Sunday, January 5, 2020
Slain Iran general Qassim Soleimani's successor and daughter warn US troops January 05, 2020 at 08:31PM
सुप्रीम कोर्ट में अपील पेंडिंग होने की दलील देकर माल्या दिवालिया कार्रवाई नहीं रोक सकता: चीफ जस्टिस January 05, 2020 at 09:17PM
नई दिल्ली. सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि विजय माल्या अपनी याचिका पर फैसला बाकी होने की दलील देकर दूसरी अदालतों के फैसलों को नहीं अटका सकता। चीफ जस्टिस एस ए बोबड़े की बेंच ने यह आदेश दिया। बता दें एसबीआई समेत अन्य बैंकों ने लंदन की अदालत में माल्या के खिलाफ दिवालिया प्रक्रिया शुरू करने की अपील की थी। लंदन की कोर्ट ने फैसला सुरक्षित रख लिया था। इस बीच माल्या ने कर्ज चुकाने के प्रस्ताव के साथ 27 दिसंबर को सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर दी। इसके बाद लंदन की कोर्ट में भी अपील दायर कर कहा कि सुप्रीम कोर्ट का फैसला आने तक दिवालिया मामले में कोई आदेश जारी नहीं होना चाहिए।
माल्या के प्रत्यर्पण मामले में फरवरी में सुनवाई
किंगफिशर एयरलाइन के लोन मामले में माल्या पर धोखाधड़ी और मनी लॉन्ड्रिंग के आरोप हैं। बैंकों के मुताबिक माल्या पर 10 हजार करोड़ रुपए बकाया हैं।वह मार्च 2016 में लंदन भाग गया था। लंदनकी अदालत और सरकार माल्या के प्रत्यर्पण की मंजूरी दे चुकीं, लेकिन उसने फैसले के खिलाफ अपील की थी। उसकी अपील पर फरवरी में सुनवाई होगी।
भारत में प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट (पीएमएलए) अदालत ने पिछले दिनों बैंकों को माल्या की जब्त संपत्तियां बेचने की मंजूरी दे दी थी। हालांकि, इस आदेश पर 18 जनवरी तक स्थगन रहेगा। इस बीच माल्या या अन्य संबंधित पक्ष बॉम्बे हाईकोर्ट में अपील कर सकते हैं।
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At least two injured in Jakarta building collapse January 05, 2020 at 08:23PM
Australian bushfires hit businesses, damage still being assessed January 05, 2020 at 07:15PM
'Return to right path' Beijing's new envoy tells Hong Kong January 05, 2020 at 06:50PM
Trump warns Iran of 'major retaliation' in case of attack January 05, 2020 at 07:16PM
Troops deployed across fire-hit Australia after horror weekend January 05, 2020 at 06:28PM
ईरान ने सैन्य कमांडर सुलेमानी की हत्या के बाद 2015 का परमाणु समझौता न मानने की घोषणा की January 05, 2020 at 05:49PM
तेहरान. ईरान ने रविवार को 2015 के परमाणु समझौते के किसी भी प्रतिबंध का पालन नहीं करने की घोषणा की। एक बयान में कहा गया कि वह अब परमाणु संवर्धन की क्षमता, संवर्धन का स्तर, समृद्ध सामग्री के भंडार करने या अनुसंधान और विकास करने की किसी भी पाबंदी को नहीं मानेगा। ईरान ने अपने सैन्य कमांडर कासिम सुलेमानी की मौत के तीन दिन बाद यह फैसला लिया है। अमेरिका ने शुक्रवार को बगदाद के एयरपोर्ट पर ड्रोन से हमला कर सुलेमानी की हत्या कर दी थी। इसके बाद से ही दोनों देशों के बीच तनाव बढ़ गए हैं।
