नई दिल्ली. सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि विजय माल्या अपनी याचिका पर फैसला बाकी होने की दलील देकर दूसरी अदालतों के फैसलों को नहीं अटका सकता। चीफ जस्टिस एस ए बोबड़े की बेंच ने यह आदेश दिया। बता दें एसबीआई समेत अन्य बैंकों ने लंदन की अदालत में माल्या के खिलाफ दिवालिया प्रक्रिया शुरू करने की अपील की थी। लंदन की कोर्ट ने फैसला सुरक्षित रख लिया था। इस बीच माल्या ने कर्ज चुकाने के प्रस्ताव के साथ 27 दिसंबर को सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर दी। इसके बाद लंदन की कोर्ट में भी अपील दायर कर कहा कि सुप्रीम कोर्ट का फैसला आने तक दिवालिया मामले में कोई आदेश जारी नहीं होना चाहिए।
माल्या के प्रत्यर्पण मामले में फरवरी में सुनवाई
किंगफिशर एयरलाइन के लोन मामले में माल्या पर धोखाधड़ी और मनी लॉन्ड्रिंग के आरोप हैं। बैंकों के मुताबिक माल्या पर 10 हजार करोड़ रुपए बकाया हैं।वह मार्च 2016 में लंदन भाग गया था। लंदनकी अदालत और सरकार माल्या के प्रत्यर्पण की मंजूरी दे चुकीं, लेकिन उसने फैसले के खिलाफ अपील की थी। उसकी अपील पर फरवरी में सुनवाई होगी।
भारत में प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट (पीएमएलए) अदालत ने पिछले दिनों बैंकों को माल्या की जब्त संपत्तियां बेचने की मंजूरी दे दी थी। हालांकि, इस आदेश पर 18 जनवरी तक स्थगन रहेगा। इस बीच माल्या या अन्य संबंधित पक्ष बॉम्बे हाईकोर्ट में अपील कर सकते हैं।
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