Monday, April 6, 2020
मोदी से गुहार लगाने के 2 दिन बाद ट्रम्प की धमकी- भारत ने हाइड्रॉक्सीक्लोरोक्विन के निर्यात से बैन नहीं हटाया तो कार्रवाई संभव April 06, 2020 at 05:45PM
अमेरिका में कोरोनावायरस को लेकर खतरा बढ़ता जा रहा है।दो दिन पहले शनिवार को राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मलेरिया निरोधक दवा हाइड्रॉक्सीक्लोरोक्विन की खेप भेजने की गुहार लगाई थी, लेकिन अब उन्होंने धमकी दी है। राष्ट्रपति ने कहा कि अगर भारत हाइड्रॉक्सीक्लोरोक्विन के निर्यात पर लगा बैन नहीं हटाता तो उस पर कार्रवाई की जा सकती है। मुझे कोई कारण नहीं दिखता कि भारत ने अमेरिका के दवा के ऑर्डर को रोककर पर क्यों रखा है? वैज्ञानिकों ने हाइड्रॉक्सीक्लोरोक्विन को कोरोना से लड़ने में कारगर बतायाहै।
व्हाइट हाउस में प्रेस कॉन्फ्रेंस में ट्रम्प ने कहा, ‘‘मैंने अभी मोदी के फैसले के बारे में नहीं सुना। मैं जानता हूं कि उन्होंने दूसरे देशों में दवा के निर्यात को रोक रखा है। मेरी हाल ही में उनसे अच्छी बात हुई थी। भारत के अमेरिका के साथ रिश्ते काफी बेहतर हैं। अब यह देखना होगा कि वे हमें दवा भेजने की अनुमति देते हैं या नहीं।’’ ट्रम्प से बातचीत के बाद मोदी ने कहा था कि अमेरिका के दवा भेजने के ऑर्डर पर विचार करेंगे।
‘मुझे आश्चर्य नहीं होगा’
ट्रम्प के मुताबिक, भारत के दवा भेजने के फैसले का हम स्वागत करते। मुझे आश्चर्य नहीं होगा, अगर वे हाइड्रॉक्सीक्लोरोक्विन भेजने को मंजूरी ही न दें। भारत और अमेरिका के बीच अच्छे व्यापारिक संबंध हैं। इस स्थिति से इन पर प्रभाव पड़ सकता है।
अमेरिका में 10 हजार से ज्यादा मौतें
इटली और स्पेन के बाद अमेरिका में मौतों का आंकड़ा 10 हजार से ज्यादा हो गया है। सबसे ज्यादा प्रभावित न्यूयॉर्क स्टेटमें पांच हजार मौतें हुई हैं। इनमें आधा से ज्यादा केवल न्यूयॉर्कसिटी में है। वहीं, राज्य में एक लाख 20 हजार से ज्यादासंक्रमित हैं और 16 हजार से ज्यादा लोगों को अस्पताल मेंभर्ती कराया गया है। वहीं, अमेरिका ने एशियाई देश में फंसेअपने 29 हजार नागरिकों को 13 विशेष विमानों से अपने देशबुला लिया है। ये नागरिक साउथ एंड सेंट्रल एशियाई देश भारत,पाकिस्तान, बांग्लादेश, नेपाल, उज्बेकिस्तान और तुर्कमेनिस्तानमें फंसे हुए थे। यह जानकारी दक्षिण और मध्य एशियाई मामलोंकी अमेरिका की सीनियर डिप्लोमेट एलिस वेल्स ने प्रेस वार्ता मेंदी। अकेले भारत में ही 1300 अमेरिकी नागरिक थे।
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सवाल- क्या संक्रमण किसी जैविक हथियार के कारण फैला; अमेरिकी अधिकारी ने कहा- ये महज अफवाह April 06, 2020 at 05:31PM
वॉशिंगटन.पूरी दुनिया इस वक्त जानलेवा कोरोनावायरस की चपेट में है। इस महामारी से 74 हजार से ज्यादा मौतें हो चुकी हैं। वायरस को लेकर चीन और अमेरिका के बीच आरोप-प्रत्यारोप सामने आ चुके हैं। चीन ने कहा था कि वायरस को अमेरिकी सैनिक वुहान लेकर आए थे। हालांकि, अब अमेरिका रक्षा मंत्रालय ने कहा है कि कोरोना के जैविक हथियार होने की बात महज अफवाह है। दुनियाभर में कोरोना से करीब 13 लाख 46 हजार लोग संक्रमित हैं। 2 लाख 78 हजार लोग स्वस्थ भी हुए हैं।
