Monday, January 6, 2020
Pakistan bar council opposes move to extend Army chief Bajwa's tenure January 06, 2020 at 09:03PM
युद्ध की स्थिति में वहां की सांस्कृतिक धरोहरें नहीं बचेंगी: ट्रम्प, रक्षा मंत्री बोले- जंग कानून के तहत ही होगी January 06, 2020 at 07:59PM
वॉशिंगटन. अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने हाल ही में कहा था कि अगर ईरान ने हमले की कोशिश की, तो हमारे निशाने पर उसके 52 ठिकाने हैं। ट्रम्प ने कहा था कि इनमें कई ठिकाने इराकी और ईरानी संस्कृति के लिए बेहद अहम हैं। ट्रम्प के इस बयान पर संयुक्त राष्ट्र समेत कई देशों ने उनकी आलोचना की। अब अमेरिकी रक्षा मंत्रालय- पेंटागन ने भी ट्रम्प की राय से दूरी बना ली है। अमेरिकी रक्षा मंत्री मार्क एस्पर ने सोमवार को कहा कि हम युद्ध के कानून के तहत ही जंग लड़ेंगे। जब एस्पर से पूछा गया कि क्या इसका मतलब यह है कि वेसांस्कृतिक धरोहरों कोनिशाना नहीं बनाएंगे, क्योंकि यह वॉर क्राइम है? इस पर एस्पर नेकहा- युद्ध का कानून तो यही कहता है।
राष्ट्रपति और रक्षा मंत्री के बीच बयानों का यह फर्क ऐसे समय में आया है, जब ईरान-अमेरिका के बीच तनाव चरम पर है। अमेरिका ने हाल ही में ईरान की कुद्स सेना के जनरल कासिम सुलेमानी को मार गिराया था। इसके बाद ईरान ने अमेरिका को बदला लेने की धमकी दी थी। ट्रम्प ने कहा था कि ईरान ने अगर युद्ध छेड़ने की कोशिश की तो वे ईरान के 52 ठिकानों को निशाना बनाएंगे। इनमें सांस्कृतिक स्थल भी शामिल होंगे।
पोम्पियो ने भी कही अंतरराष्ट्रीय कानून के तहत कार्रवाई की बात
ट्रम्प के इस बयान की गंभीरता को विदेश मंत्री माइक पोम्पियो भी कम करने की कोशिश कर चुके हैं। पोम्पियो ने कहा था कि अमेरिका अंतरराष्ट्रीय कानून के तहत ही जवाब देगा। हालांकि, ट्रम्प ने इसे नजरअंदाज करते हुए एक और ट्वीट में कहा था- “ईरान हमारे लोगों को मारने या टॉर्चर करने की कोशिश करता है, वह बम लगाकर हमारे लोगों को उड़ाता है और हम उनकी सांस्कृतिक धरोहरों को छू भी नहीं सकते। चीजें इस तरह तो नहीं चलतीं। लेकिन अंतरराष्ट्रीय कानून यही कहता है।”
किस-किस ने की ट्रम्प के बयान की आलोचना?
यूएन की सांस्कृति धरोहरों की देखरेख करने वाली संस्था ‘यूनेस्को’ के निदेशक ऑड्री अजूले ने कहा, “अमेरिका और ईरान दोनों ने 1954 और 1972 के कन्वेंशन पर हस्ताक्षर किए हैं। इसके तहत दोनों को युद्ध की स्थिति में प्राकृतिक और सांस्कृतिक धरोहरों की रक्षा करनी है। हालांकि, ट्रम्प ने 2018 में यूनेस्को पर इजराइल के साथ भेदभाव का आरोप लगाकर खुद को इन समझौतों से बाहर कर लिया था।
अमेरिका की डेमोक्रेटिक पार्टी की सीनेटर एलिजाबेथ वॉरेन और क्रिस मर्फी ने कहा कि ट्रम्प वॉर क्राइम करने की धमकी दे रहे हैं। यह ईरान के विदेश मंत्री जावेद जरीफ की तरह के ही बयान हैं।
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धुएं के कारण हवा की गुणवत्ता बेहद खराब, ऑस्ट्रेलियन ओपन पर खतरा; आग में अब तक 2 हजार घर जले January 06, 2020 at 07:11PM
