Saturday, April 11, 2020
महिला वकील का दावा, 5 साल रिलेशनशिप रहे विकीलिक्स के संस्थापक जुलियन असांजे मेरे दो बच्चों के पिता हैं April 11, 2020 at 06:42PM
ऑस्ट्रेलियाई नागरिक और विकिलीक्स के फाउंडर जूलियन असांजे दो बच्चों के पिता हैं। उन्हें दोनों बच्चे अपनी दक्षिण अफ्रीकी मूल की वकील स्टेला मोरिस से हुए हैं। द मेल ने रविवार को प्रकाशित अपनी रिपोर्ट में असांजे की बच्चों के साथ फोटो प्रकाशित की हैं और वकील के इंटरव्यू के हवाले से लिखा है, लंदन स्थित इक्वाडोर दूतावास में रहते हुए 48 साल के ऑस्ट्रेलियाई असांजे 5 साल तक मोरिस के साथ रिलेशनशिप में थे।
वे इक्वाडेर दूतावास में 2012 से छिपकर वक्त गुजार रहे थे। उन्हें अमेरिका की जासूरी करने के आरोप में गिरफ्तारी का डर था। इसी दौरान वकील मोरिस से उनकी नजदीकियां बढ़ी। वकील का कहना है, वे दोनों जल्द ही शादी करना चाहते थे। असांजे के बच्चों में गेब्रियल 2 और मैक्स एक साल का है।
2016 में प्यार 2017 में सगाई की थी
जुलियन असांजे पर 2010 में अमेरिकी खुफिया दस्तावेज लीक कर जासूरी करने का आरोप था। ये दस्तावेज अफगानिस्तान और इराक युद्ध से जुड़े थे। दस्तावेजों के लीक करने के लिए अमेरिका ने उन्हें गिरफ्तार करने की चेतावनी दी थी। इससे बचने के लिए वह लंदन स्थित इक्वाडोर दूतावास में छिपकर रहने लगे थे। यही उनका संपर्क 37 साल की मोरिस से हुआ। दोनों 2015 में करीब में आए। 2016 के दौरान प्यार में थे और 2017 में दोनों सगाई कर ली थी।
जासूसी और रेप के आरोपों लगे थे
अमेरिकी जासूरी के अलावा असांजे पर स्वीडन में भी दुष्कर्म का मुकदमा चला। हालांकि असांजे ने रेप के अरोपों को नकार दिया था। उन्हें पिछले साल जेल हो गई थी। अब उन्हें जेल रहते हुए एक साल हो होने वाला है। पिछले महीने कोर्ट ने उन्हें जमानत देने से इनकार कर दिया था। फिलहाल वह ब्रिटेन की लंदन स्थित बेलमार्श जेल में बंद हैं।
बच्चों का हवाला देकर रिहाई की मांगी की
ब्रिटेन में जेल में बंद कुछ कैदियों को कोरोनावायरस से बचाने के लिए रिहा किए जाने पर विचार हो रहा है। ऐसे में उनकी प्रेमिका मोरिस उनकी रिहाई के लिए प्रयास कर रही है। पिछले हफ्तेे कोर्ट में जमा कुछ दस्तावेजों से मोरिस और असांजे के रिश्ते के बारे मे पता चला है। इसमें मोरिस ने जेल में असांजे की जान को खतरा बताया है। साथ ही उनके ब्रिटेन में जन्मे बच्चों का हवाला देते हुए रिहा करने की अपील की है।
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अमेरिका में कोरोना से 40 से ज्यादा भारवंशियों की मौत, 1500 ज्यादा संक्रमित हुए April 11, 2020 at 05:58PM
दुनिया में अमेरिका कोरोना का एपिसेंटर बन चुका है। यहां 5 लाख से ज्यादा लोग संक्रमित हो चुके हैं और 20 हजार से ज्यादा मौतें हो चुकी हैं। इस बीच, यह भी खबर है कि इस महामारी की वजह से 40 से ज्यादा भारतीय और भारतवंशियों ने दम तोड़ दिया है। अमेरिका में न्यूयॉर्क व न्यूजर्सी में सबसे ज्यादा जानें गई हैं।
न्यूज एजेंसी पीटीआई के मुताबिक, मरने वाले भारतीयों में केरल से 17, गुजरात 10, पंजाब से चार, आंध्र प्रदेश से दो और एक ओडिशा से एक है। इनमें सभी की उम्र 60 साल से ज्यादा बताई जा रही है। एक मृतक की उम्र 21 है। कम्युनिटी नेताओं के अनुसार, इनमें से 12 से ज्यादा लोग न्यू जर्सी में रहते थे। इसी तरह 15 भारतीय मूल के लोग न्यूयॉर्क से हैं।
अमेरिका के अन्य इलाकों में भी हुई भारतीयों की मौत
- पेन्सिलवेनिया और फ्लोरिडा से भी 4 भारतीयों और टेक्सास और कैलिफोर्निया में एक-एक भारतीय-अमेरिकी की मौत की पुष्टि हुई है। मृतकों में सुनोवा एनालिटिक्स इंक. के सीईओ हनुमंत राव मारेपल्ली भी शामिल हैं। इसके अलावा चंद्रकांत अमीन (75) और महेंद्र पटेल (60) की भी मौतें हुई हैं। वहीं, एक व्यक्ति की मौत न्यू जर्सी स्थित उसके घर में हुई।
