Friday, April 17, 2020
New wave of infections threatens to collapse Japan hospitals April 17, 2020 at 08:28PM
ट्रम्प ने कहा- संक्रमण के चलते चीन में अमेरिका की तुलना में कहीं ज्यादा मौतें हुईं, उनके यहां ये सिलसिला थम नहीं रहा April 17, 2020 at 06:13PM
अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने एक बार फिर से कोरोना से हुई मौतों को लेकर किए गए चीन के दावों पर सवाल उठाए। उन्होंने चीन ने अभी-अभी कारोना से होने वाली मौतों की संख्या दोगुनी की है। यह काफी ज्यादा है, अमेरिका के आंकड़ों के करीब तक नहीं है। उनके यहां मौतों का सिलसिला नहीं थम रह।ट्रम्प ने वुहान में हुई मौतों को लेकर जारी ताजा आंकडों को लेकर यह बात कही। इन आंकड़ों में मौतों की संख्या 1 हजार 290 बढ़ा दी गई है। 2 अप्रैल को भी ट्रम्प ने चीन में हुई मौतों की संख्या सटीक होने पर संदेह जाहिर किया था। इससे पहले ब्रिटेन और फ्रांस के नेता भी संक्रमण से हुई मौतों पर चीन के दावों पर सवाल किए थे। ट्रम्प ने अपने कई राज्यों से कोरोना को लेकर लगाई गई पाबंदियां हटाने की भी घोषणा की है। इसको लेकर कई राज्यों के गवर्नर से उनके मतभेद भी सामने आए हैं।
शनिवार तड़के हुए प्रेस कॉन्फ्रेंस में उन्होंने कोरोना से प्रभावित देश के किसानों के लिए 19 बिलियन डॉलर ( करीब 1 लाख 18 हजार करोड़ रुपए) के राहत पैकेज का ऐलान किया। ट्रम्प प्रशासन की ओर से यह राहत की रकम सीधे उनके बैंक खातों में ट्रांसफर किए जाएंगे। इसके साथ ही सरकार किसानों से उनके डेयरी और मीट उत्पाद खरीदेगी, जिसे फूड बैंक की मदद से लोगों के बीच बांटा जाएगा।
तीन राज्यों में पाबंदियों में राहत देने की मांग तेज
तीन राज्यों मिशिगन, मिन्नेसोटा और वर्जीनिया में लोग पाबंदियों में राहत देने की मांग कर रहे हैं। अमेरिकी संविधान के मुताबिक स्वास्थ्य सुरक्षा से जुड़े मसलों पर राज्यों के गवर्नर ही फैसला लेंगे। ट्रम्प ने भी पहले के अपने भाषणों में यही कहा था। हालांकि तीनों राज्यों के गवर्नर ने इसके लिए कोई फैसला नहीं किया है। ऐसे में यहां के लोग गवर्नर के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे हैं। मिशिगन में लोगों ने रास्ते जाम कर ट्रम्प के समर्थन में झंडे लहराए। वहीं, ट्रम्प ने ट्वीट कर इन तीनों राज्यों के लिए ‘लिबरेट’शब्द का इस्तेमाल किया। टेक्सस और मिन्नेसोटा के कुछ व्यापारिक गतिविधियों को मंजूरी देने की योजना बनाने की बात भी सामने आई है।
न्यूयॉर्क के गवर्नर क्यूमो पर ट्रम्प ने निशाना साधा
अमेरिका में न्यूयॉर्क कोरोना से सबसे ज्यादा प्रभावित है। यहां के गवर्नर माइकल क्यूमो और ट्रम्प के बीच मतभेद बढ़ गए हैं। क्यूमो ने शुक्रवार को कहा कि वे पूरी तरह से लॉकडाउन नहीं हटा सकते। इससे पहले उन्होंने ट्रम्प सरकार(फेडरल गवर्मेंट) पर मदद नहीं देने का आरोप लगाया था। इसके बाद ट्रम्प ने ट्वीट कर कहा कि हमने आपके लिए हजारों हॉस्पिटल बेड बनाए, जिसकी आपकी जरूरत नहीं थीया आपने इस्तेमाल नहीं किया। काफी संख्या में वेंटिलेटर्स दिए। आपको टेस्टिंग में भी मदद की जोकि आपको करना चाहिए था। हमने न्यूयॉर्क को देश के किसी दूसरे राज्य से ज्यादा पैसा और इक्विपमेंट दिया है। जिन महान लोगों ने इस समयअपना काम किया, कभी आपसेधन्यवाद तक नहीं सुन पाए। बातें कम और काम ज्यादा करें।
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अब तक 1 लाख 54 हजार मौतें: डब्ल्यूएचओ ने कहा- वन्यजीवों के मांस के व्यापार पर कड़े प्रतिबंध लगाएं देश April 17, 2020 at 05:16PM
