Tuesday, October 27, 2020
आर्मी चीफ जनरल नरवणे 4 नवंबर को नेपाल पहुंचेंगे, पिछले हफ्ते रॉ चीफ गोयल काठमांडू गए थे October 27, 2020 at 06:34PM
आर्मी चीफ जनरल मनोज मुकुंद नरवणे तीन दिन के नेपाल दौरे पर 4 नवंबर को काठमांडू पहुंचेंगे। 5 नवंबर को उन्हें नेपाल आर्मी के ऑनरेरी (मानद) जनरल की उपाधि से सम्मानित किया जाएगा। भारत और नेपाल के बीच अप्रैल से अगस्त के बीच सीमा विवाद को लेकर काफी बयानबाजी हुई थी। इसकी वजह से दोनों देशों में कुछ तनाव की स्थिति भी बनी थी। पिछले हफ्ते रॉ चीफ सामंत कुमार गोयल ने काठमांडू का दौरा किया था। इस पर नेपाल में काफी कयास लगाए गए थे।
नेपाल आर्मी चीफ ने न्योता दिया
‘काठमांडू पोस्ट’ के मुताबिक, जनरल नरवणे 4 नवंबर को काठमांडू पहुंचेंगे। यहां उनको नेपाल के आर्मी चीफ जनरल पूर्ण चंद्र थापा रिसीव करेंगे। इसके बाद दोनों सेनाध्यक्षों के बीच बातचीत होगी। नरवणे नेपाल के प्रधानमंत्री, राष्ट्रपति और रक्षा मंत्री से भी मुलाकात कर सकते हैं। हालांकि, इस बारे में अभी आधिकारिक जानकारी नहीं दी गई है। ऑनरेली जनरल की उपाधि उन्हें राष्ट्रपति बिद्या देवी भंडारी प्रदान करेंगी। नेपाल अर्मी ने एक बयान में इसकी पुष्टि की है।
नरवणे के बयान से नाराज हो गया था नेपाल
मई में भारत ने लिपुलेख और धारचूला के बीच एक नई सड़क का निर्माण किया था। नेपाल ने इसका विरोध किया था। नेपाला का दावा था कि लिपुलेख और धारचूला उसका क्षेत्र है और भारत ने यहां सड़क बनाकर संधि का उल्लंघन किया है। भारत ने नेपाल के दावे को खारिज कर दिया था। इसके बाद अगस्त में जनरल नरवणे ने एक बयान में कहा था कि नेपाल किसी और (चीन की तरफ इशारा) के इशारे पर भारत का विरोध कर रहा है। नेपाल सरकार ने इस बयान पर नाखुशी जाहिर की थी।
गोयल गए थे काठमांडू
रॉ चीफ सामंत कुमार गोयल ने पिछले हफ्ते अचानक काठमांडू दौरा किया था। उन्होंने यहां प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली से मुलाकात की थी। नेपाल में इस यात्रा को लेकर कई तरह की बातें हो रहीं थीं। बाद में नेपाल सरकार ने साफ किया कि गोयल का नेपाल दौरा भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के प्रतिनिधि के तौर पर हुआ था। अब जनरल नरवणे नेपाल जा रहे हैं।
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Trump campaign website broken into by hackers October 27, 2020 at 05:57PM
अगस्त के बाद पहली बार कैम्पेन में शामिल हुईं मेलानिया, कहा- डोनाल्ड ट्रम्प फाइटर हैं October 27, 2020 at 05:01PM
अगस्त में हुए रिपब्लिकन कन्वेंशन के बाद राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प की पत्नी मेलानिया कैम्पेन में शामिल हुईं। पेन्सिलवेनिया की एक रैली में मेलानिया ने कहा- मेरे पति डोनाल्ड ट्रम्प सही मायनों में फाइटर हैं। उन्होंने चार साल अमेरिकी लोगों की सेवा की है। आप उन्हें एक मौका और दें, ताकि वे देश को फिर से मजबूत और ताकतवर बना सकें। अमेरिका में 3 नवंबर को चुनाव हैं। ट्रम्प का बाकी परिवार देश के अलग-अलग हिस्सों में कैम्पेन कर रहा है। लेकिन, मेलानिया पहली बार इसका हिस्सा बनीं।
