Sunday, January 19, 2020
26 साल की लड़की ने अपनी शादी में मेहमानों से एंट्री फीस मांगी, लोगों ने खिंचाई की January 19, 2020 at 08:14PM
न्यूयॉर्क. शादी में शामिल होने के लिए कार्ड साथ लेकर आने के लिए आमतौर पर लोग कह देते हैं, लेकिन इसके एक कदम आगे अमेरिका में 19 साल की एक लड़की ने मेहमानों के लिए एंट्री फीस रखी। उसने तर्क दिया है कि 50 डॉलर की फीस 'एक्सक्लूसिव गेस्ट लिस्ट' बनाने और शादी में आने के लिए लाइन में न लगना पड़े इसके लिए रखी गई।इसके अलावा, वह शादी में हुए खर्च को वापस पा सके।सोशल मीडिया पर लोगों ने दुल्हन की खिंचाई की। कहा- अगर आप शादी का खर्च वहन नहीं कर सकते तो आपको शादी करने का हक नहीं है।
दुल्हन की 19 साल की कजन डैन्टी शीप ने यह जानकारी सोशल मीडिया साइटReddit पर शेयर की। उसने बताया कि दुल्हन मेरी दूर के रिश्ते में बहन है। उसकी उम्र 26 साल है। उसने इस हफ्ते घोषणा की थी कि रविवार को होने वाली उसकी शादी में आने वाले मेहमानों को फीस के तौर पर 50 डॉलर देने होंगे। उसने यह भी कहा था कि मेहमान पहले पैसे दे सकते हैं ताकि उन्हें कोई समस्या न हो। इन लोगों को'विशिष्ट अतिथि सूची' में स्थान दिया जाएगा। डैन्टी शीप ने बताया कि दरअसल वह अपने विशेष दिन खर्च किए गए पैसे को वापस प्राप्त कर चाहती थी। मैंने उससे कहा कि मैं नहीं आ पाऊंगी, क्योंकि यह ठीक नहीं है। यह अपमान है। मैं उसे शुभकामनाएं देतीहूं। उसने मेरे अंकल और आंटी से संपर्क किया। उन्होंने मुझे असभ्य कहा। मेरे माता-पिता ने मेरी एंट्री के लिए भुगतान करने की पेशकश की, लेकिन मैंने इनकार कर दिया।
सोशल मीडिया पर लोगों ने मिली जुली प्रतिक्रिया दी।
- एक यूजर ने कहा कि मेहमानों से फीस लेने को गलत करार दिया। उसने कहा कि शादी परिवार और करीबियों के लिए खुशी का पल होता है। कोई इसके लिए पैसे कैसे मांग सकता है।
- एक अन्य यूजर ने लिखा- अगर आप शादी का खर्च वहन नहीं कर सकते तो आपको शादी करने का हक नहीं है। इसके रिप्लाई में एक अन्य व्यक्ति ने लिखा कि यह मेहमानों के साथ गंदा मजाक है।
- एक महिला ने कहा कि शादी में दूल्हा और दुल्हन को गिफ्ट देना दुनिया के कई हिस्सों में एक परंपरा है। लोग इसको निभाते भी हैं। लेकिन अपने दोस्तों, परिवार और करीबियों से वेडिंग फीस लेना सही नहीं है
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फास्ट एंड फ्यूरियस के एक्टर पॉल वॉकर की मौत के 7 साल बाद उनके 21 वाहन 16 करोड़ में बिके January 19, 2020 at 08:09PM
एरिजोना. फास्ट एंड फ्यूरियस फिल्म फ्रैंचाइजी से चर्चा में आए हॉलीवुड के दिवंगत अभिनेता पॉल वॉकर की मौत के 7 साल बाद उनके 21 (18 कारें और तीन मोटरसाइकिल) वाहन 16 करोड़ ($2.33 मिलियन डॉलर) रुपए में बेच दिए गए हैं। यह नीलामी अमेरिका के एरिजोना के स्कॉटडेल में शनिवार को समाप्त हुई। अधिकारियों ने बताया, इससे जुटाई गई रकम वॉकर की बेटी मैडो के एक ट्रस्ट को दी जाएगी। 2013 में पॉल की मौत लॉस एंजिलिस में 2005 पोर्शे कैरेरा जीटी कार के एक पेड़ से टकराने के बाद हो गई थी।
