फिनलैंड की प्रधानमंत्री सना मारीन ने रविवार को अपने दोस्त मार्कस रायकोनेन से शादी कर ली। दोनों का रिश्ता 16 साल पुराना है। सना दुनिया की सबसे युवा राष्ट्राध्यक्ष हैं। शादी में सिर्फ 40 मेहमान शामिल हुए। सना ने इंस्टाग्राम पर खुद शादी की जानकारी दी और लोगों का शुभकामनाएं देने के लिए आभार जताया।
शादी के कार्यक्रम का आयोजन सना के ऑफिशियस रेसीडेंस हेलिसिंके में हुआ। इस दौरान सिर्फ उन्हें आने की इजाजत थी जिन्हें विवाह में शामिल होने का न्योता दिया गया था।
सना ने क्या कहा
शादी के बाद सना ने कहा- हम तब से साथ हैं जब युवा थे। एकसाथ पले और बढ़े हए। अब एक खूबसूरत बच्ची के माता-पिता भी हैं। मार्कस आपने हमेशा मेरा साथ दिया। इसके लिए शुक्रिया। सना और मार्कस का रिश्ता 16 साल पुराना है। दोनों की एक बेटी है जो अब दो साल की हो चुकी है।
15 जुलाई को डेनिश पीएम ने शादी की थी
यूरोप के एक और देश की युवा प्रधानमंत्री मैट फ्रेडरिक्सन (42 साल) ने पिछले महीने की 15 तारीख को शादी की थी। खास बात ये है कि मैट को अपनी शादी कोरोनावायरस और इससे संबंधित जिम्मेदारियों को निभाने के लिए तीन बार टालनी पड़ी थी। पहली बार चुनाव थे। दूसरी बार महामारी चरम पर थी। और तीसरी बार उन्होंने यूरोपियन यूनियन की एक बैठक में जाना था।
पाकिस्तान की कैद में मौजूद भारतीय नागरिक कुलभूषण जाधव पर पाकिस्तान ने दिखावे के लिए नया पैंतरा आजमाया। इस्लामाबाद हाईकोर्ट ने सोमवार को जाधव का पक्ष रखने के लिए तीन वकीलों को नियुक्त किया। साथ ही अटॉर्नी जनरल से कहा कि वो कुलभूषण के बचाव के लिए वकील रखने के बारे में भारत से संपर्क करें। इसी दौरान अटॉर्नी जनरल ने कहा कि जाधव की सेहत के बारे में फिक्र करने की जरूरत नहीं है, वो बिल्कुल ठीक है।
बयानबाजी से बचें
सोमवार को इस्लामाबाद हाईकोर्ट में जाधव मामले की सुनवाई हुई। जस्टिस अतहर मिन्लाह और जस्टिस मिंगुल हसन औरंगजेब ने अटॉर्नी जनरल से कहा- हम जाधव के लिए तीन वकीलों को नियुक्त कर रहे हैं। ये तीनों उसके बचाव में दलीलें पेश करेंगे। लेकिन, आपको स्थायी वकील नियुक्त करने के बारे में भारत सरकार से संपर्क करना होगा। जाधव के बारे में बयानबाजी का जिक्र करते हुए हाईकोर्ट ने सख्त रुख अपनाया। बेंच ने कहा- निष्पक्ष सुनवाई होनी चाहिए। लिहाजा गैरजरूरी बयानों से बचा जाना चाहिए। हालांकि, बेंच ने यह साफ नहीं किया कि वो किस तरह की बयानबाजी से नाराज है।
ये तीन वकील नियुक्त
बेंच ने कहा- आबिद हसन मंटो, हामिद खान और मखदूम अली खान को हम एमिकस क्यूरी के तौर पर नियुक्त कर रहे हैं। ये इसलिए भी जरूरी है कि इंटरनेशनल कोर्ट ऑफ जस्टिस का फैसला सही और पूरे तरीके से लागू किया जा सके। पाकिस्तान सरकार हाईकोर्ट को आईसीजे के दस्तावेज सौंप चुकी है। अब हाईकोर्ट की जिम्मेदारी है कि वो इस मामले को समय रहते और निष्पक्ष तरीके से देखे। जाधव के लिए वकीलों की जरूरत है। लिहाजा, यह बेंच फौरी तौर पर उसे उसका हक मुहैया करा रही है।
जाधव का ध्यान रख रहे हैं
बेंच के सवालों के जवाब में अटॉर्नी जनरल ने कहा- जाधव ने अपने ऊपर लगे तमाम आरोप कबूल किए हैं। उसे जासूसी और आतंकवाद फैलाने का दोषी पाया गया और सजा सुनाई गई। लेकिन, इसके बावजूद हम निष्पक्ष सुनवाई करना चाहते हैं। जहां तक उसकी सेहत का सवाल है तो मैं हाईकोर्ट को बताना चाहता हूं कि हम उसकी हर तरह से ध्यान रख रहे हैं। उसकी सेहत बिल्कुल ठीक है।
वकील नियुक्त करना नई चाल
पाकिस्तान सरकार इस्लामाबाद हाईकोर्ट की आढ़ लेकर दुनिया को यह दिखाने की कोशिश कर रही है कि जाधव के मामले की निष्पक्ष सुनवाई हो रही है। जिन तीन वकीलों को नियुक्त किया गया है वे वक्त-वक्त पर और अलग-अलग मामलों में सरकार के लिए पेश होते रहे हैं।
दरअसल, पाकिस्तान सरकार चाहती है कि भारत किसी तरह जाधव के लिए वकील नियुक्त करने पर तैयार हो जाए। इसके जरिए वो ये साबित करना चाहेगा कि उसने जाधव मामले की सुनवाई में भारत को भी शामिल किया। विपक्ष इमरान सरकार पर जाधव को राहत देने का आरोप लगा रहा है। सरकार हाईकोर्ट में मामला ले जाकर इसे कानूनी मसला बताकर वक्त निकालना चाहती है। यही वजह है कि भारत ने अब तक इस पर कोई रिएक्शन नहीं दिया है। भारत इसे पूरी तरह आईसीजे के हवाले ही रखना चाहता है।
कुलभूषण को 2017 में हुई थी फांसी की सजा
कुलभूषण को मार्च 2016 में पाकिस्तान ने गिरफ्तार किया था। 2017 में उन्हें फांसी की सजा दे दी। इस बीच सुनवाई में कुलभूषण को अपना पक्ष रखने के लिए कोई काउंसलर भी नहीं दिया गया। इसके खिलाफ भारत ने 2017 में ही अंतरराष्ट्रीय कोर्ट का दरवाजा खटखटाया।
आईसीजे ने जुलाई 2019 में पाकिस्तान को जाधव को फांसी न देने और सजा पर पुनर्विचार करने का आदेश दिया। तब से अब तक पाकिस्तान ने इस पर कोई फैसला नहीं लिया है।
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Coastal shops and restaurants closed early, power began to flicker at oceanfront hotels and even the most adventurous of beachgoers abandoned the sand on Monday night as newly restrengthened Hurricane Isaias sped toward the Carolinas.
जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 को हटाए जाने का एक साल पूरा होने जा रहा है। पाकिस्तान इसको लेकर नए पैंतरे आजमा रहा है। इस बीच, संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी प्रतिनिधि टीएस तिरूमूर्ति ने पाकिस्तान को करारा जवाब दिया है। तिरूमूर्ति के मुताबिक- पाकिस्तान आज भी आतंकवाद का गढ़ है। वहां अब भी 40 हजार से ज्यादा आतंकवादियों को तमाम सहूलियतें दी जा रही हैं। कश्मीर अंतरराष्ट्रीय नहीं, बल्कि दो देशों के बीच का मामला है। इसे बातचीत से ही सुलझाया जा सकता है।
पाकिस्तान में आतंकी संगठनों की भरमार
न्यूज एजेंसी को दिए इंटरव्यू में तिरूमूर्ति ने कहा, “दुनिया जानती है कि पाकिस्तान ही आतंकवादियों और आतंकवाद का गढ़ है। दुनिया के जितने बड़े आतंकी हुए या हैं, उनका पाकिस्तान कनेक्शन रहा। वहां कई आतंकी संगठन आज भी बेधड़क काम कर रहे हैं। दुनिया के खिलाफ साजिशें रची जा रही हैं। जमात-उद-दावा, लश्कर-ए-तैयबा, जैश-ए-मोहम्मद और हिजबुल मुजाहिदीन। इनके अलावा भी कई आतंकी संगठन वहां मौजूद हैं।”
यूएन भी सब जानता है
एक सवाल के जवाब में तिरूमूर्ति ने कहा- कई मौकों पर यूएन ने भी पाकिस्तान में आतंकी संगठनों के सक्रिय होने और दूसरे देशों में हमले की बात मानी है। इस पर कई रिपोर्ट्स भी आईं। हाल ही में इन आतंकी संगठनों की निगरानी और उनको मिलने वाली मदद पर रोक की बात की गई थी। समय-समय पर आईएसआईएस और अल-कायदा के खतरों पर भी हम बात करते हैं। एक चीज है कॉमन है- सभी में पाकिस्तान का नाम आता है।
कश्मीर पर पाकिस्तान की दलीलें फिजूल
कश्मीर पर पूछे गए एक सवाल के जवाब में तिरूमूर्ति ने कहा, “मैं एक बात का भरोसा दिलाना चाहता हूं। यूएन में पाकिस्तान कश्मीर पर जो राग अलाप रहा है, जो कोशिशें कर रहा है। उनका कोई फायदा नहीं होने वाला। भारत ने हर बार उसकी साजिशों को बेनकाब और नाकाम किया है। सच्चाई ये है कि पाकिस्तान के पास ऐसी कोई आवाज नहीं है जो यूएन में सच साबित हो। दुनिया जानती है कि पाकिस्तान क्या कर रहा है और वहां क्या होता आया है। संयुक्त राष्ट्र महासचिव ने पिछले साल अगस्त में 1972 के शिमला समझौते का जिक्र किया था।”
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पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी और रक्षा मंत्री परवेज खटक ने सोमवार को एलओसी और पीओके का दौरा किया। यहां सैनिकों और आम लोगों से मुलाकात की। इस दौरान अपने भाषण में कुरैशी ने माना कि दुनिया पर भारत का दबाव है, इसलिए ज्यादातर देश कश्मीर मामले पर खुलकर नहीं बोल पाते। उन्होंने दोहराया कि पाकिस्तान पहले जिस तरह कश्मीर की आवाज उठाता रहा है, इसमें अब भी कोई बदलाव नहीं आएगा।
क्या कहा कुरैशी ने
कुरैशी ने कहा- यह बात अब किसी से छिपी नहीं है कि दुनिया के ज्यादातर मुल्कों के भारत के साथ आर्थिक हित जुड़े हैं। यही वजह है कि ये देश कभी कश्मीर के मामले में खुलकर नहीं बोल पाते। ये सीधे तौर पर आर्थिक दबाव है। कुछ और वजह भी हैं, जिनकी वजह से ये मुल्क भारत के दबाव में काम करते हैं। लेकिन, पाकिस्तान के साथ ऐसा नहीं है। वो पहले भी यह मुद्दा पूरी ताकत से उठाता रहा है और आगे भी ऐसा ही करेगा।
जीत हमारी ही होगी
सैनिकों से बातचीत में कुरैशी ने उनका हौसला बढ़ाने की कोशिश की। कुछ दिनों पहले ईद के मौके पर आर्मी चीफ जनरल कमर जावेद बाजवा ने भी यही किया था। कुरैशी ने कहा- मैं अपने सैनिकों के हौसले और हिम्मत की दाद देता हूं। उन्होंने बहुत मुश्किल हालात में साहस का परिचय दिया है। अगर हम इसी हौसले को जारी रखें तो आखिर में जीत हमारी ही होगी। रक्षा मंत्री खटक ने भी यही बात दोहराई।
भारत पर आरोप
कुरैशी ने कहा- भारत की तरफ से लगातार फायरिंग होती है, इसकी वजह से सीमा पर रहने वालों को काफी परेशानी होती है और कुछ लोग मारे भी जाते रहे हैं। पाकिस्तान इससे निपटने की तैयारी कर रहा है। प्रधानमंत्री ने खुद इस बारे में कैबिनेट मीटिंग में बातचीत की है। हम इस मामले में जल्द ही ठोस कदम उठाएंगे। इसके लिए एक एक्शन प्लान पर काम शुरू हो चुका है। पाकिस्तान सरकार कश्मीर मामले को यूएन समेत दूसरे मंचों पर उठाती रहेगी।
The United States added 46,321 new coronavirus cases in 24 hours Monday, according to a tally by Johns Hopkins University. The US has now recorded 4,711,323 total cases, with 155,366 deaths, making it by far the worst-hit country in the world.
