Wednesday, December 30, 2020
Pak to purchase 1.2 mn vaccine doses from China December 30, 2020 at 07:59PM
अफगानिस्तान में भाड़े के लोगों से अमेरिकी सैनिकों पर हमले की साजिश रच रहा चीन, ट्रम्प को मिली रिपोर्ट December 30, 2020 at 05:53PM
अफगानिस्तान में तैनात अमेरिकी सैनिकों पर खतरा मंडरा रहा है। यहां चीन स्थानीय लोगों को पैसा देकर इन सैनिकों पर हमले की साजिश रच रहा है। अमेरिकी इंटेलिजेंस एजेंसियों ने चीन की इस साजिश के बारे में पुख्ता सबूत जुटाए हैं। पिछले दिनों अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प को भी इस बारे में विस्तार से जानकारी दी गई है।
अफगानिस्तान में तालिबान और सरकार के बीच अमन बहाली के लिए बातचीत जारी है। लेकिन, चीन और पाकिस्तान मिलकर यहां तालिबान को भड़काने में लगे हैं। यही वजह है कि सीजफायर की तमाम कोशिशें अब तक नाकाम साबित हुई हैं।
अमेरिकी एजेंसियों के पास सबूत
CNN ने चीन की इस साजिश के बारे में एक स्पेशल रिपोर्ट जारी की। इसमें अमेरिका के एक सीनियर अफसर ने कहा- हम जानते हैं कि चीन अब अफगानिस्तान में तैनात हमारे सैनिकों पर भाड़े के लोगों के जरिए हमले कराने की साजिश रच रहा है। इस बारे में राष्ट्रपति को 17 दिसंबर को पूरी जानकारी और रिपोर्ट दी गई है। अमेरिकी एनएसए रॉबर्ट ओ‘ब्रायन खुद यह रिपोर्ट लेकर ट्रम्प के ऑफिस पहुंचे। हालांकि, ट्रम्प को जानकारी मिलने के फौरन बाद यह रिपोर्ट कुछ मीडिया हाउसेज के हाथ भी लग गई।
रूस भी साजिश का हिस्सा
जानकारी के मुताबिक, साल की शुरुआत में अमेरिकी खुफिया एजेंसियों के रूस की साजिश के भी सबूत मिले थे। तब इनमें कहा गया था कि मॉस्को ने अमेरिकी सैनिकों को मारने पर इनाम की योजना बनाई है। इस बारे में भी ट्रम्प को जानकारी दी गई थी। ट्रम्प ने अब तक सार्वजनिक तौर पर इस बारे में बात नहीं की है।
बाइडेन पर तस्वीर साफ नहीं
CNN के मुताबिक, अब तक यह साफ नहीं है कि चीन की इस साजिश के बारे में प्रेसिडेंट इलेक्ट जो बाइडेन को जानकारी दी गई है या नहीं। हालांकि, उन्हें रोजाना इंटेलिजेंस ब्रीफिंग दी जा रही है। खास बात यह है कि व्हाइट हाउस और बाइडेन की ट्रांजिशन टीम ने अब तक इस बारे में मीडिया से कुछ नहीं कहा। अमेरिका में कई लोग यह सवाल पूछ रहे हैं कि क्या ट्रम्प की चीन के प्रति जो आक्रामक रणनीति रही थी, बाइडेन भी उसको ही फॉलो करेंगे या उनका रवैया नर्म रहेगा।
हालांकि, कैम्पेन के दौरान बाइडेन ने कई बार चीन पर बेहद आक्रामक रुख दिखाया था। उन्होंने चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग को ठग तक करार दे दिया थे। बाइडेन पर संशय इसलिए है क्योंकि ओबामा के दौर में जब वे वाइस प्रेसिडेंट थे, तब चीन को लेकर उनका रवैया काफी नर्म रहा था।
