Monday, July 20, 2020
Troubled Trump to relaunch coronavirus briefings, backs mask wearing July 20, 2020 at 04:54PM
चीन ने कहा- शीत युद्ध की मानसिकता से बाहर निकले अमेरिका, हमारे बारे में अपना रुख सुधारे ट्रम्प प्रशासन July 20, 2020 at 05:48PM
अमेरिका से तल्ख होते रिश्तों के बीच चीन ने एक बयान के जरिए अमेरिका को बर्ताव सुधारने की नसीहत दी। चीन के विदेश मंत्रालय ने एक बयान में कहा- अमेरिका को शीत युद्ध की मानसिकता से बाहर आने की जरूरत है। कुछ दिन पहले अमेरिका के रक्षा मंत्री मार्क एस्पर ने एक बयान में चीन को अमेरिकी हितों के लिए सबसे बड़ा खतरा बताया था। इसके बाद विदेश मंत्री माइक पोम्पियो ने भी यही कहा था। अब चीन ने इस पर प्रतिक्रिया दी है।
चीन इसलिए नाराज
एस्पर ने कुछ दिन पहले चीन के खतरे को लेकर बयान दिया। यह अमेरिकी डिफेंस मिनिस्ट्री की वेबसाइट पर भी डाला गया। एस्पर ने इसमें चीन को अमेरिका के लिए रूस से भी बड़ा खतरा और चुनौती बताया। एस्पर ने कहा कि चीन हमारे देश के लिए परेशानियां पैदा कर रहा है और अब उससे निपटने का वक्त आ गया है। पोम्पियो ने कहा कि चीन दुनिया के भूगोल को बदलने की साजिश रच रहा है।
चीन का जवाब
चीन के विदेश मंत्रालय ने एस्पर और पोम्पियो की बातों का जवाब दिया। कहा- अमेरिका में कुछ लोग चीन-अमेरिका पर पहले से बनाई गई राय पर कायम हैं। इन लोगों को कोल्ड वॉर वाला नजरिया बदलना चाहिए। चीन के विकास को सही नजर से देखने की जरूरत है। कुछ लोगों की वजह से दोनों देशों के रिश्ते मुश्किल दौर से गुजर रहे हैं।
अंतरराष्ट्रीय कानूनों का पालन करता है चीन
चीन ने बयान में आगे कहा- हमने हमेशा अतरराष्ट्रीय कानूनों का पालन किया है और आगे भी करते रहेंगे। इस बारे में तो अमेरिका को सोचना चाहिए जो अकसर समझौतों को तोड़ता है और इंटरनेशनल ऑर्गनाइजेशन्स को नुकसान पहुंचाता है। इस बारे में ज्यादा कुछ कहने की जरूरत नहीं है क्योंकि दुनिया इस बारे में सब जान चुकी है। हम चाहते हैं कि मामलों को सही तरह से हल किया जाए। अमेरिका हमारी लीडरशिप पर सवाल उठाना बंद करे क्योंकि उसे चीन के लोगों का समर्थन हासिल है।
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राष्ट्रपति ट्रम्प ने कहा- मास्क पहनना देशभक्ती है तो यहां उनसे बड़ा कोई देशभक्त नहीं; दुनिया में अब तक 1.48 करोड़ केस July 20, 2020 at 04:45PM
दुनिया में कोरोनावायरस के अब तक 1 करोड़ 48 लाख 50 हजार 443 संक्रमित मिल चुके हैं। इनमें 88 लाख 98 हजार 780 ठीक हो चुके हैं, जबकि 6 लाख 13 हजार 139 की मौत हो चुकी है। अमेरिकी राष्ट्रपतिडोनाल्ड ट्रम्प ने सोमवार को ट्वीट किया- अगर मास्क पहनना देशभक्ती है, तो यहां उनसे बड़ा कोई देशभक्त नहीं है। वहीं, रविवार को फॉक्स न्यूज के इंटरव्यू में उन्होंने कहा था कि वे मास्क पहनने में विश्वास रखते हैं, लेकिन इससे कई दिक्कतें भी होती हैं।
10 देश जहां कोरोना का असर सबसे ज्यादा
देश |