ईरान के मंत्रिमंडल ने रविवार को परमाणु समझौते पर फैसला लेने के लिए आपात बैठक बुलाई थी। सुरक्षा परिषद के पांच स्थाई सदस्यों ब्रिटेन, चीन, फ्रांस, रूस और अमेरिका के साथ ही जर्मनी के बीच 2015 में परमाणु समझौता पर हस्ताक्षर किया गया था। समझौते के तहत, ईरान ने आर्थिक प्रतिबंधों को खत्म किए जाने के बदले में अपनी परमाणु गतिविधियों को सीमित करने और अंतर्राष्ट्रीय निरीक्षकों को अनुमति देने पर सहमति जताई थी। इसके तहतईरान को 2026 तक यूरेनियम संवर्धन के लिए 5,060 से ज्यादा आईआर-1 सेंट्रीफ्यूज चलाने की अनुमति नहीं है। इसमें यूरेनियम संवर्धन की सीमा 3.67% तय की गई थी। यह सीमा परमाणु हथियार बनाने के स्तर से बेहद नीचे है।
अमेरिका ने ईरान पर कड़े प्रतिबंध लगाए थे
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने 2018 में इस समझौते को रद्द कर दिया था। इसके बाद उसने ईरान पर कड़े प्रतिबंध लगा दिए थे।उन्होंने ईरान से नया समझौता करने की बात कही थी। ताकि ईरान के परमाणु कार्यक्रम और बैलिस्टिक मिसाइल के विकास पर रोक लगाया जा सके। इसके बाद ईरान ने समझौते के अनुपालन को कम करने की कसम खाई थी।
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बगदाद में अमेरिकी दूतावास के पास 2 रॉकेट दागे गए: गवाह; एक दिन पहले ट्रम्प ने ईरान को बड़ी कार्रवाई की चेतावनी दी थी January 05, 2020 at 05:01PM
बगदाद. इराक की राजधानी बगदाद में रविवार को अमेरिकी दूतावास के पास दो रॉकेट दागे गए। वहां मौजूद गवाहों ने न्यूज एजेंसी को यह जानकारी दी। शनिवार को भी ईरान समर्थित गुटों ने अमेरिकी दूतावास और एयरबेस पर रॉकेट से हमला किया था। इसके बाद अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने रविवार को ईरान को चेतावनी देते हुए कहा था कि अगर वह अमेरिका के खिलाफ कोई भी कार्रवाई करता है तो हम अब तक का सबसे बड़ा हमला करेंगे।
पिछले दो महीनों में 14वीं बार अमेरिकी ठिकानों को निशाना बनाया गया है। सूत्रों ने बताया कि तीसरारॉकेट भी दागा गया था, लेकिन वह ग्रीन जोन के बाहर एक परिवार के घर पर जा गिरा। इसमें चार लोग घायल हो गए। ग्रीन जोन में ही अमेरिकी दूतावास स्थित है।
इराक की संसद ने विदेशी सैनिकों को देश से बाहर भेजने का आह्वान किया
इराक की संसद ने रविवार को अमेरिका और अन्य विदेशी सैनिकों को देश से बाहर भेजने के पक्ष में मतदान किया। इराक में लगभग 5200 अमेरिकी सेना मौजूद हैं। उन्हें 2014 में इराकी सरकार द्वारा आतंकी संगठन इस्लामिक स्टेट से लड़ने में मदद के लिए तैनात किया गया था।
खामनेई ने बदला लेने की बात कही थी
अमेरिका नेशुक्रवार कोबगदाद एयरपोर्ट पर ड्रोन से रॉकेट दागकरईरान के जनरल कासिम सुलेमानी को मार गिराया था। अमेरिका-ईरान के बीच बढ़े तनाव के कारण मध्य पूर्व में बड़े संघर्ष की आशंका जताई जा रही है। सुलेमानी की मौत के बाद ईरान के सर्वोच्च नेता अयातुल्ला अल-खामनेई ने कहा था कि हम सही जगह और सही समय आने पर इसका बदला लेंगे।
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बेटे को फोन की लत थी, छुड़ाने के लिए पिता 8000 किमी दूर वहां ले गए जहां बसें भी नहीं चलतीं January 05, 2020 at 04:04PM
उलानबटोर. कनाडा के कैलगरी में रहने वाले जेमी क्लार्क के 18 वर्षीय बेटे खोबे को फोन की लत थी। वह सोशल मीडिया और ऑनलाइम गेम खेलकर अपना समय बिताता था। इस आदत को छुड़ाने के लिए पिता जेमी ने ऐसा आइडिया निकाला, जिससे खोबे की लत छूट गई और अब वह अपना ज्यादातर समय परिवार के साथ बिताने लगा। दरअसल, जेमी बेटे को कनाडा से करीब 8000 किमी दूर मंगोलिया ले गए। दोनों ने करीब एक माह तक 2200 किमी यात्रा की। वह खोबे को ऐसी-ऐसी जगह ले गए, जहां इंटरनेट तो दूर बसें भी नहीं चलतीं।
