Monday, March 2, 2020
पुराने आईफोन स्लो करने के मुकदमों को सेटल करने के लिए एपल 3600 करोड़ रुपए चुकाएगी March 02, 2020 at 08:33PM
यूजर और टेक एनालिस्ट की नाराजगी के बाद एपल ने गलती मानी थी
जिन अमेरिकी ग्राहकों ने 21 दिसंबर 2017 से पहले आईफोन 6, 6प्लस, 6एस, 6एसप्लस, आईफोन 7, 7प्लस या एसई खरीदा था और फोन स्लो होने की दिक्कत आई थी, वे दावे कर सकते हैं। एपल के बहुत से यूजर्स और टेक एनालिस्ट ने दिसंबर 2017 में शिकायत की थी कि सॉफ्टवेयर अपडेट के बाद उनके आईफोन स्लो हो गए। उनका कहना था कि एपल ने जानबूझकर ऐसा किया ताकि लोग लेटेस्ट आईफोन खरीदने को मजबूर हों।
कम कीमत में बैटरी रिप्लेसमेंट की वजह से एपल का रेवेन्यू कम हुआ था
ग्राहकों की नाराजगी के बाद एपल ने माना था कि उसने सॉफ्टवेयर अपडेट्स के जरिए पुराने आईफोन स्लो किए थे। हालांकि, कंपनी ने सफाई दी थी कि उसने पुरानी लीथियम-आयन बैटरी में दिक्कत होने की वजह से ऐसा किया। बाद में माफी मांगते हुए 79 डॉलर में बैटरी रिप्लेसमेंट भी दिया। अगले महीने ही यानी जनवरी 2018 में बैटरी की कीमत घटाकर सिर्फ 29 डॉलर कर दी थी। एपल के सीईओ टिम कुक ने पिछले साल कहा था कि आईफोन की बैटरी बदलने के लिए कीमतों में कमी करने से 2018 में कंपनी का रेवेन्यू प्रभावित हुआ था।
भारत में आईफोन 1,300 रुपए तक महंगे हुए
सरकार ने बजट में इंपोर्टेड मोबाइल फोन-चार्जर पर कस्टम ड्यूटी और सोशल वेलफेयर सरचार्ज बढ़ाने का ऐलान किया था। एपल समेत अन्य कंपनियां इसका बोझ ग्राहकों पर डाल रही हैं। एपल ने भारत में सोमवार से आईफोन 11प्रो, आईफोन 11प्रो मैक्स और आईफोन 8 की कीमतें बढ़ा दी हैं। आईफोन 11प्रो सीरीज की कीमतों में करीब 1,300 रुपए का इजाफा हुआ है। आईफोन 11प्रोमैक्स 64जीबी अब 1,11,200 रुपए में मिलेगा। 256जीबी मॉडल की कीमत 1,25,200 रुपए जबकि 512जीबी की 1,43,200 रुपए हो गई है। इससे पहले आईफोन 11प्रोमैक्स की शुरुआती कीमत 1,09,900 रुपए थी। आईफोन 8 की कीमतें 700 रुपए तक बढ़ाई गई हैं।
आईफोन एक्सआर, आईफोन 7 के रेट में बदलाव नहीं
कंपनी इन मॉडल्स का प्रोडक्शन भारत में ही कर रही है। इसलिए, इनकी कीमतों में बढ़ोतरी नहीं की गई। आईफोन 11, आईपैड, एपल वॉच और मैक डेस्कटॉप के रेट में भी कोई बदलाव नहीं किया है।
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South Korea declares 'war' on coronavirus as cases approach 5,000 March 02, 2020 at 08:15PM
एक साल में तीसरी बार हुए आम चुनाव, एग्जिट पोल का दावा- बेंजामिन नेतन्याहू फिर बनेंगे प्रधानमंत्री March 02, 2020 at 05:16PM
तेल अवीव. इजरायल में एक साल के अंदर तीसरी बार सोमवार 2 मार्च को आम चुनाव हुए। चुनाव के बाद इजरायल के ज्यादातर टीवी एग्जिट पोल का दावा है कि प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू इस बार भी चुनाव जीत जाएंगे। हालांकि एग्जिट पोल के मुताबिक नेतन्याहू और उनके निकटतम प्रतिद्वंदी पूर्व सेना प्रमुख बेनी गांत्ज के बीच जीत का अंतर काफी कम रहेगा। चुनाव से ठीक पहले नेतन्याहू ने इजरायल रेडियो को दिए इंटरव्यू में कहा है कि 'इस बार अगर मैं चुनाव जीता तो वेस्ट बैंक और जॉर्डन वैली के हिस्सों को भी इजरायल में शामिल कराना लक्ष्य होगा। कहा, 'यह कुछ सप्ताह के भीतर होगा। इसमें ज्यादा से ज्यादा दो से तीन महीने का समय लग सकता है। मैं यही उम्मीद रखता हूं।'
