Tuesday, May 12, 2020
ट्रम्प की टास्क फोर्स के डॉ. फॉसी बोले- देश को जल्द खोला तो वायरस तेजी से फैलेगा; आधिकारिक आंकड़े से ज्यादा जान गईं May 12, 2020 at 06:16PM
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प की कोरोना टास्क फोर्स केसदस्य और संक्रामक रोगों के टॉप डॉक्टर एंथनी फॉसी ने कहा हैकि अगर अमेरिका को जल्द खोला गया तो कोरोनावायरस तेजी
से फैलेगा। फॉसी ने एक तरह से देश खोलने के लिए सरकार कीगाइडलाइन को फॉलो नहीं करने के लिए कहा है। उनकेमुताबिक, ऐसा करने से गंभीर नतीजे भुगतने होंगे। फॉसी ने यह
बात सीनेट (संसद का उच्च सदन) की कमेटी के सामने कही।
फॉसी ने यह भी कहा कि कोरोना के चलते अमेरिका में मौतों काआधिकारिक आंकड़ा 80 हजार बताया जा रहा है, लेकिन अबतक इससे कहीं ज्यादा मौतें हो चुकी हैं। व्हाइट हाउस ने
‘ओपनिंग अप अमेरिका अगेन’ (फिर से अमेरिका खोलेंगे) योजनातैयार की है, जिसमें 14 दिन के फेज बताए गए हैं। इसके तहतराज्यों को स्कूल और बिजनेस खोलने को कहा गया है। कई
अमेरिकी राज्य अपने यहां कोरोना संक्रमण बढ़ने के बावजूदअर्थव्यवस्था को खोल चुके हैं।
अमेरिका में हालात
सिएटल स्थित इंस्टीट्यूट फॉर हेल्थ मेट्रिक्स एंड इवैल्यूएशन ने कहा कि अमेरिका में अगस्त की शुरुआत तक 1 लाख 47 हजार से ज्यादा लोगों की मौत हो सकती है। पहले के अनुमान से यह 10 हजार ज्यादा है। worldometers.info के मुताबिक, अमेरिका में अब तक 14 लाख 08 हजार 636 संक्रमित हैं और 83 हजार 425 लोगों की जान जा चुकी है।
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113 साल की मारिया ब्रायनस ने महामारी को हराया, संक्रमण से ठीक होने वाली दुनिया की सबसे बुजुर्ग महिला May 12, 2020 at 05:53PM
स्पेन की 113 वर्षीया मारिया ब्रायनस ने कोरोना वायरस को हराया है। मारिया ब्रायनस देश में इस बीमारी से ठीक होने वाली सबसे उम्रदराज महिला हैं। यह जानकारी मारिया के ट्विटर अकाउंट से उनके परिवार के सदस्यों ने साझा की। अप्रैल में उनमें कोरोना के कुछ हल्के लक्षण नजर आए थे। इसके बाद उन्हें आइसालेट किया गया। इस दौरान वे अपने परिवार के सदस्यों के साथ संपर्क में रहीं। मई के पहले सप्ताह में डॉक्टरों ने उनके स्वस्थ्य होने की पुष्टि कर दी।
मारिया स्पेन में 105 साल से ज्यादा उम्र की दूसरी ऐसी महिला हैं, जिसने इस बीमारी को हराया है। इससे पहले 107 साल की एना डेल वैले कोरोना संक्रमण से ठीक हुई थी। एना डेल 5 साल की उम्र में स्पेनिश फ्लू बीमारी से भी ठीक हुईं थी।
मारिया के तीन बच्चे और11 पोते-पोतियां
मारिया 2019 से स्पेन की सबसे उम्रदराज महिला हैं। उनका जन्म 1907 में सैन फ्रांसिस्को के एक स्पैनिश प्रवासी परिवार में हुआ था। उनके जन्म के कुछ दिन बाद उनका परिवार स्पेन लौट आया था। 1931 में मारिया की शादी एक डॉक्टर से हुई। उनके तीन बच्चे, 11 पोते-पोतियां और 13 पड़पोते- पड़पोतियां हैं। वह 1918 का स्पेनिश फ्लू और 1936 से 1939 तक चले नागरिक युद्ध भी झेल चुकी हैं। पिछले 20 साल से वे जिरोना शहर के एक नर्सिंग होम में रह रही हैं।
नीदरलैंड की 107 साल महिला ने भी कोरोना को हराया था
नीदरलैंड की 107 साल की कॉरनेलिया ने भी कोरोना को हराया था। वे अपने ही देश में एक द्वीप की यात्रा के दौरान संक्रमित हुई थी। इस टूर पर उनके साथ 40 लोग गए थे, जो बाद में संक्रमित मिले थे। इनमें से 12 की मौत हो गई थी। हालांकि, कॉरनेलिया इस बीमारी को हराने में सफल रहीं। कॉरनेलिया को संक्रमण के लक्षण तब पता चले वह चर्च में प्रार्थना करने के बाद घर पहुंची थीं।
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अमेरिका के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार ने कहा- पिछले 20 साल में चीन से 5 संकट आए, ये सिलसिला रुकना चाहिए May 12, 2020 at 05:34PM
कोरोनावायरस के मुद्दे पर अमेरिका लगातार चीन पर हमले कर रहा है। अमेरिका के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (एनएसए) रॉबर्ट ओब्रायन ने कहा है कि पिछले 20 साल में चीन से 5 संकट आ चुके हैं। इस सिलसिले को रोकना जाना चाहिए। ओब्रायन ने कहा- सार्स, एवियन फ्लू, स्वाइन फ्लू और कोरोनावायरस चीन से आए। हालांकि, उन्होंने पांचवें संकट का नाम नहीं बताया।
पूरी दुनिया चीन से जवाब मांगेगी: ओब्रायन
अमेरिका के एनएसए ने कहा, "हमें पता है कि कोरोनावायरस चीन के वुहान शहर से दुनियाभर में फैला, इस बात के कुछ सबूत भी हैं। भले ही वायरस लैब से निकला हो या फिर मीट मार्केट से, लेकिन बार-बार चीन का नाम आना अच्छी बात नहीं। अब पूरी दुनिया चीन की सरकार से कहेगी कि बार-बार ऐसे संकट नहीं झेल सकते।"
'हमने मदद का प्रस्ताव दिया, चीन से मना कर दिया'
ओब्रायन ने कहा कि चीन चाहता तो कोरोनावायरस को रोक सकता था। हमने हेल्थ प्रोफेशनल भेजने का प्रस्ताव दिया, लेकिन उन्होंने मना कर दिया। पत्रकारों ने ओब्रायन से पूछा कि क्या अमेरिका अब भी कोरोनावायरस की उत्पत्ति के सबूत तलाश रहा है? उन्होंने जवाब दिया- इस बारे में कोई तय समय नहीं बता सकता, लेकिन हम लगातार समीक्षा कर रहे हैं। यह एक गंभीर मुद्दा है।
कोरोना से दुनियाभर में 2.50 लाख लोगों की मौत
ओब्रायन का कहना है कोरोनावायरस सिर्फ अमेरिका के लिए नहीं बल्कि पूरी दुनिया के लिए खतरनाक हो गया है। दुनियाभर में 2.50 लाख लोगों की मौत हो चुकी है, 40 लाख से ज्यादा संक्रमित हैं। अमेरिका सबसे ज्यादा प्रभावित है। वहां 80 हजार लोगों की मौत हो चुकी और 14 लाख संक्रमित हैं।