दुनिया में कोरोनावायरस से अब तक 22 लाख 50 हजार लोग संक्रमित हैं। एक लाख 54 हजार जान जा चुकीहै। पांच लाख 71 हजार 577 ठीक भी हुए हैं। विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के प्रमुख टेड्रोस एडहॉनम गेब्रेसिएसस ने शुक्रवार को कहा कि महामारी के कारण सभी देशों को वन्यजीवों के मांस के व्यापार पर कड़े प्रतिबंध लगाने चाहिए। इन बाजारों में ज्यादातर जगहों पर स्वच्छता का अभाव होता है।
गेब्रेसिएसस ने कहा- वेट मार्केट (मांस बाजार) तभी दोबारा खोले जाने चाहिए, जब यहां पूरी तरह फूड सेफ्टी और स्वच्छता सुनिश्चित हो सके। उन्होंने कहा- नए वायरस का 70% जानवरों से आए हैं। फिलहाल, हम जानवरों से इंसान में संक्रमण को और बेहतर तरीके से रोकने और समझने की कोशिश में लगे हैं।
ट्रम्प ने शुक्रवार को ट्वीट किया- चीन ने अचानक इस अज्ञात शत्रु से होने वाली मौतों का आंकड़ा बढ़ाकर दोगुना कर दिया है। लेकिन यह इससे कहीं ज्यादा है। ये अमेरिका में हो रही मौतों से भी ज्यादा है।उनका यह बयान तब आया, जब कहा गया कि महामारी का केंद्र रहे चीन के वुहान शहर में 1,290 और मौतें हुई हैं।
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कोरोनावायरस : सबसे ज्यादा प्रभावित 10 देश
देश | कितने संक्रमित | कितनी मौतें | कितने ठीक हुए |
अमेरिका | 7 लाख 9 हजार 735 | 37 हजार 154 | 60 हजार 510 |
स्पेन | 1 लाख 90 हजार 839 | 20 हजार 002 | 74 हजार 797 |
इटली | 1 लाख 72 हजार 434 | 22 हजार 745 | 42 हजार 727 |
फ्रांस | 1 लाख 47हजार 969 | 18 हजार 681 | 34 हजार 420 |
जर्मनी | 1 लाख 41 हजार 397 | 4 हजार 352 | 83 हजार 114 |
ब्रिटेन | 1 लाख 8 हजार 692 | 14 हजार 576 | उपलब्ध नहीं |
चीन | 82 हजार 719 | 4 हजार 632 | 77 हजार 994 |
ईरान | 79 हजार 494 | 4 हजार 958 | 54 हजार 064 |
तुर्की | 78 हजार 546 | 1 हजार 769 | 8 हजार 631 |
बेल्जियम | 36 हजार 138 | 5 हजार 163 | 7 हजार 962 |
अमेरिका: 24 घंटे में 2,535 मौतें
अमेरिका में हर दिन होने वाली मौतों में कमी होता नजर नहीं आ रहा है। यहां शुक्रवार को 2,535 जान गई हैं। वहीं, 32 हजार 165 संक्रमित हुए हैं। देश में अब तक 37 हजार 154 लोग जान गंवा चुके हैं, जबकि संक्रमण के सात लाख नौ हजार 735 केस मिल चुके हैं।
- ट्रम्प ने कहा- देश में आठ करोड़ लोगों को राहत राशि मिल चुकी है। प्रशासन किसानों को 19 अरब डॉलर की सहायता प्रदान करेगा। उन्होंने किसान सहायता पैकेज के बारे में बताया कि किसानों को 16 अरब डालर का सीधे भुगतान किया जाएगा और भोजन वितरण के लिए तीन अरब डॉलर का इस्तेमाल किया जाएगा।
- न्यूयॉर्क राज्य में अब फेस मास्क पहनना अनिवार्य कर दिया गया है। यह खास तौर पर उन स्थानों पर जरूरी होगा जहां लोग छह फीट की दूरी नहीं रख सकते। इस हफ्ते अब तक 41 हजार लोग पॉजिटिव पाए गए हैं। यानी हर रोज करीब आठ हजार मरीज। दो साल से ऊपर के सभी लोगों को अब मास्क पहनना जरूरी होगा।
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न्यूयॉर्क के गवर्नर एंड्रूयू क्यूमो और ट्रम्प के बीच जुबानी जंग जारी है। क्यूमो के रोज प्रेस ब्रीफिंग पर ट्रम्प ने तंज कसा। कहा, “रोज मीडिया को ब्रीफिंग करना बुरा नहीं है लेकिन बेहतर होता अगर कूमो बोलने से ज्यादा अपने काम पर ध्यान देते।”
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इसके जवाब में क्यूमोने कहा, “अगर वे घर बैठकर टीवी देख रहे हैं तो मेरी एक सलाह है। ट्रम्प को अब उठकर अपने काम संभाल लेना चाहिए।” ट्रम्प रिपब्लिकन पार्टी से हैं जबकि क्यूमो डेमोक्रेट पार्टी से।
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कैलिफोर्निया की अर्थव्यवस्था को फिर से खोलने की मांक को लेकर यहां के हैटिंगटन बीच पर सैकड़ों प्रदर्शनकारियों ने विरोध जताया। लोगों ने स्टे-एट-होम ऑर्डर को नजरअंदाज करते हुए एक-दूसरे से गले मिले और सेल्फी भी ली। बड़ी संख्या में लोग ‘ट्रम्प 2020’ का फ्लैग लहरा रहे थे।
रूस: मॉस्को में 148 मौत
