Friday, April 10, 2020
ट्रम्प ने कहा- चीन ने 30 साल तक हमारा फायदा उठाया, अगर वह विकाशसील देश तो हमें भी ऐसा ही बना दें April 10, 2020 at 07:53PM
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्डट्रम्प ने चीन पर अमेरिका का फायदा उठाने का आरोप लगाया है। उन्होंने शुक्रवार को व्हाइट हाउस में कोरोना पर होने वाली प्रेस ब्रिफिंग में चीन के बारे में पूछे जाने पर यह बात कही। उन्होंने कहा कि चीन ने अविश्वसनीय ढंग से हमारा और दूसरे देशों का फायदा उठाया। आप जानते हैं कि उन्हें विकासशील राष्ट्र माना जाता है। मैं कहता हूं कि ठीक है फिर हमें भी विकासशील देश ही बना दें। चीन 30 साल से अमेरिका का फायदा उठा रहा है। चीन ने डब्ल्यूटीओ के जरिए ऐसे नियमों का इस्तेमाल कर फायदा उठाया जो अमेरिका के हित में नहीं हैं।
उन्होंने कहा, ‘‘वे विकासशील देश हैं इसलिए उन्हें बड़े फायदे मिल रहे हैं। भारत भी एक विकासशील देश है। अमेरिका एक बड़ा विकसित राष्ट्र है। हालांकि, हमें भी विकास के लिए काम करना है।’’
‘डब्ल्यूटीओ में शामिल होने पर बढ़ी चीन की अर्थव्यवस्था’
ट्रम्प ने कहा कि अगर चीन के ईतिहास पर गौर करें तो जब से अमेरिका की मदद से वह डब्ल्यूटीओ में शामिल हुआ, उसकी अर्थव्यवस्था में तेजी आई। इससे पहले कई साल तक उनकी अर्थव्यस्था सामान्य थी। कई दशकों तक उनकी स्थिति ऐसी ही रही। वे रॉकेट की तेजी से आगे बढ़े क्योंकि उसने हम सभी का फायदा उठाया। मैं इसके लिए चीन को दोषी नहीं ठहरा रहा। मैं यह कह रहा हूं कि यहां के लोग कैसे थे जिन्होंने ऐसा होने दिया। ट्रम्प प्रशासन ऐसा नहीं होने देगी। अगर वे हमारे साथ निष्पक्ष बर्ताव नहीं करेंगे, तो हम उन्हें छोड़ देंगे।
अगले हफ्ते डब्ल्यूएचओ को फंड देने पर बात करेंगे: ट्रम्प
उन्होंने कहा कि अमेरिका अगले हफ्ते विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ)को दिए जाने वाले फंड पर बात करेगा। जैसा कि आप जानते हैं हम उन्हें एक साल में करीब 50 करोड़ डॉलर देते हैं। हमारे पास इसके बारे में कहने के लिए काफी कुछ है। डब्ल्यूएचओ चीन केंद्रित हो गया है। इससे पहले 8 अप्रैल को ट्रम्प ने कहा था कि डब्ल्यूएचओ चीन काहिमायती है। वह मदद तोहमसे लेता है, लेकिनहमारे द्वारा लगाए यात्रा प्रतिबंधों से असहमतिजताता है। वे कई चीजों के बारे में गलत थे। लिहाजाडब्ल्यूएचओ पर खर्च होने वाली राशि को रोकने जा रहे हैं। हालांकि, एक मिनट बाद ही वह अपने बयान से मुकर भी गए थे।
‘लॉकडाउन हटाने पर व्हाइट हाउस का कार्यबल फैसला लेगा’
ट्रम्प ने कहा कि देश में लॉकडाउन और संक्रमण रोकने के लिए लगाई गई पाबंदियों को हटाने पर व्हाइट हाउस का कार्यबल विचार विमर्श करने के बाद फैसला लेगा। देश को खोलने पर चर्चा के लिए कारोबारियों और डॉक्टरों के परिषद का गठन भी जल्द किया जाएगा। उन्होंने कहा कि मेरे पास देश को दोबारा खोलने का अधिकार है। मैं चाहता हूं कि जितना जल्द हो देश फिर से खोला जाए। अमेरिका में शुक्रवार तकतक कुल 18 हजार 719 लोग जान गंवा चुके हैं। पिछले24 घंटे में 2,034 लोगों की मौत हुई है। संक्रमण रोकने के लिए देश भर में होटल, रेस्टोरोंट, शॉपिंग माल्स और दूसरी वाणिज्यकि इकाइयांबंद की गईहैं। इससे देश की अर्थव्यवस्था प्रभावित हुई है।
Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today
African community targeted in China coronavirus crackdown April 10, 2020 at 07:37PM
पहली मौत 9 जनवरी को हुई थी, 70 दिनों में आंकड़ा 10 हजार पहुंचा; पिछले 22 दिनों में 90 हजार लोग मारे गए April 10, 2020 at 01:00PM
चीन के वुहान शहर में 9 जनवरी की शाम को 61 साल के बुजुर्ग की कोरोनावायरस से मौत हुई थी। चीन के आधिकारिक आंकड़ों के मुताबिक, यह कोरोनावायरस से हुई पहली मौत थी। ठीक 92 दिन बाद दुनियाभर में इस वायरस से मौत का आंकड़ा एक लाख पार कर गया। 19 मार्च को कोरोना संक्रमितों की मौतों का आंकड़ा 10 हजार पहुंचा था, लेकिन अगले 22 दिनों में कुल 90 हजार लोग मारे गए। 1 लाख मौतों के अलावा दुनियाभर में 12 लाख से ज्यादा एक्टिव केस हैं, जो या तो इंटेसिंव केयर, हॉस्पिटल या होम क्वारैंटाइन हैं। 3.75 लाख मरीज इस महामारी से ठीक भी हो चुके हैं।
