Saturday, January 4, 2020
Pak ditches Iran, extends tacit support to US: Report January 04, 2020 at 08:28PM
Islamist group al Shabaab attacks Kenya base also used by US forces January 04, 2020 at 07:59PM
यात्री ने महिला उबर ड्राइवर की 50 हजार रुपए की फीस चुकाई, ग्रेजुएशन डे में भी शामिल हुआ January 04, 2020 at 06:36PM
जॉर्जिया. अमेरिका के जार्जिया में एक यात्री ने 43 साल की उबर महिला ड्राइवर के यूनिवर्सिटी की फीस जमा कर दी, ताकि वह अपनी डिग्री लेकर वकील बन सके। दरअसल, 43 साल की लातोन्या यंग दो नौकरियां कर परिवार का गुजर बसर करती थी। दिन में वह हेयरस्टाइलिश का काम करती और रात में उबर ड्राइवर का। एक दिन उसे यात्री केविन ईश को अटलांटा यूनाइटेड गेम्स के लिए मर्सिडीज बेंज स्टेडियम ड्रॉप करना था। बातों-बातों में लातोन्या ने अपने जीवन के संघर्ष को केविन से शेयर किया।
उसने बताया, वह सिंगल मदर है। दो नौकरियां करती है। दो बार पढ़ाई पूरी करते-करते चूक गई। पहली बार जब 16 साल की उम्र में पहले बच्चे को जन्म दिया तब कॉलेज छोड़ना पड़ा और अभी जॉर्जिया स्टेट यूनिवर्सिटी की 700 (50,000 रुपए ) डॉलर की फीस जमा नहीं कर पाने के कारण उसकी डिग्री कंप्लीट नहीं हो पाई।
लातोन्या ने कुछ देर की बातचीत में बताया, मैंने कई बार यूनिवर्सिटी की फीस जमा करने की सोची, लेकिन जब भी मैं रुपए जोड़ती बच्चे की कोई न कोई जरूरत उसे अपनी जरूरत पूरी करने से रोक देती। लातोन्या - केविन मुलाकात के कुछ दिन बाद महिला को यूनिवर्सिटी से संदेश मिला कि वह अपनी क्लास का रजिस्ट्रेशन करा सकती है। वह सोच में पढ़ गई कि आखिर उसकी फीस किसने जमा की। दरअसल, केविन ने लातोन्या की फीस जमा कर दी थी ताकि वह अपनी क्रिमिनल जस्टिस की डिग्री ले सके और वकालत कर सके।
लातोन्या - केविन की दूसरी मुलाकात के फोटो शेयर किए
एक महीने बाद ग्रेजुएशन समारोह के दौरान लातोन्या का हौसला बढ़ाने केविन फिर मिलने पहुंचे। इस पर लातोन्या ने केविन के साथ कुछ फोटो फेसबुक पर शेयर किए हैं। अपनी पोस्ट में लातोन्या ने लिखा, आप कभी नहीं जान पाते कि ईश्वर कब आपकी जिंदगी बदलने के लिए किसी को भेज दे। लातोन्या ने केविन को धन्यवाद भी दिया। पोस्ट में लिखा, मेरा बेटा अब बढ़ा है और हाई स्कूल पास कर चुका है, लेकिन इससे फर्क नहीं पड़ता कि आप जिंदगी कैसे शुरू करते हैं, कैसे बिताते हैं, इससे बहुत फर्क पड़ता है। मैं आप सब से कुछ ज्यादा करने के लिए उत्साहित हूं। इस बारे में केविन ने मीडियो को बताया, मेरी और लातोन्या के बीच अच्छी फ्रेंडशिप हो गई है। मुझे उस पर नाज है, उसने पढ़ाई पूरी ली है।
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Cambodia building collapse toll rises to 29 as search enters 3rd day January 04, 2020 at 07:08PM
