विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने कहा है कि दुनिया इस वक्त महामारी और झूठी खबरों के दो कांटों वाले हमले से जूझ रही है। आज हम बदलाव के मोड़ पर खड़े हैं। महामारी ने दुनिया के इकोनॉमिक सिस्टम को बर्बाद कर दिया, साथ ही 40 हजार लोगों की जान ले ली। इसने हमारे रहने, काम करने, ट्रैवल करने के तरीकों और एक-दूसरे के साथ रिश्तों पर भी असर डाला है।
जयशंकर ने शुक्रवार को एलायंस ऑफ मल्टीलेटरलिज्म की वर्चुअल मिनिस्ट्रियल मीटिंग में ये बातें कहीं। ये अलायंस दुनिया में स्थिरता और शांति के उपायों के लिए एक जैसी सोच रखने वाले देशों का संगठन है।
'फेक न्यूज से आपसी बातचीत में शक बढ़ा'
विदेश मंत्री के मुताबिक यह कहना जल्दबाजी होगी कि कोरोना ने हमारी जिंदगी के तौर-तरीकों को हमेशा के लिए बदल दिया है, दूसरों की मौजूदगी में हमारा कम्फर्टलेवल कम हो गया है। फेक न्यूज, गलत जानकारी और जान-बूझकर फैलाई जाने वाली झूठी खबरों की वजह से आपसी बातचीत में शक बढ़ गया है।
'राजनीति को किनारे कर फैक्ट्स पर फोकस करना चाहिए'
जयशंकर ने इस बात पर जोर दिया कि भविष्य में इन दोनों चुनौतियों से निपटने का रास्ता एक जैसा है। साइंटिफिक एप्रोच पर ज्यादा भरोसा करने की जरूरत है। यानी हमें राजनीति को किनारे कर फैक्ट्स पर फोकस करना चाहिए। फिर चाहे कोरोना से निपटने की बात हो या फिर भविष्य में महामारियों से लड़ने की तैयारियों का मुद्दा हो।
उन्होंने कहा कि हमें अपनी पार्टनरशिप में भरोसा बढ़ाने की जरूरत है। भरोसे और सहयोग के चलते लोग, समाज और देश संकट के वक्त साथ खड़े होते हैं। खासकर जब फेक न्यूज और बीमारी की वजह से आइसोलेशन बढ़ रहा हैतो विश्वास बहुत जरूरी है।
पाकिस्तान की इमरान खान सरकार ने शुक्रवार को सभी पेट्रोलियम प्रोडक्ट्स महंगे कर दिए। पेट्रोल के दाम 25.58 रुपए प्रति लीटर (पाकिस्तान करंसी में) बढ़ाए गए हैं। अब यह 100.10 रुपए प्रति लीटर हो गया है। डीजल 21 रुपए प्रति लीटर महंगा हुआ है। अब यह 101.46 रुपए प्रति लीटर हो गया है। केरोसिन ऑयल भी 24 रुपए प्रति लीटर महंगा हुआ है।
नए भाव सामने आने के बाद देश के कई शहरों में पेट्रोल पंप बंद कर दिए गए। ‘जियो न्यूज’ के मुताबिक, ज्यादातर पेट्रोल पंप पर टेक्निकल फॉल्ट के बोर्ड लटका दिए गए। वहीं, कुछ बिना किसी सूचना के बंद कर दिए गए। विपक्ष ने पेट्रो प्रोडक्ट्स के दाम बढ़ाने का विरोध किया है।
‘गरीबी नहीं, गरीबों को खत्म करना चाहती है सरकार’
सरकार के इस कदम का विपक्ष ने विरोध किया। पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी यानी पीपीपी के चेयरमैन बिलावल भुट्टो जरदारी ने कहा- यह कैसा फैसला है। सरकार की नाकामी से मुल्क दिवालिया होने के कगार पर है। इसका मतलब यह नहीं कि वो खजाना भरने के लिए गरीबों को लूटे। सिलेक्टेड प्राइम मिनिस्टर मनमानी न करें तो बेहतर होगा। नवाज शरीफ की पार्टी पीएमएल-एन के सांसद आसिफ किरमानी ने कहा- यह पेट्रोल बम है। दुनिया के दूसरे मुल्क गरीबी खत्म करने पर फोकस कर रहे हैं। हमारी सरकार गरीबों को खत्म करने पर आमादा है।
नए रेट इस तरह होंगे
प्रोडक्ट
पहले का रेट
नया रेट
कितना महंगा
पेट्रोल
74.52
100.10
25.58
हाई स्पीड डीजल
80.15
101.46
21.21
केरोसिन
35.56
59.06
23.50
लाइट डीजल ऑयल
38.14
55.98
17.84
कीमत : रुपए प्रति लीटर (पाकिस्तान की करंसी के हिसाब से)
यहध्यान रहे: भारत के मुकाबले पाकिस्तानी रुपए
भारत का 1 रुपया पाकिस्तान के 2.22 रुपए के बराबर है। यानी भारतीय करंसी की वैल्यू पाकिस्तानी करंसी के मुकाबले दोगुनी से भी ज्यादा है।
"I encourage China to use its longstanding diplomatic mechanisms with India to deescalate the situation rather than force to settle boundary issues," Bera, the longest-serving Indian American in House of Representatives, said in a tweet.
"Enjoyed the discussions today at the German Marshall Fund's #BrusselsForum. I am excited to announce the U.S. and EU are launching a dialogue on China to address the threats the CCP poses to our common values and way of life," tweeted Pompeo on Friday. Last week, European Union chief diplomat Josep Borrell has called for talks between Europe and the United States aimed at forging a common transatlantic front against China.