कितने संक्रमित | कितनी मौतें | कितने ठीक हुए |
अमेरिका | 39,61,429 | 1,43,834 | 18,49,989 |
ब्राजील | 21,21,645 | 80,251 | 14,09,202 |
भारत | 11,54,917 | 28,099 | 7,24,702 |
रूस | 7,77,486 | 12,427 | 5,53,602 |
द.अफ्रीका | 3,73,628 | 5,173 | 1,94,865 |
पेरू | 3,57,681 | 13,384 | 2,45,081 |
मैक्सिको | 3,49,396 | 39,485 | 2,17,423 |
चिली | 3,33,029 | 8,633 | 3,03,992 |
स्पेन | 3,11,916 | 28,422 | उपलब्ध नहीं |
ब्रिटेन | 2,95,372 | 45,312 | उपलब्ध नहीं |
फ्रांस: 400 नए क्लस्टर मिले
फ्रांस के स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक, देश में संक्रमण के मामले बढ़ते जा रहे हैं। यहां वायरस के करीब 400 नए क्लस्टर मिले हैं। वहीं, फ्रांस पहला देश हैं, जहां दुकानों, रेस्टोरेंट और बैंक जैसी बंद जगहों पर भी मास्क पहनना होगा। नियम नहीं मानने वालों पर 135 यूरो ( 11,565 रु.) तक का जुर्माना भी लिया जा सकता है।
ब्राजील: 80 हजार मौतें
ब्राजील में मरने वालों की संख्या 80 हजार से ज्यादा हो गई है। यहां 24 घंटे में 20 हजार से ज्यादा केस मिले हैं। इसके साथ ही देश में संक्रमितों की संख्या 21 लाख से ज्यादा हो गई है। अब तक 14 लाख से ज्यादा मरीज ठीक हो चुके हैं। वहीं, ब्राजील के शिक्षा मंत्री मिल्टन रिबेरो और नागरिता मंत्री ओनिक्स लोरोंजोनी कोरोना पॉजिटिव मिले हैं। दोनों घर से काम करते रहेंगे।
इजराइल: नर्सें हड़ताल पर
इजराइल के अस्पतालों में स्टाफ की कमी और काम की खराब परिस्थितियों को लेकर नर्सें हड़ाल पर हैं। देश में अब तक 52 हजार से ज्यादा लोग संक्रमित हो चुके हैं, जबकि 415 लोगों की जान जा चुकी है।
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इमरान सरकार ने चीन के बीगो प्लेटफॉर्म को बैन किया, टिकटॉक को भी ऐसा ही करने की धमकी दी July 20, 2020 at 04:45PM
पाकिस्तान टेलिकम्युनिकेशन अथॉरिटी (पीटीए) ने चीन के लाइव स्ट्रीमिंग ऐप बीगो को ब्लॉक कर दिया है। इसके अलावा भारत के बाद अब पाकिस्तान में भी चीन के सोशल मीडिया ऐप टिकटॉक को बैन किया जा सकता है। यह जानकारी पीटीए ने दी है। आरोप है कि इन दोनों ऐप्स के जरिए मुल्क में अश्लीलता फैलाई जा रही है और यह देश के लिए खतरनाक साबित हो सकते हैं।
मीडिया को जारी किया बयान
भारत में पिछले महीने टिकटॉक समेत चीन के 59 ऐप्स पर बैन लगाया गया था। इसके बाद से ही पाकिस्तान में भी इस तरह की मांग उठ रही थी। पीटीए ने सोमवार रात इस बारे में एक बयान जारी किया। इसमें कहा गया- चीनी ऐप्स के जरिए देश में अनैतिकता और अश्लीलता फैलाई जा रही है। इसके खतरनाक नतीजे हो सकते हैं। समाज के कई तबकों ने इन ऐप्स पर बैन की मांग की है। टिकटॉक और बीगो को लेकर नाराजगी बेहद ज्यादा हो चुकी है।
युवाओं को खतरा
