Friday, February 28, 2020
43rd UNHRC session: 'Pakistani Army Epicenter of International Terrorism' poster displayed at Broken Chair in Geneva February 28, 2020 at 07:20PM
चीन से बाहर 24 घंटे में 1000 से ज्यादा मामले सामने आए; चीन में अब तक 2835 की मौत February 28, 2020 at 06:05PM
बीजिंग/मॉस्को/रोम. विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने चीन से बाहर बीते 24 घंटे में कोरोनावायरस के 1027 नए मामले दर्ज किए हैं। इसी के साथ चीन के बाहर कुल 4691 केस हो गए हैं और वायरस से मरने वालों की संख्या 67 पहुंच गई है। कोरोनावायरस अब तक 51 देशों में पहुंच चुका है। वहीं, चीन में मरने वालों का आंकड़ा 2835 तक पहुंच चुका है और 79 हजार 251 मामलों की पुष्टि हुई है।
कोरोनावायरस से चीन के बाद सबसे ज्यादा दक्षिण कोरिया प्रभावित है। यहां अब तक 2931 संक्रमित पाए गए हैं। देश में दाएगू वायरस का प्रमुख केंद्र है। 90% से ज्यादा नए मामले यहीं पाए गए हैं। दाएगू में तीन महिलाओं की वायरस से मौत हो चुकी है। देश में अब तक 16 मौतें हो चुकी हैं। हालांकि, अफसरों का कहना है कि जिस तरह चीन के वुहान को लॉकडाउन किया गया है, उस तरह दाएगू को अन्य शहरों से अलग-थलग नहीं किया गया है। प्रधानमंत्री चुंग से-क्युन ने अपील की है कि दाएगू में आउटडोर मीटिंग या इंडोर धार्मिक कार्यक्रमों से बचें।
इटली न जाने को लेकर एडवायजरी
अमेरिकी विदेश विभाग ने शुक्रवार को एडवायजरी जारी कर कहा कि जरूरी न हो तो लोग इटली की यात्रा न करें। वहां कोरोनावायरस प्रभावित इलाकों में सीमित स्वास्थ्य सुविधाएं मौजूद हैं। इटली में जर्मनी के बाद सबसे ज्यादा पर्यटक अमेरिका के ही आते हैं। 2018 में इटली में 56 लाख अमेरिकी पर्यटक पहुंचे थे।
वहीं, इटली ने भी अपने लोगों से देश से बाहर न जाने के लिए कहा है। देश के उत्तरी इलाके के करीब 12 शहरों को लॉकडाउन कर दिया गया है। इटली में अब तक कोरोनावायरस के 650 मामले सामने आ चुके हैं और 16 मौतें हो गईं।
केरल के 10 हजार हज यात्री सऊदी से वीजा मिलने का इंतजार में
कोरोनावायरस के खतरे के चलते सऊदी अरब ने उमरा के लिए आने वाले तीर्थयात्रियों के लिए वीजा अनिश्चितकाल के रद्द कर दिया है। केरल की हज कमेटी के चेयरमैन सी मुहम्मद फैजी ने बताया कि इस साल 10 हजार से ज्यादा लोगों को हज पर जाने की अनुमति मिल गई है। हमें उम्मीद है कि सऊदी सरकार तीर्थयात्रा के लिए ट्रैवल बैन हटा लेगी। इस साल रमजान के बाद जून से अगस्त के बीच हज के लिए तीर्थयात्री जा सकते हैं।
Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today
ट्रेन से टकराई बस, 20 की मौत जबकि 60 घायल; क्रॉसिंग गेट न होने की वजह से हादसा February 28, 2020 at 04:38PM
