Saturday, February 15, 2020
चीन में 1650 से ज्यादा मौतें; हुबेई में लगातार तीसरे दिन संक्रमण में गिरावट, एक दिन में 1843 नए मामलों की पुष्टि February 15, 2020 at 07:15PM
नई दिल्ली/बीजिंग. चीन में कोरोनावायरस से मरने वालों की संख्या 1667 हो गई है। वायरस से सबसे ज्यादा प्रभावित हुबेई प्रांत में शनिवार को 139 मौतें दर्ज की गई। चीन के राष्ट्रीय स्वास्थ्य विभाग नेरविवार कोबताया कि हुबेई में एक दिन में 1843 नए मामले सामने आए हैं। हुबेई प्रांत में कोरोनावायरस के नए मामलों में लगातार तीसरेदिन कमी दर्ज की गई है।
राष्ट्रीय स्वास्थ्य विभाग नेबताया कि हुबेई प्रांत के बाहर वाले इलाकों में शनिवार तक कोरोनावायरस के 166 मामले दर्ज किए गए। 31 प्रांतीय स्तर के क्षेत्रों में वायरस के 2009 नए मामलों की पुष्टि की गई है, जिसमें 1843 मामले हुबेई प्रांत के हैं।
- जापान के तट पर एक क्वारैंटाइन (अलग-थलग) शिप पर कोरोनवायरस के 355 मामले सामने आ चुके हैं। 160 में से 3 भारतीय वागरिक संक्रमित हो गए हैं। शिप पर 3711 लोग सवार हैं।
- जापान स्थित भारतीय दूतावास ने बताया-कोराेनावायरससे संक्रमित डायमंड प्रिंसेज क्रूज के चालक दल के 3 भारतीय सदस्यों पर इलाज का असर हो रहा है। भारतीयों को जल्द से जल्द से निकालने के लिए दूतावास जापान सरकार और क्रूज कंपनी के संपर्क में है।
कोरोनावायरस का पहला मामला दिसंबर में सामने आया
कोरोनावायरस का मामला सबसे पहले पिछले साल दिसंबर में हुबेई प्रांत में सामने आया था। अब तक यहां सबसे ज्यादा 1596 लोगों की मौत हो चुकी है। विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के प्रमुख टेड्रोस एडहोनम ग्रेबिसिएस ने कहा कि हमने चीन से इस बारे में जानकारी मांगी है कि महामारी का निदान कैसे किया जा रहा है। डब्ल्यूएचओ ने कोरोनावायरस का आधिकारिक नाम कोविड-19 रखा है।
वायरस के कारण चीन से बाहर 3 मौतें दर्ज
कोरोनावायरस की चपेट में आकर एशिया के बाहर पहली मौत फ्रांस में हुई है। एक चीनी पर्यटक की शुक्रवार को मौत हो गई। बीबीसी की रिपोर्ट के अनुसार, फ्रांस के स्वास्थ्य मंत्री एग्नेस बुजिन ने शनिवार को कहा-पीड़ित एक 80 साल का पर्यटक था, जो चीन के हुबेई प्रांत से आया था। इससे पहले वायरस के कारण चीन से बाहर केवल तीन मौतें दर्ज की गई हैं, जो कि हॉन्गकॉन्ग, जापान और फिलीपींस में हुई थीं। फ्रांस में अब तक कोरोनावायरस के कुल 11 मामलों की पुष्टि हो चुकी है।
Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today
Coronavirus cases on Japan ship rise to 355 February 15, 2020 at 07:09PM
बगदाद में अमेरिकी दूतावास के पास रॉकेट गिराए गए, अक्टूबर के बाद 19वां हमला February 15, 2020 at 04:44PM
बगदाद. इराक की राजधानी बगदाद में रविवार तड़के अमेरिकी दूतावास के पास कई रॉकेट से हमला किया गया। अमेरिकी सैन्य सूत्रों ने कहा कि हमले के बाद दूतावास परिसर सुरक्षा अलार्म बजने लगा। यह स्पष्ट नहीं हो सका कि कितने रॉकेट गिराए गए। हमले में कोई हताहत नहीं हुआ है। इराक की कट्टरपंथी गुटहशद अल शाबी के ईरान समर्थित गुट हरकत अल-नुजाबा ने शनिवार को कहा था कि अमेरिकी सैनिकों को अपने देश से बाहर करने के लिए अब उल्टी गिनती शुरू हो चुकी है। इसके कुछ घंटों के बाद ही अमेरिकी दूतावास पर हमला हुआ।
न्यूज एजेंसी एएफपी के संवाददाताओं के मुताबिक, उन्होंनेकई धमाकेसुने। हमले के समय ग्रीन जोन के पास एयरक्राफ्ट चक्कर लगा रहे थे। ग्रीन जोन बगदाद का उच्च सुरक्षा वाला इलाका है, जहां कई देशों के दूतावास स्थित हैं।
अमेरिका ने हमले के लिए हश्द अल-शाबी को जिम्मेदार ठहराया
