Saturday, March 21, 2020
South Korea drive-in cinemas enjoy sales boom over virus fears March 21, 2020 at 08:14PM
188 देश और 13,032 मौतें: स्पेन में एक दिन में 5 हजार नए मामले, इटली में फुटबॉल स्टार माल्दिनी पॉजिटिव; अमेरिका के उप राष्ट्रपति की रिपोर्ट निगेटिव March 21, 2020 at 02:57PM
वॉशिंगटन. दुनिया में कोरोनावायरस थमने का नाम नहीं ले रहा। रविवार सुबह तक 188 देश इससे प्रभावित हो चुके थे। इस दौरान कुल 3,06,939 मामले सामने आए। 13,032 लोगों की मौत हो गई। राहत की इकलौती बात ये कि इसी दौरान 95,498 मरीज स्वस्थ भी हुए।
स्पेन : 24 घंटे में 5 हजार नए मामले
स्पेन में कोरोनावायरस को रोकने के अब तक के सभी प्रयास ज्यादा सफल नहीं हुए। यहां शनिवार को 5 हजार नए मामले सामने आए। यहां कुल मिलाकर 25,496 लोग रविवार सुबह तक संक्रमित पाए गए हैं। 1,378 की मौत हो चुकी है। सरकार ने लॉकडाउन किया। लेकिन, शनिवार और रविवार के आंकड़े देखें तो साफ हो जाता है कि लॉकडाउन से कोई फायदा नहीं हुआ। माना जा रहा कि रविवार को हेल्थ कमेटी की बैठक में और सख्त उपायों का ऐलान किया जा सकता है।
इटली : फुटबॉल स्टार और बेटा भी संक्रमित
इटली के पूर्व फुटबॉल स्टार पाओलो माल्दिनी और उनके बेटे का कोरोना टेस्ट पॉजिटिव आया। उनके क्लब एसी मिलान ने यह जानकारी दी। माल्दिनी को दुनिया के बेस्ट डिफेंडर में से एक माना जाता है। 51 साल के माल्दिन फिलहाल एसी मिलान के टेक्नीकल डायरेक्टर हैं। इस बीच, इटली में रविवार सुबह तक संक्रमण के कुल 53,578 मामले सामने आ चुके थे। 4,825 लोगों की मौत हो चुकी है।
अमेरिका : उप राष्ट्रपति की टेस्ट रिपोर्ट निगेटिव
अमेरिका के उप राष्ट्रपति माइक पेंस और पत्नी कैरेन पेंस की टेस्ट रिपोर्ट निगेटिव आई है। उनके प्रवक्ता ने शनिवार देर रात ट्विटर पर यह जानकारी दी। पेंस और कैरेन दक्षिण कोरिया के एक प्रतिनिधिमंडल से मिले थे। इसके कुछ सदस्य बाद में पॉजिटिव पाए गए थे। इसके बाद ही पेंस का टेस्ट कराया गया। पेंस के स्टाफ का एक सदस्य भी पॉजिटिव पाया गया था। इस बीच, अमेरिका में रविवार सुबह तक संक्रमण के कुल 26,112 मामले सामने आए। 325 लोगों की मौत हो चुकी है।
अमेरिका : 20 लाख मास्क दान करेगी एप्पल
एप्पल कंपनी के सीईओ टिम कुक ने शनिवार रात कहा, “कोरोनावायरस के मामले हमारे देश में बढ़ते जा रहे हैं। एप्पल ने फैसला किया है कि वो अमेरिका और यूरोप में कुल 20 लाख मास्क दान करेगी।” बाद में कंपनी ने एक बयान भी जारी किया। इसमें कहा गया कि 20 लाख मास्क के अलावा वो कुछ जरूरी मेडिकल इक्युपमेंट्स भी डोनेट करेगी। कंपनी ने चीन में अपने स्टोर बंद कर दिए हैं। उसने संक्रमण से लड़ने के लिए 15 लाख अमेरिकी डॉलर देने का भी ऐलान किया है।
कुवैत : अब सरकार सख्त
