Sunday, March 15, 2020
US moves nearer to shutdown amid coronavirus fears March 15, 2020 at 05:51PM
Distance and silence: Biden, Sanders clash without audience March 15, 2020 at 05:30PM
Distance and silence: Biden, Sanders clash without audience March 15, 2020 at 05:29PM
इटली का लोम्बार्डी दुनिया का नया वुहान बना, यहां अब तक 1200 से ज्यादा मौतें, एम्बुलेंस कम पड़ गईं, आईसीयू में मरीजों के लिए जगह नहीं March 15, 2020 at 05:22PM
मिलान (इटली). चीन के वुहान से शुरू हुए कोरोनावायरस ने पूरी दुनिया को अपनी चपेट में ले लिया है। एक समय था जब वुहान में सबसे ज्यादा मौतें हुआ करती थीं। हर रोज 150 से 200 लोग दम तोड़ते थे। अकेले वुहान में अब तक 2600 से ज्यादा संक्रमितों की मौत हुई है। वहीं, अब जब यहां हालात काबू में है तो इटली का लोम्बार्डी शहर दुनिया का नया वुहान बनता जा रहा है। अकेले लोम्बार्डी में अब तक 1218 मौतें हो चुकी हैं। इटली में रविवार को रिकॉर्ड 368 लोगों की मौत दर्ज की गई है। इनमें 289 लोम्बार्डी से ही थे। हालात यह हैं कि अब मरीजों को अस्पताल पहुंचाने के लिए एम्बुलेंसकम पड़ गई हैं। आईसीयू में मरीजों के लिए जगह तक नहीं बची। डॉक्टर खुद संक्रमित होने लगे हैं। इससे अस्पतालों में डॉक्टर्स की भी कमी हो गई है।
लोम्बार्डी के रीजनल गर्वनर एटिलियो फोंटाना के मुताबिक, इटली कीआर्थिक राजधानी कहे जाने वाले इस क्षेत्रकी हालत बेकाबू होती जा रही है। अब हम लोगों को रेस्क्यू करने में समर्थ नहीं हैं। हमारे पास पर्याप्त संसाधन नहीं बचे हैं। अस्पतालोंमें बेड नहीं बचे हैं, जहां मरीजों को भर्ती किया जा सके। हम दूसरे देशों से सहायता की उम्मीद में हैं। जैसे ही सहायता मिल जाएगी हम फिर इससे लड़ने के लिए तैयार हो जाएंगे। एक करोड़ की जनसंख्या वाले इस प्रांत में संक्रमितों की संख्या 13 हजार 272 है। इनमें 767 मरीजों की हालत गंभीर है।
चीन के बाहर होने वाली मौतों में सबसे ज्यादा इटली के
चीन के बाद अब सबसे ज्यादा मौतें इटली में हो रही हैं। यहां मौतों का आंकड़ा 1809 पहुंच गया है। इटली सिविल प्रोटेक्शन सर्विस ने कुल 24 हजार 747 लोगों में संक्रमण की पुष्टि की है। इटली के स्वास्थ्य विशेषज्ञों के मुताबिक, यह आंकड़ा आने वाले दिनों में और तेजी से बढ़ेगा। यहां 2 हजार 335 लोगों को ठीक किया जा चुका है। 1 लाख 25 हजार लोगों में संक्रमण की जांच हो चुकी है। लॉकडाउन के चलते 6 करोड़ से ज्यादा लोग घरों में कैद हैं।
हर प्रांत से मौतें हो रही हैं
इटली में अब तक हुई मौतों में 67 प्रतिशत लोम्बार्डी और मिलान से थे। जबकि दक्षिणपूर्वपुगलिया क्षेत्र में रविवार को 16 मौतें दर्ज की गईं। अब इटली के मोलिस और बेसिलिकाटा प्रांत को छोड़कर लगभग हर प्रांत में हर रोज एक से दो मौतें हो रही हैं। इटली की राजधानी में अब तक 13 मौतें हुई हैं जबकि 436 लोगों में संक्रमण की पुष्टि हुई है।
चीन से मांगी मदद, सर्जिकल मास्क भी खत्म हुए