भारतीय फिल्म को 18 साल से नॉमिनेशन नहीं मिला, 37 साल पहले ‘गांधी' को मिला था बेस्ट पिक्चर का खिताब January 04, 2020 at 05:28PM
हॉलीवुड डेस्क. साल के पहले सिनेमा अवॉर्ड शो ‘गोल्डन ग्लोब’ का आयोजन 5 जनवरी को अमेरिका लॉस एंजिलिस स्थित बेवरली हिल्स में किया जाएगा।भारत में इसका लाइव प्रसारण 6 जनवरी सुबह 7:30 बजे से होगा। हॉलीवुड फॉरेन प्रेस एसोसिएशन द्वारा किए जा रहे 77वें गोल्डन ग्लोब का आयोजन इस साल भी लॉस एंजिलिस स्थित बेवरली हिल्स में किया जा रहा है। दर्शक सेरेमनी का प्रसारण कॉमेडी सेंट्रल इंडिया, वीएच1 और कलर्स इनफिनिटी पर देख सकते हैं।
भारत की ओर से इस साल भी गोल्डन ग्लोबएक भी नॉमिनेशन नहीं है। आखिरी बार 2002 में मीरा नायर की फिल्म ‘मॉनसून वेडिंग' बेस्ट फॉरेन लैंग्वेज मोशन पिक्चर कैटेगरी मेंनॉमिनेट हुई थी। 37 साल पहले फिल्म ‘गांधी'इस खिताब को जीतने वाली आखिरी भारतीय फिल्म थी।
भारतीय फिल्में दो बार खिताब जीत चुकीं हैं
भारतीय फिल्मों ने अब तक गोल्डन ग्लोब अवॉर्ड जीतने में दो बार कामयाबी हासिल की है। पहली बार 1959 में वी शांताराम की ‘दो आंखें बारह हाथ' ने सैमुअल गोल्डविन इंटरनेशनल अवॉर्ड अपने नाम किया था। इसके 24 साल बाद 1983 में रिचर्ड एटनबर्ग की फिल्म ‘गांधी' ने फॉरेन लैंग्वेज कैटेगिरी में बेस्ट मोशन पिक्चर का खिताब जीता था।
इसकेअलावा तीन भारतीय फिल्में अवॉर्ड के लिए नॉमिनेशन पा चुकी हैं। 1961 में आई सत्यजीत रे की ‘द वर्ल्ड ऑफ अपु' और 1981 में मीरा नायर की ‘सलाम बॉम्बे' को फॉरेन लैंगवेज कैटेगिरी में बेस्ट मोशन पिक्चर के लिए नॉमिनेट किया गया था।
नेटफ्लिक्स को मिले सबसे ज्यादा 17 फिल्म नॉमिनेशन
इस साल ओटीटी प्लेटफॉर्म नेटफ्लिक्स ने सबसे ज्यादा 17 कैटेगिरी में नॉमिनेशन हासिल किया है। नॉमिनेट की गईं कुल 5 बेस्ट फिल्मों में से तीन फिल्में ‘द आयरिशमैन', ‘मैरिज स्टोरी' और ‘द टू पोप्स' नेटफ्लिक्स स्टूडियो की हैं। इसके बाद एचबीओ स्टूडियो को 15 कैटेगिरी में नामित किया गया है।फिल्म के अलावा नेटफ्लिक्स ने टीवी सीरीज कैटेगिरी में भी 17 नॉमिनेशन्स अपने नाम किए हैं।
रिकॉर्ड पांचवी बार कार्यक्रम को होस्ट करेंगे रिकी गेरवेस
77वें गोल्डन ग्लोब कार्यक्रम को ब्रिटिश कॉमेडियन रिकी गेरवेस पांचवी बार होस्ट करने जा रहे हैं। इस मौके पर रिकी ने कहा कि एक बार फिर उन्होंने मुझे ऐसा ऑफर दिया, जिसे मैं मना नहीं कर पाया। हालांकि उन्होंने साफ किया कि वे आखिरी बार इस कार्यक्रम को होस्ट करेंगे।
पहली बार परोसा जाएगा शाकाहारी भोजन
