरिकी के सेंटर्स फॉर डीजीज कंट्रोल के मुताबिक, मंगलवार तक अमेरिका में 1 करोड़ 60 लाख टेस्ट हुए हैं। ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी आधारित एक साइंटिफिक पब्लिकेशन के मुताबिक अमेरिका पर कैप्टा टेस्टिंग के आधार पर काफी पीछे है। प्रत्येक 1 हजार लोगों की टेस्टिंग के मामले में यह दुनिया में 16 वें स्थान पर है। इस लिस्ट में यह आईसलैंड, न्यूजीलैंड, रूस और कनाडा जैसे देशों से पीछे है। पिछले एक सप्ताह में यह हर दिन 3 से 4 लाख के बीच टेस्ट कर रहा है। हालांकि हार्वर्ड ग्लोबल हेल्थ इंस्टीट्यूट के मुताबिक, इसे अपनी अर्थव्यवस्था खोलने के लिए हर दिन कम से कम 50 लाख टेस्ट करने की जरूरत है।
दुनिया में अब तक 49 लाख 82 हजार 875 लोग संक्रमित हैं। 19 लाख 56 हजार 361 ठीक हुए हैं। मौतों का आंकड़ा 3 लाख 24 हजार 535 हो गया है। उधर, ब्राजील में मामले काफी तेजी से बढ़ते जा रहे हैं। यहां 24 घंटे में संक्रमण के 17,408 मामले सामने आए, जबकि 1179 लोगों की जान गई है। यहां अब तक 17 हजार 983 मौतें हो चुकी है। कोरोनावायरस : 10 सबसे ज्यादा प्रभावित देश
देश
कितने संक्रमित
कितनी मौतें
कितने ठीक हुए
अमेरिका
15,70,583
93,533
3,61,180
रूस
2,99,941
2,837
76,130
स्पेन
2,78,803
27,778
1,96,958
ब्राजील
2,71,885
17,983
1,06,794
ब्रिटेन
2,48,818
35,341
उपलब्ध नहीं
इटली
2,26,699
32,169
1,29,401
फ्रांस
1,80,809
28,022
62,563
जर्मनी
1,77,827
8,193
1,55,700
तुर्की
1,51,615
4,199
1,12,895
ईरान
1,24,603
7,119
97,173
ये आंकड़ेhttps://ift.tt/37Fny4L से लिए गए हैं। अमेरिका ब्राजील की यात्रा पर बैन लगा सकता है
राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने मंगलवार को कहा कि ब्राजील से अमेरिका की यात्रा पर प्रतिबंध लगाया जा सकता है। ब्राजील दुनिया में चौथा सबसे संक्रमित देश है। राष्ट्रपति ने कहा- मैं नहीं चाहता कि लोग वहां से आएं और हमारे लोगों को संक्रमित करें या फिर वहां के लोग बीमार हों। हम ब्राजील में वेंटिलेटर्स भेजकर मदद कर रहे हैं।
अमेरिका: हिरासत में रखे गए 1145 प्रवासी संक्रमित
अमेरिका में हिरासत में रखे गए 1145 प्रवासी कोरोना से संक्रमित हैं। देश के इमिग्रेशनएंड कस्टम्स डिपार्टमेंट ने मंगलवार को ये जानकारी दी। अब तक हिरासत में रखे गए 2194 लोगों की जांच हो चुकी है। नौ मई तक देश केप्रवासी केंद्रों में 27,908 लोग हिरासत में थे। वहीं छह मई को एक प्रवासी की मौत हुई थी।
इजराइल: आज से धार्मिक स्थल खुलेंगे
इजराइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने कहा है कि देश में बुधवार सुबह से धार्मिक स्थिल फिर से खोल दिए जाएंगे। इस तरह से इजराइल में एक हॉल में 50 लोगों की मौजूदगी में यहूदी उपासना गृह, मस्जिद और चर्च बुधवार सुबह से खुल जाएंगे। धार्मिक स्थलों में एक-दूसरे के बीच दो मीटर की दूरी, मास्क पहनने और साफ-सफाई रखनी होगी। यहां 25 मार्च को धार्मिक स्थल बंद कर दिए गए थे। देश में रेस्तरों, बार और नाइट क्लबों पर लगी पाबंदी को 27 मई से हटा लिया जाएगा। स्वीमिंग पुल और होटल भी 27 मई से खुल जाएंगे।