एक माह के सफर में उन्होंने बाइक ट्रिप की। घोड़ों पर बैठकर सफर किया। पर्वतीय इलाकों में टेंट में रातें गुजारीं। देखते ही देखते बेटे में बदलाव आने लगा और एक माह की ट्रिप के दौरान उसकी लत छूट गई। खोबे ने बताया कि इस ट्रिप ने उसकी जिंदगी बदल दी। इससे पहले जब वह कुछ देर फोन नहीं चलाता था, या फिर फेसबुक, इंस्टाग्राम और स्नैपचैट का इस्तेमाल नहीं करता था तो उसे गुस्सा और चिड़चिड़ापन होता था। लेकिन अब उसकी यह लत छूट चुकी है।
मोबाइल युवाओं को उनके परिवार से दूर कर रहा
जेमी पेशे से पर्वतारोही हैं। वह दो बार एवरेस्ट फतह कर चुके हैं। जेमी ने कहा- मोबाइल युवाओं को परिवार से दूर कर रहा है। यदि ऐसा हो रहा है तो इसमें परिवार का भी दोष है, जिसे सुधारने के लिए उन्होंने यह कदम उठाया। खोबे ने बताया कि ट्रिप के दौरान उसने जिंदगी को बेहतर तरीके से जीना सीखा है।
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ईरान ने अमेरिकी हमले का जवाब दिया तो तीसरे विश्वयुद्ध की आशंका; इजराइल, सऊदी अरब और चीन पर भी असर होगा January 04, 2020 at 09:20PM
वॉशिंगटन. अमेरिका ने शुक्रवार को सुबह बगदाद के अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट पर ड्रोन से हमला कर ईरान की कुद्स फोर्स के प्रमुख जनरल कासिम सुलेमानी की हत्या कर दी। इसके बाद ईरान के सर्वोच्च नेता अयातुल्ला अल-खामनेई ने सही समय आने पर इसका बदला लेने की बात कही है। अगर ईरान अमेरिका पर कोई भी जवाबी कार्रवाई करता है तो इससे तीसरे विश्वयुद्ध का खतरा उत्पन्न हो सकता है।
खामनेई के नेतृत्व में हमले का जवाब देने के लिए ईरान के राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद की तेहरान में बैठक चल रही है। ईरान के पास दुनिया की 13वीं सबसे बड़ी सेना है। ईरान के साथ मध्य पूर्व में फैले मिलिशिया समूह, लेबनान के हिजबुल्लाह, यमन के हौथी विद्रोही और सीरिया के बशर अल-असद जैसे सहयोगी संगठन भी शामिल हैं।
ईरान द्वारा इराक और सीरिया में अमेरिकी सैनिकों और सैन्य ठिकानों, गोलान हाइट्स में इजराइली सुरक्षाबलों, होर्मुज में टैंकरों और सऊदी अरब के तेल के बुनियादी ढांचों पर हमला करने की संभावना है। रूस ने सीरिया में अपनी सेना तैनात की है जो राष्ट्रपति बशर अल-असद और ईरान का समर्थक है। वहीं, देश के उत्तरी इलाके में तुर्की सुरक्षाबल लड़ रहे हैं। तुर्की नाटो के सदस्य होने के साथ-साथ रूस और ईरान के करीब है।
अमेरिका, चीन, रूस और इजराइल सभी के पास परमाणु हथियार
चीन ने भी गल्फ ऑफ ओमान में अपना जहाज तैनात किया है। रूस और ईरान के साथ हाल ही में संयुक्त सैन्य अभ्यास किया है। अमेरिका-ईरान के बीच अगर विवाद बढ़ता है तो ये देश भी युद्ध में शामिल हो सकते हैं। उधर, सऊदी अरब यमन में ईरान समर्थित हाउथी विद्रोहियों से लड़ रही है और अगर ईरान द्वारा कोई कार्रवाई की जाती है तो रियाद इसका पूरी तरह जवाब देगा। अमेरिका, चीन, रूस और इजराइल सभी के पास परमाणु हथियार हैं। तीन के पास अगली पीढ़ी की हाइपरसोनिक मिसाइलें हैं जो सभी रक्षा प्रणालियों को तोड़ने में सक्षम हैं।