- महेंद्र पटेल के 50 से ज्यादा दोस्तों और रिश्तेदारों ने इस हफ्ते ऑनलाइन वीडियो के जरिए अंतिम संस्कार में शामिल हुए। क्योंकि स्थानीय प्रशासन ने 9 ज्यादा लोगों को अंतिम संस्कार के वक्त मौजूद रहने की अनुमति नहीं दी थी। न्यू जर्सी के के ओक ट्री रोड पर रियल एस्टेट का कारोबार करने वाले भावेश दवे का कहना है कि मैंने ऐसी स्थिति पहले कभी नहीं देखी।
- इंडियन कम्युनिटी के अधिकारियों ने बताया कि न्यू जर्सी में 400 से ज्यादा भारतीय-अमेरिकी पॉजिटिव पाए गए हैं। वहीं, न्यूयॉर्क में यह संख्या एक हजार से ज्यादा है। इस शहर में कई भारतीय-अमेरिकी टैक्सी ड्राइवर का कोरोना टेस्ट पॉजिटिव आया है। अभी इनकी संख्या के बारे में बता नहीं चला है।
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अब तक 1.08 लाख मौतें: अमेरिका में 24 घंटे में 1,920 लोगों ने दम तोड़ा, 30 हजार से ज्यादा केस सामने आए April 11, 2020 at 04:06PM
कोरोनावायरस से दुनियभर में 17 लाख 79 हजार लोग संक्रमित हैं। एक लाख आठ हजार 770 की मौत हो चुकी है। वहीं, चार लाख दो हजार 709 ठीक हो चुके हैं। महामारी से सबसे ज्यादा प्रभावित अमेरिका में 24 घंटे में 1,920 लोगों की मौत हुई है। इसके साथ ही देश में मौतों का आंकड़ा इटली (19 हजार 468) से ज्यादा हो गया है। यहां शुक्रवार को 30 हजार से ज्यादा नए मामले भी मिले हैं। देश में अब तक कुल पांच लाख 32 हजार 879 लोग संक्रमित हो चुके हैं।
कोरोनावायरस : सबसे ज्यादा प्रभावित 10 देश
देश | कितने संक्रमित | कितनी मौतें | कितने ठीक हुए |
अमेरिका | 5,32,879 | 20,577 | 30,453 |
स्पेन | 1,63,027 | 16,606 | 59,109 |
इटली | 1,52,271 | 19,468 | 32,534 |
फ्रांस | 1,29,654 | 13,832 | 26,391 |
जर्मनी | 1,25,452 | 2,871 | 57,400 |
चीन | 82,052 | 3,339 | 77,575 |
ब्रिटेन | 78,991 | 9,875 | 344 |
ईरान | 70,029 | 4,357 | 41,947 |
तुर्की | 52,167 | 1,101 | 2,965 |
बेल्जियम | 28,018 | 3,346 | 5,986 |
स्रोत:https://ift.tt/37Fny4L
दुनियाभर में 22 हजार से ज्यादा स्वास्थ्यकर्मी संक्रमित: डब्ल्यूएचओ
विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) की एक रिपोर्ट के मुताबिक, दुनिया के 52 देशों में कोरोना के खिलाफ लड़ाई लड़ रहे 22 हजार 73 स्वास्थ्यकर्मी संक्रमित हैं। वे काम करने के दौरान या समुदाय में संक्रमित लोगों के संपर्क में आने से इसकी चपेट में आए। स्वास्थ्यकर्मियों के बचाव के लिए निजी सुरक्षा उपकरणों (पीपीई) जैसे मास्क, गोगल्स, ग्लव्स और गाउंस पर्याप्त संख्या में उपलब्ध कराया जाना चाहिए। डब्ल्यूएचओ ने कहा कि स्वास्थ्यकर्मियों के अधिकारों की रक्षा की जानी चाहिए। उन्हें काम करने के लिए बेहतर माहौल मुहैया कराया जाना चाहिए।
इटली: कुल मौतें 19 हजार 468
इटली में 24 घंटे में 619 जान गई है। पिछले पांच दिनों में शुक्रवार को मरने वालों की संख्या बढ़ी है। इससे पहले सात अप्रैल को 604 और 10 अप्रैल को 570 लोगों की जान गई थी। यहां अब तक कुल 19 हजार 468 लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि संक्रमण के एक लाख 52 हजार 271 मामले हैं।
ब्राजील: संक्रमितों की संख्या 20 हजार के पार
ब्राजील में संक्रमण के मामले लगातार बढ़ रहे हैं। यहा अब तक 20 हजार 727 लोग संक्रमित हो चुके हैं। ब्राजील के स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक 24 घंटे में कोरोना के 1,089 नए मामले सामने आए हैं। वहीं, यहां एक दिन में कोरोना से 67 लोगों की मौत हुई है। इसके साथ ही मृतकों का आंकड़ा 1,124 हो गया है।
ब्राजील में संक्रमित लोगों की मृत्यु दर 5.4% है।
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फ्लाइट अटेंडेंट्स ने हजारों लोगों के बीच जानलेवा कोरोना वायरस फैलाया; कर्मचारी यूनियन का कहना है हजारों कर्मचारी संक्रमण से पीड़ित April 11, 2020 at 02:09PM
(वेरा बर्जेनग्रुएन)अमेरिका में विमानों के फ्लाइट अटेंडेंट्सउन लोगों में शामिल हैं,जिन्होंने जनवरी के अंत में सबसे पहले चीन के हुबेई प्रांत से बाहर नए कोरोना वायरस के फैलाव की जानकारी दी थी। दो माह से ज्यादा समय बाद अब उड़ान सहायकों को आशंका है कि वे स्वयं समस्या का खतरनाक हिस्सा बन गए हैं।