मिलान के मेयर बीपे साला कहते हैं कि, सर्जिकल मास्क की कमी पड़ गई है,इसलिए चीन से मांगे गए हैं। मैंने पिछले कुछ दिनों में कई बार चीन के अधिकारियों से बात की है। हमारे उनसे अच्छे रिश्ते हैं। शुक्रवार को ही उनकी तरफ से मास्क भेजे गए थे। यूरोपियन कमिशन ने भी एक करोड़ मास्क जर्मनी से दिलाने का एलान किया है। उम्मीद करते हैं कि जल्द ही हालातहम काबू पा लेंगे।
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घर में कैद दंपतियों में विवाद, चीन में तलाक के मामले बढ़े; इटली में इंटरनेट ट्रैफिक 70% तक बढ़ा March 15, 2020 at 04:49PM
बीजिंग/रोम. कोरोनावायरस अब दंपतियों के बीच तलाक की वजह बनने लगा है। चीन का शिचुआन प्रांत में एक माह में 300 से ज्यादा दंपतियों ने तलाक की अर्जी दाखिल की है। मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो कोरोनावायरस के कारण ज्यादातर लोग घरों में कैद हैं। इसके चलते पति-पत्नी में विवाद के मामले बढ़ रहे हैं। इससे उनके बीच तलाक लेने तक की नौबत आ गई है।
डाझोऊ इलाके के मैरिज रजिस्ट्री के मैनेजर लु शिजुन ने बताया कि सैकड़ों दंपती अपनी शादी तोड़ने पर विचार कर रहे हैं। अब तक बड़ी संख्या में तलाक के लिए अर्जियां दाखिल हो गई हैं। तलाक लेने वाले लोगों की संख्या ज्यादातर वक्त पति-पत्नी के घर पर रहने की वजह से बढ़ रही हैं, क्योंकि वे साथ में जरूरत से ज्यादा वक्त गुजार रहे हैं। वहीं, अधिकारियों का मानना है कि कोरोनावायरस की वजह से एक महीने तक ऑफिस बंद रहा। इस वजह से तलाक के पेंडिंग केस बढ़ रहे हैं।
इंटरनेट कनेक्शन की मांग
इटली के लोग घरों में कैद हैं। वजह- चीन के बाद सबसे ज्यादा संक्रमित लोग इटली में ही हैं। इससे यहां इंटरनेट उपयोग में 70% की वृद्धि हुई है। लोग वेबसीरीज देखकर और ऑनलाइन गेम खेलकर समय बिता रहे हैं। टेलीकॉम कंपनी इटालिया एसपीए के मुताबिक, देश में इंटरनेट कनेक्शन की भी मांग बढ़ी है।
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157 देशों में संक्रमण और 6,515 मौत: अमेरिका के 29 राज्यों में स्कूल बंद; रोम में सड़क पर दिखे पोप, महामारी खत्म होने के लिए प्रार्थना की March 15, 2020 at 04:28PM
वॉशिंगटन. कोरोनोवायरस का कहर 157 देशों तक पहुंच गया। सोमवार सुबह तक कुल 1 लाख 69 हजार 515 मामले सामने आए। मरने वालों का आंकड़ा 6,515 तक पहुंच गया। राहत की बात ये है कि 77,753 संक्रमित लोग स्वस्थ भी हुए हैं। अमेरिका के 29 राज्यों में स्कूल पूरी तरह अगले आदेश तक बंद कर दिए गए। डोनाल्ड ट्रम्प सरकार के मुताबिक, दो हजार हाईस्पीड लैब सोमवार से शुरू हो जाएंगी। पोप फ्रांसिस भी वेटिकन से निकलकर रोम की खाली सड़कों पर निकले। उन्होंने महामारी के जल्द खत्म होने की प्रार्थना की।
अमेरिका में 68 की मौत
अमेरिका ने कोरोनावायरस से निपटने के लिए सभी संभव उपाय किए हैं। सोमवार सुबह तक यहां कुल 3,737 मामले सामने आए।68 संक्रमित लोगों की मौत हो चुकी है। न्यूयॉर्क समेत 29 राज्यों में सभी स्कूल अगले आदेश तक बंद कर दिए गए हैं। कुछ राज्यों में कॉलेज भी बंद किए गए हैं। नेवी शिप यूएसएस बॉक्सर पर एक सैनिक संक्रमित पाया गया है। उपराष्ट्रपति माइक पेंस के मुताबिक, सोमवार से दो हजार हाईस्पीड लैब काम शुरू कर देंगे। इससे संक्रमित लोगों की पहचान और इलाज आसान हो जाएगा। हेल्थ इमरजेंसी पहले ही घोषित की जा चुकी है।
