Sunday, May 17, 2020
इस हफ्ते 161 भारतीयों को वापस भेजा जाएगा, इनमें से ज्यादातर गैर कानूनी ढंग से दूसरे देशों की सीमा पार कर पहुंचे थे May 17, 2020 at 07:48PM
अमेरिका ने इस हफ्ते 161 भारतीयों को वापस भेजने का फैसला किया है। इनमें से ज्यादातर गैर कानूनी तरीके से अमेरिका गए थे। ये भारतीय अमेरिका की मेक्सिको से लगी दक्षिणी सीमा से वहां दाखिल हुए थे। अब इनके अमेरिका में रुकने के सभी कानूनी विकल्प खत्म हो चुके हैं। ये सभी फिलहाल अमेरिका की जेलों में बंद हैं। इन्हें विशेष चार्टर विमान से पंजाब के अमृतसर लाया जाएगा।
नार्थ अमेरिकन पंजाबी एसोसिएशन (एनएपीए) के कार्यकारी निदेशक सतनाम सिंह चहल के मुताबिक, गैरकानूनी ढंग से देश में घुसने वाले 1,739 भारतीय अमेरिकाकी 95 जेलों में बंद हैं। इन्हें अमेरिका के कस्टम या इमिग्रेशन विभाग ने गिरफ्तार किया है।
वापस भेजे जाने वालों में सबसे ज्यादा हरियाणा के
वापस भारत भेजे जाने वाले लोगों में सबसे ज्यादा 76 लोग हरियाणा के हैं। वहीं, पंजाब के 56 , गुजरात के 12 , उत्तर प्रदेश के पांच, महाराष्ट्र के चार, केरल, तेलंगाना और तमिलनाडु के दो-दो, आंध्र प्रदेश और गोवा के एक-एक व्यक्ति भी भारत वापस भेजे जाएंगे। एनएपीए के मुताबिक इनमें तीन महिलाएं हैं और हरियाणा का 19 सालका एक किशोर भी शामिल है। इन लोगों के अलावा जो लोग अब भी अमेरिका के जेलों में बंद है उनका क्या होगा अभी इस पर कोई फैसला नहीं लिया गया है।
एजेंट भारतीयों को गैर कानूनी ढंग से अमेरिका भेज रहे
चहल के मुताबिक, उत्तर भारत में सक्रिय कुछ एजेंटों की वजह से अमेरिका में गैर कानूनी ढंग से आने वाले भारतीयों की संख्या बढ़ी है। एजेंट एक व्यक्ति को अमेरिका भेजने के लिए 30 से 35 लाख रुपए लेते हैं। लोगों को वैध दस्तावेज नहीं दिए जाते। ऐसे में पकड़े जाने पर ये लोग भारत में हिंसा या उत्पीड़न होने की बात कहकर अमेरिका में शरण मांगते हैं। हालांकि पिछले कुछ साल से अमेरिकी जज इन लोगों की याचिकाएं खारिज कर रहे हैं। इससे उनकी मुश्किलें बढ़ जाती हैं। एनएपीए ने भारत और पंजाब सरकार से गैर कानूनी ढंग से लोगों को विदेश भेजने वाले एजेंटो पर कार्रवाई करने का अनुरोध किया है।
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न्यूयॉर्क के गवर्नर एंड्रयू क्यूमो ने लाइव टीवी पर कराया टेस्ट, कहा- फ्लू के लक्षण वाले राज्य के सभी लोगों जांच कराएं May 17, 2020 at 05:42PM
न्यूयॉर्क के गवर्नर एंड्रयूक्यूमो ने रविवार को लाइव टीवी पर टेस्ट कराया। वे स्वैब का नमूना लिए जाने तक आंखे बंद कर खड़े रहे। इसके बाद उन्होंने कहा, ‘ मुझे कोई दर्द या असुविधा नहीं। आंखें बंद करना मेरे लिए राहत की तरह थी। इसलिए ऐसी कोई वजह नहीं है कि आप जांच कराने के लिए नहीं जाए। राज्य में जिन लोगों में फ्लू के लक्षण नजर आ रहे हैं वे अपना टेस्ट करा सकते हैं। जो लोग राज्य में दी जा रही पाबंदियों में छूट के बीच काम पर लौटना चाहते हैं, वे भी अपनी जांच करवा सकते हैं। राज्य में टेस्ट करने की सुविधाओं का विस्तार किया जा रहा है।
न्यूयॉर्क अमेरिका में कोरोना का एपिसेंटर रहा है। यहां पर अब तक3 लाख 59 हजार 847 संक्रमित मिले हैं और28 हजार 325 मौतें हुई हैं। 61 हजार 423 लोग ठीक हुए हैं। अभी तक डॉक्टर और स्वास्थ्यकर्मी लोगों से घर पर ही रहने की नसीहत दे रहे थे। अब जांच सुविधाएं बढ़ने के बाद ज्यादा से ज्यादा लोगों को टेस्ट कराने के लिए कहा जा रहा है।
न्यूयॉर्क में 700 नए टेस्टिंग सेंटर बनाए गए
क्यूमो नेकहा कि न्यूयॉर्क में 700 ड्राइव थ्रू और वॉक इन टेस्टिंग सेंटर बनाए गए हैं। इनजांच केंद्रों परहर दिन 15 हजार टेस्ट हो सकते हैं। फिलहाल इन टेस्ट सेंटर्स पर इनकी क्षमता की एक तिहाई जांच ही हो रही है। क्यूमो ने कहा किराज्य में हर दिन 40 हजार लोगों का टेस्ट किया जा रहा है। स्वास्थ्य आयुक्त डॉ. हावर्ड जुकर ने कहा कि प्राइवेट लैब्स को जांच की अनुमति दिए जाने के बाद फिलहाल राज्य में हर दिन 80 से 90 हजार टेस्ट करने की क्षमता है।
न्यूयॉर्क ने जांच के लिए सीवीएस फॉर्मेसी के साथ करार किया
