Wednesday, December 11, 2019
Myanmar's Aung Suu Kyi rejects genocide claims at top UN court December 12, 2019 at 01:09PM
ज्वालामुखी से झुलसे लोगों के इलाज के लिए न्यूजीलैंड ने 1292 वर्ग मीटर त्वचा ऑर्डर की December 12, 2019 at 11:42AM
वेलिंगटन. न्यूजीलैंड के व्हाइट आइलैंड में ज्वालामुखी फटने से जख्मी (झुलसे) लोगों के इलाज के लिए सरकार ने 1292 वर्ग मीटर की मानव त्वचा का ऑर्डर दिया है। सोमवार को भड़के ज्वालामुखी में बुधवार तक मरने वालों का आंकड़ा 10 हो गया, जबकि 27 गंभीर रूप से जल गए हैं। ये सभी इंटेन्सिव केयर में भर्ती हैं। बाकी मामूली रूप से झुलसे हैं। हादसे के वक्त आइलैंड पर 47 पर्यटक थे।
चिकित्सा अफसरों का कहना है कि पीड़ितों के इलाज के लिए त्वचा की बेहद जरूरत है। अधिकांश लोग गैस और राख से जख्मी हुए। 27 मरीज 30% से ज्यादा झुलस गए हैं। जिला हेल्थ बोर्ड के अफसर पीटर वाटसन ने कहा कि हम सभी का इलाज कर रहे हैं, लेकिन 1292 वर्ग फीट अतिरिक्त त्वचा की जरूरत होगी। हम अमेरिका से त्वचा मंगा रहे हैं। ऑर्डर भेजा दिया गया। इसके अलावा, ऑस्ट्रेलिया के टिश्यू और स्किन बैंक को भी ऑर्डर दिया गया है।
12 हजार फीट की ऊंचाई तक उठी राख
न्यूजीलैंड की जिओसाइंस एजेंसी नेमंगलवार को बताया था कि ज्वालामुखी का विस्फोट काफी कम समय के लिए था। हालांकि, इसका धुआं और राख आसमान में करीब 12 हजार फीट (3658 मीटर) तक ऊपर पहुंच गई। अब इसके दोबारा भड़कने की संभावना कम है। व्हाइट आइलैंड पर मौजूद इस ज्वालामुखी को काफी सक्रिय माना जाता है। वैज्ञानिकों ने 3 दिसंबर को ज्वालामुखी के भड़कने की आशंका जताई थी। तब इसकी तीव्रता इतनी नहीं थी कि इससे पर्यटकों को कोई खतरा होता। इसी के चलते कोई चेतावनी नहीं जारी की गई।
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कश्मीर में भारत के खिलाफ एफ-16 जेट इस्तेमाल करने पर अमेरिका ने पाकिस्तान को फटकार लगाई थी: रिपोर्ट December 12, 2019 at 11:04AM
वॉशिंगटन. अमेरिका ने भारत के खिलाफ एफ-16 फाइटर जेट्स के इस्तेमाल के लिए पाकिस्तान को अगस्त में फटकार लगाई थी। अमेरिकी मीडिया ग्रुप ‘यूएस न्यूज एंड वर्ल्ड रिपोर्ट’ ने यह खुलासा किया है। रिपोर्ट के मुताबिक, ट्रम्प प्रशासन की एक शीर्ष अफसर ने एफ-16 के इस्तेमाल पर सवाल उठाते हुए पाकिस्तानी वायुसेना के प्रमुखों को पत्र भी लिखा था। इसमें पाकिस्तान पर बिना जानकारी दिए एफ-16 जेट के इस्तेमाल का आरोप लगाया गया था। अफसर ने इसे दोनों देशों के बीच साझा सुरक्षा समझौते का उल्लंघन बताया था।
पाकिस्तान ने भारत पर हमले के लिए एफ-16 का इस्तेमालकिया था
फरवरी में कश्मीर के पुलवामा में सीआरपीएफ जवानों पर हुए हमले के बाद भारतीय वायुसेना ने पाकिस्तान के बालाकोट स्थित आतंकी ठिकानों पर बम बरसाए थे। इसके जवाब में पाकिस्तानी वायुसेना ने एफ-16 विमान भेजकर भारत के सैन्य बेसों को एम्राम मिसाइलों से निशाना बनाने की कोशिश की। भारतीय वायुसेना के कमांडर अभिनंदन ने जवाबी कार्रवाई में एक एफ-16 जेट मार गिराया था। भारत ने इसे युद्ध की पहल बताते हुए एफ-16 के इस्तेमाल की शिकायत अमेरिका से की थी। हालांकि, उस वक्त अमेरिका की तरफ से पाकिस्तान से कोई जवाब नहीं मांगा गया।
अमेरिका ने पाकिस्तान को समझौते के तहत दिए हैं एफ-16 विमान
अमेरिका ने पाकिस्तान को एफ-16 विमान तय समझौते के तहत दिए हैं। इसके तहत पाक सरकार बिना अमेरिका को जानकारी दिए जेट्स का इस्तेमाल नहीं कर सकती। एफ-16 का इस्तेमाल किसी देश के खिलाफ युद्ध भड़काने के लिए सीधी कार्रवाई में भी नहीं किया जा सकता। इसके अलावा पाकिस्तान को एफ-16 जेट्स के ठिकाने बदलने की जानकारी भी अमेरिका को देनी होती है। समझौते के मुताबिक, जेट्स को मुहैया कराने वाले कॉन्ट्रैक्टर्स इस बात की भी जानकारी रखते हैं कि पाकिस्तान इन्हें कैसे और कहां इस्तेमाल करता है।
