Tuesday, January 5, 2021
जमीन से हवा में मार करने वाली मिसाइल का सफल परीक्षण, 70 किमी के दायरे में दुश्मन को ढेर कर सकती है January 05, 2021 at 08:38PM
भारत और इजराइल को डिफेंस सेक्टर में अपनी ताकत बढ़ाने में बड़ी कामयाबी मिली है। दोनों देशों ने जमीन से हवा में मार करने वाली मिसाइल का सफल परीक्षण किया है। यह 70 किमी के दायरे में दुश्मन को मार गिराने में सक्षम है। दोनों देशों ने मीडियम रेंज सरफेस-टू-एयर मिसाइल (MRSAM) का टेस्ट पिछले हफ्ते भारत में ही किया था और वेपन सिस्टम के सभी पार्ट्स को जांचा गया था। इजराइल एयरोस्पेस इंडस्ट्रीज (IAI) ने मंगलवार को यह जानकारी दी।
दोनों देशों ने मिलकर डेवलप की
मिसाइल को डिफेंस रिसर्च एंड डेवलपमेंट ऑर्गेनाइजेशन (DRDO) और IAI ने मिलकर तैयार किया है। इसमें भारत और इजराइल की अन्य डिफेंस कंपनियां भी शामिल हैं। MRSAM को भारत की तीनों सेनाओं और इजराइल डिफेंस फोर्स (IDF) इस्तेमाल करेगी।
एरियल प्लेटफॉर्म पर ताकत बढ़ेगी
MRSAM से सेना की ताकत बढ़ेगी। इसके एयर और मिसाइल डिफेंस सिस्टम से एरियल प्लेटफॉर्म पर दुश्मनों को नाकाम करने में कामयाबी मिलेगी। डिफेंस एक्सपर्ट्स का मानना है कि इससे 50 से 70 किलोमीटर के दायरे में दुश्मनों के एयरक्राफ्ट को ढेर किया जा सकता है। सिस्टम में एडवांस रडार, कमांड एंड कंट्रोल, मोबाइल लॉन्चर और रेडियो फ्रिक्वेंसी सीकर के साथ इंटरसेप्टर भी है।
भारत-इजराइल के रिश्ते मजबूत होंगे
IAI के प्रेसिडेंट और CEO बोज लेवी ने बताया कि MRSAM एयर एंड मिसाइल डिफेंस सिस्टम एक एडवांस सिस्टम है, जिसने एक बार फिर दुश्मन या खतरों के खिलाफ अपनी क्षमता को साबित किया है। एयर डिफेंस सिस्टम का ट्रायल एक कॉम्प्लेक्स ऑपरेशन होता है। कोरोना की वजह से यह और भी मुश्किल था।
उन्होंने कहा कि मिसाइल के ट्रायल से दोनों देशों के रिश्ते और मजबूत होंगे। टेस्ट के दौरान MRSAM इंटरसेप्टर को जमीन से मोबाइल लॉन्चर के जरिए लॉन्च किया गया। इसने सफलतापूर्वक अपने टारगेट को हिट किया।
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किम ने 5 साल में पहली बार कांग्रेस की बैठक बुलाई, अगले पांच साल के विकास का खाका तैयार January 05, 2021 at 07:30PM
उत्तरी कोरिया के तानाशाह किम जोंग-उन ने अपनी नाकामी स्वीकारते हुए पांच साल में पहली बार पार्टी की कांग्रेस मीटिंग बुलाई है। इसमें किम की पॉलिसी की नाकामी के बीच अगले 5 साल के लिए विकास का खाका तैयार किया जाएगा। कोरियन सेंट्रल न्यूज एजेंसी के मुताबिक, मंगलवार को पार्टी के कार्यकर्ताओं की प्योंगयांग में मीटिंग शुरू हुई। इस दौरान हजारों प्रतिनिधि और ऑब्जर्वर भी मौजूद रहे।
न्यूज एजेंसी के मुताबिक, अपने भाषण की शुरुआत में किम ने कहा कि हमें अपनी सफलताओं और जीत को आगे बढ़ाना चाहिए, जो हमने कड़ी मेहनत के बाद हासिल की है। हमें बीते दिनों मिले कुछ कड़वे अनुभवों से सबक भी लेना होगा।
इकोनॉमी को पटरी पर लाने का प्लान बनाया