क्यूमो के मुताबिक, जांच सुविधा बढ़ाने के लिए सीवीएस फार्मेसी के साथ करार हुआ है। इससे राज्य के 60 से ज्यादा फार्मेसी पर सैंपल लेने की इजाजत दी जाएगी। न्यूयॉर्क के मेयर बिल डे ब्लासियो ने न्यूयॉर्क के लोगों को ब्ल्ड डोनेट करने की अपील की। ब्लासियो ने कहा कि कोरोना की वजह से ब्ल्ड डोनेशन के अभियान रद्द हुए हैं। इससे पिछले दो दिनों से ब्ल्ड की सप्लाई कम हुई है। ऐसे स्थिति रही तो कुछ सर्जरी भी स्थगित करनी पड़ सकती है।
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अब तक 48.01 लाख संक्रमित और 3.16 लाख मौतें: नेपाल में लॉकडाउन 2 जून तक बढ़ा; न्यूयॉर्क के गवर्नर ने लाइव कार्यक्रम में टेस्ट करवाया May 17, 2020 at 05:07PM
दुनिया में कोरोनावायरस से अब तक 48 लाख 1 हजार 532 लोग संक्रमित हो चुके हैं। 18 लाख 58 हजार 108 ठीक हुए हैं। वहीं, मौतों का आंकड़ा 3 लाख 16 हजार 663 हो गया है। नेपाल में लॉकडाउन 2 जून तक बढ़ा दिया गया है। मंत्रीमंडल ने इसे 15 दिन और बढ़ा दिया है। उधर, न्यूयॉर्क के गवर्नर एंड्रयू क्यूमो ने पत्रकारों के सामने लाइव ब्रीफिंग के दौरान कोरोनोवायरस का टेस्ट करवाया।
क्यूमो ने कहा कि वे यह दिखाना चाहते थे कि टेस्ट कितना तेज और आसान है। उन्होंने कहा कि राज्य में हर दिन करीब 40 हजार टेस्ट किए जा रहे हैं। न्यूयॉर्क अमेरिका में महामारी का एपिसेंटर रहा है। यहां 24 घंटे में 139 लोगों की जान गई है। मौतों का आंकड़ा 28 हजार 325 हो गया है।
कोरोनावायरस : 10 सबसे ज्यादा प्रभावित देश
देश |
कितने संक्रमित | कितनी मौतें | कितने ठीक हुए |
अमेरिका | 15,27,664 | 90,978 | 3,46,389 |
रूस | 2,81,752 | 2,631 | 67,373 |
स्पेन | 2,77,719 | 27,650 | 1,95,945 |
ब्रिटेन | 2,43,695 | 34,636 | उपलब्ध नहीं |
ब्राजील | 2,41,080 | 16,118 | 94,122 |
इटली | 2,25,435 | 31,908 | 1,25,176 |
फ्रांस | 1,79,569 | 28,108 | 61,213 |
जर्मनी | 1,76,651 | 8,049 | 1,53,400 |
तुर्की | 1,49,435 | 4,140 | 1,09,962 |
ईरान | 1,20,198 | 6,988 | 94,464 |
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अमेरिका: 90 हजार से ज्यादा मौतें
अमेरिका में 24 घंटे में 820 लोगों की जान गई है। मरने वालों का आंकड़ा 90 हजार से ज्यादा हो गया है। यहां हर दिन होने वाली मौतों में कमी आई है। देश में 15 लाख 27 हजार से ज्यादा लोग संक्रमित हैं। न्यूयॉर्क और न्यूजर्सी सबसे ज्यादा प्रभावित है। अकेले न्यूयॉर्क में संक्रमण के तीन लाख से ज्यादा केस हैं। न्यूजर्सी में एक लाख से ज्यादा मामले सामने आए हैं, जबकि 10 हजार लोगों की मौत हो चुकी है।
फ्रांस: 28 हजार लोगों की मौत
फ्रांस में 24 घंटे में 483 लोगों की मौत हुई है। मृतकों की संख्या 28 हजार 108 हो गई है। स्वास्थ्य मंत्रालय ने रविवार बताया कि रविवार को अस्पतालों में 54 लोगों की मौत हुई जबकि वृद्धाश्रमों में 429 जान गई। देश में 1 लाख 79 हजार से ज्यादा संक्रमित हैं। फ्रांस ने अपनी सुस्त पड़ी अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने के लिए दो महीने से लागू लॉकडाउन के नियमों में ढील दी है। यहां कुछ आर्थिक गतिविधियों को शुरू करने की इजाजत है। स्वास्थ्य मंत्री ओलिवर वीरन ने कहा है कि 10 से 15 दिनों के दौरान स्थिति की समीक्षा की जाएगी। इसके बाद आगे की रणनीति पर विचार किया जाएगा।
इटली: नए मामले और मौतों में कमी
इटली में प्रतिबंधों में राहत दिए जाने से एक दिन पहले देश में सबसे कम 145 मौतें दर्ज की गई। यह आंकड़ा लॉकडाउन लगाने के बाद सबस कम है। अब यहां हर दिन होने वाली मौतों में कमी आ रही है। वहीं, 24 घंटे में 675 नए केस मिले हैं। यह आंकड़ा 4 मार्त के बाद सबसे कम है। एक दिन पहले शनिवार को 875 नए केस मिले थे, जबकि 153 मौतें हुी थीं। सोमवार से देश में 10 हफ्ते से जारी लॉकडाउन में सबसे बड़ी राहत दी जाएगी। दुकान, रेस्टोरेंट, सैलून, बीच खोल दिए जाएंगे।
ब्राजील: 16 हजार से ज्यादा लोगों की मौत
लैटिन अमेरिकी देश ब्राजील में 24 घंटे में 485 लोगों की मौत हो गई है। यहां मृतकों की संख्या 16 हजार 118 पहुंच गई है। एक दिन में 7,938 नए मामले सामने आने के साथ ही संक्रमितों की कुल संख्या 2 लाख 41 हजार 80 हो गई है। ब्राजील में संक्रमण के नए मामलों और मरने वाले लोगों की संख्या में कमी आई है। संक्रमण के मामले में ब्राजील अमेरिका, रूस, स्पेन और ब्रिटेन के बाद पांचवें स्थान पर पहुंच चुका है।
चीन: सात नए मामले
