Monday, November 9, 2020
GOP backs Trump as he fights election results, transition November 09, 2020 at 07:27PM
जिनपिंग, पुतिन, बोल्सोनोरो और एर्दोगन ने बाइडेन को जीत की बधाई नहीं दी November 09, 2020 at 06:06PM
डेमोक्रेट पार्टी के जो बाइडेन अमेरिका के नए राष्ट्रपति होंगे। नरेंद्र मोदी समेत दुनिया के तमाम बड़े नेता उन्हें जीत की बधाई दे चुके हैं। लेकिन, चार देशों के राष्ट्राध्यक्षों ने अब तक बाइडेन को जीत की बधाई नहीं दी। सवाल यह उठ रहा है कि दुनिया के सबसे ताकतवर देश के नेता को इन्होंने बधाई क्यों नहीं दी? क्या वजह है? यह कूटनीति है या कुछ और।
जिन चार देशों के राष्ट्राध्यक्षों ने अब तक बाइडेन को शुभकामनाएं और बधाई नहीं दी, उनके नाम इस तरह हैं। रूस के राष्ट्रपति व्लादिमिर पुतिन, चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग, ब्राजील के राष्ट्रपति जेअर बोल्सोनारो और तुर्की के राष्ट्रपति रजब तैयब अर्दोआन।
बाइडेन पर झिझके पुतिन
2016 में जब डोनाल्ड ट्रम्प राष्ट्रपति चुनाव जीते, तो महज 2 घंटे में व्लादिमिर पुतिन ने उन्हें बधाई दी। लेकिन, इस बार बाइडेन जीते तो पुतिन ने अब तक उन्हें बधाई नहीं दी। क्रेमलिन के प्रवक्ता ने कहा- हम ऑफिशियल रिजल्ट्स का इंतजार करेंगे। ट्रम्प के दौर में पुतिन पर आरोप लगता रहा है कि वे उनकी मदद कर रहे हैं। जबकि, दोनों देशों के बीच कई मुद्दों पर गंभीर मतभेद ही नहीं बल्कि टकराव के हालात हैं। ट्रम्प ने कई मौकों पर रूस और पुतिन की तारीफ की। डेमोक्रेट्स की नीतियां हमेशा रूस के खिलाफ सख्त जबकि चीन के प्रति नर्म रहीं। ओबामा रूस को चुनौती मानते थे और ट्रम्प चीन को। आरोप लगे कि रूस ट्रम्प की मदद कर रहा है।
जिनपिंग भी पीछे रहे
चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने 2016 में ट्रम्प को फौरन बधाई दी थी। बाइडेन के मामले में ऐसा नहीं किया। ट्रम्प ने पहले दिन से चीन के खिलाफ बेहद सख्त रुख अपनाया। ट्रेड वॉर पर वो पीछे नहीं हटे। सायबर सिक्योरिटी के मामले में उन्होंने चीन के पर कतरने में देर नहीं लगाई। ट्रम्प की वजह से चीनी कंपनियों को दुनिया के कई देशों में 5G नेटवर्क के कॉन्ट्रैक्ट नहीं मिल सके। कोरोनावायरस आया तो एक तरह से कूटनीतिक और सैन्य टकराव की नौबत आ गई।
ट्रम्प ने साफ कहा- ये चीनी वायरस है। कुछ एक्सपर्ट्स मानते हैं कि चीन के प्रति बाइडेन का रुख ट्रम्प से भी ज्यादा सख्त रहेगा। इसकी वजह यह है कि अमेरिकी जनता चीन को दुश्मन नंबर एक मानने लगी है। बाइडेन को बधाई देने के सवाल पर चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा- हमारी हालात पर नजर है। हम अंतरराष्ट्रीय नियमों के हिसाब से चलेंगे।
अर्दोआन को क्या दिक्कत?
