Sunday, August 23, 2020
पत्नी पर लगे भ्रष्टाचार के आरोपों पर भड़के जायर बोल्सोनारो, जर्नलिस्ट से कहा- मुक्कों से मुंह तोड़ दूंगा August 23, 2020 at 07:35PM
ब्राजील के राष्ट्रपति जायर बोल्सोनारो रविवार को अपनी पत्नी के भष्ट्राचार से जुड़े सवाल पर भड़क गए। एक अखबार के न्यूज रिपोर्टर ने जब उनसे उनकी पत्नी मिशेल बोल्सोनारो के भ्रष्टाचार में शामिल होने के बारे में पूछा तो उन्होंने कहा- मैँ तुम्हारा मुंह मुक्कों से तोड़ना चाहता हूं। इसके बाद वहां मौजूदा मीडियाकर्मियों ने विरोध करना शुरू कर दिया। हालांकि, बोल्सोनारो प्रदर्शन कर रहे पत्रकारों को नजरअंदाज कर वहां से निकल गए। उन्होंने इस मामले पर टिप्पणी करने से इनकार कर दिया।
मिशेल के रिटायर्ड पुलिस ऑफिसर फैब्रिसिओ क्यूरोज के साथ मिलकर भ्रष्टाचार करने की खबरें सामने आई हैं। क्यूरोज फिलहाल सीनेट के सदस्य हैं और राष्ट्रपति बोल्सोनारो और उनके बेटे फ्लेवियो के करीबी माने जाते हैं। उन पर सरकारी कर्मचारियों का वेतन का गबन करने का आरोप है। रिपोर्टर ने बोल्सोनारो से इसके बारे में ही सवाल किया था।
मिशेल के खाते में आया गबन का पैसा
ब्राजील की क्रूसो मैगजीन में छपी रिपोर्ट के मुताबिक, भ्रष्टाचार के आरोपी क्यूरोज ने 2011 और 2016 के बीच मिशेल बोल्सोनारो के खाते में पैसे डाले थे। यह कर्मचारियों के वेतन की वही रकम थी, जिसका गबन किया गया। मिशेल और जायर बोल्सोनारो के बेटै फ्लेवियो भी इस मामले में आरोपी हैं। सरकारी कर्मचारियों के वेतन की हेराफेरी जनवरी 2019 में बोल्सोनारो के राष्ट्रपति बनने से पहले हुई थी। उस समय फ्लेवियो रियो डी जेनेरियो से सांसद थे।
महामारी को लेकर लोगों की नाराजगी झेल रहे बोल्सोनारो
महामारी को लेकर बोल्सोनारो को देश के लोगों की नाराजगी झेलनी पड़ रही है। उन्होंने महामारी फैलने के शुरुआती दिनों में इसे गंभीरता से नहीं लिया था और इसे एक मामूली फ्लू बताया था। उन्होंने देश में लॉकडाउन लगाने का भी विरोध किया था। राज्यों की ओर से लॉकडाउन पर ऐतराज जताया था। मास्क को जरूरी करने पर भी आनाकानी की थी। हालांकि, खुद पॉजिटिव पाए जाने के बाद वे मास्क लगाए नजर आए थे। ब्राजील में 36 लाख से ज्यादा संक्रमण के मामले सामने आए है और 1 लाख से ज्यादा मौतें हुई हैं।
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रूस के विदेश मंत्री ने कहा- 5 जी नेटवर्क पर चीन के साथ सहयोग करना चाहते हैं, अमेरिका ने गलत राह चुनी August 23, 2020 at 06:46PM
रूस ने साफ कर दिया है कि वो 5जी नेटवर्क तैयार करने में चीन की मदद लेने को तैयार है। दोनों देशों के बीच इस पर पिछले साल दिसंबर से बातचीत चल रही है। रूसी विदेश मंत्री सर्गेई लैवरोव ने रविवार को कहा- हमारा देश 5जी नेटवर्क तैयार करने और उसका विस्तार करने के मामले में चीन का सहयोग लेने के तैयार है। हम अमेरिका की राह पर नहीं चलना चाहते।
अमेरिका का आरोप है कि चीन की हुवेई कंपनी इस नेटवर्क के जरिए दुनिया के कई देशों में जासूसी करना चाहती है। ब्रिटेन और भारत ने इस मामले में सख्त रुख अपनाया है।
अमेरिका की आलोचना