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, किम ने देश की इकोनॉमी को पटरी पर लाने के लिए अगले पांच साल की एक योजना बनाई है, जिसके जरिए कोरोना से इकोनॉमी पर पड़े असर को सुधारा जाएगा। किम ने उत्तर कोरिया के मेटल, केमिकल, इलेक्ट्रिक और अन्य प्रमुख इंडस्ट्री के मौजूदा हालात को रिव्यू भी किया और भविष्य के लिए कुछ टास्क दिए। हालांकि इन टास्क को स्पष्ट नहीं किया गया है।
कई मुद्दों पर फेल हुए किम, इसलिए बैठक अहम
इस साल की पार्टी कांग्रेस इसलिए भी अहम है क्योंकि अपने नौ साल के शासनकाल में किम कई चुनौतियों के सामने फेल नजर आए हैं। कोरोना की वजह से अर्थव्यवस्था पर ब्रेक लगने से किम को तगड़ा झटका लगा है। बॉर्डर सील होना, प्राकृतिक आपदाओं से हुए नुकसान और अमेरिका ओर से लगाए गए प्रतिबंधों की वजह से किम लगातार कमजोर साबित हो रहे हैं।
किम ने इन आपदाओं को खतरनाक बताया
मंगलवार को हुई इस बैठक में किम ने इन आपदाओं को सबसे खतरनाक बताया। इसके अलावा किम अमेरिका के प्रेसिडेंट-इलेक्ट जो बाइडेन के तहत अमेरिकी नीति पर भी नजर रखेंगे। आधिकारिक तौर पर कांग्रेस पार्टी की डिसिजन मेकिंग बॉडी है, जिसमें रोज किम और नजदीकी अफसर मिलकर कई अहम फैसले लेते हैं।
चीन बॉर्डर सील करने से इकोनॉमी लड़खड़ाई
पिछले एक साल से चीन बॉर्डर सील होने से उत्तर कोरिया भारी आर्थिक संकट से जूझ रहा है। चीन उसका सबसे बड़ा ट्रेडिंग पार्टनर है। सियोल के IBK इकोनॉमिक रिसर्च इंस्टीट्यूट के एनालिस्ट सोंग जाएगुक कु मुताबिक, पिछले साल के शुरुआती 11 महीनों में दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय ट्रेड में 79% की गिरावट दर्ज की गई थी।
पिछली बार 2016 में हुई कांग्रेस की मीटिंग
किम के शासनकाल में दूसरी बार पार्टी कांग्रेस की मीटिंग की जा रही है। इससे पहले 2016 में इसका आयोजन किया गया था, जोकि 4 दिन तक चली थी। वहीं, 1980 में 5 दिन और 1970 में यह 12 दिनों तक चली थी।
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Country is 'broke': Brazil President Jair Bolsonaro January 05, 2021 at 06:32PM
China moves to stamp out virus outbreak in city of 11 m January 05, 2021 at 05:27PM
भारत ने कहा- हम हमेशा से रासायनिक हथियारों के खिलाफ, सीरिया के संघर्ष का आतंकी संगठन उठा रहे फायदा January 05, 2021 at 06:26PM
आतंकी संगठनों तक रासायनिक हथियारों के पहुंचने पर भारत ने चिंता जाहिर की है। संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थाई प्रतिनिधि टीएस तिरुमुर्ति ने मंगलवार को कहा कि आतंकी संगठन और आतंकियों के पास रासायनिक हथियारों पहुंचने से सिर्फ भारत ही नहीं, पूरे विश्व पर संकट के बादल मंडरा रहे हैं।
सीरिया (रासायनिक हथियारों ) पर संयुक्त राष्ट्र सिक्योरिटी काउंसिल (UNSC) मीटिंग में उन्होंने कहा कि आतंकी संगठन सीरिया में सदियों से चले आ रहे चल रहे संघर्ष का फायदा उठा रहे हैं। इससे वे पूरी दुनिया के लिए खतरा बन गए हैं। ऐसे में हम उनके खिलाफ लड़ाई को किसी भी कीमत पर कमजोर नहीं कर सकते।
सीरिया संघर्ष का शांतिपूर्ण समाधान निकाला जाए
उन्होंने कहा कि भारत हमेशा सीरिया संघर्ष का व्यापक और शांतिपूर्ण हल निकालने के पक्ष में रहा है। समस्या का समाधान सीरिया के नेतृत्व में बातचीत और वहां के लोगों को ध्यान में रखकर किया जाना चाहिए।