रविवार को आयोजित होने जा रहे 77वें गोल्डन ग्लोब अवॉर्ड्स में पहली बार केवल शाकाहारी खाना परोसा जाएगा। खाने का पूरा मेन्यू केवल सब्जियों पर आधारित होगा। हॉलीवुड फॉरेन प्रेस एसोसिएशन की प्रेसिडेंट लॉरेंजो सोरिया ने बताया कि यह फैसला पर्यावरण के प्रति जागरूकता बढ़ाने के उद्देश्य से लिया गया है। इसके साथ ही कार्यक्रम के दौरान प्लास्टिक की जगह कांच की बोतलों का उपयोग किया जाएगा।
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ईरान ने अमेरिकी दूतावास पर रॉकेट दागे, ट्रम्प ने कहा- हमारे निशाने पर भी 52 ईरानी ठिकानें January 04, 2020 at 05:12PM
वॉशिंगटन. अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने शनिवार को चेतावनी दीकि ईरान में 52 ठिकानें अमेरिकी निशाने पर हैं। अगर ईरान किसी भी अमेरिकी व्यक्ति या संपत्ति पर हमला करता है, तो वे तेजी से कार्रवाई करेंगे। शुक्रवार को अमेरिका ने इराक के एयरपोर्ट पर ड्रोन से हमला कर ईरान के जनरल कासिम सुलेमानी की हत्या कर दी थी। ट्रम्प ने कहा कि जिन जगहों को निशाना बनाया गया है, उनमें से कुछ साइटें ईरान और ईरानी संस्कृति के लिए बेहद महत्वपूर्ण हैं। अमेरिका कोई और खतरा नहीं चाहता है।
सुरक्षा से जुड़े सूत्रों ने न्यूज एजेंसी को बताया कि ईरान समर्थक गुटों ने इराक में अमेरिकी दूतावास और अल-बालाद एयर बेस पर शनिवार देर रात कई रॉकेट दागे। यहां कई अमेरिकी सैनिक तैनात हैं।इराकी सेना ने मिसाइल हमलों की पुष्टि की और कहा कि कोई हताहत नहीं हुआ है। अमेरिका-ईरान के बीच बढ़े तनाव के कारण मध्य पूर्व में बड़े संघर्ष की आशंका जताई जा रही है।
‘ईरान अमेरिका की कुछ संपत्तियों को निशाना बना सकता है’
राष्ट्रपति ट्रम्प ने ट्वीट किया-ईरान अमेरिका की कुछ संपत्तियों को निशाना बनाने के बारे में बात कर रहा है। मुझे बताने की जरूरत नहीं है कि ईरान के इस्लामिक रिवोल्यूशनरी गार्ड कॉर्प्स के कमांडर मेजर जनरल कासिम सुलोमानी ने अपने जीवन अपने में कितने लोगों को मारा है। इसमें हाल ही में ईरान में मारे गए प्रदर्शनकारी भी शामिल हैं। सुलोमानीने बगदाद में अमेरिकी राजदूत पर हमला किया था और अन्य जगहों पर हमला करने की भी योजना बना रहा था।
हम हर कीमत पर अपने लोगों की रक्षा करेंगे: अमेरिका
1979 में ईरानी युवा छात्रों का एक दल जबरदस्ती अमेरिकी दूतावास में घुस गया था और वहां मौजूद सभी 52 अमेरिकियों को बंधक बना लिया था। सभी नागरिक 1981 में रिहा हुए थे। ट्रम्प ने धमकी दी है कि हमलावरों को ढूंढकर खत्म किया जाएगा। जिन्होंने भी अमेरिकी को नुकसान पहुंचाया है या ऐसा करने की साजिश रच रहे हैं, उन्हें खत्म कर देंगे। हम अपने लोगों और राजनयिकों की रक्षा करेंगे।
सही समय पर सुलेमानी की हत्या का बदला लेंगे: ईरान
ईरानी सेना के वरिष्ठ कमांडर ने कहा है कि सुलेमानी की हत्या का बदला लेने के लिए उनका देश सही समय और सही जगह का इंतजार करेगा। हम अमेरिकी कार्रवाई का बदला लेने के लिए जोरदार पलटवार करेंगे। ईरान के सर्वोच्च नेता अयातुल्ला अल-खामेनेई ने भी कहा था कि कि वे सुलेमानी की हत्या का बदला लेंगे।