मेलानिया ने क्या कहा
अगस्त में जब राष्ट्रपति ट्रम्प को लगातार दूसरी बार राष्ट्रपति पद का उम्मीदवार घोषित किया गया था। तब मेलानिया रिपब्लिकन कन्वेंशन में शामिल हुईं थीं। इसके बाद पहली बार वे मंगलवार को पेन्सिलवेनिया में नजर आईं। यहां एक बड़ी रैली को संबोधित करते हुए मेलानिया ने कहा- सभी जानते हैं कि डोनाल्ड ट्रम्प फाइटर हैं। वो इस देश से बहुत प्यार करते हैं और उन्होंने हर दिन इसके लिए जंग लड़ी है। आज भी वे कोरोनावायरस से संक्रमित लोगों के लिए पूरी ताकत झोंक रहे हैं। जब मैं और डोनाल्ड कोरोना संक्रमित हुए तो आप लोगों ने बहुत दुआएं कीं, इसके लिए शुक्रिया।
ये दुश्मन दिखता नहीं है
कोरोना का जिक्र करते हुए मेलानिया ने कहा- मैं जानती हूं कि अपनों को खोने का कितना दुख होता है। उन परिवारों की तकलीफ मैं समझ सकती हूं। लेकिन, यह जानना होगा कि हम एक शांत और नजर न आने वाले दुश्मन के खिलाफ जंग लड़ रहे हैं। इस मुश्किल वक्त में हम सभी परिवारों के लिए दुआ कर रहे हैं। इस देश के इतिहास में पहली बार ऐसा हुआ जब उसका राष्ट्रपति हर दिन देश के लोगों से सोशल मीडिया के जरिए रूबरू हुआ।
पुराने सहयोगी साथ
मेलानिया के साथ कैलीन कोन्वे भी नजर आईं। कोन्वे 2016 में ट्रम्प की कैम्पेन मैनेजर रह चुकी हैं और मेलानिया की करीबी दोस्त हैं। ट्रम्प इस कैम्पेन में सिर्फ एक बार ही पेन्सिलवेनिया आए हैं। कहा जाता है कि मेलानिया का कैम्पेन प्रोग्राम तय हो चुका था लेकिन ऐन वक्त पर सेहत संबंधी कुछ दिक्कतों के चलते इसे टालना पड़ा। इसके बाद वे एक हैलोवीन प्रोग्राम में उनके साथ नजर आईं।
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2016 की तुलना में अब तक 46% लोगों ने वोट दिया; जहां ट्रम्प की जीतने की संभावना, वहां शुरुआती वोटिंग कम October 27, 2020 at 04:30PM
अमेरिका में 3 नवंबर को राष्ट्रपति चुनाव होने हैं। इससे 6 दिन पहले के आंकड़ों को देखें तो अब तक 6.4 करोड़ से ज्यादा अमेरिकी वोटिंग कर चुके हैं। उनमें से करीब आधे कॉम्पिटीटिव स्टेट्स से हैं, जो यह तय करेंगे कि इलेक्टोरल कॉलेज कौन जीतेगा। वहीं, 2016 में प्री वोटिंग का आंकड़ा 5.83 करोड़ था।
यूनाइटेड स्टेट्स इलेक्शन प्रोजेक्ट्स के मुताबिक, संभवतः इन बैटल ग्राउंड स्टेट्स में शुरुआती वोट 2016 की तुलना में आधे से ज्यादा हैं। वहीं, देशभर में 2016 में जितने वोट हुए थे, इस बार वोटर्स ने उसके लगभग 46% वोटिंग पहले ही कर दी है।
कोरोनावायरस महामारी के चलते कई राज्यों ने वोटिंग रूल में बदलाव किए। पहली बार लाखों लोगों को मेल के द्वारा वोट करने की इजाजत दी गई। साथ ही कई लोगों ने भीड़ से बचने के लिए व्यक्तिगत रूप से मतदान किया। राष्ट्रपति ट्रम्प के समर्थन में और उनके खिलाफ मतदाताओं के उत्साह से देशभर में रिकॉर्ड स्तर पर वोटिंग को बढ़ावा मिलता दिख रहा है।
