Wednesday, September 2, 2020
2 भारतीयों को यूएन से आतंकी घोषित कराने की पाकिस्तानी कोशिश नाकाम, इस साल दूसरी बार ऐसा हुआ September 02, 2020 at 06:25PM
यूएन सिक्योरिटी काउंसिल में पाकिस्तान की भारत के खिलाफ एक और चाल नाकम हो गई। पाकिस्तान ने दो भारतीयों को आतंकी घोषित करने वाला प्रस्ताव पेश किया। इसे सिक्योरिटी काउंसिल ने खारिज कर दिया। यूएन में भारत के स्थायी प्रतिनिधि टीएस तिरूमूर्ति ने यह जानकारी एक ट्वीट के जरिए दी।
इस साल यह दूसरा मौका है जब पाकिस्तान ने इस तरह की हरकत की। दोनों बार दो-दो भारतीयों को आतंकी घोषित कराने की कोशिश की और दोनों ही बार उसे नाकामी हाथ लगी।
कमेटी के सामने प्रस्ताव
यूएन सिक्योरिटी काउंसिल की एक कमेटी है, जिसे 1267 कमेटी कहा जाता है। यह आतंकी गतिविधियों में शामिल किसी भी देश के नागरिकों को प्रतिबंधित सूची में रख सकती है। इनकी जांच की जाती है। फिर इन पर कई तरह के प्रतिबंध लगाए जाते हैं। इनमे ट्रैवल बैन और अकाउंट फ्रीज करना शामिल है। पाकिस्तान ने दो भारतीयों अंगारा अप्पाजी और गोविंदा पटनायक को आतंकी घोषित करने के लिए प्रस्ताव पेश किया।
नहीं मिला समर्थन
यूएन सिक्योरिटी काउंसिल में शामिल अमेरिका, ब्रिटेन, जर्मनी और बेल्जियम ने पाकिस्तान का यह प्रस्ताव खारिज करते हुए इस पर आगे की कार्रवाई भी रोक दी। तिरूमूर्ति ने कहा- पाकिस्तान 1267 कमेटी का इस्तेमाल अपनी सियासत के लिए करना चाहता है। वो इसे मजहबी रंग देना चाहता है। लेकिन, यूएन सिक्योरिटी काउंसिल ने उसकी चाल कामयाब नहीं होने दी। हम इसके लिए इन मेंबर्स के शुक्रगुजार हैं।
एक साल में दूसरी बार मुंह की खाई
खास बात यह है कि पाकिस्तान ने इस साल लगातार दूसरी बार भारतीय नागरिकों को आतंकवादी घोषित कराने की कोशिश की और दोनों ही बार उसकी चाल नाकाम हो गई। जनवरी में उसने दो भारतीय नागरिकों अजॉय मिस्त्री और वेणु माधव डोंगरा की गतिविधियों को संदिग्ध बताते हुए इन्हें आतंकी घोषित करने का प्रस्ताव पेश किया था। लेकिन, तब भी यह चाल उल्टी साबित हुई।
यह हरकत बार-बार क्यों
इसकी कई वजह हैं। लेकिन, हालिया घटनाक्रम ज्यादा अहम है। दरअसल, भारत ने यूएन सिक्योरिटी काउंसिल में आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद के फाउंडर मौलाना मसूद अजहर के खिलाफ पुख्ता सबूत पेश किए और साबित कर दिया कि वो भारत में आतंकी हमले करवाने की साजिश में शामिल है। सबूतों से साफ हो गया था कि अजहर के लिंक अल कायदा और तालिबान से भी हैं। इसके बाद यूएन सिक्योरिटी काउंसिल ने जैश सरगना को ग्लोबल टेरेरिस्ट घोषित कर दिया। पाकिस्तान अब भारत से इसी का बदला लेने की कोशिश कर रहा है।
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अमेरिका ने कहा- महामारी में भी चीन ने साजिश रची, भारत इसका उदाहरण; पाकिस्तान, श्रीलंका और म्यांमार में सैन्य बेस बनाना चाहते हैं जिनपिंग September 02, 2020 at 06:04PM