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अमेरिकी एक्सपर्ट ने कहा- सही वैक्सीनेशन हुआ तो जुलाई तक हालात नॉर्मल हो जाएंगे, बेल्जियम में सख्ती बढ़ी December 30, 2020 at 04:41PM
दुनिया में कोरोना मरीजों का आंकड़ा 8.30 करोड़ के ज्यादा हो गया। 5 करोड़ 88 लाख से ज्यादा लोग ठीक हो चुके हैं। अब तक 18 लाख 10 हजार से ज्यादा लोग जान गंवा चुके हैं। ये आंकड़े https://ift.tt/2VnYLis के मुताबिक हैं। अमेरिका के वायरल डिसीज एक्सपर्ट डॉक्टर एंथोनी फौसी ने कहा है कि अगर देश में वैक्सीनेशन सही तरीके से हुआ तो अगले साल के आखिर में हालात पहले की तरह यानी नॉर्मल हो सकते हैं। उधर, बेल्जियम ने बाहर से आने से वाले लोगों के लिए दो दिन का क्वारैंटाइन जरूरी कर दिया है।
वैक्सीनेशन सबसे ज्यादा जरूरी
अमेरिकी मेडिकल एक्सपर्ट और ट्रम्प एडमिनिस्ट्रेशन में कोरोना टास्क फोर्स के मेंबर डॉक्टर फौसी ने कैलिफोर्निया के गवर्नर गेविन न्यूसन को एक इंटरव्यू दिया। इसमें कहा- अगर अमेरिकी प्रशासन अपने नागरिकों का सही तरीके से और वक्त पर वैक्सीनेशन कराने में कामयाब रहा तो इसमें कोई दो राय नहीं कि 2021 के आखिर तक हालात बिल्कुल सामान्य हो जाएंगे। मुझे लगता है कि अप्रैल तक आते-आते हम बड़े पैमाने पर वैक्सीनेशन कर चुके होंगे। अप्रैल तक इसका असर दिखने लगेगा। आप ये मानकर चलिए कि हमारे लिए अप्रैल से लेकर जुलाई तक के महीने बहुत अहम होंगे।
फौसी ने एक सवाल के जवाब में कहा- अगर लोग वैक्सीनेशन कराते हैं तो हम जुलाई तक स्कूल, थिएटर, स्पोर्ट्स क्लब्स और रेस्टोरेंट्स में पहले की तरह जा सकेंगे। इसलिए मैं लोगों से फिर अपील करता हूं कि वे जल्द से जल्द वैक्सीन लगवाएं।
बेल्जियम में नए नियम
बेल्जियम सरकार ने बुधवार को दो तरह की गाइडलाइन जारी कीं। इनमें बाहर यानी दूसरे देशों लोगों पर ज्यादा फोकस किया गया है। गाइडलाइन्स के मुताबिक, अब देश में प्रवेश करने वाले हर यात्री को दो दिन क्वारैंटाइन रहना होगा। इस दौरान उसके टेस्ट किए जाएंगे। अगर रिपोर्ट पॉजिटिव आती है तो उसे सरकारी अस्पतालों में रखा जाएगा। ऐसे हर यात्री का पहले और सातवें दिन टेस्ट किया जाना जरूरी होगा। जब तक उसकी रिपोर्ट निगेटिव नहीं आती तब तक उसे क्वारैंटाइन रहना होगा। ब्रिटेन से आने वाले लोगों पर बैन फिलहाल जारी है।
चीन में नए साल पर सख्ती
चीन ने कोरोना का फैलाव रोकने के लिए नए साल की छुट्टियों में लाखों प्रवासियों को सफर न करने की सलाह दी है। नेशनल हेल्थ कमीशन ने सीधे तौर पर तो इसके लिए मना नहीं किया, लेकिन फिर भी यह हैरान करने वाला फैसला है।
फरवरी में चीन में मनाया जाने वाला न्यू ईयर सबसे बड़ा ट्रेडिशनल हॉलिडे है। यह साल का इकलौता मौका होता है जब वर्कर्स को परिवार से मिलने के लिए घर जाने का मौका मिलता है।