पाकिस्तान सरकार ने कुल 262 पायलटों के उड़ान भरने पर रोक लगा दी है। इन पर फर्जी लाइसेंस रखने का आरोप है। गुरुवार को 140 पायलटों के एयरक्राफ्ट उड़ाने पर रोक लगाई गई थी। शुक्रवार को 112 और पायलटों पर एक्शन हुआ। 22 मई को कराची में हुए प्लेन क्रैश के बाद सरकार ने पिछले दिनों इसकी जांच रिपोर्ट संसद में पेश की थी। एविएशन मिनिस्टर गुलाम सरवर खान ने कहा था कि पीआईए के 40% पायलट्स के लाइसेंस फर्जी हैं। पाकिस्तान में कुल 860 कमर्शियल पायलट हैं।
262 के खिलाफ जांच होगी
खान ने शुक्रवार को कहा- हम उन सभी पायलट्स की डिग्री और लाइसेंस की जांच करा रहे हैं, जिन पर फर्जीवाड़े का शक है। खान पहले ही कह चुके हैं कि पैसेंजर सेफ्टी सबसे ज्यादा जरूरी है। अगर ये पायलट्स जांच में दोषी पाए गए तो उनके खिलाफ कार्रवाई होगी और उन्हें जेल भी भेजा जा सकता है। खान के मुताबिक, 160 पायलट पीआईए के हैं, जबकि 112 फ्लाइंग क्लब, चार्टर्ड प्लेन या फिर दूसरी एयरलाइन कंपनियों के लिए काम करते हैं।
2 साल से रिक्रूटमेंट नहीं
एविएशन मिनिस्टर के मुताबिक, जिन पायलटों की जांच की जा रही है, उन सभी का रिक्रूटमेंट 2018 के पहले हुआ था। इसके लिए इमरान खान सरकार जिम्मेदार नहीं है, उसने तो इस धांधली को उजागर किया है। खान ने कहा- मैंने इन सभी के सस्पेंशन लेटर तैयार करा लिए हैं। जांच में दोषी पाए तो सभी के खिलाफ आपराधिक मुकद्मा दायर किया जाएगा। चार लोग ऐसे हैं जो न तो पायलट हैं और न पीआईए के कर्मचारी। लेकिन, इनके धांधली में शामिल होने का शक है। इनकी भी जांच की जा रही है।
नेताओं ने दिलाई नौकरी
खान ने कराची प्लेन क्रैश की रिपोर्ट पेश करते हुए साफ तौर पर कहा- पीआईए में पायलटों के अपॉइंटमेंट सियासी दबाव और दखल के आधार पर होते रहे हैं। फरवरी 2019 में इसकी जांच शुरू हुई। इसमें पाया गया कि 262 पायलटों ने नौकरी पाने के लिए एग्जाम में अपनी जगह किसी और व्यक्ति को भेज दिया। इन पायलट्स के पास जरूरी फ्लाइंग एक्सपीरिएंस भी नहीं था। मुल्क की यह बदकिस्मती है कि एविएशन सेक्टर में भी सियासतदान दखल देते हैं।
कराची प्लेन क्रैश के लिए पायलट जिम्मेदार थे
खान ने बुधवार को संसद में कहा था- कराची में पिछले महीने क्रैश हुए एयरक्राफ्ट में कोई टेक्निकल फॉल्ट नहीं था। क्रैश के लिए पायलट, केबिन क्रू और एटीसी जिम्मेदार थे। क्रैश के पहले पायलट कोरोनावायरस पर चर्चा कर रहे थे। इसकी रिकॉर्डिंग हमारे पास है। इस क्रैश में 8 केबिन क्रू समेत 97 लोग मारे गए थे। 2 लोग बच गए थे।
अमेरिका में स्मारकों और मूर्तियों को नुकसाने पहुंचाने वालों को अब लंबे समय के लिए जेल जाना होगा। राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने इससे जुड़े कार्यकारी आदेश पर शनिवार को दस्तखत कर दिए। हालांकि, व्हाइट हाउस ने अभी इस आदेश का ब्योरा नहीं दिया है। 2003 में पारित कानून वेटरन्स मेमोरियल प्रोटेक्शन एक्ट के तहत यहां ऐसे मामलों में जुर्माना और 10 साल की सजा का प्रावधान है। 25 मई को यहां अश्वेत जॉर्ज फ्लॉयड की पुलिस हिरासत में मौत हो गई थी। इसके विरोध में हुए प्रदर्शनों में कुछ मूर्तियों को नुकसान पहुंचाया गया था।
ट्रम्प ने कहा- यह आदेश बेहद सख्त
ट्रम्प ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि नए आदेश में कई चीजों को शामिल किया गया है। उन्होंनेट्विटर पर लिखा, “मुझे अमेरिकी स्मारकों और मूर्तियों की रक्षा करने वाले बेहद सख्त कार्यकारी आदेश पर दस्तखत करने का विशेषाधिकार मिला था। हमारे महान देश के खिलाफ कानून विरोधी-प्रदर्शन करने वालों को जेल की सजा काटनी पड़ेगी।”
कोलंबस की मूर्तियां तोड़ दी गई थीं
फ्लॉयड की मौत के विरोध में अमेरिका की खोज करने वाले क्रिस्टोफर कोलंबस की बॉस्टन में और मियामी मेंलगी मूर्तियोंको तोड़ दिया गया था। वर्जीनिया के रिचमंड में कोलंबस की मूर्ति को तालाब में फेंक दिया गया था। कोलंबस को अमेरिका में उपनिवेशवाद की शुरुआत करने वाला माना जाता है। प्रदर्शनकारियों नेव्हाइट हाउस के पास लगी पूर्व राष्ट्रपति एंड्रियू जेक्सन की मूर्ति को नुकसान पहुंचाने की कोशिश की थी। कुछ जगहों पर तोड़फोड़ की आशंका में मूर्तियां पहले ही हटा ली गई थीं।
फ्लॉयड पर पुलिस की बर्बरता का वीडियो वायरल हुआ था
मिनेपोलिस शहर की पुलिस ने 25 मई को फ्लॉयड को धोखाधड़ी के आरोप में पकड़ा था। इस दौरान पुलिस अधिकारियों ने उन्हें हथकड़ी पहनाई और जमीन पर उल्टा लिटाकर उसकी गर्दन को घुटने से करीब 9 मिनट तक दबाए रखा। इससे जॉर्ज की सांसें रुक गईं और मौत हो गई। घटना का वीडियो वायरल होते ही पुलिस क्रूरता और सामाजिक अन्याय के खिलाफ अमेरिका, ब्रिटेन, डेनमार्क, जर्मनी, फ्रांस, न्यूजीलैंड, ऑस्ट्रेलिया और कनाडा समेत दुनिया के कई देशों में प्रदर्शन शुरू हो गए।
The National Accountability Bureau (NAB) has approached an anti-corruption court to declare Sharif a proclaimed offender since he did not respond to any of its summons. The three other accused named in the case filed by the NAB are Jang/Geo media group owner Mir Shakilur Rahman, former Lahore Development Authority (LDA) director Humayun Faiz Rasool and former director (land) Mian Bashir.
