Thursday, May 21, 2020
51.94 लाख संक्रमित और 3.34 लाख मौतें, अमेरिका में महामारी से मारे गए लोगों के सम्मान में राष्ट्रीय ध्वज आधा झुकाया जाएगा May 21, 2020 at 04:06PM
दुनिया में अब तक 51लाख 94हजार 99 लोग कोरोना संक्रमित हो चुके हैं। 20 लाख 80हजार 923 लोग ठीक हुए हैं। मौतों का आंकड़ा 3 लाख 34हजार 616हो गया है। अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने शुक्रवार को ट्वीट कर कहा कोरोना से मरने वालों के सम्मान में अगलेतीन तक दिन सभी सरकारी बिल्डिंग और राष्ट्रीय धरोहरों पर राष्ट्रीय ध्वज आधा झुकाया जाएगा। देश में संक्रमितों की संख्या 16 लाख 20 हजार 902 हो गई है। यहां अब तक 96 हजार 354 मौतें हुई हैं और 3 लाख 82 हजार 169 लोग ठीक हुए हैं।
दूसरी लहर में देश बंद नहीं होगा: ट्रम्प
ट्रम्प ने कहा है कि देश को संक्रमण की दूसरी लहर में बंद नहीं किया जाएगा। उन्होंने कहा कभी न खत्म होने वाला लॉकडाउन से सार्वजनिक स्वास्थ्य का संकट बढ़ेगा। अपने लोगों के स्वास्थ्य की रक्षा के लिए हमारे पास एक काम करने वालीअर्थव्यवस्था होनी चाहिए। स्थाई लॉकडाउन किसी देश या राज्य की रणनीति नहीं होती। हमारादेश शटडाउन के लिए नहीं है।
कोरोनावायरस : 10 सबसे ज्यादा प्रभावित देश
देश |
कितने संक्रमित | कितनी मौतें | कितने ठीक हुए |
अमेरिका | 16,20,902 | 96,354 | 3,82,169 |
रूस | 3,17,554 | 3,099 | 92,681 |
ब्राजील | 3,10,921 | 20,082 | 1,25,960 |
स्पेन | 2,80,117 | 27,940 | 1,96,958 |
ब्रिटेन | 2,50,908 | 36,042 | उपलब्ध नहीं |
इटली | 2,28,006 | 32,486 | 1,34,560 |
फ्रांस | 1,81,575 | 28,132 | 63,354 |
जर्मनी | 1,79,021 | 8,309 | 1,58,000 |
तुर्की | 1,53,548 | 4,249 | 1,14,990 |
ईरान | 1,29,341 | 7,249 | 100,564 |
ये आंकड़ेhttps://ift.tt/37Fny4L से लिए गए हैं।
ब्राजील: 20 हजार से ज्यादा मौतें
ब्राजील में कोरोना से मरने वालों की संख्या शुक्रवार को 20 हजार के पार हो गई। बुधवार को यहां 1188 लोगों की जान गई है, जबकि 18 हजार 508 नए मामले सामने आए हैं। यहां संक्रमितों की संख्या तीन लाख 10 हजार 921 पहुंच गई है। अमेरिका और रूस के बाद ब्राजील तीसरा सबसे ज्यादा संक्रमित देश है।
मैक्सिको: 2,973 नए मामले
लैटिन अमेरिकी देश मैक्सिको में 24 घंटेमें 2,973 नए मामले सामने आए हैं। संक्रमिताें की संख्या बढ़कर 59,567 हो गई है। इस दौरान महामारी से 420 लोगों की मौत हुई। अब यहं मरने वालं की संख्या 6,510 हो गई है। उप स्वास्थ्य मंत्री ह्यूगो लोपेज-गटेल ने रविवार को कहा था कि पिछले एक सप्ताह के दौरान कोरोना से बुरी तरह प्रभावित राजधानी मैक्सिको सिटी और अन्य शहरों में स्थिति धीरे-धीरे सुधरने लगी है। यहां 16 अप्रैल को लगी लॉकडाउन 30 मई तक बढ़ाने की घोषणा की गई है।
चिली: 57,581 संक्रमित