नेशनल हेल्थ कमीशन का कहना है कि सरकार छ़ुट्टी पर घर न जाने के लिए लोगों को मोटिवेट कर रही है। जो वर्कर ऐसा करते हैं, उन्हें ओवरटाइम दिया जाना चाहिए और दूसरे मौकों पर छुट्टी की पेशकश करनी चाहिए। चीन ने अपने यहां कोरोना वायरस पर काबू कर लिया है। यह दोबारा फैलने की आशंका से अधिकारी हाई अलर्ट पर हैं। इसके लिए टूरिस्टों को छुट्टी के दौरान राजधानी बीजिंग न आने के लिए कहा गया है।
कोरोना प्रभावित टॉप-10 देशों में हालात
देश |
संक्रमित | मौतें | ठीक हुए |
अमेरिका | 20,216,991 | 350,778 | 11,998,794 |
भारत | 10,267,283 | 148,774 | 9,859,762 |
ब्राजील | 7,619,970 | 193,940 | 6,707,781 |
रूस | 3,131,550 | 56,426 | 2,525,418 |
फ्रांस | 2,574,041 | 64,078 | 191,806 |
यूके | 2,432,888 | 72,548 | N/A |
तुर्की | 2,194,272 | 20,642 | 2,078,629 |
इटली | 2,083,689 | 73,604 | 1,445,690 |
स्पेन | 1,906,057 | 50,442 | N/A |
जर्मनी | 1,693,712 | 32,498 | 1,302,600 |
(आंकड़े https://ift.tt/2VnYLis के मुताबिक हैं)
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2 साल से छोटे बच्चों को कैंडी-केक नहीं देंगे पर बड़ों के लिए कृत्रिम शकर घटाने की सलाह सरकार ने नहीं मानी December 30, 2020 at 03:41PM
अमेरिका कोरोना से सबसे प्रभावित देश है। यहां सबसे अधिक केस सामने आ रहे हैं और मौतें भी सर्वाधिक हो रही हैं, लेकिन फेडरल सरकार ने वैज्ञानिकों की सलाह दरकिनार कर खानपान संबंधी नई गाइडलाइन जारी कर दी।
दरअसल, अमेरिका में एग्रीकल्चर विभाग और डिपार्टमेंट ऑफ हेल्थ एंड ह्यूमन सर्विसेज मिलकर हर पांच साल में खानपान संबंधी गाइडलाइन जारी करते हैं। सरकार इसका उपयोग स्कूलों में लंच मेन्यू आदि के मानक तय करने और खानपान संबंधी विभिन्न नीतियां बनाने में करती है।
आम अमेरिकी भी खानपान का पैमाना इसी से तय करते हैं। अप्रत्यक्ष रूप से विभिन्न कंपनियां भी इसी के आधार पर अपने खाद्य उत्पाद अपडेट करती हैं। मंगलवार को जारी गाइडलाइन में अनुशंसा की गई है कि 2 साल से छोटे बच्चों को कृत्रिम शकर वाले प्रॉडक्ट देने से परहेज किया जाए। वहीं ड्रिंक और कृत्रिम शकर के मामले में 2015 की गाइडलाइन को ही दोहराया गया है।
इसमें कहा गया है कि नागरिक कुल कैलोरी में कृत्रिम शकर की मात्रा अधिकतम 10 फीसदी रखें और पुरुष रोज दो ड्रिंक से अधिक न लें। वहीं महिलाओं को रोज एक से अधिक ड्रिंक न लेने की सलाह दी गई है। ड्रिंक और कृत्रिम शकर संबंधी दोनों अनुशंसाएं जुलाई में वैज्ञानिकों की सलाह के विपरीत है।
वैज्ञानिकों ने सुझाव दिया था कि प्रत्येक व्यक्ति को कृत्रिम शकर की मात्रा कुल कैलोरी की 6 फीसदी से कम कर देनी चाहिए और पुरुषों को रोज एक ड्रिंक से अधिक नहीं लेना चाहिए। ताजा गाइडलाइन पर आलोचकों ने सवाल उठाया है कि इसमें महामारी का बिल्कुल ध्यान नहीं रखा गया है।