मॉस्को में मीडिया से बातचीत के दौरान लैवरोव ने कहा- 5जी नेटवर्क को लेकर अमेरिकी नजरिए से हम सहमत नहीं हैं। हम उसकी राह पर नहीं चलना चाहते। अमेरिका कहता है कि इस नेटवर्क के मामले में चीन की मदद नहीं लेना चाहए। उसे खास तौर पर चीनी कंपनी हुवेई से दिक्कत है। लेकिन, हमारे साथ ऐसा नहीं है। आपको एक बात समझ लेनी चाहिए कि सिर्फ रूस को नहीं बल्कि पूरी दुनिया को अब 5जी नेटवर्क की जरूरत है।
दुनिया साथ आए
लैवरोव ने आगे कहा- टेक्नोलॉजी का विस्तार आज दुनिया की जरूरत है। इस मामले में सभी को साथ आना चाहिए। हमें मिलकर नई तकनीक का विस्तार करना होगा। इससे सभी को फायदा होगा। हमने अपने संबंधित विभागों को इस बारे में आदेश जारी कर दिए हैं कि 5जी पर सहयोग के लिए तैयार रहें।
अमेरिका ने ब्राजील को चेतावनी दी
पिछले महीने ब्राजील इस नेटवर्क के लिए चीन की कंपनी हुवेई को कॉन्ट्रैक्ट देने वाला था। तब अमेरिका ने साफ कहा था कि अगर ब्राजील ने हुवेई को यह कॉन्ट्रैक्ट दिया गया तो इसका असर दोनों देशों के रिश्तों पर पड़ेगा और ब्राजील को इसके नतीजे भुगतने पड़ सकते हैं। इसके बाद ब्राजील सरकार ने टेंडर प्रॉसेस रोक दी थी।
अमेरिका ने विकल्प भी सुझाए
ब्राजील में अमेरिकी राजदूत टॉड चैपमेन ने मीडिया से कहा था- हम ये साफ कर देना चाहते हैं कि इस कॉन्ट्रैक्ट को हासिल करने में कोई अमेरिकी कंपनी शामिल नहीं है। न ये पैसा कमाने का मामला है। हम सिर्फ देश की सुरक्षा पर जोर देना चाहते हैं। ब्राजील के पास स्वीडन की इरिक्सन और फिनलैंड की नोकिया के अलावा दक्षिण कोरिया की कंपनी के भी ऑप्शन हैं। हुवेई को कॉन्ट्रैक्ट कतई नहीं मिलना चाहिए।
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Japan PM returns to hospital as he breaks term record August 23, 2020 at 05:24PM
Kentucky police: 3 shot inside Lexington mall, 1 killed August 23, 2020 at 06:07PM
पेरू में बैन के बावजूद पार्टी कर रहे लोग पुलिस की रेड में फंसे, दम घुटने से 13 की मौत August 23, 2020 at 05:41PM
पेरू की राजधानी लिमा के एक नाइटक्लब में शनिवार को महामारी से जुड़े नियमों को तोड़ते हुए की गई पार्टी पर पुलिस रेड के बाद भगदड़ मच गई। इसमें 13 लोगों की मौत हो गई और 6 से ज्यादा लोग घायल हो गए। इनमें तीन पुलिसकर्मी भी शामिल हैं। पेरू पुलिस के मुताबिक, जिस नाइटक्लब पर छापा मार गया उसमें केवल एक ही दरवाजा था। रेड पड़ते ही नाइटक्लब में मौजूद सभी 120 लोग इससे निकलने की कोशिश करने लगे, जिससे यह हादसा हुआ।
पेरू नेशनल पुलिस के जनरल ओर्लांडो वेलास्को मुजिका के मुताबिक, लिमा के लॉस ओलिस इलाके में रहने वाले थॉमस रेस्टोबार ने नाइटक्लब में गैर कानूनी ढंग से पार्टी होने की जानकारी दी थी। पुलिस ने बिना इजाजत पार्टी करने वाले और रेस्टोरेंट चलाने वाले दंपती समेत 23 लोगों को गिरफ्तार किया है। देश के स्वास्थ्य विभाग के मुताबिक, इनमें से 13 लोगों की कोरोना रिपोर्ट पॉजिटिव आई है।
गृह मंत्रालय ने घटना को दुखद बताया
गृह मंत्री गैस्टन सेजर ऑगस्टो लिमो ने घटना को दुखद बताया है। उन्होंने कहा कि यह हादसा रेस्टोरेंट चलाने वाले बिजनेसमैन की गैर जिम्मेदारी की वजह से हुआ। इसमें मारे गए सभी लोगों के परिवार के साथ हमारी संवेदनाएं है। उन्होंने कहा कि पुलिस ने रेड के दौरान किसी हथियार या टीयर गैस का इस्तेमाल नहीं किया। पुलिस ने कानूनी प्रोटोकॉल का पूरी तरह से पालन किया गया। हालांकि, कुछ मीडिया रिपोर्ट्स में पुलिस की ओर से टीयर गैस का इस्तेमाल करने की भी बात कही जा रही है।