अमेरिका ने कहा है कि दुनिया जब महामारी का सामना कर रही है तब चीन अपनी नापाक साजिशों को अंजाम देने में जुटा है। अमेरिकी डिप्लोमैट डेविड स्टिलवेल ने बुधवार को कहा- चीन क्या कर रहा है और उसके इरादे क्या हैं, इसे आप भारत के हालिया उदाहरण से समझ सकते हैं। इसके अलावा भी कई ऐसे सबूत हैं जो ये बताते हैं कि बीजिंग के इरादे क्या हैं।
दूसरी तरफ, अमेरिकी रक्षा विभाग पेंटागन ने कहा- चीन अपनी ताकत बढ़ाने के लिए पाकिस्तान, श्रीलंका और म्यांमार में सैन्य बेस बनाना चाहता है। हम इस पर नजर रख रहे हैं।
बातचीत की अपील
अमेरिकी विदेश विभाग में कई अहम पदों पर काम कर चुके डिप्लोमैट स्टिलवेल ने मीडिया से बातचीत में कहा- चीन क्या कर रहा है? इसको ज्यादा समझाने की जरूरत नहीं है। आप सब देख सकते हैं। दुनिया जब महामारी से जूझ रही है तब चीन ऐसी हरकतें कर रहा है जो बर्दाश्त नहीं की जा सकतीं। भारत इसका सबसे ताजा उदाहरण हैं। मैं बीजिंग में अपने दोस्तों से कहना चाहता हूं कि अगर कोई मसला है तो उसे बातचीत से सुलझाएं।
हर जगह विवाद करता है चीन
एक सवाल के जवाब में स्टिलवेल ने कहा- चीन को लेकर एक चीज साफ महसूस की जा सकती है। हिमालय में वो भारत से टकराव में उलझा है। इसके अलावा उसके जितने पड़ोसी हैं, उनसे भी विवाद चल रहा है। आप तिब्बत देख लें। इसके अलावा हॉन्गकॉन्ग और साउथ चाइना सी की बात कर लें। आखिरकार वो कहां शांति की बात कर रहा है। उसकी हरकतों की लिस्ट बढ़ती जा रही है। विदेश मंत्री पहले ही साफ कर चुके हैं कि चीन को जवाब देना होगा। उसकी हरकतें सहन नहीं की जा सकतीं।
पेंटागन ने क्या कहा
अमेरिकी रक्षा विभाग पेंटागन ने एक नई रिपोर्ट जारी की है। इसमें खासतौर पर एशिया का जिक्र है। रिपोर्ट के मुताबिक, चीन बहुत तेजी और आक्रामक रवैये से आगे बढ़ने की कोशिश कर रहा है। चीन का इरादा पाकिस्तान, श्रीलंका और म्यांमार जैसे छोटे देशों में सैन्य बेस तैयार करने का है, और वो इसके लिए कई तरह की साजिशें रच रहा है। इस रिपोर्ट में कुछ और देशों के भी नाम भी हैं। साथ ही ये भी कहा गया है कि अमेरिका को चीन के इन इरादों पर नजर रखने के साथ ही इससे निपटने की रणनीति बनानी होगी।
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पाकिस्तान ने अमेरिकी ब्लॉगर सिंथिया रिची को 15 दिन में देश छोड़ने का आदेश दिया; रिची ने पूर्व प्रधानमंत्री और गृह मंत्री पर बदसलूकी के आरोप लगाए थे September 02, 2020 at 05:10PM
पाकिस्तान सरकार ने अमेरिकन ब्लॉगर सिंथिया रिची को 15 दिन में देश छोड़ने के आदेश दे दिए। रिची ने जून में पूर्व गृह मंत्री रहमान मलिक पर रेप और पूर्व पीएम यूसुफ रजा गिलानी पर बदसलूकी के आरोप लगाए थे। हैरानी की बात ये है कि मंगलवार को ही रिची की वीजा बढ़ाने की याचिका पर इस्लामाबाद हाईकोर्ट में सुनवाई शुरू हुई थी। हाईकोर्ट ने निचली अदालत से मामले की सुनवाई जल्द करने को कहा था।
