Thursday, February 6, 2020
China launches probe after whistleblower doctor dies February 06, 2020 at 08:57PM
अरब प्रायद्वीप में अलकायदा सरगना अल रिमी मारा गया, 5 महीने में अमेरिकी फौजों की तीसरी बड़ी कार्रवाई February 06, 2020 at 07:12PM
वॉशिंगटन. अमेरिकी फौजों ने यमन में शुक्रवार को आतंकनिरोधक अभियान के तहत अलकायदा सरगना कासिम अल-रिमी (46) को मार गिराया। रिमी ने अलकायदा अरब पेनिन्सुला (एक्यूएपी) का गठन किया था। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने भी रिमी को मारे जाने की पुष्टि की है। रिमी अलकायदा सरगना अयमान अल-जवाहिरी के बाद दूसरे नंबर पर आता था। 2015 के बाद से वह अमेरिका की मोस्ट वॉन्टेड लिस्ट में था।
बीते 5 महीनों में अमेरिकी की तरफ से तीसरी बड़ी कार्रवाई है। अक्टूबर में अमेरिकी हवाई हमले में आईएस सरगना अबु बकर अल बगदादी मारा गया था। 3 जनवरी को अमेरिका ने इराक एयरपोर्ट पर हमला कर ईरान के सैन्य नेता कासिम सुलेमानी को मार गिराया था।
‘सुरक्षा पर खतरा कम होगा’
अमेरिका ने रिमी की सूचना देने के लिए 10 मिलियन डॉलर (करीब 71 करोड़ रुपए) के इनाम का ऐलान किया था। ट्रम्प ने कहा, ‘‘रिमी के मारे जाने के बाद अरब समेत पूरी दुनिया में अलकायदा की गतिविधियों में कमी आएगी। साथ ही हम सुरक्षा पर खतरे को कम करने की दिशा में और मजबूत होंगे।’’ हालांकि ट्रम्प ने इस बात की जानकारी नहीं दी कि अमेरिकी सेना ने रिमी को कब और कैसे मार गिराया।
ट्रम्प ने यह भी कहा, ‘‘रिमी की मौत से अमेरिका के हित और हमारे सहयोगी सुरक्षित हो गए हैं। अपने लोगों की सुरक्षा के लिए हम आतंकियों को खोज-खोजकर खत्म करते रहेंगे।’’
कौन था रिमी?
ट्रम्प ने यह भी बताया कि रिमी 1990 के दशक में अलकायदा में शामिल हुआ था। वह अफगानिस्तान में ओसामा बिन लादेन के साथ भी रहा। रिमी की अगुआई में अलकायदा ने यमन में कई हिंसक वारदातों को अंजाम दिया और अमेरिकी सेनाओं पर हमले करवाए।
रिमी ने एक 18 मिनट के वीडियो में बताया था कि उसी के गुट ने 6 दिसंबर को फ्लोरिडा स्थित अमेरिकी नेवी के एयर स्टेशन पर हमला करवाया था।
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चीन के आधिकारिक आंकड़ों के मुताबिक अब तक 636 लोगों की जान गई, लीक रिपोर्ट में 25 हजार की मौत का दावा February 06, 2020 at 04:55PM
बीजिंग. चीन में कोरोनावायरस की वजह से मरने वालों का आंकड़ा शुक्रवार को बढ़कर 638 पहुंच गया। एक दिन में ही इस वायरस से संक्रमित 73 लोगों की मौत हुई। नोवेल-कोरोनावायरस का सबसे पहले खुलासा करने वाले डॉक्टर ली वेनलियांग की भी शुक्रवार को मौत हो गई। इसके अलावा इस वायरस से संक्रमितों का आंकड़ा भी 31 हजार पहुंच गया है। हालांकि, गुरुवार को ही इन आधिकारिक आंकड़ों को झुठलाता एक डेटा चीन की टेक्नोलॉजी कंपनी टेनसेंट की तरफ से लीक हो गया। इसके मुताबिक, चीन में वायरस से 25 हजार लोगों की मौत हो चुकी है। जबकि 1.54 लाख लोग इस वायरस से संक्रमित पाए गए हैं।
यह जानकारी ऐसे समय में लीक हुई है, जब चीन सरकार ने हाल ही में कोरोनावायरस पर गलत जानकारी फैलने वालों के लिए मौत की सजा रखी है। टेनसेंट ने सरकार की सख्ती के बाद वेबसाइट पर डेटा अपडेट कर दिया है। अलीबाबा के बाद टेनसेंट चीन की दूसरी सबसे बड़ी कंपनी है। इसके संस्थापक मा हुआतेंग राष्ट्रपति शी जिनपिंग के करीबी माने जाते हैं।
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चीन की मल्टीनेशनल कंपनी टेनसेंट की लीक हुई रिपोर्ट का दावा- देश में वायरस से 24 हजार से ज्यादा मौत February 06, 2020 at 06:12AM
