Wednesday, June 24, 2020
UK PM terms Sino-India standoff 'very serious, worrying situation'; calls for dialogue June 24, 2020 at 07:17PM
WHO warns of oxygen shortage as Covid cases set to top 10 million June 24, 2020 at 06:59PM
विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी ने कहा- चीन से तनाव के बीच भारत हमारे देश पर हमला कर सकता है June 24, 2020 at 06:44PM
पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी ने कहा है कि चीन से तनाव के बीच भारत हमारे देश पर हमला कर सकता है। अगर ऐसा होता है तो हम भी जवाब देंगे। इससे एक दिन पहले ही भारत ने पाकिस्तान से कहा था कि वह दिल्ली में अपने हाईकमीशनसे 50% कर्मचारियों पर वापस बुला ले, क्योंकि वे जासूसी कर रहे हैं। इसपर भी कुरैशी नाराजगी ने जाहिर की। उन्होंने कहा कि अगर ऐसा हुआ तो हम भी भारतीय हाईकमीशनके कर्मचारियों को अपने देश लौटने के लिए कहेंगे।
दिल्ली पुलिस ने 31मई कोपाकिस्तानी दूतावास के दो अफसरों को जासूसी करते पाया था। जब दोनों अफसर एक व्यक्ति को पैसों का लालच देकर सुरक्षा से जुड़े दस्तावेज ले रहे थे तो उन्हें रंगे हाथगिरफ्तार कर लिया गया था। ये दूतावास में वीजा असिस्टेंट के तौर पर काम करते थे। दोनों जासूसों को 24 घंटे के भीतर छोड़ने के लिए कहा गया था। इसके बाद से ही पाकिस्तान बौखलाया हुआ है।
पाकिस्तान में भारतीय अफसरों के साथ बदसलूकी हुई थी
इस्लामाबाद में 15जून को भारतीय हाईकमीशन के दो अफसरों के साथ बदसलूकी की गई थी।इन्हेंहिट एंड रन मामले में हिरासत में लेकर मारपीट की गई। मामले की जानकारी मिलते ही भारत ने पाकिस्तान के हाईकमीशन को समन भेजा था। भारत ने पाकिस्तान से कहा था कि गिरफ्तार किए गए अफसरों को परेशान नकरें और न हीउनसे किसी तरह की पूछताछ की जाए। अफसरों को तुरंत उनकी कार समेत भारतीय दूतावास भेजा जाए। इसके बाद अफसरों को भारतीय हाईकमीशन पहुंचा दिया गया।
Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today
केन्या की कोर्ट ने चीन के साथ 24,315 करोड़ रु. के रेलवे कॉन्ट्रैक्ट को गैरकानूनी बताया, सरकार अब सुप्रीम कोर्ट में अपील करेगी June 24, 2020 at 06:13PM
केन्या की कोर्ट ने चीन के अरबों डॉलर के रेलवे कॉन्ट्रैक्ट को गैरकानूनी बताया है। साउथ चाइना मॉर्निंग पोस्ट (एससीएमपी) के मुताबिक, यहां की अपीलीय अदालत ने केन्या और चाइनरोड एंड ब्रिज कॉरपोरेशन (सीआरबीसी) के बीच हुए 3.2 बिलियन डॉलर (लगभग 24,315 करोड़ रु.) के रेलवे कॉन्ट्रैक्ट को अवैध बताया।
एससीएमपी के मुताबिक, केन्या में हाईकोर्ट के फैसलों से निकलने वाले मामलों को देखने वाली अपीलीय अदालत ने पाया कि सरकार की केन्या रेलवे ने स्टैंडर्ड गेज रेलवे (एसजीआर) की खरीद में देश के कानून का उल्लंघन किया है। यह चीन की बेल्ट एंड रोड इनिशिएटिव (बीआरआई) के तहत की गई अरबों डॉलर की प्रोजेक्ट है।
केन्या के एक्टिविस्टओकीया ओमताह और लॉ सोसाइटी ऑफ केन्या के वकीलों के एक समूह ने 2014 में एसजीआर के निर्माण को रोकने के लिए केस किया था। उनका कहना था कि रेलवे एक पब्लिक प्रोजेक्ट है, जिसकी खरीद प्रक्रिया बिल्कुल निष्पक्ष, प्रतिस्पर्धी और पारदर्शी होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि इस प्रोजेक्ट के लिए बिना कोई टेंडर जारी किए इसका कॉन्ट्रैक्ट सीधे एक कंपनी को सौंप दिया गया।
पहले हाईकोर्ट ने केस खारिज कर दिया था