खेल डेस्क. दक्षिण पूर्व ऑस्ट्रेलिया के जंगलों में सितंबर से लगी आग से अब तक 2 हजार से ज्यादा घर जल चुके हैं। करीब 1.2 एकड़ जंगल में फैली आग के कारण 25 लोग और 48 करोड़ जानवरों की मौत हो चुकी। मेलबर्न और सिडनी समेत अन्य प्रभावित क्षेत्रों में हवा की गुणवत्ता बेहद खराब है। प्रशासन ने सोमवार को स्वास्थ्य संबंधी चेतावनी जारी की है। इसके कारण 20 जनवरी से 2 फरवरी तक होने वाले ऑस्ट्रेलियन ओपन पर भी खतरा मंडरा रहा है।
ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन ने आग को नियंत्रण में करने के लिए मदद की पेशकश की है। उन्होंने इस मामले में ऑस्ट्रेलियाई प्रधानमंत्री स्कॉट मॉरिसन से भी बात की है। आग से अब तक 25 लोगों की जान जा चुकी है। मॉरिसन ने सोमवार को नेशनल बुशफायर रिकवरी एजेंसी का गठन कर दो अरब डॉलर देने की घोषणा की थी।
‘ऑस्ट्रेलियन ओपन तय समय पर होगा’
दुनिया के नंबर-2 टेनिस खिलाड़ी और 7 बार ऑस्ट्रेलियन ओपन जीत चुके नोवाक जोकोविच ने भी चिंता जताई है। उन्होंने कहा कि मेलबर्न में हवा की गुणवत्ता बेहद खराब है। ऑस्ट्रेलियन ओपन को लेकर अधिकारियों और खिलाड़ियों के बीच चर्चा हो सकती है। संभावना है कि टूर्नामेंट की तारीख को आगे बढ़ाया जा सकता है। टेनिस ऑस्ट्रेलिया प्रमुख क्रैग टिले ने उम्मीद जताई है कि टूर्नामेंट तय समय पर हो सकता है।
विक्टोरिया और न्यू साउथ वेल्स सबसे ज्यादा प्रभावित
यह आग ऑस्ट्रेलिया के विक्टोरिया और न्यू साउथ वेल्स राज्य के तटीय इलाके में सबसे ज्यादा फैली है। यहां के सिडनी, माल्लाकूटा, वॉलेमी नेशनल पार्क, पोर्ट मैक्यूरी, न्यूकॉस्टल और ब्लूमाउंटेन्स इलाके के जंगलों में सबसे ज्यादा असर हुआ।
बार्टी ब्रिस्बेन इंटरनेशनल टूर्नामेंट की अपनी प्राइज मनी दान देंगी
ऑस्ट्रेलिया में 4 जनवरी से ब्रिस्बेन इंटरनेशनल टूर्नामेंट शुरू हो चुका है। दुनिया की नंबर-1 टेनिस खिलाड़ी एश्ले बार्टी ने कहा कि वे ब्रिस्बेन इंटरनेशनल की अपनी प्राइज मनी पीड़ितों को देंगी। ऑस्ट्रेलिया की बार्टी जानवरों के लिए काम कर रही रॉयल सोसाइटी को 15 लाख रुपए दे चुकी हैं। उन्हें उम्मीद है कि वे कम से कम 1.8 करोड़ रुपए रेड क्रॉस सोसाइटी को देंगी। क्रिकेटर ग्लेन मैक्सवेल, क्रिस लिन, मैथ्यू रेनशॉ और डीआर्सी शॉर्ट भी बिग बैश लीग के अपने हर छक्के पर 18 हजार रुपए पीड़ितों को देंगे।
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अमेरिकी जनरल ने कहा- सेना जल्द इराक छोड़ेगी, रक्षा मंत्री एस्पर बोले- अभी ऐसा कोई विचार नहीं January 06, 2020 at 05:56PM
वॉशिंगटन/बगदाद/तेहरान. अमेरिकी रक्षा मंत्री मार्क एस्पर ने कहा है कि अमेरिकी सेना अभी इराक नहीं छोड़ेगी। इराकी संसद ने एक दिन पहले ही अमेरिकी सेना को इराक छोड़ने के लिए कहा था। इसके बाद मीडिया में इराक में तैनात अमेरिकी ब्रिगेडियर जनरल विलियम सिली का पत्र वायरल हुआ। इसमें इराक सरकार से कहा गया था कि हम आपकी स्वायत्ता की कद्र करते हैं और जल्द सेनाओं को वापस बुलाएंगे।
ऐसी चिट्ठी लिखना गलती थी: ज्वाइंट चीफ ऑफ स्टाफ