एक रिपोर्ट में चीनी दस्तावेजों के मुताबिक, कोरोना का पहला मामला 17 नवंबर को आया
साउथ चाइना मार्निंग पोस्ट की एक रिपोर्ट में खुलासा हुआ था कि चीन सरकार के डॉक्यूमेंट्स के मुताबिक, हुबेई प्रांत के 55 साल के एक बुजुर्ग कोरोना के सबसे पहले संक्रमित हो सकते हैं। दस्तावेजों के मुताबिक, वे 17 नवंबर को 2019 को कोरोनावायरस के संपर्क में आए थे(डब्ल्यूएचओ के मुताबिक, चीन में कोरोना का पहला मामला 8 दिसंबर को पाया गया)। इसी रिपोर्ट में यह भी कहा गया कि इसी दिन के बाद से हर दिन 1 से 5 मामले सामने आए। 20 दिसंबर तक ऐसे कुल 60 मामले थे, जिनके लक्षण कुछ निमोनिया की बुखार जैसे थे लेकिन असल में इस बीमारी का कारण समझ नहीं आ रहा था। हालांकि, चीन सरकार के घोषित आंकड़ों में इस समय तक कोरोना केस से जुड़े मामलों की संख्या दहाई तक भी नहीं बताई जा रही थी।
20 जनवरी तक 4 देशों में कोरोना के कुल 282 मामले थे, 80 दिनों में यह 17 लाख हो गए
31 दिसंबर को चीन ने डब्ल्यूएचओ को इस अजीबोगरीब बीमारी के बारे में जानकारी दी थी। 7 जनवरी को चीन ने कोरोनावायरस की पहचान भी कर ली। चीन के आधिकारिक आंकड़ों के मुताबिक, 11 जनवरी तक कोरोना संक्रमितों की संख्या 41 थी। इसके बाद चीन के बाहर पहली बार 13 जनवरी को थाईलैंड में इस वायरस से संक्रमण का पहला मामला सामने आया और फिर 15 जनवरी को जापान इस वायरस की पहुंच वाला तीसरा देश बना। 20 जनवरी तक यह वायरस 4 देशों में पहुंच चुका था। इस दिन तक चीन में 278, थाईलैंड में 2 और जापान व दक्षिण कोरिया में 1-1 केस थे। 20 जनवरी के बाद इस वायरस ने ऐसी रफ्तार पकड़ी कि 80 दिनों में यह दुनियाभर के 210देशों में पहुंच गया और इससे 16 लाख 99 हजार से ज्यादा संक्रमित हो गए।
75% मौतें पांच देशों में हुईं
चीन के वुहान से शुरू हुई इस महामारी से अब तक 150 से ज्यादा देशों में मौतें हो चुकी हैं। करीब 50 देशों में इससे मरने वालों की संख्या इकाई के अंकों में हैं और करीब इतने ही देशों में मौतों का आंकड़ा दहाई के अंकों में हैं। कुल 10 देश ऐसे हैं, जहां 2 हजार से लेकर 19 हजार तक मौतें हो चुकी हैं। इन्हीं 10 देशों में 90 हजार मौतें हुई हैं यानी कुल मौतों का 90% इन्हीं देशों में हुआ। वहीं 75% मौतें सिर्फ 5 देशों में हुई हैं। इन पांच देशों में चीन शामिल नहीं है। मौतों के लिहाज से चीन का नम्बर सातवां हैं।
तारीख |
इटली में कुल मौतें |
अमेरिका में कुल मौतें |
स्पेन में कुल मौतें |
फ्रांस में कुल मौतें |
ब्रिटेन में कुल मौतें |
29 फरवरी तक |
29 |
1 | 0 | 2 | 0 |
7 मार्च तक |
233 | 19 | 10 | 16 | 2 |
14 मार्च तक |
1,441 | 57 | 196 | 91 | 21 |
21 मार्च तक |
4,825 | 301 | 1,381 | 562 | 233 |
28 मार्च तक |
10 हजार | 2,222 | 5,982 | 2,314 | 1,019 |
4 अप्रैल तक |
15 हजार | 8,457 | 11 हजार | 7,560 | 4,313 |
11 अप्रैल तक | 18 हजार+ | 18 हजार+ | 16 हजार+ | 13 हजार+ | 9 हजार+ |
इन पांच के अलावा ईरान में अब तक 4 हजार, चीन और बेल्जियम में 3-3 हजार और जर्मनी और नीदरलैंड्स में ढाई-ढाई हजार से ज्यादा मौतें हो चुकी हैं।
कुल मामलों का 90% हिस्सा 10 देशों में
जिन पांच देशों में कोरोनावायरस से सबसे ज्यादा मौतें हुईं, उन्हीं देशो में दुनियाभर के कुल कोरोना संक्रमितों का 60% (10 लाख+ ) हिस्सा है। अगर इनमें 2 हजार से ज्यादा मौतों वाले 5 अन्य देश भी जोड़ लिए जाएं तो इन 10 देशों में कुल कोरोना संक्रमितों का 90% (13.5 लाख+) हिस्सा हो जाता है।
तारीख | इटली में कुल मौतें | अमेरिकामें कुल मौतें | स्पेनमें कुल मौतें | फ्रांसमें कुल मौतें | ब्रिटेनमें कुल मौतें |
15 फरवरी तक | 3 | 15 | 2 | 12 | 9 |
22 फरवरी तक | 79 | 35 | 2 | 12 | 9 |
29 फरवरी तक | 1,128 | 68 | 58 | 100 | 23 |
7 मार्च तक | 5,883 | 435 | 525 | 949 | 209 |