दुनिया में कोरोनावायरस से अब तक 99 लाख 03 हजार 774 लोग संक्रमित हो चुके हैं। इनमें 53 लाख 57 हजार 153 लोग ठीक हुए हैं। वहीं, 4 लाख 96 हजार 796 लोगों की मौत हो चुकी है। चीन में एक बार फिर मामले बढ़ने लगे हैं। शनिवार को जारी आंकड़ों के मुताबिक, 24 घंटे में यहां 21 नए मामले सामने आए। ये सभी राजधानी बीजिंग के बताए जाते हैं। दूसरी तरफ, ब्राजील में एक ही दिन में 46 हजार से ज्यादा केस सामने आए।
देश
कितने संक्रमित
कितनी मौतें
कितने ठीक हुए
अमेरिका
25,52,956
1,27,640
10,68,703
ब्राजील
12,80,054
56,109
6,97,526
रूस
6,20,794
8,781
3,84,152
भारत
5,09,446
15,689
2,95,917
ब्रिटेन
309,360
43,414
उपलब्ध नहीं
स्पेन
2,94,985
28,338
उपलब्ध नहीं
पेरू
2,72,364
8,939
1,59,806
चिली
2,63,360
5,068
2,23,431
इटली
2,39,961
34,708
1,87,615
ईरान
2,17,724
10,239
1,77,852
10 देश जहां कोरोना का असर सबसे ज्यादा
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चीन : स्थानीय मामले बढ़े
यहां शुक्रवार को कुल 21 नए मामलों की जानकारी दी गई है। खास बात ये है कि ये सभी मामले स्थानीय हैं। एक रिपोर्ट के मुातबिक, चीन में स्थानीय मामलों का बढ़ना इस बात की तरफ इशारा है कि यहां संक्रमण पर काबू पाने के दावे पूरी तरह सही नहीं हैं। 21 में 17 मामले राजधानी बीजिंग के हैं। हालांकि, इस दौरान किसी मौत की जानकारी सामने नहीं आई। बीजिंग के लोकल एडमिनिस्ट्रेशन ने शुक्रवार को कहा कि राजधानी के होलसेल मार्केट खोलने पर अब तक कोई विचार नहीं किया गया है।
ब्राजील : एक दिन में फिर सबसे ज्यादा केस
ब्राजील में शुक्रवार को 46 हजार 860 मामले सामने आए। इसी दौरान 990 लोगों की मौत हो गई। जेयर बोल्सोनोरो की सरकार पर डब्ल्यूएचओ का दबाव बढ़ रहा है। सरकार ने मास्क तो जरूरी किया लेकिन कम्युनिटी ट्रांसमिशन रोकने के उपाय नहीं किए। इस बीच, एक रिपोर्ट में कहा गया है कि अगर ब्राजील ने जल्द ही संक्रमण रोकने के लिए सख्त कदम नहीं उठाए तो इसका देश की अर्थ व्यवस्था पर गंभीर असर हो सकता है।
फिलिस्तीन : 207 नए मामले
फिलिस्तिन में शनिवार को 207 नए मामले सामने आए। यहां अब कुल मामले 1795 हो गए। हेल्थ मिनिस्टर माई अल कैला ने एक बयान में कहा- पांच मार्च के बाद एक दिन में सामने आया संक्रमितों का यह सबसे बड़ा आंकड़ा है। उन्होंने कहा कि हेब्रोन जिले में सबसे ज्यादा मामले हैं। अब तक कुल 620 मरीज स्वस्थ हो चुके हैं, पांच की मौत हो चुकी है।
अमेरिका : 16 राज्य ज्यादा प्रभावित
अमेरिका में शुक्रवार को 40 हजार 870 नए मामले सामने आए। देश के 50 में 16 राज्यों में हालात ज्यादा खराब हैं। अश्वेत नागरिक जॉर्ज फ्लॉयड की मौत के बाद हुए प्रदर्शनों को इसके लिए जिम्मेदार माना जा रहा है। फ्लोरिडा और टेनेसी में संक्रमण की रफ्तार बाकी राज्यों की तुलना में ज्यादा है। कोरोना टास्क फोर्स के सदस्य डॉक्टर एंथोनी फौसी ने माना है कि कुछ राज्यों में संक्रमण पर काबू पाने में ज्यादा कामयाबी नहीं मिल सकी। उन्होंने कहा कि वैक्सीन पर अभी कुछ कहना जल्दबाजी होगी।
सऊदी अरब : तेजी से बढ़ा संक्रमण
तमाम उपायों के बावजूद सऊदी अरब में संक्रमण फिर तेजी से फैल रहा है। सीएनएन के मुताबिक, पिछले महीने दी गई ढील के बाद राजधानी रियाद और उसके पास के इलाकों में संक्रमण तेजी से फैला है। यहां बाद में फिर पाबंदियां लगाई गईं लेकिन, तब तक नुकसान हो चुका था। पिछले 24 घंटों में 3,938 नए मामले सामने आए। कुल संख्या 1 लाख 74 हजार 577 हो गई। इसी दौरान 46 लोगों की मौत हुई। मरने वालों का कुल आंकड़ा 1474 हो गया।
ईयू : तीन देशों के यात्रियों पर रोक लगाने की तैयारी
यूरोपीय यूनियन यानी ईयू महामारी को देखते हुए अमेरिका, ब्राजील और रूस से आने वाले पैसेंजर्स पर रोक लगा सकता है। इस बारे में आखिरी फैसला 1 जुलाई को लिया जा सकता है। एक डिप्लोमैट के मुताबिक, यूरोपीय देशों में संक्रमण काबू में आ रहा है लेकिन, अमेरिका, ब्राजील और रूस में यह तेजी से फैल रहा है। शुक्रवार को एक मीटिंग में फैसला किया गया है कि 18 देशों से आने वाले पैसेंजर्स पर कोई रोक नहीं होगी। चीन से लोग आ सकेंगे लेकिन, उनकी पूरी जांच की जाएगी।