पेरू में सोशल डिस्टेंसिंग का पालन जरूरी
पेरू में महामारी को देखते हुए सरकार ने सभी लोगों के लिए सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करना जरूरी है। देश में रात 10 बजे के बाद कर्फ्यू लागू किया गया है। देश में नाइटक्लब और बार पिछले मार्च में ही बंद करा दिए गए थे। इसके बावजूद पार्टी की जा रही थी। सरकार ने बढ़ते मामलों को देखते हुए पिछले महीने ही बड़े फैमिलि और सोशल प्रोग्राम आर्गनाइज करने पर रोक लगा दी थी। देश में करीब 6 लाख लोग संक्रमित मिले हैं और 27 हजार से ज्यादा लोगों की जान गई है।
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साउथ कोरिया के अफसर ने कहा- नॉर्थ कोरिया का तानाशाह किम जोंग उन कोमा में, बहन ने देश की बागडोर संभाली August 23, 2020 at 05:37PM
नॉर्थ कोरिया के तानाशाह किम जोंग उन कोमा में हैं। फिलहाल, देश की बागडोर उनकी बहन किम यो जोंग संभाल रही हैं। यह दावा दक्षिण कोरिया के पूर्व इंटेलिजेंस ऑफिसर चांग सोंग मिन ने किया है। मिन देश के पूर्व राष्ट्रपति किम देई जुंग के स्पेशल असिस्टेंट रह चुके हैं। मिन के मुताबिक, किम जोंग उन गंभीर रूप से बीमार हैं। हालांकि, बीमारी के बारे में पुख्ता तौर पर कुछ नहीं कहा गया है।
एक महीने पहले भी किम के गंभीर रूप से बीमार होने की खबरें आईं थीं। लेकिन, तब उन्होंने अचानक सामने आकर इन कयासों पर विराम लगा दिया था।
कोमा में किम, लेकिन जिंदा
साउथ कोरियाई मीडिया से बातचीत के दौरान मिन ने कहा- मेरे जानकारी के मुताबिक, इस वक्त किम जोंग उन कोमा में हैं। लेकिन, अब तक जिंदा हैं। फिलहाल, नॉर्थ कोरिया की कमान किम की छोटी बहन किम यो जोंग संभाल रही हैं। जोंग के लिए सत्ता संभालने का यह पहला मौका नहीं है। वे पहले भी बड़े भाई की मददगार के तौर पर सरकार चलाने में सहयोग करती आई हैं।
बहन को सत्ता क्यों सौंपी
मिन ने कहा- किम ने अब तक बहन जोंग को पूरी तरह सत्ता नहीं सौंपी है। फिलहाल, उन्हें यह जिम्मेदारी इसलिए दी गई है ताकि नेतृत्व का संकट ज्यादा वक्त न चले और उन्हें सरकार चलाने की बारीकियों की ठीक से समझ हो जाए। 33 साल की जोंग के बारे में पिछले महीने भी खबर आई थी कि वे सरकार में दूसरे नंबर पर हैं। हालांकि, किम ने कभी सार्वजनिक तौर पर जोंग को उत्तराधिकारी घोषित नहीं किया।
साउथ कोरिया की पैनी नजर
पड़ोसी देश में चल रही सियासी हलचलों पर साउथ कोरिया की पैनी नजर है। जैसे ही किम के कोमा में होने की खबरें आईं दक्षिण कोरिया में नेशनल इंटेलिजेंस सर्विस की मीटिंग हुई। देश की न्यूज एजेंसी योनहाप ने कहा- किम यो जोंग के सत्ता संभालने की खबरों से कोई हैरानी नहीं हुई। आने वाले वक्त में यही होना है। जोंग पार्टी की सेंट्रल कमेटी पहले ही संभाल रहीं थीं। कुछ रिपोर्ट्स के मुताबिक, अप्रैल में उन की हार्ट सर्जरी हुई थी। इसके बाद से ही वे ज्यादा बीमार हैं।
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फ्रांस और थाईलैंड में एजेंडा बढ़ाने के लिए अपराधियों का इस्तेमाल कर रही आईएसआई, इसके लिए एम्बेसी का इस्तेमाल किया August 23, 2020 at 04:57PM
