Tuesday, January 7, 2020
Danish armed forces say no staff hurt or killed in strike on Iraq air base January 07, 2020 at 07:45PM
US Senate leader ready to pass impeachment trial rules without Democrats January 07, 2020 at 07:03PM
Puerto Ricans left homeless after biggest quake in century January 07, 2020 at 07:25PM
Iraq's outgoing prime minister says US troops must leave January 07, 2020 at 05:51PM
तेहरान एयरपोर्ट के पास तकनीकी खामी के कारण बोइंग-737 प्लेन क्रैश, 180 यात्री सवार थे January 07, 2020 at 05:46PM
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Iran minister tells US: 'Get the hell out of our region' after attacks January 07, 2020 at 04:22PM
सीमा पार करने वाले ईरानी-अमेरिकियों से पूछताछ, निजी जानकारियां मांगी; ईरान-इराक की स्थिति पर निजी विचार पूछा जा रहा January 07, 2020 at 04:19PM
वॉशिंगटन. अमेरिकी हमले में ईरान के सैन्य कमांडर कासिम सुलेमानी की मौत होने के बाद से ही दोनों देशों के बीच तनाव बना हुआ है। इसका असर अब अमेरिका में रहने वाले ईरानियों पर भी हो रहा है। ईरानी अमेरिकी महिला नेगा हेकमती ने सोमवार को बताया कि वॉशिंगटन स्टेट में प्रवेश से पहले अमेरिकी अधिकारियों ने उन्हें अपने ऑफिस ले जाकर करीब पांच घंटे तक पूछताछ की। यहां तक की ईरान और इराक के स्थिति पर भी निजी विचार देने के लिए कहा जा रहा है।
हेकमती ने वॉशिंगटन से डेमोक्रेटिक सांसद प्रमिला जयपाल के साथ एक संवाददाता सम्मेलन के दौरान अपने अनुभव साझा किए। उन्होंने बताया, ‘‘ अमेरिका-कनाडा बॉर्डर पार करने के समय कस्टम अधिकारी ईरानियों को निशाना बना रहे हैं। हमसे निजी जानकारियां मांगी जा रही है। फेसबुक अकाउंट्स की डिटेल्स, माता-पिता के नाम, उनकी जन्म तिथि पूछी जा रही है। इस दौरान मेरे बच्चे बेहद डर गए थे। वे चिंतित थे। वे सो नहीं पा रहे थे, क्योंकि उन्हें डर था कि हमें जेल भेज दिया जाएगा। मैं भी डरी हुई थी। यह सही नहीं है। मेरे बच्चों को ऐसी चीजों का अनुभव नहीं करना चाहिए। वे अमेरिकी नागरिक हैं।’’
दोनों देशों के बीच तनाव का खामियाजा ईरानी-अमेरिकियों को भुगतना पड़ रहा
उनके पति माइक्रोसॉफ्ट में सॉफ्टवेयर इंजीनियर हैं। उनसे इसकी भी जानकारी ली गई कि कभी उनके पति ने ईरानी सेना में भी काम किया है या नहीं। हेकमती उन ईरानी-अमेरिकी में शामिल हैं जिन्हें अमेरिका में प्रवेश के दौरान पकड़ा गया था। अप्रवासन मामलों के जानकार मानते हैं कि ईरान-अमेरिका के बीच तनाव का खामियाज उन ईरानी नागरिकों को भुगतना पड़ सकता है जो अमेरिका आना चाहते हैं।
वॉशिंगटन-स्टेट ऑफ द काउंसिल ऑन द अमेरिकन इस्लामिक रिलेशंस के कार्यकारी अध्यक्ष माशिह फौलादी ने कहा कि लोग आठ से 11 घंटे तक इंतजार करते रहे। अमेरिका-कनाडा बॉर्डर पर सीमा पार करने वाले सभी ईरानियों से उनके परिवार के सदस्यों के नाम लिखवाए गए, ईमेल देने के लिए कहा गया, सोशल मीडिया की जानकारी ली गई।’’
ईरानी-अमेरिकियों को रोके जाने क निर्देश नहीं दिए गए