रिची 11 साल से पाकिस्तान में हैं। बेनजीर भुट्टो और उसके बाद की सरकारों में उनका काफी प्रभाव माना जाता है। 2011 से 2014 तक तो रिची पाकिस्तान के राष्ट्रपति भवन में ही रहती थीं।
दबाव में लिया फैसला
पाकिस्तान के गृह मंत्रालय ने कोर्ट में मामला होने के बावजूद बुधवार शाम एक आदेश जारी कर रिची को 15 दिन में देश छोड़ने का आदेश दिया। उनके वीजा एक्सटेंशन की मांग खारिज कर दी गई। 10 जुलाई को इस्लामाबाद हाईकोर्ट ने माना था कि रिची पर लगाए जा रहे आरोप राजनीति से प्रेरित नजर आते हैं। रिची के मामले में इमरान सरकार और विपक्षी पार्टी पीपीपी साथ नजर आए। दोनों के नेताओं ने उन्हें अमेरिका भेजने की मांग की।
होम सेक्रेटरी को ही नियमों की जानकारी नहीं
सोमवार को इस्लामाबाद हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस अथहर मिन्ल्लाह ने रिची की याचिका पर सुनवाई के दौरान कहा था- हैरानी होती है कि वीजा नियमों को लेकर सरकार और अफसर सफाई पेश नहीं कर पाते। होम सेक्रेटरी को ही इस बारे में कोई जानकारी नहीं है। अगर सरकार को वीजा एक्सटेंशन में कोई दिक्कत तो इसकी वजह बतानी होगी। इसके बाद मामला निचली अदालत को सौंप दिया गया था।
रिची ने क्या कहा
पाकिस्तान छोड़ने का आदेश मिलने के बाद सिंथिया ने कहा- कोई यह बताए कि मैंने किस नियम को तोड़ा है। यह पूरी तरह दबाव में लिया गया फैसला है। मेरे पास वर्क वीजा है। मैं इस आदेश को कोर्ट में चैलेंज करूंगी।
क्यों चर्चा में रिची
जून में रिची ने ट्विटर पर एक बयान जारी किया। इससे पाकिस्तान की सियासत में भूचाल आ गया। रिची ने पूर्व गृह मंत्री रहमान मलिक पर रेप का आरोप लगाया। पूर्व प्रधानमंत्री यूसुफ रजा गिलानी पर बदसलूकी के आरोप लगाए। कुछ दूसरे नेताओं से उनके करीबी रिश्ते बताए जाते हैं। कुछ लोग उन्हें अमेरिकी खुफिया एजेंसी सीआईए का एजेंट बताते हैं। रिची का रुतबा इतना ज्यादा है कि वे आज भी पाकिस्तान के हर हिस्से और मंत्रालयों में बेरोकटोक जा सकती हैं।
गिलानी ने सिंथिया को नोटिस भेजकर 10 करोड़ का हर्जाना मांगा
शारीरिक प्रताड़ना के आरोपों के बाद पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री यूसुफ रजा गिलानी ने 10 जून को सिंथिया को एक कानून नोटिस भेजा। उन्होंने 10 करोड़ रुपए हर्जाने और माफी की मांग की। पूर्व गृह मंत्री रहमान मलिक ने भी कानूनी नोटिस भेजने की बात कही है।
इमरान की सोशल मीडिया टीम में थीं सिंथिया
सिंथिया जून तक प्रधानमंत्री इमरान खान की सोशल मीडिया टीम में थीं। उन्हें वहां से हटाने का कोई औपचारिक आदेश कभी जारी नहीं किया गया। इमरान खान और रिची के संबंध 2009 से बताए जाते हैं। तब वे विदेशी मीडिया में इमरान के समर्थन में आर्टिकल भी लिखती थीं।
इस मामले से जुड़ी ये खबरें भी आप पढ़ सकते हैं...