पाकिस्तान की बदनाम खुफिया एजेंसी आईएसआई अपने हित साधने के लिए कई देशों में अपराधियों का इस्तेमाल कर रही है। फ्रांस और थाईलैंड में आईएसआई से जुड़े कई लोग गिरफ्तार किए गए हैं। ये सभी जाली दस्तावेजों के जरिए मनी लॉन्ड्रिंग और मानव तस्करी जैसे कामों के साथ कट्टरता भी फैला रहे थे। जांच एजेंसियों के लिए फिक्र की बात यह है कि इन गलत कामों के लिए पाकिस्तान की एम्बेसी का इस्तेमाल किया जा रहा है।
एक गिरफ्तारी से खुल गया राज
थाईलैंड की इंटेलिजेंस यूनिट ने पिछले दिनों पाकिस्तानी नागरिक वकार शाह को गिरफ्तार किया। इस पर कई दिनों तक नजर रखी गई। शाह मनी लॉन्ड्रिंग, जाली पासपोर्ट, ड्रग्स समेत कई गैरकानूनी काम कर रहा था। 2012 में इसने बैंकॉक में अमेरिकी दूतावास के सामने प्रदर्शन भी कराया था। शाह से पूछताछ के बाद इरान के हामिद रेजा जाफ्रे और पांच अन्य पाकिस्तानियों को भी गिरफ्तार किया गया।
जाफ्रे की तलाश चार देशों को
रिपोर्ट के मुताबिक, जाफ्रे ने बताया कि वो शाह के लिए काम करता है। ब्रिटेन, फ्रांस, ऑस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड की पुलिस को उसकी तलाश है। ये लोग जाली पासपोर्ट्स के जरिए पाकिस्तानियों को ऑस्ट्रेलिया और यूरोप भेजते थे। गिरफ्तार किए गए लोगों में से एक का नाम गोहर जमान है। जमान ने पूछताछ में हैरान कर देने वाले खुलासे किए।
गलत कामों के लिए एम्बेसी का इस्तेमाल
जांच एजेंसियों के मुताबिक, गिरफ्तार किए गए सभी लोग पेशेवर अपराधी हैं। आईएसआई इनका इस्तेमाल अपने फायदे के लिए कर रही थी। इसके लिए इन्हें पैसा दिया जाता है। चिंता की बात यह है कि ये लोग पाकिस्तान की एम्बेसी से सीधे जुड़े थे। शाह ने बैंकॉक में एक रेस्टोरेंट भी खोला था। इसमें एम्बेसी के लोग लगभग रोज आते थे।
फर्जी नाम से थाईलैंड में एंट्री
खास बात ये है कि शाह को 2018 में थाईलैंड ने पांच साल के लिए देश निकाला दिया था। दो साल बाद वो सैयद वकार अहमद जाफरी के नाम से फर्जी पासपोर्ट बनवाकर फिर यहां पहुंच गया। हालांकि, कुछ दिनों बाद जांच एजेंसियों को इसका पता लगा। उसे गिरफ्तार कर लिया गया।
फ्रांस में भी यही हुआ
फ्रांस की राजधानी पेरिस में भी एक पाकिस्तानी नागरिक को गिरफ्तार किया गया। इसके भी एम्बेसी से सीधे संबंध हैं। मामला इतना गंभीर है कि पुलिस ने गिरफ्तार व्यक्ति की अब तक पहचान उजागर नहीं की है। इसके तार पुर्तगाल और बेल्जियम तक फैले हैं। इस पर फर्जी पासपोर्ट और ड्रग तस्करी के आरोप हैं। पूछताछ में इसने आईएसआई एजेंट होने की बात मानी है।
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ब्रिटेन के पीएम की अपील- लोग अगले हफ्ते से बच्चों को स्कूल भेजें, अमेरिका में ब्ल्ड प्लाज्मा से मरीजों के इलाज को मंजूरी; दुनिया में अब तक 2.35 करोड़ केस August 23, 2020 at 04:48PM
दुनिया में कोरोनावायरस संक्रमण के अब तक 2 करोड़ 35 लाख 82 हजार 985 मामले सामने आ चुके हैं। इनमें 1 करोड़ 60 लाख 80 हजार 485 मरीज ठीक हो चुके हैं, जबकि 8 लाख 12 हजार 487 की मौत हो चुकी है। ये आंकड़े https://ift.tt/2VnYLis के मुताबिक हैं।ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन ने रविवार को लोगों से अगले हफ्ते से अपने बच्चों को स्कूल भेजने की अपील की।
