फ्रांस के एक व्यक्ति पर कोरोनावायरस महामारी के दौरान नियमों के उल्लंघन करने पर जुर्माना लगाया गया है। यह व्यक्ति शनिवार को दक्षिण फ्रांस के पेर्पिग्नन शहर से स्पेन के ला जोन्केरा शहर सस्ती सिगरेट लेने के लिए पैदल जा रहा था। पुलिस के मुताबिक, पहले व्यक्ति ने कार से जाने की सोची, लेकिन चेकपॉइंट पर उसे रोक दिया गया।
इसके बाद उसने दो देशों की सीमाओं को बांटने वाले पहाड़ी रास्ते को चुना। यहां वह झाड़ियों के बीच से गुजरते हुए एक झरने में गिर गया। इसके बाद वह पाइरेनीज इलाके की पुलिस के हाथ लगा। व्यक्ति को अधिक ठंड लग गई थी, जिससे उसका खुद पर नियंत्रण नहीं रह गया था। इस कारण वह किसी से संपर्क नहीं कर सका।
135-यूरो जुर्माना लगाया
पुलिस ने ट्विटर पर जानकारी दी कि झरने में गिरे व्यक्ति को बचाने के लिए हेलिकॉप्टर की मदद ली गई। उस पर एंटी-कोरोनावायरस नियमों के उल्लंघन के लिए जुर्माना लगाया गया। हालांंकि उसके नाम का खुलासा नहीं किया गया है।जान बचने के बाद व्यक्ति ने (135-यूरो) 11 हजार 131 रुपए का जुर्माना भरा। इसके बाद पुलिस ने उसे घर पर रहने के हिदायत देकर छोड़ दिया।
फ्रांस में स्पेन से चीजें सस्ती
दुनियाभर में कोरोनावायरस के कारण ज्यादातर देशों ने अपनी सीमाएं सील कर लॉकडाउन घोषित किया है। फ्रांस में भी लॉकडाउन हैं, लेकिन यहां जरूरी चीजों को उपलब्ध कराया जा रहा है। ऐसे में स्पेन के लोग यहां से सिगरेट, शराब, खाने की चीजें और ईंधन खरीदने आते हैं। क्योंकि स्पेन के मुकाबले फ्रांस में चीजें सस्ती होती हैं।
UN Secretary General Antonio Guterres is urging governments around the world to include the protection of women in their response to the deadly novel coronavirus pandemic. "For many women and girls, the threat looms largest where they should be safest. In their own homes," Guterres said.
वॉशिंगटन. 204 देशों और क्षेत्रों को चपेट में ले चुके कोरोनावायरस से मरने वालों का आंकड़ा सोमवार सुबह 69 हजार 424 हो गया। 12 लाख 72 हजार 860 लोग संक्रमित हैं। इलाज के बाद दो लाख 62 हजार स्वस्थ भी हुए। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने आशा जताई है कि देश जल्द ही कोरोना पर काबू पा लेगा। कोरोना संक्रमित ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन को रविवार देर रात अस्पताल में भर्ती कराया गया। वहीं, अमेरिका में एक बाघिन को भी संक्रमित पाया गया है।
अमेरिका : अंधेरी सुरंग के दूसरे छोर पर उम्मीद की रोशनी
राष्ट्रपति ने रविवार रात प्रेस कॉन्फ्रेंस में भरोसा जताया कि अमेरिका जल्द ही कोरोना संकट पर काबू पा लेगा। उन्होंने कहा, “इस सुरंग के आखिर में हमें उम्मीद की रोशनी नजर आ रही है। जिस हिसाब से चीजें हो रही हैं उससे लगता है कि उजाला ज्यादा दूर नहीं होगा।” हालांकि, उन्होंने एक बार फिर फेस मास्क पहनने पर अनिच्छा ही जताई। उनका परिवार सोशल मीडिया पर फेस मास्क के इस्तेमाल की अपील कर रहा है। राष्ट्रपति ने कहा- बहुत जरूरी हुआ तो ही मास्क पहनूंगा। आमतौर पर मैं ये पसंद नहीं करता। हालांकि, ज्यादातर लोग ये पहन रहे हैं।
अमेरिका : बाघिन भी संक्रमित
कोरोनावायरस से सबसे ज्यादा प्रभावित न्यूयॉर्क के ब्रोंक्स जू में 4 साल की बाघिन संक्रमित पार्ई गई। उसमें वही लक्षण पाए गए हैं जो इंसानों में पाए जा रहे हैं। सीएनएन ने सोमवार सुबह यह खबर दी। इस बाघिन का नाम नादिया है। जू की तरफ से जारी बयान में कहा गया है कि नादिया की बहन एजुल और तीन अफ्रीकी शेरों में भी कफ के लक्षण पाए गए हैं। हालांकि, इनमें संक्रमण की पुष्टि नहीं हुई। सभी का इलाज चल रहा है। यह कुछ जानवरों में भूख की कमी देखी गई थी। इसके बाद इनके सैम्पल लिए गए।
ब्रिटेन : क्वीन एलिजाबेथ की अपील