कुवैत सरकार ने कुछ दिनों पहले लोगों से घरों में ही रहने को कहा था। इसका कोई खास असर नहीं हुआ क्योंकि लोगों ने आवाजाही पर सरकार के निर्देश नहीं माने। अब उप प्रधानमंत्री अनस अल सालेह ने साफ कर दिया है कि सरकार को सख्त कदम उठाने पर मजबूर होना पड़ा है। रविवार को 11 घंटे के कर्फ्यु का ऐलान कर दिया गया है। इसमें कहा गया है कि जो भी नागरिक कर्फ्यु का उल्लंघन करेगा, उस पर सख्त कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
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चीन ने कोरोना का पहला केस सामने आने के 24 दिन बाद और इटली ने 39 दिन बाद लॉकडाउन किया, भारत में 50 दिन बाद भी नहीं March 21, 2020 at 02:39PM
मिलान/बीजिंग. कोरोनावायरस को हल्के में लेना इटली को भारी पड़ रहा है। पहले यहां सरकार ने देरी से 10 मार्च को लॉकडाउन घोषित किया। फिर इसका कड़ाई से पालन नहीं कराया गया। लॉकडाउन के बावूजद इटली के कई शहरों में लोग शॉपिंग करते रहे, रेस्टोरेंट्स में खाना खाते रहे, बार और क्लब में लेटनाइट पार्टी करते रहे, मार्केट में घूमते रहे। इसी के चलते इटली सरकार ने अब लॉकडाउन का कड़ाई से पालन कराने के लिए देश भर में आर्मी तैनात कर दी है, ताकि लोग घरों से बाहर न निकल सकें।
इटली में कोरोना का पहला केस 31 जनवरी को रोम में सामने आया था। लेकिन देश में लॉकडाउन 10 मार्च को लागू किया गया। भारत में पहला मामला 31 जनवरी को केरल में आया था। इसके बाद से 50 दिन हो गए हैं, लेकिन लॉकडाउन नहीं लगाया गया है।
चीन में रेड क्रास के वाइस प्रेसीडेंट सुन शुओपेंग इटली पहुंचे हुए हैं। उन्होंने मिलान में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस करके कहा कि यहां उसी तरह का माहौल है, जैसे दो महीने पहले कोरोनावायरस के केंद्र वुहान शहर में था। वुहान में एक महीने के लॉकडाउन के बाद हमने देखा था कि इससे कोरोना के केस में कमी आई। जबकि इटली का मिलान, जहां सबसे ज्यादा कोरोना फैला है, वहां लॉकडाउन बहुत ज्यादा कठोर नहीं है। यहां पब्लिक ट्रांसपोर्ट सर्विस चल रही है, लोग लगातार एक जगह से दूसरी जगह जा रहे हैं। लोग होटलों में डिनर और पार्टी कर रहे हैं, वो भी बिना मास्क पहने हुए। मुझे नहीं पता कि यहां लोग क्या सोच रहे हैं।
इटली के हालात: शुक्रवार को 24 घंटे में 627 लोगों की जान गई, यह एक दिन में सबसे ज्यादा
इटली में शुरुआती लापरवाहियों के नतीजे अब गंभीर हो चले हैं। शुक्रवार को 24 घंटे में 627 लोगों की कोरोना से मौतें हुईं। यह एक दिन में अब तक किसी भी देश में कोरोना से हुई सबसे ज्यादा मौतें हैं। इटली में अब तक 4032 लोगों की जान जा चुकी है। देश में छह हजार नए केस आए हैं। देश में अब तक कोरोना के 47,000 केस आ चुके हैं। सबसे बुरी स्थिति इटली के उत्तरी क्षेत्र लोम्बार्डी की है, यहां पिछले महीने कोरोना का पहला मामला आया था। देखते ही देखते स्थिति खराब हो गई है। हजारों की संख्या में लोग अस्पतालों में भर्ती हैं। उनके इलाज के लिए डॉक्टर कम पड़ गए हैं। ऐसे वक्त में चीन के मेडिकल एक्सपर्ट इटली पहुंचे हैं। वे कोरोना के इलाज और लॉकडाउन को सही तरीके से लागू करने में मदद करेंगे।