इस वायरल चिट्ठी पर एस्पर ने कहा कि अभी हमने इराक छोड़ने पर कोई फैसला नहीं लिया है। हमें नहीं पता कि यह पत्र क्या है और कहां से आया है। लेकिन हम इराक नहीं छोड़ रहे। उनके बाद अमेरिकी सेना के सबसे बड़े अफसर ‘ज्वाइंट चीफ ऑफ स्टाफ’ जनरल मार्क माइली ने प्रेस कॉन्फ्रेंस की। उन्होंने कहा कि यह चिट्ठी गलती से बाहर आ गई। उन्होंने कहा कि चिट्ठी की ड्राफ्टिंग ठीक से नहीं हुई। इसे साइन नहीं किया जाना था। जनरल माइली ने कहा कि अमेरिकी सेना अभी इराक नहीं छोड़ेंगी।
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ईरान से बढ़ते तनाव के बीच अमेरिका हिंद महासागर में 6 बम वर्षक विमान तैनात करेगा January 06, 2020 at 05:43PM
वॉशिंगटन. अमेरिकी सेना ने ईरान के साथ बढ़ते तनाव के बीच हिंद महासागर में छह बी-52 बम वर्षक विमान तैनात करने की योजना बनाई है। हमलावर विमान ब्रिटिश क्षेत्र के डियागो गार्सिया में तैनात किया जाएगा।
सीएनएन ने एक अधिकारी के हवाले से सोमवार को बताया कि बम वर्षक विमान तैनात करने का ये मतलब नहीं है कि ईरान के खिलाफ हमले का आदेश दिया गया है। सेना पारंपरिक रूप से सैन्य बल की मौजूदगी और क्षमता दिखाने के लिए लंबी दूरी के हमलावर विमानों को तैनात करेगा।
ईरान की सांस्कृतिक जगहें भी अमेरिकी निशाने पर
दो दिन पहले ट्रम्प ने ईरान को धमकी देते हुए कहा था कि अगर वे अमेरिका के खिलाफ कोई भी कदम उठाते हैं तो हम इसका जोरदार जवाब देंगे। ईरान के 52 ठिकानें हमारे निशाने पर हैं। इनमें कई सांस्कृतिक जगहें भी हैं।
इराक ने अमेरिकी सैनिकों को देश छोड़ने के लिए कहा
पिछले हफ्ते ट्रम्प ने ड्रोन हमले का आदेश दिया था, जिसमें ईरानी कुद्स फोर्स कमांडर मेजर जनरल कासिम सुलेमानी मारा गया था। इसके बाद इराक ने रविवार को अमेरिकी सैनिकों और अन्य विदेशी सैनिकों को देश छोड़ने के लिए कहा था। वहीं, ईरान ने अमेरिका से बदला लेने की बात कही थी।
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मोदी ने ट्रम्प को नए साल की बधाई दी, कहा- हमारे बीच रिश्ते गहरे हुए, आगे भी द्विपक्षीय सहयोग बरकरार रखेंगे January 06, 2020 at 04:31PM
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क्लिंटन ने महाभियोग से बचने के लिए इराक पर हमले का आदेश दिया था, इसके 22 साल बाद ट्रम्प ने भी यही फैसला लिया January 06, 2020 at 04:29PM
वॉशिंगटन. राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प (रिपब्लिकन) और पूर्व राष्ट्रपति बिल क्लिंटन (डेमोक्रेट) में एक अनोखी समानता है। दोनों के लिए जब हाउस ऑफ रिप्रेजेंटेटिव (संसद के निचले सदन) में महाभियोग प्रस्ताव लाया गया तो उन्होंने मध्य पूर्व के एक देश में हमला करवा दिया। क्लिंटन ने तब इराक पर मिसाइल दागने के आदेश दिए थे। वहीं, ट्रम्प ने भी ईरान के सैन्य कमांडर को मारकर मध्य पूर्व में तनाव बढ़ा दिया है।
अमेरिका के 42वें राष्ट्रपति बिल क्लिंटन पर 1998 में महाभियोग प्रस्ताव लाया गया था। तब कहा गया था कि एयरस्ट्राइक का आदेश देकर वे रिपब्लिकन द्वारा अपने खिलाफ लाए गए महाभियोग प्रस्ताव से बचाव करना चाहते थे। हाल ही में ट्रम्प के खिलाफ भी महाभियोग प्रस्ताव लाया गया है। उन्होंने भी ईरान के विशेष सुरक्षा बल कुद्स के कमांडर कासिम सुलेमानी की हत्या करवाकर मिडिल ईस्ट में तनाव बढ़ा दिया है।
