Sunday, December 20, 2020
Concern among Muslims over halal status of Covid vaccine December 20, 2020 at 07:25PM
13 यूरोपीय देशों में UK से आने वाले लोगों पर प्रतिबंध, US में 44 लाख करोड़ रु. के राहत फंड को मंजूरी December 20, 2020 at 06:38PM
एक तरफ दुनिया कोरोना वैक्सीन की राह देख रही है, लेकिन महामारी का खतरा अब भी कम नहीं हो रहा। ब्रिटेन में वैक्सीनेशन शुरू होने के बावजूद वायरस में म्यूटेशन (कोरोनावायरस का नया वैरिएंट) की बात सामने आई है। यहां सरकार ने कड़े प्रतिबंध भी लागू कर दिए हैं। लंदन में लोगों को घर से निकलने की मनाही हो सकती है।
13 यूरोपीय देशों फ्रांस, जर्मनी, इटली, स्विट्जरलैंड, पुर्तगाल, बेल्जियम, ऑस्ट्रिया, बुल्गारिया, डेनमार्क, फिनलैंड, रोमानिया, क्रोएशिया और नीदरलैंड्स ने UK से आने वाली फ्लाइट्स पर प्रतिबंध लगा दिया है।वहीं, कनाडा ने UK से आनी वाली फ्लाइट्स पर 72 घंटे का बैन लगाया है। उधर, अमेरिकी संसद ने कोरोना राहत के लिए 900 बिलियन डॉलर (करीब 44 लाख करोड़ रुपए) के कोरोना राहत फंड को मंजूरी दे दी है।
दुनिया में कोरोना के 7 करोड़ 71 लाख 69 हजार 359 केस हो चुके हैं। अच्छी बात ये है कि 5 करोड़ 40 लाख 88 हजार 483 लोग ठीक हो चुके हैं। अब तक महामारी से 16 लाख 99 हजार 560 लोगों की मौत हो चुकी है।
दुनिया में कोरोना से जुड़े अहम अपडेट
अमेरिका: राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प के आध्यात्मिक सलाहकार जेंटजन फ्रेंकलिन पॉजिटिव हो गए हैं। फ्रेंकलिन नॉर्थ जॉर्जिया के गेन्सविल के फ्री चैपल चर्च में पादरी हैं। बीते हफ्ते जेंटजन अपने परिवार के साथ व्हाइट हाउस में क्रिसमस पार्टी के लिए गए थे। 15 दिसंबर को उन्होंने इंस्टाग्राम पर एक फोटो पोस्ट की थी।
साउथ कोरिया: यहां कोरोना पर एक तरह नियंत्रण कर लिया गया है। अभी 926 मामले हैं, 698 मौतें हो चुकी हैं। सरकार ने प्राइवेट अस्पतालों को आदेश दिया है कि 300 बेड कोरोना मरीजों के लिए खाली रखें। सरकार की तरफ से सुविधाओं के लिए 4.5 मिलियन डॉलर भी दिए गए हैं।
कोरोना प्रभावित टॉप-10 देशों में हालात
देश |
संक्रमित | मौतें | ठीक हुए |
अमेरिका | 18,267,579 | 324,869 | 10,622,082 |
भारत | 10,056,248 | 145,843 | 9,605,390 |
ब्राजील | 7,238,600 | 186,773 | 6,245,801 |
रूस | 2,848,377 | 50,858 | 2,275,657 |
फ्रांस | 2,473,354 | 60,549 | 183,806 |
यूके | 2,040,147 | 67,401 | N/A |
तुर्की | 2,024,601 | 18,097 | 1,800,286 |
इटली | 1,953,185 | 68,799 | 1,261,626 |
स्पेन | 1,817,448 | 48,926 | N/A |
अर्जेंटीना | 1,541,285 | 41,813 | 1,368,346 |
(आंकड़े https://ift.tt/2VnYLis के मुताबिक हैं)
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चीन ने शुरुआती दौर में वायरस के प्रकोप की खबरों को रोका; इसके लिए पांच हजार आदेश जारी किए December 20, 2020 at 02:19PM