एफ-16 के दुष्ट ताकतों के हाथ में पड़ने का खतरा था: मंत्री
रिपोर्ट के मुताबिक, अगस्त में ट्रम्प प्रशासन में तत्कालीन अंतरराष्ट्रीय सुरक्षा मामलों की मंत्री एंड्रिया थॉमसन ने पाकिस्तान के एयर चीफ मार्शल मुजाहिद अनवर खान को पत्र लिखा। इसमें उन्होंने एफ-16 के ठिकाने बदलने और एम्राम मिसाइलों के इस्तेमाल पर सवाल पूछे। एंड्रिया ने आरोप लगाया कि पाकिस्तान ने जेट्स और मिसाइलों को अनाधिकारिक सैन्य ठिकानों पर तैनात किया। इससे इन हथियारों के खतरनाक आतंकी ताकतों के हाथ में पड़ने का खतरा बढ़ जाता है। एंड्रिया ने खान को फटकार लगाते हुए कहा था कि उनका इस तरह का व्यवहार दोनों देशों के बीच साझा सुरक्षा समझौते का उल्लंघन है।
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संसद में नागरिकता संशोधन बिल पास, शरणार्थी महिला ने बेटी का नाम ‘नागरिकता’ रखा December 12, 2019 at 09:45AM
नई दिल्ली.नागरिकता संशोधन बिल बुधवार को जैसे ही संसद से पास हुआ, दिल्ली के मजनूं का टीला में रहने वाले 750 पाकिस्तानी हिंदू शरणार्थियों ने खूब जश्न मनाया। खुशी इतनी कि यहां रहने वाली पाकिस्तानी हिंदू शरणार्थी महिला ने नागरिकता संशोधन बिल पास होने की खुशी में दो दिन पहले जन्मी अपनी बेटी का नाम ही नागरिकता रख दिया।
बेटी की दादी मीरा दास ने बताया कि बच्ची का जन्म सोमवार को हुआ था और परिवार ने उसका नाम ‘‘नागरिकता’’ रखने का फैसला किया।मीरा ने भी लोकसभा में विधेयक के पारित होने की मन्नत मांगी थी और उस दिन उपवास भी रखा। मीरा ने कहा, “यह मेरी सबसे बड़ी इच्छा थी कि नागरिकता संशोधन विधेयक 2019 संसद में पारित हो।”
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बोगनविल दुनिया का सबसे नया देश बनने की ओर, 98% लोगों ने पापुआ न्यूगिनी से आजादी के समर्थन में मतदान किया December 12, 2019 at 09:38AM
पोर्ट मोर्सबी (पापुआ न्यू गिनी). प्रशांत महासागर में स्थित द्वीपबोगनविलपापुआ न्यूगिनी (पीएनजी) का हिस्सा है। पीएनजी से अलग होने को लेकर बोगनविल में23 सितंबर से वोटिंग हो रही थी। बुधवार को आए नतीजे में यहां के लोगों ने पीएनजी से आजाद होने के समर्थन में भारी मतदान किया। लिहाजा बोगनविलदुनिया का सबसे नया देश बनने जा रहा है।
बोगनविले रेफरेंडम(जनमत संग्रह) कमीशन के अध्यक्ष बर्टी अहर्न नेबुका (बोगनविलकी राजधानी) मेंघोषणा की कि 1 लाख 81 हजार 67 में से 98% लोगों ने (1,76,928) आजादी के समर्थन में वोट दिया,जबकि विरोध में 3,043 लोगों ने मतदान किया।अहर्न ने सभी पक्षों से नतीजे को मानने का अपील किया। उन्होंने कहा कि यह वोट आपकी शांति, आपके इतिहास और आपके भविष्य को लेकर है। यह हथियारों पर कलम की ताकत को दिखाता है।
रेफरेंडम को पीएनजी कीसंसद में भी पेश किया जाना है
इस रेफरेंडम को पापुआ न्यूगिनी के संसद में पेश किया जाना है,जहां इसका विरोध भी किया जा सकता है। हालांकि, बड़े स्तर पर लोगों ने आजादी का समर्थन किया है, जिससे पोर्ट मोर्सबी (पापुआ न्यूगिनी की राजधानी) पर दबाव बना रहेगा।
फ्रांसीसी खोजकर्ता के नाम पर बोगनविलनाम पड़ा
- बोगनविलपापुआ न्यूगिनी का एक प्रांत है।
- यहां के लोग खद को पीएनजी से स्वतंत्र मानते हैं।
- इसका नाम 18वीं शताब्दी के फ्रांसीसी खोजकर्ता के नाम पर रखा गया।
- पीएनजी के 1975 में ऑस्ट्रेलिया से आजाद होने से पहले ही बोगनविल की आजादी की घोषणा हुई।