14 मार्च तक | 21 हजार | 2,770 | 6,391 | 4,499 | 1,140 |
21 मार्च तक | 53 हजार | 24 हजार | 25 हजार | 14 हजार | 5,018 |
28 मार्च तक | 92 हजार | 1.24 लाख | 73 हजार | 37 हजार | 17 हजार |
4 अप्रैल तक | 1.24 लाख | 3.13 लाख | 1.26 लाख | 89 हजार | 41 हजार |
11 अप्रैल तक | 1.47 लाख | 5 लाख+ | 1.57 लाख+ | 1.25 लाख+ | 75 हजार+ |
जर्मनी में 1.20 लाख, चीन में 81 हजार, ईरान में 68 हजार और बेल्जियम, स्विटजरलैंड में 25-25 हजार से ज्यादा कोरोना संक्रमित पाए गए।
4 हफ्तों पहले अमेरिका और फ्रांस में रोजाना 8 से 10 कोरोना संक्रमितों की मौत हो रही थी, अब इन देशों में हर दिन हजार से ज्यादा लोग मर रहे
इटली में हर दिन हो रही मौतों में कुछ कमी आई है, स्पेन में भी रोजाना मौतों के इस आंकड़े में ठहराव आया है, लेकिन अमेरिका में चार हफ्ते पहले की तुलना में मौतों की संख्या 200 गुना बढ़ गई है। ब्रिटेन और फ्रांस में भी हर दिन मरने वालों की संख्या लगातार बढ़ रही है। इन दोनों देशों में रोजाना 800 से 1400 लोग मारे जा रहे हैं।
तारीख | इटली (एक दिन में मौतों का आंकड़ा) | अमेरिका(एक दिन में मौतों का आंकड़ा) | स्पेन(एक दिन में मौतों का आंकड़ा) | फ्रांस(एक दिन में मौतों का आंकड़ा) | ब्रिटेन(एक दिन में मौतों का आंकड़ा) |
7 मार्च | 36 | - | 5 | 7 | - |
14 मार्च | 175 | 9 | 63 | 12 | 10 |
21 मार्च | 793 | 46 | 288 | 112 | 56 |
28 मार्च | 889 | 525 | 844 | 319 | 260 |
4 अप्रैल | 681 | 1,330 | 749 | 1,053 | 708 |
9 अप्रैल | 610 | 1783 | 655 | 1341 | 882 |
ब्रिटेन, फ्रांस और स्पेन में हर दिन इटली के बराबर नए मामले आ रहे, अमेरिका में यह आंकड़ा इन देशों से 8 गुना ज्यादा
इटली और स्पेन में मार्च के तीसरे-चौथे सप्ताह में हर दिन कोरोना संक्रमण के 6 से 7 हजार मामले सामने आ रहे थे, लेकिन अब यहां नए मामलों में कमी आई है। ब्रिटेन और फ्रांस में नए मामले लगातार बढ़ रहे हैं। सबसे ज्यादा बढ़ोतरी अमेरिका में हो रही है। यहां इन चारों देशों की तुलना में हर दिन 8 गुना ज्यादा मामले आ रहे हैं।
तारीख | इटली (एक दिन में नए मामले) | अमेरिका(एक दिन में नए मामले) | स्पेन(एक दिन में नए मामले) | फ्रांस(एक दिन में नए मामले) | ब्रिटेन(एक दिन में नए मामले) |
7 मार्च | 1,247 | 116 | 124 | 296 | 45 |
14 मार्च | 3,497 | 587 | 1,159 | 838 | 342 |
21 मार्च | 6,557 | 4,825 | 3,925 | 1,847 | 1,035 |
28 मार्च | 5,974 | 19 हजार | 7,516 | 4,611 | 2,546 |
4 अप्रैल | 4,805 | 34 हजार | 6,929 | 7,788 | 3,735 |
9 अप्रैल | 4,204 | 32 हजार | 5,000 | 4,882 | 4,398 |
भारत में हर दिन 500 से 800 नए मामले सामने आ रहे, रोजाना 10 से ज्यादा लोग मर रहे
भारत में 30 जनवरी को केरल में कोरोना संक्रमण का पहला केस सामने आया था। वहीं, पहली मौत 11 मार्च को कर्नाटक में हुई थी। अब तक यहां कोरोना संक्रमण के 7,600 मामले सामने आ चुके हैं, 261 लोगों की मौत भी हो चुकी है। अन्य देशों की तुलना में भारत में कोरोना संक्रमण फैलने की दर धीमी है। हालांकि इसका एक कारण कम टेस्टिंग होना भी बताया जा रहा है। फिलहाल, भारत सबसे ज्यादा कोरोना मामलों की लिस्ट में 22वें नम्बर पर है। वहीं, मौतों की संख्या में वह 24वें स्थान पर है।
तारीख | कुल मामले | कुल मौतें | एक दिन में मामले | एक दिन में मौतें |
1 फरवरी | 1 | 0 | 0 | 0 |
8 फरवरी | 2 | 0 | 1 | 0 |
15 फरवरी | 3 | 0 | 1 | 0 |
22 फरवरी | 3 | 0 | 0 | 0 |
29 फरवरी | 3 | 0 | 0 | 0 |
7 मार्च | 34 | 0 | 3 | 0 |
14 मार्च | 100 | 2 | 18 | 0 |
21 मार्च | 332 | 5 | 83 | 0 |
28 मार्च | 987 | 24 | 100 | 4 |
4 अप्रैल | 3,582 | 99 | 529 | 13 |
10 अप्रैल | 7,600 | 261 | 871 | 29 |
Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today
मोदी दुनिया के इकलौते नेता, जिन्हें व्हाइट हाउस ट्विटर पर फॉलो करता है April 10, 2020 at 04:37PM