ब्रिटेन की महारानी एलिजाबेथ ने रविवार रात देश को संबोधित किया। कहा, “एकजुट होकर हम इस महामारी पर काबू पा लेंगे। मैंने पहले भी कहा था। दोहरा रही हूं। एकता में शक्ति है। देश इस मुश्किल दौर से बाहर आ जाएगा। भविष्य में लोग इस बात पर गर्व करेंगे कि हमने कैसे इस महामारी से मुकाबला किया। आप भरोसा रखिए हमारा अच्छा दौर लौटेगा। हम फिर अपने परिजनों और परिवारों के साथ होंगे।” क्वीन ने लोगों से सरकार द्वारा बनाए नियमों के पालन की भी अपील की।
लीबिया : पूर्व प्रधानमंत्री की मौत
‘अल जजीरा’ टीवी चैनल के मुताबिक, लीबिया के पूर्व प्रधानमंत्री महमूद जिब्रिल की संक्रमित होने के बाद मौत हो गई। जिब्रिल 2011 में तानाशाह मुअम्मर गद्दाफी के सत्ता से हटने के बाद प्रधानमंत्री बने थे। उनकी पार्टी ने बयान जारी कर जिब्रिल की मौत की पुष्टि कर दी है। 68 साल के इस नेता को दो हफ्ते पहले संक्रमित पाया गया था। तब से वो हॉस्पिटल में थे।
चीन : 24 घंटे में 1 मौत
यहां के नेशनल हेल्थ कमीशन ने रविवार रात एक बयान जारी किया। इसमें बताया गया कि शनिवार और रविवार के बीच 24 घंटे में 39 नए मामले सामने आए। एक मरीज की मौत हो गई। देश में कुल मामलों की संख्या 81 हजार 708 बताई गई है। हुबेई प्रांत में कोई नया मामला सामने नहीं आया।
अमेरिका : यह हफ्ता सबसे मुश्किल
अमेरिका के सर्जन जनरल एडमिरल जेरोम एडम्स के मुताबिक, यह हफ्ता देश के लिए मुश्किल और सबसे दुखदायी साबित हो सकता है। उन्होंने इस हफ्ते को पर्ल हार्बर और 9/11 जैसा मुश्किल और निर्णायक करार दिया। फॉक्स न्यूज से बातचीत में एडम्स ने कहा, “यह हफ्ता हमारे देश के नागरिकों के लिए बेहद अहम है। हालांकि, हमें इस अंधेरी सुरंग के आखिरी छोर पर उजाले की किरण भी नजर आती है।” कुछ और अमेरिकी विशेषज्ञ भी अगले एक या दो हफ्तों को अमेरिका के लिए बेहद अहम बता चुके हैं। देश में तीन लाख 12 हजार से ज्यादा संक्रमित हैं। 8 हजार 500 से ज्यादा की मौत हो चुकी है।
यूक्रेन स्थित चेर्नाेबिल परमाणु संयंत्र के नजदीक शनिवार को करीब 250 एकड़ का जंगल जलकर राख हो गया है। आग को परमाणु बिजली संयंत्र का बढ़ा हुआ रेडिएशन और भड़का सकता है। इससे पूरा संयंत्र एक एक्सीडेंट जोन बनकर दुनिया के सबसे भीषण हादसे में तब्दील हो सकता है। तबाही को रोकने के लिए अधिकारियों ने आग बुझाने दो विमान, हेलिकॉप्टर और 130 फायरफाइटर तैयात किए हैं।
इमरजेंसी सर्विस के अधिकारियों ने अपनी रिपोर्ट में रविवार को कहा, ‘‘सुबह कहीं भी आग नहीं दिख रही थी और हवा में रेडिएशन बढ़ने की भी जानकारी नहीं है। शनिवार को कुछ इलाकों में रेडिएशन से जरूर आग बुझाने में मुश्किलों को सामना करना पड़ा, लेकिन इससे आसपास के लोगों को कोई खतरा नहीं था।’’
रेडिएशन का बढ़ना बुरी खबर
यूक्रेन के स्टेट इकोलॉजिकल इस्पेक्शन सर्विस के प्रमुख येगोर फिरसोव ने फेसबुक पर कहा, ‘‘बुरी खबर है, संयंत्र का रेडिएशन सामान्य से ज्यादा है।’’ हालांकि प्लांट के आसपास के जंगल में आग की कई घटनाएं होती हैं।
1986 में एक रिएक्शन में हादसा हो गया था
चेर्नाेबिल हादसे ने यूरोप के एक बड़े हिस्से को प्रदूषित किया। यहां 1986 के अप्रैल महीने में प्लांट के चौथे रिएक्टर में विस्फोट हो गया था। चारों और रेडिएशन फैल गया। इलाके में बिजली की सप्लाई प्रभावित हुई। अभी भी लोगों को प्लांट के 30 किलोमीटर के क्षेत्र में रहने की अनुमति नहीं है। हालांकि संयंत्र के तीन रिएक्टर 2000 तक बिजली बनाते रहे। 2016 में विस्फोट हुए रिएक्टर के ऊपर एक सुरक्षा गुंबद बनाकर ढक दिया था। हादसे के वक्त पावर प्लांट के 30 किलोमीटर के अंदर कुल करीब 1.5 लाख की आबादी थी। तब अधिकारियों ने 32 लोगों की मौत 1251 लोगों के रेडिएशन से बुरी तरह से जलने की बात स्वीकारी थी।
Soaring numbers of COVID-19 deaths in Ecuador's second city Guayaquil have led to a shortage of coffins, forcing locals to resort to using cardboard boxes, city authorities said Sunday. Authorities in the Pacific port city said they had received a donation of 1,000 pressed cardboard caskets from local producers, and delivered them for use in two local cemeteries.