लेबनान में लॉकडाउन
लेबनान ने अपने सभी एयरपोर्ट बंद कर दिए हैं। सीमाओं और बंदरगाहों पर दो हफ्ते तक किसी प्रकार की आवाजाही नहीं होगी। सूचना मंत्री मन्नान अब्दुल समद के मुताबिक,जब तक बेहद जरूरी नहीं होगा, तब तक लोग घर से नहीं निकलेंगे। कुछ अन्य दिशा-निर्देश भी जारी किए गए हैं। लोगों से कहा गया है कि वेलॉकडाउन के नियमों का सख्ती से पालन करें। यहां सोमवार तक 100 लोग संक्रमित पाए जा चुके हैं। 3 की मौत हुई है।
पोप फ्रांसिस भी सक्रिय
कोरोना महामारी ने सर्वोच्च ईसाई धर्मगुरु पोप फ्रांसिस को भी चिंतित कर दिया। पोप रविवार दोपहर वेटिकन से निकलकर रोम की खाली सड़कों पर नजर आए। वेटिकन के एक बयान में कहा गया, ‘‘पोप रोम की सड़कों पर निकले। दो उन स्थानों पर गए जहां सबसे ज्यादा श्रद्धालू आते हैं।’’ रविवार को वेटिकन स्थित सेंट पीटर्स स्क्वेयरचर्च खाली नजर आया।
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महिलाओं को ड्राइविंग, खेल, यात्रा करने जैसी छूट मिली; मदीना, रियाद और जेद्दा में महिलाएं अब कॉफी शॉप में काम करती हैं March 15, 2020 at 02:57PM
मदीना (विवियन यी).पश्चिमी देशों में सऊदी अरब को प्रताड़ित महिलाओं, धार्मिक कट्टरता, मानव अधिकारों के उल्लंघन जैसी बातों के लिए जाना जाता है। ऐसी खबरें भी आती हैं कि यहां से महिलाएं हर हाल में भागना चाहती हैं। लेकिन, युवराज मोहम्मद बिन सलमान ने महिलाओं को कई अधिकार देकर इस छवि को सुधारने की कोशिश की है। महिलाओं को ड्राइविंग करने, खेल प्रतियोगिताएं देखने, पुरुष की अनुमति के बिना यात्रा करने जैसी छूट मिली है। बड़े शहरों में महिलाएं बाल खुले रखकर बाहर निकलती हैं। पुरुषों के साथ खुलकर मिलती-जुलती हैं। मदीना, रियाद, जेद्दा में कई महिलाएं पुरुषों के साथ कॉफी शॉप में काम कर रही हैं। लेकिन, कई परिवारों में अब भी महिलाओं को पिता, पति, भाइयों और बेटों की मर्जी से ही चलना पड़ता है।
दो साल की खींचतान के बाद दोनों को काम करने की अनुमति मिली
युवराज सलमान महिलाओं को पुरुषों के नियंत्रण से बाहर करने की चर्चा करते हैं। पर विवाह, स्वेच्छा से जीवन बिताने सहित कई मामलों में उनकी इच्छा का कोई महत्व नहीं है। तीर्थ स्थान मदीना की रागदा और रफा अबुजा ने अपने पिता को बताया कि वे कॉफी शॉप में काम करना चाहती हैं। परिवार में तूफान खड़ा हो गया। पिता ने कहा लोग क्या कहेंगे? दो साल की खींचतान के बाद दोनों को काम करने की अनुमति मिल गई। उनके ग्राहकों और सहयोगियों में महिलाएं और पुरुष भी हैं। वे अपने बाल ढांकती हैं लेकिन चेहरा खुला रहता है। अचरज है कि उनके माता-पिता भी कॉफी शॉप पर आने लगे हैं।
पहलेऑफिस में पुरुषों से अलग काम करती थीं
रागदा और रफा पहले बुर्का पहनती थीं। एक ऑफिस में पुरुषों से अलग काम करती थीं। छोटे शहरों और गांवों में लोग अब भी पुरानी परंपराओं से चिपके हुए हैं। दूसरी तरफ रियाद, जेद्दा जैसे शहरों में जिंदगी एकदम अलग है। रागदा और रफा ने जब नौकरी की शुरुआत की थी तब मदीना में महिलाओं के स्टाफ वाली कॉफी शॉप नहीं थीं। दोनों बहनों ने हिजाब पहनना बंद कर दिया। वे लड़कों से बेझिझक बात करती थीं। शॉप मालिक ने इससे चिढ़कर उन्हें नौकरी से निकाल दिया। रफा का कहना है, मेरा चेहरा मेरी पहचान है। इस बीच महिला, पुरुष स्टाफ के कई कॉफी शॉप खुल गए। रागदा को लेडी बग और रफा को ब्लिंक नामक शॉप में काम मिल गया।