पोम्पियो ने इजराइली प्रधानमंत्री से बात की
अमेरिकी विदेश मंत्री माइकल पोम्पिओ ने रविवार को इजराइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू से ‘ईरान के प्रभाव और क्षेत्र में खतरों का मुकाबला करने’ के महत्व पर बात की। पोम्पियो ने ट्वीट किया- इजरायल के पीएम नेतन्याहू और मैंने ईरान की ओर से होने वाले खतरों को लेकर बात की। आतंकवाद से लड़ने में इजरायल के लगातार समर्थन के लिए मैं शुक्रगुजार हूं। इजराइल और अमेरिका के बीच का बंधन अटूट है।
अमेरिका को आत्मरक्षा का अधिकार: नेतन्याहू
बगदाद के अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर शुक्रवार को हुए अमेरिकी हवाई हमले का प्रधानमंत्री नेतन्याहू ने समर्थन किया। नेतन्याहू ने कहा था कि अमेरिका को आत्मरक्षा का अधिकार है।
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रेस्तरां संचालक भारतीय दंपति पीड़ितों को मुफ्त कढ़ी-चावल खिला रहा, कहा- सेवा हमारा कर्तव्य है January 04, 2020 at 05:00PM
मेलबर्न. भारतीय मूल केकंवलजीत सिंह और उनकी पत्नी कमलजीत कौर ऑस्ट्रेलिया में आग से प्रभावित लोगों को मुफ्त खाना खिला रहे हैं। दंपति पूर्वी विक्टोरिया के बर्न्सडेल इलाके में ‘देसी ग्रिल’ रेस्तरां चलाता है। पिछले चार महीने से जारी आग की घटना से इस इलाके में रहने वाले सैंकड़ों लोग बेघर हो गए। जो मेलबर्न स्थित चैरिटी सिख वॉलेंटियर्स आस्ट्रेलिया के अस्थाई शिविरों में शरण लिए हुए हैं। दंपति और उनके कर्मचारी कढ़ी-चावल बनाकर इस एनजीओ को सौंपते हैं जिससे इन बेघरों का पेट भर रहा है।
डेली मेल में प्रकाशित रिपोर्ट के मुताबिक, सिख दंपति यहां पिछले छह साल से रह रहा है। कंवलजीत सिंह ने कहा, “मुझे लगा कि हमें अपने साथी ऑस्ट्रेलियाई लोगों की मदद करनी चाहिए क्योंकि यह हमारा कर्तव्य है। आग के कारण लोग गंभीर रूप से प्रभावित हुए हैं और उन्हें भोजन और ठहरने के लिए जगह की जरूरत है।”
हमारे पास एक दिन में 1000 लोगों के लिए खाना बनाने की क्षमता: दंपति
सिख दंपति ने कहा, “हम सिख हैं और सिखों की जिंदगी जीने के तरीके का पालन कर रहे हैं। हम वही कर रहे हैं जो आज अन्य ऑस्ट्रेलियाई नागरिक कर रहे हैं। अभी उन लोगों के लिए सेवा और प्रार्थना करने का समय है, जो जंगल में लगी भयावह आग से प्रभावित हुए हैं।” उन्होंने कहा कि उनकी टीम ने वॉलेंटियर्स को नए साल की पूर्व संध्या पर 500 लोगों के लिए भोजन पकाने में मदद की थी। हमारे पास एक दिन में 1000 लोगों के लिए खाना बनाने की क्षमता है।
ऑस्ट्रेलिया में अब तक 1.23 करोड़ एकड़ क्षेत्र आग की भेंट चढ़ चुका