इजरायल भी परमाणु हथियारों से लैस है और किसी भी ईरानी हमलों के लिए तैयार है। प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू और आईडीएफ खुद का बचाव करने में संकोच नहीं करेंगे। हाल ही में तुर्की ने सीरिया में ईरान समर्थित हिज्बुल्लाह बलों पर हमला किया है।
ईरान होर्मुज जलडमरूमध्य को अवरुद्ध कर सकता है
इस बीच अगर ईरान ने होर्मुज जलडमरूमध्य को अवरुद्ध करने का फैसला किया, जैसा कि वह पहले भी कई बार इसकी धमकी दे चुका है। होर्मुज जलडमरूमध्य एक अहम रास्ता है जो मध्य-पूर्व के तेल उत्पादक देशों को एशिया, यूरोप और उत्तरी अमेरिका और उससे भी आगे के बाजारों से जोड़ता है। अगर इसे कोई भी नुकसान होता है तो यूरोपीय देश एकजुट होकर ईरान पर कार्रवाई कर सकते हैं। अगर, युद्ध जैसे हालात पैदा होते हैं, तो पूरी दुनिया को इसका खामियाजा भुगतना पड़ सकता है।
ईरान:
- 8.2 करोड़ की आबादी वाले ईरान में करीब पांच लाख सैनिक देश की सुरक्षा में लगे हैं।
- ईरानी सेना के पास बैलिस्टिक मिसाइलें, टैंक, लड़ाकू हेलिकॉप्टर, फास्ट जेट और कई हथियार हैं।
- भूगोल की बात करें तो यह तीन ओर से पहाड़ों से घिरा है। एक ओर समुद्र है। देश के मध्य में विशाल मरुस्थल है।
- इस वजह से अमेरिकी सेना के लिए जमीनी स्तर पर युद्ध करना एक बड़ी चुनौती है।
- परमाणु समझौते से ट्रम्प के हटने के बाद ईरान ने यूरेनियम भंडार सीमा का उल्लंघन किया औरलगातार अपनी ऊर्जा क्षेत्र के स्तर पर वृद्धि कर रहा है।
मध्यपूर्व के देशों में ईरान के पास सबसे ज्यादा मिसाइल: रिपोर्ट
- पिछले दिनों अमेरीकी रक्षा मंत्रालय पेंटागन ने एक रिपोर्ट में बताया था कि मध्यपूर्व के देशों में ईरान के पास सबसे ज्यादा मिसाइलें हैं।
- ईरान के पास क्लोज रेंज, कम दूरी तक मार करने वाली, मध्यम दूरी तक मार करने वाली और लंबी दूरी तक मार करने वाली बैलिस्टिक मिलाइलें हैं।
- ये मिसाइलें 2000 किलोमीटर की दूरी तक सटीक मार करने में सक्षम हैं।
अगर ऐसा होता है तो अमेरिका अपने युद्धपोतों, बमवर्षक विमानों और क्रूज मिसाइलों का इस्तेमाल कर सकता है। इसके पहले भी कई बार ऐसा करने की योजना बना चुका है। अमेरिका के ड्रोन हमले से निपटने के लिए ईरान एंटी-मिसाइल एयरक्राफ्ट का इस्तेमाल कर सकता है। जैसा कि ईरान ने पिछले साल जून में किया था।
साइबर हमलाभी किया जा सकताहै
साइबर हमला भी युद्ध का एक लोकप्रिय तरीका बन गया है। ईरान, अमेरिका और इसके सहयोगी इसका इस्तेमाल कर सकते हैं। स्टक्सनेट वायरस की सहायता से ईरान के परमाणु सुविधाओं पर हमला किया जा सकता है। पहले भी सफलता पूर्वक इस वायरस से हमले को अंजाम दिया जा चुका है। इसमें संचार उपकरण, रडार, बिजली नेटवर्क और अन्य प्रमुख बुनियादी ढांचे ध्वस्त किए जा सकते हैं। 2008 में हुए साइबर हमले में ईरान के 30000 हजार कम्प्यूटर्स प्रभावित हुए थे।
इराक:
- इराक के आसपास लगभग पांच हजार अमेरिकी सैनिक तैनात हैं।
- सभी अमेरिकी सैनिक शिया मिलिशिया संगठन के निशाने पर हैं। यह संगठन ईरान की ओर से लड़ेंगे।
- 2003 में इराक में अमेरिकी हमले के बाद जनरल सुलेमानी ने आतंकी समूहों को अमेरिकी सैनिकों और उनके ठिकानों पर हमले के लिए प्रेरित करना शुरू किया था।
- कुद्स बल जिसे सोलेमानी ने लगभग दो दशकों तक नियंत्रित किया। अपने नेता की मौत का बदला लेने के लिए सीधे तौर भी युद्ध में शामिल हो सकता है।