रूस की राजधानी मॉस्को में महामारी से 24 घंटे में 21 मरीजों की मौत होने से यह आंकड़ा बढ़कर 148 पहुंच गया है। कोरोनावायरस प्रतिक्रिया केंद्र ने शनिवार को एक बयान में कहा- संक्रमित मरीज जिनका इलाज किया जा रहा था, उनमें से 21 की मॉस्को में मौत हो गई। मारे गये मरीजों की उम्र 34 से 91 वर्ष के बीच है। रूस में अब तक 273 लोगों की जान जा चुकी है, जबकि 32 हजार से ज्यादा संक्रमित हैं। राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने शुक्रवार को महामारी के इलाज में इस्तेमाल होने वाली दवाएं देने के लिए भारत का शुक्रिया अदा किया है। पुतिन के प्रवक्ता ने कहा, “भारत सरकार ने हमें कोविड-19 के इलाज में मददगार दवाएं देने का फैसला किया है। हम उनके शुक्रगुजार हैं।”
चिली: 116 की मौत, 9,252 संक्रमित
चिली के स्वास्थ्य मंत्रालय ने शनिवार को कहा कि देश में अब तक 116 मरीजों की मौत हो चुकी है जबकि 9,252 संक्रमित हैं। उपस्वास्थ्य मंत्री पाउला डाजा ने कहा कि देश में 3,621 लोग ठीक हो चुके हैं। स्वास्थ्य मंत्रालय के सहायता नेटवर्क के उपमंत्री अर्तुरो ज़ुनिगा ने बताया कि 727 स्वास्थ्यकर्मी को क्वारैंटाइन किया गया है। जबकि बड़ी संख्या में स्वास्थ्यकर्मी क्वारैंटाइन के बाद घर वापस लौट चुके हैं। चिली सरकार ने इस सप्ताह लिफ्ट और दस लोगों से ज्यादा भीड़ वाले सार्वजनिक स्थानों पर फेस मास्क लगाना अनिवार्य कर दिया है। साथ ही स्कूल, सिनेमा, रेस्तरां, शॉपिंग सेंटर और अन्य स्थान बंद करने का अदेश दिया है।
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भारत में मानसिक रोग के मरीजों की संख्या 20 फीसदी तक बढ़ी, विशेषज्ञ बोले- मोबाइल से निगरानी जैसी तकनीक खोजें, ताकि लोग मजबूत बनें April 17, 2020 at 02:52PM
कोरोनावायरस से दुनियाभर में भय और चिंता का माहौल पैदा हो गया है। विशेषज्ञों ने चेतावनी दी है कि इस त्रासदी के कारण पूरी दुनिया को खराब मानसिक सेहत का सामना करना पड़ सकता है और लंबे समय तक इसका प्रभाव रहेगा। न्यूराेसाइंटिस्ट, मनाेचिकित्सक और मनाेवैज्ञानिकों का कहना है कि लाेगाें की मानसिक स्थिति पर काेई असर न पड़े, इसके लिए सभी देशों को लक्षण आधारित इलाज और रिसर्च को बढ़ावा देने का काम तुरंत शुरू कर देना चाहिए। साथ ही ऐसे मामलों की दुनियाभर में एक साथ निगरानी की व्यवस्था की जानी चाहिए।
ग्लास्गो यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर रोरी ओकॉनर ने कहा कि शराब, नशे की लत, जुआ, साइबर बुलिंग, रिश्तों का टूटना, बेघर होने के कारण चिंता और डिप्रेशन से असामान्य व्यवहार करने वालों की अनदेखी से आगे समस्या और बढ़ जाएगी। संकट के इस दौर में लोगों की ऐसी समस्याओं को नजरअंदाज करने से न केवल उनका जीवन, बल्कि समाज भी प्रभावित होगा। ऐसे लोगों पर नजर रखने की जरूरत है, जो गंभीर रूप से डिप्रेशन में हैं, या उनमें आत्मघाती कदम उठाने के विचार आते हैं। उनकी निगरानी मोबाइल फोन जैसी नई तकनीकी माध्यम से किए जाने की जरूरत है।
मानसिक स्वास्थ्य को जांचने के लिए स्मार्ट तरीके खोजने होंगे
कैम्ब्रिज यूनिवर्सिटी के प्रो. एड बुलमोर ने कहा- हमें डिजिटल संसाधनों का उपयोग करना होगा। लोगों के मानसिक स्वास्थ्य को जांचने के लिए स्मार्ट तरीके खोजने होंगे, तभी इस चुनौती का सामना कर पाएंगे।दरअसल, ब्रिटेन में ‘लैंसेट साइकेट्री’ ने मार्च के अंत में 1,099 लोगों का सर्वे किया था। इसमें पता चला कि लॉकडाउन और आइसोलेशन में रहने की वजह से लोगों में कारोबार डूबने, नौकरी जाने और बेघर होने तक का खौफ पैदा हो गया है।
देश में भी मानसिक पीड़ितों की संख्या 15 से 20 फीसदी बढ़ी