उन्होंने कहा कि भारत कहीं भी, किसी भी समय, किसी के द्वारा और किसी भी हालात में रासायनिक हथियारों के उपयोग का मजबूती से विरोध करता है। भारत हमेशा से रासायनिक हथियार सम्मेलन का भी पक्षधर रहा है, जिसके जरिए हथियार की इस कैटेगरी के मास डिस्ट्रीब्यूशन को रोका जा सके।
भारत दो साल के लिए अस्थाई सदस्य बना
भारत ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के अस्थाई सदस्य के तौर पर एक जनवरी को अपना कार्यकाल शुरू किया है। भारत का कार्यकाल दो साल तक रहेगा। इस पर तिरुमूर्ति ने कहा कि भारत आठवीं बार सुरक्षा परिषद का सदस्य बना है। भारत के स्थाई प्रतिनिधि के तौर पर शामिल होना मेरे लिए गर्व की बात है।
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George W Bush to attend Biden inauguration: Spokesperson January 05, 2021 at 06:03PM
जर्मनी ने कड़े प्रतिबंधों के साथ लॉकडाउन बढ़ाया, अमेरिका में नई लहर की वजह से ग्रैमी अवॉर्ड्स टले January 05, 2021 at 05:36PM
कोरोना के बढ़ते मामलों के बीच जर्मनी में कड़े प्रतिबंधों के साथ लॉकडाउन बढ़ा दिया गया है। चांसलर एंजेला मर्केल ने मंगलवार को बताया कि कोरोना पर लगाम लगाने के लिए 31 जनवरी तक नेशनवाइड लॉकडाउन बढ़ाया जा रहा है। फैसला स्टेट गवर्नर्स के सुझावों के बाद लिया गया है।
वहीं, अमेरिका में कोरोना की नई लहर के बीच 31 जनवरी को लॉस एंजिलिस में होने वाले 63वें एनुअल ग्रैमी अवॉर्ड्स को टाल दिया गया है। इसका आयोजन अब 14 मार्च को किया जा सकता है। अमेरिका में रोजाना एक लाख से ज्यादा नए मामले आ रहे हैं।
जर्मनी में अब तक 18.14 लाख केस
जर्मनी में पिछले साल 2 नवंबर से लॉकडाउन लगाया गया था। इस दौरान रेस्टोरेंट, बार और सभी स्पोर्ट्स फैसिलिटी पर रोक लगा दी गई थी। कोरोना के मामलों पर कंट्रोल न होने के हालात में इसे जनवरी के पहले हफ्ते के लिए बढ़ा दिया गया था। इस दौरान गैर-जरूरी शॉप, स्कूल समेत सोशल कॉन्टैक्ट पर पाबंदियां लगा दी गई थीं।
जर्मनी में मंगलवार को 11 हजार से ज्यादा केस सामने आए और 944 लोगों की जानें भी गईं। यहां अब तक 18.14 लाख लोग कोरोना से संक्रमित हो चुके हैं। वहीं, 36 हजार से ज्यादा लोगों की इसकी वजह से मौत हो चुकी है।
कोरोना के बढ़ते मामलों की वजह से लिया फैसला
ग्रैमी के ऑर्गेनाइजर्स ने बताया कि लॉस एंजिलिस में अस्पतालों में लगातार मरीज बढ़ रहे हैं। ICU में भी जगह नहीं बची है। नई गाइडलाइन और पाबंदियों के बाद हमने ग्रैमी अवॉर्ड्स को टालने का फैसला किया है। उन्होंने बताया कि लोगों की सेहत और सुरक्षा से बढ़कर कुछ भी नहीं है। इससे पहले ऑस्कर अवॉर्ड्स सेरेमनी को 25 अप्रैल तक के लिए टाल दिया गया था। पहले यह 28 फरवरी को आयोजित होने थे।
दुनिया में 8.68 करोड़ से ज्यादा केस
दुनिया में कोरोना से अब तक 8 करोड़ 68 लाख 31 हजार 503 केस मिले हैं। 18 लाख 75 हजार 451 मौतें हो चुकी हैं। अच्छी बात ये कि 6 करोड़ 15 लाख 31 हजार 300 लोग ठीक भी हो चुके हैं।
चीन से निराश WHO