- पीएनजी और ऑस्ट्रेलिया ने बोगनविल कभी आजाद नहीं माना।
- यह वोटिंग 2001 के शांति समझौते का एक हिस्सा है।
तांबे के लिए 1980 के दशक में बोगनविलमें संघर्ष हुआ
2001 में पीएनजी सरकार ने दशकों तक चलने वाले गृह युद्ध को खत्म करने के लिए एक शांति समझौते के रूप में मतदान का वादा किया था। 1980 के दशक में बोगनविलमें हिंसा शुरू हुई। इसका कारण पंगुना में स्थित विशाल तांबे की खान थी। 1988 से लेकर 1998 तक करीब 10 साल तक बोगनविले लड़ाकों, पापुआ न्यूगिनी सेना और किराए पर लिए गए विदेशी सैनिकों के बीच युद्ध चलता रहा। इसमें करीब 20 हजार जानगईथीं।
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जिहादी हमले में 70 सैनिक मारे गए, घटना के बाद राष्ट्रपति महामदौ मिस्र के दौरे से लौटे December 12, 2019 at 08:50AM
नियामे. इस्लामिक आतंकियों ने पश्चिमनाइजर में बुधवार को एक सैन्य चौकी पर हमला किया। इसमें करीब 70 सैनिक मारे गए। सेना की चौकी माली सीमा के पास स्थित है।राष्ट्रपति के एक सलाहकार ने बुधवार देर रात हमले की सूचना दी और इसे पश्चिम अफ्रीकी देश की सेना पर हुए अब तक सबसे घातक हमला बताया।
फ्रांस में होने वाले शिखर सम्मेलन से कुछ ही दिन पहले यह हमला हुआ है। सम्मेलन में फ्रांसीसी राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों पश्चिम अफ्रीकी नेताओं के साथ सहेल क्षेत्र में फ्रांसीसी सेना की भूमिका पर चर्चा करने वाले थे। बुधवार देर रात राष्ट्रपति महामदौ इससौफ ने ट्वीट किया- वह माली के साथ नाइजर की सीमा के पास हुए घटनाक्रम के बाद मिस्र की विदेश यात्रा से जल्दी लौट गए।
जिहादी लंबे समय से नाइजर में सक्रिय
नाइजर की सेना ने आधिकारिक रूप से मरने वालों की संख्या जारी नहीं की। लेकिन, एक सलाहकार ने नाम न छापने की शर्त पर अस्थायी रूप से आंकड़ा बताया। सलाहकार ने कहा कि नाइजर के दूरदराज इलाके में बड़ा हमला हुआ। यहां जिहादी लंबे समय से सक्रिय थे।कुछ विशेषज्ञों का कहना है कि इस हमले का उद्देश्य जिहादियों के नियंत्रण वाले क्षेत्र का विस्तार करना है। बढ़ती असुरक्षा को देखते हुए माली की सेना ने दूर स्थित अपने ठिकानों को वहां से हटा लिया है।
नाइजर और फ्रांस की सेना हिंसा रोकने में विफल रही है
यह इलाका नाइजर के उआलम शहर से 45 किमी दूर है। यहां दो साल पहले एक हमले में चार नाइजीरियन सैनिकों के साथ ही चार अमेरिकी अधिकारियों की मौत हो गई थी। इस्लामी चरमपंथीलंबे समय से इस इलाके में विदेशियों का अपहरण करते रहे हैं और लोकप्रिय स्थानों को निशाना बनाते रहे हैं। क्षेत्रीय सैन्य बल और फ्रांसीसी सेना इस हिंसा को रोकने में विफल रहे हैं।नाइजर, माली समेत कई अफ्रीकी देशों में इस्लामिक चरमपंथ से लड़ने के लिए फ्रांस ने अपनी सेना तैनात की है।
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With Netanyahu's fate in question, Israel heads to new election December 12, 2019 at 08:58AM
बांग्लादेश के विदेश मंत्री बोले- हमारे देश में सांप्रदायिक सौहार्द बेहतर, अमित शाह खुद कुछ महीने ठहरकर देख लें December 12, 2019 at 08:57AM
नई दिल्ली.बांग्लादेश के विदेश मंत्री डॉ. एके अब्दुल मोमेन ने नागरिकता संशोधन बिल पर कहा कि दुनिया में कुछ ही ऐसे देश हैं, जहां सांप्रदायिक सौहार्द बांग्लादेश के बेहतर हो। अगर गृह मंत्री अमित शाह कुछ महीने हमारे देश में ठहरेंगे तो उन्हें यह नजर आएगा। भारतीय संसद से यह बिल पास हो चुका है। इसमें तीन पड़ोसी देशों (बांग्लादेश, पाकिस्तान और अफगानिस्तान) के गैर-मुस्लिम शरणार्थियों को नागरिकता देने का प्रावधान है। विधेयक पर बहस में शाह ने तीनों देशों में धर्म के नाम पर अल्पसंख्यकों के उत्पीड़न, धर्म परिवर्तन और उनके पलायन का जिक्र किया था।