इंडियन साइकियाट्रिक सोसायटी के सर्वे के मुताबिक, कोरोनावायरस के आने के बाद देश में मानसिक रोगों से पीड़ित मरीजों की संख्या 15 से 20 फीसदी तक बढ़ गई है। दुनियाभर में सभी स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं में केवल 1 प्रतिशत हेल्थ वर्कर्स ही मेंटल हेल्थ के इलाज से जुड़े हुए हैं। भारत में इसका आंकड़ा और भी कम है।
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फैशन रिटेलरों ने 70% तक मूल्य कम किए, महामारी के कारण पूरे सीजन का स्टॉक बेकार गया April 17, 2020 at 02:48PM
ब्रिटिश फैशन रिटेलर नेक्स्ट के बॉस साइमन वोल्फसन कहते हैं, कोई भी घर में बैठने के लिए नए कपड़े नहीं खरीदना चाहता है। वे मार्च में एक एनालिस्ट से बात कर रहे थे। उन्होंने कहा कि कोविड-19 महामारी के कारण सालाना बिक्री में 25% या 9100 करोड़ रुपए की गिरावट आ सकती है। यूरोप, अमेरिका में लॉकडाउन ने फैशन रिटेलर्स को जबर्दस्त नुकसान पहुंचाया है। चूंकि, वे आवश्यक वस्तुएं नहीं बेचते हैं इसलिए उन्हें अपने वेयरहाउस बंद करना पड़े हैं। ऑनलाइन बिक्री भी रोक दी गई है। कई रिटेलर्स ने 70% तक ऑनलाइन डिस्काउंट दिया है।
कपड़ों की बिक्री तो आधी रह गई
कई रिटेल वस्तुएं खासकर परिधान फैशन और स्टाइल से बाहर हो जाते हैं। विश्व की सबसे बड़ी रिटेल कंपनी इंडिटेक्स ने कहा है कि उसका 2400 करोड़ रुपए का स्टॉक बेकार हो जाएगा। रिसर्च फर्म बर्नस्टीन की अनीशा शरमन कहती हैं अन्य फैशन रिटेलर की भी यही स्थिति है। अमेरिका में रिटेल बिक्री मार्च में फरवरी से 8.7% कम हो गई। कपड़ों की बिक्री तो आधी रह गई है। कंसल्टेंसी फर्म मेकिंसे के एन. एलिके कहते हैं कि रिटेलर्स हमेशा ऑर्डर तेजी से रद्द करते हैं। इससे सप्लायरों की मुश्किलें बढ़ती हैं। छोटे सप्लायरों के सभी कस्टमर अचानक जानेलगते हैं।
महामारी से निपटने के लिए रिटेलर्स भारी छूट दे रहे
महामारी से निपटने के लिए रिटेलर्स ने भारी छूट देने का रास्ता अपनाया है। स्वीडिश कंपनी एचएंडएम ने मूल्य 70% घटा दिए हैं। अमेरिकी कंपनी जीएपी ने महिलाओं के कपड़ों की ऑनलाइन बिक्री पर 50% डिस्काउंट दिया है। जापान की यूनिक्लो इंटरनेट पर पैंट्स और लैगिंग्स बहुत कम भाव पर बेच रही है।
एक अन्य तरीका अचानक ऑर्डर रद्द करने का है। ब्रिटिश फर्म मार्क एंड स्पेंसर ने मार्च के अंत में सभी ऑर्डर रद्द कर दिए। अब तक अमेरिकी और यूरोपियाई रिटेलर्स ने बांग्लादेश से लगभग 12 हजार करोड़ रुपए के गारमेंट ऑर्डर रद्द किए हैं। ऐसी स्थिति में सप्लायर अदालत में जा सकते हैं। स्पेन, ऑस्ट्रिया, चेक रिपब्लिक में बंदिश हटने से रिटेलर्स को थोड़ी उम्मीद बंधी है।
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रिसर्चः चमगादड़ों की 1400 प्रजातियों में 3 हजार से अधिक कोरोनावायरस सक्रिय, इबोला और मार्गबर्ग बुखार भी इनसे फैला April 17, 2020 at 02:46PM
अब तक इसका अनुमान लगाया जा रहा है किकोविड-19 का संक्रमण किस जीव के जरिए इंसानों में फैला।कई ऐसे प्रमाण मिले हैं कि संक्रमण फैलाने के लिए चमगादड़ जिम्मेदार हैं। पाम सिवेट्स पक्षियों से सार्स वायरस मनुष्यों में फैला था। इनमें चमगादड़ से यह वायरस आया था। एक अन्य कोरोनावायरस मर्स चमगादड़ से फैला है। हालांकि, इसके ऊंट से मनुष्य में आने के भी सबूत मिले हैं। रिसर्च से यह पता चला है किइबोला और मार्गबर्ग बुखार भी चमगादड़ों से आया है। रैबीज वायरस भी चमगादड़ों की देन है।
चमगादड़ों की एक प्रजाति में एक से पांच किस्म के कोरोना वायरस
कैलिफोर्निया यूनिवर्सिटी की ट्रेसी गोल्डस्टीन और उनके साथियों ने अफ्रीका, दक्षिण अमेरिका और एशिया में 20 देशों में चूहों, चमगादड़ों, बंदरोंऔर इंसानों में कोरोनावायरस का परीक्षण किया था। चमगादड़ों की एक प्रजाति में एक से पांच किस्म के कोरोना वायरस पाए जाते हैं। अगर 1400 विभिन्न प्रजातियों के हिसाब से देखें तो चमगादड़ों में तीन हजार से अधिक कोरोना वायरस सक्रिय हैं। इसलिए इस नतीजे पर पहुंचा जा सकता है कि मनुष्यों के लिए जानलेवा कोरोना चमगादड़ से ही फैला है।