कोरोना की उत्पत्ति की जांच करने के लिए चीन जाने वाले एक्सपर्ट्स को इजाजत न देने से वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन (WHO) खुश नहीं है। WHO के मुताबिक, पिछले 24 घंटे में हमारी इंटरनेशनल साइंटिफिक टीम के मेंबर्स अपने-अपने देश से वुहान के लिए रवाना हो गए हैं। अब हमें पता चल रहा है कि चीनी अधिकारियों ने अब तक उनकी इंट्री के लिए सभी जरूरी मंजूरियों को अंतिम रूप नहीं दिया है।
WHO चीफ टेड्रोस गेब्रयेसस ने कहा कि मैं इस खबर से बहुत निराश हूं, क्योंकि टीम के दो मेंबर्स अपनी यात्रा शुरू भी कर चुके थे। मैं चीनी अधिकारियों के संपर्क में हूं और यह मिशन WHO और इंटरनेशनल टीम के लिए काफी अहम है।
41 देशों में मिला कोरोना का UK वाला वेरिएंट
WHO के मुताबिक, ब्रिटेन में मिले कोरोना के नए वेरिएंट के मामले अब तक 41 देशों में सामने आ चुके हैं। वहीं, साउथ अफ्रीका में मिला कोरोना एक और स्ट्रेन अब तक 6 अन्य देशों में अपने पैर पसार चुका है। ब्रिटेन ने 14 दिसंबर को कोरोना के नए स्ट्रेन का जानकारी दुनिया से साझा की थी।
फ्रांस में कोरोना के मामलों और मौतों में बढ़ोतरी
फ्रांस में कोरोना के नए मामलों की संख्या 24 घंटे में 20,489 तक पहुंच गई है। इस दौरान 867 लोगों की मौत भी रिकॉर्ड की गई। न्यूज एजेंसी के मुताबिक, फ्रांस में संक्रमित होने वाले लोगों की कुल संख्या 26,80,239 हो गई है। वहीं कोरोना से जुड़े मौतों के मामले 66,282 हो गए हैं।
फ्रांस ने 27 दिसंबर को वैक्सीनेशन शुरू किया था। आधिकारिक आंकड़ों के मुताबिक, 1 जनवरी तक देश में सिर्फ 516 लोगों का वैक्सीनेशन किया गया है।
अन्य देशों का हाल
- इजरायल- सरकार देश में लॉकडाउन बढ़ाने पर राजी हो गई है। इस दौरान स्कूल-कॉलेज, नर्सरी बंद रहेंगे। इनमें वर्चुअली एक्टिविटीज की ही इजाजत होगी। गैर-जरूरी अंतरराष्ट्रीय यात्रा पर भी प्रतिबंध रहेगा। लोकल मीडिया के मुताबिक, अधिकारिक ऐलान जल्द ही किया जा सकता है।
- ब्रिटेन- ब्रिटेन में पिछले 24 घंटे में रिकॉर्ड 60 हजार से ज्यादा कोरोना के मामले सामने आए। रिपोर्ट्स के मुताबिक यहां मंगलवार को 60 हजार 916 लोगों की रिपोर्ट पॉजिटिव आई है। अब तक यहां 27.74 लाख लोग संक्रमित हो चुके हैं।
- साउथ अफ्रीका- WHO के टेक्नीकल चीफ मारिया वैन केरखोव ने कहा है कि साउथ अफ्रीका में मिला कोरोना का नया वेरिएंट ज्यादा तेजी से नहीं फैलता है। इस बात के कोई पुख्ता सबूत नहीं मिले हैं कि यह UK वाले वेरिएंट की तरह तेजी से फैलता है।
कोरोना प्रभावित टॉप-10 देशों में हालात
देश |
संक्रमित | मौतें | ठीक हुए |
अमेरिका | 21,578,606 | 365,620 | 12,862,216 |
भारत | 10,375,478 | 150,151 | 9,996,501 |
ब्राजील | 7,812,007 | 197,777 | 6,963,407 |
रूस | 3,284,384 | 59,506 | 2,662,668 |
UK | 2,774,479 | 76,305 | N/A |
फ्रांस | 2,680,239 | 66,282 | 197,503 |
तुर्की | 2,270,101 | 21,879 | 2,155,338 |
इटली | 2,181,619 | 76,329 | 1,536,129 |
स्पेन | 1,982,544 | 51,430 | N/A |
जर्मनी | 1,814,565 | 36,510 | 1,424,700 |
(आंकड़े https://ift.tt/2VnYLis के मुताबिक हैं)
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बाइडेन की जीत पर संवैधानिक मुहर लगेगी, जानिए अमेरिकी संसद कैसे राष्ट्रपति चुनाव को अंजाम तक पहुंचाएगी January 05, 2021 at 04:27PM