7 फरवरी की सुबह चीन के शक्तिशाली इंटरनेट सेंसरों ने विचलित करने वाली सनसनी महसूस की थी। उन्हें लगा कि उनका नियंत्रण खत्म हो रहा है। यह खबर तेजी से फैल रही थी कि नए वायरस के प्रकोप की चेतावनी देने वाले डॉक्टर ली वेनलियांग की कोविड-19 से मौत हो गई। सोशल मीडिया पर शोक और गुस्से का माहौल था।
चीनी अधिकारियों ने फौरन स्थानीय प्रोपेगंडा कार्यकर्ताओं और समाचार माध्यमों को गोपनीय निर्देश भेजे। न्यूज वेबसाइट को डॉ. ली की मौत का खबर रोकने के आदेश जारी हो गए। सरकारी सेंसरों ने खबरों को दबाने के लिए पांच हजार से अधिक आदेश और निर्देश जारी किए।
सोशल मीडिया प्लेटफार्मों से कहा गया कि ट्रेंडिंग विषयों के पेज से डॉ. ली का नाम हटा दिया जाए। इसके साथ सोशल साइट्स पर बड़ी संख्या में प्रतिक्रिया और कॉमेंट करने वाले फर्जी लोगों की फौज उतार दी गई। इन लोगों को अपनी पहचान छिपाने, कट्टर देशभक्ति से बचने की सलाह दी गई।
इस तरह के हजारों गोपनीय सरकारी निर्देशों और दस्तावेजों की न्यूयॉर्क टाइम्स और स्वयंसेवी न्यूज संगठन प्रो पब्लिका ने समीक्षा की है। चीनी अधिकारियों ने न्यूज कवरेज के रुख को काबू में करने के लिए कड़े निर्देश दिए। वेतनभोगी ट्रोल्स ने सोशल मीडिया पर सरकार के पक्ष में जमकर अभियान चलाया।
इसके लिए खास टेक्नोलॉजी का उपयोग हुआ। डिजिटल मीडिया संंस्थानों और सोशल मीडिया प्लेटफार्म की लगातार निगरानी पर भारी पैसा खर्च किया गया। असंतोष के स्वरों को दबाने के लिए सुरक्षा बलों का इस्तेमाल किया गया।
दस्तावेजों से पता लगता है, चीन ने इस साल जनवरी के प्रारंभ में कोरोना वायरस फैलने की खबरों पर अंकुश लगाना शुरू कर दिया था । कुछ सप्ताह बाद जब संक्रमण तेजी से फैलने लगा तो अधिकारियों ने ऐसी हर जानकारी और पोस्ट रोक दी जिससे चीन की नकारात्मक छवि बन सकती थी। अमेरिका और अन्य देश महीनों आरोप लगाते रहे कि चीन ने अपने यहां शुरुआत में वायरस के फैलाव की स्थिति को छिपाने का प्रयास किया है।
दस्तावेजों से संकेत मिलते हैं कि चीनी अधिकारियों ने यह भी दिखाना चाहा कि वायरस अधिक गंभीर नहीं है। कैलिफोर्निया यूनिवर्सिटी में आईटी कॉलेज के रिसर्च साइंटिस्ट सियाओ किआंग कहते हैं, चीन ने सेंसरशिप का मजबूत सिस्टम तैयार किया है। यह बहुत विराट सिस्टम है। ऐसा किसी अन्य देश में नहीं है। फरवरी की शुरुआत में राष्ट्रपति शी जिन पिंग ने डिजिटल मीडिया पर सख्त नियंत्रण के लिए एक उच्चस्तरीय बैठक बुलाई थी।
3200 निर्देश और 1800 मेमो जारी किए गए
टाइम्स को मिले दस्तावेजों में चीन के इंटरनेट रेगुलेटर, साइबर स्पेस एडमिनिस्ट्रेशन और हांगझोउ शहर के दफ्तरों से जारी 3200 निर्देश और 1800 मेमो शामिल हैं। इनमें चीनी कंपनी उरुन बिग डेटा सर्विसेज के कंप्ययूटर कोड और अंदरूरी फाइल भी हैं। उरुन राज्य सरकारों के लिए इंटरनेट कंटेंट की निगरानी और ऑनलाइन कांमेंटटरों की फौज को निर्देशित करने वाले सॉफ्टवेयर बनाती है। सीसीपी अनमास्क नामक हैकर ग्रुप ने ये दस्तावेज मुहैया कराए हैं।