जॉनसन ने कहा कि बच्चों का स्कूल से ज्यादा दिनों तक दूर रहना वायरस से ज्यादा नुकसानदेह है। यह जरूरी है कि हमारे बच्चे अपने क्लासरूम में लौटें और अपने दोस्तों के साथ पढ़ाई करें। उन्होंने सितंबर के पहले हफ्ते से स्कूल खोलने की तैयारियों में जुटे स्टाफ को भी धन्यवाद दिया।
अमेरिका के फूड एंड ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन (एफडीए) डिपार्टमेंट ने कोरोनावायरस मरीजों के इलाज के लिए ब्लड प्लाज्मा के इस्तेमाल की मंजूरी दे दी है। डिपार्टमेंट की ओर से इमरजेंसी में इसके इस्तेमाल की मंजूरी देने वाला आदेश जारी किया गया। राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने कहा है कि उनके कहने पर ही एफडीए ने यह फैसला किया है। हालांकि, एफडीए ने ट्रम्प के इस दावे को दरकिनार किया है।
इन 10 देशों में कोरोना का असर सबसे ज्यादा
देश |
संक्रमित | मौतें | ठीक हुए |
अमेरिका | 58,74,146 | 1,80,604 | 31,67,063 |
ब्राजील | 36,05,783 | 1,14,772 | 27,09,638 |
भारत | 31,05,185 | 57,692 | 23,36,796 |
रूस | 9,56,749 | 16,383 | 7,70,639 |
साउथ अफ्रीका | 6,09,773 | 13,059 | 5,06,470 |
पेरू | 5,94,326 | 27,663 | 3,99,357 |
मैक्सिको | 5,60,164 | 60,480 | 3,83,872 |
कोलंबिया | 5,41,147 | 17,316 | 3,74,030 |
स्पेन | 4,07,879 | 28,838 | उपलब्ध नहीं |
चिली | 3,95,708 | 10,792 | 3,69,730 |
मैक्सिको: एक दिन में करीब 4 हजार मामले
मैक्सिको के स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक, देश में बीते 24 घंटे में 3948 मामले सामने आए हैं। 226 लोगों की मौत हुई हैं। देश में अब संक्रमितों का आंकड़ा 5 लाख 60 हजार 164 हो गया और अब तक 60 हजार 840 मौतें हुईं हैं। सरकार ने कहा है कि संक्रमितों की संख्या जारी आंकड़ों से ज्यादा हो सकती है।
चीन:आठवें दिन घरेलू संक्रमण का कोई मामला नहीं
चीन में रविवार को लगातार आठवें दिन घरेलू संक्रमण का एक भी मामला सामने नहीं आया। बीते 24 घंटे में देश में 16 संक्रमित मिले, लेकिन ये सभी दूसरे देशों से पहुंचे लोग थे। देश में अब तक 84 हजार 967 मामले सामने आए हैं और 4634 लोगों की जान गई है। सरकार ने बीजिंग समेत कई जगहों पर पाबंदियों में छूट दी है। बीजिंग के लोगों के लिए अब मास्क लगाना जरूरी नहीं है। यहां एम्यूजमेंट पार्क खोल दिए गए हैं, लोग बड़े पैमाने पर यहां आकर पार्टियां कर रहे हैं।
फ्रांस: मई के बाद सबसे ज्यादा मामले
फ्रांस में बीते 24 घंटे में 4900 मामले सामने आए हैं। यह देश में मई के बाद एक दिन में सामने आए सबसे ज्यादा मामले हैं। देश के स्वास्थ्य मंत्री ओलिवर वेरन ने इसकी जानकारी दी। उन्होंने कहा कि हम एक ऐसी स्थिति में हैं जब खतरा बढ़ सकता है। यह फरवरी की तरह नहीं है जब महामारी देश में फैलनी शुरू हुई थी। यह 40 से 60 साल के बीच के लोगों में चार गुना तेजी से फैल रही है। युवा लोग इस बीमारी को बुजुर्गों तक फैला सकते हैं, इसे देखते हुए हम जरूरी कदम उठा रहे हैं।
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कस्बे में लोगों के भूखे मरने की नौबत थी, कम्युनिटी गार्डन और तालाब ने आत्मनिर्भर बना दिया August 23, 2020 at 02:43PM
कोरोना महामारी से कोई देश, कोई बड़ा शहर नहीं बचा। ऐसी ही स्थिति अल सल्वाडोर के सेंटा एना कस्बे की भी हो गई थी। यहां के मुख्य चर्च में लोगों का आना बंद हो गया। इसके बाद चर्च की गतिविधियों पर भी रोक लग गई। पर इससे भी बड़ी समस्या थी, चर्च के करीबी इलाकों में रहने वाले 1700 परिवारों के सामने रोजी-रोटी का संकट।