अमेरिका में आज इलेक्टोरल कॉलेज के वोटों की गिनती होगी। इसके बाद डेमोक्रेट पार्टी के जो बाइडेन (प्रेसिडेंट इलेक्ट) की जीत पर मुहर लग जाएगी। बाइडेन 20 जनवरी को राष्ट्रपति पद की शपथ लेंगे। शपथ वाले दिन को इनॉगरेशन डे कहा जाता है।
अमेरिका में राष्ट्रपति चुनाव 3 नवंबर को हुआ था। इलेक्टोरल कॉलेज वोटिंग 14 दिसंबर को हुई थी। अब इलेक्टोरल कॉलेज वोटों की औपचारिक काउंटिंग अमेरिकी संसद के दोनों सदन संयुक्त रूप से करेंगे। दूसरे शब्दों में कहें तो सीनेट और हाउस ऑफ रिप्रेजेंटेटिव्स (HOR) की कम्बाइंड मीटिंग होगी। यहां इस प्रॉसेस को समझने की कोशिश करते हैं।
यह है व्यवस्था
सीनेट के 100 और HOR के 435 सदस्य साथ बैठेंगे। यह मीटिंग HOR बिल्डिंग में होगी। इसे आप हमारी लोकसभा की तरह मान सकते हैं। 3 नवंबर को राष्ट्रपति चुनाव के साथ ही HOR के 435 और सीनेट के एक तिहाई (33) सदस्यों का भी चुनाव हुआ था। सांसदों की शपथ राष्ट्रपति के शपथ ग्रहण से पहले हो जाती है। लिहाजा, वे संवैधानिक तौर पर देश के भावी राष्ट्रपति के नाम पर मुहर लगाते हैं।
संयुक्त बैठक की अध्यक्षता उपराष्ट्रपति (इस बार माइक पेंस) करते हैं। अल्फाबेटिकली हर राज्य के बैलट बॉक्स खोले जाते हैं। नाम लेकर बताया जाता है कि किस इलेक्टर ने किस कैंडिडेट को वोट दिया है।
मुकाबला टाई हो जाए तो?
मान लीजिए दोनों कैंडिडेट्स को 269-269 वोट मिलें, तो क्या होगा? इन हालात में उसी वक्त संसद आकस्मिक चुनाव (contingent election) करेगी। इसमें भी एक पेंच है। अगर राष्ट्रपति का मामला फंसता है तो HOR और अगर उपराष्ट्रपति तय नहीं हो पा रहा है तो सीनेट फैसला करती है।
राष्ट्रपति के मामले में हर राज्य का एक ही वोट होगा। यानी 50 राज्य और इतने ही यानी 50 वोट। जिस कैंडिडेंट को 26 या उससे ज्यादा वोट मिलेंगे वो जीत जाएगा। उपराष्ट्रपति के मामले में सीनेट के 100 सदस्य वोट करते हैं। जिसे 51 वोट मिलते हैं वो जीत जाता है। 1836 में ऐसा हो चुका है।
ट्रम्प की जिद का क्या होगा?
ट्रम्प ने न तो अब तक हार मानी है और न प्रेसिडेंट इलेक्ट को बधाई देने की परंपरा निभाई। वे इलेक्शन फ्रॉड का दावा कर रहे हैं। लेकिन, इलेक्टोरल कॉलेज वोटिंग में बाइडेन की जीत तय हो चुकी है, इसलिए इनकी काउंटिंग औपचारिकता ही नजर आती है।
इस बार कुछ अलग हो सकता है क्या?
मिसौरी के सीनेटर जोश हॉले का कहना है कि वो इलेक्टोरल कॉलेज की काउंटिंग पर आपत्ति दर्ज कराएंगे। लेकिन, अमेरिकी मीडिया रिपोर्ट्स बताती हैं कि इससे कोई फर्क नहीं पड़ने वाला। बाइडेन को 306 और ट्रम्प को 232 वोट मिल चुके हैं। लिहाजा, कांग्रेस में होने वाली काउंटिंग सिर्फ औपचारिकता है। इसकी एक वजह यह भी है कि अमेरिका में हर राज्य का अपना संविधान है और राज्य अपने इलेक्टर्स वोट्स को सर्टिफाइड करके भेजते हैं। यानी शक की गुंजाइश नहीं होती।
संसद में काउंटिंग को चैलेंज से क्या होगा
‘शिकागो ट्रिब्यून’ के मुताबिक, HOR में डेमोक्रेट्स का बहुमत है। इसके अलावा कई रिपब्लिकन सांसद ऐसे हैं, जो सार्वजनिक तौर पर कह चुके हैं कि बाइडेन ही प्रेसिडेंट इलेक्ट हैं। मिच मैक्डोनेल जैसे सीनियर रिपब्लिकन सांसद तो अपनी पार्टी के दूसरे साथियों से कह रहे हैं कि वे काउंटिंग में कोई रोड़ा न डालें।
पेंस के लिए दिक्कत क्यों?