वॉकर की कारों के कलेक्शन के नीलामी स्कॉटडेल के जैक्शन नीलामी घर ने एक हफ्ते के दौरान की। उनकी कारों में अल्पाइन वाइट 1995, बीएमडब्ल्यू एम-3 जैसी कारें थी। इसकी टॉप प्राइस 2 करोड़ 73 लाख रुपए थी। एम-3 बीएमडबल्यू की 5 लाइटवेट कारों में से एक थी। गुरुवार को हुई नीलामी में 2009 की निसान 370-जेड की बोली लगाने वाले सबसे अधिक थे। इसे ‘फास्ट फाइव’फिल्म में देखा गया था। कम-माइलेज वाली यह कार 75 लाख ($ 105,600) रुपए में बेची गई। नीलामी में 370-जेड के लिए यह सबसे महंगी कीमत थी। उनकी फोर्ड बॉस 302-एस कार 2013 के बाद गैरेज से शनिवार को दोबारा सड़क पर आई थी। यह कार 68 लाख ($95,700) रुपए में बेची गई।
वॉकर की कारें खरीदने के लिए लोगों पर जुनून सवार
मिशीगन स्थित कारों के लिए बीमा करने वाली कंपनी हेगर्टी के प्रवक्ता जोनाथन क्लिंगर के मुताबिक, ‘‘पॉल वॉकर को कारों को बड़ा शौक था। लोगों ने उनकी प्रीमियम कारें खुशी-खुशी खरीदीं। इन कारों के साथ लोग खुद को नया पॉल वॉकर जैसा सेलेब महसूस कर रहे थे। सेलेब्रिटीज कलेक्शन नीलामी के लिए हमेशा बड़ी बोलियां नहीं लगतीं, लेकिन वॉकर की कारों की नीलामी ने लोगों में हौवा मचा दिया था। इन्हें अपने कलेक्शन में रखने के लिए कई लोगों पर जैसे जुनून सवार था। ’’
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देश के 1% अमीरों की संपत्ति 70% आबादी की संपत्ति से 4 गुना अधिक, सभी अरबपतियों के पास एक साल के बजट से भी ज्यादा दौलत January 19, 2020 at 08:03PM
नई दिल्ली. देश के 1% अमीरों की संपत्ति 95.3 करोड़ लोगों यानी 70% आबादी की कुल संपत्ति से भी चार गुना ज्यादा ज्यादा है। सभी भारतीय अरबपतियों की संपत्ति देश के एक साल के बजट से भी अधिक है। दुनिया से गरीबी खत्म करने के लिए काम करने वाली संस्था ऑक्सफेम की सोमवार को जारी रिपोर्ट 'टाइम टू केयर' में ये आंकड़े सामने आए हैं।
पिछले 10 साल में दुनिया में अरबपतियों की संख्या दोगुनी हुई
ऑक्सफेम की रिपोर्टके मुताबिक दुनिया के 2,153 अरबपतियों की संपत्ति 4.6 अरब लोगों यानी दुनिया की 60% आबादी की कुल संपत्ति से भी ज्यादा है। रिपोर्ट में कहा गया है किबहुत ज्यादा वैश्विक असमानता की स्थिति चौंकाने वाली है। पिछले 10 साल में अरबपतियों की संख्या दोगुनी हो चुकी, हालांकि पिछले साल उनकी कुल नेटवर्थ में कमी आई है। ऑक्सफेम इंडिया के सीईओ अमिताभ बेहर का कहना है कि असमानता खत्म करने की नीतियों के बिना अमीरों और गरीबों के बीच फासला नहीं मिट सकता। कुछ देश इसके लिए प्रतिबद्ध हैं।
वर्ल्ड इकोनॉमिक फोरम में वित्तीय असमानतापर चर्चा की उम्मीद