चीन में 24 घंटेमें सात नए मामले सामने आए हैं। इसी दौरान 11 मरीज ठीक हुए हैं। देश में एक हफ्ते से किसी की मौतनहीं हुई है। चीन के नेशनल हेल्थ कमिशन ने सोमवार को बताया कि सात नए मामलों में से चार बाहर से आए लोगों के है। चीन में बाहर से आए कुल 1704 लोगों केसंक्रमित होने की पुष्टि हुई है। जिलिन प्रांत से दो, जबकि शंघाई से एक मामला सामने आया है। देश में 82,954 संक्रमित हो गए हैं, जबकि 4633 लोगों की मौत हो चुकी है।
जर्मन: 300 प्रदर्शनकारी गिरफ्तार
जर्मन पुलिस ने देश में लगे प्रतिबंधों के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे 300 से ज्यादा लोगों को गिरफ्तार किया है। वे सोशल डिस्टेंसिंग नियमों का उल्लंघन कर रहे थे। इनमें से दो फरार हो गए हैं। बर्लिन में शनिवार को 19 प्रदर्शन हुए और 21 रैलियों का आयोजन किया गया। प्रत्येक सभा में 50 से ज्यादा लोगों को शामिल होने की अनुमति नहीं थी। प्रदर्शनकारियों के साथ झड़प में पांच पुलिसकर्मी घायल हुए हैं। एक अफसर को अस्पताल में भर्ती करना पड़ा।
इजराइल: संक्रमण के 9 नए मामले मिले
इजराइल में 24 घंटें के दौरान नौ नए मामले सामने आए हैं और चार लोगों की मौत हुई है। देश में अब तक संक्रमण के 16,617 मामलों की पुष्टि हो चुकी है। वहीं, 272 लोगों की जान जा चुकी है। प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने पिछले गुरुवार को उन क्षेत्रों में स्कूलों को दोबारा खोलने की घोषणा की थी, जहां संक्रमण के मामले कम हैं। इसके बाद कुछ इलाकों में रविवार से स्कूल खोल दिए गए।इस दौरान साफ-सफाई के अलावा बच्चों के बीच शारीरिक दूरी बनाए रखने पर विशेष ध्यान दिया जाएगा। यहां 20 मई से लोगों को बीच पर जाने की अनुमति दी जाएगी।
पुर्तगाल: 31 मई तक आपातकाल बढ़ा
यूरोपीय देश पुर्तगाल में आपातकाल 31 मई तक बढ़ा दिया गया है। मंत्रिपरिषद ने एक प्रस्ताव पारित कर राष्ट्रीय आपातकाल को बढ़ाने की घोषणा की है। इस फैसले से देश में संक्रमण के प्रसार को कम करने और आर्थिक गतिविधियों को शुरू करने में मदद मिलेगी। इस दौरान देश में संक्रमण की स्थिति के अलावा सामाजिक और आर्थिक स्थिति की समीक्षा करने के बाद ही आगे की रणनीति बनाई जाएगी। यहां 18 मार्च को पहली बार आपातकाल लागू किया गया था, जिसे अब तक दो बार बढ़ाया जा चुका है।
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भारत समेत 62 देशों ने काेरोना पर निष्पक्ष जांच की मांग की, वर्ल्ड हेल्थ एसेम्बली की 73 वीं बैठक में प्रस्ताव पेश किया जाएगा May 17, 2020 at 05:04PM
ऑस्ट्रेलिया और यूरोपियन यूनियन (ईयू) कोरोना ने महामारी पर विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के जवाब की निष्पक्ष जांच की मांग की है। भारत समेत 62 देशों ने इसका समर्थन किया है। वर्ल्ड हेल्थ एसेम्बलीकी73 वीं बैठक में इससे जुड़ा एक प्रस्ताव रखा जाएगा। यह बैठक आज से शुरू होगी। प्रस्ताव में कोरोना को रोकने के लिए किए गए डब्ल्यूएचओ के कामों और इसके लिए तय की गई समय सीमा की भी जांच करने की मांग की गई है।
प्रस्ताव में कहा गया है कि जांच में सदस्य देशों को शामिल किया जाए। इन देशों कीसलाह से जांच के लिए मौजूदा प्रणाली के साथ एक चरणबद्ध प्रक्रिया अपनाई जानी चाहिए। महामारी से निपटने के लिए अंतरराष्ट्रीय स्तर पर किए गए काम सेक्या अनुभव हासिल हुए इसकी समीक्षा की जानी चाहिए।
ऑस्ट्रेलिया डब्ल्यूएचओ के कामों की जांच मांग करने वाला पहला देश
ऑस्ट्रेलिया पहला ऐसा देश है जिसने यह जांच करने की मांग की थी कि कोरोना दुनिया भर में कैसे फैला। ऑस्ट्रेलिया के विदेश मंत्री मैरिसे पेन ने पिछले महीने की यह मामला उठाया था। उन्होंने कहा था कि महामारी फैलने की जांच से अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अगली महामारी को बेहतर ढंग से रोकने और अपने लोगों को सुरक्षित रखने में मदद मिलेगी। मुझे लगता है कि डब्ल्यूएचओ को कोरोना फैलने की जांच की इजाजत देना शिकारी को शिकार की रखवाली सौंपने जैसा लगता है।
किन देशों ने किया प्रस्ताव का समर्थन
