Thursday, November 12, 2020
नवाज की बेटी बोलीं- जेल में थी तो बाथरूम में भी कैमरे लगवाए गए, फौज से बातचीत को तैयार November 12, 2020 at 08:23PM
पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ की बेटी मरियम ने इमरान खान सरकार पर बेहद गंभीर आरोप लगाए। मरियम ने कहा- जब मैं जेल में थी तो वहां के प्रशासन ने मेरी बैरक के बाथरूम में भी कैमरे लगवा दिए थे। यह एक महिला का अपमान है। मरियम पाकिस्तान मुस्लिम लीग- नवाज (पीएमएल-एन) की वाइस प्रेसिडेंट और सांसद भी हैं। कुछ दिन पहले फौज और आईएसआई के अफसर कराची में उनके होटल के कमरे में जबरदस्ती घुस गए थे और मरियम के पति को गिरफ्तार करके ले गए थे।
मरियम ने और क्या कहा
एक टीवी चैनल को दिए इंटरव्यू में मरियम ने पाकिस्तान की सियासत से जुड़े अहम मुद्दों और सरकार पर कई सवालों के जवाब दिए। कहा- पिछले दिनों सरकार ने मुझे दो बार जेल भेजा। और अगर मैं वहां के हालात के बारे में बात करूं तो अजीब लगता है। एक महिला के साथ किस तरह का बर्ताव किया जाता है। अगर मैं सच्चाई बता दूं तो वे (सरकार और प्रशासन) चेहरा दिखाने लायक भी नहीं रहेंगे। इमरान ये याद रखें कि पाकिस्तान हो या दुनिया का कोई और मुल्क, महिलाएं कहीं कमजोर नहीं हैं। सेल और यहां तक कि बाथरूम में तक कैमरे लगवाए गए।
बेइज्जत किया गया
मरियम ने आगे कहा- यह कैसी सरकार है? एक महिला को उसके पिता के सामने गिरफ्तार किया गया और उससे बदतमीजी की गई। अगर एक पूर्व प्रधानमंत्री की बेटी और सांसद पाकिस्तान में महफूज नहीं है तो कौन महिला सुरक्षित होगी।
फौज से बातचीत के लिए तैयार
नवाज शरीफ इन दिनों लंदन में इलाज करा रहे हैं। वहां से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए उन्होंने कई सियासी रैलियों को संबोधित किया और फौज पर नाम लेकर गंभीर आरोप लगाए। मरियम ने भी साफ कहा था- फौज का काम सरहदों की हिफाजत करना है, सियासत करना नहीं। इंटरव्यू में एक सवाल के जवाब में मरियम ने कहा- फौज से बातचीत में कोई दिक्कत नहीं है। लेकिन, सबसे पहले इमरान सरकार का इस्तीफा होना चाहिए। वो किसकी वजह से सत्ता में है, ये सब जानते हैं।
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इमरान की मंत्री बोलीं- हमारे सियासतदान मजबूर, पाकिस्तान में सिर्फ भारत विरोधी चूरन ही बिकता है November 12, 2020 at 07:03PM
पाकिस्तान की सूचना एवं प्रसारण मंत्री फिरदौस आशिक अवान ने कबूल किया है कि उनके मुल्क में सिसायतदान भारत का विरोध करने के लिए मजबूर हैं, क्योंकि यहां यही लोग पसंद करते हैं और यही बिकता है। फिरदौस पंजाब प्रांत के सीएम की सलाहकार भी हैं। उन्होंने एक टीवी इंटरव्यू में यह बात कही।
देश की तुलना दुकान से