वैज्ञानिकों ने कहा था कि प्रमाण बताते हैं कि पेय पदार्थों में इस्तेमाल कृत्रिम शकर से मोटापा बढ़ता है। इससे हृदय रोग और टाइप 2 डायबिटीज जैसी बीमारियां भी हो सकती हैं। मालूम हो, अमेरिका में दो तिहाई से अधिक वयस्क मोटापे, डायबिटीज और अन्य संबंधित बीमारियों से जूझ रहे हैं। इससे कोविड-19 के गंभीर होने का भी खतरा बढ़ जाता है।
मात्रा सीमित करना सामाजिक, धार्मिक, सांस्कृतिक रूप से अस्वीकार्य
सांता क्लारा यूनिवर्सिटी के डॉ. वेस्टली क्लार्क ने कहा कि अधिक पीना सेहत के लिए हानिकारक है, लेकिन सामान्य ड्रिंकिंग से ऐसा होने के सबूत नहीं हैं। ड्रिंक की मात्रा सीमित करना कई लोगों के लिए सामाजिक, धार्मिक या सांस्कृतिक रूप से अस्वीकार्य हो सकता है। इसका बाकी गाइडलाइन पर उल्टा प्रभाव पड़ सकता है।
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न्यूयॉर्क सिटी में छोटा पंजाब, रिचमंड हिल की सड़कों पर अंग्रेजी कम और पंजाबी ज्यादा सुनाई देती है December 30, 2020 at 03:05PM
न्यूयॉर्क का रिचमंड हिल इलाका मुख्य शहर मैनहट्टन से 15 मील दूर है। लेफर्ट्स बोलिवर्ड इस इलाके का अंतिम रेलवे स्टेशन हैं। यहां की सड़कों पर चलिए तो अंग्रेजी कम और पंजाबी ज्यादा सुनाई देती है। गाड़ियों की आवाज से तेज पंजाबी रैप सॉन्ग सुनाई देते हैं। ऐसा महसूस होता है कि आप लुधियाना की सड़कों पर घूम रहे हैं? लेकिन हकीकत में यह न्यूयॉर्क के पांच नगरों में से एक क्वींस नगर का इलाका है। इसे छोटा पंजाब के नाम से जाना जाता है।
रिचमंड हिल के इस इलाके में पूरी तरह पंजाबी संस्कृति, बोली और रहन-सहन हावी है। पंजाबी लोगों से भरे इस इलाके में लोग असली पंजाबी पराठे का आनन्द लेने आते हैं। सड़कों पर ऐसे लोग मिल जाएंगे, जिनसे अंग्रेजी की बजाय पंजाबी या हिंदी में बात करना ज्यादा आसान है। हेयर सैलून में शाहरुख और सलमान खान स्टाइल में बाल कटवाने के लिए 10 डॉलर लगते हैं।
यह इलाका पूरे न्यूयॉर्क में इसलिए भी प्रसिद्ध हो गया है, क्योंकि मेयर ने यहां की दो सड़कों का नाम बदल कर पंजाबी कम्युनिटी को समर्पित किया है। न्यूयॉर्क सिटी काउंसिल ने 111 स्ट्रीट और 123 स्ट्रीट के बीच स्थित 101 एवेन्यू का नाम पंजाबी एवेन्यू कर दिया है। साथ ही, 97 एवेन्यू का नाम बदलकर गुरुद्वारा स्ट्रीट कर दिया है। यह वही इलाका है जहां एक बड़ा गुरुद्वारा है।
नाम बदलने के लिए अभियान चलाने वाली स्थानीय काउंसिल वूमेन एड्रिएन एडम्स कहती हैं कि यह निर्णय पंजाबी समुदाय द्वारा शहर के विकास में उनके योगदान को दर्शाता है। ढाबा चलाने वाले 28 साल के तेजिंदर सिंह बताते हैं कि वे 90 के दशक में रिचमंड हिल्स आए थे। यहां 70 के दशक में पंजाबी समुदाय का आना शुरू हो गया था।