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी दुनिया के इकलौते ऐसे वैश्विक नेता हैं, जिन्हें व्हाइट हाउस ट्विटर पर फॉलो करता है। व्हाइट हाउस को 2 करोड़ 15 लाख यूजर्स फॉलो करते हैं। हाल ही व्हाइट हाउस ने दुनिया के सबसे ताकतवर और चर्चित 19 लोगों की सूची बनाई है। जिसमें प्रधानमंत्री मोदी के नाम भी शामिल है। इन 19 लोगों में 16 अकेले अमेरिकन हैं। अभी तक व्हाइट हाउस भारत से केवल पीएमओ (प्रधानमंत्री कार्यालय) और राष्ट्रपति का आधिकारिक ट्विटर हैंडल को फॉलो करता था। इसमें अब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का ट्विटर हैंडल भी शामिल किया गया है। मोदी का ट्विटर हैंडल अमेरिका के उपराष्ट्रपति माइक पेंस के बाद दूसरे नंबर है। इसके बाद इंडियन पीएमओ और प्रेसिडेंट का ऑफिशियल अकाउंट है।
Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today
अमेरिका में 24 घंटे में दो हजार लोगों ने दम तोडा; इटली में 3 मई तक लॉकडाउन बढ़ा, यहां सबसे ज्यादा 18 हजार 849 जान गई April 10, 2020 at 04:04PM
दुनियाभर में कोरोनावायरस से एक लाख दो हजार लोगों की मौत हो चुकी है। 16 लाख 97 हजार संक्रमित हैं, जबकि तीन लाख 76 हजार ठीक हो चुके हैं। अमेरिका में 24 घंटे में दो हजार 34 लोगों की मौत हुई है।यहां अब तक 18 हजार 719 लोगों की मौत हो चुकी है। इटली के बाद अमेरिका दूसरा देश हैं, जहां सबसे ज्यादा लोगों की जान गई है।दुनिया में सबसे ज्यादा संक्रमण के करीब पांच लाख दो हजार मामले अमेरिका में ही हैं।उधर, इटली के पीएम जूजेप्पे कॉन्टे ने देश में लॉकडाउन तीन मई तक बढ़ा दिया है। बीबीसी के मुताबिक, माना जा रहा है कि लॉकडाउन का यहां काफी असर हुआ है। हालांकि, कोरोना से यहां सबसे ज्यादा 18 हजार 849 लोगों की मौत हुई है।
अमेरिका: न्यूयॉर्क में 24 घंटे में 777 मौतें
अमेरिका के न्यूयॉर्क राज्य ने संक्रमण के मामले में सभी देशों को पीछे छोड़ दिया है। राज्य में अब तक एक लाख 72 हजार 358 कोरोना मरीज मिल चुके हैं। यहां 24 घंटे में 777 लोगों की मौत हुई है। इसके साथ ही मौतों का आंकड़ा सात हजार 844 हो गया है।
इटली: 24 घंटे में 570 मौतें
इटली में 24 घंटे में 570 लोगों की मौत हुई है, जबकि संक्रमण के करीब चार हजार मामले सामने आए हैं। यहां अब तक कोरोना के एक लाख 47 हजार मरीज मिल चुके हैं। इससे पहले यहां 9 मार्च से 3 अप्रैल तक लॉकडाउन लगाया गया था, जिसे 13 अप्रैल तक बढ़ा दिया गया। लेकिन, अब इसे तीन मई तक बढ़ाया गया है।
फ्रांस: अब तक 13 हजार से ज्यादा लोगों की मौत
फ्रांस में शुक्रवार को 987 लोगों ने दम तोड़ा है। इसके साथ ही वहां मौतों का आंकड़ा 13 हजार से ज्यादा हो गया है। इटली, स्पेन और अमेरिका के बाद फ्रांस चौथा देश हैं, जहां सबसे ज्यादा मौतें हुई हैं।
कोरोनावायरस : सबसे ज्यादा प्रभावित 10 देश
देश | कितने संक्रमित | कितनी मौतें | कितने ठीक हुए |
अमेरिका | 5,02,876 | 18,747 | 27,314 |
स्पेन | 1,58,273 | 16,081 | 55,668 |
इटली | 1,47,577 | 18,849 | 30,455 |
फ्रांस | 1,24,869 | 13,197 | 24,932 |
जर्मनी | 1,22,171 | 2,767 | 53,913 |
चीन | 81,953 | 3,339 | 77,525 |
ब्रिटेन | 73,758 | 8,958 | 344 |
ईरान | 68,192 | 4,232 | 35,465 |
तुर्की | 47,029 | 1,006 | 2,423 |
बेल्जियम | 26,667 | 3,019 | 5,568 |
स्रोत:https://ift.tt/37Fny4L
Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today
1061 मरीजों को हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन और एजिथ्रोमाइसिन दी, 98% तंदुरुस्त हुए, कार्डियक का खतरा भी नहीं April 10, 2020 at 02:36PM
कोरोनावायरस के इलाज के लिए दो दवाओं की सबसे ज्यादा चर्चा हो रही है। इनका नाम हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन और एजिथ्रोमाइसिन है। इस दवा से ही फ्रांस, चीन, भारत समेत अधिकांश देशों में इलाज हो रहा है और मरीज तेजी से ठीक भी हो रहे हैं। भारत में यह दवा पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध है। यही वजह है कि अमेरिका सहित दुनिया के कई देश भारत से इसकी मांग कर रहे हैं।