इस्लामाबाद. पाकिस्तान के सुक्कुर शहर के करीब शुक्रवार रात ट्रेन और बस की टक्कर में 20 लोगों की मौत हो गई। 60 लोग घायल हैं। घटना की वजह क्रॉसिंग पर गेट न होना बताई जा रही है। पुलिस के मुताबिक, हादसे में मरने वालों का आंकड़ा बढ़ सकता है क्योंकि ज्यादातर घायलों की हालत गंभीर है। सरकार ने हादसे की जांच के आदेश दे दिए हैं।
पंजाब प्रांत जा रही थी बस
न्यूज एजेंसी के मुताबिक, बस पंजाब प्रांत जा रही थी। सुक्कुर शहर के बाहरी इलाके रोहिरी के करीब एक रेलवे क्रॉसिंग है। इस पर गेट नहीं हैं। इतना ही नहीं यहां कोई सुरक्षाकर्मी भी तैनात नहीं था। बस के ड्राइवर ने क्रॉसिंग से निकलने की कोशिश की। इसी दौरान तेज रफ्तार पाकिस्तान एक्सप्रेस ट्रेन से उसकी टक्कर हो गई। हादसे में 20 लोगों की मौके पर ही मौत हो गई। 60 लोग घायल बताए गए हैं।
ज्यादातर घायलों की हालत गंभीर
‘डॉन’ न्यूज से बातचीत में सुक्कुर पुलिस के एआईजी जामिल अहमद ने कहा, “मृतक संख्या बढ़ने की आशंका है। ज्यादातर घायलों की हालत गंभीर है। यह भयानक दुर्घटना है। ट्रेन बस को करीब 200 फीट तक घसीट कर ले गई।” पाकिस्तान एक्सप्रेस रावलपिंडी से कराची के बीच चलती है। सुक्कुर के कमिश्नर शफीक अहमद ने कहा, “यह बड़ा हादसा है। हमने जिम्मेदार अफसरों को घटनास्थल पर भेज दिया है। इस क्रॉसिंग पर गेट नहीं था। मरने वालों में 5 महिलाएं और 9 पुरुष शामिल हैं।” सिंध के मुख्यमंत्री मुराद अली शाह ने सभी अस्पतालों में इमरजेंसी घोषित कर दी है। रेलवे ने कहा कि ट्रेन का इंजिन क्षतिग्रस्त हुआ है। ट्रेन के किसी यात्री को कोई नुकसान नहीं हुआ। पाकिस्तान में कुल 2470 ऐसी क्रॉसिंग हैं जहां गेट नहीं हैं। इन पर कई हादसे हो चुके हैं।
Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today
अमेरिका-तालिबान के बीच आज शांति समझौते पर हस्ताक्षर होंगे; भारत समेत दुनिया के 30 देशों के राजदूत गवाह बनेंगे February 28, 2020 at 04:57PM
वॉशिंगटन/काबुल.अमेरिका और अफगानिस्तान के आतंकी गुट तालिबान के बीच शनिवार को कतर में शांति समझौैते पर हस्ताक्षर होंगे। इस दौरान भारत समेत 30 देशों के राजदूतों को दोहा आने का न्यौता भेजा गया है। अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने शुक्रवार को बताया कि विदेश मंत्री माइक पोम्पियो तालिबान के साथ डील साइन करेंगे। तभी रक्षा मंत्री मार्क एस्पर अफगानिस्तान सरकार के साथ बिना कोई विस्तार के संयुक्त बयान जारी करेंगे। इस समझौते से 18 साल बाद अमेरिकी सैनिकों की अफगानिस्तान से वापसी के आसार हैं।
व्हाइट हाउस ने ट्रम्प का बयान जारी किया, “अगर अफगानिस्तान और तालिबान की सरकार इन प्रतिबद्धताओं पर खरी उतरती है, तो हमारे पास अफगानिस्तान में युद्ध को समाप्त करने और अपने सैनिकों को घर लाने के लिए रास्ता होगा।” उन्होंने अफगानिस्तान के लोगों से शांति और बेहतर भविष्य के लिए इस मौके को भुनाने का आग्रह करते हुए कहा कि यह आखिरकार अफगानिस्तान के लोगों पर निर्भर करेगा कि वे अपना काम कैसे करेंगे।