फिरदौस ने दो दिन पहले पाकिस्तान के एक प्राइवेट टीवी चैनल को इंटरव्यू दिया। इसमें एक सवाल के जवाब में कहा- इसमें कोई दो राय नहीं कि हमारे मुल्क में लोग भारत विरोधी बातें सुनना पसंद करते हैं। जब लोगों को ये पसंद है तो सियासतदान भी मजबूर हैं। वे भी भारत के विरोध में बातें करते हैं। सीधी बात यह है कि दुकान में वही माल ज्यादा रखा जाता है, जो सबसे ज्यादा बिकता हो। हमारे यहां भारत विरोध का चूरन सबसे ज्यादा बिकता है।
विपक्ष पर ठीकरा
अवान से जब यह पूछा गया कि क्या उनकी पार्टी (पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ या पीटीआई) भी भारत विरोध के बल पर ही टिकी हुई तो वे इसे टालती नजर आईं। उन्होंने कहा- सब यही करते हैं। इसलिए, सरकार भी यही करती है। आप जानते हैं कि सियासत में ये सब बातें चलती आई हैं और चलती रहेंगी।
अवान के इस जवाब पर एंकर ने कहा- हालिया वक्त में तो हमने विपक्ष की तरफ से कभी भारत पर कोई आरोप लगते नहीं देखे। हां, आपकी सरकार और उसके मंत्री आए दिन भारत विरोधी बयान जरूर देते आए हैं।
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Global Covid-19 cases top 52.6 million: Johns Hopkins November 12, 2020 at 05:51PM
नई पार्टी बना सकते हैं डोनाल्ड ट्रम्प; महामारी में उनकी नेटवर्थ 100 करोड़ डॉलर कम हो गई November 12, 2020 at 05:05PM
जो बाइडेन अमेरिका के नए राष्ट्रपति होंगे। राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प चुनाव हार चुके हैं। नतीजों की औपचारिक घोषणा बाकी है। अब जितनी बातें बाइडेन को लेकर हो रही हैं, उतनी ही ट्रम्प को लेकर भी। मसलन, ट्रम्प आगे क्या करेंगे? सियासत में रहेंगे या छोड़ देंगे, 2024 में चुनाव लड़ेंगे या नहीं आदि।
छोटा सा परिचय
74 साल के ट्रम्प अमीर घराने से ताल्लुक रखते हैं। दुनियाभर में कामयाब बिजनेसमैन के तौर पर जाने जाते हैं। रियिलिटी टीवी स्टार बने। इसके बाद सियासत में कदम रखा और अमेरिका के राष्टपति बने।
कई मीडिया ग्रुप्स के मालिक
अमेरिकी मैगजीन ‘पॉलिटिको’ के मुताबिक, ट्रम्प कई छोटे-बड़े मीडिया हाउसेज से जुड़े हैं। वे न्यूजमैक्स आउटलेट को बढ़ा सकते हैं। फिलहाल, इसका जिम्मेदारी उनके करीबी दोस्त क्रिस रूडी संभाल रहे हैं। उनके पास अमेरिका न्यूज नेटवर्क, सिंक्लेयर ब्रॉडकास्टिंग और देशभर में लोकल टीवी स्टेशन्स भी हैं।
महामारी में 100 करोड़ डॉलर का नुकसान
ट्रम्प परिवार के पास करीब 500 तरह के बिजनेस हैं। उनके नाम से ही कंपनियां हैं। होटल्स, रिसॉर्ट्स और करोड़ों डालर के गोल्फ क्लब। फोर्ब्स मैगजीन की एक रिपोर्ट के मुताबिक, महामारी के दौर में ट्रम्प की कंपनियों को लाखों डॉलर का नुकसान हुआ। इस दौरान उनकी नेटवर्थ भी 100 करोड़ डॉलर कम हो गई। ट्रम्प के बायोग्राफर माइकल डी‘एंटोनियो के मुताबिक- उन्हें मीडिया से लगाव ज्यादा है। 2016 में जब उन्हें लगा कि वे हिलेरी क्लिंटन से हार जाएंगे तो उन्होंने कैम्पेन के लिए एक मीडिया कंपनी शुरू करने का प्लान बनाया था।