फ्रांस में कोरोना के 1061 मरीजों पर लगातार 3 दिनों तक इन दोनों दवाओं के जरिए इलाज किया गया। नौंवे दिन जब जांच की गई तो 973 मरीज (91.7%) पूरी तरह संक्रमणमुक्त हो गए। नतीजों में यह भी पता चला कि इस इलाज से किसी भी तरह का कार्डियक खतरा नहीं है और इसके सेवन से मरीज 98% तक पूरी तरह ठीक हो गए।
दवा कारगर है या नहीं, यही पता लगाने के लिए स्टडी की- विशेषज्ञ
फ्रांस के मार्सिले में आईएचयू मेडिटरीन इंफेक्शन के जाने-माने संक्रमण रोग विशेषज्ञ प्रोफेसर दिदिएर रोल्ट ने बताया कि हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन और एजिथ्रोमाइसिन दवा कोरोना के खिलाफ कारगर है या नहीं, इस बात का पता लगाने के लिए हमने स्टडी की। 3 मार्च से 9 अप्रैल 2020 तक 59,655 नमूने की जांच के बाद हमने 38,617 मरीजों की कोविड-19 की जांच की। इसमें से 3165 मरीज कोरोना पॉजिटिव पाए गए।
उन्होंने बताया किइनमें से 1061 मरीजों का हमने अपने इंस्टीट्यूट में इलाज किया। इन मरीजों की औसत उम्र 43.6 वर्ष थी और इनमें 492 पुरुष थे। 10 दिनों तक इसी दवा से हमने इलाज किया तो पाया कि 973 मरीज पूरी तरह ठीक हो गए। किसी भी मरीज में कार्डियक का किसी भी तरह का खतरा नहीं पाया गया।
प्रो. रोल्ट ने कहा- बचे मरीजों को संक्रमणमुक्त होने तक अस्पताल में ही रखा
प्रो. रोल्ट ने बताया किबचे 88 मरीजों में से 47 मरीजों में संक्रमण के लक्षण लंबे समय तक चलते रहे, जबकि 10 मरीजों को आईसीयू में रखना पड़ा। इस दौरान आईसीयू में 5 मरीजों की मौत हो गई। इनकी उम्र 74 से 95 साल के बीच थी। जबकि बचे मरीजों काे संक्रमणमुक्त होने तक अस्पताल में ही भर्ती रखा गया है।
देश में भी इसी दवा से इलाज, पर खुराक कितनी यह डॉक्टर बताएंगे
भारत में भी हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन-एजिथ्रोमाइसिन के जरिए कोरोनावायरस का इलाज हो रहा है। आईसीएमआर ने 11 करोड़ हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन और 25 लाख एजिथ्रोमाइसिन टैबलेट कोरोना के इलाज में जुटे डॉक्टर्स और स्वास्थ्य कर्मियों को मुहैया कराई है। आईसीएमआर ने स्पष्ट किया है कि यह दवा फिलहाल उन्हीं मरीजों को दी जा रही है, जो आईसीयू में हैं या वेंटिलेटर पर हैं। दवा कब और कितनी देनी है, यह निर्णय इलाज में जुटे डॉक्टर्स को लेना है। कोरोना जैसे लक्षण वाले मरीजों को यह दवा नहीं दी जा रही है।
Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today
जिस वुहान से पूरी दुनिया में कोरोनावायरस फैला, वहां लॉकडाउन हटने के बाद शादी के ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन 300% बढ़े April 10, 2020 at 02:35PM
चीन का शहर वुहान, जहां से कोरोनावायरस दुनियाभर में फैला। आज वहां जिंदगी पटरी पर लौट आई है।76 दिनबाद लॉकडाउन भी खत्म हो चुका है। फ्लाइट्स, ट्रेनें और बसें शुरू हो गई हैं। थियेटर, मॉल्स और सब्जी बाजार खुलने लगे हैं। यहां लॉकडाउन हटते ही लोगों में शादी की होड़ मच गई है। शादी के रजिस्ट्रेशन के लिए ऑनलाइन ऐप पर 300% ट्रैफिक बढ़ गया है।
चीन में सबसे ज्यादा इस्तेमाल किए जाने वाले पेमेंट प्लेटफॉर्म अलीपे के मुताबिक, एक साथ इतने यूजर्स ने ऐप का इस्तेमाल किया कि उसने काम करना बंद कर दिया था। हालांकि वेबसाइट क्रैश नहीं हुई। इसे बार-बार रिफ्रेश करने की जरूरत पड़ रही है। आवेदनों की संख्या अभी और बढ़ सकती है। वेडिंग ड्रेसेस की बुकिंग भी बढ़ने लगी है।
कई शहरों में प्री-वेडिंग फोटो शूट भी शुरू
चीनी टेक कंपनी ऐबेकस की ओर से बताया गया कि फरवरी और मार्च में ऐप पर शादी के रजिस्ट्रेशन बंद कर दिए गए थे। लेकिन स्थिति सामान्य होने पर शादी की तैयारियां शुरू हो गई हैं। वुहान समेत कई शहरों में प्री-वेडिंग शूट चल रहे हैं। हालांकि जरूरी सावधानियों का ध्यान रखा जा रहा है। कपल्स अलग-अलग लोकेशन पर जा रहे हैं और मनमुताबिक फोटोशूट करा रहे हैं।
रजिस्ट्रेशन के लिए हेल्थ रिपोर्ट भी देनी होगी