अमेरिका में अमूमन राष्ट्रपति दो कार्यकाल पूरे करते रहे हैं। ट्रम्प को पहले कार्यकाल के बाद हार का सामना करना पड़ा। संयुक्त सत्र की अध्यक्षता वाइस प्रेसिडेंट माइक पेंस करेंगे। उन्हें डेमोक्रेट पार्टी के जो बाइडेन का नाम राष्ट्रपति और कमला हैरिस का नाम उपराष्ट्रपति के तौर पर ऐलान करना होगा। यह असहज स्थिति होगी, क्योंकि वे खुद रिपब्लिकन हैं। इसके अलावा उनका बॉस यानी ट्रम्प हार मानने से इनकार करता रहा है।
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UAE और सऊदी में कम हुई पाकिस्तान के लोगों की मांग, भारतीयों को फायदा January 05, 2021 at 02:53PM
आतंकवाद को समर्थन देना और सुधारवादी रास्तों पर चलने से इनकार करना अब पाकिस्तान को भारी पड़ रहा है। एक जमाने में पाकिस्तान की मदद के लिए हमेशा खड़े रहने वाले सऊदी अरब और संयुक्त अरब अमीरात (UAE) जैसे देश अब उससे दूरी बनाने लगे हैं।
इसका सबसे बड़ा फायदा भारत को मिला है। इन दोनों इस्लामी देशों के साथ भारत के संबंध मजबूत हुए हैं। द्विपक्षीय व्यापार भी कई गुना बढ़ा है। साथ ही वहां भारतीय नागरिकों को रोजगार के ज्यादा मौके भी मिल रहे हैं। यूएई ने नवंबर के आखिर में पाकिस्तान समेत 13 देशों के नागरिकों पर वीसा बैन लगाया था। इसमें पाकिस्तान भी शामिल है। इस बैन के कारण करीब 20 हजार पाकिस्तान यूएई में रोजगार गंवा चुके हैं। इनमें करीब 80 फीसदी जॉब भारतीयों को मिले हैं। यूएई ने कई बार कहा कि यह बैन कोरोना महामारी को ध्यान में रखते हुए बनाया गया।
लेकिन, जब यूएई ने बैन लगाया था, तब भारत में पाकिस्तान की तुलना में प्रति 10 लाख लोगों की आबादी पर कोरोना के ज्यादा मामले आ रहे थे। इसके बावजूद यूएई ने भारत के लोगों पर वीसा बैन नहीं लगाया। विशेषज्ञों के मुताबिक खाड़ी देश अब अपनी छवि बदलने की कोशिश में लगे हैं। वे दुनिया को अब सिर्फ धर्म और तेल निर्यात नहीं करना चाहते। उनका ध्यान टूरिज्म, आईटी, इन्फ्रा जैसे सेक्टर पर भी है और इसके लिए भारत और इजरायल जैसे देशों के साथ अच्छे संबंध जरूरी हैं।
खतरे में पड़ सकती है 8 हजार करोड़ रुपए की मासिक मदद
यूएई और सऊदी अरब के साथ लंबे समय तल्खी कायम रखना पाकिस्तान के लिए संभव नजर नहीं आता है। पिछले साल नवंबर में इन दोनों देशों मे रहने वाले पाकिस्तानियों ने करीब 8.3 हजार करोड़ रुपए स्वदेश भेजे। हर समय आईएमएफ और वर्ल्ड बैंक के आगे हाथ फैलाए रहने वाले पाकिस्तान के लिए यह राशि संजीवनी की तरह होती है। पूरी दुनिया से पाकिस्तानी जितनी रकम घर भेजते हैं उसका 65% खाड़ी देशों से आता है।
सऊदी ने कहा- उधार चुकाओ, तुर्की की पिछलग्गू बन रही इमरान खान की सरकार
भारत ने जब कश्मीर में अनुच्छेद 370 समाप्त किया तो पाकिस्तान को उम्मीद थी कि सऊदी अरब और यूएई इसका विरोध करेंगे। लेकिन, ऐसा हुआ नहीं। तुर्की ने जरूर पाकिस्तान को समर्थन दिया। इमरान खान सरकार तब से अंतरराष्ट्रीय स्तर पर तुर्की की पिछलग्गू बनी हुई है। इससे खाड़ी देश विशेषकर सऊदी अरब बेहद नाराज है। माना जा रहा है कि इसी वजह से तुर्की ने पाकिस्तान को जल्द से जल्द 300 करोड़ डॉलर का कर्ज वापस करने को कहा है।