क्या राजनीति छोड़ देंगे ट्रम्प
ट्रम्प के कुछ समर्थकों को लगता है कि वे जल्द सियासत छोड़ देंगे। कुछ का कहना है कि ट्रम्प अपनी नई पॉलिटिकल पार्टी भी बना सकते हैं। इसकी वजह यह है कि रिपब्लिकन पार्टी में कुछ उनके समर्थक हैं तो कुछ विरोधी भी। कुछ को लगता है कि ट्रम्प जिमी कार्टर और जॉर्ज बुश सीनियर की तरह राजनीति से दूरी बना सकते हैं। कुछ मानते हैं कि ट्रम्प 2024 में फिर राष्ट्रपति चुनाव लड़ेंगे।
आगे का रास्ता बेहद मुश्किल
ट्रम्प जब तक राष्ट्रपति हैं, तब तक उन पर क्रिमिनल केसेज नहीं चल सकते। लेकिन, व्हाइट हाउस से निकलते ही उन्हें कई मामलों का सामना करना पड़ सकता है। लोन, टैक्स बेनिफिट्स, इकोनॉमिक बेनिफिट्स और महिलाओं को चुप रहने के लिए पैसे देने के कई आरोप उन पर हैं। कुछ की जांच चल रही है।
42.1 करोड़ डॉलर कर्ज
न्यूयॉर्क टाइम्स की एक रिपोर्ट के मुताबिक, 42.1 करोड़ डॉलर के लोन तो ऐसे हैं, जिनकी पर्सनल गारंटी ट्रम्प ने दी है। इनमें से ज्यादातर कर्ज दूसरे देशों की बैंकों या कंपनियों से लिया गया है। चार साल में इन्हें चुकाना भी है। आर्थिक मामलों की जांच करने वाली अमेरिकी जांच एजेंसी आईआरएस के मुताबिक, 2010 में ट्रम्प ने एफिडेविट में कहा- 2008 और 2009 के दौरान मेरी कंपनियों को 140 करोड़ डॉलर का घाटा हुआ। लिहाजा, टैक्स में 7.2 करोड़ की छूट दी जाए।
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अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति ने लिखा- राहुल गांधी में सब्जेक्ट का मास्टर होने की योग्यता या जुनून नहीं November 12, 2020 at 04:33PM
अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति बराक ओबामा ने अपने मेमोइर (जीवनी) में भारत के पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह और कांग्रेस नेता राहुल गांधी का जिक्र किया है। ओबामा का कहना है, "राहुल उस स्टूडेंट की तरह हैं जो टीचर को इम्प्रेस करने के लिए तो उत्सुक (ईगर) है, लेकिन सब्जेक्ट का मास्टर होने के मामले में योग्यता या जुनून की कमी है। यह राहुल की कमजोरी है।" ओबामा जब सत्ता में थे तब, राहुल गांधी कांग्रेस के उपाध्यक्ष थे।
ओबामा ने मनमोहन सिंह को शांत और ईमानदार बताया है। मनमोहन सिंह के कार्यकाल वाली UPA सरकार के समय नवंबर 2009 में ओबामा और उनकी पत्नी मिशेल भारत दौर पर आए थे, तब मनमोहन सिंह और उनकी पत्नी गुरुशरण कौर ने ओबामा परिवार के लिए डिनर भी रखा था। बराक ओबामा, अमेरिका के पहले अफ्रीकी-अमेरिकी राष्ट्रपति थे, उन्होंने अपने कार्यकाल में दो बार भारत की यात्रा की थी।