चमगादड़ में नए वायरस के भरपूर स्रोत होते हैं
लिहाजा सवाल उठना स्वाभाविक है कि चमगादड़ों में ऐसा क्या है कि वायरस उनसे दूसरे प्राणियों में फैल जाता है। कैलिफोर्निया बर्कले यूनिवर्सिटी की डॉ. कारा ब्रुक की रिसर्च में सामने आया है कि कुछ चमगादड़ों का इम्यून सिस्टम अस्वाभाविक होता है। इसमें इंटरफेरॉन पाथवे नामक वायरस विरोधी प्रक्रिया हमेशा चलती है। किसी इंफेक्शन के बिना यह प्रक्रिया चलती रहती है। इससे वायरस तेज गति से विकसित भी होता है। इस कारण अन्य स्तनपायी जीवों की तुलना में चमगादड़ में नए वायरस के भरपूर स्रोत होते हैं।
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यूरोप के दो देशों से सीखिए- किस तरह कोरोना के खतरे को समझा, तैयारियां की और फिर उसे फैलने से रोका April 17, 2020 at 02:30PM
मार्च के दूसरे हफ्ते में यूरोप कोरोना का नया केंद्र बनता जा रहा था। चीन के बजाय दुनिया का ध्यान यूरोप पर केंद्रित हो गया था। आने वाले दिनों में ये साबित भी हो गया। देखते ही देखतेइटली, स्पेन, फ्रांस और ब्रिटेन तेजी से इसकी चपेट में आ गए। तब जर्मन चांसलर एंगेला मर्केल का बयान आया था, जिसने लोगों को सकते में डाल दिया था। मर्केल ने कहा था कि जर्मनी की 70% आबादी संक्रमित हो सकती है।
मर्केल ने खुद को क्वारैंटाइन किया, तो लगा जर्मनी में भी हालात इटली और स्पेन जैसे हो सकते हैं। पर एक महीने बाद इटली, स्पेन, फ्रांस और ब्रिटेन में हर दिन सैकड़ों लोगों की मौत हो रही है वहीं, जर्मनी यूरोपीय देशों से कहीं बेहतर स्थिति में है। देश में 14 हजार लोग संक्रमित हैं, वहीं 3868 मौतें हुई हैं।
जर्मनी में बहुत पहले टेस्ट किट पूरे देश में पहुंचा दी गईं
दरअसल जर्मनी ने जनवरी के शुरू में ही टेस्ट करने की तैयारी कर ली थी और टेस्ट किट बना भी ली थी। पहला मामला फरवरी में आया था, पर इससे पहले ही पूरे देश में टेस्ट किट पहुंचा दी गई थीं। इसका नतीजा ये हुआ कि दक्षिण कोरिया की तरह न सिर्फ ज्यादा टेस्टिंग हुई बल्किइसी आधार पर लोगों को अस्पतालों में भर्ती भी कराया गया। कई शहरों में टेस्टिंग टैक्सियां भी चलाईं गई, जो लॉकडाउन के दौर में घर-घर जाकर टेस्ट करती हैं। इससे समय पर इलाज में आसानी हुई।
टेस्टिंग से लेकर नतीजे तक, सारे काम घर पर ही हो गए
स्वास्थ्य अधिकारियों ने लोगों तक ये संदेश दिया कि अगर किसी को लक्षण महसूस हो रहे हैं, तो उसे अस्पताल आने की जरूरत नहीं है। टेस्टिंग से लेकर नतीजे तक सभी काम घर पर रहकर ही हो जाएंगे।रॉबर्ट कॉख इंस्टीट्यूट के प्रेसिडेंट लोथर वीलर के मुताबिक देश में हल्के लक्षण वालों को भी ढूंढा गया, जो बाद में गंभीर हो सकते थे। जर्मनी ने टेस्टिंग के साथ-साथ ट्रैकिंग को भी उतनी ही प्राथमिकता दी।
समय रहते जर्मनी ने सख्त कदम उठाए
टेस्टिंग के साथ-साथ ट्रैकिंग में भी सख्ती रखी गई। इन सबके अलावा जर्मनी ने समय रहते सख्त कदम उठाए। चाहे सीमाएं बंद करनी हों या फिर सोशल डिस्टेंसिंग का फैसला।लोगों ने चांसलर मर्केल का समर्थन किया। इसी कारण देश में पूर्ण लॉकडाउन न होते हुए भी लोग पाबंदियों का पालन कर रहे हैं। और ये एक बड़ी वजह है कि जर्मनी में कम लोगों की मौत हुई है।
4 मई से खुल सकता है लॉकडाउन, पर सख्ती भी जारी रहेगी
जर्मनी ने लॉकडाउन से बाहर आने की तैयारी कर ली है। 30 अप्रैल को एक बार रिव्यू किया जाएगा। इसके बाद 4 मई से स्कूलों को शुरू किया जाएगा। डे केयर सेंटर, धार्मिक कार्यक्रम, रेस्तरां, सिनेमा 31 अगस्त तक बंद रहेंगे। ऑफिस में कम से कम डेढ़ मीटर की दूरी रखनी होगी। इसके अलावा 7500 कंपनियों ने शॉर्ट टर्म वर्क शुरू करने की मंजूरी मांगी है, इस पर भी विचार किया जा रहा है।