अमेरिका के ज्वाइंट स्टाफ सर्जन पॉल फेडरिच से सोमवार को पूछा गया- क्या आपके पास ऐसी कोई सूचना है कि कोविड-19 के संक्रमण की वजह कोई जैविक हथियार हो सकती है। इस पर फेडरिच ने इसे महज मनगढ़ंत बातें करार दिया। हमें अभी बीमार लोगों के इलाज पर ध्यान देने की जरूरत है। हालांकि, कोरोना को लेकर एक थ्योरी दुनिया में चल रही है। इसमें कहा जा रहा है कि कोरोनावायरस को चीन या अमेरिका की मिलिट्री लैब ने तैयार किया और यह गलती से वातावरण में लीक हो गया।
चीन का आरोप है- अमेरिकी सेना ने वायरस फैलाया
कोरोनावायरस को लेकर चीन और अमेरिका के बीच तनाव देखा जा चुका है। पिछले महीने चीन सरकार ने अमेरिका पर आरोप लगाया था कि उसकी वजह से वुहान में कोरोनावायरस फैला। चीन के एक अधिकारी ने कहा कि अमेरिकी सेना ने वुहान में संक्रमण फैलाया था। इसके बाद से ही यह पूरी दुनिया में फैला है। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता झाओ लिजियान ने ट्वीट किया, ‘अमेरिका पारदर्शी रवैया क्यों नहीं अपना रहा? यह भी तो हो सकता है कि कोरोनावायरस अमेरिकी सेना की वजह से वुहान पहुंचा हो।’
ट्रम्प ने कहा था- जिनपिंग ने उन्हें देरी से जानकारी दी
इससे एक दिन पहले अमेरिका ने आरोप लगाया था कि चीन ने कदम उठाने में देर कर दी। इस देरी के चलते ही संक्रमण दूसरे देशों तक फैला। झाओ ने कहा कि अब अमेरिका भी अपना डेटा सार्वजनिक करें। उसे अपने अस्पतालों की जानकारी देनी चाहिए, तैयारियों के बारे में बताना चाहिए, इस मामले में सिर्फ हमसे क्यों सफाई मांगी जा रही है। राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प भी कह चुके हैं कि चीन के राष्ट्रपति ने उन्हें वायरस के बारे में बताने में देरी की है।
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अमेरिका में 24 घंटे में 1,150 लोगों ने दम तोड़ा, न्यूयॉर्क में शटडाउन 29 अप्रैल तक बढ़ा; चीन में पहली बार एक भी मौत नहीं April 06, 2020 at 04:46PM
दुनियाभर में कोरोनावायरस से 13 लाख 46 हजार 555 लोग संक्रमित हैं। इससे 74 हजार 693 की मौत हो चुकी है। वहीं, दो लाख 78 हजार 695 लोग स्वस्थ भी हुए हैं। उधर, ब्रिटिश प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन की हालत बिगड़ने के बाद उन्हें इंटेंसिव केयर यूनिट में ले जाया गया। रविवार रात जॉनसन को अस्पताल में भर्ती किया गया था। वहीं, इटली (16,523) और स्पेन (13,341) के बाद अमेरिका में भी मरने वालों की संख्या दस हजार के पार हो गई है। वहीं, सबसे ज्यादा प्रभावित न्यूयॉर्क में शटडाउन 29 अप्रैल तक बढ़ा दिया गया है।चीन में भी पिछले 24 घंटों में कोरोना से किसी भी व्यक्ति की मौत नहीं हुई है। यह जनवरी से पहली बार है, जब यहां संक्रमण से किसी की जान नहीं गई।
ब्रिटेन: विदेश मंत्री डोमिनिक प्रधानमंत्री ने कामकाज संभाला