नेतन्याहू को करीब 37, गांत्ज को 32-34 सीटें मिलने का दावा
एग्जिट पोल के मुताबिक बेंजामिन नेतन्याहू इस चुनाव में करीब 37 सीटें जीत रहे हैं जबकि गांत्ज को 32 से 34 सीटें मिल सकते हैं। नेतन्याहू की सहयोगी पार्टियों की सीटें मिलाकर यह आंकड़ा 59- 60 के पास पहुंच जाता है। हालांकि सरकार बनाने के लिए एक से दो सीटों की जरूरत पड़ सकती है। इजरायल में कुल 120 सीटों वाली संसद है। गांत्ज ने इस एग्जिट पोल को खोखला बताया है। उन्होंने अपने समर्थकों को संबोधित करते हुए कहा है कि नेतन्याहू इस चुनाव में नहीं जीता सकते हैं। बोले- एग्जिट पोल को भी आधार मान लें तभी भी नेतन्याहू सरकार बनाते हुए नहीं दिख रहे हैं।
पहले के दो चुनाव में किसी को नहीं मिले थे स्पष्ट बहुमत
पिछले साल अप्रैल और सितंबर में हुए चुनाव में किसी भी प्रत्याशी को स्पष्ट बहुमत नहीं मिले थे। इसके चलते सरकार का गठन नहीं हो पाया था। अब उम्मीद जताई जा रही है कि इस बार स्पष्ट बहुमत से किसी की सरकार बन जाएगी।
फिलीस्तीन और इजरायल के बीच है वेस्ट बैंक की लड़ाई
फिलीस्तीन वेस्ट बैंक, पूर्वी येरुशलम और गाजा पट्टी को साथ मिलाकर एक देश बनाना चाहता है, लेकिन इजरायल वेस्ट बैंक, पूर्वी येरुशलम पर अपना दावा करता है। इजरायल अब चार लाख यहूदियों की बस्ती का विस्तार कर उसे अपने अधिकार में लेना चाहता है। वेस्ट बैंक की बात करें, तो इजरायल की ओर से यहां पर लाखों यहूदियों को बसाया जा चुका है, लेकिन इस हिस्से में करीब 25 लाख फिलीस्तीनी लोग रहते हैं।
ट्रम्प कि रणनीति का हिस्सा है पश्चिमी एशिया में शांति
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की पश्चिम एशिया शांति योजना में इजरायल और फिलीस्तीन के बीच चल रहा विवादभी शामिल है। यह योजना जनवरी में सामने आई थी। इसके तहत इजराइल को जॉर्डन वैली और वेस्ट बैंक क्षेत्र को अपने कब्जे में लेने की मंजूरी मिल गई थी। एक ऐसी कमेटी भी तैयार करने का प्रस्ताव दिया गया था जो यह देखेगी कि कितनी सीमा अपने कब्जे में लेनी है। हालांकि ट्रम्प के इस योजना की काफी आलोचना भी हुई थी।
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ईरान ने दिल्ली में हुई हिंसा की निंदा की, भारत सरकार सभी नागरिकों की सुरक्षा सुनिश्चित करे March 02, 2020 at 05:54PM
तेहरान. ईरान के विदेश मंत्री जवाद जरीफ नेदिल्ली में हुई हिंसा की निंदा की। उन्होंनेभारतीय अधिकारियों से लोगों की सुरक्षा सुनिश्चित करने और ‘संवेदनहीन’ हिंसा का शिकार न होने देने की अपील की है। भारत के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार ने गुरुवार को कहा था कि एजेंसियां हिंसा को रोकने और सामान्य स्थिति बनाने और फिर से भरोसा कायम करने के लिए जमीनी स्तर पर काम कर रही हैं।रवीश ने अंतरराष्ट्रीय निकायों से इस संवेदनशील समय पर गैर जिम्मेदाराना बयान नहीं देने का आग्रह किया है।
जरीफ ने ट्वीट किया- ईरान भारतीय मुसलमानों के खिलाफ संगठित हिंसा की निंदा करता है। सदियों से ईरान भारत का दोस्त रहा है। हम भारतीय अधिकारियों से आग्रह करते हैं कि वे सभी लोगों की सुरक्षा सुनिश्चित करें और उनके साथ कोई अन्याय न होने दें। शांतिपूर्ण संवाद और कानून में ही आगे का रास्ता निहित है।
इमरान खानने भी दिल्ली हिंसा की निंदा की थी