सीरिया:
- राष्ट्रपति बशर अल-असद इरान के बेहद करीबी हैं। 2011 में जब रूस के साथ चल रहे गृह युद्ध में बशर हार के करीब थे तो सुलेमानी की कुद्स फोर्स ने ही उनका समर्थन किया।
- हालांकि, अगर युद्ध होता है तो असद के सीधे तौर पर लड़ने की संभावना नहीं है।
- लेकिन, अमेरिकी सैनिकों और कुर्दों पर ईरान-समर्थक आतंकियों द्वारा हमला किया जाता है तो, वह इस पर चुप्पी साध सकताहै।
- ईरान ने अपना काफी समय मिलिट्री इंफ्रास्ट्रक्चर विकसित करने में बिताया है। ईरान ने कई मिसाइल बेस बनाए हैं।
इजराइल ने पहले कहा था कि वह इसका उपयोग अपने क्षेत्र के खिलाफ कर सकता है। यदि तेहरान ने अमेरिकी सहयोगी पर हमला करने का फैसला करता है तो संभवतः गोलान हाइट्स पर भी मिलाइल गिराए जा सकते हैं। हालांकि तेल अवीव ने इसे लेकर चेतावनी जारी की है। अगर इस क्षेत्र में युद्ध होता है तो रूस की सेना भी इसमें शामिल हो सकती है। वहीं, तुर्की की सेना पहले से ही उत्तर में लड़ रही है। आतंकी संगठन इस्लामिक स्टेट भी इस स्थिति का फायदा उठाने की कोशिश करेगा और दोनों पक्षों को एक-दूसरे के खिलाफ लड़वा सकता है। इससे वह फिर से अपना खोया हुआ क्षेत्र वापस ले सकता है।
अमेरिका:
- अमेरिका के पास मध्य पूर्व और पर्सियन गल्फ में भारी संख्या में सेना तैनात हैं और कई सैन्य ठिकानें हैं।
- दुबई में स्थित एफ22 रैप्टर फाइटर बेस, क्रूज मिसाइल-आर्म्ड ओहियो क्लास की पनडुब्बियां, विमान वाहक और अमेरिकी विशेष सुरक्षाबल हैं जो अभी भी उत्तरी इराक और सीरिया में तैनात हैं।
- बी2 स्टेल्थ बमवर्षक विमान से अमेरिका हमला कर सकता है। अमेरिका दुनिया में कहीं भी परमाणु हथियारों से हमला कर सकता है।
रूस:
- बशर अल-असद के शासन के समर्थन में सीरिया में हजारों रूसी सेना और लड़ाकू विमान तैनात हैं।
- इनमें विशेष बल और एस400 विमानभेदी मिसाइल शामिल हैं। इनमें दुनिया की सबसे उन्नत मिसाइल प्रणाली है।
- यदि संघर्ष बढ़ता है तो रूस अपने सहयोगी या ईरान का बचाव करने के लिए मजबूर हो सकता है।
- अगर रूस के सैनिक मरते हैं तो भी वह युद्ध में शामिल हो सकता है।
- रूस युद्ध में लंबी दूरी की मिसाइलों और लंबी दूरी के बमवर्षक विमानों और भूमध्यसागरीय क्षेत्र में तैनात जहाजों और पनडुब्बियों का इस्तेमाल कर सकता है।
इजराइल:
अगर ईरान द्वारा इजराइल पर हमला किया जाता है तो वह जरूर इसका जवाब देगा। उसके पास परमाणु हथियार और एडवांस्ड फाइटर जेट है जो सीरिया में ईरान और ईरानी बलों पर हमले शुरू करने में सक्षम है। जैसा कि उसने पहले भी किया है। इजराइल की विशेष सुरक्षा बल भी दुनिया की सबसे ताकतवर आर्मी में से एक है, जो पूरे क्षेत्र में तैनात है।
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'द आयरिशमैन' बन सकती है बेस्ट फिल्म, 'जूडी' के लिए रीनी जैलवेगर का मिल सकता है बेस्ट एक्ट्रेस अवॉर्ड January 05, 2020 at 02:22AM
हॉलीवुड डेस्क. 77वें गोल्डन ग्लोब अवॉर्ड्स का आगाज होने जा रहा है। सेरेमनी में शिरकत करने के लिए नॉमिनेटेड सितारे और इंडस्ट्री से जुड़ी हस्तियां रेड कार्पेट पर वॉक करेंगी। करीब चार घंटे तक चलने वाले इस कार्यक्रम में 27 अवॉर्ड्स प्रदान किएजाएंगे। विश्व सिनेमा में अपने योगदान और एक्टिंग के लिए टॉम हैंक्स को 'सेसिल डी मिल' अवॉर्ड दिया जाएगा। वहीं टीवी के क्षेत्र में अपनी परफॉर्मेंस और योगदान के लिए एलन डी जेनेरस को 'कैरॉल बर्नेट अवॉर्ड' से नवाजा जाएगा।