सीएनएन के मुताबिक, सोमवार को कर्मचारियों को भेजे गए एक संदेश में यूएस कस्टम्स और बॉर्डर प्रोटेक्शन फोर्स ने दोहराया कि ईरानी-अमेरिकियों को रोके जाने या उन्हें हिरासत में लेने के निर्देश नहीं दिए गए थे। अधिकारियों को वहां सतर्क रहने और स्थिति पर नजर बनाए रखने के लिए कहा गया था। होमलैंड सिक्युरिटी विभाग (डीएचएस) के कार्यवाहक सचिव चाड वुल्फ ने कहा कि डीएचएस हाल के तनाव के माहौल को देखते हुए सतर्कता के साथ काम कर रहा है।
सोशल मीडिया पर दावा किया गया था कि अधिकारियों ने ईरानी-अमेरिकियों को हिरासत में लिया है और अमेरिका में प्रवेश से रोक दिया है। इस पर कस्टम विभाग ने कहा कि शनिवार की शाम को ब्लेन, वॉशिंगटन पोर्ट पर प्रवेश के लिए लोगों को दो-दो घंटे तक इंतजार करना पड़ा। क्योंकि हॉलीडे सीजन में कई स्टाफ छुट्टी पर थे। विभाग ने उन रिपोर्टों पर टिप्पणी करने से इनकार कर दिया, जिसमें कहा गया था कि ईरानियों से उनके राजनीतिक विचार पूछे जा रहे हैं।
सेकंडरी निरीक्षण के लिए लोगों से पूछताछ की जाती है: पूर्व अधिकारी
नेशनल ईरानियन अमेरिकन काउंसिल (एनआईएसी) के नीति निदेशक रयान कोस्टेलो के अनुसार, इस मामले को लेकर की गई शिकायत की गई है, जिसकी होमलैंड सिक्योरिटी विभाग समीक्षा कर रहा है। वहीं, पूर्व अमेरिकी सीमा शुल्क और सीमा सुरक्षा के कमिश्नर गिल किरलिकोव्स्के ने कहा कि कस्टम एंड बॉर्डर प्रटेक्शन में सेकंडरी निरीक्षण के लिए लोगों को एक तरफ ले जाकर पूछताछ की जाती है। पूछताछ का यह मतलब नहीं है कि उनका अमेरिका में प्रवेश प्रतिबंधित कर दिया गया है।
वॉशिंगटन के गवर्नर ने स्थिति को चिंताजनक बताया
वॉशिंगटन के गवर्नर जे. इंसली ने इस स्थिति को चिंताजनक बताया। उन्होंने एक बयान में कहा- हम कभी नहीं भूल सकते कि द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान जापानी-अमेरिकियों को वॉशिंगटन राज्य में हिरासत में लिया गया था। उनके संवैधानिक और नागरिक अधिकारों को खत्म कर दिया गया था। यह भय और विभाजन का नया युग नहीं बन सकता। जयपाल ने सोमवार को कहा कि उनका कार्यालय इस मामले को देख रहा है।
सुलेमानी की मौत के बाद से ईरान-अमेरिका में तनाव
बीते हफ्ते से अमेरिका और ईरान के बीच तनाव बढ़ गया है। राष्ट्रपति ट्रम्प के आदेश के बाद शुक्रवार (3 जनवरी) को इराक की राजधानी बगदाद में एयरपोर्ट पर ड्रोन से हमला किया गया था, जिसमें ईरान के सैन्य कमांडर कासिम सुलेमानी की मौत हो गई थी। इसके बाद से ही पश्चिम-एशिया में तनाव का माहौल है। दोनों देशों के नेताओं के बीच बयानबाजी जारी है। इराक में अमेरिकी दूतावास पर हमले भी किए गए, जिसे लेकर अमेरिकी ने भी चेतावनी जारी की है।
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ईरान ने अमेरिकी सैन्य बेसों पर 12 से ज्यादा रॉकेट दागे, ट्रम्प ने राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकारों की बैठक बुलाई January 07, 2020 at 04:02PM
वॉशिंगटन/तेहरान/बगदाद. ईरान ने जनरल कासिम सुलेमानी की हत्या का बदला लेने के लिए बुधवार सुबह इराक स्थित अमेरिकी सैन्य ठिकानों पर हमला किया। बताया गया है कि ईरान ने इराक के अनबर प्रांत में स्थित ऐन अल-असद बेस और इरबिल में एक ग्रीन जोन (अमेरिकी सैन्य ठिकानों) पर 12 से ज्यादा बैलिस्टिक मिसाइल दागीं। न्यूज एजेंसी एएफपी के मुताबिक, इसके बाद इराक के आसमान पर मिलिट्री जेट्स की हलचल देखी गई।