चीन में मैरिज रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया को पूरा करने के दौरान कपल्स को अपनी हेल्थ रिपोर्ट पेश करनी होगी। कोरोना की जांच रिपोर्ट निगेटिव होने पर भी रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया पूरी मानी जाएगी। अलीपे ऐप के प्रवक्ता ने बताया कि लॉकडाउन के कारण तलाक के लिए होने वाले अपॉइंटमेंट के मामलों में बढ़ोतरी हुई है। इसके बाद अचानक मैरिज रजिस्ट्रेशन के मामले इस कदर बढ़ेंगे, उम्मीद नहीं थी।
Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today
कोरोना से ठीक हुए डॉ. श्लेन ने कहा- बच्चों को लेकर चिंतित था, उनकी मां की जगह नहीं ले सकता, पर जीना चाहता था April 10, 2020 at 02:35PM
डॉ श्लेन बारबरा- डोनाल्ड जकर स्कूल ऑफ मेडिसिन के चेयरमैन हैं। उन्होंने बताया, ‘‘9 मार्च को सब कुछ सामान्य था। महामारी अभी दूर लग रही थी। मैं नॉर्थवेल हेल्थ सिस्टम की इमरजेंसी मैनेजमेंट को लेकर बड़ी मीटिंग में शामिल हुआ। महामारी को देखते हुए सप्लाई, खरीद और कर्मचारियों को लेकर चर्चा की। दो बार सहयोगियों से मिला। मुझे ठंड लग रही थी और अगले एक घंटे में तो कांपने लगा। बड़ी बहन जैसी मेरी असिस्टेंट ने तुरंत घर जाकर आराम करने को कहा। उस दिन मैं करीब 15 घंटे सोया।’’
डॉ बारबरा ने कहा,‘‘अगली सुबह न भूख लग रही थी न किसी काम में मन। डॉक्टर के रूप में मुझे पता था कि मैं फिलहाल ठीक हूं। ऑक्सीजन का स्तर भी ठीक था। दिन में कई बार खुद की मॉनिटरिंग की। अचानक एक रातऑक्सीजन का स्तर घटा, सांस अटकने लगी, तो सहयोगियों को फोन किया। अस्पताल में सीटी स्कैन के नतीजे चौंकाने वाले थे।फेफड़े बुरी तरह डैमेज हो रहे थे। 12 दिनों तक मैं लगभग जलतेे हुए फेफड़ों के साथ पड़ा रहा। कोरोना टेस्ट भी पॉजिटिव निकला। 66 साल की उम्र होने से मैं इससे होने वाली मौत का जोखिम जानता था।’’
7 महीने पहले हुई थी पत्नी की मौत
डॉ श्लेन ने बताया,‘‘अस्पताल केबिस्तर पर लेटा हुआ दोनों बेटों और उनके भविष्य के बारे में सोचने लगा। 7 महीने पहले उनकी मां और मेरी 37 साल की पत्नी की मौत हुई थी। वो जीना चाहती थीं, लेकिन 18 महीने कैंसर से लड़ने के बावजूद हमें छोड़ गईं। इसके बाद से हम तीनों बेहद करीब आ गए, लेकिन मैं कभी भी उनकी मां की जगह नहीं ले सकता। बिस्तर पर पड़े-पड़े मैंने तीन फोन किए। दोनों बेटों को बताया कि मैं कितना ज्यादा बीमार हो चुका हूं और डॉक्टरों की क्या चिंता है। तीसरा फोन अपने वकील और करीबी दोस्त को किया। उन्हें कहा कि मेरी हफ्ते भर भी जिंदा रहने की गारंटी नहीं है।’’
डॉ श्लेन ने कहा कि मैंने मेरे वकील से कहा, ‘‘ऐसे में मेरे बाद की सारी व्यवस्था बिना किसी दिक्कत के हो जानी चाहिए। लेकिन उसी दोपहर जैसे चमत्कार हुआ। ऑक्सीजन का स्तर सुधरने लगा। सांस लेने में थोड़ी आसानी हुई। मुझे 6 दिन तक कोविड-19 वार्ड में ऑक्सीजन सपोर्ट पर रखा गया। फेफड़ों की जलन और खांसी भी कम हुई। मौत को कभी भी एक साथ इतने दूर और करीब महसूस नहीं किया।’’
खुशकिस्मत हूं कि मेरे पास करीबी दोस्त और रिश्तेदार हैं: डॉ श्लेन
उन्होंने अस्पताल के अपने अनुभव के बारे मेंबताया,‘‘मेरे केयरटेकर अद्भुत थे। मुझे नहीं पता कि वे कैसे दिखते हैं, क्योंकि मास्क पहने होते थे। उन डॉक्टर और नर्सों का ऋणी हूं, जिन्होंने मेरी मदद की। मुझे ठीक हुए 13 दिन हो गए हैं। खुद को और मजबूत महसूस करता हूं। छोटा बेटा खाना पकाता है। हम बड़े बेटे से रोज वीडियो चैट करते हैं। खुशकिस्मत हूं कि मेरे पास करीबी दोस्त और रिश्तेदार हैं। उनके मैसेज और फोन कॉल मेेरी लाइफ लाइन बन गए हैं।’’
Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today
ड्यूटी से लौटी नर्स बेटी को देखते ही मां ने उसे चादर में लपेटा और गले लगाया, बोली- तुरंत गले लगाना चाहती थी, पर सुरक्षा भी जरूरी April 10, 2020 at 02:35PM