लोम्बार्डी में राज्य सरकार पहले लॉकडाउन में ढ़ील देने के पक्ष में थी, अब ज्यादा जवान मांग रही
इटली के लोम्बार्डी में भी लॉकडाउन का कड़ाई से पालन नहीं हुआ। यहां पहले राज्य सरकार ने खुद भी इसमें ढील बरतने को लेकर सहमत थी, लेकिन अब लोम्बार्डी क्षेत्र के प्रेसीडेंट ने कहा है कि आर्मी के इस्तेमाल से लोगों को जबरदस्ती घर में कैद करने में मदद मिलेगी। हालांकि यहां आर्मी के 114 जवान ही पूरे लोम्बार्डी क्षेत्र में तैनात किए गए हैं। प्रेसीडेंट एट्टीलिओ फोनटाना ने कहा है कि यह संख्या बहुत कम है, लेकिन हम इसे लेकर पॉजिटिव हैं। पूरे क्षेत्र में सड़कों पर जवान गश्त करेंगे।
लोम्बार्डी में स्थिति बहुत खराब है, आईसीयू में नहीं बची जगह, दूसरे शहर भेजे जा रहे मरीज
डैनिला कॉनफालोनिरी मिलान शहर में नर्स हैं। न्यूज एजेंसी रायटर्स से कहती हैं कि यहां स्थिति इतनी डरावनी है कि कोरोना से मरने वाले लोगों की गिनती नहीं हो पा रही है। हम तनाव और डर के बीच काम कर रहे हैं। दुर्भाग्यबस हम लोम्बार्डी में स्थिति को नियंत्रित करने में असफल हैं। यहां बहुत विकट स्थिति है और हम मृतकों की गिनती भी नहीं कर रहे हैं। इटली से बाहर रहने वाले इस खबर को देखें और ध्यान दें कि यहां स्थिति कितनी खराब है। यह अकल्पनीय है।
लोम्बार्डी के बेरगामो स्थित एक हॉस्पिटल के डॉक्टर स्टेफानो मागंओनी सीएनएन से बातचीत में कहते हैं कि कोरोनावायरस ने इतनी भयानक तरीके से हिट किया है कि अब हमें आईसीयू मरीजों को देश के अन्य हिस्सों में भेजना पड़ रहा है, क्योंकि यहां अस्पतालों में जगह नहीं है। यहां पास स्थित ब्रेससीया शहर में भी सभी आईसीयू फुल हो चुके हैं।
इटली में कोरोनावायरस से मरने वालों में 96% लोग 60 साल से ज्यादा उम्र के हैं
इटली में मरने वाले लोगों में सबसे ज्यादा बुजुर्ग हैं। इटली के हेल्थ इंस्टीट्यूट की ओर से गुरुवार को जारी आंकड़ों के मुताबिक कोरोना से 86% मौतें 70 से ज्यादा उम्र के लोगों की हुई हैं। 10% लोग 60 से 69 साल के बीच के हैं। इटली में जापान के बाद दुनिया में सबसे ज्यादा बुजुर्ग आबादी है।
चीन ने क्या किया: 23 जनवरी को पहली बार वुहान में लॉकडाउन किया, इसके बाद 20 राज्यों में 70 करोड़ लोगों को घरों में कैद कर दिया
चीन ने हुबेई प्रांत के वुहान में 23 जनवरी को लॉकडाउन लागू किया था। यहीं से कोरोनावायरस शुरू हुआ था। पहला मामला 31 दिसंबर को सामने आया था। वुहान की आबादी 1.1 करोड़ है। इसके साथ ही चीन ने दुनिया के इतिहास में सबसे बड़ा लॉकडाउन लगाया था। इसके बाद 20 राज्यों और 16 बड़े शहरों को एक साथ बंद कर दिया गया। करीब 70 करोड़ लोग घरों में कैद कर दिए गए।