नेपाली प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली सियासी बगावत से लगातार देश की जनता का ध्यान भटका रहे हैं। इसके लिए उन्होंने भारत के विरोध को हथियार बनाया है। नेपाल में उभरे इस नए ‘राष्ट्रवाद’ को भड़काकर वे पार्टी में उनके खिलाफ आवाज उठाने वालों और अपने अन्य विरोधियों को उलझा रहे हैं। अब वे संसद में हिंदी भाषा को प्रतिबंधित करने पर विचार कर रहे हैं।
नेपाली सरकार पहले से ही भारत के साथ सीमा विवाद और नागरिकता को लेकर कड़े तेवर दिखा चुकी है। लेकिन, हिंदी भाषा के मुद्दे पर जनता समाजवादी पार्टी की सांसद और मधेशी नेता सरिता गिरी ने सदन के अंदर जोरदार विरोध जताया। उन्होंने कहा कि सरकार तराई और मधेशी क्षेत्र में कड़े विरोध को न्यौता दे रही है। उन्होंने ओली से पूछा कि क्या इसके लिए उन्हें चीन से निर्देश दिए गए हैं। उधर, जनता में कोरोना को लेकर ओली सरकार के खिलाफ पहले से ही नाराजगी है।
चिंता: तराई की आबादी भारतीय भाषाएं ही बोलती है
नेपाल सरकार के लिए हिंदी भाषा पर प्रतिबंध लगाना आसान नहीं होगा। नेपाली के बाद इस हिमालयी देश में सबसे ज्यादा मैथिली, भोजपुरी और हिंदी बोली जाती है। नेपाल के तराई क्षेत्र में रहने वाली ज्यादातर आबादी भारतीय भाषाओं का ही प्रयोग करती है। ऐसी स्थिति में अगर नेपाल में हिंदी को बैन करने के लिए कानून लाया जाता है तो तराई क्षेत्र में इसका विरोध देखने को मिल सकता है। वैसे भी इन इलाकों के लोग सरकार से खुश नहीं हैं।
चुनौती: टूट की कगार पर है ओली की कम्युनिस्ट पार्टी
पीएम ओली की पार्टी टूट की कगार पर है। पार्टी अध्यक्ष पुष्प कमल दहल ‘प्रचंड’ ने ओली का इस्तीफा मांगा है और चेतावनी दी है कि ऐसा नहीं किया तो पार्टी तोड़ देंगे। दो पूर्व पीएम और कई सांसद भी ओली के खिलाफ हैं, पर ओली ने इस्तीफे से इनकार कर दिया है। नेपाल के वरिष्ठ पत्रकार केएम बीरेंद्र कहते हैं, ओली कूटनीति में नेपाल के मोदी हैं। भारत विरोधी रुख में उन्हें न सिर्फ फायदा, बल्कि विरोधियों को परास्त करने का हथियार भी मिला है।’
चालबाजी: अपने हिसाब से बदलाव में माहिर ओली
प्रचंड के पीएम बनते ही पार्टी में संघर्ष शुरू हो गया था। विपक्ष का डर दिखाकर ओली ने उन्हें गठबंधन और फिर विलय के लिए मजबूर किया। दूसरा, ओली और बामदेव गौतम को ढाई-ढाई साल के लिए पीएम बनना था। पर ओली ने लिपुलेख के मुद्दे को उभारा और प्रचंड को संगठन की बागडोर सौंपकर अगले ढाई साल भी अपने नाम कर लिए।
चीन पर घिरे: विपक्ष ड्रैगन के अतिक्रमण पर हमलावर
अपनी ही पार्टी में घिरने के बाद ओली पर विपक्ष भी हमलावर हो गया है। विपक्षी पार्टी नेपाली कांग्रेस ने संसद के निचले सदन में चीन के अतिक्रमण को रेगुलेट करने का प्रस्ताव दिया है। नेपाली कांग्रेस के सांसद देवेंद्र राज कंदेल, सत्य नारायण शर्मा खनाल और संजय कुमार गौतम ने यह प्रस्ताव पेश किया है। इसके मुताबिक, ‘चीन ने दोलका, हुमला, सिंधुपलचौक, संखूवसाभा, गोरखा और रसूवा जिलों में 64 हेक्टेयर की जमीन पर अतिक्रमण कर रखा है।’
अमेरिका की चर्चित जेट कार रेसर जेसी कॉम्ब्स को मरणोपरांत दुनिया में सबसे तेज स्पीड से कार चलाने के रिकॉर्ड से नवाजा गया है। जेसी की मौत 27 अगस्त 2019 को ओरेगॉन के अल्वर्ड डेजर्ट में लैंड-स्पीड रिकॉर्ड को तोड़ने की कोशिश के दौरान हुई थी। इस दौरान उनकी जेट पॉवर्ड कार ने 841 किमी प्रति घंटे की स्पीड को पार कर लिया था।
गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड ने गुरुवार को इस रिकॉर्ड को अधिकारिक रूप से शामिल करने की घोषणा की।39 साल की जेसी ने 40 साल पहले अल्वर्ड के ही मरुस्थल में अपनी हमवतन किटी ओ नील के बनाए गए रिकॉर्ड को तोड़ा। किटी ने अपनी तीन पहियों वाली जेट कार से 1976 में 823 किमी प्रति घंटे की स्पीड का रिकॉर्ड बनाया था। जेसी के रेसिंग पार्टनर रह चुके टैरी मैडेन ने इंस्टाग्राम परभावुक पोस्ट किया है।
टैरी ने लिखा- आखिर जेसी जीत ही गई
टैरी ने इस रिकॉर्ड की पुष्टि करते हुए कहा, ‘आखिरकार जेसी जीत ही गई, जिसके लिए उसने अपनी जान दी। कोई भी रिकॉर्ड उसके जज्बे से बड़ा नहीं हो सकता। यह ऐसा लक्ष्य था, जिसे वह हमेशा पाना चाहती थी। मुझे मेरी साथी पर गर्व है।’
