Friday, January 1, 2021
अमेरिकी कांग्रेस ने 740 अरब डॉलर का डिफेंस बिल पास किया, राष्ट्रपति ने इसे रोक लिया था January 01, 2021 at 05:49PM
अमेरिकी राष्ट्रपति के तौर पर डोनाल्ड ट्रम्प का कार्यकाल 20 जनवरी को खत्म हो रहा है। इसके पहले उनके एक कदम ने उन्हें शर्मसार कर दिया। दरअसल, अमेरिकी कांग्रेस ने 740.5 अरब डॉलर के उस डिफेंस बिल को मंजूरी दे दी है, जिस पर ट्रम्प ने रोक लगा दी थी, यानी वीटो कर दिया था। इस बिल के पास होने से जो बाइडेन ने भी राहत की सांस ली होगी। इसकी वजह यह है कि वे 20 जनवरी को राष्ट्रपति पद संभालने जा रहे हैं और एक साल के रक्षा बजट को उन्हें कांग्रेस से पास कराना पड़ता।
ट्रम्प की पार्टी का बहुमत काम नहीं आया
हाउस ऑफ रिप्रेजेंटेटिव्स में फिलहाल ट्रम्प की रिपब्लिकन पार्टी का बहुमत है। ट्रम्प ने वीटो इसी गणित के आधार पर लगाया था। लेकिन, बिल के पक्ष में 322 जबकि विरोध में सिर्फ 87 वोट पड़े। इसका मतलब ये हुआ कि ट्रम्प की पार्टी के कुछ सांसद ही उनके साथ नहीं थे। हालांकि, खुद राष्ट्रपति को इस बात का अंदाजा था कि उनके लिए यह बिल रोकना आसान नहीं था। लिहाजा, उन्होंने कांग्रेस से कहा कि बिल 740 अरब डॉलर की बजाए 2 हजार अरब डॉलर का होना चाहिए। लेकिन, यह चाल नाकाम रही।
आठ दिन में बदल गया गणित
ट्रम्प ने 23 दिसंबर को इस बिल को वीटो किया था। 31 दिसंबर को वोटिंग हुई और 1 देर शाम नतीजे भी सामने आ गए। खास बात यह है कि कांग्रेस इसे काफी पहले ही पास कर चुकी थी लेकिन, इसके बावजूद ट्रम्प अड़ गए थे। रिपब्लिकन नेता और सीनेटर मिच मैक्डोनेल ने कहा- हमारे लिए यह बहुत राहत की बात है। हमें अपने सुरक्षा बलो और उनके परिवारों का ध्यान रखना है। बिल पास कराने के लिए कांग्रेस का स्पेशल सेशन बुलाया गया।
ट्रम्प का तंज
बिल पास होने के बाद ट्रम्प ने सोशल मीडिया पर लिखा- यह रूस और चीन के लिए गिफ्ट है। वे चाहते हैं कि हम अफगानिस्तान और साउथ कोरिया में फंसे रहें।
इस मामले में एक बात और ध्यान रखने योग्य है। अपने कार्यकाल में ट्रम्प ने कुल 8 बार विधेयकों पर वीटो किया। वे हर बार कामयाब भी रहे। लेकिन, इस डिफेंस बिल पर उनका वीटो काम नहीं आ सका।
Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today
अमेरिका के बाद अब ब्रिटेन के अस्पतालों में बेड कम पड़े, यहां एक दिन में 28 हजार संक्रमित एडमिट January 01, 2021 at 04:29PM
दुनिया में कोरोना मरीजों का आंकड़ा 8.43 करोड़ के ज्यादा हो गया। 5 करोड़ 96 लाख से ज्यादा लोग ठीक हो चुके हैं। अब तक 18 लाख 34 हजार से ज्यादा लोग जान गंवा चुके हैं। ये आंकड़े https://ift.tt/2VnYLis के मुताबिक हैं। ब्रिटेन में हेल्थ अफसरों के सामने नए परेशानी आ गई है। देश में मरीजों की संख्या इतनी तेजी से बढ़ रही है कि अस्पतालों में बेड कम पड़ने लगे हैं। शुक्रवार को यहां 28 हजार से ज्यादा संक्रमित देश के अलग-अलग अस्पतालों में भर्ती हुए।
ब्रिटेन में हालात मुश्किल