टाइम मैग्जीन से बातचीत और ई-मेल के माध्यम से एक दर्जन से अधिक फ्लाइट अटेंडेंट का कहना है किएयरलाइंस ने उनकी चिंता पर ध्यान नहीं दिया। उचित सावधानी उपकरणों के बिना कईसप्ताह तक काम करते हुए वे हजारों प्रभावित लोगों के संपर्क में आए होंगे। इसके बाद उन्होंने हजारों अमेरिकी हवाई यात्रियों के बीच संक्रमण फैलाया होगा। अटलांटा में कार्यरत एक फ्लाइट अटेंडेंट ने बताया कि हम लोगों ने निश्चित रूप से विमानों की सीट दर सीट, शहर दर शहर, होटल दर होटल और व्यक्तियों के बीच इंफेक्शन फैलाया है।
देश में करीब एक लाख 21 हजार फ्लाइट अटेंडेंट
अमेरिकी सरकार फ्लाइट अटेंडेंट को आवश्यक इंफ्रास्ट्रक्चर कामगार मानती है। देश में करीब एक लाख 21 हजार फ्लाइट अटेंडेंट हैं। उन्हें जोखिम वाले इलाकों की यात्रा करने के बाद स्वयं को क्वारैंटाइन करने की जरूरत नहीं है। विमानतलों पर यात्रियों की सामान्य जांच होती है, लेकिन उनकी नहीं। एयरलाइंस नहीं बताती हैं कि हवाई उड़ानों में चलने वाले कितने कर्मचारी वायरस से संक्रमित पाए गए हैं। लेकिन, यूनियन के प्रतिनिधि कहते हैं, सैकड़ों कर्मचारियों ने स्वयं को संक्रमित बताया है।
ग्लव्स या फेस मास्क पहनने से रोक रखा था
फ्लाइट अटेंडेंट का कहना है किशुरुआत में एयरलाइनों ने उन्हें ग्लव्स या फेस मास्क पहनने से रोक रखा था। ऐसा करने पर कुछ लोगों के खिलाफ अनुुशासनहीनता कीकार्रवाई की जा चुकी है। कई एयरलाइंस अटेंडेंट से विमानों के केबिन की सफाई कराई जाती है। उन्हें डिसइंफेक्टेंट भी नहीं दिए जाते हैं। वायरस के तेजी से फैलाव के बीच कई फ्लाइट अटेंडेंट को अपनी नौकरी बचाने के लिए काम करने पर मजबूर किया गया।
एक-दूसरे से सटी सीटों पर बैठते हैंफ्लाइट अटेंडेंट
फ्लाइट अटेंडेंट विमानों में एक-दूसरे से सटी सीटों पर बैठते हैं। वे यात्रियों के टॉयलेट का ही उपयोग करते हैं। कुछ लोगों ने बताया कि खाली उड़ानों में भी उन्हें यात्रियों की सीटों पर बैठने की अनुमति नहीं है। एक महिला फ्लाइट अटेंडेंट ने बताया कि जब मैं यात्रा शुरू करने के लिए एयरपोर्ट जाती थी तोहर बार रोती थी।
फ्लाइट्स में खाने-पीने की सेवा बंद
यात्रियों की संख्या में भारी गिरावट के बीच एयरलाइंस ने यात्रियों को भरोसा दिलाने की कोशिश की है कि हवाई यात्रा सुरक्षित है। अमेरिकन एयरलाइंस और साउथ वेस्ट एयरलाइंस ने सभी उड़ानों में खाने-पीने की सेवा बंद कर दी है। कई एयरलाइंस का कहना है, देश में सुरक्षा साधनों की कमी के बीच फ्लाइट अटेंडेंट को पर्याप्त सुरक्षा साधन मुहैया कराए गए हैं।
एयरलाइनों को 19 लाख करोड़ रु. की हानि होगी
टाइम से बातचीत करने वाले कई फ्लाइट अटेंडेंट ने नाम न छापने का अनुरोध किया है। नाम सामने आने पर उन्हें नौकरी से निकाला जा सकता है। यों भी यह खतरा बढ़ रहा है। एयरलाइनों ने मीडिया से बात करने पर प्रतिबंध लगा रखा है। अटेंडेंट एयरलाइन कंपनियों की कठिनाइयों को भी समझते हैं। उन्हें इस साल 19.19 लाख करोड़ रुपए की आय का नुकसान होने की आशंका है।
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तुर्की में कोरोना के खिलाफ हथियार बना खास परफ्यूम कलोन, इसकी बिक्री 3400% बढ़ी April 11, 2020 at 02:09PM
कोरोना वायरस पर तुर्की की प्रतिक्रिया बहुत अलग नहीं रही। यहां की सरकार ने सभी अंतरराष्ट्रीय फ्लाइट्स, स्पोर्ट्स इवेंट्स और देश की 90 हजार मस्जिदों में प्रार्थना सभाएं रद्द कर दीं। स्कूल, विश्वविद्यालय और रेस्त्रां बंद कर दिए। यहां 65 साल की उम्र से ज्यादा और 20 साल से कम उम्र के लोगों को घर पर रहने को कहा गया। हालांकि,एक बात तुर्की को बाकी देशों से अलग बनाती है। यहां पिछले कुछ समय में कलोन (अल्कोहल बेस्ड परफ्यूम) की बिक्री 3400% तक बढ़ गई है।