अक्टूबर के बाद से यह 19वां हमला था, जिसमें या तो दूतावास को या इराक में तैनात 5200 अमेरिकी सैनिकों को निशाना बनाया गया। हमलों का कभी किसी ने दावा नहीं किया। लेकिन अमेरिका ने ईरान समर्थित गुटों में हश्द अल-शाबी के नेटवर्क पर उंगली उठाई है। यह आधिकारिक तौर पर इराक के राज्य सुरक्षा बलों में शामिल है।
जनरल सुलेमानी की मौत के बाद से ही पश्चिमी देशों में तनाव
दिसंबर के अंत में उत्तरी इराकबेस पर रॉकेट हमले में एक अमेरिकी ठेकेदार मारा गया था।अमेरिका ने पश्चिमी इराक में कट्टरपंथी गुट हशद अल शाबी के खिलाफ जवाबी हमला किया था। इसके कुछ दिनों के बाद बगदाद में अमेरिकी ड्रोन हमले में ईरान के जनरल कासिम सुलेमानी और हशद अल शाबी के डिप्टी कमांडर अबु महदी अल-मुहांदिस की मौत हो गई थी। इसके बाद इराक ने तत्काल अमेरिकी सैनिकों को अपने देश से जाने के लिए कहा था। सुलेमानी की मौत के बाद ही पश्चिमी देशों में तनाव है।
Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today
Over 6,000 bodies found in Burundi's mass graves February 15, 2020 at 04:36AM
देश की सीमाओं से छेड़छाड़ कर रहा गूगल मैप्स, विदेशी यूजर्स को कश्मीर की सीमाएं विवादित दिखा रहा February 15, 2020 at 03:16AM
नई दिल्ली/वॉशिंगटन. गूगल मैप्स अलग-अलग देशों में यूजर्स के मुताबिक, उसकी सीमाएं बदल कर दिखा रहा है। अमेरिकी अखबार वॉशिंगटन पोस्ट की एक रिपोर्ट में इसका खुलासा हुआ है। इसके मुताबिक, जहां भारतीय नागरिकों के लिए जम्मू-कश्मीर को भारत के हिस्से के तौर पर दिखाया जाता है। वहीं, विदेशी नागरिकों के लिए कश्मीर की सीमाओं को विवादित बताया जाता है।
पोस्ट के मुताबिक, गूगल ऑनलाइन मैप में कश्मीर को भारत में दिखाया जाता है, जबकि अन्य जगहों पर कश्मीर को भारत से डॉटेड लाइन के जरिए अलग दिखाया जाता है। जैसे पाकिस्तान में स्थित यूजर को कश्मीर की पूरी सीमा ही डॉटेड लाइन में दिखाई जाती है।
गूगल ने कहा- स्थानीय डेटा के आधार पर अपडेट होते हैं मैप
वॉशिंगटन पोस्ट की इस रिपोर्ट पर गूगल ने सफाई जारी की है। कंपनी के प्रवक्ता ने कहा कि गूगल अपनी वैश्विक नीतियों में तर्कसंगत है। वह हर देश को उसकी नीतियों के आधार पर ही सीमाएं दिखाता है, जबकि बाकी दुनिया के लिए सीमाएं वैश्विक पॉलिसी पर आधारित होती हैं। यानी गूगल किसी के भी पक्ष या विपक्ष में नहीं खड़ा होता। हमारी सेवाएं स्थानीय डोमेन के आधार पर स्थानीय रूप में ही बनाई जाती हैं। गूगल के मुताबिक, हम सीमाओं की जानकारी स्थानीय पुष्ट डेटा के आधार पर अपडेट करते हैं। ज्यादातर मामलों में यह डेटा आधिकारिक सूत्रों या भू-राजनीतिक बदलावों के आधार पर लिया जाता है। 2014 में तेलंगाना के आंध्र प्रदेश से अलग होने के बाद भी गूगल ने आधिकारिक सूत्रों से ही मैप का डेटा अपडेट किया था।
Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प 25 फरवरी को दिल्ली में देश के प्रमुख उद्योगपतियों से मिलेंगे February 14, 2020 at 10:13PM
नई दिल्ली. भारत दौरे पर आ रहे अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प 25 फरवरी को देश के प्रमुख उद्योगपतियों से मुलाकात करेंगे। न्यूज एजेंसी पीटीआई ने सूत्रों के हवाले से यह जानकारी दी है। इसके मुताबिक ट्रम्प की प्रमुख कंपनियों के सीईओ से मीटिंग के इंतजाम दिल्ली में किए जा रहे हैं। बैठक में मुकेश अंबानी, सुनील भारती मित्तल, एन चंद्रशेखरन, आनंद महिंद्रा, ए एम नाइक और किरण मजूमदार शॉ शामिल हो सकती हैं। सरकार के वरिष्ठ अफसर और अमेरिकी कंपनियों के अधिकारी भी मीटिंग में हिस्सा लेंगे। दोनों देशों के बीच व्यापार और कारोबारी संबंधों को बढ़ावा देने पर चर्चा के लिए यह बैठक रखी गई है। अमेरिकी दूतावास इसके इंतजाम देख रहा है।