विशेषज्ञों ने कहा था कि चीनी अर्थव्यवस्था को इसकी भारी कीमत चुकानी होगी
वुहान में जब चीन ने पहली बार लॉकडाउन किया तो दुनिया हतप्रभ थी। महामारी के विशेषज्ञों ने चेतावनी दी है कि चीन को इस कदम की भारी कीमत चुकानी पड़ेगी। इतने बड़े लॉकडाउन से लोगों के साथ चीन की इकोनॉमी को बहुत बड़ा नुकसान होगा। इससे पहले आधुनिकदुनिया ने कहीं भी क्वारैंटाइन का इतना बड़ा मामला नहीं देखा था।
जरूरी सेवाओं और मेडिकल इमरजेंसी को भी रोक दिया था
चीन ने स्कूल, ऑफिस, ट्रांसपोर्ट सर्विस, एयरपोर्ट, मेट्रो सेवा और लोगों के एक जगह से दूसरी जगह आने-जाने पर पूरी तरह प्रतिबंध लगा दिया। इन प्रतिबंधों को घोषणा के कुछ ही घंटे के अंदर पूरे वुहान में लागू कर दिया गया। शहर से बाहर आने-जाने वाले वाहनों को रोक दिया गया, यहां तक जरूरी सेवाओं और मेडिकल इमरजेंसी को भी रोक दिया गया। सभी दुकानों को बंद कर दिया गया, इनमें फूड और मेडिसिन शॉप भी शामिल थीं। निजी वाहनों को बिना किसी परमीशन के जहां-तहां रोक दिया। लोगों को घरों से निकलने पर भी प्रतिबंध लगा दिया। इसके लिए जगह-जगह पुलिस तैनात कर दी गई।
लोगों को जरूरी सुविधाएं मुहैया कराने के लिए कम्युनिटी सेवा शुरू की
सरकार ने लोगों को जरूरी सुविधाएं मुहैया कराने के लिए कम्युनिटी सेवा शुरू की। केवल कुछ जगहों पर फूड और अन्य जरूरी सेवाओं के लिए दुकानें खोली गईं। लोगों की गतिविधियों पर नजर रखने के लिए सोशल नेटवर्किंग साइट्स का इस्तेमाल शुरू किया। कुछ ही दिन बाद लॉकडाउन पॉलिसी को और कड़ाई के साथ लागू कर दी गई। हेल्थ वर्कर घर-घर जाकर हर एक व्यक्ति की जांच करने लगे, कोरोनावायरस का थोड़ा भी संदेह होने पर जबदरस्ती लोगों को क्वारैंटाइन किया जाने लगा। एक दिव्यांग बच्चे की घर में अकेले छोड़ दिए जाने से मौत हो गई, क्योंकि उसे खाना नहीं मिल पाया। उसके पिता और भाई को प्रशासन ने क्वारैंटाइन कर दिया था।
तब दुनिया ने चीन के इस सख्त पॉलिसी पर सवाल उठाए थे, अब नतीजे सामने
चीन ने वुहान के बाद अन्य 20 राज्यों में भी इस लॉकडाउन पॉलिसी को लागू कर दिया। दुनिया के तमाम देशों ने भी चीन के इस सख्त पॉलिसी पर सवाल उठाए। लेकिन चीनी सरकार के इस कदम के नतीजे दो महीने के अंदर ही दुनिया के सामने हैं। इस गुरुवार को चीन में पहली बार कोरोनावायरस का कोई नया मामला नहीं आया।
अब दुनिया के 20 से ज्यादा देशों में लॉकडाउन, 120 करोड़ लोग घरों में बंद
चीन के बाद दुनिया के 20 से ज्यादा देश लॉकडाउन लगा चुके हैं। करीब 120 करोड़ लोग घरों में बंद हैं, लेकिन कहीं पर भी इसका चीन जितना कड़ाई से पालन नहीं हो रहा है। इसीलिए इन जगहों पर लॉकडाउन के बावजूद कोरोना के नए केसों में कमी नहीं आई है। डब्ल्यूएचओ ने भी माना है कि चीन ने लॉकडाउन के चलते कोरोनावायरस पर काबू पाने में कामयाबी पाई है।