ओबामा ने अपनी किताब में दूसरे देशों के नेताओं के बारे में भी लिखा है। रूस के प्रेसिडेंट ब्लादिमीर पुतिन को शारीरिक रूप से साधारण बताया है। अमेरिका के प्रेसिडेंट इलेक्ट जो बाइडेन के बारे में लिखा है कि वे सज्जन, ईमानदार और वफादार हैं। बाइडेन को लगे कि उन्हें तवज्जो नहीं मिल रही, तो वे गुस्सा हो सकते हैं, यह ऐसी क्वालिटी है जो किसी युवा से डील करते वक्त माहौल बिगाड़ सकती है।
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अमेरिका में लगातार दूसरे दिन रिकॉर्ड 1.40 लाख केस, फ्रांस में लॉकडाउन 2 हफ्ते बढ़ेगा November 12, 2020 at 03:58PM
दुनिया में कोरोना मरीजों का आंकड़ा शुक्रवार सुबह 5.30 करोड़ के पार हो गया। 3 करोड़ 71 लाख से ज्यादा लोग ठीक हो चुके हैं। अब तक 12 लाख 98 हजार से ज्यादा लोग जान गंवा चुके हैं। ये आंकड़े https://ift.tt/2VnYLis के मुताबिक हैं। अमेरिका में संक्रमण की रफ्तार कम होने का नाम नहीं ले रही है। यहां गुरुवार को एक ही दिन में एक लाख 40 हजार मामले सामने आए। वहीं, फ्रांस में लॉकडाउन से कम होते मामलों के बाद सरकार इसे दो हफ्ते बढ़ाने पर विचार कर रही है।
अमेरिका में फिर रिकॉर्ड
अमेरिका में लगातार दूसरे दिन एक लाख 35 हजार से ज्यादा मामले सामने आए। गुरुवार को यहां एक लाख 40 हजार मामले सामने आए। इसके एक दिन पहले यानी बुधवार को एक लाख 35 हजार मामले सामने आए थे। कुल मिलाकर एक हफ्ते में 10 लाख से ज्यादा मामले सामने आ चुके हैं। इस बीच, कोरोनावायरस टास्क फोर्स में शामिल और राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प के सलाहकार डॉक्टर एंथोनी फौसी ने कहा है कि अमेरिका में किसी लॉकडाउन की जरूरत नहीं है। डॉक्टर फौसी ने कहा- अगर हम मास्क लगाएं और सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करें तो लॉकडाउन जैसे सख्त उपायों की जरूरत नहीं होगी। फौसी ने माना कि अमेरिका में मामले बहुत ज्यादा हैं, लेकिन उम्मीद जताई कि वैक्सीन भी जल्द आने वाली है। उनके मुताबिक, अप्रैल और मई तक हालात काबू में होंगे।
इटली में अप्रेल के बाद सबसे ज्यादा मौतें
इटली में संक्रमण की दूसरी लहर खतरनाक साबित हो रही है। गुरुवार को यहां 636 संक्रमितों की मौत हो गई। यह 6 अप्रैल के बाद एक दिन में होने वाली सबसे ज्यादा मौतें हैं। इसके अलावा एक ही दिन में यहां 5 हजार नए मामले सामने आए। पहली लहर यानी नवंबर के बाद सबसे ज्यादा प्रभावित शहर लोम्बार्डी में हालात फिर खतरनाक होने लगे हैं। यहां के अस्पतालों में भर्ती होने वाले गंभीर मरीजों की संख्या तेजी से बढ़ने लगी है। हालांकि, इटली सरकार ने साफ कर दिया है कि वो लॉकडाउन नहीं करेगी।
वैक्सीन से खत्म होगी महामारी