कोरानावायरस संक्रमण की चेन तोड़ने की कोशिश सभी देश कर रहे हैं। इस प्रयास में आईटी का भी खूब इस्तेमाल हो रहा है। कुछ मोबाइल ऐप का इस्तेमाल कर रहे हैं, तो कहीं पर संक्रमितों की पल-पल ट्रैकिंग की जा रही है। हांगकांग में चीन से आए लोगाें की लोकेशन पर नजर रखने के लिए व्हाट्सएप का इस्तेमाल हो रहा है। एयरपोर्ट पर ही लाेगों को हिदायत दी जा रही है कि उन्हें अपनी लाेकेशन सेटिंग को हमेशा ऑन रखना है।
ऐसे में ये लोग अगर घर से बाहर निकलते हैं तो प्रशासन को तुरंत प्रशासन को पता चल जाता है। दूसरी तरफ दक्षिण कोरिया ने व्हाट्सएप जैसा ही एक ऐप बनाया है। अगर संक्रमित व्यक्ति अपनी दिनचर्या से अलग गतिविधियां करते पाया जाता है तो ऐप अलार्म और अलर्ट देता है। यहां बाहर से आए 10600 लोगों में से 42% पर इस एप से नजर रखी जा रही है। द. कोरिया और ताइवान में क्वारेंटाइन तोड़ने, घर पर फोन छोड़कर जाने पर बड़े जुर्माने और जेल भेजने तक की सजा है।
चीन के 200 शहरों में हो रहा ऐप का इस्तेमाल
चीन में भी प्रांतीय सरकारों ने हेल्थ चेक ऐप बनाया है। यह एप कई अलग-अलग प्लेटफॉर्म पर चल सकता है। लोग कहां आए-गए और क्वारेंटाइन में हर दिन उनकी स्थिति कैसी रही, इसके अनुसार ऐप पर कलर काेड जनरेट होता है। यह कलर कोड सरकारों के पास पहुंचता है। ये सिस्टम कितना सही है, अभी कह पाना मुश्किल है, लेकिन अली पे का मानना है कि चीन के 200 शहरों में लाेग इस एप का इस्तेमाल कर रहे हैं।
डब्ल्यूएचओ भी बना रहा माय हेल्थ ऐप
डब्ल्यूएचओ भी माय हेल्थ ऐप बना रहा है। फेसबुक, गूगल, टेन्सेंट और बाइट डांस जैसी कंपनियां अपने करोड़ों यूजर्स की गतिविधियों को पहले से ही ट्रैक करती हैं, ऐसे में डब्ल्यूएचओ इन कंपनियों के साथ मिलकर बता पाएगा कि बीमारियां कहां-कहां फैल चुकी हैं और कहां फैलने वाली हैं। इस डेटा की मदद से सरकारें भी यह जान पाएंगी कि जिलों और शहरों के नियम कितने कारगर साबित हो रहे हैं।
गूगल बताएगा किस सड़क या इमारत में कितनी भीड़
मेप्स की मदद से गूगल ऐसी व्यवस्था बना रहा है, जिससे यूजर्स यह जान सकेंगे कि किस सड़क या बिल्डिंग में कितनी भीड़ है। ताकि लोग वहां जाने-न जाने को लेकर निर्णय कर सकें। इसका उपयोग सरकारें यह जानने में कर सकती हैं कि सोशल डिस्टेंसिंग का पालन हो रहा है या नहीं। ब्रिटिश सरकार के डिजिटल सर्विसेस के पूर्व प्रमुख माइक ब्रेकन का कहना है कि सरकारों के पास लोगों को ट्रैक करने की तकनीक पहले से है। कोराेना से लड़ने में इसका कितना उपयाेग हो रहा है यह अभी कोई खुलकर नहीं बताएगा।
टेक्सास के बेन किंग कोरोना से जंगजीतकर वापस आए हैं। हालांकि वे अभीक्वारैंटाइन में हैं। उनकी पत्नी क्रिस्टिन नर्स हैं।अस्पताल में बीते अपने वक्त को बेन जिंदगी का सबसे खराब और डरावना वक्त बताते हैं। वे बताते हैं- मैं सभी से, खास तौर पर युवाओं से कहना चाहूंगा कि इसे मजाक मत समझिए, चाहे आपकी उम्र कुछ भी हो। ऐसा इसलिए कह रहा हूं कि जो नर्क मैंने भोगा है, वो किसी और को न भुगतना पड़े।