'चीन को भविष्य में ऐसे खतरों को रोकना होगा'
ओब्रायन ने कहा कि कोरोनावायरस की वजह से दुनिया की अर्थव्यवस्था थम गई। पिछले 20 साल में पांचवीं बार ऐसा हुआ है। चीन को ऐसा होने से रोकना चाहिए था। चीन को बाकी दुनिया से मदद की जरूरत है। लोगों के स्वास्थ्य संकट से निपटने में हम चीन की मदद के लिए तैयार हैं ताकि दोबारा ऐसा खतरा नहीं हो।
अमेरिकी सीनेट में चीन पर बैन लगाने का प्रस्ताव
अमेरिका और चीन के बीच टकराव अभी और बढ़ सकता है। बीबीसी के मुताबिक, सीनेट में चीन पर बैन लगाने का प्रस्ताव लाया गया है। रिपब्लिकन सांसदों ने मंगलवार को ऐसा कानून लाने का प्रस्ताव रखा, जिससे अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प को चीन पर बैन लगाने की ताकत मिले। अमेरिका के रिपब्लिकन सांसदों का कहना है कि चीन महामारी को लेकर जानकारी छिपा रहा है, उस पर बैन लगना चाहिए। चीन ने शुरू से ही धोखा दिया, जिसकी वजह से लाखों लोगों की जान गई।
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भारत से जीवन रक्षक दवा के नाम पर मंगाई गई विटामिन की गोलियां, प्रधानमंत्री इमरान ने जांच के आदेश दिए May 12, 2020 at 05:11PM
पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने भारत से 450 से ज्यादा दवाओं के आयात से जुड़े घोटाले की जांच के आदेश दिए हैं। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, जीवन रक्षक दवाओं के नाम पर विटामिन की गोलियां समेत दूसरी दवाएं भारत से मंगाई गई थी। देश के स्वास्थ्य मंत्रालय के सामने 5 मई को इससे जुड़े कुछ दस्तावेज पेश किए गए थे। इसके बाद स्वास्थ्य मंत्री का प्रभार देख रहे प्रधानमंत्री इमरान ने इसे गंभीरता से लिया।उन्होंने मामले की जांच की जिम्मेदारी अपने खास असिस्टेंट शहजाद अकबर को सौंपी है।
इमरान ने मंत्रालय के अधिकारियों को भारत से मंगाई गई दवाओं की लिस्ट सौंपने का निर्देश दिया है। पिछले कुछ समय से देश की विपक्षी पार्टियां मीडिया के सामने इस मुद्दे को उठा रही हैं। इस बात के आरोप लगाए जा रहे थे कि भारत से दवाओं कोलाने में दी गई छूट का दुरुपयोग हुआ है।
भारत से सिर्फ जीवन रक्षक दवा मंगाने को मंजूरी है
भारत ने पिछले साल 5 अगस्त को जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटा दिया था और इसे दो केंद्र शासित प्रदेशों में बांट दिया था। इसके बाद पाकिस्तान ने भारत से सभी व्यापारिक रिश्ते तोड़ लिए थे। हालांकि, इसके बाद देश में कुछ जरूरी दवाओं की कमी होने की बात कही गई थी। इसे ध्यान में रखते हुए पाकिस्तान सरकार ने कैंसर समेत अन्य बीमारियोंके लिए जीवन रक्षक दवाओं के आयात को मंजूरी दी थी।
कौन सी दवाएं भारत से मंगाई गई
स्वास्थ्य मंत्रालय के सचिवतनवीर अहमद कुरैशी के हस्ताक्षर वाले दस्तावेज के मुताबिक, भारत से कई तरह के टीके और विटामिन की गोलियां मंगाई गई। इनमें बीसीजी, पोलियो और टिटनेस के टीके शामिल थे। इसके साथ हीविटामिनबी1, बी2, बी6, बी12, डी3, जिंक सल्फेट मोनोहाइड्रेट और अन्य कई विटामिन की गोलियां भी भारत से आयात की गई।
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अब तक 43.40 लाख संक्रमित और 2.92 लाख मौतें: अमेरिका में अगस्त तक 1.47 लाख लोगों की जान जा सकती है May 12, 2020 at 03:51PM
दुनिया में करोनावायरस से अब तक 43 लाख 40 हजार 58 लोग संक्रमित हो चुके हैं। दो लाख 92 हजार मौतें हो चुकी हैं, जबकि 16 लाख दो हजार 155 लोग ठीक हो चुके हैं। सिएटल स्थित इंस्टीट्यूट फॉर हेल्थ मेट्रिक्स एंड इवैल्यूएशन ने बुधवार को कहा कि अमेरिका में अगस्त की शुरुआत तक 1 लाख 47 हजार से ज्यादा लोगों की मौत हो सकती है। पहले के अनुमान से यह 10 हजार ज्यादा है।
ट्विटर:हमेशा घर से काम करने की अनुमतिट्विटर के कर्मचारी न केवल कोरोनावायरस महामारी के दौरान बल्कि इसके बाद भी अगर वे चाहे तो हमेशा के लिए अपने घर से काम कर सकते हैं। ट्विटर ने मंगलवार को बयान जारी कर कहा, “अगर हमारे कर्मचारी घर से काम करने की स्थिति में हैं और वे ऐसा हमेशा के लिए चाहते हैं तो हम इसे पूरा करने का प्रयास करेंगे।” इसके अलावा कर्मचारियों के पास सुरक्षा का ध्यान रखते हुए कंपनी के कार्यालयों में काम करने का विकल्प खुला रहेगा। बयान के अनुसार ट्विटर सितंबर के पहले अपना कार्यालय नहीं खोलेगा और उसके पहले कुछ अपवादों को छोड़ किसी भी तरह की व्यापारिक यात्रा नहीं होगी।
अमेरिका में लॉकडाउन हटाने को लेकर चेतावनी
अमेरिका की कोरोना टास्क फोर्स के सदस्य डॉ. एंथनी फॉसी ने अमेरिकी राज्यों से लॉकडाउन हटाने को लेकर चेतावनी दी है। अगर माहामीर को काबू में करने की क्षमता विकसित किए जाने से पहले राज्यों को राहत दी जाती है तो इसके गंभीर परिणाम होंगे। वहीं, अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प दोबारा बिजनेस शुरू करना चाहते हैं।
रूस: तीसरा सबसे ज्यादा संक्रमित देश
अमेरिका (14.08 लाख) और स्पेन (2.69 लाख) के बाद रूस तीसरा सबसे ज्यादा संक्रमित देश बन गया है। यहां अब तक 2 लाख 32 हजार 243 मरीज मिल चुके हैं। यहां लगभग 10 दिनों से हर दिन 10 हजार से ज्यादा केस मिल रहे हैं। वहीं, राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के प्रवक्ता दिमीत्री पेस्कोव भी संक्रमित पाए गए हैं।