पति, पत्नियों के काम करने के पक्ष में
2018 में एक स्टडी में पाया गया कि अधिकतर सऊदी पति अपनी पत्नियों के घर से बाहर काम करने के पक्ष में है लेकिन वे सोचते हैं कि दूसरे पुरुष क्या कहेंगे। कई लोगों ने पत्नियों के नाम भर्ती एजेंसियों में दर्ज कराए हैं। रियाद में 18 साल की रेवान मोहा एक कॉफी शॉप में काम करती हैं पर उन्होंने अपने पिता को इसकी जानकारी नहीं दी है। उसने मां को सब कुछ बता दिया है। मोहा के साथ काम करने वाली बीस साल की जुमाना अलशेख के परिवार ने उसे खुली छूट दे रखी है। वह कहती है, युवराज सलमान ने महिलाओं को सभी अधिकार दिए हैं।
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चीन में खबरों पर सेंसर, आलोचकों की गिरफ्तारियां; उधर अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प झूठी जानकारियां दे रहे March 15, 2020 at 02:44PM
बीजिंग/वॉशिंगटन (जेवियर हर्नांडेज, माइकेल शीयर,दाईसुके वाकाबयाशी).दुनियाभर में फैल रहे कोरोना वायरस का जीवन के सभी क्षेत्रों पर असर दिखाई पड़ रहा है। चीन की सरकार ने वायरस के प्रकोप की खबरों को रोकने के लिए अभियान छेड़ रखा है। खबरें सेंसर हो रही हैं। न्यूज साइट बंद कर दी हैं। सिटीजन जर्नलिस्ट को प्रताड़ित किया जा रहा है। लेकिन, पत्रकार दूसरे तरीके से खबरें देने लगे हैं। सेंसरशिप के बीच राष्ट्रपति शी जिनपिंग की आलोचना करने वाले एक अरबपति के अचानक गायब होने पर संदेह उभरे हैं। एक अन्य आलोचक को गिरफ्तार कर लिया है। उधर, अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प कोरोना से राहत देने के संबंध में बार-बार गलत जानकारी दे रहे हैं।
वुहान में टेस्टिंग किट की कमी का खुलासा
कई चीनी पत्रकारों ने सरकार की विफलता और जानकारी छिपाने की कोशिशों का भंडाफोड़ किया है। वे प्रेस की आजादी की मांग उठा रहे हैं। सोशल मीडिया पर देश में चल रहे अन्याय और ज्यादती को सामने ला रहे हैं। कई पत्रकारों ने नाकाबंदी से पहले वुहान में होटलों में अस्थायी न्यूज ब्यूरो खोल लिए थे। प्रोफाइल मैग्जीन ने वुहान में टेस्टिंग किट की कमी का खुलासा किया है। बिजनेस मैग्जीन काइजिंग ने एक अज्ञात स्वास्थ्य विशेषज्ञ के हवाले से बताया कि वुहान में अधिकारियों ने जनता को देर से आगाह किया। न्यूज मैग्जीन काइसिन ने बताया कि किस तरह सरकार ने बीमारी को छिपाए रखा। सेंसरशिप बढ़ने पर पत्रकारों ने अपनी खबरों को स्थानीय अधिकारियों की विफलता पर केंद्रित रखा है। सेंसर से बचने के लिए राष्ट्रीय नेताओं की आलोचना बंद कर दी गई है।
राष्ट्रपति से इस्तीफे की मांग की
बीजिंग में कानून के प्रोफेसर शू झानग्रुन ने पिछले माह प्रकाशित एक आलेख में लिखा है कि महामारी ने चीनी सरकार की सड़न को उजागर कर दिया है। कानूनी एक्टिविस्ट शू झियांग ने सोशल मीडिया पर राष्ट्रपति शी के नाम एक पत्र में उन पर लीपापोती करने का आरोप लगाया है। इस्तीफे की मांग की है। शू को गिरफ्तार कर लिया है। इधर, राष्ट्रपति की आलोचना करने वाले अरबपति रेन झिकियांग का शनिवार से पता नहीं लग रहा है। उनके मित्रों ने बताया कि रेन को विदेश जाने से रोकने के लिए सरकार उन पर लगातार नजर रख रही थी। सरकार ने रेन के सोशल मीडिया अकाउंट डिलीट कर दिए हैं। रेन के गायब होने को कई एक्टिविस्ट चिंताजनक मानते हैं। उनका कहना है, सरकार खबरों को रोेकने कि लिए दमन कर रही है।