1. अमेरिकी ब्लॉगर का पाकिस्तान के पूर्व गृह मंत्री पर रेप का आरोप, कहा- पूर्व प्रधानमंत्री गिलानी ने भी बदसलूकी की
2. कोर्ट ने पूर्व पीएम गिलानी पर शारीरिक प्रताड़ना का आरोप लगाने वाली सिंथिया पर मामला दर्ज करने का आदेश दिया
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ऑस्ट्रेलिया के विक्टोरिया में मामले तेजी से बढ़े, इटली के पूर्व पीएम बर्लुस्कोनी पॉजिटिव; दुनिया में अब तक 2.61 करोड़ केस September 02, 2020 at 04:06PM
दुनिया में कोरोनावायरस के अब तक 2 करोड़ 61 लाख 69 हजार 462 मामले सामने आ चुके हैं। इनमें 1 करोड़ 84 लाख 35 हजार 397 मरीज ठीक हो चुके हैं, जबकि 8 लाख 66 हजार 604 लोगों की मौत हो चुकी है। ये आंकड़े https://ift.tt/2VnYLis के मुताबिक हैं। ऑस्ट्रेलिया के विक्टोरिया और न्यू साउथ वेल्स में मामले तेजी से बढ़ते जा रहे हैं। अकेले विक्टोरिया में ही बुधवार को 15 लोगों की मौत हो गई। इटली के पूर्व प्रधानमंत्री सिल्वियो बर्लुस्कोनी भी संक्रमित हो गए हैं।
ऑस्ट्रेलिया: विक्टोरिया में मामले बढ़े
ऑस्ट्रेलिया के विक्टोरिया और न्यू साउथ वेल्स में संक्रमण की दूसरी लहर भारी साबित हो रही है। अकेले विक्टोरिया में ही बुधवार को 113 नए मामले सामने आए। इसी दौरान 15 लोगों की मौत हो गई। सरकार अब इस बात का पता लगाने के लिए सर्वे करा रही है क किन शहरों के कौन से हिस्से ऐसे हैं, जहां संक्रमण तेजी से फैला है। यहां सख्त इंतजाम किए जाएंगे। दूसरी तरफ, न्यू साउथ वेल्स में पब्लिक प्लेस पर मास्क न लगाने वालों पर जुर्माना लगाने पर विचार किया जा रहा है।
मैक्सिको: एक दिन में 4 हजार से ज्यादा मामले
मैक्सिको की हेल्थ मिनिस्ट्री ने बुधवार रात एक बयान में बताया कि देश में 24 घंटे के दौरान कुल 4921 मामले सामने आए। इसी दौरान 575 लोगों की मौत भी हो गई। मौतों का बढ़ता आंकड़ा सरकार के लिए फिर चिंता का कारण बन गया है। बीते हफ्ते इसमें कमी आई थी। मैक्सिको में अब तक 6 लाख से ज्यादा लोग संक्रमित हो चुके हैं। इसी दौरान 65 हजार 816 लोगों की मौत भी हो गई।
चीन : 11 नए मामले
चीन में एक बार फिर संक्रमण के मामले सामने आने लगे हैं। बुधवार को कुल 11 संक्रमित पाए गए। इसके पहले 8 लोग पॉजिटिव पाए गए थे। नेशनल हेल्थ कमीशन ने एक बयान में बताया कि सभी मरीज ऐसे हैं, जो दूसरे देशों से चीन आए हैं। बुधवार सुबह जारी बयान में कहा गया था कि 18 दिनों से कोई लोकल केस नहीं मिला। दूसरी तरफ चीन का हेल्थ डिपार्टमेंट आज वैक्सीन को लेकर नई जानकारी दे सकता है।
इटली : पूर्व प्रधानमंत्री संक्रमित
इटली के पूर्व प्रधानमंत्री सिल्वियो बर्लुस्कोनी भी कोरोना पॉजिटिव हो गए हैं। पूर्व पीएम ने खुद इसकी जानकारी दी। एक बयान जारी कर बर्लुस्कोनी ने कहा- मेरी टेस्ट रिपोर्ट पॉजिटिव आई है। इसके बाद मैंने खुद को आइसोलेट कर लिया है। काफी थकान महसूस हो रही है। बर्लुस्कोनी यहां की सबसे बड़ी मीडिया कंपनी के मालिक भी हैं। वे एसी मिलान के मालिक भी रह चुके हैं। उन्होंने कहा- मैं अपनी राजनीतिक गतिविधियां जारी रखूंगा। मीडिया के जरिए प्रचार भी करूंगा।