विएना: इमरजेंसी के लिए बनाए गए फील्ड हॉस्पिटल और आईसीयू बेड खाली
वहीं,ऑस्ट्रिया की राजधानी विएना के उत्तर में शुरू हुए नए अस्पताल में पार्किंग क्षेत्र, गलियारे सूने हैं। कांच की दीवारों से कुछ मेडिकल स्टाफ दिख जाता है। अभी यहां विजिटर्स को आने की अनुमति नहीं है। इटली और स्पेन की तरह यहां के हॉस्पिटल कोरोना के मरीजों के बोझ से दबे नहीं हैं। स्थिति नियंत्रण में है। देश में करीब 1000 करोना मरीजों का इलाज चल रहा है। इनमें से 250 आईसीयू में हैं। जल्दी से बनाए गए सैकड़ों बिस्तरों वाले फील्ड हॉस्पिटल भी खाली हैं। एक तिहाई आसीयू बिस्तरों की भी यही स्थिति है।
स्थिति संभालने की बड़ी वजह है, जल्दी लॉकडाउन
देश के स्वास्थ्य मंत्रालय ने बताया कि यहां पर 24 घंटे में आने वाले मामले 122 तक घट गए हैं, जबकि 26 मार्च को कुल मामले 966 थे।स्थिति संभालने की बड़ी वजह है, जल्दी लॉकडाउन। लंदन स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स के सीनियर रिसर्च फैलो थॉमस जिपिओंका बताते हैं कि ऑस्ट्रिया ने 16 मार्च को ही लॉकडाउन लागू कर दिया था, जबकि बाकी देश इस बारे में सोच ही रहे थे।
बाहर घूमने वाल 17 हजार लोगों पर भारी भरकम जुर्माना लगाया गया
ब्रिटेन ने 23 मार्च को इस पर फैसला लिया था। थॉमस के मुताबिक, ऑस्ट्रिया का एक हिस्सा इटली की सीमा से भी जुड़ा है। पर सख्त फैसलों और हर बात पर बारीक नजर ने कोरोना को फैलने नहीं दिया। चप्पे-चप्पे पर पुलिस पेट्रोलिंग होती है। बाहर घूमने वाल 17 हजार लोगों पर भारी भरकम जुर्माना लगाया गया। ज्यादातर लोगों को सेल्फ क्वारैंटाइन रखा गया। इसलिए कोरोना ऑस्ट्रिया पर हावी नहीं हो सका।
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'New York, New York' rings out across Big Apple to honor medical workers April 17, 2020 at 03:27AM
स्वीडन की राजकुमारी सोफिया संक्रमित मरीजों के इलाज में जुटीं, तीन दिन का ऑनलाइन कोर्स किया April 16, 2020 at 10:02PM
स्वीडन की राजकुमारी सोफिया कोरोनावायरस से संक्रमित मरीजों के इलाज में जुट गई हैं। 35 साल की सोफिया ने तीन दिन का इंटेसिव ट्रेनिंग प्रोग्राम ऑनलाइन सीखा है। इससे अब वे स्टॉकहोम में सोफियामेट हॉस्पिटल में वॉलेंटियर के रूप में काम कर रही हैं। खास बात यह है कि सोफिया इस हॉस्पिटल की मानद अध्यक्ष भी हैं।
असिस्टेंट के तौर पर काम करेंगी
द रॉयल सेंट्रल के अनुसार, राजकुमारी सोफिया कोरोना के मरीजों के सीधे इलाज में शामिल नहीं होंगी। वह नॉन- मेडिकल कामों में डॉक्टरों की मदद करेंगी। वह अस्पताल में हेल्थकेयर असिस्टेंट के तौर पर काम करेंगीं।सोफियामेट हॉस्पिटल की तरफ से ही तीन दिन का ऑनलाइन कोर्स कराया जाता है।
इस कोर्स से लोगों को नॉन-मेडिकल कामों के लिए सहायक के तौर पर तैयार किया जाता है। इसमें सफाई,किचन में काम करना और उपकरणों को डिसइंफेक्ट करना आदि काम शामिल होते हैं। डॉक्टरों, नर्सों और अन्य हेल्थ वर्कर्स का बोझा कम करने के लिए अस्पताल की ओर से हर हफ्ते 80 लोगों को ट्रेनिंग दी जा रही है।
राजकुमार कार्ल-फिलिप से हुई है शादी
रॉयल कोर्ट के एक प्रवक्ता ने कहा, ‘‘इस संकट की घड़ी में हेल्थ वर्कर्स के बोझ को कम करने के लिए राजकुमारी एक वॉलेंटियर के रूप में काम करना चाहती हैं।’’ ऑनलाइन शेयर की गई फोटो में राजकुमारी अपने सहकर्मियों के साथ नीलास्क्रब पहने हुए, सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुए दूर खड़ी दिख रही हैं।