बदलते समीकरण- इजरायल को मान्यता देने पर भी पाक से मतभेद
सऊदी अरब और यूएई अब इजरायल के साथ पूरानी दुश्मनी भुलाकर संबंध सामान्य बनाने की कोशिश कर रहे हैं। यूएई और इजरायल ने ऐतिहासिक अब्राहम समझौता भी कर लिया है। सऊदी और यूएई दोनों चाहते हैं कि पाकिस्तान भी अब इजरायल को मान्यता दे। लेकिन, तुर्की के प्रभाव में होने के कारण पाकिस्तान ऐसा नहीं कर रहा। हालांकि, खुद तुर्की ने इजरायल को काफी पहले से मान्यता दे रखी है और इजरायल में तुर्की का दूतावास भी है।
कोई और चारा नहीं- सऊदी में 26 और यूएई में 15 लाख पाकिस्तानी
पाकिस्तान के लिए सऊदी अरब और यूएई का महत्व पाक सरकार द्वारा जारी किए आंकड़ों से भी पता चलता है। 2019 में जितने पाकिस्तान देश के बाहर रोजगार के लिए निकले, उनमें से 87 फीसदी सऊदी अरब या यूएई पहुंचे। इस वक्त भी सऊदी अरब में करीब 26 लाख और यूएई में करीब 15 लाख पाकिस्तानी काम करते हैं। यूएई में भारतीयों की संख्या पाकिस्तानियों की तुलना में ज्यादा है। वहां, इस समय करीब 26 लाख भारतीय काम कर रहे हैं।
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सुप्रीम कोर्ट ने अफसरों से कहा- भीड़ ने जिस मंदिर को तोड़ा था, उसे दो हफ्ते में दोबारा बनवाओ January 05, 2021 at 01:35AM
पाकिस्तान के सुप्रीम कोर्ट ने खैबर पख्तूनख्वा प्रांत के करक जिले में जलाए गए मंदिर को दोबारा बनाने का आदेश दिया है। 30 दिसंबर को हिंसक भीड़ ने इस मंदिर में तोड़फोड़ कर आग लगा दी थी। इस मामले में मंगलवार को सुनवाई हुई। कोर्ट ने अधिकारियों से कहा कि वे दो हफ्ते के अंदर मंदिर का काम शुरू कराएं। साथ ही एवेक्यू ट्रस्ट प्रॉपर्टी बोर्ड (ETPB) से सभी मंदिरों का ब्योरा भी मांगा।
लोकल मीडिया के मुताबिक, पाकिस्तान के चीफ जस्टिस गुलजार अहमद ने इस मामले का खुद संज्ञान लेते हुए सवाल उठाया कि कैसे पुलिस ने भीड़ को मंदिर परिसर में घुसने दिया। चीफ जस्टिस ने कहा कि मंदिर को दोबारा बनाने का खर्च उन्हीं लोगों से वसूला जाए, जो इस घटना के जिम्मेदार हैं। इसके बाद सुनवाई दो हफ्ते के लिए टाल दी गई।
100 से ज्यादा लोगों ने हमला किया था
बीते बुधवार को मौलवियों के अगुवाई में 100 से ज्यादा लोगों की भीड़ ने यह मंदिर तोड़ दिया था। सोशल मीडिया पर वायरल हुई एक वीडियो क्लिप में दिखाई दिया था कि भीड़ ने मंदिर की दीवारों और छत को तोड़ दिया। इस घटना की देश और दुनिया में आलोचना हुई थी। बताया जाता है कि एक स्थानीय मौलवी ने भीड़ को उकसाया था। ये सभी लोग पाकिस्तान की सुन्नी देवबंदी राजनीतिक पार्टी जमीयत उलेमा-ए इस्लाम-फजल की रैली में शामिल थे। इस रैली में मंच से भड़काऊ भाषण दिए गए थे। इसके बाद भीड़ ने मंदिर पर हमला कर आग लगा दी।
जर्नलिस्ट ने शेयर किया था वीडियो