साउथ चाइना मॉर्निंग पोस्ट के मुताबिक, हाईकोर्ट ने पहले इस केस को खारिज कर दिया था। अभियोक्ताओं ने जिन डॉक्यूमेंट का इस्तेमाल किया था, उसे कोर्ट ने अवैध बताया और रिकॉर्ड से बाहर कर दिया था। कहा था कि केस को मजबूत बनाने के लिए जिन पेपर का इस्तेमाल किया गया था, वह सरकार की नजर में गुप्त दस्तावेज हैं। इसके बादप्रोजेक्ट के खिलाफ अपीलीय अदालत में नई अपील दायर की गई।
रेलवे का काम 2017 से शुरू है। वहीं, अपीलीय अदालत का फैसला अभियोक्ताओं के पक्ष में तब आया है जब प्रोजेक्ट का बड़ा हिस्सा पूरा हो गया है। अब केन्या की सरकार या सीआरबीसी इस मामले को लेकर सुप्रीम कोर्ट जा सकती है। सीआरबीसी और केन्या रेलवे दोनों ने इस समझौते का बचाव किया है। उनका कहना है कि केन्या की सरकार ने एसजीआर प्रोजेक्ट के लिए एक्सिम बैंक ऑफ चाइना से 24,315 करोड़ रु. का कर्ज लिया है।
2014 में सीआरबीसी को रेलवे लाइन का ठेका मिला
2014 में सीआरबीसी को मोम्बासा बंदरगाह से नैरोबी तक रेलवे लाइन बनाने का ठेका दिया गया था। साउथ चाइना मॉर्निंग पोस्ट ने बताया कि इसकी पैरेंट कंपनी चाइना कम्युनिकेशंस कंस्ट्रक्शन ने बाद में नैरोबी से नैवाशा तक इसका विस्तार करने के लिए कदम बढ़ाया। यह 1.5 बिलियन डॉलर (लगभग 11,363 करोड़ रु.) का दूसरा प्रोजेक्ट था। दोनों प्रोजेक्ट पूराहो चुका है। यहां पैसेंजर और कार्गो ट्रेनें चल रही हैं।
1030 करोड़ रु. के राजस्व की कमाई
एसजीआर ने पिछले साल कार्गो और पैसेंजर ट्रेनों से 136 मिलियन डॉलर (1030 करोड़ रु.) का राजस्व कमाया। इस महीने की शुरुआत में केन्या की संसद ने कहा कि केन्या रेलवे ने अफ्रीका स्टार रेलवे को 380 मिलियन डॉलर का मैनेजमेंट फी का भुगतान नहीं किया है। अफ्रीका स्टार रेलवे सीआरबीसी की सहायक कंपनी है, जिसे 2017 में एसजीआर पर पैसेंजर और कार्गो ट्रेनों के प्रबंधन करने का ठेका मिला था।
Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today
'Coming back and biting us': US sees coronavirus resurgence June 24, 2020 at 05:09PM
Australia deploys 1,000 troops to Melbourne virus outbreak June 24, 2020 at 05:18PM
Russians cast early votes in ballot to extend Putin's rule June 24, 2020 at 05:38PM
WikiLeaks founder Assange faces new indictment in US June 24, 2020 at 05:22PM
अमेरिकी विदेश विभाग ने कहा- पाकिस्तान अब भी आतंकियों के लिए सुरक्षित पनाहगाह, वहां दहशतगर्दों की हिफाजत करती है सरकार June 24, 2020 at 05:33PM
अमेरिकी विदेश मंत्रालय की एक रिपोर्ट में कहा गया है कि पाकिस्तान अब भी आतंकियों के लिए सुरक्षित ठिकाना बना हुआ है। बुधवार को यह रिपोर्ट संसद के सामने पेश की गई। इसके मुताबिक, अफगानिस्तान में हमलों के लिए जिम्मेदार तालिबान को पाकिस्तान का समर्थन जारी है। यहां हक्कानी नेटवर्क, लश्कर-ए-तैयबा और जैश-ए-मोहम्मद जैसे आतंकी संगठन खुलेआम काम कर रहे हैं।
अफगानिस्तान और भारत को खतरा
‘कंट्री रिपोर्ट ऑन टेरेरिज्म 2019’ में कहा गया है- पिछले साल पाकिस्तान ने आतंकी संगठनों को मिलने वाली फंडिंग और इन्हें काबू करने में दिलचस्पी नहीं दिखाई। फरवरी में आतंकी गुटों ने भारत के पुलवामा में बड़ा हमला किया था। पाकिस्तान अब तक उन टेरर ग्रुप्स के खिलाफ सख्ती दिखाने में नाकाम रहा है जो भारत और अफगानिस्तान के लिए खतरा हैं।
एक्शन प्लान पर काम करे पाकिस्तान
रिपोर्ट में आगे कहा गया है- 2015 में पाकिस्तान ने आतंकियों पर कार्रवाई के लिए एक्शन प्लान बनाया था। इसमें कहा गया था कि हर संगठन को खत्म किया जाएगा। लेकिन, ऐसा कुछ नहीं हुआ। मुंबई हमले के मास्टरमाइंड हाफिज सईद पर दिखावे की कार्रवाई हुई। लेकिन, जैश के सरगना मसूद अजहर और साजिद मीर अब भी खुलेआम घूम रहे हैं। इनकी हिफाजत सरकार ही कर रही है।