ऑक्सफेम ने 'टाइम टू केयर' रिपोर्ट 'वर्ल्ड इकोनॉमिक फोरम' (डब्ल्यूईएफ) शुरू होने से पहले जारी की है। पांच दिन का ग्लोबल समिट 'डब्ल्यूईएफ' मंगलवार से दावोस में शुरू होगा। इसमें दुनियाभर के 119 अरबपति शामिल जुटेंगे। साथ ही राजनीति और अन्य क्षेत्रों के दिग्गज भी हिस्सा लेंगे। समिट में 'सतत और मिलकर चलने वाली दुनिया' पर चर्चा होगी। इस दौरान आय और लैंगिक असमानता पर भी बातचीत होने की उम्मीद है। डब्ल्यूईएफ की ग्लोबल रिस्क रिपोर्ट में भी यह चेतावनी दी जा चुकी है कि 2019 में वित्तीय असमानता जारी रहने और मैक्रोइकोनॉमिक जोखिमों की वजह से वैश्विक अर्थव्यवस्था पर दबाव बढ़ेगा।
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प्रिंस हैरी ने कहा- राजपरिवार से दूर होने का दुख, लेकिन शांति से रहने के लिए इसके अलावा कोई चारा नहीं था January 19, 2020 at 05:34PM
लंदन. ब्रिटेन के राजकुमार प्रिंस हैरी ने राजपरिवार के वरिष्ठ सदस्य का दर्जा छोड़ने के फैसले पर पहली बार बयान दिया है। लंदन में अपनी अफ्रीका से जुड़ी चैरिटी के कार्यक्रम में हैरी ने कहा कि उन्हें शाही उपाधियां छोड़ने का गहरा दुख है। लेकिन एक शांतिपूर्ण जिंदगी के लिए इसके अलावा और कोई रास्ता नहीं था। हैरी ने माना कि वे हमेशा से जनता की तरफ से मिलने वाली फंडिंग और आलीशान लाइफस्टाइल छोड़ना चाहते थे। लेकिन शाही परिवार की जिम्मेदारियां छोड़कर दूसरे देश में नई जिंदगी शुरू करने पर उन्हें काफी घबराहट हुई।
महारानी की तरफ से दो दिन पहले ही ऐलान किया गया था कि प्रिंस हैरी और उनकी पत्नी मेगन ने शाही उपाधि ‘हिज/हर रॉयल हाइनेस’ का इस्तेमाल नहीं कर सकेंगे। इसके अलावा उन्हें पब्लिक फंड्स में भी हिस्सा नहीं मिलेगा। वे किसी भी देश में महारानी एलिजाबेथ के प्रतिनिधि नहीं होंगे।
सैन्य उपाधियां गंवाने का गहरा दुख: प्रिंस हैरी
हैरी ने कहा कि कि वे हमेशा से पब्लिक फंडिंग पर चलने वाली आलीशान जिंदगी छोड़ना चाहते थे, लेकिन खुद को मिली सैन्य उपाधियां और अफगानिस्तान में ब्रिटिश सैनिकों के साथ काम करने के बाद मिले समर्थन को गंवाकर उन्हें गहरा दुख पहुंचा है। हैरी ने कहा- हम विश्वास की बड़ी छलांग लगा रहे हैं। उन सभी का शुक्रिया जताया, जिन्होंने उन्हें इस फैसले की हिम्मत दी।
हैरी को आर्थिक मदद जारी रख सकते हैं पिता प्रिंस चार्ल्स
ब्रिटिश अखबार ‘द डेली टेलीग्राफ’ के मुताबकि, प्रिंस चार्ल्स अपनी प्राइवेट इनकम से प्रिंस हैरी को आर्थिक मदद देना जारी रखेंगे। माना जा रहा है कि प्रिंस हैरी पहले ही करोड़ों पाउंड्स के मालिक हैं। वहीं मेगन ने भी हॉलीवुड में एक्टिंग के जरिए अच्छी कमाई की है। मेगन अपने हेल्थ और वेलनेस प्रोडक्ट्स को मार्केट में उतार सकती हैं।
घर के रेनोवेशन में खर्च किए 22 करोड़ रुपए भी लौटाएंगे हैरी-मेगन