नागरिकता बिल बुधवार को राज्यसभा में भी पास हो गया। इसके पक्ष में 125, जबकि विरोध में 105 वोट पड़े। करीब 8 घंटे चली बहस का जवाब देते हुए अमित शाह ने कहा- यह विधेयक ऐतिहासिक भूल को सुधारने के लिए लाया गया। हम तीन देशों के उन अल्पसंख्यकों को नागरिकता देंगे, जो अपने धर्म, बहू-बेटियों की इज्जत बचाने के लिए यहां आए हैं। लोकसभा में यह बिल सोमवार को पास हो चुका है। निचले सदन में विधेयक पर 14 घंटे तक बहस के बाद रात 12.04 बजे वोटिंग हुई थी। बिल के पक्ष में 311 और विरोध में 80 वोट पड़े थे।
गैर-मुस्लिमों को नागरिकता देने की अवधि 11 से 6 साल की गई
संशोधित विधेयक में 3 पड़ोसी देशों के अल्पसंख्यक शरणार्थियों (हिंदू, सिख, जैन, बौद्ध, पारसी और ईसाई) को नागरिकता मिलने का समय घटाकर 11 साल से 6 साल किया गया है। मुस्लिमों और अन्य देशों के नागरिकों के लिए यह अवधि 11 साल ही रहेगी। जिन गैर-मुस्लिमों ने 31 दिसंबर, 2014 को या उससे पहले वैध यात्रा दस्तावेजों के बिना भारत में प्रवेश किया है या उनके दस्तावेजों की वैधता समाप्त हो गई है, उन्हें भी भारतीय नागरिकता प्राप्त करने की सुविधा रहेगी। जबकि बिना वैध दस्तावेजों के पाए गए मुस्लिमों को जेल या निर्वासित किए जाने का प्रावधान ही रहेगा।
अब्दुल मोमेन तीन दिन की भारत यात्रा पर आएंगे
बांग्लादेश के विदेश मंत्री मोमेन गुरुवार को तीन दिन के दौरे पर भारत आ रहे हैं। वे 13 दिसंबर को दिल्ली में 6वें इंडियन ओसन डायलॉग में हिस्सा लेंगे। इसमें हिंद-प्रशांत क्षेत्र के अहम मुद्दों पर चर्चा होगी। साथ ही विदेश मंत्री एस जयशंकर के साथ द्विपक्षीय वार्ता भी करेंगे। भारतीय विदेश मंत्रालय ने कहा है कि इस साल जून में हुई आसियान समिट में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हिंद-प्रशांत क्षेत्र में स्वतंत्रता, खुलेपन और सुधारों के लिए प्रतिबद्धता जताई थी। इंडियन ओसन डायलॉग में पड़ोसी देशों के साथ मिलकर इसे आगे बढ़ाने का प्रयास करेंगे।
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इस महीने बनना था सबसे कम उम्र का ग्रेजुएट, तारीख बदली तो छोड़ दी यूनिवर्सिटी December 12, 2019 at 08:56AM
ब्रसेल्स.इस महीने के अंत तक दुनिया के सबसे कम उम्र के ग्रेजुएट बनने जा रहे लॉरेंट सिमाेन्स ने यूनिवर्सिटी छोड़ दी है। बेल्जियम का नाै साल के लॉरेंट आइंडहाेवन यूनिवर्सिटी अॉफ टेक्नोलॉजी में इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग की पढ़ाई कर रहा था और एग्जाम्स के बाद दिसंबर के अंत में ग्रेजुएट होना था मगर यूनिवर्सिटी की अोर से डिग्री दिए जाने की तारीख बदलने के बाद उनके पैरेंट्स ने फैसला किया कि वह यूनिवर्सिटी ही छोड़ देंगे। यूनिवर्सिटी का कहना है कि दिसंबर तक लॉरेन्ट के सारे एग्जाम नहीं हो पाएंगे, इसलिए उसे डिग्री अगले साल जुलाई में ही मिल पाएगी। हालांकि लॉरेन्ट का कहना है कि इसकी वजह एक अोरल एग्जाम में फेल किए जाने के बाद उसके द्वारा किए जाने वाला विरोध है।
यूनिवर्सिटी ने कहा-सारे एग्जाम नहीं हो पाने थे, तभी तारीख आगे बढ़ाई