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डब्ल्यूएचओ ने कहा- यूरोप वैक्सीन के बिना कोरोना के साथ रह सकता है, तो अमेरिका बोला- आपके कार्यक्रम से नहीं जुड़ेंगे September 02, 2020 at 02:38PM
कोरोना की वैक्सीन को लेकर दुनियाभर में नए विचार, विवाद और टकराव सामने आ रहे हैं। इस बीच डब्ल्यूएचओ के यूरोप के निदेशक हैन्स क्लूग ने कहा, ‘मुझे नहीं लगता कि यूरोप में राष्ट्रीय स्तर पर लॉकडाउन लगाने की जरूरत होगी। यूरोप वैक्सीन के बिना कोरोना के साथ रह सकता है। महामारी को हरा भी सकता है। उसे स्थानीय स्तर पर लॉकडाउन लगाने होंगे। हम ऐसा तभी कर पाएंगे, जब हम महामारी के साथ रहना सीख लेंगे।’
वहीं, संक्रमण से जूझ रहे सबसे ताकतवर देश अमेरिका ने कहा है कि वह कोरोना वैक्सीन खोजने की किसी भी अंतरराष्ट्रीय पहल में शामिल नहीं होगा, क्योंकि उसमें डब्ल्यूएचओ भी शामिल है। अमेरिका में अब तक 62.72 लाख से ज्यादा कोरोना के केस सामने आ चुके हैं। वहीं 1.85 लाख लोगों की मौत हो चुकी है।
अमेरिका डब्ल्यूएचओ के नेतृत्व में 172 देशों की पहल में शामिल नहीं होगा
व्हाइट हाउस के प्रवक्ता जड डीरे ने कहा, ‘अमेरिका डब्ल्यूएचओ के नेतृत्व में 172 देशों की पहल में शामिल नहीं होगा। महामारी को हराने के लिए अमेरिका अपने अंतरराष्ट्रीय सहयोगियों के साथ मिलकर काम करता रहेगा। लेकिन भ्रष्ट डब्ल्यूएचओ और चीन से प्रभावित संस्थाओं के दबाव में नहीं आएगा।’
सिंगापुर के प्रधानमंत्री ने माफी मांगी
उधर, सिंगापुर के प्रधानमंत्री ली सीन लूंग ने महामारी से निपटने में सरकार की गलतियों के लिए माफी मांगी है। यह गलती प्रवासी मजदूरों के मामले में हुई थी, जब 20-20 मजदूरों को एक ही रूम में रखा गया था। पीएम ने कहा कि सरकार को और जल्दी और आक्रामक तरीके से कार्रवाई करनी चाहिए थी। सिंगापुर में 56,901 केस सामने आ चुके हैं। जबकि 27 लोगों की जान जा चुकी है।
द. कोरिया: वित्त मंत्री बोले- कोरोना काल में फिर लोगों को कैश बांटेंगे
दक्षिण कोरिया कोरोना काल में दूसरी बार लोगों ने कैश बांटेगा। दक्षिण कोरिया के वित्त मंत्री हॉन्ग नैम-की ने कहा, ‘सरकार को दूसरी बार कुछ परिवारों को कैश बांटना होगा, क्योंकि कोरोना के कारण लागू किए गए नियम अर्थव्यवस्था को नुकसान पहुंचा रहे हैं। सभी परिवारों को पैसा देने की जगह सिर्फ जरूरतमंदों को पैसा देना ज्यादा प्रभावी होगा।’
अब तक यहां 20,449 कोरोना के केस सामने आ चुके हैं। 326 लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि 15256 लोग ठीक हो चुके हैं।
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डोनाल्ड ट्रम्प बोले-डेमोक्रेट मेयर्स के शहरों में सबसे ज्यादा समस्याएं, हम हल करेंगे September 02, 2020 at 02:38PM
