Monday, October 12, 2020
किम जोंग उन ने नॉर्थ कोरिया के सैनिकों का शुक्रिया अदा किया, अपनी गलतियों की माफी मांगते हुए रो पड़े October 12, 2020 at 06:32PM
नॉर्थ कोरिया के तानाशाह किम जोंग उन सोमवार को भावुक नजर आए। वर्कर्स पार्टी की 75वीं सालगिरह पर उन्होंने राष्ट्र को संबोधित किया। इस दौरान सैनिकों का शुक्रिया अदा किया। अपनी गलतियों के लिए माफी मांगी। फिर नम आंखों को पोंछते नजर आए। इस दौरान सैनिकों के बलिदान का भी जिक्र किया। दावा किया कि उत्तर कोरिया में कोरोना का कोई केस नहीं है।
स्कूली बच्चे भी मौजूद रहे
वर्कर्स पार्टी के 75वें स्थापना दिवस के लिए कई दिनों से तैयारियां की जा रहीं थीं। देश के अलग-अलग हिस्सों से हजारों लोग राजधानी प्योंगयांग पहुंचे। सबसे पहले मिलिट्री परेड हुई। इसमें नॉर्थ कोरिया की सैन्य ताकत को दिखाया गया। मिसाइलें भी नजर आईं। किम जोंग उन ने सलामी ली। इसके बाद भाषण दिया। इस दौरान स्कूली बच्चे भी मौजूद थे।
सैनिकों का शुक्रिया
किम ने कहा- मैं अपने सैनिकों के बलिदान और उनके साहस के लिए शुक्रगुजार हूं। हमने कई मुश्किल चुनौतियों का सामना किया है। हाल ही में देश ने तूफान और कोरोनावायरस का सामना किया है। इस दौरान सैनिकों ने फिर साबित किया कि वे कितने मुश्किल हालात में काम करते हैं। उन्होंने देश को तूफानों से बचाया और वायरस से भी। अगर मैं देश के लोगों के विकास में कहीं नाकाम रहा तो इसके लिए माफी मांगता हूं। इस दौरान किम चश्मा उतारकर आंसू पोंछते नजर आए।
नॉर्थ कोरिया में संक्रमण नहीं
किम ने आगे कहा- मुझे इस बात की खुशी है कि हमारे देश में कोरोनावायरस का एक भी केस नहीं है। हालांकि, साउथ कोरिया और अमेरिका किम जोंग के इस दावे पर सवालिया निशान लगाते आए हैं। किम ने कहा- हो सकता है कि मेरी कोशिशें और लगन पर्याप्त नहीं रहे हों। लेकिन, मैं ये भी जानता हूं कि मेरे देश के लोग मुझपर कितना भरोसा करते हैं। यूएन की एक रिपोर्ट के मुताबिक, नॉर्थ कोरिया के 40 फीसदी लोग खाने की कमी से जूझ रहे हैं। हाल ही में आए तूफानों और कोरोना ने यहां की अर्थव्यवस्था को बेहद कमजोर कर दिया है।
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Trump on post-Covid comeback tour: 'I feel so powerful' October 12, 2020 at 04:23PM
सेनकाकू आईलैंड के पास चीन के दो जहाज जापान की समुद्री सीमा में घुसे, जापान कोस्ट गार्ड ने चेतावनी देकर भगाया October 11, 2020 at 09:53PM
साउथ चाइना सी में चीन की दादागिरी के खिलाफ इसके पड़ोसी देशों ने बोलना शुरू कर दिया है। जापान ने रविवार को सेनकाकू आईलैंड के पास अपनी सीमा में घुस आए चीन के दो जहाजों को तुरंत वापस लौटने की चेतावनी दी, जिसके बाद वे वापस अपनी सीमा में लौट गए। एनएचके वर्ल्ड की रिपोर्ट के मुताबिक, चीन के गश्ती करने वाले तीन जहाज जापान की एक मछली पकड़ने वाली नाव का पीछा कर रहे थे। इनमें से दो जापान की समुद्री सीमा में घुस आए। ये जहाज सुबह से शाम तक जापान के समुद्री इलाके में रहे, जिसके बाद जापान कोस्ट गार्ड ने उन्हें वापस लौटने को कहा।
28 अगस्त के बाद यह पहला मौका था जब चीन के जहाज जापान की सीमा में घुसे थे। इस साल अब तक 18 बार चीन के गश्ती जहाज जापानी की समुद्री सीमा में घुसपैठ कर चुके हैं। चीन के जहाजों की हरकतों को देखते हुए जापान ने अपने इंटरनेशनल मरीन बॉर्डर पर बीते कुछ महीनों से गश्त तेज कर दी है। एक दिन पहले ही मलेशिया ने भी चीन की मछली पकड़ने वाली 6 नावें जब्त कर ली थी।
मलेशिया ने अपनी समुद्री इलाके से चीन के 60 लोगों को पकड़ा था
मलेशिया ने भी साउथ चाइना सी में चीन को चुनौती दी है। मलेशिया की मैरीटाइम इंफोर्समेंट एजेंसी (एमएमईए) ने शुक्रवार को चीन की 6 मछली पकड़ने वाले नावें जब्त कर ली थीं। ये नावें मलेशिया की समुद्री सीमा में स्थित जोहोर की खाड़ी में गैर कानूनी ढंग से घुस आईं थीं। इन पर सवार 60 चीनी नागरिकों को भी हिरासत में ले लिया गया था। एमएमईए के तानजुंग सिडिलि जोन के डायरेक्टर कैप्टन मोहम्मद जुल्फादली नयन ने कहा था कि समुद्री क्षेत्र में ऑपरेशन चलाने के दौरान दो अलग-अलग जगहों पर चीन की नौकाएं नजर आईं थी। इसके बाद कार्रवाई की गई।
सेनकाकू आइलैंड काे लेकर है चीन-जापान में विवाद
जापान के दक्षिण पश्चिम इलाके में ही सेनकाकू या दायायू आइलैंड है। यही चीन के साथ जापान के विवाद की वजह है। फिलहाल यहां जापान का कब्जा है,लेकिन चीन पर इस पर अपना दावा करता है। यह दक्षिण चीन सागर के पास है। इस आइलैंड के पास 12 मील का इंटरनेशनल एयर रूट भी है। हालांकि, चीन इसे नहीं मानता और अक्सर जापान के एयर स्पेस में घुस आता है। इसे देखते हुए जापानी एयरफोर्स को हमेशा अलर्ट रहना होता है।
चीन नियमों को तोड़ने से इनकार करता है
चीन पहले कुछ मौकों पर कह चुका है कि उसने सेनकाकू आइलैंड के पास कोई नियम नहीं तोड़ा है। चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता झाओ लिजियान के मुताबिक, यह आइलैंड शुरुआत से चीन का हिस्सा रहा है। हम अपनी संप्रभुता की रक्षा के लिए अटल हैं। यहां पर हमारी सेना के प्लेन्स अपनी रूटीन उड़ाने भरते हैं। हमारी नौसेना भी नियमित तौर पर पैट्रोलिंग करती है। यह किसी भी तरह से इंटरनेशनल कानून का उल्लंघन नहीं है। इससे किसी देश को कोई खतरा नहीं है।
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