अमेरिका की ओर से पहली बार तालिबान से जुड़े किसी मामले में भारत को आधिकारिक तौर पर न्यौता दिया गया है। समझौते के दौरान कतर में भारतीय राजदूत पी कुमारन मौजूद रहेंगे।
तालिबान ने 5 हजार लोगों की रिहाई की मांग की- रिपोर्ट
अल जजीरा की रिपोर्ट के मुताबिक, अफगानिस्तान में स्थाई युद्धविराम के लिए अमेरिकी, तालिबान और अफगान सरकार के प्रतिनिधियों के बीच लंबे वक्त से चर्चा हो रही थी। तालिबान ने समझौते में अपने 5 हजार लोगों की जेल से रिहाई की मांग भी की है। समझौते के बाद 10-15 दिन के भीतर फिर से सभी प्रतिनिधियों की बैठक होगी। इसमें युद्ध के बाद महिला और अल्पसंख्यकों को लेकर योजनाओं और इलाके के विकास पर चर्चा होगी।
Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today
By ignoring climate emergency, world leaders are forcing children to act: Greta Thunberg February 28, 2020 at 04:42AM
135 साल पुराना है 455 लाख करोड़ मार्केट कैप वाला अमेरिका का डाउ जोन्स, 10 मौके जब मंदी ने इसकी सेहत बिगाड़ी February 28, 2020 at 12:30AM
बिजनेस डेस्क. अमेरिकी अर्थव्यवस्था और दुनिया के बाजारों की सेहत बताने वाला 135 साल पुराना डाउ जोन्स इंडस्ट्रियल एवरेज इंडेक्स कारोनावायरस के डर के चलते शुक्रवार को 1190 अंक गिर कर 25,766 के स्तर पर बंद हुआ। इसके कारण भारतीय मार्केट भी करीब 1200 अंक गिर गए हैं। इसे एतिहासिक गिरावट बताया जा रहा है। इस गिरावट के महत्व को थोड़ा पीछे जाकर समझें तो पता चलता है कि दुनियाभर के बाजार अमेरिका के डाउ जोन्स की ओर देखते हैं और इसमें हुई गिरावट से भारत समेत लगभग हर देश का मार्केट प्रभावित होता है।
डाउ जोन्स की स्थापना
भारत के सेंसेक्स की तरह 30 कंपिनयों से मिलकर बना है। इसकी स्थापना 16 फरवरी 1885 को हुई थी। यह यूएस मार्केट का दूसरा सबसे पुराना इंडेक्स है और इसके संस्थापक द वॉल स्ट्रीट जर्नल के एडिटर और डाउ जोन्स कंपनी के को-फाउंडर चार्ल्स डाउ थे। इंडेक्स का ‘जोन्स शब्द” एडवर्ड जोन्स के नाम से लिया गया है जो चार्ल्स डाउ के कारोबारी सहयोगी थे।
डाउ जोन्स की कंपनियां
यह न्यूयॉर्क स्टॉक एक्सचेंज (नैस्डेक) से संबंधित है और स्टैंडर्ड एंड पुअर (S&P) डाउ जोन्स इंडाइसेज इसे संचालित करती है। यह मूल रूप से 30 लार्ज कैप कंपनियों से मिलकर बना है जिनका मार्केट कैप करीब 6.5 ट्रिलियन डॉलर (455 लाख करोड़ रुपए) है। ये 30 कंपनियां - एपल, बोइंग, 3एम, अमेरिकन एक्सप्रेस, कैटरपिलर, नाइकी, माइक्रोसॉफ्ट, शेवरॉन, सीस्को, कोका-कोला, डिजनी, डॉवजू पॉन्ट, एक्सन मोबिल, जनरल इलेक्ट्रिक, गोल्डमैन, होम डिपो, आइबीएम, इंटेल, जॉनसन एंड जॉनसन, जेपी मॉर्गन चेज, मैकडॉन्लड, मर्क, पीफाइजर, प्रॉक्टर एंड गैंबल, ट्रैवलर कंपनीज, यूनाइटेड टेक्नोलॉजी, यूनाइटेड हेल्थ, वराइजोन, वीजा और वॉलमार्ट हैं।