अमेरिका में राष्ट्रपति के चुनाव से दो महीने पहले राष्ट्रपति और रिपब्लिकन के उम्मीदवार डोनाल्ड ट्रम्प ने डेमोक्रेटिक शासित बड़े शहरों के मेयरों को निशाना बनाया है। उन्होंने कहा है कि इन शहरों में ही सबसे ज्यादा समस्याएं हैं। हम इन्हें हल करेंगे।
ट्रम्प ने कहा, जनता इन शहरों में डेमोक्रेटिक पार्टी से सत्ता वापस ले। क्या जनता चाहेगी कि डेमोक्रेट्स देश चलाएं? करीब 80 प्रतिशत बड़े शहरों में डेमोक्रेटिक जबकि सिर्फ 20 प्रतिशत में रिपब्लिकन मेयर हैं। इन शहरों की आबादी 5 लाख से ज्यादा है।
बड़े शहरों में डेमोक्रेटिक पार्टी की निष्क्रियता के कारण समस्या बढ़ी
ट्रम्प और उनकी पार्टी की माने तो अमेरिका में गांव और छोटे शहरों में समस्याओं का अन्य कारण हो सकता है, लेकिन बड़े शहरों में डेमोक्रेटिक पार्टी की निष्क्रियता के कारण समस्याएं बढ़ी हैं। हालांकि मियामी, जैक्सनविले और फोर्ट वर्थ जैसे शहरों में रिपब्लिकन के मेयर हैं, लेकिन ट्रम्प ने कभी वहां की समस्याओं का जिक्र नहीं किया।
रिपब्लिकन नेता गांव की समस्याओं के लिए अधिकारियों को दोषी नहीं ठहराते
कई स्टडी में सामने आया है कि अपराध, टैक्स पॉलिसी, सोशल पॉलिसी जैसे मुद्दों पर दोनों दलों के मेयर का प्रभाव काफी कम रहा है। रिपब्लिकन नेता गांव की समस्याओं के लिए अधिकारियों को दोषी नहीं ठहराते। न ही डेमोक्रेटिक मेयरों को शहरी अपराध में एक चौथाई गिरावट का श्रेय देते हैं।
हालांकि, डेमोक्रेटिक मेयर वाले केनोशा में 23 अगस्त को एक अश्वेत को पुलिस की गोली लगी थी। उसके बाद शहर भर में हिंसा भड़क गई। जगह-जगह आगजनी की घटनाएं हुईं।
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एनआईए ने नाइक और दो पाकिस्तानियों को आरोपी बनाया, इन लोगों ने भारतीय बिजनेसमैन की बेटी की शादी बांग्लादेशी नेता के बेटे से कराई September 02, 2020 at 12:34AM
नेशनल इंवेस्टिगेशन एजेंसी (एनआईए) ने एक हाई प्रोफाइल लव जिहाद मामले में भगोड़े विवादित इस्लामिक उपदेशक जाकिर नाइक और पाकिस्तानी मूल के और दो कट्टरपंथियों को आरोपी बनाया है। यह मामला चेन्नई के एक बिजनेसमैन की बेटी और बांग्लादेश के एक बड़े राजनेता के बेटे का है। यह नेता पूर्व पीएम खालिदा जिया की बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी का है।
एनआईए कर रही जांच
एनआईए इंडियन बिजनेसमैन की बेटी और बांग्लादेशी राजनेता के बेटे की लंदन में हुई शादी की जांच कर रही है। न्यूज एजेंसी आईएएनएस ने सूत्रों के हवाले से बताया कि इस मामले में जाकिर नाइक और अमेरिका में रहने वाले पाकिस्तानी मूल के दो कट्टरपंथी उपदेशकों यासिर कादी और नौमान अली खान को आरोपी बनाया गया है। कादी ने कुछ दिनों पहले जाकिर नाईक का एक वीडियो शेयर किया था। इसमें नाइक कहता है कि भारत ने उससे कहा है कि अगर वो अनुच्छेद 370 हटाए जाने का समर्थन करे तो सुरक्षित लौट सकता है।
बिजनेस मैन ने बेटी के अपहरण का आरोप लगाया