पाकिस्तान के कई सामाजिक संगठनों ने पीटीए को चिट्ठी लिखकर इन ऐप्स पर बैन की मांग की थी। इस पर विचार के बाद पीटीए ने बयान जारी किया। कहा- हमें कई तरह की शिकायतें मिली हैं। इस तरह के ऐप्स का सोसायटी पर निगेटिव असर हो रहा है। सबसे बड़ी फिक्र युवाओं को लेकर है। वे इन ऐप्स की वजह से गुमराह हो रहे हैं। इन कंपनियों को पाकिस्तान के कानून के हिसाब से काम करना होगा। नहीं ये इन्हें बैन किया जाएगा। पाकिस्तान सरकार पबजी गेम एप्लीकेशन को भी बंद कर चुकी है।
खतरे में पड़ गई थी सरकार
कुछ महीने पहले पाकिस्तान की दो टिकटॉक स्टार हरीम शाह और संदल खटक के वीडियो वायरल हुए थे। इनमें वो प्रधानमंत्री इमरान और कुछ मंत्रियों के साथ नजर आईं थीं। तब इन मंत्रियों का काफी विरोध हुआ था। मीडिया में कई दिनों तक मुद्दा छाया रहा था। आरोप है कि मामले को ठंडा करने के लिए इन लड़कियों को कनाडा भेज दिया गया। अब उन्होंने वहां की नागरिकता के लिए आवेदन दिया है।
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UK to suspend Hong Kong extradition treaty amid China tensions July 20, 2020 at 05:04AM
चीन टेक्नोलॉजी के जरिए उइगरों के घर के अंदर तक नजर रख रहा, महिलाओं के गर्भाशय में उपकरण लगाकर बांझ बनाया जा रहा July 20, 2020 at 01:35AM
चीन कई सालों से उइगर समुदाय का सफाया करने के लिए तरह-तरह की रणनीति बनाता रहा है। हाल के सालों में चीनी सरकार ने टेक्नोलॉजी के जरिए नरसंहार करना शुरू किया है। लोगों के घरों के अंदर तक नजर रखी जा रही है। महिलाओं को बांझ बनाया जा रहा है।अमेरिका में रहने वाली उइगर लेखक रेयान असत ने द फॉरेन पॉलिसी में एक आर्टिकल के जरिए चीनी नरसंहार को बयां किया है। रेयान ने लिखा कि नरसंहार यानी जीनोसाइड केवल किसी समुदाय के लोगों की बड़े पैमाने परहत्या करने को ही नहीं कहते हैं। जीनोसाइड कन्वेंशन के अनुसार यह कई प्रकार से होता है, जैसे-
- किसी समुदाय की हत्या करना
- समुदाय को गंभीर शारीरिक या मानसिक नुकसान पहुंचाना
- समुदाय में बच्चों को पैदा होने देने से रोकना
- समुदाय के बच्चों को जबरन दूसरे समूहमें भेज देना
चीन भी इस कन्वेंशन का सदस्य है।फिर भी वह अपने ही कम्युनिटी के खिलाफ कन्वेंशन के कई मानकों को तोड़कर नरसंहार कर रहा है।
शिनजियांग में ग्रिड मैनेजमेंट सिस्टम लागू
रेयान के मुताबिक, चीन ने शिनजियांग प्रांत में ग्रिड मैनेजमेंट सिस्टम लागू किया है। इसके जरिए वह उइगरों की जिंदगी के धार्मिक, पारिवारिक, सांस्कृतिक और सामाजिकसमेत हर पहलू पर नजर रख सकता है। इस सिस्टम के तहत शहरों और गावों को करीब 500-500 लोगों के वर्ग में बांटा गया है। हर वर्ग का एक पुलिस स्टेशन है, जिसके जरिए लोगों पर करीब से निगरानी रखी जाती है।
रोज लोगों के पहचान पत्र,डीएनए सैंपल, उंगलियों के निशान चेक किए जाते हैं। वीडियो सर्विलांस, स्मार्टफोन से हर एक व्यक्ति का डेटा कलेक्ट किया जाता है। रेयान के भाई एकपार असत उइगर बिजनेसमैन हैं। चीन की सरकार ने उन्हें घृणा फैलाने के आरोप में 15 साल जेल की सजा सुनाई है।
महिलाओं के गर्भाशय में जबरन डिवाइस लगाई