प्रमुख पुजारी मोइसेस रुटिलियो ने इस संबंध में स्टाफ से चर्चा की। शुरुआत में उन्होंने परिवारों को किराना सामान और दवाइयों से मदद दी। पर चर्च के पास भी इतनी राशि नहीं थी कि बहुत दिनों तक सारे परिवारों को मदद दी जा सके। इसके बाद रुटिलियो ने आसपास के गांवों में रहने वाले बच्चों और युवाओं को कम्युनिटी गार्डन के बारे में बताया और मिलकर सब्जी और फल उगाने की सलाह दी।
100 से ज्यादा परिवार के बच्चे कम्युनिटी गार्डन में फल-सब्जी की खेती करते हैं
100 से ज्यादा परिवारों के बच्चों ने उनकी सलाह पर कम्युनिटी गार्डन शुरू कर दिए। इसके बाद उन्हें फल-सब्जी के लिए बाजार का भरोसा नहीं करना पड़ता। महामारी के कारण फल-सब्जियों के दाम बेतहाशा बढ़ते गए, पर सेंटा एना और करीबी कस्बों को फर्क नहीं पड़ा।पर लोगों को बाकी खर्च जैसे टेलीफोन, बिजली बिल अदा करने में तो परेशानी हो ही रही थी।
पुजारी ने चर्च के पास ही एक तालाब बनवाया और लोगों से मछली पालन के लिए कहा
तब पुजारी ने चर्च के पास ही एक तालाब बनवाया और लोगों से मछली पालन के लिए कहा। अब इन मछलियों को बेचने से परिवारों बाकी खर्च भी निकलने लगा है। 30 अगस्त को चर्च खुलने जा रहा है। रुटिलियो का कहना है कि इस बार चर्च में लोग आएंगे वह पहले से ज्यादा खुश और आत्मनिर्भर होंगे।
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लंदन में बिकने जा रहा है महाराजा दलीप सिंह के बेटे प्रिंस जय का महल; करीब 152 करोड़ रुपए कीमत तय August 23, 2020 at 07:36AM
लंदन के बीचोंबीच स्थित आलीशान महल अब बिकने जा रहा है। इसकी कीमत 15.5 मिलियन पाउंड (करीब 152 करोड़ रुपए) तय की गई है। यह महल महाराजा दलीप सिंह के बेटे प्रिंस विक्टर अल्बर्ट जय दलीप सिंह का पुराना घर था। महाराजा रणजीत सिंह के छोटे बेटे दलीप सिंह 19वीं शताब्दी में सिख साम्राज्य के आखिरी महाराज थे। उनके साम्राज्य में लाहौर भी शामिल था।
उनके साम्राज्य के ब्रिटिश राज के तहत आने के बाद उन्हें इंग्लैंड निर्वासित कर दिया गया था। उनके बेटे प्रिंस विक्टर जय दिलीप सिंह का जन्म 1866 में लंदन में हुआ था।
साउथ-वेस्ट केंसिंग्टन में है महल
कई साल बाद जब प्रिंस विक्टर ने 9वें अर्ल ऑफ कॉवेंट्री की बेटी लेडी एनी कॉवेंट्री के साथ शादी की, तब ब्रिटिश अधिकारियों ने नवविवाहित जोड़े को साउथ-वेस्ट केंसिंग्टन के लिटिल बॉल्टंस इलाके में नए घर के रूप में एक आलीशान महल लीज पर दे दिया था।
बिक्री का आयोजन कर रहे ब्यूचैम्प एस्टेट्स के मैनेजिंग डायरेक्टर जेरेमी गी ने कहा कि लाहौर से निवार्सित क्राउंस प्रिंस के इस आलीशान महल में रहने के लिए काफी जगह के साथ-साथ ऊंची छतें और 52 फुट का गार्डन भी है। यह साउथ-वेस्ट केंसिंग्टन की सबसे ज्यादा मांग वाली जगह पर है।
1868 में बनकर तैयार हुआ
1868 में बनकर तैयार होने के बाद इस महल को ईस्ट इंडिया कंपनी ने खरीदा और इसे लीज के जरिए रेंटल इनकम के लिए इंवेस्टमेंट प्रॉपर्टी के रूप में रजिस्टर करवाया था। उस समय भारत पर शासन करने वाली ईस्ट इंडिया कंपनी ने इसे मामूली किराए पर दलीप सिंह के परिवार को दे दिया था।