बेन ने कहा- मैं परिवार के साथ घूमने के लिए क्रूज से 5 दिन के सफर पर निकला था, तभी कोरोना ने जकड़ लिया। उस वक्त तक मैं काफी स्वस्थ्य और फिट था। कोरोना जब मारता है, तो बहुत तेजी से और जोर से मारता है। अस्पताल के बिस्तर पर लेटे-लेटे पहली दो रातों में ही लगने लगा था कि अब जिंदा नहीं लौट पाऊंगा, पर मैं खुशकिस्मत निकला। हालत इतनी बिगड़ी कि मैं दो शब्द भी नहीं बोल पा रहा था। सिर में इतना दर्द था कि आंखें भी नहीं खोल पा रहा था।
कोरोना से जंग जिंदगी की सबसे बड़ी लड़ाई
कोविड-19 से जंग मेरी जिंदगी की सबसे बड़ी लड़ाई थी। मैं रोज भगवान से प्रार्थना करता था कि प्लीज मुझे मरने मत देना। वो दो दिन मेरी जिंदगी से सबसे लंबे दिन और वह समय मेरी जिंदगी का सबसे डरावना वक्त रहा है। अगर आपके पास परिवार, बच्चे, दोस्त हैं और ऐसा कुछ है जिसके लिए आपको जिंदा रहना है, तो रिस्क मत लीजिए। हम एक महीने से अपनी दोनों बेटियों से नहीं मिले हैं, और अप्रैल तक मिल भी नहीं पाएंगे। ये बहुत दर्द देता है। डॉक्टर, मेडिकल स्टाफ, कर्मचारी सभी अपनी जान जोखिम में डाल रहे हैं, ताकि हम जिंदा रह सके। अगर अब भी रिस्क नहीं समझ पा रहे हैं, तो मेरे विचार से हम सबसे बड़े मूर्ख हैं।
नर्स पत्नी बोलीं- कोई खतरे कोनहीं समझ पाया
बेन टेक्सास में ग्रेपवाइन के बेयलर स्कॉट एंड व्हाइट मेडिकल सेंटर में भर्ती थे। उनकी पत्नी क्रिस्टिन इसी अस्पताल में नर्स हैं। वे बताती हैं- जब 25 मार्च को बेन को कोविड-19 होने का पता चला तोकोई नहीं समझ पाया कि क्या हुआ है। दोस्तों और लोगों ने कहा- यह कुछ खास नहीं है। हमने किसी को इससे संक्रमित नहीं देखा। खतरे की बात नहीं है। धीरे-धीरे बेन की हालत बिगड़ने लगी, तो इमरजेंसी में पहुंचे। वहां से दवा देकर घर भेज दिया। एक नर्स होने के नाते मैं बेन की देखभाल में जुट गईं पर उनका बुखार 104 डिग्री से नीचे नहीं जा रहा था, सांस लेने में दिक्कत भी बढ़ रही थी। एक मुश्किल वक्त और लंबे संघर्ष के बाद बेन घर लौटे हैं।
(स्टीव एडर/हेनरी फाउंटेन)कोरोनावायरस फैलने के शुरुआती दिनों में चीन से 1300 सीधी उड़ानों में करीब 4.30 लाख लोग अमेरिका पहुंचे थे। इनमें से 40 हजार लोग अमेरिका में आगे भी यात्रा करते रहे। वारि फ्लाइट, माई राडार व फ्लाइट अवेयर और अन्य एजेंसियों से मिले इनपुट में यह दावा किया गया है। ये एजेंसियां चीन और अमेरिका में कार्यरत हैं। इनके मुताबिक यात्रा प्रतिबंध के पहले ये उड़ानें अमेरिका के 17 राज्यों में पहुंची थीं। चीन ने 31 दिसंबर 2019 को अपने यहां कोरोना के होने का खुलासा किया था।