जर्मन कंपनी बायोएनटेक के चीफ एग्जीक्यूटिव उगुर सेहिन ने कहा है कि कोविड-19 का वैक्सीन आने के बाद महामारी पूरी तरह खत्म हो जाएगी। एक इंटरव्यू में सेहिन ने कहा- इस महामारी ने पूरी दुनिया को बंधक बना लिया है। हमें उम्मीद है कि वैक्सीन आने के बाद दुनिया आजाद होगी। क्लीनिकल ट्रायल्स चल रहे हैं। हमें उम्मीद है कि बहुत जल्द और बहुत बेहतर नतीजे सामने आएंगे। बायोएनटेक और फाइजर बहुत तेजी से आगे बढ़ रहे हैं। जिन रोगियों में लक्षण साफ तौर पर दिखाई दे रहे हैं, उनके लिए तो यह बहुत इफेक्टिव होगी। हम बस इतना जानते हैं कि इस वैक्सीन से वायरस खत्म हो जाएगा।
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मोदी बोले- कोरोना की वजह से इस बार फैमिली फोटो नहीं ले सके, लेकिन हमारे बीच की दूरियां घट रही हैं November 12, 2020 at 02:05AM
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को वियतनाम के प्रधानमंत्री जुआन फुक के साथ 17वीं आसियान (ASEAN) समिट की अध्यक्षता की। इसमें संगठन के सदस्य सभी 10 देश शामिल हुए। कोरोना की वजह से इस बार यह समिट ऑनलाइन आयोजित की जा रही है। मोदी ने कहा कि कोरोना के चलते इस बार हम फैमिली फोटो नहीं ले पा रहे हैं। लेकिन, हमारे बीच की दूरियां कम हो रही हैं।
समिट में मोदी ने कहा कि भारत और आसियान के संबंध साझा ऐतिहासिक, भौगोलिक और सांस्कृतिक विरासत पर आधारित हैं। भारत और आसियान के बीच हर तरह की कनेक्टिविटी बढ़ाना जरूरी है। पिछले कुछ साल में हम आर्थिक, सामाजिक और डिजिटली करीब आते गए हैं। मुझे यकीन है कि आज की बातचीत हमारे बीच की दूरी को और कम करने में मददगार होगी।
भारत की लुक ईस्ट पॉलिसी के मूल में आसियान
उन्होंने कहा कि भारत और आसियान की रणनीतिक साझेदारी हमारी साझा ऐतिहासिक, भौगोलिक और सांस्कृतिक विरासत पर आधारित है। आसियान हमेशा हमारी एक्ट ईस्ट पॉलिसी का मूल रहा है। भारत की इंडो पेसिफिक ओसियन इनिशिएटिव और आसियान के आउटलुक ऑन इंडो पेसिफिक के बीच कई समानताएं हैं।
हर दो साल में होता है आसियान सम्मेलन
एसोसिएशन ऑफ साउथ ईस्ट एशियन नेशन्स (आसियान) दक्षिण-पूर्व एशियाई देशों का संगठन है। इसका मुख्यालय इंडोनेशिया की राजधानी जकार्ता में है। इसमें ब्रुनेई, कम्बोडिया, इंडोनेशिया, लाओस, मलेशिया, म्यांमार, फिलीपींस, सिंगापुर, थाइलैंड और वियतनाम शामिल हैं। हर दो साल में ये देश बैठक कर आर्थिक, राजनीतिक, सुरक्षा और सामाजिक विषयों पर चर्चा करते हैं। इस बार यह आयोजन 12 से 15 नवंबर तक हो रहा है।
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डिपार्टमेंट बाइडेन तक नहीं पहुंचा रहा बधाई संदेश, क्योंकि ट्रम्प हार मानने को तैयार नहीं November 12, 2020 at 12:18AM