जर्मनी : 20 हजार हेल्थ वर्कर संक्रमित
जर्मनी की हेल्थ मिनिस्ट्री ने मंगलवार को कहा कि तीन महीने के दौरान देश के 20 हजार 400 हेल्थ वर्कर संक्रमित हुए। इनमें से 61 की मौत हो चुकी है। 19 हजार से ज्यादा स्वस्थ हुए। देश के कुल संक्रमितों में 11 फीसदी यही हेल्थ वर्कर हैं। देशमें अब तक आठ हजार से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है।
कोरोनोवायरस की वजह से पूरी दुनिया लगभग दो महीने तक घरों में सिमटी रही। अब जिंदगी दोबारा पटरी पर लौटने की कोशिश कर रही है, तो दुनिया पूरी तरह बदल चुकी है। अमेरिका में सार्वजनिक परिवहन का इस्तेमाल कम करने के लिए लोग अब साइकिल की तरफ लौट रहे हैं। उनकी चिंता खुद को फिट रखने की तो है ही, भीड़भाड़ से बचने और खुद को संक्रमण से बचाने की भी है।
हालात ये हो गए हैं कि देश में साइकिलों की कमी हो गई है। दो महीने पहले जिन स्टोर्स में साइकिलें धूल खा रही थीं, वे अब खाली पड़ी हैं। ग्राहकों को अब लंबा इंतजार करना पड़ रहा है।
फिनिक्स, सिएटल में बिक्री तीन गुना बढ़ी
ब्रुकलिन में तो साइकिलों की बिक्री 600% तक बढ़ गई है। ज्यादातर दुकानें पहले से तीन गुना साइकिलें-बाइक बेच चुकी हैं और ग्राहकों की लंबी वेटिंग लिस्ट भी है। फिनिक्स, सिएटल में बिक्री तीन गुना बढ़ी है। वॉशिंगटन डीसी के एक रिटेलर बताते हैं- ‘अप्रैल तक तो स्टोर की सभी साइकिलें बिक चुकी थीं।’
लेजर बाइक्स की बिक्री सबसे ज्यादा 121%बढ़ी
मार्केट रिसर्च फर्म एनपीडी ग्रुप के मुताबिक मार्च में साइकिल की बिक्री तो बढ़ी ही है, रिपेयरिंग और इक्विपमेंट की बिक्री भी दोगुना हो गई है। फिटनेस बाइक की बिक्री 66%, लेजर बाइक्स की बिक्री 121%, इलेक्ट्रिक बाइक्स की बिक्री 85% और बच्चों की साइकिल की बिक्री 59% तक बढ़ गई है।
कोरोना की वजह से ग्लोबल सप्लाई चेन पर भी असर पड़ा है। ऐसे में डिमांड बढ़ने से अमेरिका साइकिलों की गंभीर कमी से जूझ रहा है।
ब्रिटेन, फ्रांस में कारों के प्रभुत्व को साइकिल से चुनौती
ब्रिटेन और फ्रांस में भी साइकिलों की बिक्री बढ़ी है। जानकारों के मुताबिक कई दशकों बाद पहली बार कारों के प्रभुत्व को साइकिल से चुनौती मिल रही है।कई जगह कारों के लिए रास्ते बंद, सिर्फ पैदल या साइकिल की मंजूरीकई राज्यों ने भीड़ कम करने के लिए अहम फैसले लिए हैं।
न्यूयॉर्क ने 322 किमी सड़कें सिर्फ पैदल और साइकिल यात्रियों के लिए रखी हैं। ओकलैंड में 10% रास्तों पर सिर्फ साइकिल वाले जा सकेंगे। सिएटल में 33 किमी का रास्ता पैदल या साइकिल वालों के लिए रिजर्व है। न्यूयॉर्क और सिएटल इन फैसलों को हमेशा के लिए लागू कर सकते हैं।