135 साल के इतिहास में जब भी डाउ जोन्स में ऐतिहासिक गिरावट हुई तो उसके कारण दुनियाभर के बाजार भी औंधे मुंह गिरे। गिरावट के कारणों में ज्यादातर मंदी, युद्ध, व्यापार और राजनीतिक उथल-पुथल के साथ सार्स और कोरोनावायरस संक्रमण जैसी बीमारियां रही हैं।
Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today
50 से ज्यादा देशों में पहुंचा वायरस, चीन में एक दिन में 44 और लोगों की मौत हुई, अन्य 10 देशों में 70 मौतें February 28, 2020 at 12:10AM
बीजिंग, न्यूयॉर्क, नई दिल्ली.कोरोनावायरस से दुनिया दहशत में है। मार्केट, कारोबार, पर्यटन, आपसी सहयोग, सब कुछ ठहर गया है। वजह, कोरोनावायरस अब दुनिया के 50 से ज्यादा देशों में पहुंच गया है। दुनियाभर में कोरोनावायरस के अब तक 83,045 मामले सामने आए हैं। इनमें से 78,824 मामले चीन में हैं। अकेले चीन में 2,788 मौतें हुई हैं। बाकी दुनिया में 4,400 केस सामने आए हैं और 70 लोगों की जान गई है। चीन के नेशनल हेल्थ कमीशन के मुताबिक गुरुवार को देश में 44 मौतें हुईं। इनमें से 41 मौतें अकेले हुबेई प्रांत में हुईं। देश में 327 नए केस दर्ज किए गए हैं। कोरोनावारस से पीड़ित 36,115 मरीजों को अस्पताल से छुट्टी भी मिली है।
दुनिया के देशों में कोरोनावायरस की स्थिति
एशिया: चीन में 78824 केस, 2788 मौतें
दक्षिण कोरिया: 2022 केस, 13 मौतें
ईरान: 245 केस, 26 मौतें
जापान: 8 मौतें
हांगकांग: 2 मौत
फिलीपींस-ताइवान: 1-1 मौतें
अफ्रीका: अलजीरिया, इजिप्ट, नाइजीरिया
सभी में एक-एक मामले सामने आए हैं
ऑस्ट्रेलया: 22 केस
यूरोप: इटली : 650 केस, 17 मौतें
फ्रांस: 2 मौत
उत्तरी अमेरिका: अमेरिका में 60 केस
दक्षिण अमेरिका: ब्राजील में 1 केस
सऊदी सरकार ने 7 देशों के पर्यटकों के ई-वीजापर रोक लगाई
सऊदी अरब ने दुनिया के 7 देशों के पर्यटकों के ई-वीजापर रोक लगा दी है। यह देश- चीन, इटली, दक्षिण कोरिया, जापान, मलेशिया, सिंगापुर, कजाखस्तान हैं। यही नहीं, सऊदी सरकार ने मक्का और मदीना आने वाले दुनियाभर के जायरीनों पर भी अस्थाई समय के लिए रोक लगा दी है। इन दोनों धार्मिक जगहों पर हाल के सालों में विदेशी श्रद्धालुओं को आने से पहली बार रोका गया है।
Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today
8 साल पहले बम डिफ्यूज करते वक्त हाथ गंवाए, 4 साल बाद भारतीय हाथों के साथ सेना में दोबारा शामिल हुए, अब आतंकियों ने कार में ही बम लगाकर मार दिया February 27, 2020 at 10:46PM
नई दिल्ली. अफगान सैनिक कैप्टन अब्दुल रहीम पिछले सप्ताह एक बम धमाके में मारे गए। रहीम वही शख्स हैं, जिन्हें 2015 में भारतीय हाथों ने नई जिंदगी दी थी। अब्दुल माइन डिफ्यूज करने वाली अफगानिस्तान की सैन्य यूनिट में थे। अप्रैल 2012 में बम डिफ्यूज करते वक्त उन्होंने अपने दोनों हाथ गंवा दिए थे। 3 साल बाद भारत में उन्हें नए हाथ मिले। कोच्चि के अमृता इंस्टिट्यूट ऑफ मेडिकल साइंस में उनकी हैंड ट्रांसप्लांट सर्जरी हुई। 16 महीने तक वे भारत में ही रहे। ऑपरेशन के बाद लंबे समय तक उनकी फिजियोथैरेपी चलती रही। नए हाथ मिलने के बाद वे फिर से अफगानिस्तान आर्मी में शामिल हुए, जहां हाल ही में उन्होंने प्रमोट कर मेजर बनाया गया था। वे राजधानी काबुल में पोस्टेड थे।