चिली में महामारी के 57,581 मामले सामने आ चुके हैं। वहीं, 589 लोगों की मौत हो चुकी है। स्वास्थ्य मंत्रालय की गुरुवार की रिपोर्ट के अनुसार देश में 24 घंटेमें संक्रमण के 3964 नए मामले सामने आए हैं, जबकि45 मरीजों की मौत हो गई है। यह देश में महामारी का प्रकोप शुरू होने के बाद से एक ही दिन का ज्यादा मामलाहै। स्वास्थ्य मंत्री जैमे मनालीच ने बताया कि देश में अभी भी वेंटिलेटरों की संख्या बढ़ाने के लिए काम किया जा रहा है। हम छह नए वेंटिलेटर लाए हैं। अगले कुछ दिनों में चार और अगले हफ्ते में 10 अतिरिक्त वेंटिलेटर लाए जाएंगे।
Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today
Jamal Khashoggi family forgives those who killed their father May 21, 2020 at 06:47PM
US will be world's premier pharmacy drug store and medical manufacturer: Donald Trump May 21, 2020 at 05:10PM
रिपोर्ट में दावा- अमेरिका में लॉकडाउन में दो हफ्ते की देरी न करते तो 54 हजार जानें बच सकती थीं May 21, 2020 at 02:40PM
अमेरिका में लॉकडाउन में अगर दो हफ्ते की देरी न करते, तो वहां कोरोना से 83 फीसदी कम मौतें होतीं। कोलंबिया यूनिवर्सिटी की स्टडी रिपोर्ट में यह दावा किया गया है।
शोधकर्ताओं ने 3 मई तक के कोरोना मरीजों के आंकड़ों का अध्ययन किया। इसके अनुसार अगर सरकार ने 1 मार्च के पहले लॉकडाउन लगाया होता तो 11 हजार 253 मौतें होतीं,जबकि 65 हजार 307 मौतें हुईं। इसका मतलब यह है कि अगर दो हफ्ते पहले लॉकडाउन लगाया गया होता तो 54 हजार 54 लोगों की जानें बच सकती थीं।
हफ्ते भर पहले लॉकडाउन लगने पर 36 हजार जानें बचतीं
शोधकर्ताओं ने कहा कि एक हफ्ते जल्द लॉकडाउन लगाने पर 36 हजार से ज्यादा लोग बच सकते थे। रिसर्च टीम के प्रमुख जेफरी शमन ने कहा कि यह मौतों के आंकड़ों का बड़ा अंतर है। हमें संक्रमण रोकने के लिए एक-एक दिन देरी का असर समझना होगा। अमेरिका में कोरोना के अब तक 15 लाख 93 हजार 297 मामले आए हैं, जबकि 94 हजार 948 मौतें हुई हैं।
व्हाइट हाउस के सामने बॉडी बैग रखकर ट्रम्प का विरोध
तस्वीर व्हाइट हाउस के सामने की है। यहां लोगों ने बॉडी बैग रखकर राष्ट्रपति ट्रम्प का विरोध किया। उन्होंने कहा कि ट्रम्प झूठ बोल रहे हैं और लोग मर रहे हैं। सरकार कोरोना संकट का मुकाबला करने में विफल रही है।
राज्यों का फैसला: ज्यादा संक्रमित न्यूयॉर्क ने लॉकडाउन में देरी की
राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने 16 मार्च को लॉकडाउन की अपील की थी। उन्होंने कहा था कि यह राज्यों पर निर्भर है कि वे कितना लॉकडाउन रखना चाहते हैं। कोरोना के दौर में घर में रहें, सीमित यात्राएं करे।
न्यूयॉर्क में 22 मार्च को स्टे एट होम का आदेश जारी हुआ
इस अपील के बाद राज्यों ने अलग-अलग समय पर लॉकडाउन लगाया। जैसे- सबसे ज्यादा संक्रमित न्यूयॉर्क में 22 मार्च को स्टे एट होम का आदेश जारी किया गया था। इसी राज्य की न्यूयॉर्क सिटी के लिए स्टडी रिपोर्ट में कहा गया है कि अगर यहां एक हफ्ते जल्द लॉकडाउन लगाया जाता, तो 3 मई तक यहां 2838 मौतें होतीं, जबकि 17 हजार 581 हुईं। यहां 14 हजार 743 जानें बच सकती थीं।
Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today
चीन देशद्रोह और विरोध करने का अधिकार छीनने वाला कानून लाएगा; अंतरराष्ट्रीय स्तर पर हो सकता है विरोध May 21, 2020 at 07:19AM
चीन एक नया सुरक्षा संबंधी कानून लाने जा रहा है, जिससे वह हॉन्गकॉन्ग में देशद्रोह, आतंकवाद, विदेशी हस्तक्षेप और विरोध करने जैसी गतिविधियों पर प्रतिबंध लगा सके। माना जा रहा है कि इक कानून का अंतरराष्ट्रीय स्तर पर और हॉन्गकॉन्ग में व्यापक तौर पर विरोध हो सकता है।
हॉन्गकॉन्ग में पिछले साल लोकतंत्र समर्थकों ने कई महीने प्रदर्शन किया था। शुक्रवार से शुरू हो रहे संसद सत्र में इस मुद्दे पर बहस होने वाली है। कोरोना के चलते सत्र देरी से शुरू हो रहा है। चीनी मीडिया ने कहा है कि इस कदम से राष्ट्रीय सुरक्षा का बचाव किया जा रहा है। हालांकि, विरोधियों का कहना है कि यह ‘हॉन्गकॉन्ग का अंत’ हो सकता है।
हॉन्गकॉन्ग के अंतिम ब्रिटिश गवर्नर क्रिस पैटेन ने इस कदम को ‘शहर की स्वायत्तता पर बड़ा हमला’ कहा है। वहीं, हॉन्गकॉन्ग की सिविक पार्टी की नेता तान्या चान ने इसे ‘देश के इतिहास का सबसे दुखद दिन’ कहा है। इस घोषणा के बाद गुरुवार को हॉन्गकॉन्ग डॉलर में भी गिरावट देखी गई।
‘चीन की एक देश दो सिस्टम की नीति में संशोधन की योजना’
नेशनल पीपुल्स कांग्रेस की प्रवक्ता जांग सुई ने कहा कि चीन एक देश दो सिस्टम की नीति में संशोधन करने की योजना बना रहा है। राष्ट्रीय सुरक्षा देश के स्थायित्व का आधार है। राष्ट्रीय सुरक्षा की रक्षा करने से चीन के लोगों समेत हॉन्गकॉन्ग के हमवतन के मौलिक हितों की रक्षा होती है।
चीन के पास हमेशा से कानून बनाने का अधिकार था
चीन के पास हमेशा से हॉन्गकॉन्ग के मूल कानून में राष्ट्रीय सुरक्षा कानून को लागू करने का अधिकार था, लेकिन वह अब तक ऐसा करने से परहेज करता रहा। हॉन्गकॉन्ग में सितंबर में चुनाव होने वाले हैं। पिछले साल जैसे लोकतंत्र समर्थकों को कामयाबी मिली, अगर वैसे ही जिला चुनाव में भी कामयाबी मिली तो फिर सरकार को बिल लाने में परेशानी हो सकती है।
Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today
आधा कोलकाता, एयरपोर्ट और सड़कें सब पानी में डूबे, देखते ही देखते सैंकड़ों घर जमींदोज हो गए May 21, 2020 at 05:24AM
कोलकाता के लोगों ने शायद ही कभी ऐसा भयानक मंजर देखा होगा। बुधवार को आए अम्फान तूफान से आधा कोलकाता पानी में डूब गया। जहां पानी नहीं भरा, वहां आसमान से तबाही बरसीऔर सब कुछ बर्बाद होगया।जिस घर को बनाने में पूरी जिंदगी लगा दी, वो पलक झपकते ही आंखों के सामने जमींदोज हो गया।पूरी की पूरी सड़क उखड़ गई।
बड़े-बड़े दरख्तों को तूफान ने जड़ से उखाड़ फेंका।दुकानों और घरों में पानी भर गया।बंगाल की खाड़ी से शुरू हुआतूफान बांग्लादेश, पश्चिम बंगाल और ओडिशा में मौत का कहर बनकर टूटा। तस्वीरों में देखिए तबाही का कैसा मंजर था...
Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today
भारत ने कहा- हमारे सिपाही अपनी हद में रहकर काम करते हैं, पड़ोसियों की हरकतें हमारी निगरानी में रुकावट डालती हैं May 21, 2020 at 03:24AM
भारत और चीन के सैनिकों के बीच इस महीने तीन बार झड़प हो चुकी है। इन घटनाओं पर भारतीय विदेश मंत्रालय ने गुरुवार को बयान जारी किया। विदेश मंत्रालय ने कहा कि भारतीय सैनिक अपनी सीमा में ही गतिविधियों को अंजाम देते हैं। भारतीय सेना की लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल (एलएसी) के पार एक्टिविटीज की बातें सही नहीं हैं। वास्तविकता यह है कि यह चीन की हरकतें हैं, जिनकी वजह से हमारी रेगुलर पेट्रोलिंग में रुकावट आती है।
इसी महीने 5 और 9 मई को भारत और चीन के सैनकों के बीच पूर्वी लद्दाख में झड़प की घटनाएं सामने आईं थीं। इसके बाद 9मई कोसिक्किम के नाकु ला सेक्टर में भी दोनों देशों के सैनिक आमने-सामने आ गए थे।
विवाद सुलझाने के लिए दोनों देशों के कमांडरों की मीटिंग
भारत और चीन में हाल ही में लद्दाख के गालवन नदी क्षेत्र में विवाद बढ़ गया था। अब इसको सुलझाने के लिएदोनों देशों के फील्ड कमांडरों ने बैठक की है।सूत्रों के मुताबिक यह बैठक दौलत बेग ओल्डी सेक्टर में हुई। इसमें भारत की 81 ब्रिगेड के अधिकारी और उनके चीनी समकक्ष शामिल हुए।निर्माण कार्यों को लेकर गालवन नदी क्षेत्र में दोनों पक्षों के बीच पिछले दो सप्ताह से तनाव चल रहा है।
सुरक्षाबल पिछले दो सालों से सैटेलाइट इमेज और खुफिया जानकारी पर नजर रख रहे थे। इससे उन्हें पता चला था कि चीन एलएसी पर भारतीय क्षेत्र के करीब रोड बना रहा है। इसके बाद भारत ने भी एलएसी के नजदीक अपने क्षेत्र में रोड नेटवर्क बनाना शुरू कर दिया था। इसके बाद चीन ने इस क्षेत्र में भारतीय विमानों की आवाजाही पर आपत्ति जताई थी।
हालांकि, ठीक इसके उलटचीनी हेलिकॉप्टरों ने गालवन नदी क्षेत्र में भारतीय गश्ती एरिया में उड़ान भरी है। पिछले सोमवार को यहां स्थिति तनावपूर्ण हो गई थी।
1962 में भी चीन नेगालवन नदीं का इलाका घेरा था
गालवन नदी का यह क्षेत्र 1962 की भारत-चीन जंग में भी खास था। यहां पर भारतीय सेना का एक पोस्ट था, जिसे चीनी सैनिकों ने घेर लिया था। इसके बाद झड़प जंग में तब्दील हो गई थी। पिछले सप्ताह आर्मी चीफ एमएम नरवणे ने कहा था- आपको किसी भी झड़प की जानकारी दी जाएगी। 10 स्थान ऐसे हैं जहां हम हर रोज बातचीत करते हैं। यहां हालात पहले की ही तरह हैं। एक या दो स्थानों पर कभी-कभार घटनाएं हो जाती हैं। यह तब होता है जब कमांडर्स बदले जाते हैं।
इस महीने झड़पें कहां, कब और कैसे हुई?