घर में बनाई थी तीन पहियों वाली कार
टैरी बताते हैं कि जेसीसुबह अलार्म बजने के साथ ही उठते हुए बाेली थीं- आओ, आज इतिहास बनाते हैं। यह हमारे लिए एक अद्भुत दिन था, क्योंकि विश्व रिकॉर्ड बनाने के लिए हमारे प्रयास का यह अंतिम अवसर था। इसके बाद जेसी अपनी कार से अल्वर्ड मरुस्थल में रेस के लिए अकेले ही रवाना हुई।
जब पूरी तैयारी के साथ उसकी जेट कार ने रफ्तार पकड़ी और देखते ही देखते 841.338 किमी की रिकॉर्ड स्पीड को हासिल कर लिया। तभी तीन पहियों वाली कार के अगले पहिए में तकनीकी खराबी आ गई और कार हादसे का शिकार हो गई। जेसी ने यह कार घर में ही बनाई थी। अमेरिका के हार्नी काउंटी शेरिफ कार्यालय ने कहा कि दुर्घटना के समय कार की स्पीड 885.139 किमी से ज्यादा थी।
जेसी की मौत सिर में तेजी से चोट लगने के कारण हुई और उनकी कार में आग लग गई। हालांकि, उन्हें तत्काल बाहर निकाल लिया गया, लेकिन अस्पताल ले जाने के पहले ही उन्होंने दम तोड़ दिया था।’
सबसे तेज रफ्तार वाली महिला के नाम से जानी जाती थीं
बचपन से रफ्तार की शौकीन जेसी ने 2013 में 640.549 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से नया रिकॉर्ड बनाया था। इसके बाद वह दुनिया की सबसे तेज रफ्तार वाली महिला के नाम से लोकप्रिय हो गई थीं।
दुनिया में कोरोना संक्रमितों की संख्या एक करोड़ के करीब पहुंच गई है। शुक्रवार को 1,80,573 नए मरीजों के साथ संक्रमितों की संख्या 98,09,064 हो चुकी थी। यही रफ्तार बनी रही तो शनिवार को संक्रमितों की संख्या एक करोड़ का आंकड़ा पार कर जाएगी।हालांकि, अच्छी बात ये है कि कभी खौफ पैदा करने वाला कोरोना इंसानी इच्छा शक्ति के सामने ठिठक रहा है। संक्रमण लगातार बढ़ने के बावजूद दुनिया में 54% मरीज ठीक हो चुके। मृत्यु दर सिर्फ 5% है। भारत में भी रिकवरी रेट 59% तक पहुंच चुका है।
चीन ने पिछले साल दिसंबर के अंत में कोरोना संक्रमण का पहला केस मिलने की जानकारी दी थी। उसके बाद यह दुनिया के छह महाद्वीपों के 195 देशों में पैर पसार चुका है।27 मई के बाद से रोज सवा लाख से ज्यादा मरीज मिल रहे हैं। संक्रमण फैलने की रफ्तार अभी बेकाबू है, लेकिन मौतों की दर ज्यादातर देशों में नियंत्रित है।
रोजाना मौतें घटीं, अस्पताल में भर्ती होने वाले भी कम
दुनिया में कोरोना से रोज 4599 मौतें हो रही हैं, जबकि अप्रैल में यह आंकड़ा छह हजार से ज्यादा था। मार्च में अस्पताल में भर्ती मरीजों की मृत्यु दर 21% थी, जो घटकर 10% रह गई है। हाल ही में अमेरिकी विशेषज्ञों ने दावा किया था कि संक्रमण बढ़ने के बावजूद मौतों की संख्या कम होने लगता है कि वायरस का म्यूटेशन कमजोर हो रहा है। लेकिन डब्ल्यूएचओ ने इसे नहीं माना है।
चीन ने अंधेरे में रखा: चीन ने दुनिया को पहला केस पिछले साल दिसंबर के अंत में बताया। जबकि वहां के विशेषज्ञों ने खुलासा किया कि कोरोना के मामले जुलाई-अगस्त में ही सामने आने लगे थे।
अमेरिका अब भी बेकाबू: सबसे ज्यादा सवा लाख मौतों वाले अमेरिका में रोज 40 हजार से अधिक नए मरीज मिल रहे हैं।
देर से जागा ब्रिटेन: तीन लाख मरीज और 43 हजार मौतों वाले ब्रिटेन ने कोरोना से निपटने के लिए देरी से कदम उठाया। शुरू में सरकार ने हर्ड इम्युनिटी की बात की। लेकिन हालात बेकाबू होने पर लॉकडाउन लगाना पड़ा।
यूरोप में फिर मरीज बढ़े: यूरोप में कोरोना केस फिर बढ़ने लगे हैं। इस हफ्ते महीने में पहली बार केस बढ़े हैं। 20 हजार केस रोज बढ़ रहे हैं और 700 मौतें हो रही हैं।
ब्राजील में 4 माह में 55 हजार मौतें:ब्राजील में पिछले 4 माह में 55 हजार मौतें हुई हैं। यह अमेरिका के बाद दूसरे नंबर पर है।
भारत में जून में ही 3 लाख मरीज बढ़ गए; सिर्फमहाराष्ट्र में हैं 1.5 लाख केस
देश में संक्रमित 5 लाख के पारहो गए। भारत में 30 जनवरी को केरल में पहला मरीज मिला था। हालांकि, भारत में रिकवरी रेट काफी तेजी से बढ़ रहा है। कुल 2,95,186 मरीज ठीक हो चुके हैं।