राजकुमारी सोफिया की शादी 40 साल के राजकुमार कार्ल फिलिप से हुई है,जो राजा बनने की लाइन में चौथे स्थान पर हैं। स्वीडन में संक्रमण के 1,300 से ज्यादा मामले सामने आए हैं। कोरोनावायरस से लड़ने के लिए हर देश के नागरिक बढ़-चढ़कर योगदान दे रहे हैं। इससे पहले, मिस इंग्लैंड 2019 भाषा मुखर्जी ने भी अपना खिताब छोड़कर ब्रिटेन में कोविड-19 संकट के बीच डॉक्टर के तौर पर फिर से काम शुरू किया था।
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Contact tracing to drones: Will coronavirus surveillance outlast the pandemic? April 17, 2020 at 02:03AM
दुनिया कोरोना से बचाव में जुटी, इसलिए 10 करोड़ से ज्यादा बच्चों को खसरे का खतरा; कोरोनो वायरस के चलते 24 देशों में राष्ट्रीय टीकारण कार्यक्रम रुका April 17, 2020 at 12:50AM
जान हॉफमैन. कोरोना महामारी जिंदगी के हर पहलू को प्रभावित कर रही है। यहां तक की खसरा (मीजेल्स) जैसी घातक बीमारी के रोकथाम कार्यक्रम में भी यह बाधा बन रही है। दुनियाभर के देश इस समय अपनी पूरी ताकत कोरोनावायरस को फैलने से रोकने में लगा रखी है, इसके चलते दुनिया के 10 करोड़ से ज्यादा बच्चों पर खसरा (मीजेल्स) का खतरा मंडराने लगा है। इसकी वजह यह है कि मैक्सिको, नाइजीरिया और कंबोडिया सहित 24 निम्न और मध्यम आय वाले देशों ने अपने यहां कोरोना के चलते राष्ट्रीय टिकाकरण कार्यक्रमों को फिर स्थगित कर दिया है या रोकने की तैयारी कर रहे हैं।
यूनिसेफ की चीफ इम्यूनाइजेशन (टीकाकरण प्रमुख) डॉ. रॉबिन नंदी ने न्यूयॉर्क टाइम्स से बातचीत में कहा कि कोविड-19 के प्रसार को कम करने के लिए विभिन्न प्रकार के टीकाकरण कार्यक्रम को थोड़े समय तक तो रोका जा सकता है, लेकिन लंबे समय तक नहीं। पढ़िए डॉ. नंदी से बातचीत के प्रमुख अंश...
1- कोरोना महामारी के बीच कई देशों में राष्ट्रीय टीकाकरण कार्यक्रम स्थगित हो गया है, यह कितना उचित है?
डॉ. नंदी कहते हैं कि अमीर देशों में लोग प्राइवेट क्लीनिक में टीकाकरण करवा लेते हैं, लेकिन गरीब देश जो कि सरकारी संस्थानों पर आश्रित रहते हैं, वहां पर कोरोना के चलते समस्या पैदा हो गई है। कोविड-19 के बीच टीकाकरण कार्यक्रम को स्थगित करना उचित फैसला है, लेकिन यह लंबे समय तक हितकारी नहीं होगा। क्योंकि हम ऐसा देश नहीं चाहते, जो कोरोना के प्रकोप से तो उबर जाए पर बाद में खसरा (मीजेल्स) और डिप्थीरिया जैसी अन्य घातक बीमारियों के कोप से दोबारा जूझे।'
2- आपकी नजर में इसका कोई समाधान हो सकता है?
हमें कोरोना महामारी की भयावहता को स्वीकार करना होगा। ऐसे देश जहां पर मीजेल्स का खतरा ज्यादा है, वे डब्ल्यूएचओ द्वारा निर्देशित सुरक्षित टीकाकरण कार्यक्रमों को यथासंभव चला सकते हैं। इसके लिए चार्टर प्लेन या सीमित अंतरराष्ट्रीय फ्लाइट के माध्यम से प्रभावित इलाकों में वैक्सीन और सीरिंज की शिपमेंट की योजना बनाई जा सकती है।
3- टीकाकरण पंजीकरण कितना कारगर साबित हो सकता है?
यह अच्छा विकल्प हो सकता है। अभी गरीब देशों में टीकाकरण पंजीकरण डेटा को संकलित करने में परेशानी आ रही है। पता नहीं चल पाता कि कितने लोग बाकी हैं या फिर टीकाकरण किस फेज में है। पंजीकरण डेटा संकलित होने से अभियानों पर नजर रखी जा सकती है। इससे उन क्षेत्रों को प्राथमिकता दी जा सकती है, जहां पर बच्चे बेहत कमजोर या फिर बीमारी के प्रकोप की संभावना सबसे अधिक होगी।
4- इस समय दुनिया में खसरे की स्थिति क्या है?
कोरोना महामारी के फैलने से पहले ही कई देश मीजेल्स (खसरा) जैसी बीमारी से युद्ध ग्रस्त थे। विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार 2017 में खसरा के 75 लाख 85 हजार 900 केस और एक लाख 24 हजार लोगों की मौत हुई। 2018 में 97 लाख 69 हजार 400 मामले एक लाख 42 हजार 300 मौतें हुईं। अमेरिका जहां खसरे का टीका 50 वर्षों से उपलब्ध है, यहां भी 2019 में 1,282 मामले सामने आए थे।
5- वर्तमान में किन-किन देशों में टीकाकरण कार्यक्रम स्थगित है?