1) तारीख- 5 मई, जगह- पूर्वी लद्दाख की पैंगोंग झील
उस दिन शाम के वक्त इस झील के उत्तरी किनारे पर फिंगर-5 इलाके में भारत-चीन के करीब 200 सैनिक आमने-सामने हो गए। भारत ने चीन के सैनिकों की मौजूदगी पर ऐतराज जताया। पूरी रात टकराव के हालात बने रहे। अगले दिन तड़के दोनों तरफ केसैनिकों के बीच झड़प हो गई। बाद में दोनों तरफ के आला अफसरों के बीच बातचीत के बाद मामला शांत हुआ।
2) तारीख- संभवत: 9 मई, जगह- उत्तरी सिक्किम में 16 हजार फीट की ऊंचाई पर मौजूद नाकू ला सेक्टर
यहां भारत-चीन के 150 सैनिक आमने-सामने हो गए थे। आधिकारिक तौर पर इसकी तारीख सामने नहीं आई। हालांकि, द हिंदू की रिपोर्ट के मुताबिक, यहां झड़प 9 मई को ही हुई। गश्त के दौरान आमने-सामने हुए सैनिकों ने एक-दूसरे पर मुक्कों से वार किए। इस झड़प में 10 सैनिक घायल हुए। यहां भी बाद में अफसरों ने दखल दिया। फिर झड़प रुकी।
3) तारीख- संभवत: 9 मई, जगह- लद्दाख
जिस दिन उत्तरी सिक्किम में भारत-चीन के सैनिकों में झड़प हो रही थी, उसी दिन चीन ने लद्दाख में लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल पर अपने हेलिकॉप्टर भेजे थे। चीन के हेलिकॉप्टरों ने सीमा तो पार नहीं की, लेकिन जवाब में भारत ने लेह एयरबेस से अपने सुखोई 30 एमकेआई फाइटर प्लेन का बेड़ा और बाकी लड़ाकू विमान रवाना कर दिए। मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो हाल के बरसों में ऐसा पहली बार हुआ जब चीन की ऐसी हरकत के जवाब में भारत ने अपने लड़ाकू विमान सीमा के पास भेजे।
Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today
नेतन्याहू की ईरान के सुप्रीम लीडर खामनेई को चेतावनी, इजराइल को तबाह करने की धमकी देने वाले खुद मुश्किलों में घिर जाते हैं May 21, 2020 at 01:58AM
इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने ईरान के सुप्रीम लीडर खामनेई को चेतावनी दी है कि वह इजराइल को खत्मकरने की धमकी न दे। मजेदार बात है कि उन्होंनेहिब्रू भाषा में ट्वीट कर अपनी बात रखी। नेतन्याहू ने गुरुवार को ट्वीट किया, ‘‘उसे ( खामनेई) समझना चाहिए कि जो भी देश इजराइल को तबाह करने की धमकी देगा वह खुद को ऐसे ही खतरों में पाएगा।’’
इससे पहले बुधवार को खामनेई ने फारसी, अंग्रेजी और अरबी भाषा में ट्वीट कर इजराइल पर स्टेट टेररिज्म यानि सरकार की शह पर होने वाले आतंक को बढ़ावा देने का आरोप लगाया था। उन्होंने लोगों से यहूदी सरकार को खत्म करने के लिए आगे आने की अपील भी की थी।
खामनेई ने भी नेतन्याहू के ट्वीट का जवाब दिया
नेतन्याहू के ट्वीट पर खामनेई ने भी जवाब दिया। खामनेई ने गुरुवार को कहा कि यहूदी सरकार को खत्म करने का मतलब यहूदियों को खत्म करना नहीं होता। हम यहूदियों के खिलाफ नहीं है। इसका मतलब नेतन्याहू जैसे ठग को निष्काषित करना था। इजराइल को खत्म करना था। यहूदी सरकार स्टेट टेररिज्म का सबसे सटीक उदाहरण है। यहूदी सरकार के गठन के बाद से ही यहकैंसर की ट्यूमर की तरह काम कर रहीहै। उनका मकसद पुरुषों, महिलाओं और बच्चों की हत्या है।