2.83 लाख से ज्यादा की मौत पार: डब्ल्यूएचओ
24 घंटे में दुनियाभर से 4261 मौतें सामने आई हैं। कुल मौतों का आंकड़ा 2.83 लाख हो गया है। डब्ल्यूएचओ ने बुधवार को कहा कि दुनिया भर में कुल संक्रमितों की संख्या 40 लाख 88 हजार 848 हो गई है। 24 घंटे में 82,591 मामले सामने आए हैं। ज्यादातर मामले यूरोप में दर्ज किए गए हैं, जहां इनकी संख्या 17 लाख 55 हजार 790 है। यहां कुल 1 लाख 57 हजार 880 मौतें हुई हैं।
फ्रांस: 27 हजार मौतें
फ्रांस में 24 घंटे में 348 नई मौतें सामने आई हैं। मरने वालों की संख्या बढ़कर बुधवार को 27 हजार के पार हो गई। इसी के साथ अमेरिका, ब्रिटेन और इटली के बाद फ्रांस कोरोना से बुरी तरह प्रभावित देशों में चौथे नबंर पर आ गया। यहां अब तक 1 लाख 40 हजार 227 लोग संक्रमित हो चुके हैं, जबकि अब तक 57,785 लोग ठीक हो चुके हैं।लेबनान: टोटल लॉकडाउन
लेबनान में अब तक 870 मरीज मिल चुके हैं, जबकि 26 लोगों की जान जा चुकी है। यहां सरकार ने संक्रमण के खतरों को देखते हुए टेटल लॉकडउन की घोषणा की है। चार दिनों पहले ही पाबंदियों में राहत दी गई थी, जिसके बाद केस अचानक बढ़ने लगे। मंगलवार को यहां 11 नए मामले सामने आए।
मिस्र: 347 नए मामले
मिस्र में मंगलवार को कोरोना के 347 नए मामले सामने आए हैं। संक्रमितों की संख्या बढ़कर 10,093 हो गई है। मिस्र के स्वास्थ्य मंत्रालय के प्रवक्ता खालिद मेगाहेद ने मंगलवार को बताया कि मंगलवार को 11 मरीजों की मौत हो गई। इससे मरने वालों की संख्या बढ़कर 544 हो गई है। अंतर्राष्ट्रीय नर्स दिवस के अवसर पर मेगाहेद ने महामारी के खिलाफ जंग लड़ रही मिस्र की नर्सों के प्रयासों और बलिदानों की प्रशंसा की और उन्हें ‘मिस्र की सफेद सेना’ कहा।
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चीन के वुहान में कोरोना के दूसरे दौर का डर, अब सभी 1.10 करोड़ नागरिकों का टेस्ट होगा May 12, 2020 at 02:40PM
चीन के वुहान में कोरोना का दूसरा दौर शुरू हो सकता है। यहां एक ही दिन में 6 नए मामले आने के बाद सरकारी मीडिया ने इसकी आशंका जताई है। अधिकारियों ने भी कहा है कि अब वुहान के सभी नागरिकों का कोरोना टेस्ट किया जाएगा। वुहान की आबादी 1.10 करोड़ है। वुहान कोरोना का केंद्र रहा है। यहां दो महीने तक लॉकडाउन रहा। उधर, पूरे चीन में 16 नए मामले आए हैं। इनमें 15 मामलों में लक्षण नजर नहीं आए हैं।
शुलान में मार्शल लॉ लागू
मीडिया रिपोर्ट में कहा गया है कि जिलिन और हुबेई प्रांत में अधिकारी संक्रमण रोकने के लिए लॉकडाउन का सख्ती से पालन कराने की तैयारी कर रहे हैं। जिलिन प्रांत के शुलान शहर में 15 मामले अचानक आए हैं। इसके बाद यहां मार्शल लॉ लगा दिया गया है।
शुलानहाई रिस्क जोन घोषित
शुलान रूस सीमा से लगा शहर है। इसे हाई रिस्क जोन घोषित किया गया है। यहां एक 45 साल की महिला से संक्रमण फैलने की आशंका जताई जा रही है।
द कोरिया : नाइट क्लब गए 108 लोग संक्रमित, 2000 की तलाश
दक्षिण कोरिया में नाइट क्लब, बार, पब से संक्रमण का खतरा बढ़ता जा रहा है।अधिकारियों ने राजधानी सियोल में 7000 ऐसे लोगों की जांच कराई है, जो नाइट क्लबों में गए थे। इनमें से 108 लोग संक्रमित पाए गए।
नाइट क्लब से कोरोना फैलने की आशंका
अधिकारियों ने कहा है कि इनमें से ज्यादातर लोग थर्ड जेंडर हो सकते हैं। ये लोग समाज के सामने आने से डर रहे हैं। पिछले हफ्ते नाइट क्लब से लौटा 29 साल का एक व्यक्ति कोरोना संक्रमित पाया गया था। इसके संपर्क की जांच की गई क्योंकि यह एक ही दिन तीन नाइट क्लबों में गया था।
इस व्यक्ति की कोरोना चेन से जुड़े और 2000 लोगों की तलाश की जा रही है। देश में अब तक 10,936 मामले आए हैं। जबकि 258 मौतें हुई हैं।
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स्पेन में शुरुआत में संक्रमण दर 35% थी, टेस्ट और वेंटिलेटर बढ़ाकर यह दर 1% से कम कर दी May 12, 2020 at 02:39PM
स्पेन दुनिया का दूसरा सबसे ज्यादा कोरोना प्रभावित देश है। यहां अब तक 2 लाख 68 हजार 143 मामले सामने आए हैं। 26 हजार 744मौतें हुई हैं। सरकार का कहना है कि उसकी हालात पर नजर है। उसने संक्रमण रोकने की पूरी कोशिश की है।
स्वास्थ्य मंत्री सल्वाडोर इला ने कहा, “देश में 14 मार्च को कोरोना का पहला मरीज मिला था। तब से रोज 35 फीसदी की दर से मरीज बढ़ रहे थे। ये घटकर अब 0.05% की दर से बढ़ रहे हैं। यह सब इसलिए संभव हो सका, क्योंकि लोगों ने सोशल डिस्टेंसिंग जैसे नियमों का उत्साह के साथ पालन किया।”
लोगों ने 2 महीने लॉकडाउन का सख्ती से पालन किया
इला ने कहा किदो महीने से जारी लॉकडाउन के दौरान लोग कम से कम घरों से निकले। स्वास्थ्यकर्मी अपने घर हीनहीं गए। लोगों ने हर दिन रात 8 बजे घरों की खिड़कियों के पास खड़े होकर स्वास्थ्यकर्मियों का उत्साह बढ़ाया। ये एक-दूसरे से दूर रहकर भी एक-दूसरे के साथ रहे।
देश भर में प्रति हजार लोगों पर 20 टेस्ट हुए
सबसे बड़ा कदम यह रहा कि देशभर में 9.50 लाख टेस्ट कराए गए। प्रति 1000 लोगों पर 20 टेस्ट किए गए। यह अन्य देशों की तुलना में ज्यादा हैं। शुरुआत में देश में वेंटिलेटर की कमी थी। वॉलंटियर्स की मदद से वेंटिलेटर का उत्पादन बढ़ाया। मैड्रिड और बार्सिलोना जैसे बड़े शहरों में करीब सभी अस्पतालों में आईसीयू बनाए गए। हालांकि, हालात जब तक संभल पाते, तब तक यहां के रिटायरमेंट होम्स में करीब 15 हजार यानी 56 फीसदी मौतें कोरोना से हो गईं।