एक तरफ कोरोनावायरस का संक्रमण दुनियाभर में तबाही मचा रहा है। वहीं, दूसरी तरफ वायरस के संक्रमण से बचने को लेकर कुछ मिसालें भी देखने को मिल रही हैं। ऐसा ही एक वाकया अमेरिका में देखने को मिला। 28 साल की केल्सी केर अमेरिका के ओहियो में नर्स हैं। कोरोना संकट में ड्यूटी की वजह से वे करीब एक महीने से घर से दूर थीं। गुरुवार को वो कुछ जरूरी सामान लेने के लिए घर लौटीं, तो मां चेरिल नॉर्टन पहले तो दूर खड़ी अपनी बेटी को देखते रहीं। थोड़ी ही देर बाद उन्होंने चादर उठाई, अपनी बेटी को पूरी तरह लपेटा औरउससे लिपटकर रो पड़ी।
मैं नहीं चाहती थी कि बेटी के साथ भी ऐसा हो- चेरिल
इस वाकये को याद करते हुए चेरिल ने कहा-करीब एक महीने बाद मुझे जब उसे देखने का मौका मिला, तो मैं यह जानना चाहती थी कि वो पूरी तरह ठीक है या नहीं। मैं उसे देखते ही दौड़कर अपने आगोश में समेटना चाहती थी, लेकिन सुरक्षा का ध्यान रखना भी जरूरी था। मैंने तुरंत लॉन्ड्री बैग में से चादर उठाई और केल्सी को लपेटकर सीने से लगा लिया। मैंने सोशल मीडिया पर देखा है कि बहुत से स्वास्थ्यकर्मी बहुत अलग-थलग महसूस कर रहे हैं और मैं नहीं चाहती थी कि बेटी के साथ भी ऐसा हो।’
यह बेहद शानदार अनुभव है- केल्सी
केल्सी ने कहा, ‘मैं घर पर कार भेज देती थी और मां-पिता जरूरत का सामान उसमें रखकर भिजवा देते थे। मां का इस तरह अचानक गले लगाना मेरे लिए स्पेशल गिफ्ट है। यह बेहद शानदार अनुभव है।’
Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today
कोरोना से लड़ाई के लिए भारतीय-अमेरिकी अधिकारियों ने 4 करोड़ 55 लाख रुपए जुटाए, चलो गिव अभियान शुरू किया April 10, 2020 at 12:00AM
भारत और अमेरिका के टाॅप कॉर्पोेरेट अधिकारियों ने कोरोनावायरस से लड़ाई में सहयोग के लिए ‘चलो गिव’ ऑनलाइन कैम्पेन शुरू किया है। इसके तहत 6 लाख डॉलर यानि 4 करोड़ 55 लाख रुपए जुटाए लिए गए हैं। यह राशि भारत और अमेरिका में कोरोना महामारी के कारण जरूरतमंदों की मदद के लिए जुटाई गई है। चलो गिव के तहत 5 लाख डॉलर की राशि के बाद शुक्रवार को शुरू हुए ऑनलाइन कैम्पेन के लिए एक लाख डॉलर और जुटाए गए।
इस बारे में पेप्सिको की पूर्व सीईओ इंद्रा नुई ने कहा, ‘‘इस महामारी ने पहले से भूखे लोगों के सामने खाने का संकट और बढ़ा दिया है। इस पल हमें अपने समाज, परिवार और समुदाय के लिए आगे आना चाहिए। हमें सिर्फ अभी के लिए नहीं बल्कि भविष्य के लिए भी तैयार रहना होगा। भारत और अमेरिका में सबसे बड़ी चुनौती भूख से निपटना है।’’
यह प्रवासी भारतियों को एक करने का अवसर है
इस अभियान के प्रमुख दानदाता सिलिकन वैली स्थित सीरियल एंत्रेप्रेन्योर और वेंचर कैपिटलिस्ट व इंडियास्पोरा के फाउंडर्स सर्कल मेंबर आनंद राजारमन और उनकी पत्नी कौशि एडिसेशन ने कहा, "‘कोरोनावायरस के कारण हमें एक विकट स्थिति का सामना करना पड़ रहा है। इस महामारी को रोकने के लिए दुनिया भर में विशेष कदम उठाए गए हैं। इससे भारत और अमेरिकी समाज के कमजोर वर्गों के लिए विशेष चुनौतियां का सामना करना पड़ा है। यह प्रवासी भारतियों को एक करने का अवसर है। जिससे कि लोगाें की मदद की जा सके।’’
यह समय लोगों की मदद करने का है
मैसाचुसेट्स जनरल अस्पताल में इंडियास्पोरा बोर्ड की सदस्य और फिजिशियन सेजल हेथी ने कहा, ‘‘सभी की आंखें अस्पतालों पर लगी हैं। पूरी दुनिया में पहले से गरीबी से परेशान लोगों को इस महामारी ने और संकट में धकेल दिया है। ऐसे समय में भारतीयों मूल के लोगों को एक समुदाय की तरह एक साथ आने की और जरूरतमंदों को खाना उपलब्ध कराने की अब ज्यादा जरूरत है। यह समय संकट से गुजरने वाले और हाशिए पर पड़े लोगों की मदद करने का है।’’
एक-दूसरे की मदद से मिसाल पेश कर सकते हैं
एक्सिलोर वेंचर्स के चेयरमैन और आईटी सर्विसेज कंपनी इन्फोसिस के संस्थापक क्रिस गोपालकृष्णन ने कहा, ‘"इस संकट ने पहले से मुश्किलें उठा रहे लोगों के लिए जिंदा रहने के लिए और भी परेशानियां खड़ी कर दी हैं। जिस तेज दुनिया में हम रह रहे हैं, उसे देखते हुए भारत और उसके प्रवासी एक-दूसरे की मदद से अनोखी और शक्तिशाली मिसाल पेश कर सकते हैं।’’
गर्व से अभियान का समर्थन करता हूं