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पाकिस्तान देश के सारे संक्रमितों को पीओके भेजना चाहता है, वहां के लोगों ने कहा- एक भी पाकिस्तानी को कदम नहीं रखने देंगे March 21, 2020 at 03:15AM
इस्लामाबाद. कोरोनावायरस का संक्रमण दुनियाभर में तेजी से फैल रहा है। इसी बीच,पाकिस्तान ने देश के संक्रमितों को पीओके (पाक अधिकृत कश्मीर) में भेजने की तैयारी शुरू कर दी है। हालांकि, पीओके में इस बात का विरोध भी हो रहा है। शनिवार को आई न्यूज एजेंसी एएनआई की रिपोर्ट में इस बात का खुलासा हुआ, जो उन्होंने ओमान में रहने वाले मीरपुर निवासी इफ्तिखार खान से बातचीत के आधार पर तैयार की।
दरअसल, पाकिस्तान में कोरोनावायरस के संक्रमण के हर दिन 100 से ज्यादा मामले आ रहे हैं। यहां अब तक 666 संक्रमित मिल चुके हैं। इनमें 3 लोगों की मौत भी हो चुकी है।
पीओके के लोगों ने मंगला ब्रिज को जाम कर दिया
इफ्तिखार ने बताया किपाकिस्तान देश के दूसरे हिस्सों मुल्तान, डेरा गाजी खान, झेलम, पेशावर से संक्रमितों को निकालकर मीरपुर में रखना चाहता है। यहां के मुख्य सचिव जो मुजफ्फराबाद में हैं, वे खुद यहां क्वारैंटाइन सेंटर बनवाना चाहते हैं। इस बात से नाराज स्थानीय लोगों नेपाकिस्तान-मीरपुर को जोड़ने वाले मंगला ब्रिज को जाम कर दिया है। उनका कहना है कि कोई भी पाकिस्तानी अब पीओके में नहीं आएगा।
पाकिस्तान कश्मीरियों को हाशिए पर लाना चाहता है
पीओके के लोगों का कहना है कि अगर क्वारैंटाइन सेंटर बनाने ही हैं तो रावलपिंडी जैसी जगहों पर बनाएं। जहां ज्यादा संक्रमित हैं। यहां तो 163 में सेकेवल 16 कश्मीरी ही संक्रमित पाए गए हैं। ऐसे में यहां संक्रमितों को रखकर सबकी जान खतरे में न डालें। इफ्तिखार ने बताया किमुख्य सचिव के आदेश पर अधिकारियों ने इस क्षेत्र की इमारतों को क्वारैंटाइन सेंटर में बदलने के लिए उन पर कब्जा कर लिया है। हालांकि, लोग लगातार इस कदम का विरोध कर रहे हैं। वे किसी भी पाकिस्तानी को यहां नहीं आने देंगे। यह कश्मीरियों को हाशिए पर लाने का प्रयास है।
डॉक्टरों ने कहा- सुरक्षा उपकरण नहीं दिए तो हड़ताल करेंगे
वहीं, पाकिस्तान के क्वारैंटाइन सेंटरों के हालात भयावह हैं। वहां मेडिकल संसाधनों और दवाइयों की भारी कमी हैं। एक टेंट में 5 लोग रहने को मजबूर हैं। साफ पानी तक उपलब्ध नहीं है। डॉन न्यूज की रिपोर्ट के अनुसार, पाकिस्तान इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंस में डॉक्टरों ने प्रेस कॉन्फ्रेंस की। उन्होंने कहा कि वर्तमान हालात में हमारे लिए काम करना कठिन है। किसी भी डॉक्टर के पास कोई उपकरण नहीं है। ऐसे में उनको संक्रमण का खतरा ज्यादा है। ऐसी स्थिति में काम करना आत्महत्या करने के बराबर हैं। इस दौरान, चार सरकारी अस्पतालों के डॉक्टरों ने चेतावनी दी है कि यदि उन्हें सुरक्षा उपकरण नहीं मिले तो वे 24 मार्च से काम बंद कर देंगे।
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