जो बाइडेन अमेरिकी राष्ट्रपति का चुनाव जीत चुके हैं। लेकिन, डोनाल्ड ट्रम्प अब भी हार कबूल करने को तैयार नहीं हैं। हालात ये हैं कि दूसरे देशों के राष्ट्राध्यक्ष बाइडेन को जो बधाई संदेश भेज रहे हैं, वे बाइडेन के पास पहुंच ही नहीं पा रहे हैं। यही वजह है कि कुछ विदेशी नेताओं ने बाइडेन से सीधा संपर्क किया और उन्हें जीत की बधाई दी।
नियम और परंपरा के मुताबिक, व्हाइट हाउस का स्टेट डिपार्टमेंट इस तरह के मैसेज प्रेसिडेंट इलेक्ट तक पहुंचाता है। लेकिन, ट्रम्प की जिद के चलते विदेश मंत्रालय भी मजबूर है। नए राष्ट्रपति बाइडेन 20 जनवरी को शपथ लेंगे।
बाइडेन की टीम ने ही विदेशी नेताओं से संपर्क किया
CNN की रिपोर्ट के मुताबिक, व्हाइट हाउस के स्टेट डिपार्टमेंट में कई विदेशी नेताओं के मैसेज आए। इनका डेटा व्हाइट हाउस में मौजूद है। लेकिन, बाइडेन तक यह पहुंचने नहीं दिया जा रहा। माना जा रहा है कि ट्रम्प के इशारे पर यह सब हो रहा है, क्योंकि वे हार मानने के लिए तैयार नहीं हैं। बाइडेन की टीम विदेशी नेताओं के संपर्क में है। वे और कमला हैरिस डेलावेयर में अपने कैम्प ऑफिस से फॉरेन लीडर्स से बात कर रहे हैं। व्हाइट हाउस के एक अफसर ने कहा- बाइडेन एक अजीब चैलेंज का सामना कर रहे हैं।
बाइडेन को इंटेलिजेंस ब्रीफिंग भी नहीं मिल रहीं
विदेश मंत्री माइक पोम्पियो ने बुधवार को मीडिया से बातचीत की थी। इसमें कहा था- सत्ता हस्तांतरण तो शांति से होगा, लेकिन ये ट्रम्प प्रशासन को ही किया जाएगा। साफ है कि ट्रम्प और पोम्पियो अब भी यही मान रहे हैं कि सत्ता उनके पास ही रहेगी। बाइडेन को इंटेलिजेंस ब्रीफिंग भी नहीं दी जा रही है। आमतौर पर प्रेसिडेंट इलेक्ट को इस बारे में ब्रीफ करने की परंपरा है। व्हाइट हाउस में पैदा हुए इन अजीब हालात से फॉरेन डिप्लोमैट्स भी परेशान हैं।
स्टेट डिपार्टमेंट के पास सीक्रेट और सेफ लाइन्स
ओबामा दौर में व्हाइट हाउस में अहम जिम्मेदारी संभाल चुके डेनिस मैक्डोनफ कहते हैं- ऐसे हालात कभी नहीं बने। पावर ट्रांजिशन आसानी से होता था। स्टेट डिपार्टमेंट के कॉल काफी सेंसेटिव होते हैं। इनके लिए सीक्रेट और सेफ लाइन्स हैं। इनका रिकॉर्ड रखा जाता है और टांसस्क्रिप्ट्स भी होती हैं। ओबामा ज्यादातर कॉल अपने सेल फोन से करते थे, लेकिन इनका एक्सेस ऑपरेशन्स सेंटर में होता था। अफसर मानते हैं कि ओबामा और ट्रम्प के ट्रांजिशन पीरिएड में काफी फर्क है।
ट्रम्प राष्ट्रपति बने तो उन्होंने व्हाइट हाउस के स्टेट डिपार्टमेंट का इस्तेमाल नहीं किया था। अपने फोन से विदेशी नेताओं से बातचीत की। अब उनके जाने की बारी है तो वे बाइडेन की राह में रोढ़ा बन रहे हैं। जबकि, स्टेट डिपार्टमेंट का इस्तेमाल करना बाइडेन का अधिकार है।
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बाइडेन को विदेशी नेताओं के मैसेज नहीं मिल पा रहे, ट्रम्प ने इनके प्रेसिडेंट इलेक्ट तक पहुंचने पर रोक लगाई November 11, 2020 at 11:19PM