यूरोपियन यूनियन के समर्थन के साथ पेश किए गए जांच प्रस्ताव का समर्थन करने वाले प्रमुख देशों में जापान, ब्रिटेन, न्यूजीलैंड, दक्षिण कोरिया, ब्राजील और कनाडा शामिल हैं। वर्ल्ड हेल्थ एसेम्बली की बैठक इस बार कोरोना को देखते हुए वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए होगी। भारत की ओर से इसमें केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. हर्षवर्धधन शामिल होंगे। इस बैठक के दो दिन बाद ही 22 मई काे डब्ल्यूएचओ के एक्सक्यूटिव बोर्ड की बैठक होगी।
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न्यूयॉर्क राज्य के ब्रुकलिन में बड़ी संख्या में पार्क पहुंचे लोग; पेरिस में नदी किनारे लग गई भीड़ May 17, 2020 at 02:53PM
तस्वीर अमेरिका के न्यूयॉर्क राज्य के ब्रुकलिन की है। यहां पर लॉकडाउन में ढील के बाद पहले वीकेंड पर बड़ी संख्या में लोग डोमिनो पार्क में पहुंचे थे।सोशल डिस्टेंसिंग बरतने के लिए यहां पर पहले से ही बड़े घेरे बनाए गए थे। पर इन घेरों में लोग परिवार समेत बैठे दिखे। मेडिकल एक्सपर्ट्स अभी भी लोगों के बाहर निकलने पर चिंता जता रहे हैं।
बार-बार चेतावनी के बाद भी लोग घूमने-फिरने के लिए निकल रहे हैं। अमेरिका में कोरोना के 15 लाख से ज्यादा केस आ चुके हैं। वहीं फ्रांस में 1 लाख 79 हजारलोग कोरोना की चपेट में हैं।
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हीथ्रो एयरपोर्ट प्रमुख बोले- संक्रमण से ठीक हुए लोगों के लिए इम्युनिटी पासपोर्ट बने, ताकि अर्थव्यवस्था सुधरे May 17, 2020 at 02:53PM
दुनिया के सबसे व्यस्त ब्रिटेन के हीथ्रो एयरपोर्ट के प्रमुख जॉन हॉलैंड काये ने ‘इम्युनिटी पासपोर्ट’ व्यवस्था को लागू करने की वकालत की है। उन्होंने इसके तहत कोरोनावायरस से स्वस्थ होने वालों को रिस्क फ्री का सर्टिफिकेट देने के साथ ही इसे दुनियाभर में लागू करने का प्रस्ताव रखा है।
इस व्यवस्था से यात्रा से पहले ही उस शख्स को यह पता होगा कि इस इम्युनिटी पासपोर्ट के जरिए उसे दूसरे देश में जाने की इजाजत है। ऐसे लोग छुट्टियों पर भी जा सकेंगे। उन्होंने अर्थव्यवस्था को फिर से पटरी पर लाने के लिए कोरोना के कम जोखिम वाले देशों के बीच फिर से उड़ान सेवा शुरू करने पर भी बल दिया है।
ब्रिटेन में हवाई यात्रियों की संख्या 97% घटी
जॉन हॉलैंड ने रविवार को एक टीवी शो में कहा कि ब्रिटेन में यात्रियों की संख्या 97% घटकर 5-6 हजार रह गई है, जबकि संक्रमण फैलने से पहले रोजाना 2.5 लाख हुआ करती थी। यह ब्रिटेन में एयर ट्रैफिक का अब तक का सबसे निचला स्तर है। आशंका है कि यह लंबे समय तक यूं ही रहेगा।
इन्हीं सब परेशानियों को देखते हुए हमारी सरकार से अपील है कि अंतरराष्ट्रीय मानक पर अन्य देशों के साथ मिलकर काम हो, ताकि कोरोना से कम प्रभावित देशों के बीच विमान सेवाएं फिर से बहाल हो सकें। इसके लिए यह जरूरी है कि उन लोगों को इम्युनिटी पासपोर्ट या रिस्क फ्री सर्टिफिकेट जारी किया जाए, जो कोरोनावायरस से ठीक हो चुके हैं।
भारत में इम्युनिटी पासपोर्ट पर अभी विचार नहीं
देश में इम्युनिटी पासपोर्ट पर अभी विचार नहीं हो रहा है। डीजीसीए के अनुसार अभी केवल मंत्रालय से जारी लाॅकडाउन के नियमों का पालन किया जाएगा। हालांकि, एयरलाइंस कंपनियों को फ्लाइट ऑपरेशंस के दौरान कोरोनासंबंधी गाइडलाइन जारी की गई है, जिसे फालो करना होगा।
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लॉकडाउन में लोगों को खाना-सामान दे रहीं आपराधिक गैंग, सरकार ने कहा- इनसे मदद न लें, नतीजे बुरे होंगे May 17, 2020 at 02:46PM
पिछले कुछ दिनों से दक्षिणी मैक्सिको के ग्युरेरो के कई इलाकों में रहवासियों को बिलबोर्ड्स दिखाई दे रहे हैं। इनमें लिखा है ‘इगुआला के रहवासियों, आप घर पर ही रहें, हम बाहर किसी तरह की अराजकता नहीं चाहते, आपलॉकडाउन का सम्मान करें, अगर कोई बाहर मिलता है तो हम उसे गंभीर चोट पहुंचाएंगे।’ ये संदेश स्थानीय अधिकारियों या सरकार की ओर से नहीं बल्कि ड्रग्स गैंग द्वारा लिखवाए गए हैं।
यह सिर्फ अकेला मामला नहीं है।मैक्सिको के कई राज्यों में इन आपराधिक गैंग्स ने कर्फ्यू लगा रखेहैं।इस दौरान लोगों को खाने-पीने और जरूरत का सामान भी इन्हीं गैंग्स के लोग पहुंचा रहे हैं। हालांकि, सरकार लोगों से आग्रह कर रही है कि इन आपराधिक पृष्ठभूमि वाले लोगों से मदद न लें, वरना भविष्य में इसके नतीजे खतरनाक होंगे।
25 से 30 हजार रुपए तक की आर्थिक मदद दी