शुरुआती मतदान में डेमोक्रेट्स को बढ़त
डेमोक्रेट शुरुआती मतदान को लेकर ज्यादा उत्सुक दिखाई देते हैं। पांच बैटल ग्राउंड स्टेट्स में अब तक रिपब्लिकंस की तुलना में करीब 20 लाख ज्यादा रजिस्टर्ड डेमोक्रेट ने मतदान किया। 2016 में ट्रम्प पेंसिल्वेनिया में मामूली अंतर से जीते थे। यहां रिपब्लिकन की तुलना में तीन गुना डेमोक्रेट्स ने वोटिंग की। फ्लोरिडा और नॉर्थ कैरोलिना में भी डेमोक्रेट्स आगे रहे।
बैटल ग्राउंड्स स्टेट्स
टेक्सास में इस साल 73 लाख से ज्यादा वोटर्स पहले ही वोट डाल चुके हैं। यह आंकड़ा 2016 में हुए कुल मतदान के करीब है। ज्यादा आबादी वाले टेक्सास को इस साल कॉम्पिटीटिव स्टेट्स माना जा रहा है, क्योंकि यहां अश्वेतों की आबादी बढ़ रही है।
2016 की तुलना में यहां 80% से ज्यादा वोटिंग हुई। इस बार भी यहां वोटों का शुरुआती आंकड़ा देखें, तो रिपब्लिकंस पिछड़ते दिख रही हैं। वहीं, एरिजोना, फ्लोरिडा, जॉर्जिया, नेवादा और नॉर्थ कैरोलिना में भी 2016 के मुकाबले 60% से ज्यादा वोटिंग हुई है।
बैटल ग्राउंड स्टेट्स में टेक्सास, फ्लोरिडा, नॉर्थ कैरोलिना, जॉर्जिया, ओहायो, मिशिगन, पेंसिलवेनिया, एरिजोना, विस्कॉन्सिन, मिनेसोटा, आयोवा, नेवादा, न्यू हैम्पशायर शामिल हैं।
बाइडेन के जीतने की संभावना
जिन राज्यों में जो बाइडेन की जीतने की संभावना ज्यादा है, वहां अब तक एक तिहाई वोट दिए जा चुके हैं। यह 2016 में हुए कुल वोटों का 46% है। उधर, न्यूयॉर्क समेत कई राज्यों में वोटिंग अभी शुरू ही हुई है। यहां भी वोटिंग का आंकड़ा बढ़ने की संभावना है।
इन राज्यों में बाइडेन जीत सकते हैं
कैलिफोर्निया, न्यूजर्सी, वॉशिंगटन स्टेट, वर्जीनिया, इलिनॉय, कोलोराडो, मैसाच्युसेट्स, ऑरेगन, मैरीलैंड, कनेक्टिकट, न्यूयॉर्क, मेन, हवाई, रोड आईलैंड, वेरमॉन्ट, वॉशिंगटन डीसी, डेलावेयर।
ट्रम्प के जीतने की संभावना
जिन राज्यों में ट्रम्प की जीतने की संभावना है, वहां शुरुआती वोटिंग कम ही हुई। ये राज्य डेमोक्रेटिक-झुकाव वाले और बैटल ग्राउंड स्टेट्स की तुलना में कम आबादी वाले हैं। इसलिए यह आश्चर्य की बात नहीं है कि कुल शुरुआती वोटिंग में इनका हिस्सा कम ही है। लेकिन, इन राज्यों में शुरुआती वोटिंग का प्रतिशत चार साल हुए वोटिंग की तुलना में कम ही है।
इन स्टेट्स में ट्रम्प जीत सकते हैं
टेनेसी, इंडियाना, केंटकी, साउथ कैरोलिना, लुइसियाना, मिसौरी, अरकंसास, उटाह, कंसास, नेब्रास्का, मोंटाना, ओक्लाहोमा, नॉर्थ डकोटा, साउथ डकोटा, अलबामा, इडाहो, वेस्ट वर्जीनिया, व्योमिंग, अलास्का, मिसीसिपी।
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अमेरिका में एक हफ्ते में पांच लाख नए संक्रमित; फ्रांस में एक महीने के लॉकडाउन की तैयारी October 27, 2020 at 03:40PM