साल 2019 में बेस्ट मोशन पिक्चर का खिताब 'बोहेमियन रैपसोडी' ने जीता था। वहीं बेस्ट एक्ट्रेस का खिताब 'द वाइफ' के लिए ग्लेन क्लोज और 'बोहेमियन रैपसोडी' के लिए बेस्ट एक्टर अवॉर्ड रैमी मलिक को दिया गया था।
'द आयरिशमैन' बन सकती है बेस्ट ड्रामा फिल्म
नेटफ्लिक्स ने इस बार गोल्डन ग्लोब अवॉर्ड्स में सबसे ज्यादा नॉमिनेशन पाने में सफलता हासिल की है। फिल्म क्रिटिक्स अनुमान लगा रहे हैं कि इस बार मार्टिन स्कोरसीस की फिल्म 'द आयरिशमैन' बेस्ट ड्रामा फिल्म का खिताब जीत सकती है। फिल्म क्रिटिक टॉड मैकार्थी के मुताबिक मार्टिन स्कोरसीस अमेरिकन के टॉप अमेरिकी निर्देशकों में से एक हैं और 'द आयरिशमैन' उनकी टॉप पांच गैंगस्टर फिल्म में से एक है। वहीं 'मैरिज स्टोरी' को भी खिताब का प्रबल दावेदार माना जा रहा है। 'मैरिज स्टोरी' का प्रोडक्शन भी नेटफ्लिक्स स्टूडियो ने ही किया है।
एंटोनियो बेंडेरस बन सकते हैं बेस्ट एक्टर
पेड्रो ऑल्मोडोडोवार की फिल्म 'पेन एंड ग्लोरी' में सैल्वेडोर मैलो का किरदार निभाने वाले एंटोनियो बेंडेरस बेस्ट ड्रामा एक्टर बन सकते हैं। एंटोनियो के अलावा एडम ड्राइवर और जोकिन फीनिक्स अवॉर्ड के बड़े दावेदार माने जा रहे हैं। 'मैरिज स्टोरी' में एडम ड्राइवर के किरदार को क्रिटिक्स और दर्शकों द्वारा काफी सराहा गया था। वहीं 'जोकर' जोकिन फीनिक्स के किरदार की भी खूब तारीफ हुई थी। 'जोकर' बिलियन क्लब में शामिल होने वाली साल 2019 की पहली फिल्म थी।
वहीं बेस्ट एक्ट्रेस अवॉर्ड के लिए रीनी जेलवेगर को लेकर संभावनाएं जताई जा रहीं हैं। रीनी को 'जूडी' फिल्म के लिए यह अवॉर्ड मिल सकता है। उनके अलावा फिल्म 'हैरियट' के लिए सिंथिया इरीवो बेस्ट एक्ट्रेस का खिताब जीत सकती हैं। सिंथिया ने फिल्म में हैरियट टबमैन का किरदार निभाया था। इतना ही नहीं उन्होंने फिल्म में गाना स्टैंड अप भी लिखा था। स्टैंड अप के लिए भी सिंथिया को बेस्ट ऑरिजिनल सॉन्ग के लिए नॉमिनेट किया गया है।
'मैरिज स्टोरी' सबसे ज्यादा नॉमिनेटेड फिल्म, 6 कैटेगिरी में जीत सकती है अवॉर्ड
नेटफ्लिक्स स्टूडियो की 'मैरिज स्टोरी' को 77वें गोल्डन ग्लोब अवॉर्ड में सबसे ज्यादा नॉमिनेशन मिले हैं। वहीं 'चेरिनबॉयल', 'द क्राउन', 'अनबिलीवेबल' सबसे ज्यादा नॉमिनेटेड टीवी सीरीज हैं। तीनों सीरीज को चार कैटेगिरी में नॉमिनेट किया गया है।
इस बार भी कोई महिला निर्देशक को नहीं मिला नॉमिनेशन
77वें गोल्डन ग्लोब अवॉर्ड्स में एक भी फीमेल डायरेक्टर को नॉमिनेट नहीं किया गया है। अंग्रेजी वेबसाइट हॉलीवुड रिपोर्टर के मुताबिक साल 1984 में पहली और आखिरी बार महिला डायरेक्टर बार्बरा स्ट्रीसैंड ने 'येंटल' के लिए बेस्ट डायरेक्टर खिताब जीता था। वहीं 2015 के बाद से किसी भी महिला निर्देशक को नॉमिनेशन नहीं मिला। साल 2018 में नताली पोर्टमैन ने इस बात की निंदा की थी। बेस्ट डायरेक्टर के लिए नॉमिनेशन बताते हुए उन्होंने कहा था कि यहां सभी पुरुष हैं।
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बुजुर्ग महिला ने 117 वां जन्मदिन मनाया, दुनिया की सबसे उम्रदराज जीवित इंसान बनी January 05, 2020 at 02:12AM