दुनियाभर के कई देश लॉकडाउन हटाने या नियम आसान करनेजा रहे हैं। शुरुआत स्कूलों से हुई है। सबसे पहले चीन ने प्राइमरी स्कूल शुरू किए थे। अब तक एक दर्जन से ज्यादा देशों ने स्कूलों के दरवाजे खोल दिए हैं। इनमें अमेरिका, फ्रांस, जर्मनी, ऑस्ट्रेलिया, कनाडा, द.कोरिया, नीदरलैंड्स, डेनमार्क, स्विटजरलैंड, फिनलैंड, नॉर्वे और ग्रीस शामिल हैं।
चीन में तो करीब 10 करोड़ बच्चे स्कूलों में लौट आए हैं। देश के शिक्षा मंत्रालय के मुताबिक यह कुल छात्रों के 40% हैं। सभी देशों में बच्चों को कोरोना से सुरक्षा देने के लिए एहितायत बरतने के साथ नए तरीके भी अपनाए जा रहे हैं। बच्चों की रोजाना स्क्रीनिंग, हफ्ते में दो बार टेस्ट
अमेरिका के मोंटाना में खुले विलो क्रीक स्कूल में एंट्री के समय बच्चों और स्टाफ का तापमान जांचते हैं। बीजिंग और शंघाई के स्कूलों में थर्मल स्क्रीनिंग अनिवार्य है। जर्मनी के न्यूस्ट्रेलिट्ज में हफ्ते में दो बार टेस्ट होता है। वुहान में बच्चों को स्वाब के नमूने देना पड़ते हैं। हाथ सैनिटाइज करना जरूरी है। वाइजर कैप और मास्क बिना स्कूलों में एंट्री नहीं
फ्रांस के स्कूलों में 11 साल के बच्चों को मास्क लगाकर आने की ही अनुमति है। इससे बड़े बच्चों को वाइजर कैप (पारदर्शी स्क्रीन लगी टोपी) लगाकर स्कूल आना अनिवार्य है। चीन में खाने और जिम क्लास के अलावा मास्क उतारना मना है। निश्चित अंतराल पर हाथ धाना जरूरी है। कुछ स्कूलों में स्टाफ और बच्चों को ग्लव्स पहनने को भी कहा जा रहा है। हफ्ते में एक ही दिन स्कूल, पार्क में क्लास
ऑस्ट्रेलिया में हफ्ते में एक ही दिन स्कूल आने का नियम रखा गया है, बाकी दिन घर पर ही पढ़ाई करनी होगी। सोशल डिस्टेंसिंग के लिए डेनमार्क के स्कूल क्लास पार्क में लगा रहे हैं, क्योंकि खचाखच भरी क्लास में यह संभव नहीं है। पार्टिशन के जरिए सोशल डिस्टेंसिंग बरत रहे
ताइवान और नीदरलैंड्स के स्कूलों में प्लास्टिक स्क्रीन से पार्टिशन किया गया है। लंच के दौरान भी बच्चों को दूर बैठाया जाता है। या प्लास्टिक शीट से दूरी रखी जाती है। खेल के मैदानों में भी बच्चों में दूरी रखने के लिए पेंट से जगह तय कर दी गई है। अभिवादन के नए तरीके सीख रहे बच्चे
फिनलैंड में बच्चों को हाथ मिलाने और गले मिलने की मनाही है। अभिवादन के नए तरीके सिखाए जा रहे हैं। जैसे एयर हग (गले मिलने का अभिनय) एल्बो बम्प या फिर सिर्फ हैलो कहने की सलाह दी जा रही है।
दुनिया के 80 देशों ने कोरोना से बचाव के लिए लॉकडाउन लगाया था। इनमें से कम से कम 40 देशों में लॉकडाउन खुल चुका है। औरा विजन समेत अन्य रिसर्च एजेंसियों की रिपोर्ट में यह दावा किया गया है। लॉकडाउन खोलने वाले देशों में फिर से कई उद्योग, दुकानें, बीच और अन्य स्थल खुल चुके हैं।