कुछ हफ्तों पहले इटली, ब्राजील और अल सल्वाडोर से भी इसी तरह की खबरें मिलीं थी। इटली के नैपल्स और पलेर्मो में भी कुछ आपराधिक गैंग्स लोगों को खाना और ड्रग्स दे रहीं थीं। दक्षिणी इटली में तो लोगों को 25 से 30 हजार रुपए तक की आर्थिक मदद और तोहफे दिए गए।
मैक्सिको के कुछ अस्पताल इन गैंग्स की मदद ले रहे हैं
कोरोना के दौर में मैक्सिको के गुरेरो, मिचोआकेन, तमुलिपास और गुआनाजुआटो जैसे गरीब राज्यों में ये संगठन खाना पहुंचा रहे हैं। इसी तरह उत्तरी मैक्सिको की एक गैंग फूड बॉक्स के साथ हैंड सैनिटाइजर दे रही है। इस सील्ड बॉक्स पर गैंग का नाम लिखा रहता है। इसके अलावा मैक्सिको के कुछ अस्पताल मेडिकल उपकरण की कमी पूरी करने के लिए इन गैंग्स की मदद ले रहे हैं।
संकट खत्म होने पर गैंग्स आपसे मदद मांगेगे: सरकार
मैक्सिको के अलावा कोलंबिया, द.अफ्रीका और जापान में भी संगठित अपराध समूह जरूरी सामान की सप्लाई कर रहे हैं। इटली की तरह ही मैक्सिको की ये गैंग्स छोटे कारोबारियों को कम दरों पर कर्ज भी दे रही हैं। पर सरकार ने लोगों को चेतावनी दी है कि ये गैंग्स नियंत्रण बढ़ाने की कोशिश कर रही हैं। जब संकट खत्म हो जाएगा तो ये एहसान का बदला मनी लॉन्ड्रिंग, पुलिस से सुरक्षा के रूप में मांगेंगे।
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अमेरिका के 50 में से 19 राज्यों में कोरोना संक्रमण की दर घटी; 30 राज्यों में लॉकडाउन में ढील दी गई May 17, 2020 at 02:45PM
अमेरिका के 50 राज्यों में से 19 में कोरोना संक्रमण की दर घट गई है। तीन राज्यों में संक्रमण की दर बढ़ी हैजबकि अन्य में स्थिर है। जिन राज्यों में संक्रमण दर कम हुई है, उनमें न्यूयॉर्क, मैसाचुसेट्स, हवाई और अलास्का प्रमुख हैं। इधर, न्यू ओरलीनस में जहां अप्रैल में रोजाना सैकड़ों मामले सामने आ रहे थे, वहां संक्रमण के अब रोज 50 से भी कम केस आ रहे हैं।
यहां सोमवार से मीट प्लांट दोबारा खुलेंगे। इनमें सैकड़ों कर्मचारी काम पर लौटेंगे। दो तिहाई अमेरिकी राज्यों का मानना है कि स्थिति सुधर रही है। देश के 30 राज्यों ने लॉकडाउन में ढील दी है। 11 राज्यों ने कुछ क्षेत्रों में लॉकडाउन में ढील दी है। 4 राज्य अगले हफ्ते लॉकडाउन में ढील देने जा रहे हैं। जबकि पांच राज्यों में अब भी सख्त लॉकडाउन है।
लॉकडाउन में ढील के बावजूद लोगों ने 'स्टे एट होम' का पालन किया
अमेरिका में लॉकडाउन में ढील के तहत बीच, जिम, रिटेल दुकानें, रेस्तरां, बार, सैलून, थियेटर, उद्योग, ऑफिस, पूजा स्थल खोलने की अनुमति दी गई है। यहां सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करना अनिवार्य है। ज्यादातर अमेरिकियों ने मार्च से ही कोरोना को लेकर लॉकडाउन का सख्ती से पालन करना शुरू कर दिया था। इससे संक्रमण रोकने में मदद मिली।
मार्च के दूसरे पखवाड़े में स्कूल और कई कार्यस्थल बंद कर दिए गए थे। यहां तक कि अप्रैल में जब कई राज्यों ने लॉकडाउन में ढील देनी शुरू की, तब भी 43.8 फीसदी लोगों ने स्टे एट होम का अच्छी तरह पालन किया।
सोशल डिस्टेंसिंग का पालन न होने पर केस बढ़े- रिपोर्ट
येल यूनिवर्सिटी की रिपोर्ट के मुताबिक, अमेरिका में बीच-बीच में अचानक कोरोना के मामले बढ़ने का कारण यह था कि यहां नर्सिंग होम्स, जन सेवा कार्यालयों और फूड प्रोसेसिंग प्लांट में सोशल डिस्टेंसिंग का पालन ठीक से नहीं किया गया। जबकि काउंटियों में केस ज्यादा नहीं बढ़े।
यहां 70 फीसदी आबादी काउंटियों में रहती है
अमेरिका की 70 फीसदी आबादी काउंटियों में रहती है। यहां लोग सामान्य तौर पर ही घर से ज्यादा नहीं निकलते। इसलिए संक्रमण रुकने में मदद मिली। अगर अमेरिका में स्टे एट होम का पालन नहीं किया जाता तो अप्रैल के आखिरी तक 1 करोड़ और लोग संक्रमित हो जाते। अमेरिका में अब तक 15 लाख 7 हजार 798 मामले सामने आए हैंजबकि अब तक 90 हजार 113 मौतें हो चुकी हैं।
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अशरफ गनी और ए. अब्दुल्ला के बीच समझौता हुआ; राष्ट्रपति बने रहेंगे गनी, अब्दुल्ला को आधा मंत्रालय मिला May 17, 2020 at 01:50AM
अफगानिस्तान में चल रहे राजनीतिक संकट का समाधान किया गया है। यहां राष्ट्रपति अशरफ गनी और उनके प्रतिद्वंद्वी अब्दुल्लाअब्दुल्ला में सत्ता में साझीदारी को लेकर एक समझौताहुआ है। इसके अनुसार अशरफ गनी राष्ट्रपति बने रहेंगे, जबकि उनके प्रतिद्वंद्वी ए.अब्दुल्ला को कैबिनेट में आधे मंत्रिमंडल का मुखिया बनाया गया है।