इसके बावजूद अमेरिका में जनवरी के शुरू में अधिकारी कोरोना की गंभीरता को कम आंक रहे थे। वे एयरपोर्ट पर यात्रियों की जांच में सख्ती नहीं दिखा रहे थे। यात्रियों की स्क्रीनिंग जनवरी के मध्य में शुरू की। उसमें भी सिर्फ वुहान से लॉस एंजिल्स, सैन फ्रांसिस्को और न्यूयॉर्क के एयरपोर्ट पर आए विमानों के यात्रियों की स्क्रीनिंग की गई। चीन की विमानन डेटा कंपनी वारीफ्लाइट ने भी कहा कि उस दौर में भी करीब 4 हजार लोग वुहान से सीधे अमेरिका पहुंचे।
ऐसा था रूट: 3.81 लाख यात्री सीधे चीन से आए, अन्य वहां से होते हुए पहुंचे
इंटरनेशनल ट्रेड एडमिनिस्ट्रेशन के मुताबिक 3.81 लाख लोग चीन से सीधे अमेरिका आए थे। इनमें से एक चौथाई अमेरिकी थे। अन्य लोग अन्य देशों से चीन होते हुए अमेरिका पहुंचे थे। होमलैंड विभाग की प्रवक्ता सोफिया बोजा ने कहा कि अन्य देशों के आए यात्री 25% हो सकते हैं।
10 मार्च को एंड्रयू वू (31) को बीजिंग से सीधी उड़ान से लॉस एंजिल्स इंटरनेशनल एयरपोर्ट पहुंचे थे। एंड्रयू कहते हैं- मैं हैरान था कि एयरपोर्ट पर जांच की प्रक्रिया बेहद ढीली थी। मैंने अधिकारियों से ठीक से जांच करने का निवेदन भी किया, लेकिन उन्होंने ज्यादा गंभीरता नहीं दिखाई।
23 मार्च को सबरीना फिच (23) चीन से न्यूयॉर्क पहुंचीं। सबरीना ने कहा कि एयरपोर्ट पर उनकी और करीब 40 अन्य लोगों का तापमान दो बार जांचा गया। उसके बाद उनसे एक फॉर्म में उनके स्वास्थ्य की जानकारी भराई गई। सिर्फ हमारा पासपोर्ट देखा गया। अन्य सवाल नहीं पूछा।
तैयारी: विदेशों में फंसे 22 हजार अमेरिकी स्वदेश लाए जाएंगे
अमेरिका कोरोना के कारण भारत समेत अन्य देशों में फंसे 22 हजार नागरिकों को एयरलिफ्ट करेगा। दूतावास संबंधित मामलों के प्रधान उप सहायक मंत्री इयान ब्राउनली ने मीडिया को यह जानकारी दी। उन्होंने कहा कि कई नागरिक भारत समेत एशिया में हैं। इनके लिए 70 उड़ानें तय की गई हैं। द. एशिया से एक हजार नागरिक अमेरिका लौट सके हैं।
न्यूयॉर्क: गवर्नर की चेतावनी- सात दिनों में चरम पर पहुंच जाएगा खतरा
न्यूयॉर्क राज्य में कोरोना से एक दिन में 630 लोगों की मौत हुई है। गवर्नर एंड्र्यू क्यूमो ने चेतावनी दी है कि सात दिनों में राज्य में प्रकोप चरम पर पहुंच सकता है। राज्य में पहली बार 2-3 को सबसे ज्यादा 550 से ज्यादा मौतें हुई थीं। अब तक 1,14,775 मामले सामने आ चुके हैं। जबकि 3,565 मौतें हुईं। अकेले न्यूयॉर्क सिटी में 63,306 मामले हैं।
Britain's Health Secretary Matt Hancock on Sunday warned the government could ban outside exercise if people flout stringent guidelines to cut the spread of coronavirus infections. Warmer weekend weather has stoked fears that Britons could congregate in parks and open spaces, potentially increasing transmission, as the country goes into a third week of lockdown.
New Yorkers hunkered down on Sunday as the city entered a critical phase in the coronavirus crisis - a period authorities warned would bring soaring death tolls and even more challenges for an overburdened health care system.