उइगर समुदाय में सबसे ज्यादा दिक्कत महिलाओं को उठानी पड़ी। 2017 में शिनजियांग सरकार नेकैंपेन शुरू किया था। मकसद था कि बर्थ कंट्रोल कानून को तोड़ने वाला एक भी केस नहीं आने देना। इसके चलते सरकार ने महिलाओं के गर्भाशय में जबरन डिवाइस लगा दी थी ताकि वे प्रेग्नेंट न हों सकें। 2015 से 2018 के बीच उइगर समुदाय की जनसंख्या वृद्धि दर 84% कम हो गई। 2017 और 2018 के बीच शिनजियांग के एक जिले में 124% बांझ महिलाएं और 117% विधवा महिलाएं बढ़ गईं।
सरकार की अनुमति के बाद ही हट सकते हैं उपकरण
2018 में चीन में आबादी थामने के लिए जितनी महिलाओं के गर्भाशय में उपकरण लगाए गए, उसमें 80% केवल शिनजियांग की थीं, जबकि शिनजियांग की आबादी चीन का आबादी का केवल 1.8% है। इन उपकरणों को केवल सरकार की अनुमति के बाद ही ऑपरेशन करके हटाया जा सकता है। 2019 में शिनजियांग के कासगर शहर में केवल 3% शादीशुदा महिलाओं ने ही बच्चों को जन्म दिया। चीनी सरकार उइगर समुदाय के सफाए के लिए हर तरकीब अपना रही है।
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कान्ये वेस्ट गर्भपात पर बोलते हुए रो पड़े, कहा- मैं और किम अपना पहला बच्चा नहीं चाहते थे July 20, 2020 at 01:18AM
अमेरिकी रैपर कान्ये वेस्ट ने रविवार को साउथ कैरोलिना में राष्ट्रपति चुनाव के लिए कैंपेन की शुरुआत की। उन्होंने 4 जुलाई को चुनाव लड़ने की घोषणा की थी। उसके बाद उनकी यह पहली रैली है। रविवार को अपनी स्पीच के दौरान वे रो पड़े। कान्ये इंटरनेशनल ट्रेड और गर्भपात पर बात कर रहे थे। उन्होंने कहा कि किम कर्दाशिंया (उनकी पत्नी) और वे अपना पहला बच्चा नहीं चाहते थे।
अपने स्पीच में उन्होंने कई विवादित टिप्पणियां कीं। उन्होंने गर्भपात पर काफी देर तक बोला। उन्होंने दावा किया कि वे और उनकी तब की गर्लफ्रेंड किम कर्दाशियां अपने पहले बच्चे को खत्म करने का विचार किया था। उन्होंने कहा कि जो महिलाएं पहली बार मां बनती हैं, उन्हें 10 लाख डॉलर दिया जाना चाहिए।
कैंपेन के दौरान 43 साल के कान्ये वेस्ट बुलेटप्रूफ वेस्ट में थे। उन्होंने स्टेज पर माइक्रोफोन के बिना बात की। उन्होंने अपने पहले बच्चे को लेकरकहा कि वह (किम कर्दाशियां) महीनों तक रोती रही। हमें यह बच्चा नहीं चाहिए था। उसके हाथ में पिल्स थे। काफी विचार के बाद हम बच्चे के लिए तैयार हुए। दोनों की पहले बच्चे का नाम नॉर्थ है।
मां ने मेरी जान बचाई
वेस्ट ने दावा किया कि उनके पिता भी चाहते थे कि उनकी मां गर्भपात करवा ले। उन्होंने रोते हुए कहा- मेरी मां ने मेरी जान बचाई। कोई कान्ये वस्ट नहीं होता, क्योंकि मेरे पिता बेहद व्यस्त रहते थे। मेरी मां ने मुझे जीवन दिया।
सिविल राईट एक्टिविस्ट टबमैन पर भी आरोप लगाए
अपने स्पीच के दौरान उन्होंने मानवाधिकार कार्यकर्ता हैरिएट टबमैन पर भी निशाना साधा। उन्होंने कहा कि अडरग्राउंड रेलरोड कंडक्टर ने हमेशा से गोरों के लिए काम किया। उन्होंने कभी गुलामों को आजाद नहीं कराया। टबमैन 19वीं शताब्दी के अमेरिका के सबसे सम्मानित शख्सियतों में से एक थीं।