ईरान की सरकारी मीडिया के मुताबिक, यह हमले जनरल सुलेमानी की हत्या का बदला लेने के लिए किए जा रहे हैं। ईरान के रेवॉल्यूशनरी गार्ड्स ने बयान जारी कर कहा, “हम अमेरिका के सभी साथियों को चेतावनी देते हैं कि वे एक आतंकी सेना को अपने बेस इस्तेमाल न करने दे। अगर उनके किसी भी क्षेत्र को ईरान के खिलाफ हमले में इस्तेमाल किया गया, तो उसे निशाना बनाया जाएगा।”
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Russia's Putin makes rare visit to Syria, meets Assad January 07, 2020 at 05:00AM
प्रधानमंत्री महातिर बोले- दुनिया के मुस्लिम देश एकजुट हो जाएं, आतंकवाद फैला रहा है अमेरिका January 07, 2020 at 12:44AM
कुआलालंपुर. मलेशिया के प्रधानमंत्री महातिर मोहम्मद ने कहा है कि ईरान पर अमेरिकी कार्रवाई के बाद मुस्लिम देशों को एकजुट हो जाना चाहिए। हालांकि, उन्होंने अमेरिका का नाम नहीं लिया। महातिर के मुताबिक, ईरानी सैन्य कमांडर कासिम सुलेमानी पर ड्रोन हमला अंतरराष्ट्रीय कानूनों का उल्लंघन है। बता दें कि हाल ही में मोहम्मद ने मुस्लिम देशों का नया संगठन बनाने की कोशिश की थी। पाकिस्तान को इसकी अगुवाई करनी थी। लेकिन, सऊदी अरब के दबाव में पाकिस्तान पीछे हट गया और इमरान खान ने कुआलालंपुर सम्मेलन में शिरकत ही नहीं की।
दुनिया अब सुरक्षित नहीं
94 साल के महातिर दुनिया के सबसे उम्रदराज राष्ट्राध्यक्ष हैं। एक महीने में दूसरी बार उन्होंने मुस्लिम देशों से एकजुट होने की अपील की है। अमेरिकी ड्रोन हमले में ईरानी सैन्य कमांडर के मारे जाने के बाद उन्होंने पहली प्रतिक्रिया दी। मलेशियाई प्रधानमंत्री ने कहा, “मैं सच बोलने से नहीं डरता। दुनिया अब महफूज नहीं रह गई है। अगर एक व्यक्ति की बात किसी को पसंद नहीं आती तो क्या वो ड्रोन भेज देगा। कल शायद वो मुझे भी गोली मार दे। ये सही वक्त है जब मुस्लिम देशों को एकजुट हो जाना चाहिए। ड्रोन हमला अंतरराष्ट्रीय कानून के खिलाफ है। वो (अमेरिका) तनाव बढ़ा रहे हैं और इसे आतंकवाद का नाम देते हैं।”
अमेरिका के खिलाफ प्रदर्शन
मलेशिया में रहने वाले हजारों ईरानी नागरिकों ने सोमवार को अमेरिकी दूतावास के सामने विरोध प्रदर्शन किया। यहां करीब 10 हजार ईरानी नागरिक रहते हैं। अमेरिका ने जब ईरान पर प्रतिबंध लगाए थे तब भी मलेशिया ने इनका पालन नहीं किया। पिछले महीने हुई कुआलालंपुर समिट में भी ईरान के राष्ट्रपति हसन रूहानी भी शामिल हुए थे। पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने सऊदी दबाव की वजह से अंतिम समय में इस सम्मेलन में शामिल होने से इनकार कर दिया था। संयुक्त राष्ट्र में मलेशिया और तुर्की ही दो देश थे जिन्होंने कश्मीर मसले पर पाकिस्तान का समर्थन किया था। इसके बाद से ही भारत और मलेशिया के बीच राजनयिक तनाव है।
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136 दुष्कर्म समेत 159 यौन अपराधों के आरोपी को उम्रकैद की सजा, जज ने कहा - कम से कम 30 साल जेल में रखा जाए January 07, 2020 at 02:04AM