सबसे मेहनती लोगों में हैं दक्षिण एशियाई: एडम्स
स्थानीय काउंसिल वूमेन एड्रिएन एडम्स कहती हैं कि दक्षिण एशियाई लोग देश में सबसे मेहनती लोगों में से एक हैं। लेकिन, उनकी कम्युनिटी ज्यादातर अदृश्य जैसी रहती है। सड़कों का नाम भी इसलिए बदला, ताकि शहर के विकास में उनका योगदान दर्ज हो। क्वींस वही इलाका है जहां राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प पैदा और बड़े हुए।
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Putin extends Christmas, New Year's greetings to Prez Kovind, PM Modi December 30, 2020 at 05:39AM
सऊदी अरब से नई सरकार के मंत्रियों को लेकर आए विमान के पास ब्लास्ट; 5 लोगों की मौत December 30, 2020 at 03:26AM
अरब देश यमन के अदन एयरपोर्ट पर बुधवार को बड़ा धमाका हुआ। ब्लास्ट से तुरंत पहले देश की नई कैबिनेट के मंत्रियों को लेकर एक विमान ने लैंड हुआ था। विमान के उतरते ही उसके पास यह धमाका हुआ। इस दौरान फायरिंग भी हुई। ब्लास्ट में 5 लोगों के मारे जाने की खबर हैं। हालांकि, आंकड़ा अभी बढ़ सकता है। लोकल मीडिया के मुताबिक, सरकार के किसी मंत्री के घायल होने की सूचना नहीं है।
धमाके में मारे गए लोगों की संख्या बढ़ सकती है। एयरपोर्ट पर मौजूद अधिकारियों का कहना है कि उन्होंने एयरपोर्ट पर कई शव देखे हैं। अधिकारियों ने अपनी पहचान नहीं बताई, क्योंकि उन्हें मीडिया से बात करने की इजाजत नहीं थी। घटना के बाद सोशल मीडिया पर शेयर की गई तस्वीरों में एयरपोर्ट की इमारत के पास मलबा और टूटे कांच दिखाई दे रहे हैं।
विद्रोहियों से समझौते के बाद देश लौटे थे मंत्री
यमन काफी वक्त से गृहयुद्ध से जूझ रहा है। एक समझौते के तहत यहां के प्रधानमंत्री मीन अब्दुल मलिक सईद के साथ सरकार के कई मंत्री अदन लौटे थे। यह समझौता पिछले हफ्ते ही प्रतिद्वंद्वी गुट के अलगाववादियों के साथ किया गया था। मलिक की सरकार का अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मान्यता हासिल है। कई साल से चल रहे गृहयुद्ध के दौरान वह ज्यादातर वक्त निर्वासित रहे। यह सरकार सऊदी अरब की राजधानी रियाद से काम कर रही थी।
सऊदी अरब में रह रहे यमन के राष्ट्रपति अबेद रब्बो मंसूर हादी ने इस महीने की शुरुआत में मंत्रिमंडल में फेरबदल की घोषणा की थी। इसे अलगाववादियों के साथ चल रही लड़ाई को खत्म करने की दिशा में बड़े कदम के रूप में देखा गया था।
यमन की सऊदी अरब समर्थित सरकार ईरान के समर्थन वाले विद्रोहियों के साथ युद्ध कर रही है। उनका उत्तरी यमन के साथ-साथ देश की राजधानी सना पर भी नियंत्रण है। पिछले साल, विद्रोहियों ने अदन में एक मिलिट्री बेस में चल रही परेड में मिसाइल दागी थी। इसमें कई सैनिक मारे गए थे।
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