दुनिया में कोरोनावायरस के संक्रमण से अब तक 1 करोड़ 84 लाख 42 हजार 3824 मामले सामने आ चुके हैं। इनमें 1 करोड़ 16 लाख 72 हजार 315 मरीज ठीक भी हो चुके हैं। 6 लाख 97 हजार 175 की मौत हो चुकी है। ये आंकड़े https://ift.tt/2VnYLis के मुताबिक हैं। ब्राजील में कोरोना से लगभग 95,000 लोगों की मौत हो चुकी है। राष्ट्रपति जेएर बोल्सोनारो आज अपनी कैबिनिटे के साथ अहम मीटिंग करने जा रहे हैं। माना जा रहा है कि इसमें कुछ सख्त उपायों का ऐलान हो सकता है।
ब्राजील: मरने वालों की संख्या बढ़ी
ब्राजील में पिछले 24 घंटों में कोरोना से 561 मौतें हुईं। कुल मौतों की संख्या बढ़कर 94 हजार 665 हो गई। सोमवार को 16 हजार 641 नए मामले सामने आए हैं। कुल संक्रमितों की संख्या बढ़कर 2 लाख 75 हजार 318 हो गई है। ब्राजील लैटिन अमेरिकन देशों में कोरोना से सबसे ज्यादा प्रभावित देश है। अमेरिका के बाद ब्राजील में कोरोना के सबसे अधिक संक्रमित मामले आए हैं। ब्राजील में साउ पोलो सबसे अधिक प्रभावित क्षेत्र है। यहां 5 लाख 60 हजार से ज्यादा संक्रमित पाए जा चुके हैं।
इजराइल : फिर एक हजार से ज्यादा मामले
इजरायल में बीते 24 घंटे में 1,615 नए मामले सामने आए। कुल संक्रमितों की संख्या बढ़कर 74 हजार 430 हो गई है। हेल्थ मिनिस्ट्री के मुताबिक, इस दौरान 10 और मरीजों ने दम तोड़ दिया। अब कुल मौतों की संख्या 546 हो गई है। इसी दौरान 1,894 मरीज स्वस्थ भी हुए। सोमवार को प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने देश में कोरोना के बढ़ते मामलों पर चर्चा करने के लिए कैबिनेट मीटिंग की।
बोलिविया : ऊर्जा मंत्री कोरोना संक्रमित
बोलिविया के ऊर्जा मंत्री अल्वारो रोड्रिगो गुजमन कोरोना वायरस से संक्रमित पाए गए हैं। उन्होंने खुद इस बारे में जानकारी दी। गुजमन ने कहा- पिछले चार महीने से कोरोना के खिलाफ जंग लड़ने के बाद मेरी कोरोना की जांच रिपोर्ट पॉजिटिव आई है। मैं क्वारैंटीन में रहकर काम करना जारी रखूंगा। ऊर्जा मंत्री की तबीयत फिलहाल ठीक बताई जाती है। हालांकि, उनके डॉक्टर ने कहा है कि गुजमन की हालत पर पैनी नजर रखी जा रही है क्योंकि वे कुछ महीने पहले एक सर्जरी करा चुके हैं।
पोलैंड: फिर सख्ती की तैयारी
पोलैंड की दुकानों में नियमों का पालन करने वालों की जांच की जाएगी। स्वास्थ मंत्री लुकास सुमोवस्क ने कहा कि अधिकारी दुकानों में जाकर यह देखेंगे कि लोग अपना मुंह और नाक ढंक रहे है या नहीं। कई यूरोपियन देशों की तरह पोलैंड में भी पिछले महीने पाबंदियों में राहत दी गई थी। अब यहां दोबारा संक्रमण बढ़ रहा है। फिलहाल देश में संक्रमितों की संख्या 47 हजार 469 है और 1732 मौतें हुई हैं।
मारिया अबि-हबीबजुलाई के अंत में पाकिस्तान के इस्लामाबाद में पत्रकार मतीउल्लाह जान पत्नी को उनके स्कूल पहुंचाकर निकले ही थे कि कुछ लोग उन्हें उनकी कार से खींचकर अपनी गाड़ी में बैठाकर दूर ले गए। कुछ सादी वर्दी में थे, बाकी ने एंटी टेरर स्क्वॉड पुलिस की ड्रेस पहनी थी।
दो घंटे बाद स्कूल के गार्ड ने पत्नी को बताया कि जान की गाड़ी स्कूल के बाहर ही खड़ी है। चाबियां और फोन गाड़ी में ही थे। पत्नी ने तुरंत पुलिस को बुलवा लिया। सीसीटीवी फुटेज चेक कराने पर पता चला कि जान के अपहरण में पुलिस भी शामिल है। 12 घंटे बाद उन्हें रिहा कर दिया गया। यह तो एक वाकया है।
पिछले साल नवंबर में ही सेना ने एक एक्टिविस्ट को हिरासत में लिया था
पाकिस्तान में 11 पत्रकारों ने पिछले 5 साल में संदिग्ध स्थिति में जान गंवाई है। इनमें से 7 तो इमरान खान के कार्यकाल में ही मारे गए। पिछले साल नवंबर में ही सेना ने एक एक्टिविस्ट को हिरासत में लिया था। जून में बताया गया उस पर एक गुप्त अदालत में केस चलाने की तैयारी है।
सालभर पहले पीएम इमरान ने कहा था कि पाकिस्तान की प्रेस दुनिया में सबसे आजाद प्रेस में से है। स्थानीय पत्रकारों का दावा है कि देश में मीडिया से जुड़े और मानव अधिकार की आवाज उठाने वाले लोगों को दबाया जाता है।
संपादकों पर दबाव डाला जाता है