लॉकडाउन खोलने वाले सबसे ज्यादा 26 देश यूरोप के हैं। जबकि कोरोना प्रभावित टॉप 10 देशों में 6 देश यूरोप के ही हैं। इनके अलावा अमेरिका और एशियाई देशों में लॉकडाउन खुला है। इन देशों की सरकारों का मानना है कि अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने के लिए लॉकडाउन खोलना जरूरी है।
बेल्जियम, जर्मनी 15 जून से विदेशी पर्यटकों की आवाजाही शुरू करेंगे
6 देश अब सीमाएं खोलने पर भी जोर दे रहे हैं। कुछ ने इसकी तारीखों का ऐलान भी कर दिया है। जैसे बेल्जियम, जर्मनी और स्विट्जरलैंड 15 जून से विदेशी पर्यटकों को आने देने की योजना बना रहे है। इसकी घोषणा वे इस महीने के आखिरी में कर सकते हैं। ग्रीस 1 जुलाई से विदेशी पर्यटकों के लिए बॉर्डर खोलने जा रहा है।
इटली 3 जून से सीमाएं खोलेगा। नीदरलैंड्स ने कुछ देशों के यात्रियों को आने की अनुमति दी है। पोलैंड 13 जून से सीमाएं खोल सकता है। दुनिया के 195 देश कोरोना प्रभावित हैं। यहां अब तक 49,17,417 मामले आए हैं। जबकि 3,20,609 मौतें हुई हैं। चीन को छोड़ बाकी देशों ने मार्च या अप्रैल में लॉकडाउन लगाया था।
यूरोप: 10 प्रमुख देश जहां सैलून, रेस्तरां, सिनेमा और म्यूजियम खुले, उड़ानें भी शुरू
फ्रांस: प्राइमरी स्कूल, सैलून खुले। रेस्तरां, बार 2 जून के बाद खुलेंगे। पेरिस से लंदन जाने के लिए कुछ उड़ानें शुरू कीं।
स्पेन: मैड्रिड, बार्सिलोना को छोड़कर अन्य क्षेत्रों में लॉकडाउन खोला। बार, रेस्तरां खुले। दोस्तों, रिश्तेदारों को 10 लोगों के समूह में मिलने, पार्टी की अनुमति दी।
ब्रिटेन: सरकार ने लोगों को काम पर लौटने को कहा है। निजी वाहनों से ऑफिस या कारोबार स्थल जाने की सलाह दी। ट्रेनों और अन्य सावर्जनिक स्थल पर सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करने को कहा है।
बेल्जियम: दुकानें, म्यूजियम खुले। 8 जून से कैफे, रेस्तरां ओर पर्यटन स्थल खोलने की तैयारी।
डेनमार्क: दुकानें, पार्क, रेस्तरां और कुछ होटल खुले। सावर्जनिक परिवहन सुविधाएं दोबारा शुरू हुईं। खेल गतिविधियां, थिएटर और सिनेमा 8 जून के बाद खुलेंगे।
फिनलैंड: ब्रिटेन जाने के लिए उड़ानें शुरू हुईं। दुकाने खुलीं। रेस्तरां, बार और सांस्कृतिक संस्थाएं 1 जून के बाद खोले जा सकेंगे।
जर्मनी: कुछ घरेलू उड़ानें दोबारा शुरू कीं। दुकानें, रेस्तरां खुले। होटल 25 मई से खुलेंगे। बड़े कार्यक्रम अगस्त से होंगे। राज्य लॉकडाउन पर खुद फैसला ले रहे हैं।
ग्रीस: उड़ानें शुरू कीं। 1 जून से ब्रिटेन के लिए सीधी उड़ान सेवा शुरू होगी। जून से मॉल, रेस्तरां, सिनेमा खुलेंगे। खेल गतिविधियां शुरू होंगी।
इटली: पार्क, बार, रेस्तरां, सामान्य दुकानें, म्यूजियम, चर्च खुले। जून से कुछ होटल बुकिंग के आधार पर खुलेंगे। कुछ ट्रेनें भी चलाई जा रही हैं।
नीदरलैंड्स: दुकानें, होटल, म्यूजिक वेन्यू, म्यूजियम, सिनेमा, थिएटर खुले। सोशल डिस्टेंसिंग का पालन अनिवार्य किया। आउट डोर रेस्तरां 1 जून से खुलेंगे।