मदरसों का रजिस्ट्रेशन ही नहीं
पाकिस्तान में मदरसों का कट्टरता का गढ़ माना जाता रहा है। रिपोर्ट में इसका जिक्र है। इसके मुताबिक- 2015 के एक्शन प्लान में कहा गया था कि मदरसों पर सरकार नजर रखेगी। इनके लिए नियम बनाए जाएंगे। लेकिन, हकीकत यह है कि अब तक कई मदरसों का रजिस्ट्रेशन ही नहीं किया गया। मदरसे ये भी नहीं बताते कि उन्हें फंडिंग कहां से मिलती है। यहां जो विदेशी आते हैं, उनके वीजा और बाकी जांच भी नहीं की जाती।
Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today
नेपाली कांग्रेस के तीन सांसदों ने प्रधानमंत्री को भेजी चिठ्ठी में लिखा- बातचीत कर हमारे देश की जमीन वापस लाएं June 24, 2020 at 04:38PM
नेपाल के कुछ इलाकों पर चीन का कब्जा सामने आने के बाद इसके खिलाफ आवाज उठने लगी है। नेपाल की जमीन पर चीनी कब्जे का खुलासा एक अखबार ने किया था। अब नेपाल की विपक्षी पार्टी नेपाली कांग्रेस के तीन सांसदों ने प्रतिनिधि सभा के सचिव को एक चिट्ठी सौंपी है। इसमें सांसदों ने प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली से कहा है कि वह चीन सरकार से बातचीत कर नेपाल की जमीन वापस लाएं। सांसदों ने चिट्ठी में लिखा है कि चीन ने नेपाल के कई जिलों के 64 हेक्टेयर जमीन पर कब्जा कर लिया है। इनमें हुमला, सिंधुपालचौक, गोरखा और रसुवा जिले शामिल हैं।
सांसदों ने प्रधानमंत्री ओली से कहा है कि चीन ने पिलर नंबर 35 शिफ्ट कर दिया है। इससे गोरखा जिले का रुई गुवान गांव उनके कब्जे में चला गया। अब इस गांव के 72 परिवार चीन के तिब्बत स्वायत्त क्षेत्र (टीएआर) के नागरिक बताए जा रहे हैं। इसी तरह धार्चूला जिले के 18 घरों पर भी चीन अपना दावा कर रहा है।
रुई गुवान पर 60 साल से चीन का कब्जा
इससे पहले नेपाल के पेपर अन्नपूर्णा पोस्ट ने दावा किया था कि रुई गुवान गांव में 60 साल से चीन का राज चल रहा है। नेपाल की सरकार ने कभी इसका विरोध नहीं किया।नेपाल सरकार के आधिकारिक नक्शे में भी यह गांव नेपाल की सीमा के भीतर ही दिखाया गया है। गोरखा जिले के रेवेन्यू दफ्तर में भी रुई गुवान गांव के लोगों से रेवेन्यू वसूले जाने के दस्तावेज हैं,लेकिन यहां पर नेपाल प्रशासन नहीं चलता है। इस वजह सेचीन ने इस इलाके कोअपने अधिकार में ले रखा है।
नेपाल कभी चीन से अपने इलाके नहीं हारा
चीन ने जिन इलाकों पर कब्जाकिया वह नेपाल कभी भी चीन से जंग के दौरान नहीं हारा और ना ही दोनों देशों के बीच ऐसा कोई विशेष समझौता हुआ था। यह केवल सरकारी लापरवाही का नतीजा है। दोनों देशों ने सीमाएं तय करने और पिलर लगाने के लिए 1960 में सर्वेयर लगाए थे। लेकिन, जानबूझकर पिलर नंबर 35 को ऐसी जगह लगाया गया, जिससे नेपाल का इलाका चीन के अधिकार में चला गया।इसके अलावा वह अब चेकम्पार सीमा के कई इलाकों पर भी पिलर लगाकर मार्किंग शुरू कर रहा है।
Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today
डब्ल्यूएचओ ने कहा- अगले हफ्ते संक्रमण के मामले 1 करोड़ के पार, हर सप्ताह 10 लाख केस सामने आ रहे; दुनिया में अब तक 95 लाख से ज्यादा मरीज June 24, 2020 at 04:37PM
दुनिया में कोरोनावायरस से अब तक 95 लाख 27 हजार 099 लोग संक्रमित हो चुके हैं। इनमें 51 लाख 75 हजार 240 लोग ठीक भी हुए हैं। 4 लाख 84 हजार 956 लोगों की मौत हो चुकी है। डब्ल्यूएचओ के महानिदेशक टेड्रोस एडहोनम गेब्रियेसियोस ने बुधवार को कहा कि अगले हफ्ते तकसंक्रमण का मामला 1 करोड़ से ज्यादा हो सकता है। फिलहाल, हर हफ्ते 10 लाख से ज्यादा केस सामने आ रहे हैं। वहीं, कई देश ऑक्सीजन कंस्नट्रेटर मशीन की कमी से जूझ रहे हैं।