अफगानिस्तान की राजधानी काबुल में गुरुद्वारे पर किए गए आतंकी हमले में शामिल 37 आतंकवादियों को पुलिस ने गिरफ्तार किया है। यह सभी इस्लामिक स्टेट खुरासान प्रॉविंस मॉड्यूल से जुड़े हुए हैं। इनकी गिरफ्तारी इस मॉड्यूल के सरगना असलम फारुकी की गिरफ्तारी के बाद हुई है। असलम पाकिस्तान का रहने वाला है और उसके पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई से गहरे ताल्लुकात हैं। रविवार को गिरफ्तार किए गए 37 आतंकावादियों में 14 महिलाएं और बच्चे हैं और इनमें भी ज्यादातर पाकिस्तानी ही हैं।
काबुल में 25 मार्च को हर राय साहिब गुरुद्वारे में आतंकी हमला हुआ था, इसमें 27 लोगों की जान गई थी। मृतकों में एक भारतीय भी शामिल था।
आईएसआईएस की मिलिट्री विंग में कमांडर था फारुकी
टोलो न्यूज के मुताबिक अफगानिस्तान के कांधार में नेशनल डाइरेक्टोरेट ऑफ सिक्युरिटी (एनडीएस) के एक ऑपरेशन में आईएसआईएस के खुरासान माड्यूल के प्रमुख आतंकवादी अब्दुल्ला ओरकजई एलियास असलम फारुकी को 19 साथियों के साथ गिरफ्तार किया गया था।
एनडीएस ने बताया कि वह पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा के ओरकजई शहर का मूल निवासी है। उसके पाकिस्तानी आतंकी संगठन हक्कानी नेटवर्क और लश्कर-ए-तैयबा (एलईटी) से गहरे संबंध हैं।बयान के अनुसार, अफगानिस्तान में आईएसआईएस ने अबू सईद बाजावरी की हत्या के बाद उसे वहां का काम सौंपा था। वह पेशावर में आईएसआईएस की मिलिट्री विंग के कमांडर के रूप में काम कर रहा था। एक अधिकारी ने न्यूज एजेंसी एएफपी से कहा कि काबुल में गुरुद्वारे पर हुए हमले का मास्टर माइंट फारूकी ही था। फारूकी ने क्षेत्रीय खुफिया एजेंसियों के साथ संबंध होने की बात कबूल की है, जो कि पाकिस्तान की एजेंसी की ओर इशारा है।
हमले में शामिल एक आतंकी केरल का भी था
गुरुद्वारे पर हमला करने वालों में भारतीय आतंकी का भी नाम सामने आ चुका है। आईएसआईएस ने इसका नाम अबु खालिद अल-हिंदी बताया था। हालांकि, इसका असली नाम मुहम्मद मुहसिन था। जो केरल के कासरगोड जिले का तिरकारीपुर का रहने वाला था। वह कुछ समय पहले आतंकी संगठन आईएसआईएस में शामिल हो गया था। हमले के दौरान उसे मार गिराया गया था। उसके परिजनों ने इस बात की पुष्टि की थी कि उन्हें आईएसआईएस से उसके मरने का मैसेज मिला है।
The high-speed train whooshing past historic World War I battle zones and through the chateau-speckled Loire Valley carried a delicate cargo: 20 critically ill COVID-19 patients and the machines helping keep them alive. The TGV-turned-mobile-intensive-care-unit is just one piece of France's nationwide mobilization of trains, helicopters, jets and even a warship, deployed to relieve congested hospitals and shuffle hundreds of patients and medical personnel in and out of coronavirus hotspots.
The 32-year-old conservationist had been self-isolating separately from Johnson with the couple's dog Dilyn. Her social media post on her own symptoms subsiding came as Johnson, 55, continues to self-isolate at Downing Street after testing positive for coronavirus last week. "I've spent the past week in bed with the main symptoms of coronavirus. I haven't needed to be tested and, after seven days of rest, I feel stronger and I'm on the mend," Symonds posted on Twitter.