यह दूसरी बार है कि गनी और अब्दुल्ला में सरकार में साझेदारी को लेकर समझौता हुआ है। इससे पहले 2014 में भी दोनों एक साथ आ चुके हैं। इस बार के समझौतेमें विवादास्पद नेता और अफगानिस्तान के पूर्व उपराष्ट्रपति अब्दुल राशिद दोस्तम को सेना का मुखिया बनाया गया है। अब्दुल राशिद पर राजनीतिक हत्याएं, रेप और घोटालों के आरोप हैं।
अमेरिका के दबाव पर हुआ समझौता
दरअसल, राष्ट्रपति अशरफ गनी और उनके प्रतिद्वंद्वी अब्दुल्ला अब्दुल्ला में इस बात की लड़ाई थी कि पिछले साल चुनाव में कौन जीता। आधिकारिक तौर पर अशरफ गनी की जीत हुई थी, लेकिन अब्दुल्ला अब्दुल्ला ने इसे मानने से इनकार कर दिया था और खुद को राष्ट्रपति घोषित कर दिया था।
अमेरिका के दबाव के बाद यह समझौता हुआ है, इसके चलते अब अमेरिका और तालिबान की शांति वार्ता को बढ़ाने में मदद मिलेगी। अमेरिका के विदेश मंत्री माइक पोम्पियो ने इसी साल अफगानिस्तान को दी जाने वाली एक बिलियन डॉलर की मदद रोक दी थी। वे अफगानिस्तान में खड़े हुए नए राजनीतिक संकट से नाराज थे।
अब्दुल्ला के नेतृत्व में तालिबान से शांति वार्ता होगी
समझौते के तहत तालिबान के साथ होने वाली शांति वार्ता ए.अब्दुल्ला के नेतृत्व में होगी। इसके साथ ही वह कैबिनेट में आंतरिक, आर्थिक, न्याय, लेबर और सोशल अफेयर्स के मंत्रालय के मुखिया होंगे।
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राष्ट्रपति आरिफ अल्वी ने गिलगित-बाल्टिस्तान में चुनाव के आदेश दिए, केयरटेकर गवर्नमेंट बनाने की भी तैयारी May 16, 2020 at 11:55PM
पाकिस्तान के राष्ट्रपति आरिफ अल्वी ने गिलगित-बाल्टिस्तान में केयरटेकर गवर्नमेंट बनाने और चुनाव कराने का आदेश जारी कर दिया है। पाकिस्तान की सुप्रीम कोर्ट ने इससे संबंधित केंद्रीय कानून में संशोधन का आदेश दिया था। इस संशोधन के बाद यहां आम चुनाव कराए जा सकते हैं।
गिलगित-बाल्टिस्तान की विधानसभा 24 जून को अपना पांच साल का कार्यकाल पूरा करेगी। राष्ट्रपति के आदेश में कहा गया कि निष्पक्ष और पारदर्शी चुनाव कराने के लिए गिलगित-बाल्टिस्तान में केयरटेकर सरकार सरकार की जरूरत है।
डॉन न्यूजपेपर की एक रिपोर्ट के अनुसार, गिलगित-बाल्टिस्तान में पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) के अध्यक्ष सैयद जफर शाह ने कहा कि गिलगित-बाल्टिस्तान विधानसभा चुनाव समय पर कराए जाएंगे। केयरटेकर सरकार दो महीने के भीतर चुनाव की व्यवस्था करेगी। विशेष परिस्थितियों में केयरटेकर सरकार के कार्यकाल को बढ़ाने के लिए एक कानून है। गिलगित-बाल्टिस्तान का मुख्यमंत्री, विपक्ष का नेता और कश्मीर मामलों के मंत्री ही केयरटेकर गवर्नमेंट का मुख्यमंत्री तय करेंगे।
जानिए गिलगित-बाल्टिस्तान ने ‘ऑर्डर ऑफ 2018’ को
पाकिस्तान में पीओके एक अलग संविधान है। यहां पाकिस्तान की एक कठपुतली सरकार चलती है, लेकिन गिलगित-बाल्टिस्तान सीधे इस्लामाबाद के नियंत्रण में रहा है। 2009 में यहां पहली बार चुनाव हुए, लेकिन यहां की असेंबली कोई कानून नहीं बना सकती। यहां एक काउंसिल बनाया गया था जो सारे फैसले लेता था। ‘ऑर्डर ऑफ 2018’ के तहत पाकिस्तान ने इसे अपने पांचवे प्रदेश के रूप में मान्यता देने की कोशिश की है। इसमें कहा गया है कि यहां वह सारे नियम कानून लागू होंगे जो पाकिस्तान में लागू होते हैं। इसके साथ ही यहां की असेंबली के भी अधिकार बढ़ाए गए हैं। नए कानूनों के तहत अब पहली बार चुनाव होने जा रहे हैं।
भारत जता चुका है कड़ा विरोध
भारत ने गिलगित-बाल्टिस्तान में चुनाव कराए जाने का कड़ा विरोध किया है। इस महीने की शुरुआत में भारत के विदेश मंत्रालय ने कहा था कि चूंकि गिलगित-बाल्टिस्तान भारत का अभिन्न हिस्सा है, लिहाजा पाकिस्तान इसे फौरन खाली कर दे। उसका यहां कब्जा गैरकानूनी है। हमने पाकिस्तान के एक सीनियर डिप्लोमैट को तलब कर उन्हें अपना पक्ष बता दिया है।’’
गिलगित-बाल्टिस्तान में डैम भी बना रहा पाकिस्तान