ब्रिटेन में सोमवार को तीन हजार 802 नए मामले और 439 नई मौतें दर्ज की गई। बीबीसी के मुताबिक, कोरोना से संक्रमित प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन की सोमवार को स्थिति खराब होने के बाद इंटेसिंव केयर यूनिट में भर्ती कराया गया। उनकी गैर-मौजूदगी में उनका कार्यभार विदेश मंत्री डोमिनिक रॉब संभालेंगे। डोमिनिक ने एक टीवी इंटरव्यू में कहा कि सरकार की कोरोना के खिलाफ लड़ाई जारी रहेगी।
मोदी ने जॉनसन के जल्द ठीक होने की कामना की
ट्रम्प ने व्हाइट हाउस टॉस्क फोर्स वार्ता में कहा, “मैं अपने अच्छे दोस्त और अमेरिका के मित्र बोरिस जॉनसन को शुभकामनाएं भेजता हूं। मैं उनके आईसीयू में भर्ती होने की खबर सुनकर दुखी हूं। ” उन्होंने कहा कि सभी अमेरिकी जॉनसन के जल्द ठीक होने की कामना कर रहे हैं। वे बेहद मजबूत, दृढ़ निश्चयी और आसानी से हार नहीं मानने वाले इंसान हैं।
##फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों और कनाडा के पीएम जस्टिन ट्रूडो ने भी जॉनसन के जल्द ठीक होने की कामना की है।
अमेरिका: 10 हजार से ज्यादा मौतें
इटली और स्पेन के बाद अमेरिका में मौतों का आंकड़ा दस हजार से ज्यादा हो गया है। सबसे ज्यादा प्रभावित न्यूयॉर्क स्टेट में पांच हजार मौतें हुई हैं। इनमें आधा से ज्यादा केवल न्यूयॉर्क सिटी में है। वहीं, राज्य में एक लाख 20 हजार से ज्यादा संक्रमित हैं और 16 हजार से ज्यादा लोगों को अस्पताल में भर्ती कराया गया है।
- ट्रम्प ने कोरोना के रोकथाम के लिए दवा कंपनी और बायो-टेक कंपनियों के प्रमुखों से बातचीत की। व्हाइट हाउस के प्रवक्ता स्टेफनी ग्रिशाम ने सोमवार को ट्वीट किया, “कोरोना के खिलाफ जंग में राष्ट्रपति ने दवा कंपनी और बायो-टेक कंपनियों के कार्यकारी निदेशकों से चर्चा करने के लिए बैठक बुलाई।”
- राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प सोमवार को भारत को चेतावनी देते हुए कहा कि अगर मलेरिया की दवा नहीं भेजी तो हम भी बदले की कार्रवाई करेंगे।
- कैलिफोर्निया के गर्वनर गेविन न्यूसोम ने कहा, “आधिकारिक आंकड़ों के मुताबिक कैलिफोर्निया में अब तक 14,336 मामले सामने आए हैं जबकि इससे 343 लोगों की मौत हुई है।”
- कोलंबिया में आइसोलशन 26 अप्रैल तक बढ़ाया गया।
- लॉस एंजेलिस के सभी नागरिक कोरोनावायरस के टेस्टिंग के लिए आवेदन कर सकते हैं।
इटली: 24 घंटे में 636 की जान गई
इटली में सोमवार को 636 लोगों की मौत हुई है, जबकि संक्रमण के3,599 नए मामलेसामने आए हैं। इसके साथ ही देश में कुल मौतें 16 हजार 523 और कुल संक्रमितों की संख्या एक लाख 32 हजार 547 हो गया है।
चीन: सोमवार को संक्रमण के 32 नए मामले
चीन केस्वास्थ्य मंत्रालय ने बताया की कि चीन में सोमवार को कोरोना के 32 नए मामले सामने आए। इनमेंसभी देश के बाहर के नागरिक थे। यहां अब तक तीन हजार 331 लोगों की जान जा चुकी है, जबकि 81 हजार 740 लोग संक्रमित हैं।
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Coronavirus: 'Idiot' Kiwi health minister breaks lockdown restrictions, demoted April 06, 2020 at 04:24PM
Denmark to start easing coronavirus restrictions April 06, 2020 at 04:46PM
China tightens land borders after rise in asymptomatic cases April 06, 2020 at 04:10PM