दुनिया में कोरोना संक्रमितों का आंकड़ा 4.42 करोड़ से ज्यादा हो गया है। 3 करोड़ 24 लाख 12 हजार 703 मरीज रिकवर हो चुके हैं। अब तक 11.71 लाख से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है। ये आंकड़े https://ift.tt/2VnYLis के मुताबिक हैं। अमेरिका में एक हफ्ते में पांच लाख नए मामले सामने आ चुके हैं। इसी दौरान 5600 लोगों की मौत हो गई। दूसरी तरफ, फ्रांस सरकार ने एक महीने के लॉक डाउन की तैयारी कर रही है।
अमेरिका में बिगड़ रहे हालात
अमेरिका में चुनाव बिल्कुल सिर पर है, लेकिन यहां कोरोना के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं। एक हफ्ते में पांच लाख से ज्यादा नए संक्रमित मिले हैं। इसी दौरान 5600 संक्रमितों की मौत हो गई। न्यूज एजेंसी रॉयटर्स ने यह जानाकारी दी है। कोरोना से सबसे ज्यादा प्रभावित राज्य इलिनॉइस है। 31 हजार मामले इसी राज्य में सामने आए। पेन्सिलवेनिया और विस्कॉन्सिन में भी हालात तेजी से बिगड़ रहे हैं। विस्कॉन्सिन के हेल्थ इंचार्ज आंद्रे पॉम ने कहा- हम चाहते हैं कि चुनाव के लिए मतदान के दौरान कोरोना दिक्कत न बने। इसके लिए हर जरूरी व्यवस्था की जा रही है।
फ्रांस में एक महीने के लॉकडाउन की तैयारी
फ्रांस में संक्रमण की दूसरी लहर को देखते हुए सरकार सतर्क हो गई है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, गुरुवार रात से देश में लॉकडाउन लगाया जाएगा। आज रात राष्ट्रपति एमेनुएल मैक्रों राष्ट्र को संबोधित करने वाले हैं। माना जा रहा है कि इसी संबोधन के दौरान लॉकडाउन की जानकारी दी जाएगी। इसके साथ ही कुछ और प्रतिबंधों का ऐलान भी किया जा सकता है। खास बात ये है कि पहली बार सरकार यह बता सकती है कि पर्यटकों को लेकर उसकी रणनीति क्या है। मैक्रों ने पिछले हफ्ते कहा था कि देश में पर्यटकों की वजह से भी संक्रमण फैल रहा है। लिहाजा, इस बारे में नए सिरे से रणनीति बनाई जा रही है।
चीन में नए केस
चीन में 27 अक्टूबर को 42 नए मामले सामने आए। ये सभी मामले शिनजियांग में सामने आए हैं। हेल्थ अथॉरिटी ने कहा है कि 22 केस लोकल ट्रांसमिशन के हैं। इससे अधिकारियों की चिंता बढ़ रही है। इसकी वजह यह है कि चीन अकसर यह दावा करता है कि उसके यहां लोकल मामले नहीं हैं। चीन में अब कुल मिलाकर 85,868 केस सामने आ चुके हैं। मरने वालों का आंकड़ा 4634 है।
ब्रिटेन में हेल्थ वर्कर्स को मिलेगी वैक्सीन
ब्रिटेन सरकार ने फैसला किया है कि देश के हेल्थ नेटवर्क जिसे एनएचएस कहा जाता है, के सभी वर्कर्स को क्रिसमस के पहले ही वैक्सीन उपलब्ध करा दिया जाएगा। हालांकि, इस बारे में फिलहाल आधिकारिक तौर पर कोई बयान जारी नहीं किया गया है। एनएचएस के ट्रस्ट चीफ ने कहा- पूरी उम्मीद है कि क्रिसमस के पहले हमारे पास एक बेहतरीन वैक्सीन होगा। लेकिन, इसका पहला हक एनएचएस के फ्रंट लाइन वर्कर्स को है। अमेरिका में भी तीसरे चरण के वैक्सीन ट्रायल शनिवार से शुरू हो गए।
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Pak univ student gangraped by classmate, 3 others October 27, 2020 at 04:34AM