सोशल हेल्थ सेक्टर के विशेषज्ञ एंटोनियो कैब्रेरा ने कहा, “रिटायरमेंट होम्स में सफाई नहीं की जा रही है। यहां तक कि अस्पतालों में कर्मचारियों को ठीक से सुरक्षा साधन नहीं मिल रहे हैं। कई लोगों के पास इलाज के लिए दस्तावेज नहीं थे। वे इलाज से पहले ही मारे गए।”
स्पेन में 2008 जैसी मंदी की आशंका
इधर, यूरोपीय संघ स्पेन की मदद कर रहा है, लेकिन यह पर्याप्त नहीं है। स्पेन में कई लोगों की नौकरियां जा चुकी हैं। वे घर में रहकर पैसे नहीं कमा पा रहे हैं। यहां एक बार फिर 2008 जैसी मंदी आ सकती है। ऐसे में सरकार ने अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने की तैयारी दिखाई है। प्रधानमंत्री पेंद्रो सान्चेज ने इस योजना को न्यू नार्मल नाम दिया है।
51 फीसदी लोगों को लॉकडाउन के पहले चरण का फायदा मिला
इसमें 4 चरणों में लॉकडाउन में छूट दी जा रही है। पहला चरण शुरू हो चुका है। इसका फायदा 51 फीसदी लोगों को मिल रहा है। ज्यादातर इलाकों में कुछ दुकानें और रेस्तरां खुल चुके हैं। लोग बाहर इंडिविजुअल स्पोर्ट्स खेल रहे हैं। दौड़ रहे हैं या साइकिल चला रहे हैं, वह भी सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुए।
मंगलवार को समूहों में लोगों को वक्त बिताने का मौका मिला
सरकार ऐसे दिन भी तय कर रही है, जब परिवार या दोस्त 10-10 लोगों के समूह में कुछ समय साथ बिता सकेंगे। ऐसा पहला दिन यहां मंगलवार को बीता। हालांकि अभी मैड्रिड और बार्सिलोना में लॉकडाउन में ज्यादा ढील नहीं दी गई है। उन्हें एक हफ्ते और इंतजार करना होगा। वैसे यहां पार्कों में सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुए जाने की छूट है। यहां संक्रमण की स्थिति देखने के बाद आगे का फैसला लिया जाएगा।
वैक्सीन बनने तक एहतियात बरतनाहोगा
दूसरा चरण 18 मई से शुरू होगा। हालांकि, इसका प्लान अभी तैयार नहीं है। अन्य चरणों की तारीखें और प्लान भी सरकार बना रही है। लेकिन सभी का एक ही मूलमंत्र यानी सतर्कता होगा। प्रधानमंत्री ने कहा है कि हमें तब तक कोरोना के बीच ऐहतियात से रहना होगा, जब तक कि इसका वैक्सीन नहीं बन जाता है। लॉकडाउन में ढील 4 चरण में दी जा रही, पहला चरण शुरू हो चुका है।
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सूर्य की रोशनी से बैक्टीरिया और वायरस को नष्ट करने की तैयारी, भविष्य में घर-ऑफिस में ऐसे उपकरण दिख सकते हैं May 12, 2020 at 02:38PM
जब दुनिया कोरोनावायरस के संक्रमण से उबरने की जद्दोजहद में लगी है, तब कुछ वैज्ञानिक आशा बढ़ा रहे हैं कि शायद दशकों पुरानी एक तकनीक सेकीटाणुओं को हवा में नष्ट किया जा सकता है। इस तकनीक को अपर रूम अल्ट्रा वायलेट जर्मी साइडल इर्रेडिएशन कहते हैं।
आसान भाषा में इसका मतलब है सूर्य की रोशनी की ताकत को घर, दुकान या ऑफिस के अंदर ले आना। इस तकनीक का इस्तेमाल किया जाए, तो बिना किसी दुष्प्रभाव के हवा में तैर रहे कीटाणु वो चाहे बैक्टीरिया हो, फंगस हो या कोरोना जैसा वायरस, नष्ट हो जाता है।
सूर्य की रोशनीडिसइंफेक्टेंट के तौर पर काम करती है
हार्वर्ड मेडिकल स्कूल के ग्लोबल हेल्थ एंड सोशल मेडिसिन के प्रोफेसर डॉ. एडवर्ड नार्डेल कहते हैं कि पहले हम इस तकनीक का इस्तेमाल करने में संघर्ष करते थे, लेकिन अब हम जानते हैं कि यह तकनीक काम करती है। सूर्य की रोशनी डिसइंफेक्टेंट के तौर पर काम करती है, खासतौर पर इसकी अल्ट्रा-वायलेट किरणें हवा में तैरने वाले कीटाणुओं को नष्ट करने में कारगर है।
अब तक इस्तेमाल क्यों नहीं हुआ
इस टेक्नोलॉजी को बड़े स्तर पर अब तक इस्तेमाल न कर पाने के पीछे दो बड़े कारण हैं। पहला, स्कूल-कॉलेज में बचपन से ही दशकों से ये सिखाया जा रहा है कि अल्ट्रा वायलेट किरणें मनुष्य के लिए खतरनाक हैं क्योंकि ये न सिर्फ मनुष्य की त्वचा खराब करती हैं बल्कि इसके कारण कैंसर के पनपने का भी खतरा बढ़ता है।
अल्ट्रा वायलेट किरणों का इस्तेमाल महंगा
दूसरा कारण इसका इस्तेमाल महंगा होना है। उदाहरण के तौर पर किसी एक मध्यम आकार का वॉलमार्ट का वेयरहाउस अगर इस टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल करें तो उसे कम से कम 75 लाख रुपए का खर्च आएगा। इस पर बिजली और रखरखाव का खर्च अलग। जो छोटे व्यापारी हैं उनके लिए ये खर्च वहन करना बहुत मुश्किल है।
न्यूयॉर्क इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर इस्तेमाल शुरू
न्यूयॉर्क अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर इस तकनीक का इस्तेमाल हाल ही में शुरू किया गया है। वहीं कोलंबिया यूनिवर्सिटी के रेडियोलॉजिकल रिसर्च सेंटर के डायरेक्टर डेविड ब्रेनर का कहना है कि जैसा कहा जा रहा है कि संक्रमण दबने के बाद फिर उठेगा, शायद तब तक ये टेक्नोलॉजी दुनियाभर में इस्तेमाल के लिए तैयार होगी।
दीवारों पर लगेंगे अल्ट्रा वायलेट उपकरण
इस तकनीक में अल्ट्रा वायलेट कणों को छोड़ने वाले उपकरण दीवार पर लगाए जाते हैं। साथ में सीलिंग फैन भी लगाया जाता है। ताकि पंखा हवा को ऊपर खींच सके और उसमें मौजूद कीटाणु अल्ट्रा वायलेट किरणों का निशाना बन सकें। वैज्ञानिक कहते हैं कि अल्ट्रा वायलेट किरणें फंगस के डीएनए और वायरस के आरएनए को नष्ट कर देती हैं।
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WHO ने हर्ड इम्यूनिटी के आइडिया को 'खतरनाक' बताया, कहा - कोरोना दुश्मन नंबर 1 है, इससे निपटना जादू का खेल नहीं May 12, 2020 at 02:26PM