अमेरिका: 60% से ज्यादा खुला, उद्योगों में लौटे कर्मचारी
अमेरिका के 50 राज्यों में से 30 में लॉकडाउन खुल चुका है। 11 राज्यों ने क्षेत्रीय स्तर पर लॉकडाउन खोला है। 4 जिले अगले हफ्ते लॉकडाउन खाेलेंगे। यानी 60 फीसदी से ज्यादा राज्यों में लॉकडाउन खुल चुका है। यहां बीच, जिम, रिटेल दुकानें, रेस्तरां, बार, सैलून, थिएटर, उद्योग, ऑफिस, पूजा स्थल खुल रहे हैं। उधर, ओहियो समेत कई राज्यों में ऑटो प्लांट खुल गए। यहां सोशल डिस्टेंसिंग के साथ कर्मचारियों को काम करने की इजाजत दी गई है। यहां अन्य उद्योग भी खुल रहे हैं।
एशिया: चीन में पर्यटकों की भीड, पाक में 5 एयरपोर्ट शुरू
सरकारी आंकड़ों के मुताबिक देश के सभी पर्यटन स्थलों में पिछले 18 दिन में 19 लाख घरेलू पर्यटक पहुंचे हैं। उधर, थाईलैंड में दुकानें, फूड कोर्ट खुल रहे हैं। बैंकाक में हर टेबल के साथ एक ही कुर्सी रखी जा रही है। टेबल भी दूर-दूर रखे जा रहे हैं। पाकिस्तान में लाहौर, कराची समेत 5 एयरपोर्ट से घरेलू विमान सेवाएं बहाल कर दी गई हैं। विमानों में 50 फीसदी सीटें ही भरने की इजाजत है।
कोरोनावायरस से बचाव के लिए कभी मजाक में सैनिटाइजर का इंजेक्शन लगाने की सलाह देने वाले अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने कहा है कि वे बीते 10 दिनों से हाइड्रोक्सीक्लोरोक्विन दवा ले रहे हैं।रेस्टोरेंट प्रतिनिधियों के साथ एक बैठक में ट्रम्प ने कहा कि मैं व्हाइट हाउस के डॉक्टरों की सलाह पर काेराेना से बचने के लिए पिछले डेढ़ हफ्ते से ये दवा ले रहा हूं और देखिए मैं आपके सामने बिल्कुल स्वस्थ हूं।
ट्रम्प से जब पूछा गया कि क्या व्हाइट हाउस के फिजीशियन की सलाह पर उन्होंने दवा लेना शुरू किया है, तो उन्होंने कहा कि मैंने खुद डॉ सीन कॉनले (राष्ट्रपति के निजी फिजीशियन) से अनुरोध किया था। दूसरी ओर, कई चिकित्सा विशेषज्ञों ने ट्रम्प के बयान की आलोचना करते हुए कहा है कि ऐसा करना न केवल राष्ट्रपति के लिए खतरनाक होगा, बल्कि दूसरों के लिए भी यह उदाहरण उनके स्वास्थ्य पर संकट पैदा कर सकता है।
विशेषज्ञों ने हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीनके इस्तेमाल को खतरनाक बताया
मिलर फैमिली हार्ट इंस्टीट्यूट के चीफ एकेडमिक अफसर डॉ. स्टीवन ई निसेन ने कहा कि इससे गंभीर परेशानियां हाे सकती हैं। वहीं, हार्वर्ड मेडिकल स्कूल में प्रोफेसर डॉ. स्कॉट सोलोमन ने भी इसे घातक बताया है। वहीं कुछ स्वास्थ्य विशेषज्ञों के मुताबिक, इस दवा से हृदय, किडनी और लीवर पर असर पड़ता है।
एफडीए भी चेतावनी दे चुका है