इराक पर बिना किसी चेतावनी के 24 घंटे तक 200 से ज्यादा मिसाइलें गिराई गईं
न्यूयॉर्क टाइम्स में 17 दिसंबर 1998 को इराक पर हुए एयर स्ट्राइक को लेकर एक खबर प्रकाशित हुई थी। इसके मुताबिक, उस दिन टेलीविजन पर बगदाद में हुए विस्फोटों की भयानक तस्वीर नजर आई। पूरा शहर आग की लपटों में घिरा था। अमेरिकी रक्षा विभाग पेंटागन ने कहा था कि इराक पर बिना रणनीति या किसी चेतावनी के 24 घंटे तक 200 से ज्यादा मिसाइलें गिराई गईं। रक्षा विभाग के मुताबिक, संयुक्त राष्ट्र के निरीक्षक ने रिपोर्ट दी थी कि तत्कालीन राष्ट्रपति सद्दाम हुसैन फिर से निरीक्षकों के काम को विफल करने में लगे थे।
एसोसिएटेड प्रेस के मुताबिक, 17 दिसंबर को सद्दाम ने बगदाद में इराक के लोगों से कहा था कि हमें भगवान के दुश्मनों, राष्ट्र के दुश्मनों और मानवता के दुश्मनों से लड़ना है। भगवान केवल हमारे पक्ष में हैं। अभी और फैसले के दिन उनकी हार होगी। वहीं, इराक में किए गए हमले से उठे विवाद के बाद रिपब्लिकन नेताओं ने 17 दिसंबर को अमेरिकी इतिहास में दूसरे महाभियोग वोट के लिए बहस शुरू करने की अपनी योजनाओं को स्थगित कर दिया।
क्लिंटन के समय सीनेट ने महाभियोग प्रस्ताव खारिज किया
क्लिंटन पर एक व्यापक ज्यूरी के सामने झूठी गवाही देने और न्याय में बाधा डालने का आरोप था। उनपर उस समय व्हाइट हाउस में इंटर्न मोनिका लेंवेस्की से संबंध की बात भी सामने आई थी। क्लिंटन डमोक्रेटिक पार्टी से थे। हाउस ऑफ रिप्रेजेंटेटिव (प्रतिनिधि सभा) ने महाभियोग को मंजूरी दी थी। उस समय भी सीनेट पर रिपब्लिकन का नियंत्रण था। इसके बावजूद सीनेट ने महाभियोग प्रस्ताव खारिज कर दिया था।
आखिर ट्रम्प पर महाभियोग चलाया क्यों जा रहा है?
- अमेरिकी संसद के निचले सदन प्रतिनिधि सभा यानी हाउस ऑफ रिप्रेजेंटेटिव ने ट्रम्प के खिलाफ दो आरोप लगाए हैं।
- पहला आरोप सत्ता के दुरुपयोग का और दूसरा संसद के काम में अड़चन डालने का।
- पहले आरोप का प्रस्ताव 197 के मुकाबले 230 मतों से पास हुआ जबकि दूसरा प्रस्ताव 198 के मुकाबले 229 वोट से पास हुआ।
ट्रम्प पर आरोप है कि उन्होंने यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोडीमिर जेलेंस्की पर 2020 में डेमोक्रेटिक पार्टी के संभावित उम्मीदवार जो बाइडेन और उनके बेटे के खिलाफ भ्रष्टाचार की जांच के लिए दबाव बनाया। बाइडेन के बेटे यूक्रेन की एक ऊर्जा कंपनी में बड़े अधिकारी हैं। राष्ट्रपति पर आरोप है कि उन्होंने अपने राजनीतिक लाभ के लिए यूक्रेन को मिलने वाली आर्थिक मदद को रोक दिया था।
निचले सदन में महाभियोग प्रस्ताव पास
ट्रम्प के खिलाफ संसद के निचले सदन में महाभियोग प्रस्ताव पास हो गया है। अब रिपब्लिकन पार्टी की बहुमत वाली सीनेट में जांच शुरू होगी। यह जांच नेताओं की समितियां करेंगी। अगर समिति यह तय करती है कि ट्रम्प के खिलाफ आरोप तय किए जाएं तो इस पर सदन के सदस्य मतदान करेंगे। अगर ट्रम्प के खिलाफ दो तिहाई बहुमत के साथ अभियोग सिद्ध हो जाते हैं तो वह अमेरिकी इतिहास में महाभियोग की प्रक्रिया से पद से हटाए जाने वाले पहले राष्ट्रपति होंगे।