बिना वैक्सीन कोरोनावायरस से लड़ रही दुनिया के लिए अभी इम्यूनिटी और एंटीबॉडीजही उम्मीद की किरण हैं। लेकिन, कई हफ्तों से‘हर्ड इम्यूनिटी’ पाने के नाम पर बहस चल रही है। मंगलवार को विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO)भी इस बहस में कूद पड़ा। उसने सामूहिक प्रतिरोधकता के इस नए विचार याअवधारणा को खतरनाक बताया।
दरअसल, हर्ड इम्यूनिटीएक पेचीदा गणितीय सोच है। कुछ वैज्ञानिक इसे कोरोना नियंत्रण के लिए सही भी मान रहे हैं।इसीलिए, डब्लूएचओ को दखल देना पड़ा।
क्या है WHO की चेतावनी
- विश्व स्वास्थ्य संगठन में हेल्थ इमरजेंसी डायरेक्टरडॉ माइकल रेयान ने दुनिया की सरकारों की उस सोच कीभी आलोचना की है जिसमें वे लॉकडाउन में मर्जी से छूट और बेहद हल्के प्रतिबंध लगाकरयह सोच रहे हैं कि अचानक से उनके देशवासी “जादुई इम्यूनिटी” प्राप्त कर लेंगे।
- डॉ. रेयान ने चेतावनी देते हुए कहा कि, 'यह सोचना गलत था और आज भी है कि कोई भी देश कोविड-19 के लिए अपनी आबादी पर कोई "जादू" चलाकर उसमें इम्यूनिटी भर देगा।इंसान जानवरों के झुंड नहीं हैं। हर्ड इम्यूनिटी की बात तब करते हैं, जब यह देखना होताहै कि किसी आबादी में कितने लोगों को वैक्सीन की जरूरत है।'
- यह एक बहुत ही खतरनाक अंकगणित होगा। इससे लोग, उनका जीवन और उनकी पीड़ा का समीकरण उलझ जाएगा। जिम्मेदार सदस्यदेशों को हर एक इंसान को महत्व देना चाहिए। कोरोना बेहद गंभीर बीमारी है।यह दुश्मननंबर एक है।हम इसी बात को बार-बार कह रहे हैं।'
- डब्ल्यूएचओ की कोविड -19 रिस्पांस टीम की तकनीकी प्रमुख डॉ मारिया वान केरखोव ने भीकहा- शुरुआती आंकड़ों से पता चला है कि अभी जनसंख्या का बहुत कम स्तर कोरोना से संक्रमित है। लोगों में कम अनुपात में एंटीबॉडीज हैं। यह महत्वपूर्ण है ... क्योंकि हम हर्ड इम्यूनिटी शब्द का इस्तेमाल तब करते हैं जब लोगों को वैक्सीन लगाने के बारे में सोचते हैं।'
क्या होती हैहर्ड इम्यूनिटी, 5बड़ी बातें
- हर्ड इम्यूनिटी में हर्ड शब्द का मतलब झुंड से हैऔर इम्यूनिटी यानि बीमारियों से लड़ने की क्षमता। इस तरह हर्ड इम्यूनिटी का मतलब हुआ किएक पूरे झुंड या आबादीकी बीमारियों से लड़ने की सामूहिक रोग प्रतिरोधकता पैदा हो जाना।
- इस वैज्ञानिक आइडिया के अनुसार, अगर कोई बीमारी किसी समूह के बड़े हिस्से में फैल जाती है तो इंसान की इम्यूनिटी उस बीमारी से लड़ने में संक्रमित लोगों की मदद करती है। इस दौरान जो लोग बीमारी से लड़कर पूरी तरह ठीक हो जाते हैं, वो उस बीमारी से ‘इम्यून’ हो जाते हैं। यानी उनमें प्रतिरक्षा के गुण पैदा हो जाते हैं। इसके बाद झुंड के बीच मौजूद अन्य लोगों तक वायरस का पहुंचना बहुत मुश्किल होता है। एक सीमा के बाद इसका फैलाव रुक जाता है। इसे ही ‘हर्ड इम्यूनिटी’ कहा जा रहा है।
- हर्ड इम्युनिटी महामारियों के इलाज का एक पुराना तरीका है। व्यवहारिक तौर परइसमें बड़ी आबादी को नियमित वैक्सीन लगाए जाते हैं जिससे लोगों के शरीर में प्रतिरक्षीएंटीबॉडीजबन जाती हैं।जैसाचेचक, खसरा और पोलियो के साथ हुआ।दुनियाभर में लोगों को इनकी वैक्सीन दी गई और ये रोग अब लगभग खत्म हो गए हैं।
- वैज्ञानिकों का हीअनुमान है कि किसी देश कीआबादीमें कोविड-19 महामारी के खिलाफहर्ड इम्यूनिटीतभी विकसित हो सकती है, जब कोरोनावायरस उसकीकरीब 60 प्रतिशतआबादी को संक्रमित कर चुका हो। वे मरीज अपने शरीर में उसके खिलाफ एंटीबॉडीज बनाकर औरउससे लड़कर इम्यून हो गए हों।
- विशेषज्ञों के मुताबिक, कोविड-19 संक्रमण के मामलो मेंतो मौजूदा हालात को देखते हुए60 से 85 प्रतिशत आबादी में प्रतिरक्षा आने के बाद हीहर्ड इम्यूनिटी बन पाएगी। पुरानी बीमारी डिप्थीरिया में हर्ड इम्यूनिटी का आंकड़ा75 प्रतिशत, पोलियो में 85 प्रतिशत और खसरा में करीब 95 प्रतिशत है।
कोरोना में पहली बार ब्रिटेन में चर्चा चली
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मार्च में पहली बार ब्रिटिश सरकार ने उम्मीद जताई थी कि उनके यहां फैल रहे कोरोना को हर्ड इम्यूनिटी से नियंत्रित किया जा सकता है। इसके समर्थकों की ओर से तर्क दिया गया था कि वायरस को आबादी में फैलने दिया जाना चाहिए ताकि ज्यादा से ज्यादा लोग इम्यून हो सकें। हालांकि बाद में देश केस्वास्थ्य सचिव मैट हैनकॉक ने इस बात सेइनकार किया कि यह सोच कभी भी सरकार की रणनीति का हिस्सा थी।
अब दुनिया में स्वीडन मॉडल की चर्चा
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दुनिया में सिर्फ स्वीडन एकमात्र देश है जहां पर बिना वैक्सीन केहर्ड इम्युनिटी को अपरोक्ष रूप सेआजमाया गया है। वहां के2000 से भी ज्यादा रिसर्चर्स ने बकायदा एक याचिका पर दस्तखत करके सरकार से कहा कि हमेंहर्ड इम्युनिटी पर आगे बढ़ना चाहिए।
- स्वीडन ने अपने यहां छोटे बच्चों के लिए9वीं कक्षा तक के स्कूल,रेस्तरां, स्टोर, पब, बार और अन्य व्यवसायभी बंद नहीं किए। सवा करोड़ की आबादी वाले इस देश में70 साल से ऊपर के बुजुर्गों का खास ध्यान रखा गया और सोशल डिस्टेंसिंग का सख्ती से पालन हुआ। अब दुनियाभर में इसी मॉडल की चर्चा हो रही है।
- worldometers.info के मुताबिक स्वीडन में कोरोनावायरस के 27 हजार 272 केस सामने आए हैं जिसमें से 4 हजार 971 लोग ठीक हो गए जबकि 3 हजार 313 लोगों की मौत हो गई। आंकड़ाें के लिहाज से स्वीडन में डेथ रेट 40 प्रतिशत और रिकवरी रेट 60% है।
क्या भारत भी हर्ड इम्यूनिटी की राह पर है?