महाराजा दलीप सिंह को 1849 में दूसरे एंग्लो-सिख युद्ध के बाद उनके पद और पावर के साथ पंजाब से हटा दिया गया था और लंदन में निर्वासित कर दिया गया था।
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चुनाव प्रचार के वीडियो में मोदी के साथ नजर आए ट्रम्प, अहमदाबाद के मोटेरा स्टेडियम के अपने दौरे की क्लिप का इस्तेमाल किया August 22, 2020 at 11:58PM
राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने चुनाव में जीत के लिए भारतीयों को अपने पाले में करने की कोशिश शुरू कर दी है। ट्रम्प कैम्पेन की ओर से शनिवार को भारतीय अमेरिकियों के बीच प्रचार के लिए वीडियो जारी किया गया। इसमें वह प्रधानमंत्री मोदी के साथ नजर आ रहे हैं। इसमें ट्रम्प के अहमदाबाद दौरे के वीडियो क्लिप का इस्तेमाल किया गया है। एक मिनट 47 सेकंड के इस वीडियो में दोनों नेता अहमदाबाद के मोटेरा स्टेडियम में एक दूसरे का हाथ थाम कर चलते और हाथ हिलाकर लोगों का अभिवादन करते नजर आ रहे हैं। वीडियो में मोदी कह रहे हैं कि ट्रम्प को किसी परिचय की जरूरत नहीं है, करीब हर बात में उनके नाम का जिक्र होता है।
ट्रम्प कैम्पेन की सदस्य किम्बरली गुलफॉयल ने इसे वीडियो का ट्वीट किया। इसके साथ उन्होंने लिखा- अमेरिका और भारत के बीच एक शानदार रिश्ता है और हमारे कैंपेन को इंडियन अमेरिकन को बेहतरीन साथ मिला है। ट्रम्प के बेटे जूनियर डोनाल्ड ट्रम्प ने भी इस वीडियो को री-ट्वीट किया है। सोशल मीडिया पर पोस्ट होने के एक घंटे के भीतर ही इसे 66 हजार लोगों ने देखा।
वीडियो में ट्रम्प कह रहे हैं- अमेरिका भारत को प्यार करता है
इस वीडियो में ट्रम्प कह रहे हैं- अमेरिका भारत को प्यार और इसका सम्मान करता है। अमेरिका हमेशा भारतीयों का वफादार दोस्त बना रहेगा। वे इस प्रचार वीडियो में 40 लाख इंडियन अमेरिकन को शानदार बता रहे हैं। अमेरिका में रहने वाले भारतीय के बीच ट्रम्प की चुनाव प्रचार की अगुआई करने वाले एल मेसन ने इस वीडियो को तैयार किया है। उन्होंने अगले राष्ट्रपति चुनाव में अहम रहने वाले राज्यों में रिसर्च कर इसे बनाया है। मेसन के मुताबिक, यह वीडियो जमीनी स्तर पर ट्रम्प के लिए फंड जुटाने में भी मददगार होगा।
भारतवंशियों पर रिपब्लिकन और डेमोक्रेट दोनों पार्टी की नजर
अगले राष्ट्रपति चुनाव को देखते हुए सत्तारूढ़ रिपब्लिकन और विपक्षी डेमोक्रेटिक दोनों ही पार्टियां भारतवंशियों रिझाने में जुटी हैं। देश में 20 लाख से ज्यादा भारतवंशी रहते हैं। डेमोक्रेट्स ने पहली बार इंडियन अमेरिकन कमला हैरिस को अपना उपराष्ट्रपति पद का उम्मीदवार बनाया है। अमेरिका में रहने वाले भारतीय लोग डेमोक्रेटिक पार्टी के पारंपरिक वोटर्स माने जाते रहे हैं। हालांकि, ट्रम्प और मोदी की दोस्ती के बाद यह ट्रेंड बदला है। सालों से डेमोेक्रेट्स के लिए वोट करने वाले भारतीयों ने रिपब्लिकन पार्टी को वोट देना शुरू कर दिया है।
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Pakistan's ISI using crime syndicates in France, Thailand to further its agenda August 22, 2020 at 09:29PM
रिपब्लिकंस के विरोध के बावजूद पोस्टल सर्विस बिल पास, इसमें पोस्टल डिपार्टमेंट को 18 लाख करोड़ की फंडिंग देने का प्रस्ताव August 22, 2020 at 08:48PM