मीटिंग में शामिल होने वालों के नाम पर विचार जारी
पीटीआई की रिपोर्ट के मुताबिक अमेरिकी दूतावास ने बैठक में शामिल होने वाले लोगों की लिस्ट ट्रम्प के ऑफिस की मंजूरी के लिए भेज दी है। कन्फेडरेशन ऑफ इंडियन इंडस्ट्री और अमेरिका-भारत की कारोबारी संस्थाओं ने ट्रम्प की मीटिंग के लिए भारतीय कारोबारियों के नाम सुझाए थे। इन पर विचार किया जा रहा है।
माइक्रोसॉफ्ट के सीईओ सत्या नडेला भी इसी महीने भारत आ रहे
ट्रम्प 24-25 फरवरी को भारत दौरे पर रहेंगे। वे अहमदाबाद में ‘केम छो ट्रम्प’ कार्यक्रम में शामिल होंगे। इस दौरान सरदार पटेल स्टेडियम का उद्घाटन करेंगे। 25 फरवरी को दिल्ली में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात का कार्यक्रम है। उधर, अमेरिका की प्रमुख टेक कंपनी माइक्रोसॉफ्ट के सीईओ सत्या नडेला भी इसी महीने भारत आ रहे हैं। हालांकि, कंपनी ने उनके दौरे की तारीखों की आधिकारिक जानकारी नहीं दी है। लेकिन, न्यूज एजेंसी की रिपोर्ट के मुताबिक नडेला 24 से 26 फरवरी तक भारत दौरे पर रहेंगे।
Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today
इमरान बोले- मुझे फौज से खतरा नहीं- वो मेरे साथ, मैं दुनिया में सबसे कम सैलरी पाने वाला प्रधानमंत्री हूं February 14, 2020 at 08:59PM
इस्लामाबाद. पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने कहा है कि वो ईमानदार हैं, इसलिए फौज से उन्हें कोई खतरा नहीं है। शुक्रवार को मीडिया से बातचीत में इमरान ने कुछ अहम सवालों के जवाब दिए। हालांकि, मुल्क में आटे-शक्कर की भयंकर किल्लत और बेतहाशा महंगाई पर कोई संतोषजनक उत्तर नहीं दे सके। खान ने कहा कि वो दिन रात पूरी मेहनत और ईमानदारी से काम करते हैं। इसके अलावा वो दुनिया के सबसे कम वेतन पाने वाले प्रधानमंत्री हैं।
आर्मी का खौफ नहीं
एक सवाल पर खान ने कहा, “मैं ईमानदार हूं। इसलिए फौज से मुझे कोई खतरा नहीं। वो तो मेरे साथ है। सरकार और फौज के बीच कोई तनाव भी नहीं हैं। मैं मुल्क की बेहतरी के लिए दिन-रात काम करता हूं। इसके नतीजे भी दिखने लगे हैं। फौज का डर तो नवाज शरीफ और जरदारी जैसे भ्रष्ट नेताओं को होना चाहिए। देश की खुफिया एजेंसीज जानती हैं कि नवाज और जरदारी ने भ्रष्टाचार से कैसे और कितना पैसा कमाया। वो ये भी जानती है कि मैंने किसी तरह का करप्शन नहीं किया। मौलाना फजल-उर-रहमान सरकार को ब्लैकमेल करने की कोशिश कर रहे हैं। उनके खिलाफ देशद्रोह का केस चलाया जाएगा।”
मेरी सैलरी सबसे कम
अपनी ईमानदारी और सादगी का बयान करते हुए इमरान ने कहा, “मैंने कोई कैम्प ऑफिस नहीं खोला। रोजी-रोटी के लिए मैं सिर्फ सैलरी पर निर्भर हूं। अपने तमाम बिलों का भुगतान जेब से करता हूं। हो सकता है लोग भरोसा न करें लेकिन मैं दुनिया में सबसे कम तनख्वाह पाने वाला प्रधानमंत्री हूं।” पाकिस्तान में इन दिनों गेहूं का आटा और शक्कर की भयंकर किल्लत है। इनकी कीमत भी आसमान छू रही है। कई शहरों में सरकार के खिलाफ प्रदर्शन हो रहे हैं। इस बारे में पूछे गए सवाल पर इमरान ज्यादा सफाई नहीं दे सके। उन्होंने सिर्फ इतना कहा कि सरकार मामले की जांच कर रही है।
मंत्री बोले- महंगाई के लिए भारत जिम्मेदार
दूसरी तरफ, पाकिस्तान के रेल मंत्री शेख राशिद ने बेतहाशा महंगाई के लिए भारत को जिम्मेदार ठहराया है। एक इंटरव्यू में राशिद ने कहा- कश्मीर मुद्दे के कारण भारत से सब्जियां, टमाटर और प्याज आना बंद हो गए, इसकी वजह से पाकिस्तानी लोगों को ज्यादा महंगाई का सामना करना पड़ रहा है। हम इससे निपटने के लिए हर हफ्ते कैबिनेट मीटिंग कर रहे हैं लेकिन मीडिया इसका मजाक बना रहा है।
Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today