Australian court dismisses cardinal George Pell's sex abuse convictions April 06, 2020 at 04:10PM
अल्बर्ट से हमें जरूर सीखना चाहिए; दूर रहकर भी कैसे साथ रह सकते हैं सब April 06, 2020 at 03:07PM
अल्बर्ट कोनर पत्नी केनी के कीमोथैरेपी सेशन में शामिल नहीं हो सके, क्योंकि कोरोना संक्रमण से जुड़ी पाबंदियों के कारण उन्हें अस्पताल ने प्रवेश देने से मना कर दिया था। मायूस होने की जगह अल्बर्ट पार्किंग में ही बैठकर पत्नी के ठीक होकर वापस आने का इंतजार करने लगे।
अल्बर्ट फेसबुक पर तस्वीरें शेयर की
पोस्टर पर मैसेज लिखा- ‘मैं तुम्हारे साथ नहीं रह सकता, लेकिन मैं यहीं हूं...लव यू'। वहीं हॉस्पिटल की दूसरी मंजिल पर इलाज करा रही केनी की नजर जब अल्बर्ट पर पड़ी, तो तस्वीरें पोस्ट करते हुए फेसबुक पर लिखा- दूर रहकर भी इस तरह साथ रहने का शुक्रिया अल्बर्ट...। इस पर यूजर्स ने लिखा है- यही तो है सोशल डिस्टेंसिंग के सही मायने..।
- केनी को दूसरे चरण का स्तन कैंसर है। शुगरलैंड, टेक्सास के एंडरसन मेडिकल सेंटर में उसका इलाज चल रहा है।
- अल्बर्ट कहते हैं, ‘मैंने केनी से साथ रहने का वादा किया है, उसे कैसे तोड़ सकता हूं। वो जल्दी ठीक हो जाएगी।'
- अल्बर्ट ने पोस्टर में अस्पताल कर्मचारियों के लिए एक धन्यवाद नोट भी लिखा है।
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सर्जिकल मास्क पर हफ्तेभर रहता है कोरोनावायरस, उसे छूने से बचें; शॉपिंग बैग को एक दिन यूं ही छोड़ दें, फिर खाली करें April 06, 2020 at 09:01AM
दुनिया काे तेजी से जकड़ रहे काेराेनावायरस से बचने के लिए फेस मास्क अहम बचाव बनकर उभरा है। हालांकि लैंसेट जरनल में प्रकाशित ताजा शाेध बताता है कि यह वायरस सर्जिकल मास्क पर एक हफ्ते तक जिंदा रहता है। यूनिवर्सिटी ऑफ हांगकांग के शाेधकर्ताओं का कहना है कि यह वायरस अनुकूल वातावरण मिलने पर अधिक समय तक जिंदा रहता है। इसके व्यवहार का पता लगाने के लिए परीक्षण किया गया कि यह कमरे के तापमान पर अलग-अलग सतहाें पर कितने समय जीवित रह सकता है। इससे पता चला कि यह प्रिंटिंग और टिश्यू पेपर पर तीन घंटे से भी कम समय तक रहता है। लकड़ी और कपड़ाें पर अगले दिन मर जाता है। वहीं ग्लास और बैंकनाेट पर चाैथे दिन तक जिंदा रहता है, जबकि स्टील और प्लास्टिक की सतह पर चार से सात दिन तक चिपका रह सकता है।
मास्क पर सात दिन बाद भी पाया गया संक्रमण
शाेधकर्ताओं का कहना है कि आश्चर्यजनक तरीके से सर्जिकल मास्क पर यह सात दिन बाद भी पाया गया। इसीलिए जरूरी है कि मास्क पहनकर उसे न छुएं। यदि मास्क छूते हैं ताे हाथ संक्रमित कर बैठेंगे। शाेधकर्ताओं का कहना है कि मुंह, चेहरे या नाक काे हाथ धाेकर ही छुएं। शाेधकर्ताओं ने यह भी जाेड़ा है कि बाहर से सामान घर पर लाते समय क्या सावधानी बरतनी चाहिए। उनका कहना है कि शाॅपिंग कर लाए गए बैग में यदि खराब हाेने वाली चीज नहीं है ताे उसे खाली करने से पहले एक दिन के लिए छाेड़ दें। इससे बहुत हद तक वायरस से बचा जा सकेगा।
