वॉशिंगटन. अमेरिका ने कहा कि विदेशी राजनयिकों को बिना किसी बाधा के कश्मीर जाने की अनुमति दी जाए और पिछले 5 महीनों से नजरबंद रखे गए नेताओं की जल्द रिहाई सुनिश्चित हो। दक्षिण एशियाई मामलों के लिए अमेरिका की मुख्य राजनयिक वेल्स ने कहा, “जम्मू-कश्मीर में स्थिति सामान्य बनाने के लिए सरकार ने कई ठोस कदम उठाए हैं और इस देखकर खुशी होती है। हम भारत सरकार से लगातार अनुरोध करते हैं कि हमारे राजनयिकों को कश्मीर में बिना की बाधा के पहुंचने दिया जाए। साथ ही, सरकार नजरबंद रखे गए कश्मीरी नेताओं को रिहा करे।”
हाल ही में 15 देशों के राजनयिकों के कश्मीर दौरे के कदम को वेल्स ने सराहनीय कदम बताया। उन्होंने कहा, “हमारे राजनयिक और अन्य विदेशी राजनयिक भी जम्म-कश्मीर का दौरा किया था। इसे मीडिया ने भी काफी कवरेज किया था।” वेल्स ने नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) पर टिप्पणी करते हुए कहा, “भारत की यात्रा के दौरान मुझे सीएए को लेकर अधिक बातें सुनने को मिली। वहां जो कुछ भी चल रहा है, मैं इसे एक लोकतांत्रिक तरीका कहूंगी। वहां पर लोग सड़कों पर हैं। इसको लेकर राजनीति, मीडिया और अदालतों में बहस चल रही है। मैं कानून के तहत समान सुरक्षा के सिद्धांत की वकालत करती हूं।”
रणनीति में बदलाव से भारतीय विदेश नीति को फायदा पहुंचाः वेल्स
उन्होंने कहा कि भारत ने पिछले दो दशक में अपनी रणनीति में क्षैतिज विस्तार किया है। इस कारण इनके विदेश नीति की निष्क्रियता का दौर खत्म हुआ और इससे भारतीय हितों को फायदा पहुंचा। इंडो-फैसिफिक क्षेत्र में यह ज्यादा सही साबित हुआ है। चाहे वह बढ़ती समुद्री और नौसैनिक सहयोग हो या क्वाड समूह हो। भारत की पूर्व की ओर देखो नीति के कारण इंडो-पैसिफिक क्षेत्र में हमारे रिश्ते मजबूत हुए। उन्होंने कहा कि उनका यह दौरा इस बात पर केंद्रित रहा कि पिछले साल 2+2 मंत्रिस्तरीय वार्ता के दौरान हासिल किए गए राजनयिक और रक्षा संबंधों को और किस प्रकार मजबूती दिया जाए।
अमेरिका सहित 15 देशों के राजनयिक कश्मीर दौरा किया था
इस महीने 9-10 जनवरी को 16 देशों के राजनयिकों ने कश्मीर के हालात का जायजा लेने के लिए श्रीनगर और जम्मू गए थे। वहां उन्होंने आम लोगों, सामाजिक कार्यकर्ताओं, पत्रकारों, कश्मीरी नेताओं और कश्मीरी पंडितों से मुलाकात की। इस दौरे पर अमेरिका के राजदूत केनेथ जस्टर सहित वियतनाम, बांग्लादेश, मालदीव, मोरक्को, फिजी, नॉर्वे, फिलीपींस, अर्जेंटीना आदि देशों के राजनयिक गए थे। यूरोपियन यूनियन के प्रतिनिधियों को भी न्यौता दिया गया था लेकिन उन्होंने किसी गाइडेड टूर का हिस्सा बनने से इनकार कर दिया था।
5 महीनेबाद कश्मीर प्रशासन ने इंटरनेट से प्रतिबंध हटाया था
जम्मू-कश्मीर प्रशासन ने शुक्रवार को ही 5 महीने 20 दिनों तक इंटरनेट पर रोक के बाद कश्मीर घाटी में 2जी मोबाइल सेवा शुरू करने की घोषणा की थी। प्रशासन ने 25 जनवरी आधी रात से इसे बहाल कर दिया। इससे पहले, 15 जनवरी को प्रशासन ने आंशिक रूप से इंटरनेट और ब्रॉडबैंड सेवाएं बहाल करने का फैसला किया था। जम्मू, सांबा, कठुआ, उधमपुर और रियासी में सिर्फ 7 दिन के लिए पोस्टपेड मोबाइलों पर 2जी इंटरनेट कनेक्टिविटी शुरू की गई थी। सुप्रीम कोर्ट ने 10 जनवरी को सरकार से इन प्रतिबंधों पर समीक्षा करने को कहा था।
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