यह आंकड़े केवल एक ऑनलाइन विक्रेता के हैं। यूं तो तुर्की में हमेशा ही बैक्टीरिया मारने (और शरीर की बदबू मिटाने) के लिए मेहमानों के हाथों पर कलोन छिड़कने की परंपरा रही है। यहां रेस्त्रां में आने वाले मेहमानों को वेटर और बस में लंबी यात्रा करने वालों को बस अटेंडेंट भी इसी तरह कलोन देते हैं। लेकिन, महामारी के बाद से इसकी मांग में बहुत तेजी आ गई है। चूंकि, कलोन में अल्कोहल की मात्रा ज्यादा होती है, इसलिए माना जा रहा है कि यह वायरस मार सकती है।
तुर्की कीटाणुओं से डरने वाले लोगों का देश है
बेशक साबुन कलोन से सस्ता है, लेकिन इसकी खुशबू ज्यादा अच्छी है। तुर्की की सरकार ने भी यह नीति बनाई कि उसके नागरिकों को कलोन की कमी न हो। 18 मार्च को राष्ट्रपति तैयब एर्दोआन ने वादा किया कि सभी बुजुर्गों को कलोन मिलता रहेगा। कुछ दिनों बाद स्थानीय उत्पादकों ने तय किया कि वे महामारी के इस दौर में कलोन की कीमत नहीं बढ़ाएंगे। तुर्की कीटाणुओं से डरने वाले लोगों का देश है। यहां खाने की गुमटियों वाले हाथ पोंछने के गीले कपड़े देते हैं। तुर्की में 48 हजार केस हैं। 1 हजार मौतें हुईं हैं, जो ब्रिटेन, इटली, जर्मनी की तुलना में बेहतर स्थिति है।
समूचे यूरोप में तुर्की के लोग सबसे ज्यादा साफ सफाई से रहते हैं:सर्वे
2015 में एक सर्वे हुआ, जिसमें दुनियाभर के लोगों से पूछा गया कि वे टॉयलेट जाने के बाद बाद हाथ धोते हैं या नहीं। इसमें यूरोप की किसी भी देश की तुलना में तुर्की के लोग सबसे आगे निकले। यहां 94%लोग टॉयलेट (लघुशंका) के बाद हाथ धोते हैं। फ्रांस (62%), इटली (57%) और नीदरलैंड (50%) भी तुर्की से पीछे थे।
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यूरोप में कम हुआ संक्रमण, कई देश धीरे-धीरे हटा रहे लॉकडाउन; अन्य देश इनसे सीख सकते हैं April 11, 2020 at 02:00PM
कोरोनावायरस के चलते दुनिया के कई देशों में लॉकडाउन जैसी स्थिति बनी हुई है। मगर लॉकडाउन का मामला बिल्कुलरस्सी पर चलने जैसा है। खड़े रहेंगे तो भी गिर पड़ेंगे और यदि ज्यादा तेज चलने की कोशिश की तो आपका गिरना तय है। पश्चिम के कई देशों की हालत फिलहाल ऐसी ही है। एक तरफ ज्यादा समय तकलॉकडाउन रहने से अर्थव्यवस्था तबाह होने का खतरा है तो दूसरी तरफएकदम से लॉकडाउन हटाने पर संक्रमण फैलने का। ऐसे में कई देश धीरे-धीरे एक-एक कदम बढ़ाकर लॉकडाउन खत्म कर रहे हैं।
इस स्थिति में दूसरे देशों को यह जरूर देखना चाहिए कि ऐसा करने वाले देशों से क्या-क्या सीखा जा सकता है?लॉकडाउन हटाने वाले देशों में ईरान, चेक रिपब्लिक, ऑस्ट्रिया, डेनमार्क और नार्वे शामिल हैं।ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी से हेल्थ एक्सपर्ट डॉ. पीटर ड्रोबैक के मुताबिक, इन देशों से लॉकडाउन हटाना कई देशों के लिए उदाहरण बन सकता है।
लॉकडाउन में राहत देने से खतरा बढ़ सकता है- डॉ. क्लूज
हालांकि, वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गनाइजेशन के यूरोप के रीजनल डायरेक्टर डॉ. हंस क्लूज ने कहा कि लॉकडाउन में राहत देने से खतरा बढ़ सकता है। दुनिया के 10 सबसे ज्यादा प्रभावित देशों में 7 यूरोप के ही हैं। इसके साथ ही लैंसेट जर्नल में प्रकाशित एक अध्ययन में बताया गया है कि जब तक इसकी वैक्सीन नहीं बन जाती है। तब तक कहीं भी लॉकडाउन पूरी तरह से नहीं हटाना चाहिए।
विशेषज्ञों का मानना है कि लॉकडाउन धीरे-धीरे उठाना चाहिए, लेकिन इसके लिए पहले तीन बातें सुनिश्चित कर लेनी चाहिए। पहली यह है कि संक्रमण के मामलों मे कमी होनी चाहिए। दूसरी यह है कि यहां का हेल्थ केयर सिस्टम सही होना चाहिए और तीसरी यह कि यहां पर बड़ी मात्रा में टेस्टिंग और ट्रेसिंग होनी चाहिए।
डेनमार्क
डेनमार्क में 15 अप्रैल से स्कूल खोलने की तैयारी है, लेकिन यहां अभी कड़े प्रतिबंध लागू रहेंगे। 10 मई तक 10 से ज्यादा लोगों के एक जगह पर इकट्ठा होने पर रोक रहेगी। इसके साथ ही सभी चर्च, सिनेमाघर और शॉपिंग सेंटर भी बंद रहेंगे। अगस्त तक सभी त्योहार और बड़े समारोह बंद रहेंगे। प्रधानमंत्री मेटे फ्रेडरिकसेन ने कहा कि डेनमार्क की सीमाएं भी सील रहेंगी। 58 लाख की आबादी वाला डेनमार्क पहला यूरोपीय देश है जिसने 13 मार्च को अपनी सीमाएं सील की थीं। यहां अब तक संक्रमण के 5,996 मामले आए हैं और 260 लोगों की मौत हो चुकी है।