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अमेरिकी विशेषज्ञ ने कहा- 50% मरीजों में संक्रमण के लक्षण नहीं दिखते, यह एक बड़ी चुनौती, सटीक नतीजों के लिए ज्यादा से ज्यादा टेस्ट करना होंगे April 06, 2020 at 08:41AM
अमेरिका के विशेषज्ञ डॉ. एंथनी एस फॉसी ने दावा किया है कि 50 फीसदी से ज्यादा मरीजों में कोरोना के लक्षण नहीं दिखते हैं। जब फॉसी मीडिया के सामनेयह दावा कर रहे थे, उस समय वहां राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प और कोरोनावायरस टास्क फोर्स के सदस्य भी मौजूद थे। हालांकि, डॉ एंथनी ने यह भी कहा कि इस नए अनुमान पर वैज्ञानिक काम कर रहे हैं। लक्षणों का न दिखाई देना बड़ी चुनौती है। हमें सटीक नतीजे हासिल करने के लिए ज्यादा से ज्यादा टेस्ट करने होंगे।
डॉ. फॉसी एलर्जी और संक्रामक रोगों के राष्ट्रीय संस्थान के निदेशक हैं। पिछले हफ्ते अमेरिका की प्रमुख स्वास्थ्य एजेंसी सीडीसी के डायरेक्टर डॉ. रॉबर्ट रेडफील्ड ने भी एक इंटरव्यू में कहा था कि 25 फीसदी मरीजों में कोरोना के लक्षण नहीं दिखाई दिए थे। इसके बाद सीडीसी ने गाइडलाइन जारी कर सभी लोगों को मास्क लगाने का सुझाव दिया था। सीडीसी ने कहा था- लोग मास्क बिना घर से न निकलें।
चीन में 6 दिन में ऐसे 130 केस आए, जिनमें कोरोना के लक्षण नहीं दिखे
चीन में ऐसे मामले सामने आ रहे हैं, जिनमें मरीजों में कोरोना के लक्षण नहीं दिखाई दिए थे। राष्ट्रीय स्वास्थ्य आयोग (एनएचसी) ने कहा कि चीन में 78 ऐसे नए मामले आए हैं, जिनमें कोरोना के लक्षण नहीं दिखाई दिए थे। इनमें से 40 मरीज विदेशों से संक्रमित होकर आए थे। चीन में छह दिन में ऐसे 130 केस सामने आए हैं, जिनमें कोरोना के लक्षण नहीं दिखाई दिए थे।
अमेरिका के सर्जन जनरल बोले- आगे 9/11 जैसा माहौल होगा
अमेरिका के सर्जन जनरल जेरोम एडम्स ने कहा कि कोरोना के कारण आने वाले हफ्ता अधिकतर अमेरिकियों के लिए सबसे अधिक दुखी करने वाला होगा। तब माहौल वैसा ही हो जाएगा, जैसा 9/11 हमले और पर्ल हार्बर के बाद हो गया था। बस फर्क इतना होगा कि यह स्थानीय नहीं होगा। यह पूरे देश में होगा। हम चाहते हैं कि हर अमेरिकी इसे समझे।
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दक्षिण कोरिया में अमेरिकी सैन्य बेसों पर स्मेल टेस्ट किया जा रहा, इससे कोरोना के शुरुआती लक्षणों का आसानी से पता लग रहा April 06, 2020 at 08:24AM
कोरोनावायरस के संक्रमण से पूरी दुनिया डरी हुई है। इसकी बड़ी वजह है कि बीमारी का पता बड़ी देर से चल पाता है। इस समस्या का समाधान दक्षिण कोरिया स्थित अमेरिकी सैन्य बेस ने ढूंढा है। उन्होंने यहां मौजूद हर व्यक्ति कास्मेल टेस्ट करना शुरू किया है।इससे शुरुआती तौर पर यहपता चल जाता है कि व्यक्ति कोरोना से संक्रमित है अथवानहीं।