हैरी और मेगन ने एक हफ्तेपहले ही राजपरिवार की ओर से मिली वरिष्ठता छोड़ने का ऐलान किया था। हैरी और मेगन ने गुरुवार को अपनी वेबसाइट और इंस्टाग्राम पर कहा कि वे शाही परिवार के 'वरिष्ठ' सदस्य के पद से अलग हो रहे हैं और आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर बनने के लिए योजना बना रहे हैं। प्रिंस हैरी और मेगन की शादी मई 2018 में हुई थी। तब इनकी शादी में जनता के 3.2 करोड़ पाउंड करीब (297 करोड़ रुपए) खर्च हुए थे। इसके अलावा हाल ही में दोनों ने विंडसर पैलेस स्थित अपने घर के रेनोवेशन में ही 24 लाख पाउंड (करीब 22 करोड़ रु.) लगा दिए थे। शनिवार को बकिंघम पैलेस की ओर से जारी बयान के मुताबिक, हैरी-मेगन रेनोवेशन में खर्च हुए पैसे लौटाएंगे।
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'Sad' Prince Harry says he did not want to end royal role January 19, 2020 at 01:38PM
इंटरनेट का ज्यादा इस्तेमाल करने वाले स्टूडेंट फिसड्डी होते हैं; वे पढ़ाई से तालमेल नहीं बैठा पाते, अकेलेपन से घिर जाते हैं January 19, 2020 at 01:39PM
लंदन/ नई दिल्ली .जो छात्र डिजिटल तकनीक का अधिकतम उपयोग करते हैं, वे पढ़ाई के साथ पूरी तरह नहीं जुड़ पाते और फिसड्डी साबित होते हैं। ज्यादा इंटरनेट के इस्तेमाल से उन्हें अपेक्षित परिणाम नहीं मिलता अाैर उनमें अकेलेपन की भावना घर कर जाती है। ब्रिटेन की स्वानसी और इटली की मिलान यूनिवर्सिटी ने संयुक्त अध्ययन में यह निष्कर्ष निकाला है। डिग्री काेर्स में सेहत संबंधी अध्ययन के लिए दुनियाभर की 285 यूनिवर्सिटी के छात्रों से उनके डिजिटल उपयोग, पढ़ाई और रिजल्ट के बारे में जानकारी ली गई थी। अध्ययन में 25% छात्रों ने बताया कि उन्होंने दिनभर में 4 घंटे ऑनलाइन बिताए जबकि 70% ने एक से तीन घंटे तक इंटरनेट का इस्तेमाल किया। इनमें 40% छात्रों ने सोशल नेटवर्किंग का इस्तेमाल किया जबकि 30% ने सूचना के लिए इसका इस्तेमाल किया।
मुख्य अध्ययनकर्ता ब्रिटेन के फिल रीड ने कहा- ‘इंटरनेट की लत और पढ़ाई के लिए प्रेरणा के बीच एक नकारात्मक संबंध पाया गया। अधिक इंटरनेट की लत रखने वाले छात्र पढ़ाई के दौरान तालमेल नहीं बना पाए और ज्यादा चिंतित दिखे। इन छात्रों ने पढ़ाई के लिए इंटरनेट सर्फिंग के दौरान ज्यादातर समय सोशल मीडिया, मेल और अन्य बिना काम के पेजेस देखने में किया। इससे वे अपनी मूल पढ़ाई में ध्यान नहीं दे पाए।’ कंप्यूटर असिस्टेड लर्निंग के जर्नल में प्रकाशित अध्ययन में कहा गया है कि उच्च शिक्षा और अकादमिक जीवन के बीच सकारात्मक भावना की बड़ी भूमिका होती है।
इंटरनेट से दूरी बनाने वाले अखिल, पार्थ और हंसिका ने टॉप किया
इधर, देश में जेईईमेंस की पहली परीक्षा में 100 एनटीए स्कोर करने वाले कोटा के अखिल जैन और भरतपुर के पार्थ द्विवेदी ने कहा कि वे इंटरनेट से दूर रहे। इसी तरह 2019 सीबीएसई 12वीं टॉपर हंसिका शुक्ला ने कहा कि नो सोशल मीडिया पॉलिसी ने उन्हें इस मुकाम तक पहुंचाया।
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भारतीय मूल की महिला शिक्षक रहस्यमयी एसएआरएस जैसे वायरस से संक्रमित होने वाली पहली विदेशी January 19, 2020 at 04:12AM