चेक रिपब्लिक
चेक रिपब्लिक ने 12 मार्च को यात्रा पर प्रतिबंध, बड़े समारोहऔर गैर-आवश्यक व्यवसायों को बंद कर दिया था। अब सरकार ने कहा है कि इस हफ्ते से कई प्रतिबंधों मेंढील दी जाएगी। मंगलवार से लोगों को मास्क लगाकर अकेले एक्सरसाइज करने की अनुमति मिल जाएगी। एक जगह पर दो लोगों के इकट्ठा होने पर रोक रहेगी। हार्डवेयर स्टोर, रिपेयरिंग सेंटर जैसी दुकानें भी गुरुवार से फिर से खुल जाएंगी। चेक रिपब्लिक से बहुत जरूरत होने पर जाने की अनुमति दी जाएगी। इसके साथ ही एथलीटों को प्रैक्टिस करने की भी अनुमति दी जाएगी।
ऑस्ट्रिया
ऑस्ट्रिया में ईस्टर के बाद से छोटी दुकानों को खोलने की अनुमति दे दी गई है। यहां भी सबसे पहले हार्डवेयर और रिपेयरिंग सेंटर खोलने की अनुमति दी गई है। यहां एक मई से सभी दुकानें, शॉपिंग सेंटर, हेयरड्रेसर की दुकानें खुल जाएंगी।मई के मध्य से सभी रेस्टोरेंट और होटल भी खुल जाएंगे। इसके साथ ही यहां यह चेतावनी भी जारी की गई है कि कोरोनावायरस का खतरा अभी टला नहीं है। बताया गया कि सिंगापुर में कोरोनावायरस का दूसरा अटैक हुआ है, इसलिए यह सोचना कि ‘खतरा टल गया है’ गलत है। यहां 5,831 लोग अब तक संक्रमित हो चुके हैं। साथ ही 123 लोगों की मौत भी हो चुकी है। अब तक यहां संक्रमितों की संख्या 13,789 है। 337 लोगों ने इस वायरस से अपनी जान भी गंवाई है।
नार्वे
नॉर्वे ने लॉकडाउन खोलने में एक अलग पैटर्न अपनाया है। यहां सबसे पहले किंडरगार्टन खुलेंगे। प्रधानमंत्री एर्ना सोलबर्ग ने कहा जब किंडरगार्टन खुलने के एक सप्ताह बाद, क्लास एक से चार तक विद्यार्थियों के लिए स्कूल खोले जाएंगे। प्रधानमंत्री ने कहा, ‘‘हम चाह रहे हैं कि किसी तरह सभी बच्चे गर्मी से पहले स्कूलों में आ जाएं। हमें धीरे-धीरे कदम बढ़ाने होंगे।’’ यहां मई तक अन्य संस्थानों को खोलने की अनुमति मिलेगी। यहां सक्रमण के 6,360 मामले आए हैं और 114 लोगों की मौत हो चुकी है।
जर्मनी
जर्मनी की चांसलर एंजेला मर्केल ने गुरुवार को कहा कि देश में कैसे और कब लॉकडाउन हटाना है? ये एक साइंटिफिक रिपोर्ट के आधार पर होगा, जो अगले हफ्ते पब्लिश होगी। स्वास्थ्य मंत्री जेन्स स्पान ने बताया कि जर्मनी में रोज एक लाख टेस्ट किए जा रहे हैं। यहां 40 प्रतिशत आईसीयू बेड खाली हो चुके हैं। यहां पर संक्रमण के मामलों में कमी आ रही है। लेकिन, स्थिति पूरी तरह से सामान्य होने में अभी बहुत समय लगेगा। जर्मनी में अब तक 1,22,855 लोग संक्रमित हो चुके हैं और 2,736 लोगों की मौत हो चुकी है।
स्विट्जरलैंड
स्विट्डरलैंड में भी लॉकडाउन से बाहर निकलने पर विचार हो रहा है। यहां 26 अप्रैल तक सोशल डिस्टेसिंग का कड़ाई से पालन करने का आदेश दिया गया है। सरकार ने संकेत दिया है कि इस महीने के आखिर तक कई प्रतिबंधों में ढील दी जाएगी। स्कूल और सीमाएं खोल दी जाएंगीं। यहां संक्रमित लोगों की संख्या 24 हजार 900 है। इसके साथ ही एक हजार 15 लोगों की मौत हो चुकी है।
ईरान
ईरान में शनिवार से राजधानी को छोड़कर देश में छोटे बिजनेस को खोलने की अनुमति दे दी। यहां सरकारी कार्यालयों में काम करने वाले दो तिहाई कर्मचारी लौट आए हैं। यहां अब तक संक्रमण के 70,029 मामले सामने आए हैं। इसके साथ ही 4357 लोगों की मौत हो चुकी है।
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वियतनाम का एक प्रांत कोरोना मुक्त हुआ, आखिरी मरीज के ठीक होने पर एक-दूसरे से लिपटकर रो पड़ा हॉस्पिटल स्टाफ April 11, 2020 at 01:53PM
दुनियाभर में कोरोना का कहर जारी है, वियतनाम भी इसी जानलेवा वायरस से लड़ रहा है। इस बीच, यहां से बेहद सुकूनभरी खबर सामने आई है। देश काबिन्ह थुआन प्रांत पूरी तरह कोरोना मुक्त हो गया है। साउथ सेंट्रल कोस्ट में स्थित जनरल हॉस्पिटल में जब कोरोना काआखिरी मरीज के पूरी तरह ठीक हो गया। जब डॉक्टर, नर्स और मेडिकल स्टाफ को यह खबर मिली, तो वेखुशी से चिल्लानेलगे। सभीएक-दूसरे से लिपट कर रोने लगे।