अमेरिकी सेना के अफसर कैरोल और हेनरी सैन्य बेस के आस-पास के इलाकों में यह टेस्ट कर रहे हैं। इसके अलावा दक्षिण कोरिया के प्रमुख शहरों में भी यह टेस्ट हो रहाहै। स्क्रीनिंग की इस प्रक्रिया के तहत लोगों को सेब का सिरका सूंघने के लिए कहा जाता है। अगर लोग इसकी खुशबू ले पाते हैं तो ठीक, नहींले पाने की सूरत में इसेकोरोना के शुरुआती लक्षण के तौर पर देखा जाता है। इस टेस्ट में फेल होने के बाद संभावित मरीजों की स्क्रीनिंग की जाती है। ताकि इसकी पुष्टि की जा सके कि उसमें कोरोना संक्रमण है या नहीं।अंतरराष्ट्रीय स्तर के अलग-अलग मेडिकल संस्थानों ने भी इस बात को माना है कि कोरोना से संक्रमित व्यक्ति की सूंघने और स्वाद पता करने की शक्ति खत्म हो जाती है।
दक्षिण कोरिया में देगु सैन्य बेस से ही संदिग्धों की पहचान के इस तरीके की शुरुआत हुई
दक्षिण कोरिया में कोरोना की स्क्रीनिंग की शुरुआत सबसे पहले देगु के सैन्य बेस पर ही हुई थी। कोरोनावायरस के फैलने कीशुरुआत में ही यहां स्मेल स्क्रीनिंग टेस्ट के साथ हर आने-जाने वाले का तापमान लेना अनिवार्य कर दिया गया था। इसीलिए, बेस में संक्रमण का अब तक एक भी मामला सामने नहीं आया। इसके बाद देश के अन्य सैन्य बेस और बड़े शहरों में यह स्क्रीनिंग प्रक्रिया अनिवार्य कर दी गई। गैरीसन सैन्य बेस के कमांडिंग अफसर एडवर्ड बैलेंकों के मुताबिक सावधानी बरतने की वजह से हीहमारे बेस पर एक भी सदस्य संक्रमित नहीं हुआ।
स्थानीय अस्पतालों में भी ऐसे ही जांच हो रही, डब्ल्यूएचओ कर रहा शोध
कर्नल बैलेंको ने बताया कि स्थानीय अस्पतालों में भी ऐसे ही स्क्रीनिंग हो रही है। इसमें व्यक्ति को सिरके में भीगी रुई सूंघने के लिए कहा जाता है और कुछ सवाल पूछे जाते हैं। उधर, विश्व स्वास्थ्य संगठन यानी डब्ल्यूएचओ भी यह पता लगाने के लिए शोध कर रहा है कि कोरोना संक्रमण कास्वाद पहचानने औरसूंघने की शक्ति पर क्या असर पड़ता है।
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Queen Elizabeth II delivers message of resolve in special coronavirus address April 06, 2020 at 07:15AM
New York governor extends shutdown to April 29 April 06, 2020 at 07:26AM
Iran says virus infections show 'gradual' decline April 06, 2020 at 03:20AM
ऑक्सीजन लगने के बावजूद हॉस्पिटल से काम कर रहे बोरिस जॉनसन, सांसद बोले- पीएम अपना काम हैंडओवर करें, चर्चिल न बनें April 06, 2020 at 03:06AM
कोरोनावायरस के संक्रमण से जूझ रहे ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनस को उनके आवास डाउनिंग स्ट्रीट के पास ही सेंट थॉमस हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया है। जॉनसन की तबियत खराब होने की वजह से उन्हें ऑक्सीजन तक लगानी पड़ी है। हालांकि, इन हालातों में भी वह लगातार काम कर रहे हैं। ऐसे में ब्रिटेन के मंत्रियों ने उन्हें चर्चिल नहीं बनने की सलाह दी है। उन्होंने कहा कि पीएम अपना काम हैंडओवरकरें और पर्याप्त नींद लें। बता दें कि विन्सटन चर्चिल को द्वितीय विश्व युद्ध का हीरो माना जाता है और पीएम जॉनसन उनसे खासा प्रभावित हैं।
27 मार्च को बोरिस जॉनसन की कोरोना रिपोर्ट पॉजिटिव आई थी। इसके बाद उन्होंने खुद को आइसोलेट कर लिया था। 10 दिन बाद रविवार रात उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया।हॉस्पिटल में उन्हें ऑक्सीजन लगाई गई है। बताया गया हैकि बीमार होने के बावजूद बहुत ज्यादा काम करकेउन्होंने अपने स्वास्थ्य को खतरे में डाला है।