डब्ल्यूएचओ प्रमुख ने कहा कि फिलहाल मशीन की मांग आपूर्ति से ज्यादा हो गई है। संक्रमितों की संख्या बढ़ने के चलते हर दिन 88 हजार बड़े ऑक्सीजन सिलेंडर की कमी होती जा रही है। ऑक्सीजन कंस्नट्रेटरसंक्रमित मरीजों को सांस लेने के लिए जरूरी होती है। अगले कुछ दिनों में 120 देशों को 14 हजार ऑक्सीजन कंस्नट्रेटर भेजने की योजना है।
देश |
कितने संक्रमित | कितनी मौतें | कितने ठीक हुए |
अमेरिका | 24,63,271 | 1,24,281 | 10,40,605 |
ब्राजील | 11,92,474 | 53,874 | 6,49,908 |
रूस | 6,06,881 | 8,513 | 368,822 |
भारत | 472,985 | 14,907 | 2,71,688 |
ब्रिटेन | 306,862 | 43,081 | उपलब्ध नहीं |
स्पेन | 2,94,166 | 28,327 | उपलब्ध नहीं |
पेरू | 2,64,689 | 8,586 | 1,51,589 |
चिली | 2,54,416 | 4,731 | 2,15,093 |
इटली | 2,39,410 | 34,644 | 1,86,111 |
ईरान | 2,12,501 | 9,996 | 1,72,096 |
10 देश जहां कोरोना का असर सबसे ज्यादा
ये आंकड़ेhttps://ift.tt/37Fny4Lसे लिए गए हैं।
ब्राजील: एक दिन में 42,725 मामले
ब्राजील के स्वास्थ्य मंत्रालय ने गुरुवार को कहा कि 24 घंटे में 42,725 मामले सामने आए हैं। वहीं, 1185 लोगों की मौत हुई है। इसके साथ ही संक्रमितों की संख्या बढ़कर 11 लाख 88 हजार 631 पहुंच गई है। यहां मरने वालों की संख्या बढ़कर 53,830 हो गई है। एक दिन पहले ब्राजील में 39,436 मामले सामने आए थे और 1374 लोगों की मौत हुई थी। संक्रमण के मामले में ब्राजील अमेरिका के बाद दूसरे नंबर पर है।
रूस: मॉस्को में अब तक 3666 मौतें
मॉस्को में 24 घंटे में संक्रमण से 12 लोगों की मौत हुई है। यहां मरने वालों की संख्या 3669 हो गई है। एक दिन पहले शहर में 14 लोगों की मौत हुई थी। रूस में संक्रमितों की संख्या 6.06 लाख से ज्यादा है। यहां अब तक 8500 लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि 3.68 लाख से ज्यादा ठीक हो चुके हैं। मॉस्को में इस समय 2.16 लाख से ज्यादा मामले हैं।
इजरायल: 532 नए मामले
इजरायल के स्वास्थ्य मंत्रालय ने गुरुवार को कहा कि देश में 532 नए मामले सामने आए हैं। यहां संक्रमितों की संख्या बढ़कर 22,044 हो गई है। मरने वालों की संख्या 308 हो गई है। देश में अब तक 15,940 मरीज ठीक हो चुके है। सक्रिय मामलों की संख्या 5796 है, जो कि चार मई के बाद से सबसे अधिक है।
Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today
अमेरिका में पटाखों से परेशान लोगों ने मेयर के घर के बाहर रातभर हॉर्न बजाया; सुबह नए नियम बन गए June 24, 2020 at 03:00PM
अमेरिका के कई शहरों के लोग रातभर अलग-अलग जगह होने वाली आतिशबाजी की वजह से परेशान हैं। हालात ये हैं कि लोग सो नहीं पा रहे हैं। सबसे ज्यादा परेशानी न्यूयॉर्क सिटी में है। अवैध पटाखों पर प्रतिबंधों के बावजूद यहां जमकर आतिशबाजी हो रही है। ऐसे हालात कैलिफोर्निया, ब्रुकलिन, बाल्टीमोर और ओकलैंड में भी है।
शिकायतों के बावजूद सुनवाई न होने पर न्यूयॉर्क सिटी के लोग शहर के मेयर बिल डी ब्लासियो के घर के बाहर रातभर हॉर्न बजाते रहे। लोगों ने उनसे परेशानी साझा करते हुए कहा कि अगर हम चैन से नहीं सो पा रहे हैं, तो आपको भी सोने नहीं देंगे। इसके बाद मेयर ने सुबह होते ही सख्त फैसले लिए।