बीजिंग. चीन में कोरोनावायरस से मरने वालों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है। सरकारी आंकड़ों के मुताबिक गुरुवार तक 563 लोगों की मौत हुई है। इस बीच देश की एक बड़ी कंपनी टेनसेंट के कथित लीक हुए आंकड़ों से यह खुलासा हुआ है कि इस वायरस के कारण अब तक 24 हजार से ज्यादा लोग जान गंवा चुके हैं। जो मृतकों के सरकारी आंकड़े 300 से 80 गुना ज्यादा है। इस रिपोर्ट के सामने आने के बाद ऐसी अटकलें लगाई जा रही हैं कि चीन सरकार मृतकों का आंकड़ा छुपा रही है।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, टेनसेंट की वेबसाइट पर 'एपिडेमिक सिच्यूएशन ट्रैकर' नाम से एक पेज है, जिसमें यह दावा किया गया है कि कोरोनावायरस से देश में 1,54,203 लोग संक्रमित हैं। जो एक फरवरी को सरकार द्वारा जारी किए गए आंकड़े से दस गुना ज्यादा है। इसमें संदिग्ध मरीजों की संख्या भी 79,808 बताई गई है। यह भी सरकारी आंकड़े से चार गुना है। वहीं, इस रिपोर्ट के मुताबिक कोरोनावायरस से ठीक होने वाली मरीजों की संख्या 269 है, जबकि सरकार 300 मरीज के ठीक होने का दावा कर रही है। हालांकि, इस रिपोर्ट के सार्वजनिक होने के कुछ समय बाद कंपनी ने अपने आंकड़े बदल दिए और कहा कि 14,446 लोग ही इस वायरस से पीड़ित हैं और 304 लोगों की ही इससे मौत हुई।
कंपनी तीन बार मृतकों का आंकड़ा बदल चुकी है
सोशल मीडिया यूजर्स के मुताबिक कंपनी तीन बार मृतकों का आंकड़ा ज्यादा बता चुकी है। हालांकि, बाद में उसने सरकार द्वारा जारी मृतकों की संख्या ही बताई। कुछ लोगों का अनुमान है कि कोडिंग की गड़बड़ी की वजह से टेनसेंट का यह असली डेटा ऑनलाइन लीक हुआ। कुछ अन्य लोगों का मानना है कि कंपनी में काम करने वाले किसी व्यक्ति ने जानबूझकर असली डेटा लीक किया है। ताकि दुनिया चीन की हकीकत जान सके।
‘वुहान में कोरोनावायरस पीड़ित लोगों का इलाज नहीं हो पा रहा’
ताइवान न्यूज ने सूत्रों के हवाले से बताया कि वुहान में कोरोनावायरस पीड़ित लोगों का इलाज नहीं हो पा रहा है और वे अस्पतालों के बाहर ही दम तोड़ रहे हैं। इसके अलावा टेस्ट किट की भारी कमी है। ऐसी रिपोर्ट भी सामने आ रही है, जिसमें मृतकों का चोरी छुपे अंतिम संस्कार किया जा रहा है, ताकि कोरोनावायरस से मरने वालों की सूची में इनका नाम आधिकारिक तौर पर जोड़ा न जा सके।
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'Big problems' in China's response to virus: Human Rights Watch February 06, 2020 at 04:46AM
कोरोनावायरस फैलने से रोकने के लिए 5 शहरों में रोबोट्स तैनात, यह लोगों के शरीर का तापमान रिकॉर्ड कर अलर्ट भेजते हैं February 05, 2020 at 09:48PM
वुहान/बीजिंग. चीन ने कोरोनावायरस से प्रभावित लोगों की पहचान और इसे फैलने से रोकने के लिए 5-जी से लैस पैट्रोलिंग रोबोट्स को तैनात किए हैं।यह पैदल चल रहे किसी भी व्यक्ति के शरीर के तापमान की रीडिंग कर हेल्थ अफसरऔर पुलिस को मैसेज भेजते हैं। ताकि संदिग्धकी पहचान की जा सके। चीन में अब तक 562 लोगों की मौत हो चुकी है। वहीं, 27 हजार से ज्यादा लोग इससे प्रभावित हैं।
चीनी मीडिया के मुताबिक, एंड्राइड तकनीक से युक्त यह रोबोट पैदल चलने वालों को हेल्थ अलर्ट भीदेते हैं। वे लोगों को उनके हाथ धोने और फेस मास्क पहने का संदेश देते हैं। इसके अलावा, लोगों से उन लोगों के बारे में जानकारी देने के लिए भी कहते हैं, जो सार्वजनिक स्थल पर मास्क नहीं पहने हुए है। इन सेल्फ ड्राइविंग मशीन्स को वुहान, ग्वांगझोउ, शंघाई, झीआन और गुइयांग के एयरपोर्ट, मॉल्स और सड़कों पर देखा जा सकता है।
पुलिस और हेल्थ अफसरों को अलर्ट करते हैं
- ग्वांगझोउ के हुआंगपु में इन पैट्रोलिंग रोबोट को पहली बार इस्तेमाल किया गया। इनमें पांच हाई-रिज्योलेशन कैमरा और इन्फ्रेरेड थर्मामीटर लगेंगे। यह रोबोट पांच मीटर (16.4 मीटर) के रेडियस (व्यास) में गुजरने वाले किसी भी व्यक्ति के शरीर का तापमान रिकॉर्ड कर लेते है। जैसे ही कोई व्यक्ति इनके रडार में आता है, इनमें मौजूद पहले से रिकॉर्डेड ऑडियो क्लिप चल जाती है और लोगों को हेल्थ अलर्ट करती है। हां अगर एक साथ कई लोग खड़े होते हैं तो वहां जाने से बचते हैं।
- चीन के कई प्रांतों में सरकार ने फेस मास्क पहना अनिवार्य कर दिया है। लोगों पर पुलिस और अफसर नजर रख रहे हैं। ड्रोन से निगरानी की जा रही है। एआई के जरिए पहचान कर उन्हें अलर्ट किया जाता है और वॉर्निंग दी जाती है। अफसरों के मुताबिक, अगर किसी को बुखार है या सर्दी और जुकाम है तो यह अफसरों और पुलिस को सूचना देते हैं।
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