सांसदों ने की काम हैंडओवर करने की मांग
ब्रिटेन के कई सासंदों ने पीएम जॉनसन से काम हैंडओवर करने की मांग की है। एक सांसद ने कहा कि वह खुद को अपने हीरो विन्सटन चर्चिल की तरह दिखाना चाह रहे हैं। उन्हें ऐसे में आराम करना चाहिए। एक सासंद ने कहा कि जॉनसन को द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान किए गए चर्चिल के काम की तरह नकल नहीं करनी चाहिए। उन्हें दूसरे कैबिनेट मंत्री को कोरोनावायरस को लेकर देश की जिम्मेदारी देनी चाहिए। हालांकि, उनके डिप्टी डोमिनिक रैब रोज कोरोनावायरस क्राइसिस कमेटी की बैठक ले रहे हैं। एक सासंद ने कहा कि जॉनसन वीडियो कॉन्फ्रेंस में बहुत थके दिखते हैं। इससे देश को कोई प्रेरणा नहीं मिलेगी। जॉनसन ने चर्चिल पर कई किताबें लिखी हैं और वह उन जैसा ही बनना चाहते हैं। जॉनसन को बस बोरिस जॉनसन बने रहने की जरूरत है। वह किसी की कॉपी न करें।
एक हफ्ते से फीवर से जूझ रहे हैं जॉनसन
क्वारैंटाइन के दौरान जॉनसन ने ट्विटर पर वीडियो पोस्ट किया था। इस वीडियो में वह बहुत थके लग रहे थे। उन्होंने बताया कि उन्हें अभी भी हाई फीवर है। विशेषज्ञों ने बताया कि जब हाई फीवर एक हफ्ते से ज्यादा रहता है तो निमोनिया जैसी बीमारी और खतरनाक हो जाती है। दावा किया गया है कि जॉनसन कॉन्फ्रेंस के दौरान बहुत खांसी भी आ रही थी। इसके बाद उन्हें हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया। उनकी हाउसिंग सेक्रेटरी रॉबर्ट जेनरिक ने कहा कि जॉनसन बहुत कड़ी मेहनत कर रहे थे और उन्हें उम्मीद है कि वह जल्द ही डाउनिंग स्ट्रीट में वापस आएंगे। वहीं, कोरोनावायरस से उबर कर आईं स्वास्थ्य मंत्री नडाइन डोरिस ने कहा कि प्रधानमंत्री को पर्याप्त नींद लेने और आराम करने की जरूरत है। ब्रिटेन में सोमवार तक संक्रमण के 47,806 मामले आ चुके हैं और 4,934 लोगों की मौत हो चुकी है।
द्वितीय विश्वयुद्ध के हीरो और भारत के लिए विलेन रहे हैं चर्चिल
विन्सटन चर्चिल द्वितीय विश्वयुद्ध, 1940-1945 के समय ब्रिटेन के प्रधानमंत्री थे। वह सेना में अधिकारी भी रह चुके थे। वह एकमात्र प्रधानमंत्री थे,जिन्हें नोबेल पुरस्कार से सम्मानित किया गया था। प्रथम विश्वयुद्ध के दौरान उन्होंने ब्रिटिश सेना में अहम जिम्मेदारी संभाली थी। उन्हें विश्व युद्ध का हीरो बताया जाता है। इसके साथ ही विन्सटन की भारत के प्रति रवैया बहुत खराब था। 1943 में बंगाल का अकाल उन्हीं की देन था। उन्होंने अनाज को ब्रिटिश सेना के लिए बचा कर रखा था और भूखों को तड़पकर मरने दिया। भारत की आजादी के पहले उन्होंने ब्रिटेन की संसद में कहा था कि अंग्रेजों ने भारत छोड़ तो सत्ता दुष्ट और बदमाशों के हाथ में चली जाएगी।
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अमेरिकी सर्जन जनरल ने कहा- कोरोनावायरस देश पर दूसरा पर्ल हार्बर हमला जैसा है, मौतों की संख्या और बढेगी, इसके लिए हम तैयार रहें April 05, 2020 at 11:33PM