कोरोना वार्ड में मरीज का इलाज करने वाले17 लोगों के स्टाफ में से कोई भी पिछले एक महीने से घर नहीं गया। हॉस्पिटल के डायरेक्टर डॉ. गुएन वान थान्ह ने बताया कि रात करीब 8:30 बज रहे थे। कोरोना मरीजों की जांच और दवाई देने के बाद पूरा स्टाफ डिनर की तैयारी में लगा हुआ था। इसी दौरान खबर मिली कि अस्पताल में भर्ती कोविड-19 के आखिरी मरीज की रिपोर्ट निगेटिव आई है और वह पूरी तरह ठीक हो गया है। यह सुनते ही पूरे स्टाफ ने खुशी से चिल्लाते हुए लॉबी की तरफ दौड़ लगा दी और रास्ते में जो मिला, उससे गले लिपटकर रोने लगे। हर किसी की आंखों में आंसू थे। हमारे यहां से ठीक हुई यह 36वींमरीज एक लड़की थी। वहहाइपरटेंशन और फेफड़ों की बीमारी से भी पीड़ित थी। ऐसे में उसका इलाज दूसरे मरीजों की तुलना में बेहद मुश्किल था, लेकिन हम सफल हुए।
एक महीने से स्टाफ घर नहीं गया, अब जल्द सब मिल सकेंगे
अस्पताल में संक्रामक रोग विभाग के प्रमुख डॉ. डूंग थी लोइ ने कहा कि हम भावनाओं पर काबू नहीं रख सके। ये खुशी के आंसू हैं। हमारे पास सुविधाएं नहीं हैं। सीमित संसाधनों में हम कोरोना मरीजों के इलाज में दिन-रात जुटे रहे। सभी अस्पताल में रहे और खुद को क्वारैंटाइन कर रखा था। परिवार वालों से सिर्फ चैट और वीडियो कॉल के जरिए बात होती थी। अब जब सब ठीक हो चुका है, तो उम्मीद है कि जल्द ही हम सब अपने परिवार से भी मिल सकेंगे।
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रोम में परंपराएं टूटीं; पहली बार गुड फ्राइडे के प्रोसेशन में सिर्फ 10 लोग शामिल हुए, पोप ने प्रवचन भी रद्द किया April 11, 2020 at 01:53PM
कोराेनावायरस के कारण गुड फ्राइडे का प्रोसेशनपहली बार कोलोसियम के बजाय सेंट पीटर्स स्क्वायर पर किया गया। इस दौरान स्क्वायर पूरी तरह खाली था। प्रोसेशन में कुल 10 लोग शामिल हुए। इसमें आधे लोग वेटिकन की स्वास्थ्य सेवाओं से जुड़े डॉक्टर और नर्स थे, जो कोरोनावायरस के मरीजाें की देखभाल मेंलगे हैं। इसके अलावा जेल में सजा काट चुके लोग और उनके कुछ परिजन थे। इनके हाथ में क्रॉस और मशालें थीं। पोप ने प्रोसेशन के दौरान इन लोगों की चिंताओं और विचारों को सुना। हर साल इस आयोजन में हजारों लोग शामिल हाेते हैं, लेकिन इस बार कैमरा क्रू और वेटिकन के चुनिंदा कर्मचारी ही मौजूद थे।
पहली बार: पोप ने प्रोसेशन के बाद प्रवचन नहीं दिया
इस बार गुड फ्राइडे की एक और प्राचीन परंपरा टूट गई। प्रोसेशन के अंत में हर बार पोप का प्रवचन होता है, जो करीब 90 मिनट चलता है। इस बार प्रवचन नहीं हुआ। पोप फ्रांसिस ने सिर्फ प्रार्थना की। इससे पहले दिन में उन्होंने टीवी पर कोविड-19 के बारे में विचार रखे थे। उन्होंने उन डॉक्टरों, नर्सों, नन और पुरोहितों की प्रशंसा की, जो सैनिकों की तरह कोराेना की आपदा से संघर्ष कर रहे हैं। उन्होंने सूली पर चढ़ाए गए लोगों की कहानियों को याद किया।
आठ संक्रमित: पवित्र सप्ताह में नहीं आ पा रहे हैं लोग
वेटिकन शहर के निवासियों और कर्मचारियों के बीच काेराेनावायरस के आठ संक्रमित मरीज हैं। इसलिए वेटिकन के पवित्र सप्ताह समारोह के सभी आयोजनों में लोगों का अाना वर्जित कर दिया है। इटली में पिछले पांच सप्ताह से लॉकडाउन जारी है और संभव है इसे तीन और सप्ताह के लिए बढ़ा दिया जाए। पर्यटकों और तीर्थयात्रियों को पहलेही वापसअपने देश भेजा जा चुका है। रोम के लोग जरूरी कामों के लिए ही घर से बाहर निकल रहे हैं।
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अफगानिस्तान ने गुरुद्वारे पर हमले के मास्टरमाइंड आईएसकेपी के सरगना को पाकिस्तान को सौंपने से इनकार किया April 11, 2020 at 01:00AM