राष्ट्रपति शी जिनपिंग को सत्ता का भूखा जोकर बताया
बीजिंग में संपत्ति का कारोबार करने वाले अरबपति रेन झिकियांग ने एक आलेख में राष्ट्रपति शी जिनपिंग को सत्ता का भूखा जोकर बताया था। उनका कहना है, अभिव्यक्ति पर कड़े प्रतिबंधों के कारण कोरोना वायरस फैला है। रेन का लेख चीन में अमीरों के बीच और विदेशों में सोशल मीडिया के माध्यम से पहुंच गया। रेन ने शी का नाम का जिक्र किए बिना लिखा है, मैंने एक सम्राट को नए वस्त्रों में नहीं देखा बल्कि एक निर्वस्त्र जोकर को देखा है। वह अपने सम्राट होने पर जोर दे रहा है। रेन कम्युनिस्ट पार्टी के सदस्य हैं। 2016 में अपने माइक्रोब्लॉग पर उन्होंने लिखा कि चीनी समाचार मीडिया को पार्टी की नहीं जनता की सेवा करनी चाहिए। पार्टी ने फौरन रेन की खिंचाई की थी। रेन बड़े शहरों में जनसंख्या सीमित करने जैसे मुद्दों पर सरकार की आलोचना करते रहे हैं।
अमेरिका में ट्रम्प ने गलत बयान दिए
राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने वायरस के असर से निपटने के बारे में बार-बार गलत बयान दिए हैं। टेस्टिंग की सीमित व्यवस्था होने के बावजूद उन्होंने कहा था कि कोई भी व्यक्ति वायरस की जांच करा सकता है। फिर उन्होंने कहा, अमेरिका वैक्सीन बनाने के करीब है। जबकि स्वास्थ्य विशेषज्ञों का कहना है कि इसमें कम से कम एक साल तो लगेंगे। ट्रम्प ने कहा, यूरोप सेयात्रियों का आना रोक दिया है जबकि अमेरिकियों और वैधानिक रहवासियों को आने की छूट है। नया मामला गूगल की एक सहायक कंपनी वेरिली की साइट से जुड़ा है। ट्रम्प ने घोषणा की कि कंपनी ऐसी वेबसाइट बना रही है जिससे वायरस की टेस्टिंग बड़े पैमाने पर तेजी से हो सकेगी। उन्होंने दावा किया कि गूगल के 1700 इंजीनियर इस पर काम कर रहे हैं। वे बहुत आगे निकल चुके हैं। दरअसल एक हजार कर्मचारियों की वेरिली का प्रोजेक्ट एकदम शुरुआती चरण में है। अब तक वेबसाइट शुरू नहीं हुई है। जांच के स्थान तक नहीं बताए गए है।
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गृहयुद्ध से जूझ रहे इस देश में उम्मीद की किरण बनकर आए अमेरिकी डॉक्टर, नौ साल में 1200 बच्चों की हार्ट सर्जरी की March 15, 2020 at 02:01PM
त्रिपोली.लीबिया के युद्धग्रस्त क्षेत्रों में हर साल सैकड़ों बच्चों की मौत इसलिए हो जाती थी, क्योंकि उनका सही समय पर दिल का ऑपरेशन नहीं हो पाता था। इस हालत में अमेरिका के एक डॉक्टर उम्मीद की किरण बनकर सामने आए। नाम है- डॉ. विलियम नोविक। डॉ. नोविक (66) की टीम हर साल विमान से लीबिया के युद्धग्रस्त क्षेत्रों में जाती है। वह यहां बच्चों के दिल का इलाज करती है। टीम ने नौ साल में 1200 बच्चों की हार्ट सर्जरी की है। इनमें से कई बच्चे नवजात थे। साल 2011 में लीबिया में करीब 150 बच्चों की मौत हार्ट सर्जरी न हो पाने के कारण हो गई थी। तभी डॉ नोविक ने फैसला किया कि वह लीबिया जाकर बच्चों का इलाज करेंगे।