इससे पहले पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने भी दिल्ली हिंसा को लेकर भारत सरकार पर निशाना साधा था। उन्होंने ट्वीट किया था- भारत में 20 करोड़ मुसलमानों को निशाना बनाया जा रहा है। उन्होंने दिल्ली हिंसा की तुलना जर्मनी में यहूदियोें पर हुए हमले से की। इमरान ने कहा था कि नाजियों से प्रेरित आरएसएस ने परमाणु हथियार वाले देशपर कब्जा कर लिया है।
दिल्ली हिंसा में आईबी और पुलिस के हेड कॉन्स्टेबल की मौत हुई थी
दिल्ली में नागरिकतासंशोधित कानून (सीएए) को लेकर हुई हिंसा में47 लोग मारे गए। भीड़ ने घरों, दुकानों, वाहनों, पेट्रोल पंप में आग लगा दी। साथ ही पुलिसकर्मियों पर पथराव किया। हिंसा में दिल्ली पुलिस और आईबी के हेड कॉन्स्टेबल की मौत हो गई थी।
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कर्नाटक में 284 व्यक्तियों की घरों में निगरानी; अमेरिका में अब तक 6 लोगों की मौत March 02, 2020 at 04:44PM
लॉस एंजेलिस/नई दिल्ली/बीजिंग. कर्नाटक में कोरोनावायरस के संक्रमण के संदेह में 284 व्यक्तियों की घरों में निगरानी की जा रही है। स्वास्थ्य विभाग के एक अधिकारी ने कहा कि कर्नाटक से अब तक संक्रमण की कोई रिपोर्ट नहीं आई है। केरल में संक्रमण के तीन मामले सामने आने के बाद उसकी सीमा से लगे कर्नाटक के पांच जिले- दक्षिण कन्नड़, कोडागु, उडुपी, चामराजनगर और मैसूरु निगरानी की जा रही है। 20 जनवरी से सोमवार तक 39,391 यात्रियों की केंपेगौड़ा अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे (केआईए) पर थर्मल स्क्रीनिंग की जा चुकी है।उधर, अमेरिका में कोरोनावायरस से अब तक छह लोगों की मौत हो चुकी है। सभी मामले वॉशिंगटन राज्यके हैं।
दिल्ली और तेलंगाना में सोमवार को कोरोनावायरस से संक्रमण के 1-1 मामलेकी पुष्टि हुई। इसके बाद स्वास्थ्य मंत्री डॉ. हर्षवर्धन ने नागरिकों कोचीन, ईरान, कोरिया, सिंगापुर और इटली की यात्रा से बचने की सलाह दी। उन्होंने कहा कि महामारी के प्रभाव को देखते हुए अन्य देशों में भी यात्रा प्रतिबंध लगाए जा सकते हैं। भारत में अब तक 5 मामलों की पुष्टि हो चुकी है। केरल में तीन संक्रमण के मामले आए थे। तीनों को इलाज के बाद अस्पताल से छुट्टी दे दी गई थी।
गर्मियों तक टीका उपलब्ध होगा: माइक पेंस
अमेरिकी उपराष्ट्रपति माइक पेंस ने सोमवार को कहा कि कहा कि गर्मियों तक इस महामारी का टीका उपलब्ध हो जाएगा। सरकार इटली और दक्षिण कोरिया से उड़ान भरने वाले सभी यात्रियों की स्क्रीनिंग करेगी।अमेरिकी अधिकारियों ने कहा कि पांच अमेरिकी लोगों की मौत किंग काउंटी से हुई है। यह वॉशिंगटनका सबसे ज्यादा जनसंख्या वाला शहर है। यहां की आबादी सात लाख से भी ज्यादा है। वहीं, एक मामला स्नोहोमिश काउंटी का था। किंग काउंटी के स्वास्थ्य अधिकारी ने कहा कि संक्रमण का जोखिम बढ़ता ही जा रहा है। देश में अब तक 106 संक्रमण के मामले सामने आ चुके हैं।
हुबेई में 2834 लोगों की मौत
उधर,चीन के स्वास्थ्य अधिकारियोंके मुताबिक, देश में अब तक 2912 लोगों की मौत हो चुकी है और 80,051 मामले सामने आ चुके हैं।दुनियाभर में मौत का आंकड़ा तीन हजार से ज्यादा हो गया है। वहीं, 90 हजार से ज्यादा संक्रमण के मामले सामने आ चुके हैं। चीन के सबसे ज्यादा प्रभावित हुबेई प्रांत में 2834 लोगों की मौत हुई है।
चीन में कोरोना वायरस से मरने वालों की संख्या 2943 हुई