संपादकों पर रिपोर्टरों को नियंत्रण में रखने के लिए दबाव बनाया जाता है। इसके अलावा सरकार उनके लाखों रुपए के विज्ञापन बिल भी अटका कर रखती है। एमनेस्टी इंटरनेशनल के दक्षिण एशिया के प्रमुख उमर वारिच के मुताबिक, किसी को गायब करना एक हथियार के रूप में इस्तेमाल किया जा रहा है। वह भी पीड़ित को चुप कराने के लिए नहीं बल्कि बाकी लोगों को डराने के लिए।
पाक सेना के जनरल सीधे तानाशाही के बजाय सरकार में मौजूद अपने नुमाइंदों से अपनी इच्छाएं पूरी करवाते हैं। पिछले सालभर में प्रमुख समाचार संस्थानों के पैसे रोककर उन्हें तबाह कर दिया गया। दर्जनों पत्रकारों को नौकरी से हटवाया गया।
भारी दबाव और नौकरी जाने के डर के कारण पत्रकार अब विवादास्पद विषयों से बचते लगे हैं। मतीउल्लाह जान की नौकरी भी इसलिए गई। अब वे यू-ट्यूब चैनल चलाते हैं। जिओ टीवी के पूर्व एंकर तलत हुसैन हों या जंग समूह के मीर शकील उर रहमान ऐसे ही दौर से गुजर रहे हैं।
डिनीस ग्रेडी. डबल लंग ट्रांसप्लांट, एक ऐसी सर्जरी जिसे डॉक्टर तब तक नहीं करना चाहते, जब तक मरीज के फेफड़ों के ठीक होने की कोई उम्मीद होती है। यह सर्जरी केवल उन्हीं मरीजों पर की जाती है, जिनके फेफड़े लगभग डैमेज हो चुके होते हैं। इस ट्रांसप्लांट के लिए मरीज को एक गंभीर ऑपरेशन से गुजरना होता है। इसके अलावा दोबारा पैरों पर खड़े होने के लिए बहुत बहादुर भी होना पड़ता है।
यह कहानी है शिकागो के नॉर्थवेस्टर्न मेमोरियल हॉस्पिटल में भर्ती 28 साल की मायरा रामिरेज की, जो अमेरिका में कोविड-19 ने कारण डबल लंग ट्रांसप्लांट सर्जरी से गुजरने वाली पहली मरीज हैं। बीते बुधवार को उन्हें अस्पताल से छुट्टी दे दी गई है। मायरा उन मरीजों में से हैं, जिनके फेफड़ों को कोरोनावायरस ने खत्म कर दिया है और उनके बचने का सिर्फ एक ही तरीका है लंग ट्रांसप्लांट।
लोगों को इसके साथ थोड़ा सहज होना होगा
मायरा का इलाज करने वाले भारतीय मूल के सर्जन डॉक्टर अंकित भरत बताते हैं, "यह एक उदाहरण देने वाला बदलाव है। लंग ट्रांसप्लांट को संक्रामक रोग के इलाज के तौर पर नहीं समझा जाता है, इसलिए लोगों को इसके साथ थोड़ा और सहज होना होगा।" 5 जुलाई को उन्होंने ऐसा ही ऑपरेशन दूसरे कोविड मरीज 62 साल के ब्रायन का किया।
ब्रायन ने ट्रांसप्लांट से पहले 100 दिन लाइफ सपोर्ट मशीनों पर गुजारे। अस्पताल की तरफ से जारी किए गए स्टेटमेंट में ब्रायन की पत्नी नैंसी ने कहा कि बीमार होने से पहले उन्हें लगता था कि कोविड धोखा है। ब्रायन ने कहा, "अगर मेरी कहानी आपको एक चीज सिखा सकती है तो वो यह है कि कोविड 19 मजाक नहीं है।" डॉक्टर भरत बताते हैं कि अभी दो और मरीज लंग ट्रांसप्लांट का इंतजार कर रहे हैं।
डॉक्टर के लिए भी चुनौती बनी सर्जरी
डॉक्टर भरत कहते हैं, "कुछ मामलों में अस्पतालों को ट्रांसप्लान्ट की सलाह देने से पहले इंतजार करना पड़ता है। उनके सेंटर पर पहुंचा एक व्यक्ति स्वस्थ दिख रहा था, लेकिन इसके बाद उसके फेफड़ों में खून बहने लगा और किडनी फेल हो गई। ऐसे में सर्जरी संभव नहीं थी। इसलिए मुझे लगता है कि लोगों को इस ऑप्शन को पहले ही पहचान लेना चाहिए और कम से कम इसके बारे में बात करनी चाहिए।"
डॉक्टर टियागो मचुका बताते हैं, "यह हमारे फील्ड के लिए एकदम नया है। फिजिशियन्स के लिए मरीज और समय का पता करना एक चुनौती होगी। हम इसे बहुत जल्दी नहीं करना चाहते, जब मरीज कोविड लंग डिसीज से उबर सकता है और अच्छा जीवन जी सकता है। साथ ही आप सर्जरी करने का मौका भी नहीं गंवा सकते।"
मायरा अस्पताल पहुंची, लेकिन अंदर नहीं गईं
बीमार होने के पहले मायरा घर से ऑफिस का काम कर रही थीं। यहां तक कि ग्रॉसरी का सामान भी घर पर ही डिलिवर करा रही थीं। वे स्वस्थ थीं, लेकिन उन्हें न्यूरोमायलिटिस ऑप्टिक परेशानी थी। इसकी दवाई ने इम्यून सिस्टम को दबा दिया था और शायद इसी वजह से उन पर कोरोनावायरस का जोखिम बढ़ गया।
मायरा दो हफ्तों तक बीमार थीं। इस दौरान उन्होंने अपने लक्षणों के बारे में कोविड हॉटलाइन पर भी बात की। एक मौके पर वे अस्पताल भी गईं, लेकिन अंदर नहीं गईं। वे भर्ती होने के विचार से घबरा गईं और खुद को यकीन दिलाया कि ठीक हो जाऊंगी।