अमेरिका में कोरोनावायरस से सबसे ज्यादा प्रभावित न्यूयॉर्क में संक्रमण के मामले एक लाख से ज्यादा हो गए हैं। यहां तीन हजार 565 लोगों की जान कोरोना से गई है। अकेले न्यूयॉर्क सिटी में 63 हजार से ज्यादा लोग संक्रमित हैं। इस शहर के आसपास के इलाके कोरोना हॉटस्पॉट में तब्दील होते जा रहे हैं। गवर्नर एंड्रयू क्यूमो ने कहा कि लॉन्ग आईलैंड पर संक्रमण आग की तरह फैल रहा है। राज्य के अस्पतालों में 22% मरीज लॉन्ग आईलैंड के हैं। न्यूजर्सी में भी गंभीर समस्या पैदा हो गई है।
न्यूयॉर्क सिटी देश का एपिसेंटर बना हुआ है। यहां हर दिन एक हजार केस सामने आ रहे हैं। न्यूजर्सी के गवर्नर मर्फी ने घोषणा की कि जब तक कोरोना संकट है, तब तक राज्य में बाहर से आने वाले लोगों पर बैन रहेगा। न्यूजर्सी में शुक्रवार से शनिवार तक 200 लोगों की मौत हुई। यहां अब तक 846 लोगों की जान जा चुकी है।
फ्लोरिडा के गवर्नर ने न्यूयॉर्क से आने वालों को क्वारैंटाइन किया
रोड आइलैंड के गवर्नर ने न्यूयॉर्क में 14 दिन का क्वारैंटाइन घोषित करने की कोशिश की थी। फ्लोरिडा के गवर्नर ने भी न्यूयॉर्क से उड़ान भरने वाले यात्रियों को 14 दिन तक क्वारैंटाइन किया। उधर, न्यूजर्सी के मेयर मर्फी ने कहा कि राज्य में 846 लोगों की मौत हुई है। यह संख्या 2001 में 11 सितंबर को हुए आतंकी हमले में मारे गए लोगों से भी ज्यादा है।
न्यूजर्सी में संक्रमण के 34 हजार मामले
न्यूयॉर्क में शुक्रवार तक 2,935 मौतें हुई थी, जो रविवार तक 3,565 हो गई है।
न्यूयॉर्क सिटी में कंफर्म केस एक लाख 13 हजार 704 है, जबकि न्यूयॉर्क सिटी में 63 हजार 306 हो गया है।
न्यूयॉर्क में 15 हजार 905 लोग अस्पताल में भर्ती हैं।
न्यूजर्सी में अब तक 846 लोगों की मौत हुई, जबकि कुल केस 34 हजार 125 हो गए हैं।
हम युद्ध जैसी स्थिति का सामना कर रहे: क्यूमो
न्यूयॉर्क के गवर्नर ने शनिवार को चेतावनी देते हुए कहा कि सात दिनों के भीतर राज्य में कोरोना संकट अपने पीक पर होगा। उन्होंने कहा कि फिलहाल हम इससे निपटने के लिए तैयार नहीं हैं। ब्रीफिंग में क्यूमो ने यह भी कहा कि न्यूयॉर्क के कई लोग वायरस पर काबू पा रहे हैं। उन्होंने कहा कि दो-तिहाई संक्रमित लोगों को अस्पताल से छुट्टी दी जा चुकी है। हम सब यहां युद्ध जैसी स्थिति का सामना कर रहे हैं।
क्यूमो ने कहा कि न्यूयॉर्क में करीब 85 हजार स्वास्थ्यकर्मी हैं, जो कोरोना के खिलाफ लड़ाई में जुटे हैं। इनमें लगभग 22 हजार राज्य के बाहर से हैं। उन्होंने शनिवार को एक कार्यकारी आदेश पर हस्ताक्षर किए, ताकि उन मेडिकल छात्रों को प्रैक्टिस की अनुमति दी जा सके, जिन्होंने अभी तक ग्रेजुएशन नहीं किया है।
न्यूयॉर्क में एक हजार सैन्य चिकित्साकर्मी भेजे गए: ट्रम्प
राष्ट्रपति ट्रम्प ने भी शनिवार को कहा कि उन्होंने न्यूयॉर्क सिटी में मरीजों की सहायता के लिए एक हजार सैन्य स्वास्थ्यकर्मी भेजे हैं। हालांकि, यह स्पष्ट नहीं था कि ट्रम्प किन सैनिकों का जिक्र कर रहे थे। हॉस्पिटल शिप में लगभग 1,200 सैन्य चिकित्साकर्मी पहले से ही न्यूयॉर्क में हैं। इसके अलावा, लगभग दो हजार 700 न्यूयॉर्क स्टेट नेशनल गार्ड को वायरस से निपटने के लिए तैनात किया गया है। आने वाले दिनों में करीब चार हजार सुरक्षा बलों को तैनात किया जाएगा।
चीन ने न्यूयॉर्क सिटी को एक हजार वेंटिलेटर्स भेजा
क्यूमो ने कहा कि चीन की सरकार ने न्यूयॉर्क सिटी को एक हजार वेटिंलेटर्स डोनेट किया है। यह डोनेशन जोय एंड क्लारा साइ फाउंडेशन के जरिए आया, जो जैक मा का फाउंडेशन है। इसके साथ ही सर्जिकल मास्क और 10 लाख एन95 मास्क भी मिला। वहीं, अमेरिकी राज्य ओरेगॉन ने भी न्यूयॉर्क में 140 वेंटिलेटर्स भेजे हैं।
न्यूयॉर्क सिटी में गर्मीकी छुट्टियांरद्द
न्यूयॉर्क शहर के शिक्षा अधिकारियों ने शुक्रवार को कहाकि महामारी के बीच शहर के 75 हजार से ज्यादा शिक्षकों की गर्मी की छुट्टी रद्द कर दी गई है। इस खबर के बाद शिक्षकों में नाराजगी नजर आई। न्यूयॉर्क शहर में करीब 1,800 पब्लिक स्कूल हैं। इनमें लगभग 11 लाख छात्र पढ़ते हैं।
अर्थव्यवस्था को झटका
न्यूजर्सी और कनेक्टिकट समेत न्यूयॉर्क क्षेत्र के आठ लाख से ज्यादा लोगों ने पिछले दो हफ्तों में बेरोजगारी भत्ता के लिए आवेदन किया है। कोरोनावायरस महामारी की वजह से देश की अर्थव्यवस्था को काफी झटका लगा है।
The US has so far repatriated around 37,000 Americans stranded overseas due to the pandemic and is planning to bring another 22,000 of its citizens, many of whom are in South Asia, especially India, Principal Deputy Assistant Secretary for Consular Affairs Ian Brownlee told reporters during a conference call on Friday.