उन्होंने 42 लोगों की टास्क फोर्स बनाई, जिनमें 10 पुलिस अधिकारी, 12 फायर मार्शल और 20 इन्वेस्टीगेटर्स शामिल हैं। ये टीम जांच के अलावा स्टिंग ऑपरेशन भी करेगी और पता लगाएगी कि प्रतिबंध के बावजूद अवैध पटाखे कहां से आ रहे हैं, कौन इनका कारोबार कर रहा है और सप्लाई का तरीका क्या है। इसके बाद दोषियों पर सख्त कार्रवाई की जाएगी।
इमरजेंसी नंबर पर एक महीने में 12,500 से ज्यादा शिकायतें
लोग इतने परेशान हैं कि अकेले न्यूयॉर्क सिटी में इमरजेंसी नंबर पर एक महीने में 12,500 से ज्यादा शिकायतें दर्ज की गई हैं। यह 2019 के पहले 6 महीने में दर्ज हुई शिकायतों की तुलना में 12 गुना ज्यादा है। ब्रुकलिन में तो जून में अब तक 4,500 से ज्यादा शिकायतें आ चुकी हैं।
Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today
इमरान के सांसद ने पार्लियामेंट में कहा- टिड्डियां खाने से रुक सकता है कोरोना, सरकार इजाजत दे तो महामारी खत्म कर देंगे पाकिस्तानी June 24, 2020 at 03:13AM
पाकिस्तान के सांसद रियाज फाटयाना ने बुधवार को कोरोनावायरस पर काबू पाने का नया नुस्खा बताया। संसद में कोरोना पर चर्चा के दौरान रियाज ने कहा- कहा जा रहा है कि टिड्डियां खाने से इम्युनिटी बढ़ती है। सरकार इस दावे की जांच कराए। अवाम को इसकी मंजूरी दे। पाकिस्तानी खुद ही कोरोनावायरस का काम तमाम कर देंगे।
रियाज इमरान खान की पार्टी पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ के सांसद हैं। तीन दिन पहले कैबिनेट मंत्री जरताज गुल ने बताया था कि कोविड-19 का मतलब यह है कि वायरस में 19 प्वॉइंट्स होते हैं।
कोरोना संकट और रियाज का दावा
पाकिस्तानी संसद में बुधवार को कोरोना संकट पर चर्चा हुई। सरकार की तरफ से बोलने वालों की लिस्ट में रियाज भी शामिल थे। उन्होंने कहा, “लोग मानते हैं कि टिड्डियां खाने से कोरोनावायरस से बचा जा सकता है। इसे खत्म किया जा सकता है। इस बारे में रिसर्च कराया जाना चाहिए। अगर ये साबित हो जाता है तो पाकिस्तान के लोग अपने दम पर कोरोना का काम तमाम कर देंगे। सरकार को कुछ करने की जरूरत ही नहीं रहेगी।”
संसदीय समिति के अध्यक्ष हैं रियाज
रियाज कानून और इंसाफ मामलों की संसदीय समिति के अध्यक्ष भी हैं। कुछ दिन पहले ही उन्होंने महंगाई कम करने पर भी सुझाव दिया था। कहा था- अगर महंगाई पर काबू पाना है तो लोगों को वो चीजें बिल्कुल नहीं खाना चाहिए जो महंगी हो रही हैं। यह सुझाव उन्होंने तब दिया था जब मुल्क में आटा और दाल की कीमतें बेतहाशा बढ़ रहीं थीं।
कैबिनेट मंत्री का ज्ञान भी वायरल
21 जून को पाकिस्तान की जलवायु परिवर्तन मंत्री जरताज गुल ने कोविड-19 की एक अलग ही परिभाषा दी थी। एक इंटरव्यू में गुल ने कहा, ‘‘कोविड-19 का मतलब ये है कि इसमें 19 प्वॉइंट होते हैं। ये किसी भी मुल्क में किसी भी तरीके से अप्लाई हो सकता है। हमें अपनी इम्यूनिटी डेवलप करनी चाहिए।’’ गुल का वीडियो भी वायरल हुआ था।
Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today
कोरोना संक्रमितों के शरीर में 2 से 3 महीने तक रहती हैं एंटीबॉडीज, लक्षण वालों की तुलना में एसिम्प्टोमैटिक मरीजों में जल्दी गिरता है इसका स्तर June 24, 2020 at 01:42AM
अपूर्वा मंडाविली. क्या सभी कोरोनासंक्रमित व्यक्तियों का शरीर एंटीबॉडीज बनाता है? अगर बनाता है तो यह कितनी देर तक जिंदा रहती हैं? ऐसे ही कुछ सवालों ने वैज्ञानिकों को चिंता में डाल रखा है, लेकिन हाल ही में हुई एक स्टडी इनके जवाब देती हुई नजर आ रही है। नेचर मेडिसिन में गुरुवार को प्रकाशित एक स्टडी बताती है कि एंटीबॉडीज केवल दो से तीन महीने ही रह सकती हैं। खासतौर से उन लोगों में जिनमें संक्रमित होने के बाद बीमारी के कोई लक्षण नहीं देखे गए थे।