अप्रैल 26 को उनका तापमान 105 डिग्री फॉरेनहाइट पहुंच गया। वे इतनी कमजोर हो गईं थीं कि चलने की कोशिश की तो गिर गईं। उनके दोस्त ने उन्हें अस्पताल पहुंचाया। जब डॉक्टर्स ने मायरा से कहा कि उन्हें वेंटिलेटर पर रखना पड़ेगा तो वे कुछ नहीं समझ पाईं।
मायरा कहती हैं, "मुझे लगा कि मैं यहां कुछ ही दिन के लिए हूं और जल्द अपने आम जीवन में वापस चली जाऊंगी।" उन्होंने वेंटिलेटर पर 6 हफ्ते गुजारे और उन्हें ऐसी मशीन लगानी पड़ी जो ऑक्सीजन को सीधे ब्लड स्ट्रीम तक पहुंचाए।
मायरा कहती हैं कि मुझे हर समय डरावने सपने आ रहे थे। ऐसे सपने आ रहे थे कि वे डूब रही हैं, परिवार के सदस्य उन्हें अलविदा कह रहे हैं, डॉक्टर्स उनसे कह रहे हैं कि वे मरने वाली हैं।
बैक्टीरिया फेफड़ों पर घाव कर रहा था, डॉक्टर ने अलविदा कहने के लिए परिवार को बुला लिया था
मायरा की बीमारी बहुत दर्दनाक थी। उनके अंदर बैक्टीरिया जम गए थे, वे फेंफड़ों पर घाव पहुंचा रहे थे और गड्ढों को खा रहे थे। फेफड़ों के खराब होने का असर सर्कुलेट फंक्शन पर भी पड़ा, जिससे उनके लीवर और हार्ट में परेशानियां होने लगीं। डॉक्टर्स ने उनके परिवार को अलविदा कहने के लिए बुलाया, लेकिन मायरा डटी रहीं। उनके शरीर से कोरोनावायरस को साफ किया गया और ट्रांसप्लांट की सूची में डाला गया। दो दिन बाद 5 जून को वे 10 घंटे तक चले ऑपरेशन से गुजरीं।
शरीर पर थे जख्म, बोलीं- "मैं अपने शरीर को पहचान नहीं सकती थी"
जब मायरा उठीं तो उनके शरीर पर घाव थे, उन्हें प्यास लगी थी और बात नहीं कर पा रहीं थीं। मायरा कहती हैं, "मेरे अंदर से इतने ट्यूब्स बाहर आ रहे थे कि मैं अपने शरीर को नहीं पहचान सकती थी। जब नर्सेज ने मुझसे तारीख पूछी तो मैंने मई की शुरुआत का अंदाजा लगाया, जबकि तब जून का महीना था।"
संक्रमण की चिंता के चलते मायरा का परिवार उनसे मिलने नहीं जा सकता था। गुरुवार को हुई एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में मायरा ने कहा, "अकेले वक्त गुजरना सबसे मुश्किल हिस्सा था। मैं चिंता और पैनिक अटैक्स का भी शिकार हुई।" बाद में नियमों में ढील दी गई और तब जाकर उनकी मां-बेटी से मिल सकीं।
चलने, नहाने और कुर्सी से उठने के लिए भी मदद लेनी होती है
बीमार होने से पहले मायरा फुल टाइम जॉब करती थीं और अपने दो पैट्स के साथ खेलती थीं। हालांकि, वे अब भी सांस लेने में तकलीफ महसूस करती हैं। अब वे थोड़ा ही चल पाती हैं, नहाने और कुर्सी से उठने के लिए भी मदद लेनी पड़ती है। मायरा कहती हैं कि वे अपने नए फेफड़ों का इस्तेमाल करना सीख रही हैं और दिन-ब-दिन मजबूत हो रही हैं।
अपनी कहानी सुनाना और दूसरों की मदद करना चाहती हैं मायरा
मायरा कहती हैं कि मुझे महसूस होता है कि मेरे पास मकसद है। यह उन लोगों की मदद के लिए हो सकता है जो उसी स्थिति से गुजर रहे हैं, जहां से मैं गुजरी हूं। या केवल मेरी कहानी शेयर करना और युवाओं को यह एहसास दिलाने में मदद करना कि अगर यह मेरे साथ हो सकता है तो आपके साथ भी हो सकता है।
इसके अलावा खुद को सुरक्षित रखना और अपने आसपास दूसरों को भी जो ज्यादा संकट में हैं। उन्हें प्रोत्साहित करना और दुनियाभर में दूसरे सेंटर्स को एहसास दिलाना कि बीमार कोविड के मरीजों के लिए लंग ट्रांसप्लांटेशन एक रास्ता है।
अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने सोमवार को फिर से चीनी ऐप टिकटॉक को चेतावनी दी है। मीडिया से बातचीत करते हुए ट्रम्प ने साफ कहा कि टिकटॉक अगर 15 सितंबर तक नहीं बिकती है तो अमेरिका से इस चीनी ऐप को बाहर का रास्ता दिखा दिया जाएगा।
उन्होंने कहा कि 15 सितंबर की तारीख तय कर दी है। तब तक माइक्रोसॉफ्ट या किसी अन्य कंपनी के साथ टिकटॉक को अपनी डील पूरी कर लेनी होगी। अगर ऐसा नहीं हुआ तो अमेरिका में भी इस ऐप पर प्रतिबंध लगा दिया जाएगा।
माइक्रोसॉफ्ट से चल रही बातचीत, जल्द हो सकता है डील
आईटी सेक्टर की प्रमुख कंपनी माइक्रोसॉफ्ट ने कहा है कि वह चीन के स्वामित्व वाली वीडियो-शेयरिंग ऐप टिकटॉक के अमेरिकी व्यवसाय को खरीदने के लिए बातचीत जारी रखेगी। कंपनी ने यह बात उसके भारतीय मूल के सीईओ सत्या नडेला और राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प के बीच हुई बातचीत के बाद कही है।