ब्रिटेन में मरने वालों की संख्या 60 हजार पार, यहां करीब 9 लाख संक्रमित; दुनिया में 4.38 करोड़ केस October 27, 2020 at 03:19AM
दुनिया में कोरोनावायरस से अब तक 4.38 करोड़ लोग संक्रमित हो चुके हैं। इनमें 3 करोड़ 22 लाख 37 हजार 925 लोग रिकवर हो गए हैं। वहीं, 11.66 लाख लोगों की जान जा चुकी है। दुनियाभर में 24 घंटे में 1 लाख 4 हजार 130 मरीज मिले हैं और 1782 की मौत हुई है।
ऑफिस फॉर नेशनल स्टैटिस्टिक्स (ONS) के नए डेटा के मुताबिक, ब्रिटेन में कोरोना से मरने वालों की संख्या 61 हजार हो चुकी है। मंगलवार को प्रकाशित आंकड़ों के अनुसार, इंग्लैंड और वेल्स में 16 अक्टूबर तक 54,609 मौतें हुईं, जो 24 अक्टूबर को रजिस्टर की गई।
- नेशनल रिकॉर्ड्स फॉर स्कॉटलैंड के पिछले हफ्ते दर्ज आंकड़ों के मुताबिक, 18 अक्टूबर तक यहां 4376 मौतें हुई हैं।
- नॉर्दर्न आयरलैंड स्टैटिस्टिक्स एंड रिसर्च एजेंसी के आंकड़ों के अनुसार, 16 अक्टूबर तक उत्तरी आयरलैंड में 942 जानें गई हैं।
- इंग्लैंड में 17 से 25 अक्टूबर के बीच 1,044 मौतें हुईं। इनमें वेल्स में 62 और उत्तरी आयरलैंड में 47 जानें गईं।
- 19 से 25 अक्टूबर के बीच स्कॉटलैंड में 36 की मौत हुई। सभी जगह हुई मौतों को देखें तो यह आंकड़ा 61,116 होता है।
इन 10 देशों में कोरोना का असर सबसे ज्यादा
देश |
संक्रमित | मौतें | ठीक हुए |
अमेरिका | 89,64,331 | 2,31,129 | 58,35,211 |
भारत | 79,46,429 | 1,19,535 | 72,01,070 |
ब्राजील | 54,11,550 | 1,57,451 | 48,65,930 |
रूस | 15,47,774 | 26,589 | 11,58,940 |
फ्रांस | 11,65,278 | 35,018 | 1,11,347 |
स्पेन | 11,56,498 | 35,031 | उपलब्ध नहीं |
अर्जेंटीना | 11,02,301 | 29,301 | 9,09,586 |
कोलंबिया | 10,25,052 | 30,348 | 9,24,044 |
मैक्सिको | 8,95,326 | 89,171 | 655,118 |
ब्रिटेन | 8,94,690 | 44,998 | उपलब्ध नहीं |
जर्मनी: हर दिन 20 हजार केस मिलने की संभावना
न्यूज एजेंसी रायटर्स के मुताबिक, जर्मनी के इकोनॉमी मिनिस्टर पीटर अल्टमायर ने मंगलवार को कहा कि इस हफ्ते के अंत तक देश में हर दिन 20 हजार तक मामसले मिल सकते हैं। सितंबर के अंत में जर्मन चांसलर एंजेला मर्केल ने कहा था कि क्रिसमस तक हर दिन 19,200 मामले आ सकते हैं। यहां मंगलवार को 11,409 केस मिले। देश में 4.51 लाख मरीज मिल चुके हैं।
रूस: 16,550 नए केस
रूस में बुधवार से पब्लिक प्लेस, पब्लिक ट्रांसपोर्ट, पार्किंग में मास्क पहनना जरूरी कर दिया गया है। इसके साथ ही बार और रेस्टोरेंट सुबह 6 बजे से रात के 11 बजे तक ही खुले रहेंगे। देश में 24 घंटे में 16,550 नए मरीज मिले हैं और 320 की मौत हुई है। मरीजों की संख्या 15 लाख 47 हजार 774 हो गई है। 26,589 की जान जा चुकी है। वहीं, 11 लाख 58 हजार 940 लोग रिकवर हो चुके हैं। एक दिन पहले 17,347 मरीज मिले थे।
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'Muslims should ignore controversial cartoons' October 27, 2020 at 02:22AM