कई एक्सपर्ट्स ने बतातेहैं कि इस निष्कर्ष का मतलब यह नहीं कि व्यक्ति दोबारा कोरोना संक्रमित हो सकता है। लो लेवल ताकतवर न्यूट्रलाइजिंग एंटीबॉडीज भी इम्यून सिस्टम के टी सेल्स और बी सेल्स कोसुरक्षा दे सकते हैं।
वैज्ञनिकों को थी लंबे वक्त की उम्मीद
- माना जा रहा था कि सार्स और मर्स समेत दूसरे कोरोनावायरसकी एंटीबॉडीज एक साल तक रह सकती हैं। वैज्ञानिकों को उम्मीद थी कि इस नए वायरस की एंटीबॉडीज लंबे वक्त तक रहेंगी।
- कई स्टडीज बताती हैं कि ज्यादातर लोग जो प्रत्यक्ष रूप से कोविड 19 से बीमार थे, उनमें वायरस की एंटीबॉडी डेवलप हुईं हैं। हालांकि यह अभी तक साफ नहीं है कि यह कितने वक्त तक जिंदा रहती हैं।
- यह नई स्टडी पहली बार है जो एसिम्प्टोमैटिक (बिना लक्षण )लोगों के इम्यून रिस्पॉन्स को बताती है। शोधकर्ताओं ने 37 एसिम्प्टोमैटिक मरीजों की तुलना इतनी ही संख्या में चीन के वांझाउ डिस्ट्रिक्ट में कोरोना केलक्षण विकसित कर चुके लोगों से की।
- शोधकर्ताओं ने पाया कि एसिम्प्टोमैटिक लोगों ने वायरस के प्रति कमजोर रिएक्ट किया है। 13 फीसदी लक्षण वाले मरीजों की तुलना में 40 प्रतिशत एस्मिप्टोमैटिक लोगों का एंटीबॉडी स्तर भी कम हुआ है।
इम्यून रिस्पॉन्स को स्टिम्युलेट करता है कोरोनावायरस
इस स्टडी का सैंपल साइज भी छोटा था और शोधकर्ताओं ने इम्यून सेल्स को भी शामिल नहीं किया था। इम्यून सेल जो अपने आप भी वायरस से लड़ सकते हैं और वायरस के आने पर नई एंटीबॉडीज भी बना सकते हैं। कुछ स्टडीज बताती हैं कि कोरोनावायरस सेल्युलर सुरक्षा देने वाले इम्यून रिस्पॉन्स को प्रोत्साहित करता है।
एक्सपर्ट बोले- सेल इम्युनिटी को लेकर नहीं होती बातचीत
- कोलंबिया यूनिवर्सिटी में वायरोलॉजिस्ट एंजेला रासमुसेन बताती हैं कि ज्यादातर लोग टी सेल इम्युनिटी को लेकर सजग नहीं होते हैं और काफी ज्यादा बातचीत केवल एंटीबॉडी लेवल पर फोकस्ड होती है।
- वायरस के मिलने पर उसे मारने वाले टी सेल के अलावा संक्रमित होने वाले लोग कथित मेमोरी बी सेल बना लेते हैं। यह सेल जरूरत पड़ने पर एंटीबॉडी प्रोडक्शन को बढ़ाता है। वायरोलॉजिस्ट फ्लोरियन क्रैमर के मुताबिक, अगर उन्हें दोबारा वायरस मिलता है तो वे इसे याद रखते हैं और तेजी से एंटीबॉडी बनाते हैं।
- एक नई स्टडी बताती है कि एक वायरल प्रोटीन के लिए एंटीबॉडीज का स्तर गिर गया है, लेकिन कोरोनवायरस के कथित स्पाइक प्रोटीन को टार्गेट करने वाली एंटीबॉडीज का सेकंड सेट मौजूद था। यहां तक कि लक्षण वाले लोगों की तुलना में एसिम्प्टोमैटिक लोगों में इन एंटीबॉडी में कमी आई है।
एंटीबॉडी का कम स्तर भी वायरस को हराने में कारगर
गुरुवार को जर्नल नेचर में प्रकाशित एक दूसरे पेपर के मुताबिक, एंटीबॉडीज का कम स्तर भी वायरस को नाकाम करने के लिए काफी है। डॉक्टर रासमुसेन ने बताया कि ऐसा लगता है कि कुछ एंटीबॉडीज के कम स्तर में भी न्यूट्रलाइज करने की क्षमता है। छोटे एंटीबॉडी टाइटर यह तय नहीं करते कि मरीजोंदोबारा इंफेक्शन से बचेगा।
20 से 50 प्रतिशत संक्रमित लोग बीमारी के लक्षण नहीं दिखा सकते हैं। चीन में हुए एक नई स्टडी ने इस आंकड़े को 20 प्रतिशत पर रखा है। यह स्टडी लोगों को लंबे वक्त से ट्रैक इस बात पुष्टि के लिए कर रही है कि उनमें कभी भी लक्षण नजर नहीं आए। करीब एक तिहाई एसिम्प्टोमैटिक लोगों में कोविड 19 की एक विशेषता ग्राउंड ग्लास ओपेसिटीज थी। इसके अलावा उनके फेफड़ों और सेल के प्रकारों में असामान्यताएं देखी गईं।