चीन के हेल्थ कमीशन ने बताया कि कोरोनावायरस से एक दिन में 31 लोगों की मौत हुई है। देश में अब मौत का आंकड़ा 2,943 हो गया है। जबकि संक्रमितों की संख्या बढ़कर 80,151 हो गई है। चीन के सबसे ज्यादा प्रभावित हुबेई प्रांत में 2834 लोगों की मौत हुई है। 31 प्रांतों के ताजा आकड़ों के अनुसार, 47204 लोगों को ठीक होने के बाद अस्पताल से छुट्टी दे दी गई है।दुनियाभर में मरने वालों की संख्या तीन हजार से ज्यादा हो गया है। 90 हजार से ज्यादा संक्रमण के मामले सामने आ चुके हैं।
- चीन के बाद सबसे ज्यादा मौत ईरान में हुई है। यहां अब तक 66 लोग मारे जा चुके हैं जबकि 1501 मामलों की पुष्टि हुई है।
- इटली में 52 लोगों की मौत हुई है। वहीं, 2036 संक्रमण के मामले सामने आए हैं। रविवार से अब तक 18 लोगों की मौत हुई।
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उम्मीदवारी के लिए डेमोक्रेट में ट्रम्प को कौन देगा टक्कर, सुपर ट्यूजडे को साफ होगी तस्वीर; आज 14 राज्यों में प्राइमरी चुनाव March 02, 2020 at 03:39PM
वाॅशिंगटन (जेनिफर मेडिना).अमेरिका में नवंबर में राष्ट्रपति चुनाव होंगे। डेमोक्रेटिक पार्टी में उम्मीदवारी के लिए राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प को कौन टक्कर देगा, इसकी तस्वीर मंगलवार को साफ हो जाएगी। डेमोक्रेटिक पार्टी का प्रत्याशी तय करने के लिए 50 राज्यों में से चार में पहले ही प्राइमरी वोटिंग हो चुकी है। मंगलवार को 14 राज्यों में प्राइमरी वोटिंग होगी। अमेरिका में शुरू से ही राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार के चुनाव के लिए सुपर ट्यूजडे पर वोटिंग होती रही है।
दो चुनाव के आधार पर होता है उम्मीदवार का चयन
डेमोक्रेटिक पार्टी में राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार का चयन दो चुनावों से होता है। पहला- प्राइमरी चुनाव। दूसरा-कॉकस चुनाव। प्राइमरी चुनाव के बारे में अमेरिकी संविधान में लिखित निर्देश नहीं हैं। ये प्रक्रिया पार्टी और राज्य पर निर्भर करती है। इसे पार्टियां नहीं, बल्कि राज्य सरकारें आयोजित करती हैं। राज्य के कानूनों के आधार पर तय किया जाता है कि प्राइमरी के चुनाव बंद होंगे या खुले। बंद चुनाव में पार्टी के सदस्य ही मतदान कर सकते हैं। खुले चुनाव में वे लोग भी मतदान कर सकते हैं जो पार्टी से जुड़े नहीं हैं।
कुछ राज्य कॉकस चुनाव करते हैं
वे ऐसे प्रतिनिधि चुनकर भेजते हैं, जो कि कन्वेंशन में उम्मीदवार को नॉमिनेट करें। अगर उम्मीदवार प्राइमरी चुनाव जीत जाता है तो प्रतिनिधि दूसरे चरण कन्वेंशन में उम्मीदवारों के लिए मतदान करते हैं। इसी से पार्टी का उम्मीदवार तय किया जाता है। आयोवा जैसे कुछ राज्य प्राइमरी के बजाय कॉकस चुनाव कराते हैं। ये चुनाव पार्टियां आयोजित करती हैं। ये भी पार्टियां ही तय करती हैं कि मतदान कौन करेगा। डेमोक्रेटिक पार्टी के कॉकस चुनाव में मतपत्र से वोट नहीं होते। वोटर हाथ उठाकर उम्मीदवार चुनते हैं।
डेमोक्रेटिक पार्टी: ट्रम्प के अलावा 6 नेता भी दौड़ में, 23 पहले ही बाहर
डेमोक्रेटिक पार्टी से उम्मीदवारी में ट्रम्प के अलावा 6 नेता पूर्व उपराष्ट्रपति जो बाइडन, पूर्व मेयर माइकल ब्लूमबर्ग, सांसद तुलसी गेबार्ड, अमी क्लोबूचर, बर्नी सैंडर्स और एलिजाबेथ वारेन भी दौड़ में हैं। इन छह नेताओं में आगे की दौड़ में बाइडन, सैंडर्स और वारेन के बने रहने की संभावना है। शुरुआत में 30 नेताओं ने उम्मीदवारी की दावेदारी की थी। इनमें से 23 खुद दौड़ से बाहर हो गए।
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