ब्राजील, बांग्लादेश, कांगो लोकतांत्रिक गणराज्य, दक्षिण सूडान, नाइजीरिया, यूक्रेन और कजाकिस्तान इस समय खसरे के प्रकोप से लड़ रहे हैं। यहां पर अभी टीकाकरण कायर्क्रम प्रभावित है, जबकि बोलीविया, चाड, चिली, कोलंबिया, जिबूती, डोमिनिकन गणराज्य, इथियोपिया, होंडुरास, लेबनान, नेपाल, पराग्वे, सोमालिया, दक्षिण सूडान और उज्बेकिस्तान समेत 14 देश जिन देशों ने अपने टीकाकरण कार्यक्रमों को स्थगित कर दिया है।
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चीन ने वुहान में मौतों के नए आंकड़े जारी किए, इनमें 50% की बढ़ोतरी हुई, माना कि कई मौतों की वजह जानने में गलतियां हुईं April 17, 2020 at 12:31AM
चीन ने कोरोनावायरस के संक्रमण के कारण वुहान में होने वाली मौतों के नए आंकड़े जारी किए हैं। इनमें 1290 मौतें यानी करीब 50% की बढ़ोतरी की गई है।नेशनल हेल्थ कमीशन ने बताया कि वुहान में3,869 मौतें हुईं। पहले यह आंकड़ा2,579 था। संक्रमितों की तादाद भी325 की बढ़ाई गई। यह आंकड़ा अब 50,333 हो गया। अब चीन में चीन में कुल संक्रमितों की संख्या 82,692 और मरने वालों की संख्या 4,632 हो गई है।
चीन के हुबेई प्रांत की राजधानी वुहान से ही कोरोना वायरस का संक्रमण फैला था। शिन्हुआ न्यूज एजेंसी के अनुसार चीन ने स्वीकार किया कि कई मामलों में मौत का कारण जानने में गलती हुई या कई मामलों का पता ही नहीं चल पाया।कोविड-19 प्रिवेंशन एंड कंट्रोल के वुहान मुख्यालय नेकहा है कि आंकड़ों में संशोधन संबंधित नियम और कानून के अनुसार किए गए हैं। अब कोरोना से जुड़ी जानकारी पारदर्शी एवं सार्वजनिक हैं और आंकड़े भी सही हैं।
आंकड़ों के गलत होने के बताए चार कारण
1. कोरोना महामारी के शुरुआती दिनों में मरीजों की बढ़ती संख्या के कारण बहुत से लोगों को अस्पतालों में इलाज नहीं मिल पाया। इस कारण कई मरीजों ने घर पर ही दम तोड़ दिया।
2. मरीजों के इलाज के दौरान अस्पताल अपनी क्षमताओं से ज्यादा काम कर रहे थे और रोगियों को बचाने और उपचार करने के लिए चिकित्सा कर्मचारियों को पहले से तैयार किया गया था, जिसके चलते गलत और भ्रामक रिपोर्टिंग हुईं।
3. हुबेई प्रांत के वुहान शहर में अस्पतालों के तेजी से बढ़ने के कारण कुछ अस्पताल महामारी सूचना नेटवर्क से नहीं जुड़ सके और समय रहते डेटा की रिपोर्ट नहीं कर सके। इनमें प्राइवेट अस्पताल और कुछ अन्य चिकित्सा संस्थान भी शामिल हैं।
4. मृतकों में से कुछ की पंजीकृत जानकारी अधूरी थी और रिपोर्टिंग में दोहराव और गलतियां थीं।
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अंतरिक्ष से तीन यात्रियों की पृथ्वी पर वापसी, 6 महीने में बायोलॉजी, अर्थ साइंस, ह्यूमन रिसर्च, फिजिकल साइंस में कई एक्सपेरिमेंट्स किए April 17, 2020 at 12:21AM
इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन से 6 महीने बाद तीन अंतरिक्ष यात्री शुक्रवार को पृथ्वी पर लौट आए। इनमें अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा के दो जेसिका मीर और एंड्रयू मॉर्गन और रूस के ओलेग स्क्रिपोचका शामिल थे। सभी ने रूसियन विमान सोयूज एमएस-15 से वापसी की। विमान की पैराशूट लैंडिंग शुक्रवार को कजाखस्तान के दक्षिणी इलाके दज्जकजगान के एक कस्बे के नजदीक हुई। तीनों अंतरक्षि यात्री गुरुवार को इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन से रवाना हुए थे।
बता दें दो अंतरिक्ष यात्री मीर और ओलेग25 सितंबर 2019 को सोयूज एमएस-15 से ही आईएसएस पर पहुंचे थे। अपनी पहली अंतरिक्ष यात्रा के दौरान मॉर्गन और मीर ने बायोलॉजी, अर्थ साइंस, ह्यूमन रिसर्च, फिजिकल साइंस और टेक्नोलॉजी डेवलपमेंट में सैकड़ों एक्सपेरिमेंट्स किए। और इनके विकास में याेगदान दिया।
मॉर्गन स्पेस में 272 दिन रहेधरती के कुल 4352 चक्कर लगाए
अंतरिक्ष यात्रियों को यह दल 62वें अभियान का हिस्सा था। अब वह इन कार्यों को 63वें अभियान के सदस्यों को सौंप देंगे। एस्ट्रेनॉट एंड्रयू मॉर्गन 9 महीने के मिशन पर थे। वे 20 जुलाई 2019 से आईएसएस पर थे। वे 60 से लेकर 62 अंतरिक्ष अभियान का हिस्सा बने। कुल 272 दिन वे स्पेस में रहे। इस पृथ्वी की कक्षा में रहते हुए उन्होंने धरती के कुल 4352 चक्कर लगाए। कुछ चक्करों के आधार पर उन्होंने(1115.3 मिलियन माइल्स) 18 करोड़ 55 लाख 57 हजार 363 किलोमीटर की यात्रा की।
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