ट्रम्प ने कहा है कि वह राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़े मुद्दों को लेकर अमेरिका में टिकटॉक पर प्रतिबंध लगाने के लिये आपात आर्थिक शक्तियों अथवा शासकीय आदेश का इस्तेमाल कर सकते हैं।
टिकटॉक को मालिकाना हक बेचने के लिए कहा जा सकता है
ब्लूमबर्ग और वॉल स्ट्रीट जर्नल ने सूत्रों के हवाले से दावा किया है कि ट्रम्प प्रशासन बाइट डांस को टिकटॉक से मालिकाना हक बेचने का आदेश दे सकता है। इससे जुड़ा आदेश एक दो दिन में जारी हो सकता है। टिकटॉक बैन करने का कई नेताओं ने समर्थन किया। शुक्रवार को ही सीनेटर मार्को रुबियो ने कहा कि मौजूदा फॉर्मेट में यह ऐप हमारी राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए खतरा है। कुछ सीनेटरों ने ऐप पर बैन की मांग को लेकर अटॉर्नी जनरल को लेटर भी लिखा है।
चीन से दूरी बना रही टिकटॉक की पैरेंट कंपनी
टिकटॉक मैनेजमेंट कुछ महीनों से बीजिंग से दूरी बनाने में जुटा है। मई में ही इसने डिज्नी से जुड़े केविन मेयर को अपना सीईओ बनाया है। इसकी पैरेंट कंपनी बाइट डांस के ऑफिस लॉस एंजेलिस, लंदन, पेरिस, बर्लिन, दुबई, मुंबई, सिंगापुर, जकार्ता, सिओल और टोक्यो में हैं। कंपनी ने पिछले महीने अपना हेडक्वार्टर बीजिंग से वॉशिंगटन शिफ्ट करने की बात भी कही थी। इसने अपने ऊपर लगे जासूसी करने के आरोपों से भी इनकार किया था।
पिछले महीने टिकटॉक समेत 106 चीनी ऐप पर बैन लगाया था
गलवान घाटी में सीमा विवाद के बाद केंद्र सरकार ने चीन के 106 ऐप्स पर बैन लगाया था। जिन ऐप्स पर यह बैन लगाया गया था, उनमें शॉर्ट वीडियो ऐप टिकटॉक, वी-चैट, यूसी ब्राउजर, यूसी न्यूज जैसे ऐप भी शामिल थे। इन सभी ऐप्स पर राष्ट्रीय सुरक्षा के खिलाफ गतिविधियों के आरोप में बैन किया गया था।
ऐप्स के लिए नए कानून बना रही है सरकार
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, केंद्र की मोदी सरकार ऐप्स के लिए नए कानून बना रही है। नए कानूनों का ड्राफ्ट तैयार करने के लिए कई सरकारी एजेंसी काम कर रही हैं। रिपोर्ट्स के मुताबिक, यदि कोई ऐप इन कानूनों का उल्लंघन करेगा तो उसे बैन किया जा सकता है। साइबर सुरक्षा बढ़ाने और भारतीयों का डाटा सुरक्षित रखने के मकसद से यह उपाय किए जा रहे हैं।
डब्ल्यूएचओ हेल्थ इमरजेंसी प्रोग्राम के कार्यकारी निदेशक डॉ. माइकल रेयान ने सोमवार को कहा कि भारत कोरोना का टीका बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है। साथ ही एंटी-कोविड दवाएं भी बना रहा है। अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कोरोना से लड़ने के खिलाफ भारत अहम योगदान दे रहा है।
डॉ. रेयान ने मीडिया ब्रीफिंग के दौरान कहा- भारत में कोरोना के मामले बहुत ज्यादा हैं। लेकिन, मुझे लगता है कि इसका एक बड़ा कारण भारत की लगभग 130 करोड़ की जनसंख्या है।
हो सकता है कि इसका इलाज कभी संभव ही न होः डब्ल्यूएचओ के डायरेक्टर
उधर, डब्ल्यूएचओ के डायरेक्टर जनरल टेड्रोस एडहोनम गेब्रेसियोसिस ने कहा कि कई कोरोनावायरस का वैक्सीन अब क्लीनिकल ट्रायल के तीसरे चरण में है। इसके बावजूद हमें कोई खास उपलब्धि हासिल नहीं हो पाई है। यह भी हो सकता है कि इसका इलाज कभी संभव ही न हो।
महामारी काफी दिनों तक हमारे बीच बनी रह सकती है: डब्ल्यूएचओ
न्यूज वेबसाइट अल जजीरा के मुताबिक, डायरेक्टर जनरल टेड्रोस और डॉ. रेयान ने सभी देशों से मास्क पहनने, सोशल डिस्टेंसिंग बनाए रखने, हाथ धोने और टेस्टिंग जैसी स्वास्थ्य उपायों को लागू करने की अपील की है। एक दिन पहले ही डब्ल्यूएचओ ने कहा था कि महामारी अभी काफी दिनों तक हमारे बीच बनी रह सकती है।
1.82 करोड़ से ज्यादा संक्रमित
https://ift.tt/2VnYLis के मुताबिक, 1 करोड़ 82 लाख से ज्यादा संक्रमित मिल चुके हैं। इनमें 1 करोड़ 14 लाख से ज्यादा ठीक भी हो चुके हैं। वहीं, 6 लाख 93 हजार लोगों की मौत हो चुकी है।
The fight between Afghan forces and terrorists in Nangarhar prison in Jalalabad, which claimed at least 29 lives, has ended after almost 18 hours, reported TOLO news on Monday. "Attack on Nangarhar prison has ended," Fawad Aman, a spokesman for Defense Ministry, was quoted as saying.