लाइलाज और घातक जैसे शब्दों का इस्तेमाल न करने के निर्देश
निर्देशों मेें साफ कहा गया कि समाज में दहशत फैलने से रोकने के लिए लाइलाज, घातक और जानलेवा जैसे शब्दों का उपयोग हैडलाइन में न किया जाए। लोगों की आवाजाही और गतिविधियों पर रोक की खबर देते समय लॉकडाउन शब्द न लिखें। कई निर्देशों में जोर दिया गया कि वायरस से संबंधित निगेटिव खबरें आगे नहीं बढ़ाई जानी चाहिए। समाचार माध्यमों से कहा गया कि वे विदेशों से दान, सहायता और मेडिकल उपकरणों की सप्लाई जैसी खबरें न दें।
एक पोस्ट के लिए 1800 रु तक का पेमेंट किया जाता है
एक दस्तावेज के अनुसार गुआंगझोउ शहर में 400 कैरेक्टर से अधिक लंबी ओरिजनल पोस्ट के लिए 1800 रुपए दिए गए। किसी निगेटिव कॉमेंट की जानकारी देने पर लगभग 800 रुपए और किसी कंटेंट को आगे पोस्ट करने के लिए 20 रुपए दिए गए। शोधकर्ताओं का अनुमान है कि चीन में हजारों लोग इंटरनेट पर सरकार के पक्ष का प्रचार करने के लिए पार्ट टाइम काम करते हैं। इनमें कई सरकारी कर्मचारी और कम्युनिस्ट पार्टी के कार्यकर्ता हैं।
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नेपाली एयरलाइन ने 69 पैसेंजर्स को डेस्टिनेशन से 255 किमी दूर पहुंचा दिया, फिर कहा- बड़ी गलती हुई December 20, 2020 at 06:30AM
आपने शायद ही कभी सुना हो कि कोई बस या ट्रेन गलत स्टेशन के लिए रवाना हो गई, पर नेपाल में एक विमान ने गलत शहर के लिए उड़ान भर दी। नेपाल की निजी एयरलाइन बुद्ध एयर का एक विमान में जनकपुर जाने के लिए पैसेंजर्स सवार हुए, लेकिन पहुंच गए पोखारा। यानी ओरिजिनल डेस्टिनेशन से 255 किलोमीटर दूर।
नेपाल के अखबार काठमांडू टाइम्स ने जब एयरलाइन से बात की तो बुद्ध एयरलाइन कहा कि उनकी तरफ से बड़ी गलती हुई है। एयरलाइन के मैनेजिंग डायरेक्टर बीरेंद्र बहादुर बसंत ने कहा कि हमने इस मामले की जांच के लिए कमेटी बनाई है। नेपाल में कोरोना की वजह से करीब 6 महीने तक एयर ट्रैफिक बंद रहा था। 21 सितंबर को विमानों की आवाजाही शुरू हुई है और अब करीब-करीब पूरी क्षमता के साथ उड़ान भर रहे हैं।
उड़ान से पहले फ्लाइट नंबर चेंज किए गए
घटना की शुरुआती रिपोर्ट के मुताबिक, मौसम की परेशानियों के चलते पोखरा जाने वाली फ्लाइट को विजुअल फ्लाइट रूल्स (VFR) के चलते 3 बजे तक उड़ान की मंजूरी दी गई थी। मौसम के चलते फ्लाइट्स के ऑपरेशन में वैसे ही देरी हो रही थी, ऐसे में बुद्ध एयर के अधिकारियों ने पहले पोखरा के लिए फ्लाइट रवाना करने का फैसला किया। इसी के तहत फ्लाइट्स के नंबर चेंज कर दिए गए थे। जनकपुर और पोखरा की तरफ जाने वाले उड़ानों में 15-20 मिनट का अंतर था।
डेस्टिनेशन बदलने की जानकारी पायलट को नहीं मिली