दक्षिण-पूर्वी ऑस्ट्रेलिया के जंगल पिछले चार महीने से भीषण आग की चपेट में है। सरकार ने सीजन में तीसरी बार आपातकाल की घोषणा की है। हजारों लोग घरों से पलायन कर गए हैं और अभी तक तीन दमकलकर्मियों समेत 20 लोगों की मौत हो चुकी है और दर्जनों लापता हैं। न्यू साउथ वेल्स और पड़ोसी स्टेट विक्टोरिया में इस हफ्ते 8 लोगों की मौत हो गई। आपातकाल की वजह से लोगों को ट्रैफिक जाम का सामना करना पड़ रहा है और वाहनों में ईंधन डलवाने के लिए लंबी कतार लगानी पड़ रही है। जुलाई से अब तक न्यू साउथ वेल्स में 70 लाख एकड़ क्षेत्र जल चुका है। रूरल फायर सर्विस के मुताबिक, देश भर में 1.23 करोड़ एकड़ क्षेत्र आग की भेंट चढ़ चुका है। न्यू साउथ वेल्स में करीब 1400 घर जलकर खाक हो गए।
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समुद्र तट पर 11 व्हेल आईं, बचाने में 1000 लोग जुटे; 7 को बचाया January 04, 2020 at 03:46PM
वेलिंगटन. न्यूजीलैंड के समुद्र तट पर शनिवार को 11 व्हेल मछलियां बहकर आ गईं। इन्हें बचाने के लिए एक हजार लोग जुट गए। लोगों ने बीच पर जेसीबी से गड्ढे खोदे और उनमें पानी भरा। फिर गड्ढों में मछलियां छोड़ीं। इस तरह 7 व्हेल को बचाकर वापस समुद्र छोड़ा गया, जबकि 4 की मौत हो गई।
एडम एयनोन रिचर्ड्स नाम के व्यक्ति ने बताया कि दिन भर चली बचाव प्रक्रिया में करीब एक हजार लोग जुटे रहे। समुद्र में उनकी वापसी कराना एक अद्भुत अनुभव रहा।
थकीं होने पर नहीं लौट पा रही थीं
जीव संरक्षण विभाग के अधिकारियों ने बताया कि मछलियां बहकर आई थीं। वह काफी थकी हुई थीं। इसलिए वापस नहीं जा पा रही थीं। बीच पर उनका इलाज कर उन्हें वापस भेजा गया। अब वह तैरकर वापस जा सकेंगी। उम्मीद है कि वे जीवित रहेंगी।
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बाढ़ और भूस्खलन से अब तक 53 की मौत; क्लाउड सीडिंग से बारिश रोकने की कोशिश, 1.70 लाख लोगों ने आश्रय गृहों में शरण लिया January 03, 2020 at 11:04PM
जकार्ता. इंडोनेशिया की राजधानी जकार्ता में बारिश रोकने के लिए क्लाउड सीडिंग तकनीक का इस्तेमाल किया जा रहा है। इसके लिए बादलों में केमिकल इंजेक्ट करने के लिए दो विमानों को भेजा गया है।नए साल की पूर्व संध्या से हो रही भीषण बारिश के कारण जकार्ता और आसपास के जिलों में बाढ़ और भूस्खलन की समस्या हो गई है। आपदा से अब तक 53 लोगों की मौत हो चुकी है। 1 लाख 70 हजार लोगों ने आश्रय गृहों में शरण लिया है।
समाचार एजेंसी रॉयटर्स के अनुसार, बादलों को जकार्ता पहुंचने से पहले ही कृत्रिम बारिश कराने की योजना है। उधर, इंडोनेशिया के राष्ट्रपति जोको विडोडो ने जकार्ता से दबाव कम करने के लिए देश की राजधानी बोर्नियो द्वीप पर ले जाने की घोषणा की है। जकार्ता में आए दिन जाम की समस्या बनी रहती है।
आश्रय गृहों में साफ पानी की कमी