अमेरिका के सर्जन जनरल ने कोरोना महामारी को द्वितीय विश्वयुद्ध में हुएपर्ल हार्बर हमले की तरह बताया है। उन्होंने कहा है कि इस हफ्ते अमेरिका में कोरोना से मौतों की संख्या और बढ़ सकती है। ऐसे में देश दूसरे पर्ल हार्बर हमले जैसी स्थिति के लिए तैयार रहे। इस बीच, कई अमेरिकी राज्यों के गवर्नर ने महामारी से निपटने में सरकार की कार्यशैली पर सवाल उठाए हैं। राज्यों की शिकायत है कि सरकार ने उन्हें खराबउपकरणों के सहारे छोड़ दिया है। उन्होंने ट्रम्प प्रशासन पर सटीक प्रणाली और राज्यों से समन्वय बनाकर काम नहीं करने का आरोप लगाया है। अमेरिका में अब तक कोरोना के 3.36 लाख केस आए हैं। 9620 लोगों की मौत हो चुकी है। 17 हजार लोग ठीक हुए हैं। राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने देशवासियों को भरोसा दिलाया है कि हालात जल्द ही काबू में होगा।
मिशिगन की गवर्नर ग्रेचेन व्हिटमर ने कहा- राष्ट्रीय नीति का अभाव नजर आ रहा
कई राज्य संक्रमण की रोकथाम के लिए जरूरी उपकरण अपने संसाधनों पर जुटा रहे हैं। मिशिगन की गवर्नर ग्रेचेन व्हिटमर ने रविवार को एक समाचार चैनल से बात करते हुए मदद के लिए सरकार का आभार प्रकट किया। हालांकि उन्होंने कहा कि इस स्थिति में एक राष्ट्रीय नीति का अभाव नजर आ रहा है। ऐसे में कई प्रकार की खामियांसामने आएंगी। कोरोना संक्रमण लंबे समय तक फैलता रहेगा और ज्यादा लोग बीमार होंगे।
वॉशिंगटन के गवर्नर जे इंसली भी सरकार के प्रयासों से नाराज
वॉशिंगटन के गवर्नर जे इंसली ने कहा, ‘‘यह विडंबना है कि संक्रमण रोकने के लिए राष्ट्रीय स्तर पर कोशिश नहीं हो रही। बस कहने के लिए हमारे पास बैकअप है। सर्जन जनरल ने पर्ल हार्बर जैसी स्थिति के लिए तैयार रहने को कहा है। जबकि देश के 32 वें राष्ट्रपति फ्रैंकलिन डिलैनो रूजवेल्ट ने पर्ल हार्बर हमले के दौरान कहा था कि मैं आप लोगों के पीछे खड़ा हूं। युद्धपोत बनाने के लिए आप सभी को गुड लक।’’
ट्रम्प ने कहा-मैं खुद राज्यों के गवर्नर के साथ मिलकर काम कर रहा
राष्ट्रपति ट्रम्प ने रविवार रात प्रेस कॉन्फ्रेंस में कुछ गवर्नर्स द्वारा सरकार की आलोचना को महज राजनीति बताया। उन्होंने भरोसा जताया कि अमेरिका जल्द ही कोरोना संकट पर काबू पा लेगा। ट्रम्पने कहा, ‘‘ सरकार महामारी से निपटने के लिए पूरी ताकत से काम कर रही है। मैं खुद राज्यों के गवर्नर के साथ मिलकर काम कर रहा हूं। कई राज्यों को वेंटिलेटर्स भेजे गए हैं। इस सुरंग के आखिर में हमें उम्मीद की रोशनी नजर आ रही है। जिस हिसाब से चीजें हो रही हैं, उससे लगता है कि उजाला ज्यादा दूर नहीं होगा।”
पर्ल हार्बर हमला क्या था?
पर्ल हार्बर हवाई के ओहायू द्वीप पर स्थित एक अमेरिकी नौसेना बेस था। इस पर 7 दिसंबर 1941 को जापानी नौसेना ने अपने विमानों से अचानक हमला किया था। इसके बाद दूसरे विश्वयुद्ध में अमेरिका भी शामिल हो गया था। हमले से पहले तक अमेरिका एक न्यूट्रल देश माना जाता था। इसमें कुल 2 हजार 403 अमेरिकी नौसैनिकों की मौत हुई थे और 1,143 घायल हुए थे। इस घटना के जवाब में ही अमेरिका ने जापान के हिरोशिमा और नागासाकी में एटम बम गिराया था।
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