‘CNN’ से बातचीत में ब्रिटिश हेल्थ डिपार्टमेंट के एक अफसर ने कहा- हमारे सामने बहुत मुश्किल हालात पैदा हो रहे हैं। देश के हर हिस्से में संक्रमितों की तादाद तेजी से बढ़ रही है। इनमें से कुछ मरीज ऐसे हैं जिनमें नया स्ट्रेन पाया गया है। हेल्थ फेसेलिटीज और यहां के स्टाफ पर इसका गंभीर असर हो रहा है। ऐसे में हम लोगों से बस यही अपील करेंगे कि वो सरकार और हेल्थ डिपार्टमेंट की गाइडलाइन्स का सख्ती से पालन करें। अगर अब भी ऐसा नहीं हुआ तो हालात काबू से बाहर होने में देर नहीं लगेगी। हम ही जानते हैं कि हमारा स्टाफ कितनी मेहनत से काम कर रहा है। नागरिकों का फर्ज है कि वे इस मुश्किल घड़ी में हमारा साथ दे क्योंकि हम उनकी जिंदगी बचाने के लिए ही काम कर रहे हैं। वे कम से कम ऐहतियात तो बरत ही सकते हैं। आने वाले दो महीने बेहद अहम होंगे।
नया स्ट्रेन अमेरिका में कॉमन नहीं
अमेरिका की एक टेस्टिंग कंपनी ने कहा है कि नया स्ट्रेन अमेरिका में अब तक कॉमन नहीं है और इससे घबराने की जरूरत नहीं है। हेलिक्स नाम की कंपनी ने एक बयान में कहा- 31 में से सिर्फ चार सैम्पल्स हमें ऐसे मिले जिनमें नए स्ट्रेन की शंका है। हम ये जानते हैं कि ये अब तक 30 से ज्यादा देशों में पाया जा चुका है। अमेरिका के तीन राज्यों कोलारेडो, कैलिफोर्निया और फ्लोरिडा में भी इसके मरीज मिले हैं। लेकिन, हम इस पर काबू कर सकते हैं।
ब्रिटेन में स्कूल बंद
ब्रिटेन में कोरोना के मामले तेजी से बढ़ते जा रहे हैं। इसको देखते हुए ब्रिटिश सरकार ने अगले दो हफ्तों के लिए लंदन के सभी प्राइमरी स्कूल को बंद रखने का फैसला लिया है। यहां कोरोना के नए स्ट्रेन ने मरीजों की संख्या में तेजी लाई है। शिक्षा मंत्री गेविन विलियम्सन ने कहा कि सेकेंडरी स्कूल को भी फिर से खोलने का फैसला अभी रोक लिया गया है। पिछले 24 घंटे के अंदर ब्रिटेन में 53 हजार से ज्यादा नए कोरोना संक्रमित पाए गए हैं। 630 लोगों की मौत हो गई। अब तक यहां 25 लाख 42 हजार 65 लोग संक्रमण की चपेट में आ चुके हैं। इनमें 74 हजार 125 मरीजों की मौत भी हो चुकी है।
कोरोना प्रभावित टॉप-10 देशों में हालात
देश |
संक्रमित | मौतें | ठीक हुए |
अमेरिका | 20,617,346 | 356,445 | 12,175,841 |
भारत | 10,303,409 | 149,205 | 9,901,929 |
ब्राजील | 7,700,578 | 195,441 | 6,756,284 |
रूस | 3,186,336 | 57,555 | 2,580,138 |
फ्रांस | 2,639,773 | 64,765 | 194,221 |
यूके | 2,488,780 | 73,512 | N/A |
तुर्की | 2,208,652 | 20,881 | 2,100,650 |
इटली | 2,107,166 | 74,159 | 1,463,111 |
स्पेन | 1,921,115 | 50,689 | N/A |
जर्मनी | 1,735,819 | 33,917 | 1,328,200 |
(आंकड़े https://ift.tt/2VnYLis के मुताबिक हैं)
Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today
Rejecting Trump veto, Republican-led Senate backs defense bill January 01, 2021 at 03:06PM
भविष्य के सबसे तेज ट्रांसपोर्ट सिस्टम को आकार देगा 2021, लक्ष्य 1000 किमी प्रति घंटे की गति हासिल करना January 01, 2021 at 11:29AM
सुुबह दिल्ली में इंडिया गेट और डेढ़ घंटे बाद ही मुंबई में गेटवे ऑफ इंडिया घूमने की कल्पना जल्द साकार हो सकती है। वर्जिन हायपरलूप ने अमेरिका के लास वेगास में तेज गति के परिवहन तंत्र में इंसान को सुरक्षित ले जाने का सफल परीक्षण किया है। यह बुलेट ट्रेन से चार गुना और बोइंग-747 प्लेन से भी दो गुना तेज है।