देश में कोरोना संक्रमण ने जून में रफ्तार पकड़ी है। 1 जून को यहां 1,92,172 मरीज थे। यानी जून के 26 दिनों में 3,07,557 मरीज बढ़ गए। हालांकि, पिछले एक महीने के दौरान रिकवरी रेट भी 16% बढ़ा है। महाराष्ट्र में सबसे ज्यादा 1,52,765 मरीज हैं।
तेलंगाना, आंध्र और हरियाणा में एक महीने के दौरान रिकवरी रेट बढ़ने के बजाय घटा है। तेलंगाना में 23.24, आंध्र में 18.57 और हरियाणा में 0.93 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गई।
सबसे संक्रमित 10 राज्यों में मौत की दर गुजरात में सबसे अधिक 5.88% है, तमिलनाडु में सबसे कम।
सबसे अधिक आबादी वाले उत्तरप्रदेश, बिहार और पश्चिम बंगाल में से उप्र में एक हफ्ते में 4% की दर से केस बढ़े हैं। बाकी दोनों जगह 3% रही।
प्रति 10 लाख आबादी पर मरीजों के लिहाज से दिल्ली में सबसे ज्यादा मरीज हैं।
कोरोना के खिलाफ जंग तेज 1. अर्थव्यवस्था: भारत समेत 107 देशों में आर्थिक गतिविधियों के लिए 500 लाख करोड़ के पैकेज
कोरोना के कारण दुनियाभर में लंबे समय तक लॉकडाउन रहा। कोरोना से ठीक पहले आईएमएफ ने विश्व जीडीपी 3.3% की दर से बढ़ने का अनुमान जताया था। जो अब -3% रहने की आशंका है। कोरोना के प्रभाव को कम करने और अर्थव्यवस्था फिर पटरी पर लाने के लिए 107 देशों ने 500 लाख करोड़ रुपए के आर्थिक पैकेज जारी किए हैं। अमेरिका ने 140 लाख करोड़ तो भारत ने 20 लाख करोड़ रुपए के पैकेज घोषित किए हैं।
2. वैक्सीन: दुनिया में कोरोना की करीब 120 वैक्सीन पर काम शुरू हुआ, 4 पर काम आखिरी चरण में
कोरोना को हराने के लिए दुनिया में करीब 120 वैक्सीन पर काम जारी है। 4 लगभग आखिरी चरण में हैं। एक अमेरिका, दो ब्रिटेन और एक चीन में तैयार हो रही है। ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी और ऑस्ट्रेजेनेका कंपनी की वैक्सीन एजेडडी 1222 से काफी उम्मीदें हैं। यूरोप के कई देश इस पर मिलकर काम कर रहे हैं। अब तक दो चरणों में यह सफल साबित हुई है और अब 800 लोगों पर इसका ट्रायल हो रहा है।
रॉनी कैरिन रेबिन. बीते हफ्ते ब्रिटेन के वैज्ञानिकों ने कोविड 19 के खिलाफ जंग में सफलता की घोषणा की थी। उन्होंने दावा किया था कि कोविड 19 के मरीजों के बीच मौतों को कम करने की पहली दवा मिल गई है। इस खोज के रिजल्ट को न्यूज के जरिए रिलीज किया गया। अब यह पूरी स्टडी कहीं प्रकाशित होने के पहले और बिना समीक्षा के ऑनलाइन पोस्ट की जा चुकी है। डाटा के मुताबिक, डेक्सामैथासोन कोरोना से संक्रमितगंभीर मरीजों कीमदद करता है, लेकिन यह मामूली बीमार मरीजों के लिए घातक भी है।
डब्ल्युएचओ ने भी प्रोडक्शन बढ़ाने के लिए कहा
साल्ट लेक सिटी स्थित यूनिवर्सिटी ऑफ उटाह स्कूल ऑफ मेडिसिन में पल्मोनरी और क्रिटिकल केयर मेडिसिन के असिस्टेंट प्रोफेसर डॉक्टर सैमुअल ब्राउन ने कहा कि यह ड्रगकुछ मरीजों को नुकसान पहुंचा सकता है और हम अभी तक पूरी तरह पक्का नहीं कर पाए हैं कि यह मरीज कौन हैं।
कुछ अमेरिकी अस्पतालों के अधिकारियों ने कहा कि वे डेक्सामैथासोन से कोरोनावायरस मरीजों के इलाज की शुरुआत करेंगे। वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन ने भी दवा केनिर्माण में तेजी लाने की बात कही थी। ब्रिटेन के स्वास्थ्य अधिकारियों ने इस दवा के एक्सपोर्ट को सीमित करने का फैसला किया है। इस ड्रग का क्लीनिकल ट्रायल ब्रिटेन में 6425 लोगों पर किया गया। पहले ग्रुप में शामिल मरीजों को दवा का बहुत हल्का डोज 10 दिनों तक दिया गया।
जिन मरीजों को ऑक्सीजन मिली वहां घटे मौत के आंकड़े
डेक्सामैथासोन उन लोगों के लिए फायदेमंद थी जो लोग एक हफ्ते से ज्यादा वक्त से बीमार थे। इस दवा ने मौत के आंकड़ों को एक तिहाई तक उन मरीजों में कम किया जो मैकेनिकल वेंटिलेटर्स पर थे। जबकि कुछ मरीज जो दूसरे तरीकों से सप्लीमेंटल ऑक्सीजन प्राप्त कर रहे थे, उनमें भी कुछ मौतें कम हुईं।
दवा प्राप्त करने वाले मरीज जिन्हें रेस्पिरेटरीसपोर्ट नहीं मिल रहा था, उनकी दूसरे मरीजों की तुलना में मृत्यु दर ज्यादा थी। स्टडी के सीनियर लेखक और ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी में मेडिसिन और एपिडेमियोलॉजी के प्रोफेसर डॉक्टर मार्टिन जे लैंड्रे के मुताबिक, बीमारी की बायोलॉजी को देखते हुएदवा का बीमारी के अलग-अलग लेवल पर प्रभाव असमान हो सकते हैं।