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भारत में ये विषयलॉकडाउन 2.0 खुलने के बाद 3 मई के बाद से चर्चा में आ गया था। अब लॉकडाउन 3.0 खुलने के दिन नजदीक आने के चलते इस पर सभी की नजर है। अभी तक हमारे यहां करीब 74 हजार मामले हैं। 2415 लोगों की मौत हो चुकी है। 24 हजार 125 मरीजरिकवर हो चुके हैं।
- केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन ने कहा- हमारे यहां कोरोना के मरीजों के ठीक होने की दरहर दिन बेहतर हो रही है। 13 मई तक यह 31.7% पर है। कोरोना से मृत्यु की दर हमारे यहां दुनिया में सबसे कम 3.2% है। जबकि, दुनिया में यह दर 7 से 7.5% है।
- विशेषज्ञों के मुताबिक, हर्ड इम्यूनिटी पाना भारत जैसे बड़ी आबादी वाले देश के लिए बेहद गंभीर विषय है।बिना वैक्सीन के पुरानी महामारियों में लोगों के मरने की संख्या भी इस ओर इशारा करती है कि भारत में लोगों को संक्रमण सेबचाकर रखना ज्यादा जरूरी है।
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अफगान पुलिस का रिटायर्ड जनरल बख्तावर तालिबान में शामिल हुआ, कहा- अच्छा होगा अगर यहां इस्लामिक सरकार बने May 12, 2020 at 12:46AM
अफगानिस्तान में फराह प्रांत के पूर्व पुलिस प्रमुख जनरल अब्दुल जलील बख्तावर अब तालिबान में शामिल हो गए हैं। एक वक्त वो इस आतंकी संगठन के सबसे बड़े दुश्मनों में से एक थे। जलील के तालिबान का हिस्सा बनने के बाद कुछ फोटो और वीडियो वायरल हो रहे हैं। इनमें वो सिर पर पगड़ी और गले में मालाएं पहने नजर आते हैं।
बख्तावर का इस आतंकी संगठन में शामिल होना हैरान करने वाला है। इसकी एक वजह ये है कि रिटायर होने के बावजूद वो निजी संगठन बनाकर तालिबान से लड़ रहे थे।
दोनों बेटे अच्छे पदों पर
बख्तावर के दो बेटे बड़े पदों पर हैं। एक लोकल असेंबली का सदस्य है तो दूसरा डिप्टी गवर्नर। एक बेटे की हेलिकॉप्टर क्रैश में मौत हुई थी। तब तालिबान ने उसका शव कई दिन तक अपने पास रखा था। बाद में लेनदेन के बाद लाश परिवार को सौंपी गई थी। आतंकियों ने बख्तावर को खत्म करने के लिए सुसाइड बॉम्बर भी भेजे थे। हालांकि, वो कामयाब नहीं हो पाए। रविवार को वो पुराने दुश्मन तालिबान के दोस्त बन गए।
तालिबान मजबूत होगा
जलील का तालिबान के साथ होना इस आतंकी संगठन के लिए मुनाफे का सौदा होगा। उसके प्रोपेगंडा को ताकत मिलेगी। अमेरिका तालिबान से समझौता कर चुका है। उसके सैनिक लौटने लगे हैं। दो दशक पुरानी जंग का आलम ये है कि कहीं परिवार दुश्मन हो गए हैं तो कहीं पिता और पुत्र आमने सामने हैं। अफगान गृह मंत्रालय के प्रवक्ता तारिक आर्यन ने कहा, “ये बेहद अफसोसनाक है कि एक रिटायर्ड जनरल ने शांति, सम्मान और स्थिरता की जिंदगी की बजाए दुश्मन और दहशतगर्दी को चुना।”
बेटे ने मुद्दे को तवज्जो नहीं दी
जलील के बेटे मसूद ने पिता के तालिबान में शामिल होने की खबरों को टालने की कोशिश की। मसूद फराह में डिप्टी गवर्नर हैं। मसूद ने कहा- मेरे पिता दो जनजातियों का विवाद सुलझाने हमारे गृह जिले बालाबोलक गए थे। लोग इस यात्रा का गलत मतलब निकाल रहे हैं। हालांकि, यह उनका अपना फैसला है।
धूमधाम से स्वागत
बेटा चाहे जो दलील दे। लेकिन, तस्वीरें कुछ और कहानी बयां करती हैं। रविवार को जलील जब तालिबान का हिस्सा बने तो उनका स्वागत धूमधाम से हुआ। गले में तालिबानी पगड़ी और गले में कई हार नजर आए। आतंकी उनके साथ सेल्फी ले रहे थे। तालिबानी झंडे भी देखे जा सकते हैं। नारेबाजी भी हुई। सोशल मीडिया पर तस्वीरें और वीडियो आए।
जलील ने क्या कहा?