एसिम्प्टोमैटिक लोग वायरस ज्यादा फैलातेहैं
- स्टडी में यह भी पाया गया है कि एसिम्प्टोमैटिक लोग कोरोनासंक्रमित होने पर वायरस को ज्यादा फैलातेहैं। डॉक्टर रासमुसेन बताती हैं कि इससे यह पता चलतीहै कि एसिम्प्टोमैटिक मरीजों में भी वायरस फैलाने की क्षमता होती है।
- हालांकि अभी तक डॉक्टर रासमुसेन और दूसरे एक्सपर्ट्स को यह साफ नहीं है कि एसिम्प्टोमैटिक मरीज के फैलाएवायरस दूसरों को कितना संक्रमित कर सकतेहैं।
- येल यूनिवर्सिटी में वायरल इम्युनोलॉजिस्ट अकीको इवासाकी कहते हैं कि यह जानना बेहद जरूरी है कि क्या वे संक्रमण वाला वायरस फैलारहे हैं या नहीं। डॉक्टर इवासाकी दूसरे एक्सपर्ट्स से ज्यादा चिंतित हैं।
- इवासाकी कहते हैं कियह रिपोर्ट्स मजबूत वैक्सीन की जरूरत को बताती है। क्योंकि ज्यादातर लोगों में इंफेक्शन के दौरान विकसित हुई इम्युनिटी बहुत कम समय तक रहती है।हम हर्ड इम्युनिटी को प्राप्त करने के लिए नेचुरल इंफेक्शन पर निर्भर नहीं रह सकते।
Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today
पाकिस्तान के एविएशन मिनिस्टर ने कहा- क्रैश के लिए पायलट जिम्मेदार, वो कोरोना पर चर्चा में मशगूल थे; देश के 40% पायलट्स के लाइसेंस फर्जी June 24, 2020 at 01:12AM
पाकिस्तान के कराची में 22 मई को हुए प्लेन क्रैश की जांच रिपोर्ट बुधवार को संसद में पेश की गई। रिपोर्ट पेश करते हुए एविएशन मिनिस्टर गुलाम सरवर खान ने कहा- एयरक्राफ्ट में कोई टेक्निकल फॉल्ट नहीं था। क्रैश के लिए पायलट, केबिन क्रू और एटीसी जिम्मेदार हैं। क्रैश के पहले पायलट कोरोनावायरस पर चर्चा कर रहे थे। इसकी रिकॉर्डिंग हमारे पास है।कराची प्लेन क्रैश में 8 केबिन क्रू समेत 97 लोग मारे गए थे। 2 लोग बच गए थे।
सरवर ने पाकिस्तान एयरलाइंस (पीआईए) पर हैरान करने वाला खुलासा किया। उन्होंने कहा- हमारी सरकारी एयरलाइंस में 40% पायलट के पास फर्जी लाइसेंस हैं।
ओवर कॉन्फिडेंट थे पायलट- रिपोर्ट
सरवर ने कहा, “पायलट ओवर कॉन्फिडेंट थे। उन्होंने एयरक्राफ्ट पर ध्यान नहीं दिया। एटीसी ने उनसे प्लेन की ऊंचाई बढ़ाने को कहा। जवाब में एक पायलट ने कहा कि वो सब संभाल लेगा। पूरी फ्लाइट के दौरान दोनों पायलट कोरोनावायरस से परिवार को बचाने के बारे में बातचीत करते रहे।”
प्लेन ने तीन बार रनवे को छुआ था
जांच की शुरुआती रिपोर्ट पेश करते हुए सरवर ने आगे कहा, “हादसे के लिए जो भी जिम्मेदार हैं, उन्हें बख्शा नहीं जाएगा। पायलट्स ने तीन बार लैंडिंग गियर खोले बिना उतरने की कोशिश की। इससे प्लेन के इंजिन खराब हो गए। बाद में एयरक्राफ्ट क्रैश हो गया। हमारे पास पायलट्स और एटीसी की बातचीत का पूरा रिकॉर्ड है। मैंने खुद ये सुना है।”
पायलटों की भर्ती में सियासी दखल
सरवर ने पीआईए के बारे में चौंकाने वाला खुलासा किया। कहा, “हमारी सरकारी एयरलाइंस में 40% पायलट ऐसे हैं जो फर्जी लाइसेंस से एयरक्राफ्ट उड़ा रहे हैं। इन लोगों ने न तो कभी एग्जाम दिया और न इनके पास फ्लाइंग एक्सपीरिएंस है। इनकी भर्ती में सियासी दखलंदाजी होती है। 4 पायलट्स की तो डिग्री भी जाली पाई गईं हैं।”
Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today
उ.कोरिया की वेबसाइट से द.कोरिया के खिलाफ लिखे गए आर्टिकल हटाए गए, मिलिट्री एक्शन पर भी रोक लगाई June 24, 2020 at 01:06AM
उत्तर कोरिया के नेता किम जोंग उन ने दक्षिण कोरिया के खिलाफ मिलिट्री एक्शन पर रोक लगा दी है। इसके कुछ घंटों बाद ही उ.कोरिया की वेबसाइटों से 12 से ज्यादा द.कोरिया के विरोध में लिखे आर्टिकल हटा दिए गए। सेंट्रल मिलिट्री कमीशन की मीटिंग में किम जोंग उन ने घोषणा की कि वह अपनी सेना पर रोक जारी रखेगा।