लंदन. मैनचेस्टर की क्राउन प्रोसेक्यूशन सर्विस( सीपीएस) ने 36 साल के रेनहार्ड सिनागा को 136 दुष्कर्म समेत 159 यौन अपराधों में उम्रकैद की सजा सुनाई है। जज ने सोमवार को सजा सुनाते हुए कहा कि आरोपी ब्रिटेन के कानूनी इतिहास कासबसे खतरनाक दुष्कर्मी है। उसे कभी भी जेल से रिहा करना सुरक्षित नहीं होगा। उसे कम से कम 30 साल जेल में रखा जाए
सिनागा को मैनचेस्टर क्लब के बाहर से 48 पुरुषों को अपने फ्लैट में लाने और नशीला पदार्थ देकर उनका शोषण करने का दोषी पाया गया। पुलिस के मुताबिक, उसके पास सिनागा के खिलाफ पर्याप्त सबूत है। उसने करीब 190 लोगों के साथ यौन शोषण किया।
कई पीड़ितों की पुलिस पहचान नहीं कर सकी है
सिनागा इंडोनेशिया का मूल निवासी है और मैनचेस्टर में पीजी का छात्र था। उसे 2018 और पिछले साल हुए दो अन्य मामलों में भी 20 साल की सजा सुनाई जा चुकी है। चार अलग-अलग सुनवाईयों के दौरान 48 पीड़ितों के साथ किए कुल 159 अपराधों का दोषी पाया गया। सिनागा के यौन शोषण का शिकार हुए कई लोगों की पुलिस पहचान नहीं कर सकी है। इसने ऐसे लोगों से शिकायत करने की अपील की है जिन्हें लगता है कि उनका यौन शोषण हुआ है।
2017 में पहली बार पुलिस की गिरफ्त में आया था सिनागा
सिनागा मैनचेस्टर के नाइट क्लब के बाहर लोगों का इंतजार किया करता था। वह ड्रिंक या कैब ऑफर करने के बाहर लोगों को अपने फ्लैट लाता और उनका यौन शोषण कर वीडियो बना लेता। वह ड्रिंक में एक ऐसा नशीला पदार्थ मिलाता था जिससे बाद में पीड़ित को कुछ भी याद नहीं रहता। इसके कारण वह काफी दिनों तक पुलिस की पकड़ से दूर रहा। जून 2017 में अचानक सिनागा के शिकार हुए व्यक्ति को होश आ गया और उसने पुलिस को फोन कर दिया था। इसके बाद वह पहली बार गिरफ्त में आया।
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संसद में सेना प्रमुख बाजवा की सेवा अवधि बढाने वाला बिल पास, 2 विपक्षी पार्टियों ने समर्थन दिया January 07, 2020 at 12:33AM
इस्लामाबाद. संसद के निचले संसद ने मंगलवार को जनरल बाजवा की सेवानिवृत्ति की अवधि अवधि बढ़ाने वाला विधेयक पास कर दिया। पाकिस्तान के रक्षा मंत्री परवेज खट्टक ने पाकिस्तान सेना (संशोधन) विधेयक 2020, पाकिस्तान वायुसेना (संशोधन) विधेयक 2020 और पाकिस्तान नौसेना (संशोधन) विधेयक 2020सदन में पेश किया। ये विधेयक पाकिस्तान मुस्लिम लीग- नवाज और पाकिस्तान पिपुल पार्टी के समर्थन से आसानी से पारित हो गए। सेना प्रमुख बाजवा प्रधानमंत्री इमरान खान के खास माने जाते हैं। उनकी रिटायरमेंट को लेकर पिछले साल अगस्त से विवाद चल रहा है।
अब ये विधेयक सिनेट और ऊपरी सदन में पेश किए जाएंगे, जहां इनके आसानी से पास हो जाने की उम्मीद है। इसके बाद राष्ट्रपति की मंजूरी मिलते ही यह कानून बन जाएंगे। इससे सरकार सेना प्रमुख जनरल बाजवा को अगले तीन साल के लिए फिर से नियुक्त कर सकेगी।
पिछले साल 29 नवम्बर को रिटायर होने वाले थे जनरल बाजवा
सेना प्रमुख बाजवा पिछले साल 29 नवम्बर को रिटायर होने वाले थे। इमरान ने 19 अगस्त 2019 को एक अधिसूचना जारी कर उनकी सेवा अवधि तीन साल बढ़ा दी थी। पाकिस्तान के सुप्रीम कोर्ट ने इमरान के इस आदेश को रद्द कर दिया था। हालांकि कोर्ट ने बाजवा की सेवा अवधि 6 महीने बढ़ाने को मंजूरी दे दी थी।