बीजिंग. चीन के मध्यवर्ती शहरों में लोग रहस्यमयी निमोनिया वायरस की चपेट में आ रहे हैं। वुहान हेल्थ कमीशन के मुताबिक, भारतीय मूल की शिक्षक प्रीति माहेश्वरी (45) इस एसएआरएस जैसे कोरोना वायरस की चपेट में आने वाली पहली विदेशी हैं। कमीशन के मुताबिक, अब तक 62 लोग इस जानलेवा वायरस की चपेट में आ चुके हैं।
इस वायरस के संक्रमण में आए दो लोगों की मौत हो चुकी है। इसके बाद अमेरिका ने अपने तीन प्रमुख एयरपोर्ट्स पर वुहान से आने वाले यात्रियों के हेल्थ चेकअप का आदेश दिया था। एशिया के कम से कम आधा दर्जन देशों ने मध्य चीन से आने वाले यात्रियों की जांच भी शुरू कर दी है।
17 नए मामले सामने आए, 5 की हालत गंभीर
- हेल्थ कमीशन ने रविवार को कहा- वायरस से संक्रमित 62 लोगों में से पांच की हालत गंभीर है। चीन में फैल रहे निमोनिया की वजह रहस्यमयी वायरस कोरोना है। रविवार को 17 नए मामले सामने आए। मध्य चीन का वुहान शहर इस वायरस से ज्यादा प्रभावित है।
- 2002 के अंत में दक्षिणी चीन में बेहद संक्रामक फ्लू एसएआरएस फैला था। इसने 24 से ज्यादा देशों को चपेट में ले लिया था और इससे करीब 800 लोगों की जान गई थी। एसएआरएस को सिवियर एक्यूट रेस्पिरेटरी सिंड्रोम के नाम से जाना जाता है।
क्या है कोरोना वायरस
डब्ल्यूएचओ के मुताबिक, कोरोना वायरस सी-फूड से जुड़ा है। यह वायरस ऊंट, बिल्ली तथा चमगादड़ सहित कई पशुओं में प्रवेश कर रहा है। कोरोना वायरस के मरीजों में आमतौर पर जुखाम, खांसी, गले में दर्द, सांस लेने में दिक्कत, बुखार जैसे शुरुआती लक्षण देखे जाते हैं। इसके बाद ये लक्षण निमोनिया में बदल जाते हैं और किडनी को नुकसान पहुंचाते हैं। अभी तक इस वायरस से निजात पाने के लिए कोई वैक्सीन नहीं बनी है।
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Afghan officials say Taliban kill 6 members of same family January 19, 2020 at 01:23AM
प्रधानमंत्री शेख हसीना ने कहा-सीएए और एनआरसी भारत का अंदरूनी मामला, इससे पहले विदेश मंत्री ने चिंता जाहिर की थी January 19, 2020 at 12:56AM
दुबई.बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना ने सीएए और एनआरसी को भारत का अंदरूनी मुद्दा बताया है। हसीना ने रविवार को दुबई में कहा कि इससे भारत-बांग्लादेश के रिश्ते पर कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा। इससे पहले पिछले साल दिसंबर में बांग्लादेश के विदेश मंत्री डॉ. एके अब्दुल मोमेन ने इन पर चिंता जताई थी। उन्होंने अपना भारत दौरा भी रद्द कर दिया था।
हसीना ने सीएए, एनआरसी लाने के भारत सरकार के फैसले पर सवाल भी किए। उन्होंने कहा, ‘मैं नहीं जानती कि भारत सरकार ने यह क्यों किया। यह गैर जरूरी था।’’