पाकिस्तान की सरकार गिलगित-बाल्टिस्तान में सिंध नदी पर दियामर बाशा बांध बना रही है। इसके लिए सरकार ने पिछले हफ्ते 442 अरब (पाकिस्तानी रुपए) का कॉन्ट्रैक्ट चीनी फर्म चाइना पॉवर और फ्रंटियर वर्क्स ऑर्गनाइजेशन (एफडब्ल्यूओ) के साथ साइन किया था। एफडब्ल्यूओ पाकिस्तानी सेना की कमर्शियल विंग है, जो बांध आदि का निर्माण करती है। इसमें चीन की चाइना पॉवर की 70 प्रतिशत, जबकि पाकिस्तान की फ्रंटियर वर्क्स ऑर्गनाइजेशन की 30 प्रतिशत हिस्सेदारी है।
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चीन के राजदूत अपने घर में मृत मिले, प्राथमिक जांच में किसी तरह की साजिश से मौत होने की बात सामने नहीं आई May 17, 2020 at 12:22AM
इजराइल में चीन के राजदूत डू वेई (57) अपने अपार्टमेंट में मृत पाए गए। वे तेल अवीव के उपनगरीय इलाके हर्जलिया स्थित अपार्टमेंट में रहते थे। इजरायली अधिकारियों ने रविवार को इसकी जानकारी दी। इजरायली पुलिस ने उनकी मौत की जांच शुरू की है। इजरायली पुलिस के प्रवक्ता ने बताया कि नियमित प्रक्रिया की मुताबिक, पुलिस मौके पर मौजूद है और छानबीन कर रही है।
प्राथमिक जांच में मौत में किसी तरह की साजिश होने की बात सामने नहीं आई है। एक स्थानीय न्यूज चैनल ने मेडिकल सूत्रों के हवाले से कहा है कि वेइ की मौत नींद में प्राकृतिक वजहों से हुई।
फरवरी में इजराइल पहुंचने पर सेल्फ आइसोलेट हुए थे वेई
डू वेई शादीशुदा थे और उनका एक बेटा भी है। हालांकि, उनकापरिवार फिलहाल इजराइल में मौजूद नहीं है। वेई इसी साल फरवरी में इजरायल में चीन के राजदूत नियुक्त किए गए थे। इससे पहले वे यूक्रेन के राजदूत के तौर पर अपनी सेवाएं दे चुके थे। 15 फरवरी को वे चीन से इजराइल पहुंचे थे। इसके बाद वे कोरोना से जुड़ी पाबंदियों को लेकर दो हफ्ते के लिए सेल्फ आइसोलेट हुए थे।
वेई ने कोरोना महामारी पर चीन का बचाव किया था
बीते दिनों एक न्यूजपेपर को इंटरव्यू देते हुए उन्होंने कहा था कि कोरोना महामारी लेकर दुनियाभर में चीन को बली का बकरा बनाया जा रहा है। इतिहास में कई बार ऐसा हुआ है जब लोगों के एक विशेष समूह को महामारी फैलाने के लिए जिम्मेदार ठहराया गया हो। यह निंदनीय है। महामारी पूरी दुनिया का दुश्मन है और इससे साथ मिलकर लड़ा जाना चाहिए।
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जबरन धर्मांतरण पर सिंध में हिंदुओं का प्रदर्शन, तबलीगी जमात पर मुस्लिम बनने से इनकार करने पर लड़के के अपहरण का आरोप May 16, 2020 at 10:09PM
पाकिस्तान में अप्लसंख्यकों को लगातार जबरन इस्लाम कुबूल करवाए जाने पर हिंदुओं के विरोध प्रदर्शन किया है। सिंध में रहने वाले हिंदुओं ने तबलीगी जमात पर जबरन धर्मांतरण कराने, मना करने पर प्रताड़ित करने और घरों को तोड़ने का आरोप लगाया है। इसके साथ ही कहा है कि जमात ने इस्लाम कुबूल करने से इनकार पर एक हिंदू लड़के का अपहरण कर लिया है।
सिंध प्रांत के दो वीडियो सोशल मीडिया पर लगातार वायरल हो रहेहैं। इसमें पहले वीडियो में भील हिंदू जबरन धर्मांतरण के खिलाफ प्रदर्शन करते दिख रहे हैं।वीडियो में दिख रहा है कि मटियार के नसूरपुर में महिलाएं और बच्चे हाथ से लिखी तख्तियां पकड़े हुए हैं वे तबलीगी जमात के खिलाफ प्रदर्शन करते हुए कह रहे हैं कि ‘‘हम मरना पसंद करेंगे, लेकिन कभी भी इस्लाम कुबूल नहीं करेंगे।’’प्रदर्शनकारियों में शामिल एक महिला कह रही है कि उनकी संपत्ति हड़प ली गई, घर तोड़ दिए गए और उन्हें पीटा गया। इसके बाद कहा गया कि अगर घर वापस चाहिए तो इस्लाम कुबूल करें।
एक दूसरे वीडियो में एक महिला जमीन पर लेटी हुई जोर से रो रही है। वह कह रही है कि तबलीगी जमात के लोगों ने उसके बेटा केअपहरण कर लिया है। महिला अपने बेटे को रिहा करने की भीख मांग रही है।
सिंध में हर साल करीब 1000 हिंदू लड़कियों का होता है अपहरण
पाकिस्तान में अक्सर जबरन धर्म परिवर्तन के मामले सामने आते हैं। हालिया वक्त में ये ज्यादा बढ़ गए हैं। अमेरिका में सिंधी फाउंडेशन के मुताबिक, सिंध प्रांत में हर साल करीब 1000 हिंदू लड़कियों (उम्र 12 से 28 साल के बीच) का अपहरण किया जाता है। उनका जबरन धर्म परिवर्तन कराया जाता है। इसके बाद मुस्लिमों से शादी करवा दी जाती है।
जबरन इस्लाम की पढ़ाई कराई जाती है