पॉलिट्को न्यूज की रिपोर्ट मेंकहा गया है कि वेस्ट ने कई राज्यों में चुनाव के लिए क्वालीफाई करने की समय-सीमा मिस कर दी है। हालांकि, पिछले हफ्ते वे ओक्लाहोमा से क्वालिफाई कर गए थे। राज्य के नियम के अनुसार, वेस्ट को सोमवार दोपहर तक साउथ कैरोलिना से क्वालिफाई करने के लिए 10 हजार हस्ताक्षर की जरूरत थी।
एलन मस्क ने समर्थन दिया
कान्ये वेस्ट के राष्ट्रपति चुनाव लड़ने की घोषणा के बाद ही टस्ला के सीईओ एलन मस्क ने उन्हें अपना समर्थन दे दिया था। वेस्ट ने 21 बार ग्रैमी जीता है।
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वेस्ट ने कहा- इस बार राष्ट्रपति चुनाव लड़ूंगा, टेस्ला के सीईओ मस्क बोले- मेरा आपको पूरा समर्थन
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इमरान के खिलाफ नवाज और बिलावल की पार्टियां हाथ मिलाएंगी, मौलाना रहमान भी इस मोर्चे का हिस्सा, पहली मीटिंग आज July 20, 2020 at 12:13AM
आने वाले दिन पाकिस्तान की सियासत के लिहाज से अहम साबित हो सकते हैं। प्रधानमंत्री इमरान खान को सत्ता से हटाने के इरादे से देश की तीन प्रमुख विपक्षी पार्टियों ने हाथ मिला लिए हैं। हालांकि, इसकी औपचारिक घोषणा बाकी है। सोमवार को नवाज शरीफ की पार्टी (पीएमएल-एन) और बिलावल भुट्टो की पार्टी (पीपीपी) की मीटिंग हो रही है।
तीसरी पार्टी मौलाना फजल-उर-रहमान की जमीयत-उल-इस्लामी है। मौलाना ने पिछले साल नवंबर में भी इमरान के लिए मार्च निकालकर मुश्किलें पैदा कर दीं थीं। हालांकि, बाद में अचानक इसे वापस भी ले लिया था।
फिलहाल, क्या हो रहा है
सोमवार को पीएमएल-एन के नेताओं का एक दल बिलावल भुट्टो के घर पहुंचा। इमरान को हटाने के लिए रणनीति पर चर्चा शुरू हुई। जियो न्यूज के मुताबिक, बातचीत की जानकारी मीडिया को अभी नहीं दी जाएगी। कोशिश एक ऑल पार्टी अलायंस बनाने की है।
कैसे बना समीकरण
इमरान सरकार पीएमएल-एन और पीपीपी के सभी बड़े नेताओं के खिलाफ भ्रष्टाचार के आरोप लगाकर केस चला रही है। नवाज और जरदारी को जेल भी भेजा जा चुका है। कुछ खबरों के मुताबिक, प्रांतीय स्तर के नेताओं को झूठे ड्रग स्मगलिंग के मामलों में फंसाया गया है। वैसे दोनों पार्टियां अलग-अलग विचाराधारा का दावा करती हैं। लेकिन, इमरान के खिलाफ एक हो गई हैं।
एक फोन से बन गया काम
पिछले दिनों बिलावल भुट्टो ने नवाज के भाई शहबाज की तबीयत का हाल जानने के लिए उन्हें फोन किया। काफी देर बातचीत हुई। सियासी मामलों पर एक होने पर शुरुआती ही सही, लेकिन सहमति बनी। मौलाना को इसकी भनक लगी तो उन्होंने दोनों नेताओं से संपर्क किया। अलायंस का प्लान बना। जेल में बंद जरदारी ने भी सहमति दी। अब जल्द ही बिलावल इस्लामाबाद से लाहौर आने वाले हैं। शहबाज से बात करेंगे।
सेना भी नहीं रोक पाएगी