गंभीर रूप से बीमार मरीजों में इम्यून सिस्टम ओवरड्राइव मोड में चला जाता है। इसके बाद यह कथित साइटकीन तूफान को बढ़ाता है, जो फेफड़ों के साथ-साथ शरीर को नुकसान पहुंचाता है।
इसके उपयोग को लेकर डॉक्टर चिंतित
डॉक्टर लैंड्रे के मुताबिक, डॉक्टर्स कोविड 19 के खिलाफ डेक्सामैथासोन जैसे स्टेरॉयड के उपयोग को लेकर चिंतित हैं। क्योंकि स्टेरॉयड्स एंडी इंफ्लेमेट्री ड्रग होते हैं, जो शरीर के प्रोटेक्टिव इम्यून सिस्टम को कमजोर करते हैं। इसके अलावा मामूली बीमार मरीजों में ये फायदे से ज्यादा नुकसान करते हैं।
दो चरणों में काम करता है इम्यून सिस्टम
लैंड्रे कहते हैं किबीमारी के शुरुआती चरण में इम्यून सिस्टम आपका दोस्त होता है। यह वायरस से लड़ता है और इसे कमजोर करना सही नहीं है। इसके बाद वाले चरण में इम्यून सिस्टम आपका दोस्त नहीं रह जाता, क्योंकि यह आपके लंग्स फेल करने के लिए जिम्मेदार है। ऐसे में स्टेरॉयड की मदद से इसे कमजोर करना स्थिति को बेहतर कर सकता है और जिंदा रहने की संभावना बढ़ा सकता है।
एक्सपर्ट्स भी डेक्सामैथासोन केखिलाफ
एक्सपर्ट्स के मुताबिक, स्टडी बताती है डेक्सामैथासोन मामूली बीमारी के इलाज या इससे बचने के लिए उपयोग नहीं की जानी चाहिए। डॉक्टर ब्राउन कहते हैं कि कोविड 19 के बाहरी इलाज के रूप में डेक्सामैथासोन लेना हानिकारक होगा।
कुछ वैज्ञानिक ट्रायल रिजल्ट्स को दूसरी स्टडी में भी देखना चाहते हैं। यह याद रखें कि पेपर में की सवालों के पूरी तरह जवाब नहीं दिए गए हैं। जिसमें लंबे वक्त के परिणाम और न्यूरोलॉजिकल नुकसान की जानकारी शामिल है।
ब्रमिंघमएंड वुमन्स हॉस्पिटल में इमरजेंसी रूम फिजीशियन डॉक्टर जेरेमी फॉस्ट कहते हैं कि अगर इस तरह से मरीजों का कुछ वर्ग ठीक होता है तो यह संतोषजनक है और इसका स्वागत है। यह एक जीत है।
A troubled British teenager who threw a six-year-old French boy from a viewing platform at London's Tate Modern art gallery was on Friday jailed for life. Judge Maura McGowan told Jonty Bravery, 18, he would spend at least 15 years in custody for attempting to murder the boy in front of horrified crowds on August 4 last year.
Hong Kong's Center for Health Protection (CHP) said on Friday that three new cases of COVID-19 infection have been reported, taking the total number of confirmed cases to 1,196. The new cases involved three male aged between seven and 26, who all had travel history during the incubation period.
A tripartite agreement was signed between a Chinese company and the governments of Pakistan and China on Thursday for construction of a 1,124-megawatt hydropower project at Kohala on the Jhelum river at a cost of $2.4 billion.
South Korea has added Gilead's anti-viral drug remdesivir to its coronavirus treatment guidelines in its first revision of recommendations since the outbreak began and urged caution in the use of the steroid therapy dexamethasone. South Korea has reported 12,602 coronavirus cases as of Thursday midnight, with 282 deaths.
Supermarkets imposed purchase limits on toilet paper across Australia Friday following panic buying by people rattled over a surge in coronavirus cases in the country's second-biggest city. "Stop it, it's ridiculous," Prime Minister Scott Morrison told his compatriots after the rush on stores, insisting the Covid-19 outbreak in Melbourne did not threaten the country's so far successful containment of the epidemic.
The coronavirus is taking a stronger hold in the United States where surging infections across southern states have highlighted the risks of reopening economies without effective treatment or vaccines. Another record daily increase in India on Friday pushed the country's caseload toward half a million.