हायपरलूप के परीक्षण के दौरान लास वेगास के रेगिस्तान में बनाए गए 500 मीटर लंबे वैक्यूम ट्यूब टेस्ट में दो एक्जीक्यूटिव अफसरों ने 500 मीटर दूरी महज 15 सेकंड में पूरी की। 6.25 सेकंड में ही 172 किमी प्रति घंटे की गति हासिल कर ली। इंसान के साथ परीक्षण से पहले बिना यात्री के ही करीब 400 सफल परीक्षण किए गए थे। 2021 में दुनिया का सबसे तेज ट्रांसपोर्ट सिस्टम आकार लेगा। वर्जिन हायपरलूप ने वेस्ट वर्जिनिया में 2022 तक 9600 मीटर काे टेस्टिंग ट्रैक बनाने का लक्ष्य रखा है। इस पर 36 हजार करोड़ रुपए खर्च होंगे। 2030 तक 1000 किमी प्रति घंटे की गति हासिल करने का लक्ष्य है।
वर्जिन समूह के संस्थापक रिचर्ड ब्रैन्सन ने भास्कर से विशेष बातचीत में बताया, ‘हायपरलूप के वास्तविक पॉड में 28 सीटें होंगी लेकिन दो सीटों वाले पॉड के परीक्षण का मकसद यह दिखाना था कि इसमें यात्री सुरक्षित सफर कर सकते हैं। यह इनोवेशन आने वाले समय में लोगों को कहीं भी रहने, काम करने और आने-जाने के तरीकों को आसान बना देगा। एक घंटे में 30 हजार यात्रियों को लाने ले जाने की क्षमता होगी।’
हायपरलूप में यात्रा करने वाले पहले शख्स और वर्जिन हायपरलूप के चीफ टेक्नोलॉजी ऑफिसर जोस गीगल ने भास्कर को बताया, ‘आप कब इधर से उधर हो गए, पता ही नहीं चला, न ही कोई झटका महसूस हुुआ। हमारा लक्ष्य 2025 तक 28 सवारियों के वाहन को हकीकत में बदलने का है।’ लास वेगास में हायपरलूप का सफल परीक्षण भारत में हायपरलूप के आगमन का एक महत्वपूर्ण कदम साबित हुआ है। वर्जिन हायपरलूप 2019 से ही मुंबई से पुणे के बीच 140 किमी की दूरी को 35 मिनट में पूरा करने का तंत्र विकसित कर रहा है।
इसके अलावा कंपनी ने बेंगलुुरू एयरपोर्ट के साथ करार किया है, इसके तहत 1080 किमी/घंटे की रफ्तार से 10 मिनट में हजारों यात्रियों को हर घंटे बेंगलुरू एयरपोर्ट से सिटी सेंटर तक लाने ले-जाने की संभावना तलाशी जाएगी। इसी तरह का करार पंजाब के परिवहन विभाग के साथ भी किया है। दूसरे यात्री परीक्षण में तनय मांजरेकर भी शामिल थे, जो वर्जिन हायपरलूप पुणे प्रोजेक्ट में पावर इलेक्ट्रॉनिक्स स्पेशलिस्ट हैं। तनय ने भास्कर से कहा कि ‘मैं इसे लेकर सुपर एक्साइटेड हूं क्योंकि मैंने हायपरलूप में सफर किया है, ये मेरे जीवन के सबसे बेहतरीन 15 सेकंड थे जिसे मैं कभी नहीं भूल पाऊंगा।
यह एक सपने के सच होने जैैसा है।’ वे बताते हैं, ‘पुणे से मुंबई के बीच हायपरलूप बनने पर साढ़े तीन घंटे का सफर 35 मिनट में बदल जाएगा। फिलहाल 7.5 करोड़ लोग सालाना मुंबई से पुणे के बीच सफर करते हैं। वर्जिन हायपरलूप की क्षमता सालाना 20 करोड़ यात्रियों को लाने ले जाने की होगी।’ वर्जिन हायपरलूप के प्रबंध निदेशक (मध्य पूर्व व भारत) हर्ज धालीवाल ने कहा कि परिवहन के इस नए तरीके के अवसर में दुनिया का नेतृत्व करने की दिशा में भारत के लिए यह एक अभूतपूर्व अवसर है।
उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र में इस प्रोजेक्ट में सबसे बड़ा निजी इंफ्रास्ट्रक्चर निवेश होगा जो करीब 18 लाख प्रत्यक्ष व परोक्ष नौकरियों के अवसर खोलेगा और 2.6 लाख करोड़ रु. के सामाजिक आर्थिक लाभ होंगे।
Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today
UK abolishes 'sexist' tax on women's sanitary products January 01, 2021 at 05:36AM
Imran says his govt wants to learn from China's development model January 01, 2021 at 02:45AM
Provincial government to pay for Pakistan Hindu temple destroyed by mob January 01, 2021 at 02:27AM
North Korea's Kim thanks people in rare New Year's cards January 01, 2021 at 01:30AM
अमेरिका ने आतंकी संगठनों के 460 करोड़ रुपए ब्लॉक किए, इनमें कश्मीर में एक्टिव लश्कर और जैश भी शामिल December 31, 2020 at 11:40PM
अमेरिका ने 2019 में दुनिया के कई आतंकी संगठनों के करीब छह करोड़ तीस लाख डॉलर (460 करोड़ रुपए) ब्लॉक कर दिए। इनमें पाकिस्तान के लश्कर-ए-तैयबा, जैश-ए-मोहम्मद और हिजबुल मुजाहिदीन भी शामिल हैं। ये तीनों संगठन कश्मीर में आतंकवाद को बढ़ावा देते रहे हैं।
अमेरिकी ट्रेजरी डिपार्टमेंट की ओर से गुरुवार को जारी एनुअल रिपोर्ट में बताया गया है कि लश्कर-ए-तैयबा के तीन लाख 42 हजार डॉलर, जैश-ए-मोहम्मद के 1,725 डॉलर और हरकत-उल-मुजाहिदीन-अल-इस्लामी के 45,798 डॉलर सीज किए गए हैं। ये तीनों पाकिस्तान से ऑपरेट होते हैं। हरकत-उल-मुजाहिदीन-अल-इस्लामी भी कश्मीर में एक्टिव है।
हिजबुल मुजाहिदीन के 4321 डॉलर ब्लॉक किए गए हैं। 2018 में यह रकम 2287 डॉलर थी। अमेरिका ने तहरीक-ए-तालिबान के 2019 में 5,067 डॉलर सीज किए थे। 2018 में यह राशि इससे कहीं कम 318 डॉलर थी।
OFAC ने की कार्रवाई
डिपार्टमेंट ऑफ ट्रेजरी ऑफिस ऑफ फॉरेन असेट्स कंट्रोल (OFAC) अमेरिका की अहम एजेंसी है। यह दुनिया भर के आतंकवादी संगठनों और आतंकवाद समर्थक देशों की संपत्ति सीज करने के लिए जिम्मेदार है। यह एजेंसी अमेरिकी विदेश नीति और नेशनल सिक्योरिटी को ध्यान में रखते हुए यह कार्रवाई करती है।
अल कायदा को सबसे ज्यादा झटका
रिपोर्ट के अनुसार, 2019 में अमेरिका ने लगभग 70 आतंकवादी संगठनों के 63 मिलियन डॉलर रोक लिए। इसमें अल-कायदा के सबसे ज्यादा तीस लाख 90 हजार डॉलर थे। 2018 में अलकायदा को ही सबसे ज्यादा चोट लगी थी। तब सीज किए गए कुल चार करोड़ तीस लाख डॉलर में से उसके 64 लाख डॉलर थे।
लिस्ट में हक्कानी नेटवर्क भी शामिल है। उसके 26,546 डॉलर सीज किए गए हैं। 2018 में यह रकम 3,626 डॉलर थी। अमेरिका ने श्रीलंका के लिबरेशन टाइगर्स ऑफ तमिल ईलम (LTTE) के फंड में 580,811 डॉलर भी ब्लॉक रखे हैं।
तालिबान को राहत मिली
इस रकम में सबसे ज्यादा गिरावट तालिबान में आई है। 2018 में अमेरिका ने उसके दो लाख 96 हजार 805 डालर सीज किए थे। 2019 में यह रकम 59,065 डॉलर रह गई। अमेरिका ने आतंकवाद के फंडिंग करने के लिए घोषित देशों ईरान, सूडान, सीरिया और उत्तर कोरिया के फंड में 20 करोड़ डॉलर रोक दिए हैं।
Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today