पाकिस्तान ने कई मौकों पर अल्पसंख्यक समुदायों की रक्षा का भरोसा दिलाया है। लेकिन, अल्पसंख्यकों के साथ भेदभाव होता रहा है। उनके साथ हिंसा, हत्या, अपहरण, रेप, जबरन धर्म परिवर्तन जैसी घटनाएं होती हैं। हिंदू, ईसाई, सिख, अहमदिया, और शियाओं को बहुत मुश्किलें झेलनी पड़ती हैं। पाकिस्तान के मानवाधिकार आयोग (एचआरसीपी) ने हाल ही में कहा था कि अल्पसंख्यक समुदायों पर भयानक हिंसा हुई है। हिंदू और इसाइयों को जबरन इस्लाम की पढ़ाई कराई जाती है। इसके साथ ही इसाईयों को शव दफन करने की जगह बहुत कम है और हिंदूओं के लिए श्मशान तक नहीं हैं।
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जाकिर नाइक के पीस टीवी पर हेटस्पीच और आपत्तिजनक कंटेंट फैलाने का आरोप, 2 करोड़ 75 लाख का जुर्माना लगाया गया May 16, 2020 at 09:30PM
ब्रिटेन के मीडिया रेगुलेटर ऑफकॉम ने जाकिर नाइक के पीस टीवी पर तीन लाख पाउंड ( करीब 2 करोड़ 75 लाख रुपये) का जुर्माना लगाया गया है। पीस टीवी पर हेट स्पीच और आपत्तिजनक कंटेंट दिखाने का आरोप है। भारत का भगोड़ा जाकिर नाइक इस समय मलेशिया में रह रहा है।
लंदन में संचार सेवाओं के लिए लंदन स्थित रेगुलेटर ने अपने ब्रॉडकास्टिंग नियमों को तोड़ने के लिए पीस टीवी उर्दू पर 2 लाख पाउंड और पीस टीवी पर एक लाख पाउंड का जुर्माना लगाया है। ऑफकॉम ने कहा कि जांच में पाया गया कि पीस टीवीके कार्यक्रमों में हेटस्पीट और अत्यधिक आपत्तिजनक कंटेट का प्रसारण हो रहा था। इससे अपराध बढ़ने की आशंका थी।पीस टीवी और पीस टीवी उर्दू दो अलग चैनल हैं। पीस टीवी का लाइसेंस लॉर्ड प्रोडक्शन लिमिटेड के पास है और क्लब टीवी के पास पीस टीवी उर्दू का लाइसेंस है। दोनों की पैरेंट कंपनी यूनिवर्सल ब्रॉडकास्टिंग कॉर्पोरेशन लिमिटेड है, जिसका मालिक जाकिर नाइक है। पीस टीवी दुबई से अंग्रेजी, बंगाली और उर्दू में फ्री में ब्रॉडकास्ट होने वाला एक नॉन-प्रॉफिट टेलीविजन नेटवर्क है।
भारत में नाइक पर मनी लॉन्ड्रिंग का आरोप
भारत में जाकिर नाइक पर मनी लॉन्ड्रिंग और कट्टरता को बढ़ाने के आरोप में केस दर्ज है। गिरफ्तारी की डर से वह 2016 में मलेशिया भाग गया। जून 2017 में कोर्ट ने नाइक को अपराधी घोषित कियाथा। उस पर मलेशिया में अल्पसंख्यक हिंदुओं और चीन के लोगों की भावनाएं आहत करने का भी आरोप है। मलेशिया में नाइक ने एक भड़काऊ भाषण दिया था। उसने कहा था कि मलेशिया में हिंदुओं को भारत के मुस्लिमों के मुकाबले 100 गुना ज्यादा अधिकार मिले हैं। पिछले हफ्ते ही भारत ने उसके प्रत्यर्पण के लिए मलेशिया की सरकार से एक और कोशिश की है। 2010 में ब्रिटेन में भी उसके प्रवेश पर प्रतिबंध लगा दिया गया था।
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प्रदूषण घटा तो काठमांडू घाटी से नजर आने लगी हिमालय की बर्फीली चोटियां, करीब 200 किलोमीटर दूर है एवरेस्ट May 16, 2020 at 09:30PM
कोरोना की वजह से दुनिया भर में गाड़ियों का इस्तेमाल कम हुआ है, फैक्ट्रियां बंद हैं। इससे हवा में प्रदूषण का स्तर कम हुआ है। लोगों को सैकड़ों किलोमीटर की दूरी से ही प्रकृति के बेहतरीन नजारे देखने को मिल रहे हैं। कई साल के बाद काठमांडू घाटी से हिमालय की बर्फीली चोटियां नजर आई हैं। काठमांडू घाटी से एवरेस्ट करीब 200 किलोमीटर दूर है।
काठमांडू घाटी से ली गई बर्फ से ढ़की दुनिया की इस सबसे ऊंची चोटी की कई तस्वीरें सोशल मीडिया पर वायरल हो रही हैं। इन तस्वीरों को नेपाल टाइम्स के फोटोग्राफर आभूषण गौतम ने अपने कैमरे में कैद किया है।
सोशल मीडिया यूजर्स दे रहे प्रदूषण कम करने का सुझाव
सोशल मीडिया यूजर्स इन तस्वीरों को देखने के बाद प्रदूषण कम करने का सुझाव दे रहे हैं। एक यूजर सुषमा जोशी ने ट्वीट किया क्या हम इसे ऐसे ही रख सकते हैं। नेपाल हर साल करोड़ों डॉलर खर्च करता है जिससे हमारे स्वस्थ युवा अपनी कारों और मोटरसाइकिल से शहरों को प्रदूषित कर चुके हैं। उन्हें साइकिल का इस्तेमाल करने के लिए कहा जाए। इससे हमारी हवा स्वच्छ होगी और मंदी के इस दौर में हम करोड़ो डॉलर बचा सकेंगे।
##इलेक्ट्रिक गाड़ियों के इस्तेमाल को बढ़ावा देने की मांग भी उठी
ट्वीटर यूजरमंजीत ढकाल ने ट्वीट किया कि अगर हम सावर्जनिक परिवहन के लिए इलेक्ट्रिक गाड़ियों को बढ़ावा देंतो हमारा आसमान फिर से साफ हो जाएगा। लॉकडाउन में काठमांडू से एवरेस्ट नजर आने के इस अनुभव को हम आगे बढ़ा सकेंगे। इससे हमारी स्थानीय अर्थव्यवस्था को मदद मिलेगी और पड़ोसी देश के साथव्यापारिक घाटा भी कम होगा।
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