अमीलिया नियेरनबर्ग. ध्यान लगाने या मेडिटेशन करने के बहुत सारे फायदे हैं, इसे प्रक्रिया काे कभी हल्के में नहीं लेना चाहिए। दरअसल, लगातारएक जगह स्थिर रहने या बैठे रहनेपर आपका हार्ट रेट कम हो जाता है और कॉर्टिसोल रेट भीकम हो जाता है। इसलिए ध्यान लगाने की आदत आपको डिप्रेशन, दर्द, घबराहट और नींद की परेशानियों से निजात दिला सकती है। यहदिमाग के लिए स्ट्रेचिंग का काम भी करताहै।
ध्यान कैसे लगाते हैं? इसकी शुरुआतकैसी करनीहै?क्या फर्श पर बैठना चाहिए? क्या ऐपकी मदद लेनी चाहिए? कोई मंत्र का जाप करना चाहिए? मेडिटेशन टीचर्स और साइकोलॉजिस्ट कहते हैं कि ध्यान लगाने का हर किसी का अपना तरीका हो सकता है, जो आपको सही लगेउसे अप्लाईकरना चाहिए।
ध्यान लगाने का कोई तरीका नहीं होता है
जब आप ध्यान लगाने के बारे में सोचते हैं तो दिमाग में क्या आता है? एक कमल का पोज, योगा मैट, खूबसूरत कमरा? अगर आपको प्रैक्टिस करने में यह कंफर्टेबल लगता है तो बहुत अच्छा है। वहीं कुछ लोग सीधे लेटने, कुर्सी पर बैठना पसंद करते हैं। इसका मकसद होताहै ऐसा पोज खोजना जहां आपका शरीर शांति और मजबूत महसूस करता है।
कलाकार टोनी ब्लैकमैन अपने दिमाग और ऊर्जा को शिफ्ट करने के लिए हिप-हॉप म्यूजिक को मिक्स करती हैं। टोनी पहले म्यूजिक के साथ ध्यान लगाने में संकोच करती थीं। वह कहती हैं कि यह कलंक है। बिना प्रार्थना शब्द के ध्यान शब्द का उपयोग करना कमजोर लग सकता है। लेकिनअपने दोस्तों के साथ बातचीत के बाद टोनी ने खुद का म्यूजिक रिकॉर्ड कर इसके साथ मेडिटेशन क्लास चलाने का फैसला किया।
मेडिटेशन के लिए जरूरी है प्रैक्टिस
न्यूयॉर्क सिटी में मेडिटेशन स्टूडियो के सीईओ एली बरोस ग्लक कहते हैं कि जब लोग शुरुआत करते हैं तो यह सभी के लिए मुश्किल होता है। जैसा कि आप जिम या म्यूजिक क्लास के पहले सेशनके बाद आप न तो 10 पाउंड वजन कम कर सकते और न ही मोजार्ट बजा सकते।
वक्त और जगह तय कर अपने लिए एक फ्रेमवर्क तैयार करें। मैसाचुसेट्स जनरल हॉस्पिटल के लजार लैब मेडिटेशन रिसर्च की डायरेक्टर सारा लजार के मुताबिक, 10 और 5 मिनट बेहतर हैं। अगर आपको कोई मानसिक बीमारी है या आप बुरे वक्त से गुजर रहेहैं तो थोड़ा अलर्ट रहें।
डॉक्टर लजार के अनुसार, पोस्ट ट्रॉमेटिक स्ट्रेस डिसॉर्डर, स्कित्जेफ्रीनिया या बायपोलर डिसॉर्डर से जूझ रहे हैं तो आपको मेडिटेशन गाइड या टीचर के साथ मिलकर काम करना चाहिए।
अपनी जगह तैयार करें
आपके घर के कोने में केवल मेडिटेशन के लिए एरिया तैयार करें। अगर आपको लगे तो यहां पौधे, पत्थर या मोमबत्तियां लगाएं। अगर नहीं तो घर में केवल शांत जगह चुनें।
यूसीएलए के माइंडफुल अवेयरनेस रिसर्च सेंटर में माइंडफुलनेस एजुकेशन की डायरेक्टर डायना विंस्टन कहती हैं कि मुझे नहीं लगता लोगों को कुछ भी फैंसी करना चाहिए।योगा और मेडिटेशन टीचर टोनी लूपिनाची के मुताबिक, एक अलग जगह होना बहुत जरूरी है। यह आपका बिस्तर नहीं है और न ही काउच।
किसी ऐप की मदद लें
यह थोड़ा अजीब लग सकता है, क्योंकि अधिकतर मौकों पर फोन शांतिके दुश्मन होते हैं। कुछ शुरुआती सेशन किसी गाइडेंस के साथ करने से आपको मदद मिलेगी। ऐसा इसलिए क्योंकि ध्यान लगाने का मतलब एक जगह पर कुछ देर के लिए स्थिर बैठना नहीं है। यह हजारों सालों के इतिहास और ट्रेनिंग के साथ बड़ी फिलॉस्फी का हिस्सा है।
खुद को जाने दें
यह आप अपने लिए कर रहे हैं, ताकि आप खुद में और दुनिया में ज्यादा स्थिर रह सकें। इसलिए उस दिन की प्रैक्टिस में खुद को डुबो दें। अगर आप ऐप की मदद नहीं लेना चाहते तो अपनी सोच की मदद ले सकते हैं। सोचें की आप कहीं सुंदर जगह पर हैं और शांत हैं। अपनी शरीर पर ध्यान दें और खुद को सुनें।
मेडिटेशन स्पेश्लिस्ट क्रिस टॉलसन चेतावनी देते हैं कि पहले सेशन के बाद ही बहुत ज्यादा उम्मीद न कर लें। हर दिन अलग होने वाला है, क्योंकि आप उस दिन कई अलग-अलग चीजों से गुजरे हो। यह दिमाग खाली करने को लेकर नहीं है, क्योंकि ऐसा संभव नहीं है।
क्रिस के मुताबिक, हमारा दिमाग खाली नहीं हो सकता। हम हमारे दिमाग में आने वाली चीजों को कंट्रोल नहीं कर सकते।हम जो कंट्रोल कर सकते हैं वो है कि हम इससे निपटेंगे।
क्रिस विचारों और भावनाओं को बादल की तरह समझने की सलाह देते हैं। जब आप ध्यान लगाते हैं तो यह सोचें की आप आसमान को देख रहे हैं। कभी बादल चमक रहे होंगे तो कभी काले होंगे। इन्हें महसूस करें, अपने पैरों के नीचे की घास को महसूस करें और दुनिया को जाते हुए देखें।