फ्लाइट नंबर चेंज करने की वजह से ही गड़बड़ी हुई थी। ग्राउंड स्टाफ ने ऑन पेपर तो पोखरा जाने वाले 69 पैसेंजर्स की लिस्ट फ्लाइट U4505 से बदलकर फ्लाइट U4607 कर दी, लेकिन इस स्टाफ ने इस बारे में फ्लाइट कैप्टन और को-पायलट को जानकारी न देने की गलती कर दी। फ्लाइट अटेंडेंट ने भी प्लेन में अनाउंसमेंट किया कि फ्लाइट जनकपुर के लिए उड़ान भर रही है। ऐसे में पैसेंजर्स कुछ नहीं कर सकते थे और विमान भी उड़ान भर चुका था।
एयरलाइन ने कहा कि ग्राउंड स्टाफ और पायलट के बीच कम्युनिकेशन गैप था। पायलट्स ने भी पैसेंजर्स को नहीं देखा। उड़ान भरने के बाद पायलटों से बात करने की कोशिश की गई, पर ये नहीं हो पाया, क्योंकि कंपनी के नियमों के चलते उन्हें बात करने की इजाजत नहीं थी।
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Pakistan summons Indian diplomat over 'ceasefire violations' December 20, 2020 at 03:09AM
LAC पर तनाव के बीच PLA ने वेस्टर्न थिएटर मोर्चे का कमांडर बदला, पूर्वी लद्दाख में आमने-सामने हैं दोनों सेनाएं December 20, 2020 at 02:02AM
भारत-चीन के बीच जारी सीमा विवाद के बीच चीन ने एक नई चाल चली है। पिछले कुछ दिनों से लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल (LAC) पर हालात शांत हैं। इसी बीच पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (PLA) ने वेस्टर्न थिएटर कमांड पर नया कमांडर अपॉइन्ट कर दिया है। चीनी मीडिया के मुताबिक, सेंट्रल मिलिट्री कमिशन (CMC) के हेड राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने जनरल झांग शुडोंग को वेस्टर्न मोर्चे की कमान सौंपी है।
हालांकि, भारत पिछले कुछ दिनों से भरोसा जताता आया है कि दोनों देशों के बीच मिलिट्री और डिप्लोमैटिक लेवल की बातचीत हो रही है और जल्द ही दोनों देशों की सेनाएं पीछे हट सकती हैं।
4 अन्य ऑफिसर्स का प्रमोशन भी किया
शी ने 4 चीनी मिलिट्री और पुलिस ऑफिसर्स का प्रमोशन भी किया है। पूर्वी लद्दाख में दोनों देशों के बीच मई से जारी संघर्ष के बीच PLA की वेस्टर्न कमान में हाई लेवल पर नई अपॉइंटमेंट और प्रमोशन चीन के इरादों पर सवाल उठाते हैं।
मई से जारी है तनाव
8 महीने से ज्यादा समय से सीमा पर चल रहा विवाद सुलझाने के लिए भारत और चीन लगातार बातचीत कर रहे हैं। इस बीच आए दिन सीमा पर चीनी निर्माण की खबरें आती रहीं हैं। कुछ दिन पहले रिपोर्ट्स में दावा किया गया था कि चीन 3,488 किलोमीटर लंबी LAC पर तेजी से रडार लगाने में जुटा है।
गलवान के बाद और बिगड़ गए हालात
लद्दाख की गलवान घाटी में 15 जून को भारत-चीन के सैनिकों के बीच हिंसक झड़प भी हुई थी। इसमें भारत के 20 जवान शहीद हो गए थे। चीन के 40 से ज्यादा सैनिक मारे गए थे।
9 दौर की बातचीत हो चुकी
दोनों देशों की सेना के बीच कोर कमांडर लेवल पर कुल 9 दौर की बातचीत हो चुकी है। आखिरी बार दोनों के बीच 10 दिसंबर को फॉरेन मिनिस्ट्री लेवल पर बातचीत हुई थी।दोनों देशों के बीच यह बातचीत फॉरवर्ड एरिया से अपने सैनिकों को हटाने और शांति कायम रखने को लेकर हुई थी।
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