सेना अधिकारियों की सेवानिवृत्ति उम्र 64 साल हो जाएगी
मौजूदा समय में पाकिस्तान की नौसेना, वायुसेना और थल सेना के सेवानिवृत्ति की उम्र 60 साल है। कानून बनने के बाद यह 64 साल हो जाएगी। सरकार ने कुछ विपक्षी पार्टियों को विश्वास में लेकर सैन्य अधिकारियों की सेवानिवृत्ति अवधि बढ़ाने के लिए विधेयक लाने का फैसला किया था। इन विधयेकों को पिछले सोमवार को पाकिस्तान के रक्षा पैनल ने मंजूरी दी थी जिसके बाद इन्हें सदन के पटल पर रखने का रास्ता साफ हो गया था।
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प्यूर्टो रिको में 5.8 तीव्रता के भूकंप से विंडो बीच गिरी, यह प्राकृतिक रूप से बनी थी January 07, 2020 at 12:06AM
सैन जुआन/गुआनिल्ला. कैरेबियन द्वीप प्यूर्टो रिको में स्थानीय समयानुसार सुबह तड़के 4.18 भूकंप के झटके महसूस किए गए। रिएक्टर पैमाने पर इसकी तीव्रता 5.8 दर्ज की गई। भूकंप से कई घरों में दरारें आईं जिससे घबराकर लोग बाहर निकल आए। इससे अधिक नुकसान गुआनिल्ला तट पर प्राकृतिक रूप से बनी विंडो बीच को हुआ। यह पर्यटक स्थल लोगों में प्लाया वेंटाना नाम से चर्चित था।
भूकंप के झटकों से समुद्री बीच पर बनी यह नैचुरल बिंडो पूरी तरह गिर गई। सोशल मीडिया पर स्थानीय लोगों ने इसकी विंडो बीच तस्वीरें पोस्ट की हैं। अमेरिकी भूगर्भ सर्वेक्षण के मुताबिक, भूकंप द्वीप के दक्षिण में (4.3 मील) 10 किलोमीटर की गहराई पर केंद्रित था। हालांकि किसी के हताहत होने की खबर नहीं है।
भूकंप से सुनामी का खतरा नहीं
पैसेफिक सुनामी वार्निंग सेंटर के अधिकारियों के मुताबिक, फिलहाल सुनामी का कोई खतरा नहीं है। दक्षिणी तटीय शहर पोंस के आपात सेवा निदेशक एंजेल वेजक्वेज ने बताया, भूकंप के बाद प्यूर्टो रिको के कुछ हिस्सों में पावर सप्लाई बाधित हुई है। यहां 28 दिसंबर से आ रहे भूकंप के झटकों में आज सुबह का भूकंप सबसे भीषण था।
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Japan's Abe to visit Middle East amid tensions January 06, 2020 at 11:08PM
जनरल सुलेमानी की हत्या के लिए राष्ट्रपति रूहानी ने अमेरिकी सेनाओं को आतंकी घोषित किया January 06, 2020 at 09:46PM
तेहरान.ईरान के सैन्य कमांडर जनरल कासिम सुलेमानी के मारे जाने के बाद से अमेरिका से विवाद गहरा गया है। मंगलवार को ईरान के राष्ट्रपति हसन रूहानी ने अमेरिकी फौजों को आतंकी घोषित कर दिया।रूहानी ने यह भी कहा, “जो लोग बार-बार 52 नंबर याद दिलाते हैं, उन्हें 290नंबर भी याद रखना चाहिए। किसी को भी अमेरिका को धमकी नहीं देनी चाहिए।”
आज ही सुलेमानी को सुपुर्दे खाक भी किया जाना है। उनके जनाजे में लाखों की संख्या में लोग जुटे। इसपर ईरान के विदेश मंत्री जावेद जरीफ ने कई ट्वीट किए। उन्होंने कहा, “क्या डोनाल्ड ट्रम्प ने अपने पूरीजिंदगी में इतनी भीड़ देखी है? क्या तुम अब भी क्षेत्र के बारे में जानकारी के लिए अपने जोकरों पर निर्भर रहोगे? क्या तुम्हें अभी भी लगता है कि तुम इस महान देश और इसके लोगों को तोड़ सकते हो। पश्चिमी एशिया से अमेरिका की शैतानी मौजूदगी का खात्मा शुरू हो गया है।सुलेमानी को अमेरिका ने बगदाद एयरपोर्ट पर ड्रोन हमले में मार गिराया था।
क्या है नंबर 52 और 290?