पोम्पियो ने खामनेई के बयान की निंदा की
अमेरिकी विदेश मंत्री माइक पोम्पियो ने खामनेई के इस बयान की निंदा की है। उन्होंने कहा कि ईरान के सुप्रीम लीडर खामनेई का बयान नफरत फैलाने वाला और यहूदी विरोधी है। ऐसे बयानों की टि्वटर या किसी सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर कोई जगह नहीं होनी चाहिए। पोम्पियो पिछले हफ्ते ही इजराइल के दौरे से लौटे हैं। इस दौरे पर भी उन्होंने ईरान पर अपने संसाधानों से आतंक फैलाने का आरोप लगाया था।
Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today
अमेरिका ने कहा - रूस से मिसाइल डिफेंस सिस्टम खरीदने पर भारत के खिलाफ प्रतिबंध लगाने की संभावना अभी बनी हुई है May 21, 2020 at 12:22AM
अमेरिका ने कहा है कि रूस से अरबों डॉलर के एस -400 मिसाइल सिस्टम खरीदने पर भारत के खिलाफ प्रतिबंध लगाए जा सकते हैं। अमेरिका की एक शीर्ष राजनयिक ने इसकी जानकारी दी है।
अक्टूबर 2018 में भारत ने रूस से पांच एस-400 मिसाइल सिस्टम खरीदने के लिए 5 अरब डॉलर की एक डील साइन की थी। इस डील पर अमेरिका ने भारत को चेतावनी दी थी। अमेरिका ने कहा था कि भारत के खिलाफ काटसा एक्ट के तहत कार्रवाई की जा सकती है। पिछले साल भारत ने मिसाइल सिस्टम के लिए रूस को पहली किस्त लगभग 80 करोड़ अमेरिकी डॉलर का भुगतान किया था। एस-400 रूस का सबसे आधुनिक लांग रेंज सतह से हवा में मार करने वाला मिसाइल डिफेंस सिस्टम है।दक्षिण और मध्य एशिया के लिए अमेरिकी विदेश विभाग की शीर्ष अधिकारी एलिस वेल्स ने बुधवार को वाशिंगटन स्थित थिंक टैंक को बताया कि हमारी पॉलिसी में काटसा प्राथमिकता पर है। हम रुस को मिलिट्री हथियार बेचकर रुपये नहीं कमाने दे सकते, क्योंकि रूस इसका इस्तेमाल अपने पड़ोसी देशों के खिलाफ करेगा।
अमेरिका ने रूस के खिलाफ लगाए हैं प्रतिबंध
अमेरिका ने रूस पर काटसा के तहत प्रतिबंध लगाए थे। कानून में रूस से रक्षा सामान खरीदने वाले देशों के खिलाफ भी कार्रवाई का प्रावधान है। अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने अगस्त 2017 में ‘काटसा’ पर हस्ताक्षर किए थे।
भारतीय छात्र पढ़ाई के लिए अमेरिका में आए
एलिस वेल्स ने कहा कि कोविड-19 ने चिंता और अनिश्चितता की स्थिति पैदा की है लेकिन अमेरिकी प्रशासन चाहता है कि भारतीय छात्र पढ़ने के लिए देश में आएं। हालांकि, महामारी के कारण अभी वीजा प्रक्रिया नहीं चालू है। उन्होंने अटलांटिक काउंसिल द्वारा हुई ऑनलाइन चर्चा में भारत में अमेरिका के पूर्व राजदूत रिचर्ड वर्मा से कहा, ‘‘हम खुले दिल से इस ओर आगे बढ़ने जा रहे हैं।’’ उन्होंने बताया कि छात्र देशों के बीच राजदूतों की तरह काम करते हैं और उनका लक्ष्य अमेरिका में भारतीय छात्रों को लाना है।
भारत के 2 लाखसे अधिक छात्र अमेरिका के विभिन्न विश्वविद्यालयों में पढ़ते हैं और चीन के बाद अमेरिका में विदेशी छात्रों की दूसरी सबसे बड़ी संख्या भारतीयों की है।
Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today