अमेरिकी संसद के निचले सदन हाउस में रिप्रेजेंटेटिव में पोस्टल सर्विस बिल शनिवार को पास हो गया। इसमें पोस्टल डिपार्टमेंट को मेल इन बैलट को जल्द लोगों तक पहुंचाने के लिए 25 बिलियन डॉलर ( करीब 18 लाख करोड़ रु.) की फंडिंग देने का प्रस्ताव रखा गया है। रिपब्लिकन पार्टी के सांसदों ने इसके विरोध किया। इसके बावजूद हाउस के 435 सदस्यों में से 257 सदस्यों ने इसका समर्थन किया और यह बहुमत से पारित हो गया।
हाउस की स्पीकर नैंसी पेलोसी ने कहा कि यह बिल लाना जरूरी था क्योंकि राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प मेल इन बैलट से चुनाव कराने में अड़ंगा डालने की कोशिश कर रहे हैं। वे पोस्ट मास्टर जनरल लुईस डिजॉय के साथ मिलकर ऐसी कोशिश कर रहे हैं राष्ट्रपति चुनाव से जुड़े मेल इन बैलट सही समय से लोगों तक नहीं पहुंचे।
अब सीनेट में होगी इस बिल पर वोटिंग
इस बिल पर अब सीनेट यानी कि अमेरिकी संसद के ऊपरी सदन में वोटिंग होगी। यहां पर रिपब्लिकन सांसद बहुमत में हैं। यदि यह सिनेट में पारित हो भी जाता है तो इसे मंजूरी के लिए राष्ट्रपति ट्रम्प के पास भेजा जाएगा। वहीं ट्रम्प ने कह दिया है कि स्पीकर पेलोसी की ओर से लाए गए इस विधेयक को कानून बनाने की मंजूरी नहीं देंगे। व्हाइट हाउस ने भी कहा है कि इस विधेयक पर ट्रम्प को अपने वीटो पावर का इस्तेमाल करने के लिए कहा जा सकता है। अमेरिका के संविधान के मुताबिक, बिना राष्ट्रपति के साइन किए किसी भी विधेयक को मंजूरी नहीं दी जा सकती है।
पोस्टल सर्विस की फंडिंग में कटौती हो रही: डेमोक्रेट्स
विपक्षी पार्टी डेमोक्रेट्स ने आरोप लगाया है कि ट्रम्प के करीबी माने जाने वाले पोस्टमास्टर जनरल लुइस डिजॉय ने पोस्टल सर्विस के काम करने के तरीके को बदल दिया है। वे ट्रम्प की शह पर विभाग को दी जा रही फंडिंग कम कर रहे हैं। उन्होंने डाक छांटने के लिए इस्तेमाल में लाने जाने वाली सैकंडों मशीनों को हटाने का निर्देश दिया है। इसके साथ ही वे और भी मशीनों को हटाने की योजना बना रहे हैं। पोस्टमास्टर जनरल ने भी शुक्रवार को माना था कि पहले की तुलना में पोस्ट देरी से पहुंच रहे हैं, लेकिन ऐसा कोरोना महामारी की वजह से हो रही है। हालांकि उन्होंने हटाई गई मशीनों को दोबारा लगाने से साफ इनकार कर दिया।
ट्रम्प पर पोस्टल फंडिंग रोकने के लिए केस भी हो चुका है
हाउस ऑफ रिप्रेजेंटेटिव के लिए डेमोक्रेट पार्टी के उम्मीदवार समेत कई लोगों ने राष्ट्रपति ट्रम्प और पोस्टमास्टर जनरल के पोस्टल फंडिंग रोकने के आरोप में मुकदमा भी दर्ज करा चुके हैं।17 अगस्त को मैनहट्टन फेडरल कोर्ट में मुकदमा दायर किया गया था। केस करने वालों ने कोर्ट से गुहार लगाई थी कि नवम्बर से पहले डिपार्टमेंट को पर्याप्त फंडिंग देने के लिए कहा जाए।
ट्रम्प ने मेल-इन बैलेट का विरोध
ट्रम्प ने कुछ दिन पहले मेल-इन बैलेट्स को धोखा बताया था। उन्होंने कहा था कि डेमोक्रेट्स 2020 के चुनावों में धोखेबाजी करना चाहते हैं। 22 जून को उन्होंने एक ट्वीट किया था। इसमें कहा था कि दूसरे देशों से लाखों लोग मेल-इन बैलेट भेज देंगे। हालांकि, बाद में वे अपनी इस बात से पलट गए थे। कोरोनावायरस को देखते हुए अमेरिका के चुनावों में मेल-इन बैलेट की मांग हो रही है। डेमोक्रेटिक पार्टी के साथ ही ट्रम्प की रिपब्लिकन पार्टी के सदस्य भी इसके पक्ष में हैं।
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