इस्लाम से जु़ड़ा कार्टून दिखाने पर हत्या के बाद फ्रांस के लोगों ने नमाज रोकने के लिए राष्ट्रगान गाया? जानें सच October 26, 2020 at 11:38PM
क्या हो रहा है वायरल : सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हो रहा है। इसमें सड़क पर लोग नमाज की मुद्रा में खड़े दिख रहे हैं। बैकग्राउंड में अज़ान की आवाज भी आ रही है। वीडियो को फ्रांस के पेरिस में पैगम्बर का कार्टून दिखाने पर टीचर की हत्या के मामले से जोड़कर शेयर किया जा रहा है।
लेखक तारिक फतेह ने भी इस वीडियो को हाल ही का बताकर शेयर किया।
16 अक्टूबर की शाम पेरिस में , सैमुअल पेटी नाम के टीचर की पैगंबर का कार्टून दिखाने पर हत्या कर दी गई थी। एक पक्ष इस हत्या के विरोध में प्रदर्शन कर रहा है। वहीं दूसरा पक्ष फ्रांस सरकार पर इस घटना की आड़ में इस्लामोफोबिया को बढ़ावा देने का आरोप लगा रहा है।
मंगलवार को ट्विटर पर #WeStandWithFrance टॉप ट्रेंडिंग में शामिल रहा।
और सच क्या है ?
- फ्रांस में हो रहे प्रदर्शन से जुड़ी किसी भी मीडिया रिपोर्ट में हमें वायरल हो रहा वीडियो नहीं मिला। वीडियो के की-फ्रेम्स को रिवर्स सर्च करने से पता चला कि यूट्यूब पर 2 साल पहले ही इस वीडियो को अपलोड किया जा चुका है। इससे ये साफ हो गया कि वीडियो का पेरिस में हो रहे हालिया प्रदर्शनों से कोई संबंध नहीं है।
- Thebengale96 नाम के जिस यूट्यूब चैनल पर 8 दिसंबर, 2017 को वीडियो अपलोड किया जा चुका है। उसके कैप्शन में लिखा है - फ्रांस के क्लिची ( Clichy) में सड़क पर प्रार्थना करने के विरोध में प्रदर्शन हुआ। कैप्शन से हमें क्लू मिला कि वीडियो 2 साल पहले सड़क पर नमाज पढ़े जाने के विरोध में हुए प्रदर्शन का है।
- गूगल पर ( Protest in france against street prayer) की वर्ड सर्च करने से हमें बीबीसी वर्ल्ड की एक खबर मिली। जिससे पुष्टि होती है कि फ्रांस में सड़क पर नमाज पढ़े जाने के विरोध में प्रदर्शन हुआ था। प्रदर्शन में फ्रांस सरकार के 100 नेता भी शामिल हुए थे। प्रदर्शन में शामिल हुए लोगों का कहना था कि नमाज के लिए इस तरह रास्ता रोका जाना गलत है।
- वायरल वीडियो में भी दो गुट दिख रहे हैं। एक गुट नमाज पढ़ रहा है। वहीं दूसरा गुट नमाज के विरोध में फ्रांस का राष्ट्रगान गा रहा है। बीबीसी की खबर में 2 साल पुराने इस प्रदर्शन की फोटो में जो बैनर दिख रहा है। वही बैनर वीडियो में भी है। साफ है कि 2 साल पुराने वीडियो को हाल में हो रहे प्रदर्शनों से जोड़कर शेयर किया जा रहा है।
- तारिक फतेह का ये दावा सही है कि वीडियो में लोग नमाज के विरोध में राष्ट्रगान गा रहे हैं। लेकिन, चूंकि ये वीडियो हाल ही का नहीं 2 साल पुराना है, इसलिए इसे पेरिस में हो रहे हालिया प्रदर्शन से जोड़कर शेयर किया जाना गलत है। इस तरह पड़ताल में दावा आधा झूठ निकला।
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