दरअसल, 1979 में ईरानी प्रदर्शनकारियों ने अमेरिकी दूतावास पर हमला कर 52 राजनयिकों को बंदी बना लिया था। उन्हें 444 दिन तक जेलों में रखा गया था। ट्रम्प ने हाल ही में इसका जिक्र करते हुए ईरान के 52 ठिकानों को निशाना बनाए जाने का जिक्र किया था।
अमेरिकी वॉरशिप ने 1988 में ईरान एयरलाइंस के नागरिक विमान को निशाना बनाया था। इसमें 290 लोगों की मौत हुई थी। रूहानी ने अमेरिका की खिलाफत के लिए ट्वीट में जिस 290 नंबर का जिक्र किया। वो इसी घटना से जुड़ा है। कुद्स सेना के नए जनरल हुसैन सलामी ने कहा कि शहीद होने के बाद जनरल कासिम सुलेमानी और ज्यादा ताकतवर हुए हैं। दुश्मन ने उन्हें अन्यायपूर्ण तरीके से मारा।
जनरल सुलेमानी के जनाजे में शामिल हुई छात्राएं
जनरल कासिम सुलेमानी की लोकप्रियता का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि उनके जनाजे में युवाओं की संख्या सबसे ज्यादा रही। इनमें स्कूल-कॉलेज की छात्राएं भी शामिल रहीं। ज्यादातर लोग ‘डेथ टू ट्रम्प’ (ट्रम्प को मौत) के नारे लगा रहे थे।
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भारतीय मूल की अर्चना राव और दीपा अम्बेकर न्यूयॉर्क सिटी कोर्ट में जज नियुक्त हुईं January 06, 2020 at 09:36PM
न्यूयॉर्क. भारतीय मूल की दो महिलाओं को न्यूयॉर्क सिटी के क्रिमिनल एंड सिविल कोर्ट्स का जज नियुक्त किया गया है। न्यूयॉर्क सिटी के मेयर बिल डी ब्लासियो ने जज अर्चना राव को क्रिमिनल कोर्ट में नियुक्त किया वहीं,जज दीपा अम्बेकर (43) को सिविल कोर्ट में पुनर्नियुक्त किया है।
अर्चना राव जनवरी 2019 में पहली बार सिविल कोर्ट में अंतरिम जज नियुक्त की गई थी। उन्होंने न्यूयॉर्क काउंटी डिस्ट्रिक्ट अटॉर्नी ऑफिस में 17 साल तक सेवाएं दी थीं। वह फाइनेंसियल फ्रॉड्स ब्यूरो की ब्यूरो प्रमुख भी हैं। वह वस्सार कॉलेज से ग्रेजुएट हैं और उन्होंने फॉर्दम यूनिवर्सिटी स्कूल ऑफ लॉ से डॉक्टर की डिग्री हासिल की हैं। अम्बेकर पहली बार मई 2018 मेंसिविल कोर्ट में अंतरिम जज बनी थीं। वह कमिटी ऑन पब्लिक सेफ्टी में सीनियर लेजिस्लेटिव अटॉर्नी और काउंसेल भी रह चुकीं हैं। वह मिशिगन यूनिवर्सिटी से ग्रेजुए हैं और रुटगर्स लॉ स्कूल से डॉक्टर डिग्री हासिल की हैं।
न्यूयॉर्क के मेयर ने विभिन्न कोर्ट्स में 28 जजों को नियुक्त किया
मेयर ने फैमिली कोर्ट, क्रिमिनल कोर्ट और सिविल कोर्ट में 28 जजों की नियुक्ति और पुनर्नियुक्ति की है। इनमें दो भारतीय मूल की भी शामिल रही है। यह नियुक्ति 1 जनवरी से प्रभावी होगी। मेयर डी ब्लासियो ने कहा, “यह नियुक्ति न्यूयॉर्क की जनता को गौरव के साथ नेतृत्व करेगा। वे हमारे कोर्ट्स की निगरानी के लिए अथक प्रयास करेंगी। उनका काम यह सुनिश्चित करने के लिए अहम होगा कि हम सभी के लिए न्यूयॉर्क एक उचित शहर बना रहे।”
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