उन्होंने नागरिकता कानून के कारणरिवर्स माइग्रेशन से भी इंकार किया। हसीना ने कहा कि इस कानून के कारण भारत से लोग पलायन कर बांग्लादेश नहीं पहुंच रहे हैं। लेकिन, इससे भारतीय नागरिकों को परेशानी हो रही है। उन्होंने कहा कि बांग्लादेश ने हमेशा कहा है कि सीएए और एनआरसी भारत का अंदरुनी मुद्दा है। भारत ने भी बार-बार इसे दोहराया है।
भारत और बांग्लादेश के बीच अच्छे संबंध: शेख हसीना
हसीना ने कहा कि मौजूदा समय में भारत और बांग्लादेश के बीच अच्छे संबंध हैं। दोनों देश कई क्षेत्रों में साथ मिलकर काम कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि सीएए और एनआरसी से भारत-बांग्लादेश के रिश्ते प्रभावित नहीं होंगे।अक्टूबर 2019 में भारत के दौरे के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी मुझे व्यक्तिगत तौर पर इसे लेकर आशवस्त किया था।
‘स्थिति बिगड़ने पर भारतके पड़ोसी देश प्रभावित होंगे’
बांग्लादेश के विदेश मंत्री मोमेन ने पिछले महीने कहा था कि सीएए और एनआरसी से अगर भारत में स्थिति बिगड़ती है तो इसकाअसर पड़ोसी देशों पर भी नजर आएगा। उन्होंने भारत सरकार से अवैध ढंग से रह रहे अपने नागरिकों की सूची भी मांगी थी, जिससे उन्हें वापस बांग्लादेश आने की इजाजत दी जा सके। हालांकि कहा था कि अगर कोई गैर बांग्लादेशी सीएए और एनआरसी की आड़ में आने की कोशिश करेगा तो उसे खदेड़ देंगे।
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Iraqi SWAT team captures ISIS leader 'Jabba the Jihadi' January 18, 2020 at 11:26PM
Iran says it is preparing for satellite launch January 18, 2020 at 11:16PM
हूती विद्रोहियों ने नमाज पढ़ते वक्त सैनिकों पर बैलिस्टिक मिसाइल और ड्रोन से हमला किया, 70 की मौत January 18, 2020 at 10:32PM
सना (यमन). मारिब प्रांत में ईरान समर्थित हूती विद्रोहियों ने शनिवार को बैलिस्टिक मिसाइलों और ड्रोन से हमला किया। इसमेंयमन के 70 सैनिक मारे गए। सऊदी अरब के मीडिया ने बताया कियह हमला उस समय हुआ, जब सैनिक मारिब प्रांत के एक मस्जिद में शाम की नमाज अदा कर रहे थे।
हूती विद्रोहियों के हमले के बाद यमन की राजधानी सना में विद्रोहियों केठिकानों पर सऊदी समर्थित बलों ने जवाबी हमला शुरू कर दिया।सऊदी अरब यमन में ईरान समर्थित हूतीविद्रोहियों के खिलाफ करीब 5 सालसे लड़ रहाहै। अधिकारियों के अनुसार, हमले में दोनों पक्षों के कम से कम 22 लोग मारे गए। यमन के राष्ट्रपति अब्दु-रब्बू मंसूर हादी ने आतंकी घटना की निंदा की है।
यमन के राष्ट्रपति को सऊदी में शरण लेनीपड़ीथी
हूती विद्रोहियों ने 2014 के अंत में यमन की राजधानी सना समेत देश के ज्यादातर उत्तरी हिस्से को अपने कब्जे में ले लिया था। इसी के साथ वहां गृहयुद्ध शुरू हो गया। 5 साल से जारी गृहयुद्ध के दौरान10 हजार से ज्यादा लोग मारे गए। 30 लाख से ज्यादा लोग विस्थापित हुए।राष्ट्रपति अब्दु-रब्बू मंसूर हादी और उनकी सरकार को पड़ोसी देश सऊदी अरब में निर्वासित होना पड़ा था।
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