लड़की के पिता ने मई में चेन्नई सेंट्रल क्राइम ब्रांच में शिकायत दर्ज कराई थी। उन्होंने कहा था कि उनकी बेटी लंदन में पढ़ रही थी। वहां वह एक कट्टरपंथी के संपर्क में आ गई। उसे इस्लाम धर्म मानने के लिए मजबूर किया गया। इसके बाद उसका अपहरण करके जबरन बांग्लादेश ले जाया गया।
चेन्नई के पुलिस कमिश्नर महेश कुमार अग्रवाल ने न्यूज एजेंसी से कहा कि इस मामले की जांच विदेश में होनी है, इसलिए इसे एनआईए को ट्रांसफर कर दिया गया है। 28 मई को तमिलनाडु सरकार ने केंद्र सरकार से केस दर्ज करने कि लिए कहा था।
बीएनपी नेता का बेटा मुख्य आरोपी
इस मामले में मुख्य आरोपी बीएनपी के पूर्व सांसद शखावत हुसैन बुकल का बेटा नफीस है। बकुल ने 1991 और 2001 में नरसिंगडी-4 से चुनाव जीता था। उसे दिसंबर 2013 में खालिदा जिया के आवास से गिरफ्तार किया गया था। जून 2017 में उस पर एक बिजनेसमैन ने जबरन वसूली का मुकदमा किया था।
नाइक पर मनी लॉन्ड्रिंग का आरोप
भारत में जाकिर नाइक पर मनी लॉन्ड्रिंग और कट्टरता फैलाने के केस दर्ज है। गिरफ्तारी के डर से वह 2016 में मलेशिया भाग गया। जून 2017 में कोर्ट ने नाइक को अपराधी घोषित किया था। उस पर मलेशिया में अल्पसंख्यक हिंदुओं और चीन के लोगों की भावनाएं आहत करने का भी आरोप है। मलेशिया में नाइक ने एक भड़काऊ भाषण दिया था। उसने कहा था कि मलेशिया में हिंदुओं को भारत के मुस्लिमों के मुकाबले 100 गुना ज्यादा अधिकार मिले हैं।
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नेपाल ने लिपुलेख में बटालियन तैनात की, इस यूनिट को भारतीय सेना की गतिविधियों पर नजर रखने के आदेश September 02, 2020 at 12:09AM
भारत और चीन के बीच जारी तनाव के बीच नेपाल भी अपनी हरकतों से बाज नहीं आ रहा। भारत और नेपाल के बीच पिछले कुछ महीनों से लिपुलेख, कालापानी और लिम्पियाधुरा को लेकर विवाद चल रहा है। इसमें से लिपुलेख ऐसा क्षेत्र है, जहां भारत, नेपाल और चीन की सीमाएं मिलती हैं। अब नेपाल ने इसी इलाके में सेना की पूरी बटालियन तैनात कर दी है। इस बटालियन से कहा गया है कि वो भारतीय सेना की गतिविधियों पर नजर रखे।
44वीं बटालियन तैनात
न्यूज एजेंसी के मुताबिक, पिछले हफ्ते केपी शर्मा ओली की सरकार के गृह मंत्रालय ने सेना को एक आदेश जारी किया। इसमें कहा गया कि भारत और चीन के बीच जारी तनाव के मद्देनजर लिपुलेख सीमा की सख्त निगरानी जरूरी है। इसके बाद नेपाल आर्म्ड पुलिस फोर्स (एनपीएफ) की 44वीं बटालियन यहां तैनात की गई।
चीनी सैनिक भी यहां मौजूद
सिर्फ नेपाल ही क्यों, यहां चीन की 150 लाइट कम्बाइंड आर्म्स ब्रिगेड भी तैनात है। पिछले महीने इसे यहां भेजा गया था। यहां से करीब 10 किलोमीटर दूर पाला क्षेत्र है। यहां भी चीनी सैनिक मौजूद हैं। भारत ने लिपुलेख में 17 हजार फीट पर बेहतरीन सड़क बनाई है। रोड कंस्ट्रक्शन के वक्त नेपाल ने कोई आपत्ति नहीं जताई थी लेकिन, इसके बाद भारत और नेपाल के बीच इसी मुद्दे पर बयानबाजी और तनाव शुरू हो गया।
भारत और नेपाल के बीच भी तनाव