विश्व स्वास्थ्य संगठन भी करता है इस टीम की मदद
डॉ. नोविक की टीम में 20 डॉक्टर हैं। इन्हें अंतरराष्ट्रीय प्रसिद्धि हासिल है। विश्व स्वास्थ्य संगठन भी टीम की मदद करता है। वह टीम को दवा और अन्य चिकित्सा उपकरण उपलब्ध कराता है। राजधानी त्रिपोली में बच्चों के इलाज के लिए नेशनल हार्ट केयर सेंटर बनाया गया है। यहीं टीम बच्चों का ऑपरेशन करती है। हाल में यहां याजन नाम के बच्चे के दिल का ऑपरेशन किया गया। ऑपरेशन करीब 5 घंटे चला। याजन के परिवार ने बताया कि वे 1500 किमी दूर से ऑपरेशन के लिए सेंटर में आए थे। डॉक्टरों ने कहा है कि याजन जल्द पूरी तरह ठीक हो जाएगा।
अब तकहजारों बच्चों की हार्ट सर्जरी कर चुके डॉ. नोविक
डॉ. नोविक यूनिवर्सिटी ऑफ अलबामा में रेजीडेंट डॉक्टर और चाइल्ड हार्ट सर्जन हैं। उन्होंने टीम के लिए ऐसे डॉक्टरों को चुना, जिन्होंने गंभीर स्थिति में भी बच्चों को बचा लिया था। टीम लीबिया में ही बच्चों का इलाज नहीं करती, वह यूक्रेन, नाइजीरिया, इराक, ईरान और कोलंबिया समेत 32 देशों में जाकर हजारों बच्चों की हार्ट सर्जरी कर चुकी है।
लीबिया में 2011 से संघर्ष जारी
लीबिया 2011 से गृहयुद्ध में फंसा है। लीबिया में सत्ता-विरोधी आंदोलनों का एक सिलसिला चला, जिससे पहले गृहयुद्ध के हालात बने। फिर तानाशाह मोहम्मद गद्दाफी की विद्रोहियों ने हत्या कर दी। तभी से यह देश स्थिर शासन, आधारभूत ढांचे, शांति, सुरक्षा के लिए संघर्ष कर रहा है। अभी यहां संयुक्त राष्ट्र के समर्थन वाली सरकार है।
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Netanyahu challenger Gantz chosen to form new Israeli government March 15, 2020 at 07:15AM
Spain coronavirus cases jump by a third, over 100 new deaths March 15, 2020 at 05:03AM
कोरोनावायरस का पहला मरीज 17 नवंबर हो ट्रेस हो गया था, लेकिन चीन ने 21 दिन बाद 8 दिसंबर को बताया March 15, 2020 at 03:46AM
बीजिंग. चीन के वुहान शहर से दुनियाभर में फैलेकोरोनावायरस को लेकर चीनी मीडिया ने एक अलग ही दावा किया है। चीन की वेबसाइट साउथ चाइना मॉर्निंग पोस्ट ने सरकारी दस्तावेजों के हवाले से खुलासा किया है कि हुबेई प्रांत में पिछले साल 17 नवंबर को ही कोरोनावायरस का पहला मरीज ट्रेस कर लिया गया था। वुहान, हुबेई की राजधानी है। हालांकि, चीन ने पहलामरीज ट्रेस होने के 21 दिन बाद यानी 8 दिसंबर 2019 को कोरोनावायरस के पहले मरीज की जानकारी दी थी। वेबसाइट ने ये भी दावा किया है कि दिसंबर 2019 तक ही चीनी अधिकारियों ने कोरोनावायरस के 266 मरीजों की पहचान कर ली थी। 1 जनवरी 2020 तक 381 मामले सामने आ चुके थे।
55 साल का था पहला मरीज
साउथ चाइना मॉर्निंग पोस्ट के मुताबिक, 17 नवंबर को वुहान की राजधानी हुबेई में कोरोनावायरस से संक्रमित जिस पहले मरीज का पता चला था, उसकी उम्र 55 साल थी। 17 नवंबर को पहला केस सामने आने के बाद हर दिन ऐसे 1 से लेकर 5 मामले रिपोर्ट किए गए। 15 दिसंबर तक संक्रमित मरीजों की संख्या 27 हो गई थी। 17 नवंबर के दिन पहली बार 10 से ज्यादा मामले सामने आए थे। इसके बाद 20 दिसंबर तक संक्रमित मरीजों की संख्या 60 पहुंच गई। 27 दिसंबर को हुबेई के एक अस्पताल के डॉक्टर जैंग जिक्सियन ने बताया कि कोरोना नाम के वायरस की वजह से लोग संक्रमित हो रहे हैं। 27 तारीख तक चीन में 180 लोग इस वायरस से संक्रमित हो चुके थे, लेकिन डॉक्टरों को इस वायरस के बारे में पता ही नहीं था।