बता दें कि एक महीने पहले ही अमेरिकी फूड एंड ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन ने चेतावनी दी थी कि कोरोना रोकथाम में हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन का इस्तेमाल नहीं किया जाए। ये दवा कोरोना मरीजों के इलाज में कितनी कारगर है, अब तक इसके ठोस प्रमाण नहीं मिले हैं। ट्रम्प से पहले ब्राजील के राष्ट्रपति जैर बोलसोनारो ने भी इस दवा का समर्थन किया था। डब्ल्यूएचओ को धमकी- स्थायी रूप से फंडिंग रोक देंगे
ट्रम्प ने विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) को चिट्टी लिखकर चेतावनी देते हुए कहा है कि 30 दिन में संगठन में सुधार करें। वरना आपको दी जा रही फंडिंग स्थाई रूप से फ्रीज कर देंगे। हमें सदस्य बने रहने पर भी दोबारा विचार करना होगा। ट्रम्प ने कहा, हम उन्हें सालाना 45 करोड़ डॉलर (करीब 3500 करोड़ रु.) देते हैं, जिसे कम करने की योजना बनाई जा रही है।
Afghan security forces on Tuesday repelled a fierce Taliban attack on Kunduz, officials said, a strategic city in northern Afghanistan that had briefly fallen to the militants twice in the past.
A meeting of the World Health Organization that was supposed to chart a path for the world to combat the coronavirus pandemic instead on Monday turned into a showcase for the escalating tensions between China and the United States over the virus.
Health officials reported 9,263 new infections in the last 24 hours, bringing the total to 299,941, the second-highest in the world after the United States.
बीजिंग. चीन की एक लैब ऐसी दवा विकसित कर रही है, जो यह मानती है कि इससे महामारी को रोका जा सकता है। कोरोनावायरस की शुरुआच चीन से ही हुई है। इसके बाद धीरे-धीरे यह पूरी दुनिया में फैल गया। फिलहाल, अंतरराष्ट्रीय स्तर पर इसका वैक्सीन बनाने की होड़ लगी हुई है।
वैज्ञानिक इस दवा की टेस्टिंग चीन के प्रतिष्ठित पेकिंग यूनिवर्सिटी में कर रहे हैं। शोधकर्ताओं का कहना है कि इस दवा से न केवल संक्रमित लोग जल्दी ठीक हो रहे हैं, बल्कि यह कुछ समय के लिए वायरस से लड़ने के लिए इम्यून भी प्रदान करताहै।
जानवरों पर परीक्षण सफल
यूनिवर्सिटी के बीजिंग एडवांस्ड इनोवेशन सेंटर फॉर जीनोमिक्स के निदेशक सन्नी झी ने एएफपी को बताया कि जानवरों पर इसका परीक्षण सफल रहा है। जब हमने एक संक्रमित चूहे के अंदर न्यूट्रिलाइजिंग एंटीबॉडी इंजेक्ट कियातो पांच दिन के बाद वायरल लोड 2500 तक कम हो गया। इसका मतलब है कि इस संभावित दवा का चिकित्सीय प्रभाव हुआ है।
यह दवा न्यूट्रिलाइजिंग एंटीबॉडी का इस्तेमाल करता है, जिसे ह्यूमन इम्यून सिस्टम प्रोड्यूस करताहै। ताकि कोशिकाओं को वायरस से संक्रमित होने से बचायाजा सके। झी की टीम ने 60 ठीक हुए मरीजों से एंटीबॉडी को निकाला।
एंटीबॉडी के इस्तेमाल से बीमारी का इलाज संभव