China on Monday accused the United States of "monitoring, harassing and willfully detaining" Chinese students and researchers in the US. Foreign ministry spokesperson Wang Wenbin's comments follow the denial of a bail request in California for a university researcher accused of lying about her ties to China's military and Communist Party to gain access to the United States.
The World Health Organization said Monday that there might never be a "silver bullet" answer to the new coronavirus, despite the rush to discover effective vaccines. "There is no silver bullet at the moment and there might never be," WHO director-general Tedros Adhanom Ghebreyesus told a virtual press conference in Geneva.
अमेरिका के कैलिफोर्निया के जंगलों में शुक्रवार को लगी आग काफी तेजी से फैल रही है। इसे ‘एप्पल फायर’ नाम दिया गया है। रविवार तक इसने 20 हजार एकड़ के इलाके को अपनी चपेट में ले लिया। इससे कई इलाकों में तापमान बढ़ रहा है। फायर डिपार्टमेंट ने लोगों को सुरक्षित जगह जाने का आदेश दिया है। अब तक 8 हजार लोग घर छोड़कर जा चुके हैं। कैलिफोर्निया के दक्षिणी इलाके पर इसका ज्यादा असर हुआ है।
फायर डिपार्टमेंट की टीम आग पर काबू पाने में जुट गई है। 1300 से ज्यादा फायर फाइटर्स को इस काम में लगाया गया है। आग बुझाने में हेलिकॉप्टर्स और वॉटर डंपिंग प्लेन्स की मदद ली जा रही है। आग पहाड़ी इलाकों में फैलने की वजह से इसे बुझाने में फायर फाइटर्स को दिक्कतों का सामना करना पड़ा रहा है।
तेज हवा से आग और भड़कने का खतरा
अमेरिका के फ्लोरिडा में रविवार को इसायस चक्रवात की वजह से भारी बारिश हुई। मौसम विभाग ने कहा है कि अभी भी इसकी रफ्तार पहले के मुकाबले कम हुई है। हालांकि, इसके तेज होने की संभावना है। अगर यह कैलिफोर्निया की ओर बढ़ता है तो तेज हवा की वजह से आग भड़कने का खतरा है। मौसम विभाग इस पर नजर रख रहा है और फायर डिपार्टमेंट के संपर्क में है।
कैलिफोर्निया में अक्सर गर्मी के मौसम में आग लगती है
अमेरिका के दूसरे इलाकों की तुलना में कैलिफोर्निया गर्म है। यही वजह है कि यहां पर गर्मी के मौसम में अक्सर जंगलों में आग लग जाती है। यह सिलसिला बारिश का मौसम आने तक जारी रहता है। हालांकि, बीते कुछ सालों में आग लगने की घटना बढ़ी है। कैलिफोर्निया में जंगलों के पास रिहायशी इलाके बढ़े हैं। ऐसे में आग लगने पर नुकसान ज्यादा होता है। इसे देखते हुए फायर डिपार्टमेंट कुछ ऐसे इलाकों की पहचान भी की है, जहां आग लगने का खतरा ज्यादा है।
2019 में लगी थी 85 साल की सबसे भीषण आग
अमेरिका के कैलिफोर्निया के जंगलों में 2019 में 85 साल की सबसे भीषण आग लगी थी। इसकी चपेट में आकर 31 से ज्यादा लोगों की मौत हो गई है। सैकड़ों लोग लोग लापता हुए थे। 1933 में लॉस एंजिल्स के ग्रिफिथ पार्क में लगी आग के बाद यह कैलिफोर्निया के जंगल में लगी सबसे बड़ी आग थी। इससे करीब 83 हजार एकड़ के इलाके में आग लगी थी। करीब 3 लाख लोगों को अपना घर छोड़कर दूसरे शहरों में जाना पड़ा था।
व्हाइट हाउस के चीफ ऑफ स्टाफ मार्क मीडोज ने सोमवार को कहा कि अमेरिका में राष्ट्रपति चुनाव समय पर ही होंगे। उन्होंने कहा कि चुनाव 3 नवंबर को ही होंगे और इसमें राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प की जीत होगी। पर उन्होंने ये भी कहा कि मेल-इन बैलेट से 100 फीसदी वोटिंग होती है, तो नतीजे समय पर नहीं आ सकेंगे।
इससे पहले ट्रम्प ने चुनाव टलने के संकेत दिए थे। ट्रम्प ने मेल-इन बैलेट को लेकर चिंता जाहिर की थी और कहा था कि ये चुनाव इतिहास के सबसे फर्जी चुनाव होंगे और अमेरिका के लिए बड़ी शर्मिंदगी भी। हालांकि, बाद में उन्होंने इससे इनकार भी कर दिया था।
ट्रम्प की चिंता जायज : मीडोज
मीडोज ने एक टीवी चैनल को दिए इंटरव्यू में ट्रंप द्वारा उठाए गए मेल-इन बैलेट मुद्दे पर भी पर बात की। उन्होंने कहा कि ट्रम्प ने सिर्फ मेल-इन बैलेट पर अपनी चिंता सबके सामने रखी थी। उनका भी यही मानना है कि देश में चुनाव समय पर होने चाहिए।
मीडोज ने कहा कि राष्ट्रपति ट्रम्प का मेल इन बैलेट को लेकर चिंता जायज है। अगर हम 100% वोटिंग इसके जरिए कराएंगे तो वोटिंग के नतीजे आने में वक्त लगेगा। मैं तो कहता हूं कि हम 1 जनवरी तक नतीजे का ऐलान नहीं कर पाएंगे। मीडोज से पहले प्रेसिडेंशियल कैंपेन के एडवाइजर जेसन मिलर ने रविवार को कहा था कि अमेरिका में राष्ट्रपति चुनाव तय समय पर ही होंगे। राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप भी यही चाहते हैं।