2106 में जब ट्रम्प राष्ट्रपति बने तो तुर्की में अर्दोआन के तख्तापलट की कोशिश हुई। वे इससे बच निकले। तब ट्रम्प ने उनकी तारीफ की। लेकिन, अर्दोआन के दो कदमों से ट्रम्प बिफर गए। पहला- अर्दोआन सऊदी अरब और खाड़ी देशों के खिलाफ पाकिस्तान, मलेशिया और ईरान को साथ लेकर अलायंस बनाने लगे। अमेरिका खाड़ी देशों का रहनुमा है। ट्रम्प को यह पसंद नहीं आया। दूसरा- अर्दोआन ने कट्टर इस्लामिक एजेंडा शुरू किया। यह अमेरिका, इजराइल और यूरोप को कतई मंजूर नहीं है। फिर चाहे वे ट्रम्प हों या बाइडेन।
बाइडेन ने तो न्यूयॉर्क टाइम्स को दिए हालिया इंटरव्यू में साफ कहा था- तुर्की की नीतियां किसी भी हाल में मंजूर नहीं हैं। आईएसआईएस और अल कायदा के लिए अर्दोआन का नर्म रवैया भी बाइडेन को मंजूर नहीं है। वे इस बारे में इशारा कर चुके हैं।
और बोल्सोनारो क्यों पीछे रहे
ट्रम्प और ब्राजील के राष्ट्रपति बोल्सोनारो के रिश्ते मजबूत रहे। अमेरिका के कहने पर ब्राजील ने चीनी कंपनियों पर नकेल कसी। 5जी नेटवर्क का कॉन्ट्रैक्ट नहीं दिया। बोल्सोनारो ने तो साफ तौर पर कहा कि वे चाहते हैं कि ट्रम्प ही दूसरी बार राष्ट्रपति बनें। इतना ही नहीं, बोल्सनारो एक मौके पर ‘ट्रम्प फॉर 2020’ स्लोगन वाली कैप भी पहने नजर आए। जाहिर है, बाइडेन यह सब देख रहे होंगे। दोनों देशों के बीच सीमा संबंधी दिक्कतें भी हैं। ट्रम्प पर नस्लवाद के आरोप लगे तो बोल्सोनारो ने उनका बचाव किया। ब्राजील सरकार के प्रवक्ता ने कहा- हम अमेरिका में औपचारिक नतीजों का इंतजार करेंगे।
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'Lockdown' is Collins Dictionary Word of the Year November 09, 2020 at 05:34PM
यूक्रेन में राष्ट्रपति के अलावा वित्त और रक्षा मंत्री पॉजिटिव; फ्रांस में नाटकीय रूप से संक्रमितों का आंकड़ा घटा November 09, 2020 at 03:53PM
दुनिया में कोरोना मरीजों का आंकड़ा रविवार को 5 करोड़ के पार हो गया। अब तक 5 करोड़ 12 लाख 32 हजार 905 लोग संक्रमण की चपेट में आ चुके हैं। राहत की बात है कि इनमें 3 करोड़ 60 लाख से ज्यादा लोग ठीक हो चुके हैं। अब तक 12 लाख 68 हजार से ज्यादा लोग जान गंवा चुके हैं। ये आंकड़े https://ift.tt/2VnYLis के मुताबिक हैं। यूक्रेन में राष्ट्रपति के बाद अब फाइनेंस और डिफेंस मिनिस्टर भी पॉजिटिव हो गए हैं। दूसरी तरफ, फ्रांस में नाटकीय तरीके से मामले कम हुए हैं।
पहले यूक्रेन की बात
यूक्रेन में राष्ट्रपति के बाद अब फाइनेंस और डिफेंस मिनिस्टर भी पॉजिटिव पाए गए हैं। राष्ट्रपति व्लादिमिर जेलेन्स्की के ऑफिस से जारी बयान में यह जानकारी दी गई है। एक मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, राष्ट्रपति के कुछ एडवाइजर्स भी संक्रमित हैं, लेकिन इसकी जानकारी सार्वजनिक नहीं की गई है। इतने बड़े पैमाने पर संक्रमण के बाद सरकार में हड़कम्प है। हालांकि, सरकार ने लोगों से कहा है कि राष्ट्रपति और बाकी मंत्री घर से काम करते रहेंगे क्योंकि सभी की हालत ठीक है। इस बीच सरकार ने देश में लॉकडाउन न हटाने की बात भी कही है।
फ्रांस में बड़ी राहत