China rebuts Donald Trump accusation of coronavirus 'mass killing' May 20, 2020 at 11:42PM
तूफान से 2 की मौत, 3 गांव के 245 घरों को नुकसान; आसपास के इलाकों में बिजली आपूर्ति ठप May 20, 2020 at 09:32PM
इंडोनेशिया के सुमात्रा आईलैंड पर आए तूफान में बुधवार को दो लोगों की मौत हो गई। आपदा विभाग के अधिकारियों के मुताबिक, तूफान से तीन गांव के 245 घरबुरी तरह क्षतिग्रस्त हो गए हैं। वहीं, आसपास के इलाकों की बिजली भी चली गई है। अधिकारियों ने गुरुवार को बताया कि इसमें 6 लोगों को गंभीर रूप से चोट लगी है, उन्हें अस्पताल में भर्ती करा दिया गया है।
तूफान बुधवार शाम को सुमात्रा में स्थित लैम्पुंग प्रांत के तुलांग बवांग जिले में आया था।राष्ट्रीय आपदा विभाग के प्रवक्ता रादित्य जाति ने कहा कि तूफान में जानवर भी मारे गए हैं। अधिकारी गुरुवार को प्रभावित इलाकों से लोगों को निकालने में जुटे रहे, ताकि मलबा हटाया जा सके। एजेंसी ने एक वीडियो जारी की है, जिसमें तेज हवाएं चलने और बिजली की चमक के साथ लोग दहशत में भागते नजर आ रहे हैं। इस दौरान लोगों के चीखने की भी आवाजें आ रही हैं।
इंडोनेशिया में 17 हजार आईलैंड हैं
इंडोनेशिया के मौसम विभाग ने अगले कुछ दिनों तक लैम्पुंग और पश्चिमी सुमात्रा के कुछ हिस्सों में बारिश और तेज हवाएं चलने की संभावनाजताई है। ऐसे मौसम की वजह से देश में अक्सर भूस्खलन की घटनाएं होती रहती हैं।देश में करीब 17 हजार आईलैंड हैं।
Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today
खुफिया एजेंसियों ने आईएस आतंकी अब्दुलनासीर अल- किर्दाश को गिरफ्तार किया, इसे बगदादी का अगला उत्तराधिकारी माना जा रहा था May 20, 2020 at 09:16PM
इराकी खुफिया एजेंसी ने आतंकी अब्दुलनासीर अल- किर्दाश को गिरफ्तार किया है। वह आईएसआईएस के पूर्व नेता अबू बक्र अल-बगदादी के अगला उत्तराधिकारी बन सकता था। अल अरबिया की रिपोर्ट के मुताबिक इराक की राष्ट्रीय खुफिया एजेंसी ने इसकी पुष्टि की है। खुफिया एजेंसी ने बुधवार को कहा,‘‘आज आतंकी अब्दुलनासीर अल-किर्दाश को गिरफ्तार किया गया। कार्रवाई सटीक खुफिया जानकारी के आधार पर हुई। वह बगदादी का अगला उत्तराधिकारी माना जा रहा था।’’
किदार्श की गिरफ्तारी इराक के पूर्व खुफिया प्रमुख मुस्तफा अल-कादिमी के प्रधानमंत्री बनने के एक महीने बाद हुई है। किर्दाश आईएसएस की वार्ताकमेटी का प्रमुख था। उसने आईएसआईएस में अबू मुसाब अल-जरकावी के समय भी इस आतंकी संगठन में काम किया था।
किर्दाश बगदादी का विश्वस्त माना जाता है
किर्दाश ने हाल के दिनों में सिरिया के अल-बगहौज में आतंकियों की अगुवाई की थी। यह इराक की सीमा से सटा एक छोटा सा शहर है। कुछ महीनों पहले तक इसपर आईएसआईएस का कब्जा था। उसने कई मौकों पर रणनीतियां बनाने के लिए बगदादी और आईएस के दूसरे शीर्ष आतंकियों के साथ बैठक करने की भी बात कबूली है। बगदादी पिछले साल अमेरिकी सेना के ऑपरेशन में सिरिया के इडलिब शहर में मारा गया था।
Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today