उसने इंस्टाग्राम पर एक पोस्ट के जरिए भी यूनिवर्सिटी के प्रति अपनी नाराजगी जताकर अधिकारियाें को झूठा करार दिया। पोस्ट के साथ ही लॉरेन्ट ने उस ई-मेल का स्क्रीनशॉट भी डाला है िजसमें यूनिवर्सिटी की अोर से उसे इसी साल ग्रेजुएट किए जाने की बात कही गई थी। उसने पोस्ट में लिखा-मेरी पढ़ाई अच्छे से जा रही थी और दिसंबर में खत्म हो जानी थी। मगर मेरे पैरेंट्स से कहा गया कि सारे एग्जाम न हो पाने के कारण दिसंबर में डिग्री देना संभव नहीं होगा। हालांकि इसकी वजह अोरल एग्जाम वाला मामला था। मैंने विरोध जताया तो उन्हाेंने कह दिया कि दिसंबर में डिग्री नहीं देंगे। एक महीना, दो महीना, तीन महीने लेकिन सात महीने, यह तो हद है। मालूम हो कि पिछले महीने लॉरेन्ट के सबसे कम उम्र के ग्रेजुएट बनने की खबर पर यूनिवर्सिटी ने उन्हें विलक्षण प्रतिभा का धनी कहा था।
लॉरेन्ट के पिता एलेग्जेंडर ने बताया, पिछले महीने तक सबकुछ ठीक चल रहा था लेकिन अचानक से अब डिग्री देने में छह महीने की देरी। यह सही नहीं है। मेरे बेटे का इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग में ग्रेजुएशन के बाद विदेश की एक यूनिवर्सिटी से पीएचडी करने का प्लान था। लॉरेन्ट को कई बड़ी यूनिवर्सिटीज से पढ़ाई की अॉफर आई हैं और हम जल्द ही उसकी आगे की पढ़ाई के बारे में कोई फैसला लेंगे। मालूम हो कि अमेरिका के माइकल किरेनी फिलहाल दुनिया के सबसे कम उम्र के ग्रेजुएट हैं जिन्हें 1994 में 10 साल, 4 महीने की उम्र में यह डिग्री मिली थी।
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अमेरिका: रोज 5.50 करोड़ मीटिंग, इन पर 15% तक खर्च December 12, 2019 at 07:55AM
अमेरिका. रोजाना 1.10 करोड़ से 5.50 करोड़ बैठकें होती हैं, जिन पर कंपनियों के बजट का 7 से 15 प्रतिशत तक खर्च होता है। हर सप्ताह मीटिंग में कर्मचारी करीब 6 घंटे खर्च करते हैं, जबकि मैनेजर लगभग 23 घंटे। मीटिंग के बाद थकान होना आम बात है। हाल में वैज्ञानिकों ने इस विषय को जांच के योग्य माना है। मनोवैज्ञानिक इसे ‘मीटिंग रिकवरी सिंड्रोम (एमआरएस) कहते हैं।
उटाह यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर जोसेफ ए. एलेन का कहना है कि कर्मचारी जब फिजूल की बैठकों में हिस्सा लेते हैं तो उनका दिमाग खर्च होता है। मीटिंग लंबी खिंचने पर सहनशक्ति घटने लगती है। ऐसे में मीटिंग सिर्फ व्याख्यान बनकर रह जाती है। बार-बार ऐसा होने से कर्मचारी अपना बेस्ट नहीं दे पाता। नॉर्थ कैरोलिना यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर क्लिफ स्कॉट का कहना है कि जब कर्मचारियों को ग्रुप में मीटिंग में बुलाया जाता है, तब भी वे उसे उबाऊ महसूस करते हैं। मीटिंग में शामिल लोगों का रुख निगेटिव है तो वे नियोजित मीटिंग को भी बेपटरी कर सकते हैं। ऐसे में लीडर को सभी को फिर से पटरी पर लाना कठिन होता है।
‘द सरप्राइजिंग साइंस ऑफ मीटिंग्स’ के लेखक स्टीवन रोगेलबर्ग का कहना है कि लगातार और लंबी चलने वाली बैठकें मीटिंग रिकवरी सिंड्रोम का शिकार बना सकती हैं। आपका टीम लीडर आपके कीमती समय का रक्षक होता है। यदि उसमें योग्यता है तो वह कम समय की मीटिंग द्वारा सहकर्मियों को इससे बचा सकता है। प्रोफेसर जोसेफ एलेन का कहना है कि मीटिंग्स का मतलब ‘कुछ हासिल करना ही है’, होना चाहिए। साथ ही एक बार में सिर्फ एक मीटिंग। कुछ फैसले लेने और रणनीति बनाने के लिए बैठकें जरूरी हैं, लेकिन इनका लंबा खिंचना तनाव पैदा करता है, साथ ही आपका दिमाग बेहतर सोचने की क्षमता खोने लगता है। एसी मीटिंग्स में न सिर्फ अरबों डॉलर की बर्बादी होती है, बल्कि फालतू की बैठकों के बाद कर्मचारी दोबारा काम पर ध्यान लगाने में समय बर्बाद करते हैं।
पेनसिल्वेनिया के पिट्सबर्ग में पीजीएचआर कंसल्टिंग की संस्थापक और प्रेसिडेंट हार्टमैन का कहना है कि उनकी एचआर की पिछली नौकरी में मैनेजर इतनी बैठकें करते थे कि वहां लोगों को नींद आ जाती थी। रोजाना कई घंटे की मीटिंग बाद उन्हें अपना काम निपटाने के लिए ओवरटाइम करना पड़ता था।