फ्रांस में 8 दिन से हर दिन औसतन 50 हजार केस मिल रहे थे। लेकिन, सोमवार को इनकी संख्या नाटकीय रूप से सिर्फ 20 हजार के करीब हो गई। देश में लॉकडाउन पर सवाल उठ रहे थे और इसका सड़कों पर विरोध भी हो रहा था। अब सरकार ने कहा है कि इससे बहुत फायदा हुआ है। देश के प्रमुख शहरों में अक्टूबर से ही लॉकडाउन है। देश में 10 दिन से लॉकडाउन है। सोमवार को कुल 20 हजार 155 संक्रमित मिले। वैसे एक तथ्य यह भी है कि संक्रमितों की संख्या भले ही कम हुई हो, लेकिन हॉस्पिटल्स में भर्ती होने वालों की संख्या कम नहीं हुई।
ब्रिटेन में फिर मौतें
ब्रिटेन के कुछ हिस्सों में लॉकडाउन जारी है। लेकिन, इसका फायदा होता नजर नहीं आता। यहां सोमवार को 21 हजार मामले सामने आए। यह हाल के दिनों में सबसे बड़ा आंकड़ा है। इसके साथ ही ही 194 लोगों की मौत भी हुई। हेल्थ मिनिस्ट्री का कहना है कि मौतों का बढ़ता आंकड़ा सबसे बड़ी चिंता का विषय है। देश में सात दिन में एक लाख 60 हजार मामले सामने आए। इसी दौरान दो हजार 385 लोगों की मौत हो गई।
अमेरिका में तीसरी लहर खतरनाक
अमेरिका दुनिया का पहला देश बन गया है जहां कोरोना संक्रमितों का आंकड़ा एक करोड़ के पार हो गया है। रॉयटर्स न्यूज एजेंसी के मुताबिक, अमेरिका में कोरोना की तीसरी लहर शुरू हो चुकी है। बीते 10 दिन में अमेरिका में लाखों मामले सामने आए हैं। वॉशिंगटन में 293 दिन पहले कोरोना का पहला केस आया था। अमेरिका में शनिवार को 1 लाख 31 हजार 420 मामले दर्ज किए गए थे। अमेरिका में बीते सात दिन में कोरोना के नए मामले आने का औसत 1 लाख 5 हजार 600 रहा। इसमें 29% की बढ़ोतरी देखी गई। अमेरिका के कुल मामले भारत (85 लाख से ज्यादा) और फ्रांस (17 लाख से ज्यादा) केसों से ज्यादा हैं। अब तक कोरोना से दुनिया में 5 करोड़ 7 लाख 37 हजार 875 केस सामने आ चुके हैं। 12 लाख 62 हजार 130 लोगों की मौत हो चुकी है। 3 करोड़ 57 लाख 95 हजार 252 लोग ठीक भी हो चुके हैं।
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दिल पहुंचा रहा हेलिकाॅप्टर क्रैश, स्वास्थ्यकर्मी भी गिरा, लेकिन दिल काे मरीज तक पहुंचा दिया November 09, 2020 at 02:08PM
ऐसा फिल्माें में तो अक्सर हाेता है, लेकिन असल जिंदगी में संभवत: पहली बार हुआ है। लाॅस एंजिलिस में हेलिकाॅप्टर एंबुलेंस से लाया जा रहा दिल प्रत्याराेपण से पहले ही हादसे का शिकार हाे गया। लेकिन स्वास्थ्यकर्मियाें और दमकलकर्मियाें की सजगता और तत्परता की बदाैलत उसे तुरत-फुरत प्रत्यारोपण का इंतजार कर रहे मरीज तक पहुंचा दिया गया।
दरअसल, हेलिकाॅप्टर ने प्रत्याराेपण के लिए दिल लेकर सैन डिएगाे से पूर्वी लाॅस एंजिलिस के लिए उड़ान भरी थी। दाेपहर करीब 3:15 बजे हाॅस्पिटल की छत पर बने हेलिपैड पर लैंडिंग से पहले वह अचानक घूमने लगा और क्रैश हाे गया। आठ सीटर अगस्ता वेस्टलैंड हेलिकाॅप्टर के परखच्चे पूरी छत पर फैल गए। खुशकिस्मती से पायलट काे मामूली चाेटें आईं और दाे स्वास्थ्यकर्मी बाल-बाल बच गए।
तत्काल पहुंचे बचावकर्मियाें ने हाइड्राेलिक उपकरण से हेलिकाॅप्टर काे काटा और दिल वाले बाॅक्स काे निकाला, जाे भीतर सुरक्षित पड़ा हुआ था। उन्हाेंने बाॅक्स एक अन्य स्वास्थ्यकर्मी काे दिया। वह ऑपरेशन थिएटर की ओर भागने के लिए तेजी से मुड़ा, लेकिन हेलिकाॅप्टर के मलबे से टकराकर गिर गया।