अफगानिस्तान ने काबुल गुरुद्वारे पर हमले के मास्टर माइंड असलम फारुकी को पाकिस्तान सौंपने से मना कर दिया है। असलम फारूकी इस्लामिक स्टेट के खुरसान प्रोविंस (आईएसकेपी) का सरगनाहै। 25 मार्च को काबुल में गुरुद्वारे पर हुए आतंकी हमले के पीछे उसकाहाथ था। इस हमले में 27 सिख श्रद्धालुओं की मौत हो गई थी। असलम पाकिस्तान का रहने वाला है और उसके पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई से गहरे रिश्ते हैं।
4 अप्रैल को असलम समेत 37 आतंकियों को अफगानिस्तान के कंधार में गिरफ्तार किया गया था। पाकिस्तान ने अफगानिस्तान से असलम को सौंपने की मांग की थी। अफगानिस्तान के विदेश मंत्रालय ने कहा वहहजारों अफगान नागरिकों की हत्या का आरोपी है। उस पर अफगानिस्तान के कानूनों के मुताबिक केस चलेगा। इसके साथ ही विदेश मंत्रालय ने बताया कि अफगानिस्तान और पाकिस्तान के बीच कोई प्रत्यर्पण संधि नहीं है। आईएसकेपी ग्रुप अफगानिस्तान में कई आतंकी गतिविधियों में शामिल रहा है।
आईएसआईएस की मिलिट्री विंग में कमांडर था फारूकी
असलम फारूकी का असली नाम अब्दुल्ला ओरकजई है। वह पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा के ओरकजई शहर का निवासी है। उसके पाकिस्तानी आतंकी संगठन हक्कानी नेटवर्क और लश्कर-ए-तैयबा (एलईटी) से गहरे संबंध हैं। वह पेशावर में आईएसआईएस की मिलिट्री विंग के कमांडर के रूप में काम कर रहा था। फारूकी ने क्षेत्रीय खुफिया एजेंसियों के साथ संबंध होने की बात कबूल की है, जो कि पाकिस्तान की एजेंसी की ओर इशारा है।
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संक्रमण के साथ माफिया भी सरकार के लिए खतरा बना; ये गरीबों को मुफ्त खाना और जरूरी चीजें बांट रहा, गरीबों में पैठ बनाने की साजिश April 10, 2020 at 09:57PM
कोरोनावायरस से इटली की अर्थव्यवस्था को बड़ा झटका लगा है। अब यहां पर एक और संकट मंडरा रहा है। दरअसल, इटली का माफिया उन लोगों को भोजन और जरूरी चीजें उपलब्ध करा रहाहैजो लॉकडाउन के चलते घरों में कैद हैं। इनकेे पास पैसे की भीकिल्लत है। माफिया को लोगों का समर्थन मिल रहा है और वो सरकार के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे हैं। अधिकारियों ने इस पर चेतावनी जारी की है।
हाल ही के हफ्तों में इटली के कैंपेनिया, कैलाब्रिया, सिसली और पुगलिया से कुछ वीडियो सामने आए। माफिया गैंग्स लोगों को भोजन और जरूरत का सामान मुहैया करा रहे हैं। एंटीमाफिया इंवेस्टिगेटरनिकोला ग्रेटरी के मुताबिक, “एक महीने से दुकानें, कैफे, रेस्टोरेंट और पब बंद हैं। लाखों लोगों की इनकम बहुत अच्छी नहीं है। एक महीने से तो हालात और खराब हैं। उन्हें ये भी नहीं पता कि अब उन्हें कब काम मिलेगा। ऐसे में सरकार इन लोगों की मदद करने के लिए शॉपिंग वाउचर जारी कर रही है।”हालांकि, मदद कई लोगों तक नहीं पहुंच पा रही। ऐसे में माफिया लोगों की मदद कर रहा है।नकोला ने चेताया कि अगर सरकार जल्द लोगों की मदद के लिए कोई बड़ा कदम नहीं उठाती है तो यहां गलत लोगों का कब्जा हो जाएगा।
इटली में 33 लाख लोगों की आमदनी बेहद कम
स्माल बिजनेस एसोसिएशन के मुताबिक इटली में लॉकडाउन के बाद 33 लाख ऐसे लोग प्रभावित हुए,जिनकी आमदनी बहुत कम है। इसमें 10 लाख लोग इटली के दक्षिणी प्रांतों में रहते हैं। यहां सिसली प्रांत से लोगों के सरकार के खिलाफ प्रदर्शन के वीडियो सामने आए थे। लोग बैंकों के बाहर 50 यूरो ( करीब चार हजार रुपए) तक के लोन के लिए जमा थे और बैंकों के दरवाजे पीट रहे थे। माफिया इन लोगों की मदद करके सरकार के खिलाफ गुस्सा और भड़का रहे हैं। ये वीडियो आग में घी डालने का काम कर रहे हैं। इसके बाद यहां से छोटे दुकानदारों को धमकाकर फ्री में सामान लेने की खबरें आई हैं। इसके साथ ही पुलिस सुपरमार्केट में चोरी बचाने के लिए लगातार गश्त कर रही है।
खबर छापने पर रिपोर्टर पर हमला