नेपाल ने लिपुलेख पर न सिर्फ अपना दावा किया बल्कि एक नया नक्शा जारी भी कर दिया। इसमें लिपुलेख को भी शामिल किया। भारत ने इस पर विरोध जताया। भारत और चीन के बीच लद्दाख में जारी तनाव के बीच नेपाल भी कुछ ज्यादा ही सक्रियता दिखाने की कोशिश कर रहा है।
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नवाज शरीफ की बेटी मरियम ने कहा- सीपैक चेयरमैन आसिम सलीम बाजवा के खिलाफ जांच हो, इससे प्रोजेक्ट पर कोई असर नहीं पड़ेगा September 01, 2020 at 10:22PM
पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ को जल्द देश लाने पर जोर दे रहे हैं। इसके लिए कानूनी कार्रवाई भी शुरू हो गई है। दूसरी तरफ, नवाज की बेटी और पाकिस्तान मुस्लिम लीग (नवाज) की वाइस प्रेसिडेंट मरियम नवाज ने इमरान के करीबी और चाइना-पाकिस्तान इकोनॉमिक कॉरिडोर (सीपैक) के चेयरमैन लेफ्टिनेंट आसिम सलीम बाजवा के खिलाफ जांच की मांग कर दी है।
पिछले दिनों कुछ मीडिया रिपोर्ट्स सामने आईं थीं। इनमें बाजवा पर लाखों डॉलर की प्रॉपर्टी और कई विदेशी कंपनियां का मालिकाना हक रखने का आरोप लगा था। रिपोर्ट्स में इनकी पूरी डीटेल दी गई थी।
मरियम ने क्या कहा
आमतौर पर पाकिस्तान के सियासतदान फौज के खिलाफ बयानबाजी से बचते हैं। लेकिन, बाजवा इमरान के करीबी हैं। बाजवा के बहाने विपक्ष और खासतौर पर नवाज की पार्टी इमरान को घेरने की रणीति पर चल रही है। मरियम ने मंगलवार को कहा- नवाज सरकार में सीपैक शुरू हुआ। यह 60 बिलियन डॉलर का प्रोजेक्ट है। किसी एक व्यक्ति के न रहने से इस पर कोई फर्क नहीं पड़ेगा। बाजवा प्रधानमंत्री के स्पेशल असिस्टेंट भी हैं। उन्हें अपने ऊपर लगे आरोपों का सामना करना चाहिए। इस मामले की जांच होनी चाहिए।
सीपैक के खिलाफ साजिश नहीं
मीडिया से बातचीत में मरियम ने कहा- यह कहना बिल्कुल गलत है कि बाजवा और उनके परिवार पर आरोप सीपैक के खिलाफ साजिश है। मीडिया में जो रिपोर्ट्स आई हैं, उनमें तथ्य हैं। क्या इन पर सवाल पूछना गलत है। साफ बात ये है कि यह एक व्यक्ति पर लगे बेहद गंभीर और बड़े आरोपों का मामला है। उन्हें जवाब देना चाहिए। सीपैक से इसका कोई लेना-देना नहीं है। बाजवा को सैलरी जनता के पैसे से दी जा रही है। उनके खिलाफ सबूत सामने आ चुके हैं।
कौन हैं बाजवा और क्या हैं आरोप?
असीम सलीम बाजवा पाकिस्तानी सेना के प्रवक्ता रहे। प्रधानमंत्री इमरान खान से नजदीकियों के चलते उन्हें सीपैक का चेयरमैन बनाया गया। हालांकि, यह एडमिनिस्ट्रेटिव पोस्ट है और इसीलिए फौज के आदमी को इस पद पर बिठाने का विरोध भी हुआ।
बाजवा पर आरोप है कि उनकी और उनके परिवार की अमेरिका समेत 4 देशों में प्रॉपर्टीज हैं। उनकी पत्नी और भाइयों की करीब 99 कंपनियां हैं। बाजवा के बेटे ने 5 साल पहले एक अमेरिकी कंपनी ज्वॉइन की। इसके बाद कुछ कंपनियां बनाईं। कुल मिलाकर बाजवा के पास लाखों डॉलर की संपत्ति बताई जाती है। विपक्ष अब सरकार से बाजवा के खिलाफ जांच और हटाने का दबाव बना रहा है।
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