राष्ट्रीय आपदा न्यूनीकरण एजेंसी के प्रवक्ता अगुस विबोवो ने शनिवार कोकहा कि बाढ़ और भूस्खलन से मरने वालोंकी संख्या बढ़ सकती है। हम अभी और शव खोजने में लगे हैं। एक शरणार्थी ने कहा कि हमें आश्रय गृहों में साफ पानी की बेहद जरूरत है।
घरों में कीचड़ भरे
अधिकारियों ने कहा कि लोगों के घरों में कीचड़ भर गए हैं। सड़कों पर पानी भरा हुआ है। सैकड़ों जिलों में बिजली काट दी गई है। स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा कि हेपेटाइटिस-ए, डेंगू बुखार और अन्य बीमारियों से लोगों को बचाने के लिए 11 हजार स्वास्थ्य कर्मियों और सैनिकों को लगाया गया है। वे लोगों को दवा, स्वच्छता किट और भोजन वितरित करने में लगे हैं।
2013 में बाढ़ से 15 लोग मारे गए थे
इससे पहले 2013 में बाढ़ से जकार्ता में करीब 15 लोग मारे गए थे। वहीं, 2007 में आई भीषण बाढ़ में 50 से ज्यादा लोगों की मौत हो गई थी।
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गुरु नानक देव जी का जन्मस्थान, पाकिस्तानी गांव के मुस्लिम मुखिया ने दी थी जमीन January 03, 2020 at 10:35PM
इंटरनेशनल डेस्क. पाकिस्तान के सैकड़ाें कट्टरपंथी मुस्लिमाें ने शुक्रवार शाम सिखों के पवित्र धर्मस्थल ननकाना साहिब गुरुद्वारे काे घेरकर पथराव किया। प्रदर्शनकारियों ने सिखों को भगाने और ननकाना साहिब का नाम बदलने की धमकी भी दी। सिखों के सबसे पवित्र धर्मस्थलों में से एक ननकाना साहिब में हालात इतने खराब हैं कि यहां पहली बार भजन-कीर्तन रद्द करना पड़ा है। पंजाब प्रांत में स्थित यह ननकाना साहिब लाहौर से करीब 80 किमी दूर स्थित है। 550 साल पहले सिख धर्म के संस्थापक गुरु नानक जी का यहां जन्म हुआ था। उन्होंने पहली बार यहीं उपदेश दिए थे। इसलिए यह सिखों के लिए सबसे पवित्र तीर्थ स्थलों में शामिल है।
खास बात यह है कि जिस जगह अब ननकाना साहिब है, उसे पहले मुस्लिम राजपूत मुखिया राय भोए का नाम दिया गया था। यह जगह लंबे समय तक राय भोए दी तलवंडी के नाम से जानी गई। हालांकि, राय भोए के पड़पोते और मुखिया राय बुलार भट्टी ने करीब 18,750 एकड़ जमीन गुरु नानक जी को दे दी थी। गुरुनानक जी 35 साल तक तलवंडी में रहे थे। इसके बाद वह सुल्तानपुर लोधी चले गए जो अब भारतीय पंजाब के कपूरथला जिले में है। गुरु नानक जी के जन्म स्थान से जुड़ा होने के बाद में इस जगह का नाम ननकाना साहिब प्रचलित हो गया।
ननकाना साहिब में गुरुद्वारा जन्मस्थान सहित 9 गुरुद्वारे हैं। माना जाता है कि यहां पहला गुरुद्वारा गुरुनानक जी के पोते बाबा धरम चंद ने 16वीं सदी में बनाया। मौजूदा गुरुद्वारा महाराजा रणजीत सिंह ने 19वीं सदी में तैयार करवाया। इसी जगह पर गुरु नानक जी की जयंती पर बड़ा मेला भी लगने लगा। ननकाना साहिब में मेले का सबसे पुराना रिकॉर्ड साल 1868 का है।