उ. कोरिया से भागकर गए लोग सरकार विरोधी पर्चे भेजते हैं
उ.कोरिया से भाग कर गए लोगों का समूह किम जोंग उन समेत वहां के सरकार की आलोचना वाले पर्चे गुब्बारों के जरिए यहां भेजता है। इन गुब्बारों को ज्यादा से ज्यादा लोग उठाएं इसलिए इनमें भोजन और कई चीजें भी होती हैं। इसका मकसद उत्तर कोरिया के लोगों में सत्ता के खिलाफ विद्रोह की भावना जगानाहै। इन गुब्बारों के साथ भेजे जाने वाले पर्चे और भोजन के कारण दोनों देशों के बीच तनाव काफी बढ़ गया है।
द. कोरिया की सरकारी न्यूज एजेंसी योनहाप के मुताबिक, डीपीआरके टुडे और मेयर जैसे उत्तर कोरियाई सरकार केसमर्थक न्यूज आउटलेट की वेबसाइटों से आर्टिकल और ओपिनियन हटा लिए गए हैं। उ.कोरिया से द.कोरिया गए समूह ने इस महीने की शुरुआत में डिमैटेरियलाइज्ड जोन (डीएमजेड) में उ.कोरिया विरोधी मैसेज साथ गुब्बारे उड़ाए थे।
उ.कोरिया ने 16 जून को संपर्क कार्यालय उड़ा दिया
इसके बाद से दोनों देशों के बीच विवाद बढ़ गया था। उ.कोरिया ने दोनों देशों के बॉर्डर के पास सैनिक तैनात करने की धमकी दी थी। उ.कोरिया ने द. कोरिया से जुड़ी हॉटलाइन समेत सभी कम्युनिकेशन लाइनें बंद कर दी थी। साथ ही 16 जून को केयसोंग शहर स्थित ऑफिस को बम से उड़ा दिया था। यह ऑफिस दोनों देशों के बीच अच्छे रिश्ते बनाने के लिए 2018 में खोला गया था।
ये भी पढ़ें
Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today
Pilots of crashed PIA plane were not focussed: Minister June 23, 2020 at 11:48PM
China warns US over actions against 4 more media outlets June 23, 2020 at 06:58PM
भारतीय सिख के रेस्टोरेंट में तोड़फोड़, दीवारों पर नफरत फैलाने वाले नारे लिखे; भगवान की मूर्ति भी तोड़ी June 23, 2020 at 09:15PM
न्यू मैक्सिको शहर कीसैंटा फे सिटी में भारतीय के खिलाफ हेट क्राइम का मामला सामने आया। मंगलवार को यहां कुछ लोगइंडिया पैलेस रेस्टोरेंट में घुसे। तोड़फोड़ की। भगवान की मूर्ति तोड़ दी। बाद में दीवार पर नफरत फैलाने वाले नारे लिख दिए।
रेस्टोरेंट के मालिक बलजीत सिंह के मुताबिक, किचेन और सर्विंग एरिया को काफी नुकसान पहुंचा है। बलजीत के मुताबिक, उन्हें1 लाख डॉलर (करीब 75 लाख रु.) का नुकसान हुआ। लोकल पुलिस और फेडरल इन्वेस्टिगेशन ब्यूरो (एफबीआई) घटना की जांच कर रही है।
सिख संगठन नेचिंता जताई
अमेरिका में सिखों के संगठन ‘सिख अमेरिकन लीगल डिफेंस एंड एजूकेशन फंड (सालडेफ) ने घटना की निंदा की है। सालडेफ की एक्जीक्यूटिवडायरेक्टर किरण कौर गिल ने कहा- इस तरह की नफरत और हिंसा ठीक नहीं है। सभी अमेरिकियों की सुरक्षा तय करने के लिए फौरनकार्रवाई की जानी चाहिए। सैंटा फे में रहने वाले सिख लोगों के मुताबिक- यह शांत इलाका है। यहां 1960 से सिख समुदाय के लोग रह रहे हैं। इस तरह की घटना पहले कभी नहीं हुई।
29 अप्रैल को कोलोराडो में एक सिख पर हमला हुआ था
बीते दिनों सैंटा फे में अश्वेत समर्थकों ने स्पेनिश शासकों की मूर्तियां भी हटा दी थीं। इसके बाद से यहां हेट क्राइम बढ़ गया। 29 अप्रैल को कोलोराडो के लेकवुड में अमेरिकी सिख लखवंत सिंह पर एक व्यक्ति ने हमला किया था। उसने लखवंत को अपने देश लौट जाने को कहा। आरोपी का नाम एरिक ब्रीमैन बताया गया है। अब तक उसके खिलाफ हेट क्राइम का मामला दर्ज नहीं किया गया है।
Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today