पूर्व पुलिस अधिकारी ने तालिबान का हिस्सा बनने के बाद कहा, “बहुत अच्छा होगा अगर देश में इस्लामिक सरकार बने। इससे खूनखराब बंद होगा। मेरे लिए यह बड़ी खुशी का दिन है। इससे दूसरों को प्रेरणा मिलेगी।” हालांकि, अब तक ये साफ नहीं है कि जलील आखिर आतंकियों के साथ क्यों जा मिले। उनके फोन भी बंद हैं। स्थानीय अधिकारी बताते हैं कि जनजातियों का आपसी झगड़ा वजह हो सकता है। ताकतवर बनने के लिए कोई सरकार से मदद लेता है तो कोई तालिबान से।
सरकार ने जलील की मदद नहीं की
फराह से सांसद समीउल्ला समीन कहते हैं, “तालिबान जलील के रिश्तेदारों पर दबाव डाल रहा था। सरकार ने भी उनकी मदद नहीं की। बख्तावर के यहां कई लोकल बिजनेस भी लंबे वक्त से चल रहे हैं। आतंकियों से लड़ने के लिए उन्होंने खुद का संगठन भी बनाया था। उनके कई करीबियों को तालिबान निशाना बना चुका था। 2018 में वो संसदीय चुनाव भी लड़े। प्राईमरी जीते लेकिन आखिरी राउंड में हार गए। सरकार ने जलील और उनके गुट की कभी मदद नहीं की। उन्हें धोखा दिया गया। चुनाव में भी धांधली हुई थी।”
एक वजह ये भी संभव
जलील के सबसे बड़े बेटे का नाम फरीद था। वो फराह प्रॉविंशियल काउंसिल के अध्यक्ष थे। अक्टूबर 2018 में उनका हेलिकॉप्टर तालिबान के कब्जे वाले इलाके में क्रैश हुआ। फरीद मारे गए। तालिबान ने कई दिन तक शव अपने कब्जे में रखा। आतंकी अपने एक मारे गए साथी का शव चाहते थे। ये संभव नहीं हो सका। काउंसिल के एक सदस्य दादुल्लाह कानी के मुताबिक, “बख्तावर के निजी संगठन ने तीन तालिबानियों को मार गिराया था। इसके बदले में उन्हें 10 हजार अमेरिकी डॉलर हर्जाने के तौर पर देने पड़े। अब उन्होंने आतंकियों के सामने समर्पण कर दिया है।” सांसद समीन कहते हैं- सरकार का साथ देने वाले स्थानीय संगठन कभी तालिबान के आगे नहीं झुके। बख्तावर का यह कदम इन संगठनों का हौसला कम करेगा। यह सरकार की भी नाकामी है।
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Pakistan PM Imran Khan orders probe into alleged scandal of importing medicines from India: Report May 11, 2020 at 11:18PM
नंगरहार राज्य में पुलिस अफसर के जनाजे के दौरान आत्मघाती हमला, 40 की मौत May 11, 2020 at 11:31PM
अफगानिस्तान के काबुल के पासमंगलवार को हुए बम धमाके में 40 लोगों की मौत हो गई और कई लोग घायल हो गए। धमाका पूर्वी नंगरहार राज्य मेंपुलिस अफसर हाजी शेख इकराम के जनाजेके दौरान हुआ। राज्यपाल अत्ताउल्ला खोग्यानी ने इसकी जानकारी दी। उन्होंने कहा कि हमले को किसी आत्मघाती हमलावर ने अंजाम दिया। घायलों के बारे में बाद में जानकारी साझा की जाएगी। हालांकि, अब तक किसी संगठन ने हमले की जिम्मेदारी नहीं ली है।
अफसर हाजी शेख खेवा जिला की पुलिस इकाई के कमांडर थे। उनका सोमवार रात दिल का दौरा पड़ने से निधन हो गया था। मंगलवार सुबह उनके शव को दफनाने ले जाया जा रहा था। इस बीच आत्मघाती हमलावर जनाजेमें शामिल हो गया और खुद को बम से उड़ा लिया।
सोमवार को काबुल में चार बम धमाके हुए थे
काबुल में एक दिन पहले ही सोमवार को चार बम धमाके हुए थे। इनमें से एक बम कूड़े के डिब्बे में और तीन सड़क किनारे रखे थे। काबुल पुलिस के प्रवक्ता के मुताबिक, बम 10 से 20 मीटर की दूरी पर रखे गए थे। इस धमाके में 12 साल की बच्ची समते चार लोग घायल हो गए थे। इससे पहले गुरुवार को यहां के पावर स्टेशन पर एक रॉकेट भी दागा गया था।
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व्हाइट हाउस में महिला पत्रकार के सवाल पर भड़के ट्रम्प, कोरोना पर मीडिया ब्रीफिंग अचानक खत्म की May 11, 2020 at 10:49PM
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प का सोमवार को कोरोना पर ब्रीफिंग के दौरान दो महिला पत्रकारों से विवाद हो गया। इसके बाद उन्होंने प्रेस कॉन्फ्रेंस अचानक खत्म कर दिया। न्यूज वेबसाइट हिल के अनुसार, ट्रम्प ने कोरोनोवायरस पर प्रतिक्रिया के लिए अपने प्रशासन की तारीफ करते हुए लगभग 40 मिनट तक रिपोर्टरों के सवाल के जवाब दिए।
रिपोर्टर ने पूछा- टेस्टिंग को वैश्विक प्रतिस्पर्धा क्यों कर रहे
वहीं, सीबीएस की रिपोर्टर वीजिया जियांग और सीएनएन की कैटलनकोलिंस के साथ उनका विवाद हो गया। चीनी मूल की सीबीएस की पत्रकार जियांग ने उनसे पूछा था कि वे हमेशा इस बात पर ज्यादा जोर क्यों देते हैं कि अमेरिका अन्य देशों से ज्यादा टेस्टिंग कर रहा है। क्या यह इतना जरूरी है? इसे वैश्विक प्रतिस्पर्धा क्यों बना रहे हैं, जब हर दिन अमेरिकी नागरिक अपनी जान गंवा रहे हैं।
इस पर ट्रम्प ने कहा- दुनिया में हर जगह लोगों की जान जा रही है।यह सवाल आपको चीन से करनीचाहिए, न कि मुझसे। जियांग ने ट्विटर पर खुद को चीन में पैदा हुई वर्जीनिया का नागरिक बताया। इसके बाद जियांग ने कहा- सर, खासतौर पर आप मुझसे ऐसा क्यों कह रहे हैं। यहां जियांग का मतलब चीनी होने से था।
ट्रम्प ने कहा- ऐसे बेकार सवाल चीन से पूछें
ट्रम्प ने कहा- मैं ऐसा उन सबको कह रहा हूं, जो इस तरह के बेकार सवाल पूछना चाहते हैं। इसके बाद राष्ट्रपति ने उन्हें नकारते हुए अन्य रिपोर्टर को सवाल पूछने के लिए कहा। इसके बाद जब एक और सीएनएन की महिला रिपोर्टर ने उनसे सवाल पूछने की कोशिश की, इस बीच ट्रम्प ने प्रेस कॉन्फ्रेंस खत्म कर दी।
ट्विटर पर #StandWithWeijiaJiang ट्रेंड करने लगा
इसके बाद ट्विटर पर #StandWithWeijiaJiang ट्रेंड करने लगा। स्टार ट्रैक अभिनेता और एशियन-अमेरिकन कार्यकर्ता जॉर्ज ताकी ने भी ट्वीट किया- मैं #StandWithWeijiaJiang के साथ और ट्रम्प के नस्लभेदी टिप्पणी के खिलाफ हूं।