98 साल पहले अंग्रेजों ने किया था नरसंहार
करीब 98 साल पहले अंग्रेजों ने यहां भयानक नरसंहार को अंजाम दिया था, जिसमें 70 लोगों को अपनी जान गंवानी पड़ी थी। बात 1921 की है, जब देश में अंग्रेज शासन के खिलाफ असहयोग आंदोलन शुरू ही हुआ था। ननकाना साहिब गुरुद्वारे में स्थानीय लोगों ने मिलकर शांतिपूर्ण ढंग से एक सभा का आयोजन किया था। सभा चल ही रही थी कि सैनिक यहां पहुंच गए और गोलियां चला दीं। सभा में मौजूद 70 लोगों की जान गई। इस गोलीबारी की बहुत निंदा हुई थी। जलियांवाला बाग हत्याकांड के 2 साल के अंदर ही हुए इस हत्याकांड के बाद अंग्रेज सरकार के खिलाफ प्रदर्शन और भी हिंसक हो गए।
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Spanish parliament debates formation of left-wing government January 03, 2020 at 10:47PM
Jakarta floods death toll rises to 53 January 03, 2020 at 10:29PM
दुनिया के 5वें बड़े अमीर मार्क जकरबर्ग को डिस्काउंट वाली वस्तुएं खरीदना पसंद, कॉस्तको स्टोर में शॉपिंग करते नजर आए January 03, 2020 at 09:36PM
कैलिफॉर्निया. फेसबुक के सीईओ और दुनिया के पांचवें बड़े अमीर मार्क जकरबर्ग (35) शॉपिंग में अच्छी डील के लिए डिस्काउंट के मौके तलाशते रहते हैं। सेलेब्रिटी न्यूज वेबसाइट टीएमजेड ने शुक्रवार को एक फोटो पब्लिश की, इसमें जकरबर्ग पत्नी प्रिसिला चान के साथ कॉस्तको स्टोर में शॉपिंग के दौरान टीवी पसंद करते हुए नजर आ रहे हैं। कॉस्तको अमेरिका की दूसरी बड़ी रिटेल स्टोर चेन है। ब्रांडेड वस्तुओं पर डिस्काउंट के कॉन्सेप्ट की वजह से आम ग्राहक ही नहीं बल्कि कई सेलेब्रिटी भी कॉस्तको से शॉपिंग करना पसंद करते हैं।
जकरबर्ग की 2 साल की बेटी भी घर के काम में हाथ बंटाती है
जकरबर्ग की नेटवर्थ 79.6 अरब डॉलर (5.71 लाख करोड़ रुपए) है, लेकिन वे खुद को जमीन से जुड़ा हुआ बताते हैं। जकरबर्ग और पत्नी प्रिसिला ने दिसंबर में एक इंटरव्यू में कहा था कि हम अपने बच्चों की हर जिद पूरी नहीं करते। बच्चों को ऑफिस भी ले जाते हैं ताकि वे हमारे कामकाज को समझ सकें। उन्होंने बताया कि बच्चे घर के काम भी करते हैं। पिछले साल मई में जकरबर्ग ने एक वीडियो शेयर किया था जिसमें उनकी बेटियां खाने की प्लेटें डिशवॉशर में रखती हुई नजर आ रही थीं।
अमेरिका के दूसरे सेलेब्रिटीज को भी कॉस्तको में शॉपिंग करना पसंद
शॉपिंग के लिए जकरबर्ग ही नहीं कई दूसरे सेलेब्रिटी भी कॉस्तको को पसंद करते हैं। अमेरिका की मीडिया सेलेब्रिटी किम कर्दाशियां और काइली जेनर की मां क्रिस जेनर ने 2015 में कहा था कि कॉस्तको जाना मेरा जुनून है। वहां जाकर थकान उतर जाती है। ऑफर इतने अच्छे रहते हैं बिना जरूरत का सामान भी खरीद लेती हूं।
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