टीम की रिसर्च रविवार को एक जर्नल में प्रकाशित की गई थी। इसमें कहा गया था कि एटीबॉडी के इस्तेमाल से बीमारी काइलाज संभव है। साथ ही इससे रिकवरी टाइम भी कम हो जाता है। झी ने कहा कि एंटीबॉडी के लिए उनकी टीम दिन-रात काम कर रही थी। उन्होंने कहा कि क्लिनिकल ट्रायल की योजना पर काम चल रहा है। इसका ट्रायल ऑस्ट्रेलिया या किसी दूसरे देश में किया जाएगा। क्योंकि चीन में मामले कम हो गए हैं।
‘एक टीका बनने में 12 से 18 महीने लग सकते हैं’
उन्होंने कहा कि उम्मीद है कि ये न्यूट्रिलाइज्ड एंटीबॉडी महामारी के इलाज के लिए एक महत्वपूर्ण दवा बन सकताहै। वहीं, पिछले हफ्ते एक स्वास्थ्य अधिकारी ने कहा था कि चीन में पहले से ही पांच वैक्सीन का इंसानों पर ट्रायल किया जा रहा है। वहीं,डब्ल्यूएचओ ने चेतावनी दी है कि एक टीका विकसित करने में 12 से 18 महीने लग सकते हैं।
Pakistan reported 1,841 new cases of the novel coronavirus and 36 fatalities during the last 24 hours, taking the total infections in the country to nearly 44,000 with 939 deaths, the health ministry said on Tuesday.
दुनिया में कोरोना से लड़ने के लिए एक साथ 8 वैक्सीन पर तेजी से काम चल रहा है। सोमवार को जहां अमेरिका से मॉर्डना कम्पनी के वैक्सीन के इंसानी ट्रायल में सफल होने की खबर है, वहीं ब्रिटेन में ऑक्सफोर्ड वैक्सीन पर संकट आ गया है। सबसे ज्यादा चर्चा में रहा ये वैक्सीन बंदरों पर हुए ट्रायल में बहुत अच्छे नतीजे नहीं दे सका है।
इस वैक्सीन को लेकर शुरू से संदेह जता रहेहार्वर्ड यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर के डॉ. विलयम हेसलटाइन ने इस बारे में बतया कि जिन छह बंदरों पर कोरोना टीके का ट्रायल किया गया था उनके नाक में उतनी ही मात्रा में कोरोनावायरस पाया गया जितना कि तीन अन्य नान वैक्सीनेटेड (जिन्हें टीका नहीं लगाया गया था) बंदरों की नाक में था।
The move announced by foreign minister Pradeep Kumar Gyawali came weeks after he said that efforts were on to resolve the border issue with India through diplomatic initiatives. Nepal's ruling Nepal Communist Party lawmakers have also tabled a special resolution in Parliament demanding return of Nepal's territory in Kalapani, Limpiyadhura and Lipulekh.
As many as 169 stranded nationals, including 119 female students, from Dhaka, Bangladesh, are expected to arrive in Srinagar, Jammu and Kashmir on Tuesday afternoon in a special repatriation flight of Air India, under the Government of India's 'Vande Bharat' Mission.
According to the study on the evolution of the virus, published in the journal Frontiers in Medicine, infections may have followed a silent course during this early phase, spreading among the city's population in a random way without showing epidemic signs.