जो बाइडेन अमेरिकी राष्ट्रपति का चुनाव जीत चुके हैं। लेकिन, डोनाल्ड ट्रम्प अब भी हार कबूल करने को तैयार नहीं हैं। हालात ये हैं कि दूसरे देशों के राष्ट्राध्यक्ष बाइडेन को जो बधाई संदेश भेज रहे हैं, वे बाइडेन के पास पहुंच ही नहीं पा रहे हैं। यही वजह है कि कुछ विदेशी नेताओं ने बाइडेन से सीधा संपर्क किया और उन्हें जीत की बधाई दी।
नियम और परंपरा के मुताबिक, व्हाइट हाउस का स्टेट डिपार्टमेंट इस तरह के मैसेज प्रेसिडेंट इलेक्ट तक पहुंचाता है। लेकिन, ट्रम्प की जिद के चलते विदेश मंत्रालय भी मजबूर है। नए राष्ट्रपति बाइडेन 20 जनवरी को शपथ लेंगे।
व्हाइट हाउस में फंसे बाइडेन के लिए आए मैसेज
CNN की रिपोर्ट के मुताबिक, व्हाइट हाउस के स्टेट डिपार्टमेंट में कई विदेशी नेताओं के मैसेज आए। इनका डेटा व्हाइट हाउस में मौजूद है। लेकिन, बाइडेन तक यह पहुंचने नहीं दिया जा रहा। माना जा रहा है कि ट्रम्प के इशारे पर यह सब हो रहा है, क्योंकि वे हार मानने के लिए तैयार नहीं हैं। बाइडेन की टीम विदेशी नेताओं के संपर्क में है। वे और कमला हैरिस डेलावेयर में अपने कैम्प ऑफिस से फॉरेन लीडर्स से बात कर रहे हैं। व्हाइट हाउस के एक अफसर ने कहा- बाइडेन एक अजीब चैलेंज का सामना कर रहे हैं।
पोम्पियो का इशारा समझें
विदेश मंत्री माइक पोम्पियो ने बुधवार को मीडिया से बातचीत की थी। इसमें कहा था- सत्ता हस्तांतरण तो शांति से होगा। लेकिन, ये ट्रम्प प्रशासन को ही किया जाएगा। साफ है कि ट्रम्प और पोम्पियो अब भी यही मान रहे हैं कि सत्ता उनके पास ही रहेगी। बाइडेन को इंटेलिजेंस ब्रीफिंग भी नहीं दी जा रही है। आमतौर पर प्रेसिडेंट इलेक्ट को इस बारे में ब्रीफ करने की परंपरा है। व्हाइट हाउस में पैदा हुए इन अजीब हालात से फॉरेन डिप्लोमैट्स भी परेशान हैं।
अफसरों ने क्या कहा
ओबामा दौर में व्हाइट हाउस में अहम जिम्मेदारी संभाल चुके डेनिस मैक्डोनफ कहते हैं- ऐसे हालात कभी नहीं बने। पावर ट्रांजिशन आसानी से होता था। स्टेट डिपार्टमेंट के कॉल काफी सेंसेटिव होते हैं। इनके लिए सीक्रेट और सेफ लाइन्स हैं। इनका रिकॉर्ड रखा जाता है और टांसस्क्रिप्ट्स भी होती हैं। ओबामा ज्यादातर कॉल अपने सेल फोन से करते थे, लेकिन इनका एक्सेस ऑपरेशन्स सेंटर में होता था। अफसर मानते हैं कि ओबामा और ट्रम्प के ट्रांजिशन पीरिएड में काफी फर्क है।
ट्रम्प राष्ट्रपति बने तो उन्होंने व्हाइट हाउस के स्टेट डिपार्टमेंट का इस्तेमाल नहीं किया था। अपने फोन से विदेशी नेताओं से बातचीत की। अब उनके जाने की बारी है तो वे बाइडेन की राह में रोढ़ा बन रहे हैं। जबकि, स्टेट डिपार्टमेंट का इस्तेमाल करना बाइडेन का अधिकार है।
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