टोक्यो. जापान की काने तनाका ने रविवार को अपना 117 वां जन्मदिन मनाया। इसके साथ ही उन्होंने दुनिया की सबसे उम्रदराज जीवित इंसान बन गई हैं। स्थानीय मीडिया के मुताबिक तनाका का जन्मदिन 2 जनवरी को था लेकिन इसके तीन दिन बाद उन्होंने एक नर्सिंग होम में इसे अपने दोस्तों, परिवार के सदस्योंऔर अस्पताल के कर्मचारियों के साथ सेलिब्रेट किया।
इससे पहले दुनिया के सबसे बुजुर्ग जीवित व्यक्ति का खिताब जापान की ही एक अन्य महिला चियो मियाको के नाम था जिनका 117 की उम्र में पिछले साल जुलाई में निधन हो गया था।
तनाका के 8 पोते-पोतियां हैं
तनाका का जन्म 2 जनवरी 1903 को हुआ था। उनके आठ भाई-बहनों में वह सातवें नंबर की थी। 19 साल की उम्र में तनाका की शादी हिदेओ तनाका से हुई और उनके चार बच्चे हैं। बाद में उन्होंने एक बच्चे को गोद भी लिया। उनके 8 पोते-पोतियां हैं। तनाका के पति और सबसे बड़े बेटे की मौत द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान हो गई थी। उसके बाद से वे एक दुकान चलाकर अपने परिवार का भरण पोषण करती थी।
गिनिज वर्ल्ड रिकार्ड दे चुका हैखिताब
तनाका को पिछले साल 9 मार्च काे ही 116 साल 66 दिन पूरे करने के बाद गिनीज वर्ल्ड रिकार्ड ने दुनिया के सबसे उम्रदराज व्यक्ति का प्रमाणपत्र दे दिया था। इसमें लिखा गया था कि उनकी उम्र जापान की तेजी से बूढी होती आबादी का प्रतीक है। जापान में जन्मदर में तेजी से गिरावट आ रही है। इससे वहां पर भविष्य में मजदूरों की कमी होने और अर्थव्यवस्था प्रभावित होने की चिंता जाहिर की जा रही है।
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ननकाना साहिब गुरुद्वारे पर हमले के दो दिन बाद पेशावर में सिख युवक की हत्या January 05, 2020 at 01:07AM
इंटरनेशनल डेस्क. पाकिस्तान में ननकाना साहिब गुरुद्वारे पर हमले के दो दिन बाद पेशावर शहर में एक सिख युवक की गोली मारकर हत्या कर दी गई। मृतक का नाम रोविंदर सिंह था, जो कि खैबर पख्तूनख्वा के शांगला जिले का रहने वाला था।जल्द ही उसकी शादी होने वाली थी। वो शादी के सिलसिले में ही खरीदारी करने के लिए पेशावर आया था। फिलहाल वारदात को अंजाम देने वाले आरोपी के बारे में पुलिस को कोई जानकारी नहीं मिली है।
युवक की डेड बॉडी शहर के चमकनी पुलिस स्टेशन क्षेत्र से बरामद हुई। पुलिस के मुताबिक वारदात को अंजाम देने के बाद अज्ञात आरोपी ने ही युवक के मोबाइल फोन से उसके परिवार को मौत की खबर भी दी। जिसके बाद पुलिस ने शक जताया है कि वारदात के पीछे आपसी दुश्मनी वजह हो सकती है। पुलिस को फिलहाल मृतक की पोस्टमार्टम रिपोर्ट का इंतजार है।इस घटना के बाद एकबार फिर पाकिस्तान में अल्पसंख्यकों की सुरक्षा को लेकर सवाल उठ रहेहैं।
ननकाना साहिब गुरुद्वारे पर हुआ था पथराव
इससे पहले शुक्रवार की शाम सैकड़ों कट्टरपंथी मुस्लिमों ने ननकाना साहिब स्थित गुरुद्वारे को घेरकर पथराव किया था और सिखों को भगाने, गुरुद्वारा ढहाने और शहर का नाम बदलकर गुलाम अली मुस्तफा रखने की धमकी दी थी। कट्टरपंथियों ने सिख विरोधी नारे भी लगाए थे, जिसके चलते पहली बार गुरुद्वारे में भजन-कीर्तन रद्द करना पड़ा था। ननकाना साहिब में सिखों के प्रथम गुरु गुरुनानक देव का जन्म हुआ था, इस वजह से वो उनके सबसे पवित्र धर्मस्थलों में से एक है।