ट्रम्प ने दिया था राष्ट्रपति चुनाव टालने का सुझाव
ट्रम्प ने बीते गुरुवार को राष्ट्रपति चुनाव टालने का सुझाव दिया था। उन्होंने चुनावों में मेल-इन बैलेट से वोटिंग में गड़बड़ी की आशंका जताई थी। इसके बाद से ट्रम्प की आलोचना शुरू हो गई थी। विपक्षी पार्टी डेमोक्रेटिक के साथ उनकी अपनी ही पार्टी के कई नेताओं ने इसका विरोध किया था। इसके बाद ट्रम्प ने अपना बचाव करते हुए कहा था कि वे चुनाव टालना नहीं चाहते हैं, लेकिन फर्जी वोटों से बचना चाहते हैं।
ट्रम्प के पास चुनाव टालने का अधिकार नहीं
अमेरिका के संविधान के मुताबिक, राष्ट्रपति चुनाव की तारीख बदलने का अधिकार राष्ट्रपति के पास नहीं है। इसके लिए ट्रम्प को संसद के दोनों सदन हाउस ऑफ रिप्रेजेंटेटिव और सीनेट से बिल मंजूर कराना होगा। सीनेट में तो ट्रम्प की रिपब्लिकन पार्टी का बहुमत है, लेकिन निचले सदन में डेमोक्रेटिक पार्टी का बहुमत है। अगर ट्रम्प दोनों सदनों से बिल पास करा भी लेते हैं तो भी वे ज्यादा समय तक चुनाव नहीं टाल पाएंगे। अमेरिका के संविधान के मुताबिक राष्ट्रपति चुनाव 20 जनवरी तक हर हाल में कराने होंगे।
तीन नवंबर को हैं राष्ट्रपति चुनाव
अमेरिका में राष्ट्रपति पद के लिए चुनाव 3 नवंबर को होने हैं। रिपब्लिकन पार्टी की ओर से राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प तो डेमोक्रेटिक पार्टी की ओर से पूर्व उपराष्ट्रपति जो बिडेन हैं। दोनों पार्टियों के प्राइमरी चुनाव खत्म हो चुके हैं। डेमोक्रेटिक पार्टी का नेशनल कन्वेंशन भी हो चुका है। इसमें बिडेन के नाम पर मोहर लगी है। 24 अगस्त को रिपब्लिकन पार्टी का नेशनल कन्वेंशन होना है। इसमें ट्रम्प को आधिकारिक रूप से उम्मीदवार घोषित किया जाएगा।
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अफगानिस्तान के जलालाबाद शहर में स्थित सेंट्रल जेल में हुए फिदायीन हमले में 21 लोगों की मौत हो चुकी है। नंगरहार प्रांत के प्रवक्ता अत्ताउल्लाह खोग्यानी ने बताया कि 43 लोग घायल भी हुए हैं। सुरक्षाबलों ने तीन आतंकियों को भी मार गिराया है।
बीबीसी के मुताबिक, आतंकी संगठन इस्लामिक स्टेट (आईएस) ने बताया कि जेल में हमारे सैकड़ों कैदी बंद हैं। उन्हें भगाने के लिए ही हमला किया गया। यह रविवार रात से सोमवार सुबह तक जारी रही। रातभर आईएस आतंकी सुरक्षाबलों के साथ जूझते रहे।
सुरक्षा से जुड़े सूत्र ने न्यूज एजेंसी एएफपी को बताया कि जेल में 1,700 से ज्यादा कैदी हैं। उनमें से ज्यादातर तालिबान और आईएस के आतंकी हैं। हालांकि, यह साफ नहीं हो पाया है कि हमला कैदियों को भगाने के लिए किया गया था।
रविवार को शुरू हुआ हमला
टोलो न्यूज के मुताबिक, रविवार को जेल के एंट्री गेट पर आत्मघाती हमलावर ने कार में धमाका किया। रिपोर्ट के मुताबिक, जेल की ऊपरी मंजिल पर आतंकी दाखिल हो गए थे। इसके बाद फायरिंग की आवाजें भी सुनी गईं। अफगानिस्तान के गृह मंत्रालय ने इन रिपोर्ट्स की पुष्टि की है, पर इससे ज्यादा कोई जानकारी नहीं दी। नंगरहार प्रांत के गवर्नर के प्रवक्ता ने कहा- हमलावरों ने जेल के पास बने बाजार में पोजिशन ले रखी थी। इसी दौरान उन्होंने सुरक्षाबलों पर हमला किया।
लगातार हो रहे हैं आत्मघाती हमले
अफगानिस्तान के पूर्वी प्रांत नंगरहार में ऐसे हमले होते रहते हैं। अधिकांश हमलों की जिम्मेदारी कट्टरपंथी इस्लामिक ग्रुप आईएस ही लेता है। उधर, तालिबान के प्रवक्ता जबीहुल्ला मुजाहिद ने न्यूज एजेंसी एएफपी से कहा- यह हमला हमने नहीं किया। हमारे मुजाहिदीन को ऐसे हमले करने की इजाजत अभी तक नहीं दी गई है।
Pipe by precious pipe, the organ that once thundered through Notre Dame Cathedral is being taken apart after last year's devastating fire. The mammoth task of dismantling, cleaning and re-assembling France's largest musical instrument started Monday and is expected to last nearly four years.
Eight people died during the period, taking the total number of Covid-19 fatalities in the country to 5,984, the Ministry of National Health Services said. The number of new cases is the lowest since April 14 when 280 infections were detected, it said. The national tally of Covid-19 cases has reached 280,027.