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अंतरिक्ष में 3.5 हजार बेकार सैटेलाइट और उनके 7.5 लाख टुकड़े, इन्हें पृथ्वी पर लाने का मिशन 2025 से शुरू होगा December 12, 2019 at 07:56AM
लंदन. यूरोपियन स्पेस एजेंसी (ईएसए) अंतरिक्ष में खराब पड़े सैटेलाइट के मलबे को उठाने के लिए 2025 से अभियान शुरू करने जा रही है। यह दुनिया का पहला ‘स्पेस जंक कलेक्टर’ होगा, जिसे क्लियर स्पेस-1 नाम दिया है। यह प्रोजेक्ट स्विट्जरलैंड के स्टार्टअप द्वारा पूरा किया जाएगा। वैज्ञानिकों का मानना है कि अंतरिक्ष में इकट्ठा मलबा भविष्य के मिशन के लिए परेशानी खड़ी कर सकता है।
इसी को देखते हुए अंतरिक्ष को साफ करने की जरूरत है। मिशन पर करीब 943 करोड़ रुपए खर्च होंगे। ब्रिटेन ने इस प्रोजेक्ट के लिए करीब 100 करोड़ रुपए की मदद की है। अभी अंतरिक्ष में करीब दो हजार सैटेलाइट काम कर रहे हैं, जबकि तीन हजार से ज्यादा सैटेलाइट फेल हो चुके हैं। रिपोर्ट के मुताबिक अंतरिक्ष में पृथ्वी के आसपास पिछले 60 साल में हजारों टन मलबा जमा हुआ है। इसमें पुराने रॉकेट के हिस्सों के साथ, 3,500 सैटेलाइट और 7.5 लाख छोटे-छोटे टुकड़े हैं। येे टुकड़े 20 हजार किमी प्रतिघंटे की रफ्तार से चल रहे हैं।
ईएसए के महानिदेशक जैन वॉर्नर का कहना है कि अंतरिक्ष को स्वच्छ रखने के लिए नए नियम की जरूरत है। जो भी देश सैटेलाइट लॉन्च करेगा उसको इस बात की भी जिम्मेदारी लेनी होगी कि जब सैटेलाइट उपयोग में न हो तो उसे संबंधित कक्षा से हटाना भी होगा। इसी में सभी की भलाई है और किसी भी हालत में अब इसे जारी नहीं रखा जा सकता है।
वातावरण में जलकर पृथ्वी की सतह पर गिरेगा मलबा
अंतरिक्ष में जमा मलबा हटाने के लिए ईएसए ने 2013 में वेस्पा नाम का एक मलबा पृथ्वी की कक्षा से 800 किमी दूर वेगा लॉन्चर की मदद से छोड़ा था। वेस्पा का वजन करीब 100 किग्रा है, जो एक छोटे सैटेलाइट के वजन के बराबर है। 2025 में क्लीयर स्पेस-1 प्रोब जब अंतरिक्ष की कक्षा में छोड़ा जाएगा, तब वो वेस्पा को अपने चार रोबोटिक आर्म्स से पकड़कर कक्षा से बाहर लाएगा। इसके बाद दोनों वातावरण में जल जाएंगे और धरती की सतह पर गिर जाएंगे। जब इस मलबे को रोबोटिक आर्म पकड़ेगा तो इसके टुकड़े-टुकड़े होने की संभावना भी कम रहेगी।
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Charge of Rohingya genocide is 'misleading': Myanmar's Suu Kyi to UN top court December 11, 2019 at 07:35PM
16 साल की पर्यावरण एक्टिविस्ट ग्रेटा थनबर्ग पर्सन ऑफ द ईयर चुनीं गईं, सबसे कम उम्र में हासिल किया यह सम्मान December 11, 2019 at 07:54PM
न्यूयॉर्क. स्वीडन की 16 साल की ग्रेटा थनबर्ग को अमेरिका की टाइम मैगजीन ने 2019 का पर्सन ऑफ द ईयर चुना है। उन्होंने सबसे कम उम्र मेंयह सम्मान हासिल किया है। उनसे पहले 25 साल के चार्ल्स लिंडबर्ग को 1927 पर्सन ऑफ द ईयर चुनेगए थे।जिस समय इसका ऐलान हुआ है, उस समय वह (थनबर्ग) मेड्रिड में यूएन क्लाइमेट फोरम की बैठक में थीं। वहां भी उन्होंने विकसित देशों पर आरोप लगाया किजलवायु परिवर्तन के मुद्दे पर वह केवल दिखावे की कार्रवाई कर रहे हैं।
ग्रेटा इस साल सितंबर में चर्चा में आईं थीं, जब उन्होंने संयुक्त राष्ट्र जलवायु सम्मेलन में दुनिया के शक्तिशाली नेताओं पर ग्रीन हाउस गैसों के उत्सर्जन से निपटने में नाकाम रहने का आरोप लगाया था। इस कार्यक्रम में संयुक्त राष्ट्र संघ के महासचिव एंतानियो गुतारस भी मौजूद थे। इससे पहले वह अपने देश की संसद के बाहर भी जलवायु परिवर्तन के मुद्दे पर प्रदर्शन कर चुकी हैं।