इतालवी अखबार ‘ला रिपब्लिका’ के मुताबिक पालेर्मो में सबसे बड़े माफिया गिरोह ‘कोसा नॉस्ट्रा’ के गुर्गों ने लोगों को जरूरी चीजें मुहैया कराई थीं। जैसे ही यह खबर अखबार में छपी तो इसके रिपोर्टर पर हमला हो गया। समाज में सरकार के खिलाफ बढ़ते गुस्से को देखते हुए इटली के आंतरिक मामलों के मंत्री लूसियाा लामोरगीस ने कहा, ‘‘माफिया बढ़ती गरीबी का फायदा उठा सकते हैं। वे लोगों को अपने संगठनों में भर्ती कर सकते हैं।’’हाल के दिनों में पुलिस ने नेपल्स शहर में गरीब आबादी वालही जगहों पर मौजूदगी बढ़ा दी है। यहां पर कैमोर्रा, द क्रैशन जैसे माफिया गिरोहों ने लोगों को भोजन और अन्य जरूरी चीजें मुहैया कराई थीं।
माफिया गिरोहों का लोकल लोगों का समर्थन मिलना खतरनाक
ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी में क्रिमिनोलॉजी के प्रोफसर फेडरिको वारिस ने बताया कि माफिया सिर्फक्रिमिनल ऑर्गनाइजेशन नहीं है। वे सरकार चलाने की भी इच्छा रखते हैं। अक्सर सरकारें इन माफिया गिरोहों के वित्तीय पहलू की जांच करती हैं, लेकिन वह ये भूल जाते हैं उनकी ताकत स्थानीय लोगों से आती है। इस हालात में माफिया का लोकल लोगों से समर्थन मिलना खतरनाक है। माफिया गिरोहों के मुखिया शहरों को अपनी जागीर मानते हैं। वे जानते हैं कि शासन करने के लिए, उन्हें अपने क्षेत्र में लोगों की देखभाल करने की आवश्यकता है।
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शहर में मैरिज रजिस्ट्रेशन के लिए रोज 400 आवेदन आ रहे, लेकिन एक दिन में 20 को ही मिल रहा सर्टिफिकेट, दूल्हे-दुल्हन मास्क पहन रहे April 11, 2020 at 12:47AM
बीजिंग.वुहान में जिंदगी पटरी पर लौटने लगी है। जन-जीवन धीरे-धीरे सामान्य होने लगा है। लॉकडॉउन हटाए जाने के 5 दिन पहले ही शहर में मैरिज रजिस्ट्रेशन (विवाह पंजीकरण) सेवा शुरू कर दी गई थी। कोरोना के चलते यह सेवा करीब सवा दो महीने से बंद पड़ी थी। मैरिज रजिस्ट्रेशन और मैरिज सर्टिफिकेट के लिए अब एक दिन में करीब 400 आवेदन आ रहे हैं। हालांकि कोरोना के चलते अभी भी शहर में एहतियात बरती जा रही है, ताकि सोशल डिस्टेंशिंग को मेनटेन किया जा सके। इसलिए एक दिन में सिर्फ 20 जोड़ों को ही मैरिज सर्टिफिकेट दिए जा रहे हैं। पहले जहां जोड़े मैरिज सर्टिफिकेट के लिए लंबी लाइन लगाए हुए देखे जाते थे, अब ऐसा नहीं है। वे 30 मिनट के अंतराल पर एक-एक करके आ रहे हैं, उनके चेहरे पर मास्क होता है। रजिस्ट्रेशन के लिए लोगों को अलि-पे या वीचैट के जरिए कम से कम दो कार्य दिवस (टू वर्किंग-डे) ऑनलाइन एप्वाइंटमेंट लेना पड़ रहा है।
नवविवाहित जोड़े कह रहे- चीनी लोग एकजुट हैं, लोग सरकार का सहयोग कर रहे
9 अप्रैल को अपनी शादी का प्रमाण पत्र हासिल करने वाले यांग ताओ और लियु श्याओयांग ने कहा कि वे कोरोना की वजह से लंबे समय तक घर में रहे। हालांकि इससे उनके रिश्ता और प्रगाढ़ हुआ है। वे कहते हैं कि मुझे लगता है कि मैं उससे (पत्नी) अब और अधिक प्यार करने लगा हूं। क्योंकि हम महामारी के दौरान एक साथ रहे हैं और एक-दूसरे को अच्छी तरह से समझने लगे हैं। हमारी बॉडिंग और बेहतर हुई है।’ एक नवविवाहित जोड़े ने कहा, "स्थिति बेहतर हो रही है। लोग सरकार के साथ बहुत सहयोग कर रहे हैं। चीनी लोग एकजुट हैं। सभी के व्यवहार में बहुत सुधार हुआ है। हम निश्चित रूप से कोरोना के खिलाफ लड़ाई जीतेंगे। यह केवल समय की बात है।’
रजिस्ट्रेशन ऑफिस को हर दिन सैनेटाइज किया जाता है, मैरिज काउंसलर सेवा और सर्टिफिकेट समारोह पर रोक
कोरोना महामारी से पहले मैरिज रजिस्ट्रेशन दफ्तर पर एक साथ कई जोड़े लंबी कतार में खड़े होते थे। खासकर, चंद्र कैलेंडर (लूनर डे) वाले दिन। लेकिन अब जोड़े केवल 30 मिनट के अंतराल पर पहुंचते हैं, ताकि बहुत से लोग एक साथ इकट्ठा न हो सकें। मैरिज रजिस्ट्रेशन ऑफिस को हर दिन सैनेटाइज किया जाता है। सभी आने वाले लोगों के लिए एक हरे रंग का क्यूआर कोड और बॉडी टेंपरेचर जांचने के बाद ही प्रवेश दिया जाता है।
स्थानीय निकाय के अधिकारियों का कहना है कि शादी और तलाक पंजीकरण सेवाओं को बहाल कर दिया गया है। वुहान में 400 से अधिक ऑनलाइन आवेदन आ रहे हैं, जो कि पहले की ही तरह है, लेकिन हम एक दिन में 20 केस का ही निस्तारण कर रहे हैं।’
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