रिपोर्टर और सीएनएन राजनीतिक विश्लेषक अप्रैल रेयानने ट्वीट किया- इस क्लब में स्वागत है। वे बीमार हैं! यह उनकी आदत है! ट्रम्प की अक्सर प्रेस ब्रीफिंग के दौरान पत्रकारों से बहसहोती रही है।
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US will cross 10 million mark in conducting Covid-19 tests: Trump May 11, 2020 at 09:44PM
अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव की तैयारियां तेज, अप्रैल में ट्रम्प ने चुनाव प्रचार के लिए 462 करोड़ तो बिडेन ने 455 करोड़ रु. जुटाए May 11, 2020 at 09:16PM
कोरोना से अमेरिका से बुरी तरह प्रभावित है। इसके बावजूद यहां पर राष्ट्रपति चुनाव की तैयारियां जोरों पर है। अप्रैल महीने में राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने चुनाव प्रचार के लिए 61 मिलियन (करीब 462 करोड़ रु.) जुटाए हैं। वहीं पूर्व राष्ट्रपति जो बिडेन और डेमोक्रेट्स पार्टी के नेता जो बिडेन 60 मिलियन अमेरिकी डॉलर(करीब 455 करोड़ रु.) जुटाने में सफल रहे। अमेरिका में राष्ट्रपति चुनाव 3 नवम्बर को होगा।
ट्रम्प दोबारा राष्ट्रपति चुनाव लड़ेंगे। जो बिडेन अगले राष्ट्रपति चुनाव में डेमोक्रेट्स पार्टी के प्रबल उम्मीदवार माने जा रहे हैं। उन्हें अगस्त में होने वाले डेमोक्रेटिक नेशनल कन्वेंशन में राष्ट्रपति उम्मीदवार घोषित किया जा सकता है।
कोरोना की वजह से वर्चुअली फंड जुटा रही हैं पार्टियां
अमेरिका में कोरोना से अर्थव्यवस्था प्रभावित हुई है। करीब 3 करोड़ लोग बेरोजगार हो गए हैं। संक्रमण से बचने के लिए लोगों के एक जगह जुटने पर पाबंदियां लगाई गई हैं। इसका असर राष्ट्रपति चुनाव के प्रचार भी नजर आ रहा है। रिपब्लिक और डेमोक्रेटिक दोनों ही पार्टियां अब तक एक भी चुनावी सभा नहीं कर पाई हैं। हालांकि, दोनों ही पार्टियां वर्चुअली फंड जुटा रही हैं। ऑनलाइन माध्यमों से समर्थक अपने पसंदीदा नेताओं के चुनाव के लिए फंडिंग कर रहे हैं।
ट्रम्प के प्रचार के लिए ओबामा से ज्यादा फंड जुटाए गए
ट्रम्प के चुनाव प्रचार के लिए रिपब्लिकल नेशनल कमेटी(आरएनसी) अब तक 742 मिलियन डॉलर की रकम जुटा चुकी है। यह पूर्व राष्ट्रपति ओबामा को दोबारा चुनाव में जीत दिलाने के लिए हुई 288 मिलियन डॉलर की फंडिंग से भी ज्यादा है। वहीं,डेमोक्रेट्स पार्टी के लिए डेमोक्रेट्स नेशल कमेटी(डीएनसी) के साथ ही बिडेन फॉर प्रेसिडेंट नाम से अभियान चलाया जा रहा है। डेमोक्रेट्स के कार्यकर्ताओं के मुताबिक, बिडेन के औसत ऑनलाइन डोनेशन 32.63 डॉलर(करीब 2400 रु.) है।
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Gunmen attack Doctors Without Borders clinic in Kabul: Interior ministry source May 11, 2020 at 09:17PM
बैंक ऑफ जापान के 138 साल के इतिहास में पहली महिला एक्जीक्यूटिव डायरेक्टर बनीं टिकोको सिमुजु, 2010 में भी बनाया था रिकॉर्ड May 11, 2020 at 08:48PM
बैंक ऑफ जापान में 2010 में पहली महिला मैनेजर बनने वाली 55 वर्षीय बैंकर टिकोको सिमुजु ने एक बार फिर इतिहास रचा है। सिमुजु बैंक ऑफ जापान में एक्जीक्यूटिव डायेक्टर के पद पर नियुक्त की गई हैं। 138 साल के इतिहाल में यह पहला मौका है जब इस पद पर किसी महिला की नियुक्ति हुई है। टिकोको सिमुजु की नियुक्ति एक्जीक्यूटिव डायरेक्टर्स के उस 6 सदस्यीय पैनल में हुई है जिस पर बैंक ऑफ जापान के दैनिक ऑपरेशन के देखरेख की जिम्मेदारी है। अभी सिमुजु नागोया शहर में ब्रांच मैनेजर के पद पर तैनात थीं।
1987 में बैंक ऑफ जापान के साथ शुरू हुआ सफर
सिमुजु ने 1987 में बैंक ऑफ जापान में काम शुरू किया था। शुरुआत में उनकी नियुक्ति फाइनेंशियल मार्केट डिविजन और फॉरेन एक्सचेंज ऑपरेशन में नियुक्त हुई। बाद में वह यूरोप में जनरल मैनेजर के पद पर भी तैनात रहीं। 2016 से 2018 के मध्य सिमुजु लंदन में बैंक ऑफ जापान की मुख्य प्रतिनिधि के रूप में तैनात रहीं। अब एक्जीक्यूटिव डायरेक्टर के पद पर सिमुजु की नियुक्ति चार साल के लिए हुई है। आपको बता दें कि बैंक ऑफ जापान की स्थापना अक्टूबर 1882 में हुई थी।
बैंक ऑफ जापान में 47 फीसदी महिला कर्मचारी
बैंक डाटा के मुताबिक, बैंक ऑफ जापान के कुल वर्कफोर्स में महिलाओं की हिस्सेदारी बढ़कर 47 फीसदी तक पहुंच गई है। हालांकि, वरिष्ठ प्रबंधकीय पदों पर केवल 13 फीसदी और विशेषज्ञ पदों जैसे लीगल अफेयर, पेमेंट सिस्टम और बैंक नोट में केवल 20 फीसदी महिलाएं ही नियुक्त हैं। 1998 में स्थापित बैंक के पॉलिसी बोर्ड में महिलाओं की नियुक्ति हुई है। लेकिन 9 सदस्यीय बोर्ड में केवल 1 महिला की नियुक्त हुई है। फेडरल रिजर्व और यूरोपियन सेंट्रल बैंक की तरह रिजर्व बैंक में कोई भी महिला कभी गवर्नर नहीं रही है।
जापान में घट रहा है पुरुषों का दबदबा
बीते एक दशक में डेमोग्राफिक चुनौतियों और उच्च शिक्षा में महिलाओं की ज्यादा भागीदारी के कारण जापान के पुरुषों के दबदबे वाले मैनेजमेंट स्ट्रक्चर में बदलाव आ रहा है। वर्ल्ड बैंक के डाटा के मुताबिक 2018 में जापान की कुल आबादी में महिलाओं की हिस्सेदारी 51 फीसदी थी। हालांकि, वर्ल्ड इकोनॉमिक फोरम के ताजा ग्लोबल जेंडर गैप इंडेक्स में 153 देशों में जापान 121वें स्थाव पर था। जेंडर इक्विलिटी के मामले में जापान जी-7 देशों में सबसे नीचे हैं। जापान के प्रधानमंत्री शिंजो आबे ने महिलाओं के सशक्त बनाने के लिए वूमेनॉमिक्स नाम से नई पॉलिसी बनाई है।
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