टाइम मैगजीन ने कहा- ग्रेटा थनबर्ग सबसे बड़े मुद्दे पर बड़ी आवाज बनकर उभरीं
मैगजीन ने ग्रेटा को 'पर्सन ऑफ द ईयर' चुने जाने पर लिखा, ‘‘साल भर के अंदर ही स्वीडन की 16 साल की लड़की ने अपने देश की संसद के बाहर प्रदर्शन किया और फिर दुनियाभर में युवाओं के आंदोलन का नेतृत्व किया।’’मैगजीन ने लिखा कि, इतने कम वक्त में ही उन्हें (ग्रेटा) संयुक्त राष्ट्र महासचिव से मुलाकात का मौका मिला, तो वहीं उन्हें सुनने वालों मेंबड़े देशों के राष्ट्रपति के साथ ही पोप भी शामिल रहे। वहधरती के सबसे बड़े मुद्दे पर सबसे बड़ी आवाज बनकर उभरी हैं। वह(थनबर्ग) कार्रवाई की मांग करती है। उनका कहना है कि कई कदम गलत दिशा में उठाएजा रहे हैं, इसमें सुधार होना चाहिए।
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पाकिस्तान की टॉप 10 सर्च लिस्ट में 3 भारतीय, दो क्रिकेटर और एक न्यूज एंकर शामिल December 11, 2019 at 07:42PM
इस्लामाबाद. गूगल ने 2019 की टॉप सर्च लिस्ट जारी की। यह हर देश के लिए अलग-अलग तैयार की गई है। पाकिस्तान के लिए भी ‘गूगल ट्रेंड्स इयर इन सर्च 2019’ जारी हुई है। इसका एक रोचक तथ्य यह है कि इसमें तीन ऐसी शख्सियतों को जगह मिली है जिनका ताल्लुक भारत से है और ये भारतीय नागरिक हैं। दो क्रिकेटर इस सूची का हिस्सा हैं। इनमें से एक अच्छी वजह से तो दूसरे आलोचना के चलते चर्चा में रहे और सर्च भी हुए। चलिए जानते हैं कि पाकिस्तान की टॉप 10 सर्च लिस्ट में कौन और क्यों है।
1: नैमल खावर खान
अभिनेत्री हैं। इस साल अगस्त में उन्होंने हमजा अली अब्बासी से निकाह किया। इसके साथ ही फिल्म और एंटरटेनमेंट इंडस्ट्री को अलविदा कह दिया। नैमल ने कहा- यह फैसला पूरी तरह मेरा है। कोई कयास न लगाएं।
2: वहीद मुराद
पाकिस्तान में उन्हें चॉकलेटी हीरो भी कहा जाता है। कुछ लोग उनकी तुलना भारत के दिग्गज अभिनेता दिलीप कुमार से करते हैं। 2010 में मुराद का इंतकाल हुआ। इस साल 81वें जन्मदिन पर गूगल ने उन्हें डूडल के जरिए सलाम भी किया।
3: बाबर आजम
हैरानी इस बात पर जताई जा रही है कि यह युवा बल्लेबाज टॉप पर क्यों नहीं है। विश्व कप 2019 में उन्होंने शानदार प्रदर्शन किया। पाकिस्तान को टी20 में शीर्ष पर पहुंचाया और अब इस फार्मेट में वो राष्ट्रीय टीम के कप्तान हैं।
4: आसिफ अली
आसिफ अली के बारे में कहा गया था कि उनको रोकना हर किसी गेंदबाज के बस की बात नहीं। नेशनल टीम में आए लेकिन पूरी तरह फ्लॉप रहे। वो पीएसएल 2019 के प्रदर्शन के आधार पर टीम में आए थे। अब तक टीम का हिस्सा हैं।
5: अदनान सामी
बॉलीवुड के इस सिंगर-कम्पोजर ने 2015 में भारत की नागरिकता ली। इसके पहले उनके पास पाकिस्तानी पासपोर्ट था। वो समय-समय पर पाकिस्तान को खरी-खोटी सुनाते रहे हैं। दोनों देशों के बीच जब तनाव होता है तो अदनाम और उनके रुख पर नजर रहती है।
6: सारा अली खान
सैफ अली खान और अमृता सिंह की यह बेटी पाकिस्तान में काफी लोकप्रिय है। उन्हें काफी सर्च किया जाता है। उन्होंने केदारनाथ से बॉलीवुड डेब्यू किया। इसके बाद सिम्बा में वो रणवीर सिंह के अपोजिट नजर आईं। जल्द ही कुली नंबर 1 में नजर आएंगी।
7: मोहम्मद आमिर
मैच फिक्सिंग में शामिल रहने की वजह से आमिर पर पांच साल का बैन लगा था।27 साल के आमिर की गेंदबाजी फीकी होती जा रही है। इस बीच उन्होंने टेस्ट क्रिकेट से संन्यास लिया और इसके लिए उन्हें पूर्व खिलाड़ियों और मीडिया ने जमकर फटकार लगाई।
8: अलिजा शाह
अलिजा शाह इन दिनों सुर्खियों में हैं। उनकी इस साल ‘इश्क तमाशा’ फिल्म आई। यह हिट भी रही और लोगों ने अलिजा को सराहा भी। 19 साल की यह एक्ट्रेस अपने बेबाक बयानों के कारण भी मीडिया मेंचर्चा में रहती हैं।