पाकिस्तान के एक जर्नलिस्ट के मुताबिक, हिंदुओं ने मंदिर का विस्तार करने के लिए प्रशासन से मंजूरी ले ली थी, लेकिन स्थानीय लोगों ने भीड़ जुटाई और मंदिर को तोड़ डाला। यह भी आरोप लगाए जा रहे हैं कि लोकल एडमिनिस्ट्रेशन और पुलिस ने इस दौरान कोई कार्रवाई नहीं की और चुपचाप खड़ी देखती रही।
पुलिस तमाशा देखती रही
लंदन बेस्ड ह्यूमन राइट्स एक्टिविस्ट ने सोशल मीडिया पर लिखा कि यह नया पाकिस्तान है। करक में आज एक हिंदु मंदिर को बर्बाद किया। इस इलाके में पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ पार्टी की हुकूमत है। पुलिस ने भी भीड़ को रोकने की कोशिश नहीं की, क्योंकि वे धार्मिक नारे लगा रहे थे। घटना की जितनी निंदा की जाए, वह कम है।
कोर्ट के आदेश पर मंदिर का जीर्णोद्धार चल रहा था
करक जिले के तेरी गांव के मंदिर का 2015 में सुप्रीम कोर्ट के फैसले के मुताबिक विस्तार किया जा रहा था। इस मंदिर को इससे पहले 1997 में एक स्थानीय मुफ्ती ने नष्ट कर दिया था और इस पर अवैध कब्जा कर लिया था।
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पुर्तगाल में फाइजर की वैक्सीन लगाने के दो दिन बाद नर्स की मौत; जांच के आदेश January 04, 2021 at 11:33PM
पुर्तगाल में एक 41 वर्षीय नर्स की फाइजर का वैक्सीन लगने के दो दिन बाद मौत हो गई। पुर्तगाल के स्वास्थ्य विभाग ने इसकी जांच के आदेश दिए हैं। जब वैक्सीन लगाई गई, तब नर्स पूरी तरह से स्वस्थ थी और उसे किसी तरह का कोई साइड इफेक्ट भी नहीं हुआ था।
दो बच्चों की मां सोनिया एजेवेडो पुर्तगाल के पोर्तो में इंस्टीट्यूटो पोर्तुगीज डी ओंकोलोजिया (IPO) में सर्जिकल असिस्टेंट के तौर पर काम कर रही थी। बीते बुधवार को 538 हेल्थ वर्कर्स को वैक्सीन लगी थी, उनमें सोनिया भी शामिल थी। उसने 31 दिसंबर को अपने परिवार के साथ डिनर किया और अगली सुबह मृत पाई गई।
मौत की वजह अब तक तय नहीं
सोनिया के पिता एबिलियो का कहना है कि मैं जानना चाहता हूं कि मेरी बेटी की मौत कैसे हुई? वह एक खुशमिजाज और स्वस्थ महिला थी। उसने न तो कभी शराब पी और न ही कभी कोई ऐसी चीज खाई जो नहीं खानी चाहिए।
वैक्सीन लगने पर खुश थी सोनिया
सोनिया इस बात को लेकर बहुत खुश थी कि उसे वैक्सीन लग रही है। उसने सोशल मीडिया पर अपनी प्रोफाइल फोटो भी बदली थी और फेस मास्क वाली सेल्फी के साथ लिखा था, 'मैं कोविड-19 वैक्सीनेट हो चुकी हूं।'
बेटी वानिया का कहना है कि सबकुछ अचानक हो गया। हम तो कुछ समझ ही नहीं सके। रात तक सब ठीक था और सुबह तक सब बदल गया। वैक्सीन लगने के बाद मैंने मां में कोई बदलाव नहीं देखा था। जहां वैक्सीन लगी थी, वहां उसे दर्द हो रहा था।
WHO से अप्रूवल पाने वाली पहली वैक्सीन है फाइजर
फाइजर की कोरोना वैक्सीन दुनिया की पहली वैक्सीन है जिसे विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने इमरजेंसी अप्रूवल दिया है। इसका मतलब यह है कि UN की एजेंसियां और अन्य ट्रांसनेशनल स्वास्थ्य संगठन इसका इस्तेमाल कर सकते हैं।
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