2000 से ज्यादा बम निष्क्रिय कर चुके थे
अब्दुल 35 साल के थे। उन्होंने करीब 2000 से ज्यादा बम डिफ्यूज किए। अप्रैल 2012 में जब वे कांधार इलाके में माइन्स डिफ्यूज ऑपरेशन में थे, तभी एक बम धमाके में उन्होंने दोनों हाथ खो दिए। भारत में हुए ऑपरेशन के बाद उनके हाथ पहले की तरह तो काम नहीं करते थे लेकिन फिर भी उन्होंने दोबारा आर्मी में जाने का रास्ता चुना। पिछले सप्ताह आतंकियों ने उनकी कार में ही बम लगा दिया। इस बम धमाके में उनकी मौके पर ही मौत हो गई।
भारत से जब अफगानिस्तान लौट रहे थे, तब रहीम आर्मी में जाने को लेकर उत्साहित थे
मई 2016 में रहीम वापस अफगानिस्तान लौट रहे थे। इस वक्त तक वे अपने सभी काम खुद करने लगे थे। कार और साइकिल भी चला लेते थे। उन्हें कोई काम चुनौती नहीं लगता था। घर लौटने को लेकर वे बहुत उत्साहित भी थे। परिवार ने भी उनके आने पर जश्न रखा था। अफगान लौटने से पहले दैनिक भास्कर ने जब अब्दुल से बातचीत की तो उनका कहना था कि वे अब ठीक हैं और दोबारा सेना में जाना चाहते हैं। इसका कारण उन्होंने बताया था कि अफगानिस्तान में जो हालात हैं उसके चलते अभी अपने लोगों की सुरक्षा के लिए सेना की बहुत जरूरत है।
20 सर्जन और 8 एनेस्थिटिक्स की टीम को ऑपरेशन में 15 घंटे लगे थे
रहीम को हाथ दान करने वाले शख्स कोच्चि के टीजी जोसेफ थे। 54 वर्षीय जोसेफ एक एक्सीडेंट के बाद ब्रेन डेड हो गए थे। जोसेफ के परिवार ने रहीम की मदद के लिए अंग दान करने के लिए हामी भरी थी। अब्दुल रहीम की हैंड टांसप्लांट सर्जरी एक मैराथन ऑपरेशन था। करीब 15 घंटे तक 20 सर्जन और 8 एनेस्थिटिक्स की टीम इस ऑपरेशन में लगे रही। इसके बाद अगले 16 महीने तक फिजियोथैरेपी के जरिए उनके हाथों में मूवमेंट को आसान बनाया गया। हॉस्पिटल ने इस सर्जरी को दूसरा सफल हैंड ट्रांसप्लांट ऑपरेशन बताया था। पहला हैंड ट्रांसप्लांट ऑपरेशन भी कोच्चि के इसी हॉस्पिटल में 2015 में ही हुआ था।
भारत में अब्दुल की सबसे ज्यादा मदद करने वाले मनु ने भी अपने दोनों हाथ खो दिए थे
यहां भारत में अब्दुल की सबसे ज्यादा मदद मनु ने की। मनु अब्दुल को फिजियोथैरेपी करवाते थे। मनु के भी दोनों हाथ ट्रांसप्लांट हुए हैं। कुछ लोगों ने मनु को इसलिए ट्रेन से फेंक दिया था क्योंकि वो उन्हें सिगरेट पीने से रोक रहे थे। इस हादसे में मनु ने दोनों हाथ खो दिए। हाथ ट्रांसप्लांट होने के बाद वे कोच्चि के अस्पताल में ही बतौर ट्रांसप्लांट असिस्टेंट काम करने लगे। वे हाथों में चोट लगे मरीजों की फिजियोथैरेपी करवाते हैं।
Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today