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आतंकी संगठन अल-शबाब का अमेरिकी सैन्य एयरबेस पर हमला, 7 एयरक्राफ्ट उड़ाए; 5 संदिग्ध गिरफ्तार January 05, 2020 at 01:05AM
नैरोबी. सोमालिया के इस्लामिक आतंकी संगठन अल-शबाब ने रविवार सुबह केन्या के लामा काउंटी में स्थित अमेरिकी और केन्याई सैनिकों पर हमला किया। इस हमले में 7 एयरक्राफ्ट और 3 वाहन ध्वस्त हो गए। किसी की जान नहीं गई। लामू काउंटी के कमिश्नर इरुंगा मचारिया के मुताबिक, 5 संदिग्धों को गिरफ्तार कर लिया गया है।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, लामू काउंटी स्थित मंदा बे में अमेरिका और कैन्या का संयुक्त सैन्य एयरबेस है। अल शबाब के प्रवक्ता ने मीडिया समूह अल जजीरा से बात करते हुए कहा कि इस हमले का मिडिल ईस्ट में चल रहे विवाद से कुछ लेना-देना नहीं है। पेंटागन के मुताबिक, सैन्य कैम्प में करीब 100 जवान तैनात हैं।
सोमालिया में आतंकी हमले में 79 लोगों की जान गई थी
अल-शबाब सोमालिया से संचालित आतंकी संगठन अलकायदा से जुड़ा है। उसने इससे पहले भी कई बार केन्या पर हमले किए हैं। एक हफ्ते पहले ही अल-शबाल सोमालिया की राजधानी मोगादिशु में ट्रक बम से हमला किया था, जिसमें 79 लोगों की जान गई थी। जवाब में अमेरिका ने एयरस्ट्राइक कर 7 आतंकियों को मार गिराया था।
सितंबर में भी अमेरिकी सैन्य ठिकाने पर हमला किया था
अल-शबाब ने सितंबर 2019 में भी सोमालिया में एक अमेरिकी सैन्य ठिकाने पर हमला किया था। इसके बाद यूरोपीय संघ (ईयू) के सलाहकारों के एक काफिले पर भी हमला हुआ था। हालांकि, दोनों हमलों में कोई हताहत नहीं हुई थी। आतंकियों ने मोगादिशु से 110 किलोमीटर दूर उत्तर-पश्चिम में स्थित बालेडोगले में अमेरिकी ठिकाने पर हमला किया था। वहां बंदूकधारियों ने गोलीबारी भी की थी।
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ननकाना साहिब पर पथराव के अगले दिन पेशावर में सिख युवक की हत्या, पुलिस ने निजी रंजिश बताया January 05, 2020 at 01:03AM
पेशावर. पाकिस्तान में ननकाना साहिब गुरुद्वारा पर शुक्रवार को भीड़ केहमले के अगले दिन शनिवार को पेशावर में एक सिख युवक रविंदर सिंह (25) की हत्या कर दी गई। पुलिस ने रविवार को उसका शव पेशावर के चमकानी इलाके से बरामद किया। वह खैबर पख्तूनख्वाके शांगला जिले का रहने वाला था और शादी की खरीदारी करनेपेशावर आया था। रविंदर की हत्या का आरोपी फरार है।
पुलिस ने कहा कि आरोपी ने ही रविंदर के परिजन को फोन कर उसके मारे जाने की जानकारी दी। पुलिस को हत्या के पीछे निजी रंजिश काशक है।शव को पोस्टमार्टम के लिए अस्पताल भेज दिया गया है। घटना के बाद मृतक के भाई हरमीत सिंह ने कहा, “पाकिस्तान मेंहिंदू और सिखों की हालत बेहद खराब है। हम आरोपी की गिरफ्तारी तक सरकार के खिलाफ आवाज उठाते रहेंगे।”
ननकाना साहिब पर कट्टरपंथियों नेपथराव कियाथा
इससे पहले, पाकिस्तान के सैकड़ाें कट्टरपंथी मुस्लिमाें ने शुक्रवार शाम को सिखों के धर्मस्थल ननकाना साहिब गुरुद्वारेपर पथराव किया था। प्रदर्शनकारियों ने सिखों को शहर से भगाने और ननकाना साहिब का नाम बदलने की धमकी भी दी थी। बाद में पुलिस ने प्रदर्शनकारियों से समझौता कर गुरुद्वारे के बाहर से भीड़ हटाई और 35 सिख श्रद्धालुओं कोबाहर निकाला।घटना पर भारतीय विदेश मंत्रालय ने नाराजगी जताई थी।
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