पहले कन्फर्म केस की तारीख को लेकर कन्फ्यूजन
डब्ल्यूएचओ के मुताबिक, चीन में कोरोनावायर (कोविड-19) का पहला कन्फर्म केस 8 दिसंबर को रिपोर्ट किया गया था। हालांकि, मेडिकल जर्नल द लैंसेट की रिपोर्ट के मुताबिर, वुहान के झिंयिंतान अस्पताल में कोरोनावायरस का पहला कन्फर्म केस 1 दिसंबर को रिपोर्ट किया गया था। इसके अलावा चीनी वेबसाइट ने इस बात की संभावना भी जताई है कि हो सकता है कि संक्रमण के मामले बहुत पहले ही सामने आ गए हों, लेकिन उन्हें अलग तारीख को रिपोर्ट किया गया हो।
कोरोनावायरस कैसे फैला, इस बारे में जानकारी जुटा रहे डॉक्टर
रिपोर्ट के मुताबिक, वैज्ञानिक अब उस मरीज की जानकारी जुटाने की कोशिश कर रहे हैं, जिसमें सबसे पहले कोरोनावायरस के लक्षण देखे गए थे। ताकि पता लगा सकें कि कोरोनावायरस कहां से आया? नवंबर में आए पहले 9 केस में से 4 पुरुष और 5 महिलाएं थीं। इनकी उम्र 39 से 79 साल के बीच थी। हालांकि, इनमें से एक भी मरीज ऐसा नहीं है, जिसमें सबसे पहले कोरोनावायरस के लक्षण मिले थे।
चीन में कोरोनावायरस के 80 हजार से ज्यादा मामले, करीब 3200 लोगों की मौत
डब्ल्यूएचओ के मुताबिक, 14 मार्च तक चीन में कोरोनावायरस के 81 हजार 21 मामले सामने आ चुके हैं। जबकि, 3 हजार 194 लोगों की मौत हो चुकी है। चीन में सबसे ज्यादा 3 हजार 75 मौतें हुबेई प्रांत में हुई है। वहीं, दुनियाभर में कोरोनावायरस के 1 लाख 42 हजार 539 मामले सामने आ गए हैं और अब तक 5 हजार 393 लोग मारे जा चुके हैं।
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जिस चीन से संक्रमण दूसरे देशों तक पहुंचा, वहां अब पटरी पर लौट रही जिंदगी; स्कूल-हाईवे खुले, बाजारों में हलचल बढ़ी March 15, 2020 at 03:37AM
बीजिंग.जिस चीन से कोरोनावायरस दुनिया में फैला,वहां अब जिंदगी पटरी पर लौटने लगी है। करीब दो महीने के लॉकडाउन के बाद कुछजगहों से आवाजाही पर रोक हटा दी गई है। नियमों से ढील मिलने से स्कूल, फैक्ट्री, हाईवे, टूरिस्ट प्लेस खुल गए हैं। सड़कों पर हलचल बढ़ गई है। रविवार को केवल 25 नए मामले ही सामने आए। देश मेंअब नए रोगियों की संख्या में गिरावट आ रही है और पुराने रोगी सही हो रहे हैं।चीन में अब तक संक्रमण के 80,849 मामले सामने आए और 3199 लोगों को जान गंवानी पड़ी है।
शिन्हुआ न्यूज एजेंसी के मुताबिक, 28 प्रांतों ने हाईवे एक दूसरे के लिए खोल दिए हैं। संक्रमण फैलने पर देशभर में 1,119 राजमार्ग बंद कर दिए गए थे। केवल दो को छोड़कर अब सभी को फिर से खोल दिया गया है। फैक्ट्री और ऑफिस खुलने सेकर्मचारी भी नौकरी में लौटने लगे हैं। उत्तर-पश्चिम के चिंगहई प्रांत में सोमवार को 144 हाईस्कूल और अन्य प्राईवेट सेकेंडरी स्कूल खोल दिए गए। युन्नान, सिचुआन और गुइझोऊ प्रांत के टूरिस्ट साइट भी इसी हफ्ते से दोबारा शुरू कर दिएगएहैं।