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62 दिन से कोमा में था 18 साल का चियू, भाई ने लिया पसंदीदा खाने का नाम तो आ गया होश November 09, 2020 at 02:08PM
पसंदीदा खाने का नाम सुनते ही अधिकांश लोगों के मुंह में पानी आ जाता है। लेकिन, क्या आपने कभी सुना है कि इससे कोमा में मौजूद इंसान जाग भी सकता है? ऐसा एक वाकया सामने आया है ताइवान में। वहां, पसंदीदा खाने के जिक्र ने युवक को कोमा से बाहर निकाल दिया। 62 दिनों तक कोमा में रहने वाला 18 वर्षीय चियू आश्चर्यजनक तरीके से कोमा से बाहर आ गया।
उत्तरी-पश्चिमी ताइवान निवासी चियू जुलाई में स्कूटर दुर्घटना में गंभीर रूप से घायल हो गया था। उसे जानलेवा चोटें आई और कई अंदरूनी अंगों को चोट पहुंची। गंभीर स्थिति में अस्पताल पहुंचे बच्चे की सर्जरी की गई। इससे हालत में सुधार तो हुआ लेकिन वह गहरे कोमा में चला गया। वह दो महीने से अधिक समय तक कोमा में रहा।
अस्पताल में रहने के दौरान 6 बार सर्जरी हुई
चियू का इलाज करने वाले अस्पताल के डायरेक्टर ने बताया कि जब उसे यहां लाया गया तो उसके बचने की उम्मीद काफी कम थी। उसकी दाहिनी किडनी, लिवर और तिल्ली में चोट आई थी। मल्टीपल फ्रैक्चर होने के कारण उसके शरीर से खून बह रहा था। अस्पताल में रहने के दौरान उसकी छह सर्जरी करनी पड़ी। उन्होंने कहा कि चियू अपनी मजबूत इच्छा शक्ति की बदौलत बचने में कामयाब तो हो गया, लेकिन साथ ही कोमा में भी चला गया।
चिकन फिलेट का नाम सुनते ही शुरू हुई हरकत
62 दिन तक वह कोमा में ही रहा। एक दिन चियू का बड़ा भाई उससे मिलने अस्पताल आया और मजाक में उससे कहा, ‘भाई मैं तुम्हारा फेवरेट चिकन फिलेट खाने जा रहा हूं।’ चियू के पसंदीदा खाने के जिक्र ने उसके बेहोशी की हालत से बाहर आने में मदद की और उसके पल्स रेट तेज हो गई। कुछ देर में वह जाग भी गया। बाद में पूरी तरह ठीक होने के बाद चियू को अस्पताल से डिस्चार्ज कर दिया गया।
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चुनाव ट्रम्प हारे, पर नींद आम अमेरिकी की उड़ी; देरी से आए नतीजाें के कारण तनाव-चिंता भी बढ़ी November 09, 2020 at 02:08PM
अमेरिका में राष्ट्रपति चुनाव के नतीजे लगभग आ चुके हैं। डेमाेक्रेटिक पार्टी के उम्मीदवार जाे बाइडेन का राष्ट्रपति बनना तय है। परिणामाें की औपचारिक घाेषणा बाकी है। 3 नवंबर काे साफ हाेने वाली तस्वीर 8 नवंबर काे स्पष्ट हुई। परिणामाें में हुई यह देरी अमेरिकियाें की सेहत पर भारी पड़ी है।
चुनाव परिणामाें की घाेषणा के दाैरान हुए एक अध्ययन में सामने आया है कि देरी से आए नतीजाें के कारण अमेरिकी 13 कराेड़ 88 लाख 33 हजार 45 घंटे नहीं सो पाए। एक अमेरिकी की इलेक्शन डे के दिन औसतन 25.50 मिनट नींद खराब हुई। ये आंकड़े अमेरिकी लाेगाें का सेहत संबंधी रिकाॅर्ड रखने वाले एप के अध्ययन में सामने आए हैं।
परिणामों में उतार-चढ़ाव के कारण डिप्रेशन की शिकायत बढ़ी
