अफगानिस्तान ने काबुल गुरुद्वारे पर हमले के मास्टर माइंड असलम फारुकी को पाकिस्तान सौंपने से मना कर दिया है। असलम फारूकी इस्लामिक स्टेट के खुरसान प्रोविंस (आईएसकेपी) का सरगनाहै। 25 मार्च को काबुल में गुरुद्वारे पर हुए आतंकी हमले के पीछे उसकाहाथ था। इस हमले में 27 सिख श्रद्धालुओं की मौत हो गई थी। असलम पाकिस्तान का रहने वाला है और उसके पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई से गहरे रिश्ते हैं।
4 अप्रैल को असलम समेत 37 आतंकियों को अफगानिस्तान के कंधार में गिरफ्तार किया गया था। पाकिस्तान ने अफगानिस्तान से असलम को सौंपने की मांग की थी। अफगानिस्तान के विदेश मंत्रालय ने कहा वहहजारों अफगान नागरिकों की हत्या का आरोपी है। उस पर अफगानिस्तान के कानूनों के मुताबिक केस चलेगा। इसके साथ ही विदेश मंत्रालय ने बताया कि अफगानिस्तान और पाकिस्तान के बीच कोई प्रत्यर्पण संधि नहीं है। आईएसकेपी ग्रुप अफगानिस्तान में कई आतंकी गतिविधियों में शामिल रहा है।
आईएसआईएस की मिलिट्री विंग में कमांडर था फारूकी
असलम फारूकी का असली नाम अब्दुल्ला ओरकजई है। वह पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा के ओरकजई शहर का निवासी है। उसके पाकिस्तानी आतंकी संगठन हक्कानी नेटवर्क और लश्कर-ए-तैयबा (एलईटी) से गहरे संबंध हैं। वह पेशावर में आईएसआईएस की मिलिट्री विंग के कमांडर के रूप में काम कर रहा था। फारूकी ने क्षेत्रीय खुफिया एजेंसियों के साथ संबंध होने की बात कबूल की है, जो कि पाकिस्तान की एजेंसी की ओर इशारा है।
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