अगर तीनों पार्टियां साथ आ गईं तो सेना के लिए भी इमरान को बचाना बहुत मुश्किल हो जाएगा। सबसे मजबूत सूबे पंजाब में नवाज तो सिंध में पीपीपी मजबूत है। इमरान सिर्फ खैबर पख्तूनख्वा में ताकतवर हैं। आर्मी और सिविल एडमिनिस्ट्रेशन के ज्यादातर मलाईदार पदों पर पंजाब के लोग ही काबिज हैं। लिहाजा, पंजाब और सिंध से आवाज उठी तो इमरान सरकार के लिए इसे दबाना बहुत मुश्किल होगा। दूसरी तरफ मौलाना भी हैं। उनका मजहबी तौर पर काफी सम्मान है। लाखों फॉलोवर हैं।
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Iran executes man accused of spying for US, Israel July 19, 2020 at 11:38PM
ईरान ने अमेरिकी हमले में मारे गए अपने पूर्व जनरल की मुखबिरी के दोषी को सजा-ए-मौत दी, जनवरी में मारे गए थे जनरल सुलेमानी July 19, 2020 at 10:22PM
ईरान ने देश के साथ गद्दारी करने वाले महमूद मुसावी माजिद को मौत की सजा दे दी है।माजिद पर आरोप था कि उसने देश के सबसे लोकप्रिय जनरल कासिम सुलेमानी के इराक में होने की जानकारी अमेरिका को दी थी। सरकारी मीडिया ने सोमवार को माजिद को सजा दिए जाने पुष्टि की। इससेपहले सरकार ने यह स्पष्ट नहीं किया था उसे कब सजा-ए-मौत दी जाएगी।
सुलेमानी को अमेरिका ने इराक के बगदाद एयरपोर्ट के करीब ड्रोन से मिसाइल दागकर मार गिराया था। उस वक्त सुलेमानी कार में बैठकर जा रहे थे। तब ईरान ने अमेरिका को बदला लेने की धमकी भी दी थी।
माजिद को पिछले महीने सजा सुनाई गई थी
माजिद को पिछले महीने सजा-ए-मौत सुनाई गई थी। इसके बाद ईरान के कानून मंत्रालय के प्रवक्ता हुसैन इस्माइल ने कहा था “माजिद कुद्स सेना प्रमुख की लोकेशन और मूवमेंट की जानकारी हमारे दुश्मन अमेरिका को देता था। इसके बदले उसे अमेरिकी डॉलर मिलते थे। हमने उसे सजा-ए-मौत सुनाई है।” इसके बाद से ही अटकलें लगाई जा रही थी कि सजा पर जल्द अमल हो सकता है।
रॉकेट हमले में हुई थी सुलेमानी की मौत
सुलेमानी ईरान की कुद्स फोर्स के प्रमुख थे। तीन जनवरी को वह सीरिया से इराक के बगदाद एयरपोर्ट पर पहुंचे। यहां वो एक कार में बैठे। कई और गाड़ियां भी उनके काफिले में थीं। इसी दौरान अमेरिकी एमक्यू-9 ड्रोन से दागी गई मिसाइल उनकी गाड़ी से टकराई। हमले में सुलेमानी की मौत हो गई। ईरान में तीन दिन का राष्ट्रीय शोक रहा। लोग सड़कों पर उतर आए। कुद्स फोर्स मुख्य तौर पर खुफिया एजेंसी है। ईरानी सेना में इसकी अलग यूनिट है।
सुलेमानीकी मौत की गहन जांच का दावा
सुलेमानी की मौत के बाद ईरान ने अमेरिका से बदला लेने की धमकी दी थी। आमतौर पर सुलेमानी की यात्राएं बेहद गुप्त होती थीं। लेकिन, उनके बगदाद में होने की जानकारी अमेरिका को मिल गई। ईरान का दावा है कि उसने सुलेमानी की मौत के मामले में गहन जांच कराई। इसमें कुछ लोगों पर शक हुआ। जांच के बाद माजिद को दोषी पाया गया। हालांकि, केस और सुनवाई की जानकारी कभी सार्वजनिक नहीं की गई। माजिद पर एक आरोप इजराइल की खुफिया एजेंसी मोसाद की मदद करने का भी था।
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