वहीं काेमाे न्यूज द्वारा साेशल मीडिया पर किए गए एक अध्ययन में सामने आया कि अमेरिकियाें ने परिणामाें का इंतजार करते-करते तनाव भी महसूस किया। लाेगाें के तनाव में 15% बढ़ाेतरी हुई ताे उनकी चिंता में 9% तक इजाफा हुआ। परिणामों में उतार-चढ़ाव के कारण कई अमेरिकियों ने डिप्रेशन की भी शिकायत की ताे उनकी धड़कनें भी उच्चतम स्तर पर रहीं।
कई लाेगाें ने बढ़े तनाव और चिंता की शिकायत की थी
इसमें करीब डेढ़ गुना की बढ़ोतरी हुई। अस्पताल पहुंचे मरीजाें में चुनाव संबंधी कार्डियक मामले भी दर्ज किए गए। कंपास हेल्थ के सीईओ और प्रेसीडेंट टाॅम सेबेस्टियन के मुताबिक, कई लाेगाें ने बढ़े तनाव और चिंता की शिकायत की थी। वहीं बहुत से लाेगाें ने बताया कि उन्हें आशंका है कि चुनाव के परिणामाें के बाद कई शहराें में अशांति फैल सकती है और हिंसक प्रदर्शन हाे सकते हैं।
तनाव के कारण बढ़े हृदय संबंधी मामलाें काे लेकर भी कई लाेग अस्पताल पहुंचे। लास वेगास में साउथर्न हिल्स हाॅस्पिटल एंड मेडिकल सेंटर के कार्डियाेलाॅजिस्ट डाॅ. जिया खान के मुताबिक, उन्हें आशंका है कि हृदय संबंधी मामले इससे भी अधिक होंगे। 24 वर्षीय एक चुनाव कर्मी काे रातभर घबराहट हाेती रही। वह जब अस्पताल आया ताे उसे कार्डियक एरिथमिया निकला।
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Pfizer’s early data shows vaccine is more than 90% effective November 09, 2020 at 09:44AM
पूर्व सहायकों का दावा- राष्ट्रपति और मेलानिया के बीच सब ठीक नहीं, शादी टूटने की कगार पर November 08, 2020 at 09:54PM
अमेरिकी प्रेसिडेंशियल इलेक्शन में राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प की हार हो चुकी है। हालांकि वे इस बात को स्वीकार करने के लिए तैयार नहीं हैं। अब व्हाइट हाउस से उनके परिवार टूटने की खबरें भी आ रही हैं। ट्रम्प के सहायकों का दावा है कि मेलानिया से उनकी शादी टूटने की कगार पर है।
पूर्व सहायक स्टेफनी वोल्कॉफ का दावा है कि मेलानिया शादी टूटने के बाद के समझौते पर बातचीत कर रही थीं, ताकि उनके बेटे बैरन को ट्रम्प की संपत्ति में बराबरी का हिस्सा मिल सके। वोल्कॉफ यह भी कहती हैं कि व्हाइट हाउस में मेलानिया और ट्रम्प का बेडरूम अलग-अलग था। रिश्ता सिर्फ नाम का था।
एक अन्य पूर्व सहायक ओमारोसा मैनीगॉल्ट के मुताबिक, ‘ट्रम्प-मेलानिया की 15 साल पुरानी शादी करीब-करीब खत्म हो चुकी है। मेलानिया एक-एक मिनट गिन रही हैं कि कब ट्रम्प राष्ट्रपति पद से हटें और वे तलाक दें। अगर मेलानिया ट्रम्प के पद पर रहने के दौरान उनसे अलग होती हैं तो राष्ट्रपति उन्हें सजा देने के रास्ते निकाल सकते हैं।’
2016 में ट्रम्प की जीत पर रोई थीं
2016 में डोनाल्ड ट्रम्प की जीत पर मेलानिया फफककर रोई थीं। उन्होंने (मेलानिया) अपनी एक दोस्त से कहा था कि मैंने ट्रम्प के जीतने की कभी उम्मीद ही नहीं की थी। इतना ही नहीं, मेलानिया ने 2016 में न्यूयॉर्क से वॉशिंगटन जाने के लिए 5 महीने का इंतजार किया था। इसके लिए बैरन के स्कूल खत्म होने का तर्क दिया था। कभी मॉडल रहीं मेलानिया स्लोवेनियाई मूल की हैं। उन्होंने ट्रम्प से 2005 में शादी की थी।
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