हुबेई प्रांत में भी लौटने लगे लोग
संक्रमण थमने पर लोग हुबेई प्रांत में भी लोग लौटने लगे हैं। हुबेई के वुहान शहर से ही कोरोना वायरस फैलाथा। इसके बाद इस शहर को लॉकडाउन कर दिया गया था। कई हफ्तों बाद हुबेई लौटे एक नागरिक ने बताया,‘यहां अब हालात पहले से बेहतरहैं। वहयुन्नान प्रांत में शहद का कारोबार करता हैं। नवंबर मेंवहां गयाथा, लेकिन दिसंबर में वायरस फैलने के बाद फस गया। हालात सामान्य होने के बाद अधिकारियों ने उन्हें लौटने दिया।’’ मध्य चीन के शहर चोंकिग्स कोसंक्रमण मुक्त घोषित कर दिया गया है। यहां के अस्पताल से रविवार को आखिरी मरीज को भी छुट्टी दे दी गई।
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संक्रमण के 173 मामलों की पुष्टि; सार्क नेताओं संग मोदी करेंगे वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग, इमरान खान नहीं होंगे शामिल March 14, 2020 at 08:35PM
नई दिल्ली/ इस्लामाबाद/ ढाका/ काठमांडू. दुनियाभर में कोरोना संक्रमितों की संख्या तेजी से बढ़ रही है। अब तक 151 देशों में 156,760 मामले सामने आ चुके हैं। 5,839 लोगों की मौत हुईहै।साउथ एशियन एसोसिएशन फॉर रीजनल कोऑपरेशन (सार्क) से जुड़ेदेशों में भी स्थितिबिगड़ने लगीहै। इसमें शामिल 8 देशों में कुल 173 संक्रमितों की पुष्टि हुई है। सबसे ज्यादा भारत में 107 मामले हैं। पाकिस्तान में तीन दिनों के अंदर संक्रमितों की संख्या 12 से बढ़कर 31 हो गई। इस हालात से निपटने के लिए रविवार शाम 5 बजे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सार्क देशों के नेताओं के साथवीडियो कॉन्फ्रेंसिंग करेंगे। इसकी पहल पीएम मोदी ने ही की थी। जिसका सार्क देशों के नेताओं ने स्वागत किया था।हालांकि इसमें पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान नहीं शामिल होंगे। पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय केमुताबिक इस कॉन्फ्रेंसिंग में इमरान के स्पेशल असिस्टेंट डॉ. जफर मिर्जा शामिल होंगे।वहीं अफगानिस्तान के राष्ट्रपति अशरफ गनी और मालदीवके राष्ट्रपति इब्राहिम मोहम्मद सोलिह ने कॉन्फ्रेंसिंग में पीएम मोदी के साथ वार्ता करने के लिए सहमति जताई है। सार्क में भारत के साथ पाकिस्तान, नेपाल, बांग्लादेश, मालदीव, श्रीलंका, अफगानिस्तान और भूटान शामिल है।
सार्क देशों में संक्रमित मरीजों की संख्या
देश | संक्रमित मरीज |
भारत | 107 |
पाकिस्तान | 31 |
अफगानिस्तान | 11 |
श्रीलंका | 10 |
मालदीव | 10 |
बांग्लादेश | 02 |
भूटान | 01 |
नेपाल | 01 |
कुल | 173 |
भारत, पाकिस्तान और नेपाल ने बॉर्डर सील किए
कोरोना के चलते भारत, पाकिस्तान और नेपाल ने अपने-अपने बॉर्डर सील कर दिए हैं। पाकिस्तान में 7 हजार लोग सरकार की निगरानी में हैं। ये हाल के दिनों में विदेश यात्रा से लौटे हैं। वहीं भारत में करीब 50 हजार लोग निगरानी में हैं। नेपाल ने माउंट एवरेस्ट पर चढ़ाई रोक दी है। बांग्लादेश ने सभी विदेशी यात्राओं पर रोक लगाई है। मालदीव, भूटान और अफगानिस्तान ने भी वीजा आवेदन की प्रक्रिया पर फिलहाल रोक लगा दी है। यहां करीब 8 हजार लोगों को क्वारैंटाइन किया गया है।
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