पूर्व अमेरिकी सर्जन जनरल डॉ विवेक मूर्ति ने कहा, ‘‘पब्लिक हेल्थ इमरजेंसी के दौरान यह आवश्वयक है कि कमजोर वर्ग तक भोजन पहुंचाया जाए, क्योंकि यही आबादी अभी सबसे अधिक जोखिम में हैं। उन्होंने कहा, मैं गर्व से इस अभियान का समर्थन करता हूं। इस अभियान का प्रभाव भी दूर तक होगा।’’
रोहिणी और नंदन नीलेकणी और नंदिता दास ने किया समर्थन
भारत में रोहिणी और नंदन नीलेकणी, बॉलीवुड अभिनेत्री नंदिता दास ने भी अभियान के लिए अपना समर्थन दिया है और खाद्य असुरक्षा से जूझ रहे लोगों को राहत देने की बात कही है। रोहिणी निलेकणी ने कहा, ‘‘गूंज एक ऐसा संगठन है जिस पर हम स्वास्थ्य और आजीविका के दोहरे संकट के दौर में भरोसा कर सकते हैं। इसके पास अपने हर हितधारक की गरिमा को बनाए रखते हुए सबसे अधिक संवेदनशील सेवा करने का सालों का अनुभव है। एक बार फिर ऐसा समय आया है जब आपदाओं के बीच इसे बेहतर प्रदर्शन करना है। हम कई सालों से गूंज को सपोर्ट कर रहे हैं।’’
अवसर मिला यह खुशी की बात
गूंज संस्थापक और एक मैग्सेसे अवार्डी अंशु गुप्ता ने कहा, ‘‘आपदाओं के लिए काम करने के अनुभव के बाद भी छोटे और मझोले आकार की आपदाओं के लिए संसाधन जुटाने में काफी पूछपरख करनी पड़ती है। इस महामारी के लिए भारतीय-अमेरिकी इंडियास्पोरा के साथ काम करने के लिए अवसर मिला है, यह हमारे के लिए खुशी की बात है।’’
चलो गिव अभियान के आभारी है
फीडिंग अमेरिका के सीईओ क्लेयर बेबिनॉ-फोंटेनोट ने कहा, ‘‘देश और हमारे फूड बैंक नेटवर्क को संगठन के इतिहास में चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है। हम वास्तव में कोविड-19 के लिए चलो गिव अभियान के माध्यम से अमेरिका को खिलाने के अपने समर्थन के लिए इंडिस्पोरा के आभारी हैं। अनिश्चितता के इस समय के दौर में यह प्रयास पूरे अमेरिका के अनगिनत परिवारों के लिए खाना की जरूरत पूरी कर सकेगा।’’
Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today
लॉकडाउन के लिए लोगों में डर पैदा कर रही सरकार, 600 कब्र खोदीं और बताया ये कोरोना से मरने वालों के लिए जबकि शहर में एक भी मौत नहीं हुई April 09, 2020 at 11:20PM
यूक्रेन में डर पैदा करके लोगों को लॉकडाउन का पालन करने की सख्त हिदायत दी जा रही है। तरीका थोड़ा दिलचस्प है। यूक्रेन के निपरो शहर में 600 कब्र खोदीगई हैं। लोगों को यह बताया गया है कि यह सब कोरोना से मरने वाले लोगों के लिए हैं। यहां के मेयर बोरेस फिलातोव ने अपनी फेसबुक पोस्ट में कब्र खोदे जानेकी जानकारी दी है। इस शहर में कोरोनावायरस के अब तक 13 मामले सामने चुके हैं हालांकि अब तक एक भी मौत नहीं हुई है।
अब तक कोरोना से मौत नहीं पर दफनाने की तैयारी पूरी
मेयर बोरेस फिलातोव शहर में कोरोना के मामले रोकने के लिए हर संभव तरीका अपना रहे हैं। बोरेस ने अपनी फेसबुक पोस्ट में लिखा, स्थानीय प्रशासन बुरी सेबुरी स्थिति का सामना करने लिए तैयारी में जुटा है। कोरोना से होने वाली मौतों की तैयारी की जा रही है। शहर में मौत के बाद इंसानों को दफनाने के लिए 600कब्र खोदी जा चुकी हैं।
कब्र के लिए एक हजार प्लास्टिक बैग मौजूद
मेयर बोरेस के मुताबिक, हम सबसे बुरी स्थिति का सामना करने के लिए खुद को तैयार कर रहे हैं। 400 नहीं, 600 कब्र खोदी जा चुकी हैं। कोरोना से मरने वालेलोगों के लिए पहले ही एक हजारप्लास्टिक बैग मंगाए जा चुके हैं। मेयर के प्रवक्ता ने न्यूज एजेंसी एएफपी को बताया, अब तक 615 कब्र खोदी जा चुकी हैं और 2 हजार बॉडी बैग तैयार कराए जा रहे हैं।
जनता ने मेयर पर लगाया परेशान करने का आरोप
मेयर पहले ही बयान दे चुके हैं कि कोरोना पीड़ितों की जांच चिकित्साकर्मी नहीं करेंगे क्योंकि ऐसा करने से उनकी भी संकम्रण से मौत हो सकती है। इसके बाद क्रबों की तस्वीरें सोशल मीडिया पर वायरल की गईं। तस्वीरें सामने के बाद शहर के लोगों ने मेयर पर परेशान करने का आरोप लगाया है। उनका कहना है कि मेयर उन्हें मनोवैज्ञानिक तौर पर परेशान करके बेचैनी बढ़ा रहे हैं।
लोगों का विरोध सामने के बाद मेयर का कहना है कि ऐसा लोगों को पैनिक करके लिए नहीं किया गया है, यह बचाव करने का एक तरीका है।
Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today