9: विंग कमांडर अभिनंदन वर्धमान
भारत के वीर को पाकिस्तान में काफी सर्च किया गया। उनका मिग विमान पाकिस्तान में क्रैश हो गया था। इसके पहले उन्होंने पाकिस्तानी एफ-16 को मार गिराया था। वो 60 घंटे पाकिस्तान की हिरासत में रहे। दबाव पड़ा तो पाकिस्तान ने रिहा कर दिया।
10: मधिहा नकवी
पाकिस्तान की न्यूज मीडिया इंडस्ट्री में मधिहा काफी लोकप्रिय हैं। उन्हें कई बार फिल्मों के भी ऑफर मिले लेकिन वो न्यूज वर्ल्ड में ही रहना चाहतीं हैं। इस साल उन्होंने एमक्यूएम के नेता फैसल सब्जवारी से निकाह किया।
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सऊदी अरामको दुनिया की सबसे बड़ी लिस्टेड कंपनी बनी; मार्केट कैप 133 लाख करोड़ रुपए, एपल से 49 लाख करोड़ ज्यादा December 11, 2019 at 04:45PM
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रियल एस्टेट कंपनी ने हॉलीडे पार्टी में 198 कर्मचारियों को 70 करोड़ का बोनस दिया December 11, 2019 at 04:22PM
वॉशिंगटन. अमेरिका के मैरीलैंड की रियल एस्टेट कंपनी सैंट जॉन प्रॉपर्टीज ने शनिवार को अपने 198 कर्मचारियों को सालाना हॉलीडे पार्टी दी। इस दौरान कर्मचारियों को लाल लिफाफे सौंपे गए। इन लिफापों में प्रत्येक कर्मचारी के लिए बोनस दिया गया। बोनस औसतन 50 हजार डॉलर (करीब 36 लाख रुपए) था। कंपनी ने कर्मचारियों को सरप्राइज देने के लिए 70 करोड़ का बोनस बांटा, लेकिन इसके बारे में किसी को कुछ बताया नहीं था।
सेंट जॉन प्रॉपर्टीज के प्रेसिडेंट लॉरेंस मेक्रांट्ज ने बताया, कंपनी ने 14 साल के दौरान 200 लाख वर्ग फीट में निर्माण कार्य का विकास किया है। यह एक बड़ी उपलब्धि थी। इसे हासिल करने में कर्मचारियों ने बहुत मदद की है। इसको लेकर हम कुछ बहुत बड़ा करना चाहते थे। लिहाजा, यह सरप्राइज उन्हें धन्यवाद स्वरूप दिया गया है।
कम से कम और अधिकतम बोनस राशि
मेक्रांट्ज के मुताबिक, कर्मचारी की सरप्राइज मनी कंपनी में उसके किए गए कार्य और समय के आधार पर तय की गई है। इसमें सबसे कम सरप्राइज मनी 100 डॉलर (7 हजार रुपए) की थी। 100 डॉलर की रकम ऐसे कर्मचारी को दी गई है, जिन्होंने हाल ही में कंपनी ज्वाइन की है या फिर ज्वाइन करने वाले हैं। कर्मचारी को बोनस के रूप में सबसे बड़ी रकम 2 लाख 70 हजार (1.91 करोड़ रुपए) डॉलर दी गई है। इस उल्लेखनीय घटना का मैं खुद चश्मदीद हूं।
पहली बार कर्मचारी का हवाई और होटल का खर्च दिया
बोनस पाकर कर्मचारी एक दूसरे को गले लगा रहे थे, कोई हाथ मिला रहा था, तो कोई एक दूसरे को चूम रहा था। सभी अपनी-अपनी कहानियां सुना रहे थे। कोई क्रेडिट कार्ड का बकाया चुकाना चाहता था, किसी को छात्रों का लोन तो कोई कर्ज चुकाने की बात कर रहा था। कंपनी प्रेसिडेंट ने कहा, कंपनी के इतिहास में ऐसा पहली बार हो रहा है, जब दूसरे राज्यों की 8 शाखाओं के कर्मचारियों के लिए हवाई किराया और उनके ठहरने के लिए होटल का खर्च उठाया गया है।
कल्पना से परे था बोनस:स्टेफनी रिडग्वे
37 साल की स्टेफनी रिडग्वे ने बताया, जब मैंने लिफाफा खोला तो बिल्कुछ भी यकीन नहीं हो रहा था। इसमें पूरे 50 हजार डॉलर थे। वह करीब 14 साल से कर्मचारी हैं। उन्होंने बताया, मुझे मेरी आंखों पर भरोसा नहीं हो रहा था और न ही इसे में शब्दों में बता सकती हूं। मैं बस इसकी कल्पना कर पा रही हूं। यह अतुलनीय हैं। इस पैसे में अपने बच्चों की कॉलेज फंड में दूंगी। इस पैसे का कुछ भाग निवेश के बारे में भी सोचूंगी और घर को पहले से बेहतर करने का प्रयास करूंगी।
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