ट्रम्पसीनेट में महाभियोग प्रस्ताव लाया जाएगा
राष्ट्रपति ट्रम्प के खिलाफ अब सीनेट में महाभियोग प्रस्ताव लाया जाएगा। हालांकि, 100 सीटों वाले सीनेट में रिपब्लिकन पार्टी बहुमत में है। उसके 53 सांसद हैं और डेमोक्रेट पार्टी के पास 47 सांसद। उच्च सदन में ट्रम्प को हटाने के लिए डेमोक्रेट्स को दो-तिहाई बहुमत की जरूरत होगी। यानी ट्रम्प के खिलाफ करीब 67 सांसदों को वोट करना होगा, जो कि बेहद मुश्किल है।
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Three held in Greece over Bulgarian fan's death in Thessaloniki January 06, 2020 at 04:58AM
Main accused in Nankana Sahib vandalism held in Pakistan January 05, 2020 at 10:29PM
शादी समारोह में इमरान के मंत्री और पत्रकार के बीच मारपीट, अश्लील वीडियो से जुड़ा है मामला January 05, 2020 at 08:31PM
लाहौर. इमरान खान सरकार में मंत्री फवाद चौधरी और एक पत्रकार मुबाशिर लुकमान के बीच रविवार को मारपीट हुई। पहले फवाद ने जर्नलिस्ट को थप्पड़ मारा। जवाब में जर्नलिस्ट ने मंत्री की धुलाई कर दी। बाद में कुछ मेहमानों ने बीचबचाव किया। खास बात ये है कि घटना पंजाब प्रांत सरकार में मंत्री मोहसिन लेघारी के बेटे की शादी के रिसेप्शन में हुई। लुकमान ने मंत्री के खिलाफ लाहौर के एक थाने में एफआईआर दर्ज कराई। आरोप है कि कुछ देर बाद ही केस दर्ज करने वाले इंस्पेक्टर का तबादला कर दिया गया। लुकमान ने अपने टीवी शो में आरोप लगाया था कि फवाद और टिकटॉक स्टार हरीम शाह के अश्लील वीडियो जल्द ही वायरल होने वाले हैं।
रिसेप्शन में मारपीट
‘द डॉन न्यूज’ के मुताबिक, रविवार को पंजाब के मंत्री मोहसिन लेघारी के बेटे की शादी का रिसेप्शन था। फवाद चौधरी कुछ और मंत्रियों के साथ यहां मौजूद थे। तभी सामने से उन्हें पत्रकार मुबाशिर लुकमान आते दिखे। चौधरी ने उन पर कुछ कमेंट किया। इसका जवाब जर्नलिस्ट ने दिया। बात बहस और फिर मारपीट में तब्दील हो गई। पहले चौधरी ने लुकमान को चांटा मारा। जवाब में लुकमान ने कई थप्पड़ मिनिस्टर साहब को जड़ दिए। बाद में चौधरी ने कहा, “मिनिस्टर होने का यह मतलब नहीं कि कोई मुझ पर हाथ उठाए और मैं चुप रह जाऊं।” पिछले साल जून में भी चौधरी ने एक पत्रकार समी इब्राहिम की पिटाई की थी।
झगड़े की असल वजह क्या?
लुकमान पाकिस्तान के सबसे अमीर और लोकप्रिय टीवी जर्नलिस्ट हैं। उनके निजी विमान में टिकटॉक स्टार हरीम शाह और संदल खटक ने वीडियो बनाया था। इस मुद्दे पर बहस चल ही रही थी कि लुकमान ने शनिवार को अपने शो में खुलासा किया कि फवाद चौधरी के कई अश्लील वीडियो हरीम और संदल के पास हैं। और ये जल्द ही सार्वजनिक हो जाएंगे। शो में दावा किया गया कि हरीम प्रधानमंत्री इमरान के भी काफी करीब हैं और उनसे मिलती रहती हैं। चौधरी टीवी पर कही इन्हीं बातों से नाराज थे। उन्होंने लुकमान को चुप रहने अन्यथा गंभीर परिणाम भुगतने की धमकी भी दी थी। बाद में टीवी पर चौधरी ने माना कि उनके और मुबाशिर के बीच मारपीट हुई थी।
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