जॉन हॉपकिंस यूनिवर्सिटी के मुताबिक दुनिया के 181 देश कोरोना की गिरफ्त में हैं। इन देशों में अब तक कोरोना के 11 लाख से ज्यादा केस आ चुके हैं। 60 हजार से ज्यादालोगों की जान गई है। 2.26 लाख लोग अब तक ठीक हुए हैं। सबसे ज्यादा 14,681 मौतें इटली में हुई हैं। सबसे ज्यादा 2.77 लाख केस अमेरिका में आए हैं।
दुनिया में सबसे ज्यादा प्रभावित देशों में कोरोनावायरस से होने वाली मृत्युदर की बात करें, तो यह इटली में सबसे ज्यादा है। इटली में हर 100 कोरोना संक्रमित व्यक्ति में से तकरीबन 12 लोगों की मौत हो रही है। फ्रांस दूसरे नंबर पर है, यहां 100 कोरोना पीड़ित मरीजों में से 10 की जान जा रही है। तीसरे नंबर पर नीदरलैंड है। यहां हर 100 संक्रमितों में से 9 से ज्यादा लोगों की जान गई है।
वहीं, भारत में कोरोना के अब तक 3127 मामले आए हैं, जबकि 86 लोगों की मौत हुई। इस लिहाज से भारत में कोरोना से वाली मौतों की दर 2.75है। कोरोना के कुल केस के लिहाज से भारत दुनिया में अभी 29वें नंबर पर है। यानी दुनिया के 28 देशों में अभी भारत से ज्यादा कोरोना के केस हैं।
कोरोना से सबसे ज्यादा प्रभावित टॉप-10 देशों में जर्मनी में सबसे कम1.4 मृत्युदर
कोरोनावायरस से सबसे ज्यादा प्रभावित दुनिया के टॉप-10 देशों मेंसबसे कम मृत्युदर जर्मनी में है। यहां हर 100 संक्रमित व्यक्ति में से औसतन 1.4 की मौत हो रही है। जर्मनी में अब तक कोरोना के 91,159 केस आए हैं।1,330 लोगों की मौत हुई है।26,400 लोग ठीक भी हो चुके हैं। जर्मनी के बाद सबसे कम मृत्युदर अमेरिका में है। यहां दुनिया में सबसे ज्यादा 2.77 लाख केस आए हैं।7,174 लोगों की मौत हो चुकी है। लेकिन यहां मृत्युदर 2.6 है। यह भारत और चीन से कम है।चीन में मृत्युदर 4और भारत में 2.75है।
कोरोनावायरस का खतरा महिलाओं से ज्यादा पुरुषों को है
कोरोनावायरस का महिलाओं से ज्यादा पुरुषों को खतरा है। ऐसा कुछ देशों में कोरोना से होने वाली मौतों के आंकड़े बता रहे हैं। इटली में कोरोना से होने वाली कुल मौतों में 71% पुरुष और 29% महिलाएं हैं। इसी तरह स्पेन में कोरोना से 65% पुरुषों और 35% महिलाओं की जान गई है। मेडिकल एक्सपर्ट्स का कहना है कि यह बीमारी पुरुषों के लिए ज्यादा घातक है। सामान्यत: माना जाता है कि महिलाओं की रोग प्रतिरोधक क्षमता पुरुषों की तुलना में ज्यादा बेहतर होती है, हालांकि अभी भी यह बहस का विषय है। जेनेटिक और हार्मोनल अंतर का भी इसमें अहम भूमिका हो सकती है। इसके साथ ही पर्यावरण कारक भी महिलाओं के इम्युन सिस्टम को मजबूत बनाते हैं। इसके सबके बावजूद महिलाओं को 80% आटोइम्युन बीमारियों के लिए जिम्मेदार माना जाता है। लेकिन कोरोना को लेकर उनकी स्थिति बेहतर है।