Thursday, February 20, 2020
South Korean church leader: Coronavirus is 'devil's deed' February 20, 2020 at 08:43PM
फ्रांस का एडीपी ग्रुप 10780 करोड़ रुपए में जीएमआर के एयरपोर्ट बिजनेस की 49% हिस्सेदारी खरीदेगा February 20, 2020 at 08:25PM
मैनेजमेंट कंट्रोल जीएमआर के पास रहेगा
जीएमआर ने बताया कि डील के तहत 5,248 करोड़ रुपए तुरंत मिल जाएंगे। इस राशि का इस्तेमाल कर्ज चुकाने में किया जाएगा। इससे कैश फ्लो और मुनाफा बढ़ने की उम्मीद है। शेयर परचेज एग्रीमेंट की शर्तों के मुताबिक मैनेजमेंट कंट्रोल जीएमआर के पास रहेगा। बाकी अधिकार एडीपी के पास रहेंगे, साथ ही जीएमआर एयरपोर्ट्स लिमिटेड और इसकी सब्सिडियरी कंपनियों के बोर्ड में भी प्रतिनिधित्व होगा।
जीएमआर और एडीपी ने पिछले साल कुल 33.65 करोड़ यात्रियों को हैंडल किया
जीएमआर के मुताबिक वह एडीपी के साथ मिलकर एयरपोर्ट डेवलपमेंट और ऑपरेशंस को नए स्तर पर ले जाएगा। यात्रियों को सबसे बेहतर सुविधाएं दी जाएंगी। इस डील के जरिए डेवलपमेंट के नए मौके मिलेंगे। ऑपरेशंस, रिटेल, आईटी, इनोवेशन, इंजीनियरिंग और दूसरे क्षेत्रों में विशेषज्ञता (एक्सपरटाइज) बढ़ेगी। 2019 में जीएमआर और ग्रुप एडीपी ने कुल 33.65 करोड़ यात्रियों को हैंडल किया था। यह दुनिया में सबसे ज्यादा है।
जीएमआर को पिछले ऑफर के मुकाबले 22% ज्यादा वैल्यूएशन मिला
जीएमआर ने पिछले साल एयरपोर्ट बिजनेस के 44.44% शेयर टाटा ग्रुप की लीडरशिप वाले कंसोर्शियम को 8,500 करोड़ रुपए में बेचने की डील की थी। लेकिन, सफल नहीं हो पाई क्योंकि भारतीय एयरलाइन में हिस्सेदार कंपनी किसी स्थानीय एयरपोर्ट में 10% से ज्यादा शेयर नहीं रख सकती। टाटा सन्स के पास विस्तारा और एयरएशिया इंडिया की करीब 50% हिस्सेदारी है। जीएमआर से प्रस्तावित डील के तहत टाटा सन्स के पास जीएमआर के एयरपोर्ट बिजनेस की कुल 20% और दिल्ली एयरपोर्ट की 12.8% हिस्सेदारी हो जाती। एडीपी के साथ डील से एजीआर फायदे में रहा है। जीएमआर के लिए टाटा ग्रुप की लीडरशिप वाले कंसोर्शियम का वैल्यूएशन एडीपी के जीएमआर के लिए वैल्यूएशन (22,000 करोड़ रुपए) से 22% कम था।
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नीदरलैंड्स सरकार ने इथोपिया को 18वीं सदी का ऐतिहासिक क्राउन लौटाया, 21 साल पहले चोरी हो गया था February 20, 2020 at 07:50PM
एम्स्टर्डम. नीदरलैंड्स सरकार ने गुरुवार को इथोपिया सरकार को 21 साल पहले चोरी हुआ सेरेमोनियल क्राउन लौटा दिया। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, यह ताज 18वीं शताब्दी का है। इथोपिया में इसका धार्मिक महत्व है। एक चर्च से यह 1999 में चोरी हो गया था।
एम्स्टर्डम में एक छोटे से कार्यक्रम में इसे इथोपिया अधिकारियों को सौंप दिया गया। इसके मिलने का भी रोचक किस्सा है। यह ताज 1998 में इथोपियन मूल के एक डच नागरिक सिराक अस्फाव को मिला था। उसने बताया कि यह एक मेहमान के सूटकेस में मिला, वह कई साल पहले घर पर छोड़ गया था। उसने बताया कि पहले वह इस धरोहर लौटाना नहीं चाहता था।इसलिए मैंने 21 साल का इंतजार किया और इसे सुरक्षित रखा। बाद में मेरा मन बदल गया और मैंने इसे इथोपिया सरकार को देने का फैसला किया।
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दिल्ली के आईटीबीपी सेंटर में रखे गए सभी 406 लोग स्वस्थ, चीन में एक दिन में 118 लोगों की मौत February 20, 2020 at 07:31PM
बीजिंग/नई दिल्ली. दिल्ली के छावला स्थित आईटीबीपी ऑब्जर्वेशन सेंटर में रखे गए सभी 406 भारतीयों की रिपोर्ट निगेटिव आई है। सभी को 1 और 2 फरवरी को वुहान से लौटने के बाद यहां निगरानी में रखा गया था। उधर,चीन में नोवेल कोरोनावायरस (कोविड-19) से गुरुवार को 118 लोगों की मौत हुई। देश में अब तक मरने वालों की संख्या 2236 हो गई है।75,465 संक्रमण के मामलों की पुष्टि हो चुकी है।
नेशनल इंस्टिट्यूट ऑफ वाइरोलॉजी, पुणे के चिकित्सक बीवी टंडल ने गुरुवार कोकहा-सभी संदिग्धोंकी रिपोर्ट दो-दो बार जांची गई।हमने अब तक 1350 सैंपल्स की जांच की है। इनमें केवल तीन रिपोर्ट पॉजिटिव आई थी, जिसे केरल सरकार कौ सौंप दिया गया। लगातार उनके रिपोर्ट की जांच की जा रही है। चीन के वुहान शहर से 1 और 2 फरवरी को एयर इंडिया के विमान से साल मालदीव के नागरिकों समेत 647 लोगों को निकाला गया था। सभी को दिल्ली के आईटीबीपी और मानेसर के सैन्य केंद्र में निगरानी के लिए रखा गया था।
सोमवार को लगभग 200 मरीजों को घर जाने की अनुमति मिली
स्वास्थ्य मंत्री डॉ. हर्षवर्धन ने सोमवार को आईटीबीपी सेंटर में वुहान से लौटे भारतीयों से मुलाकात की थी। 406 में से लगभग 200लोगों की रिपोर्ट निगेटिव आई थी। सोमवार को उन्हें घर भेज दिया गया था। वहीं, मानेसर के 252 रिपोर्टों की रिपोर्ट निगेटिव आई थी।
- चीन के हेल्थ कमीशन के मुताबिक, गुरुवार को 1614 नए संदिग्ध मामलों की पहचान हुई। जबकि 5206 लोगों के अभी भी वायरस से संक्रमित होने का संदेह है। सबसे ज्यादा प्रभावित हुबेई प्रांत में 115 मौत हुई। झेजियांग, चॉन्गकिंग और युनान में 1-1 मौत हुई है।
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चीन में संक्रमण के मामलों में पिछले कुछ दिनों में कमी। बुधवार को 394 जबकिगुरुवार को 889 मामलों की पुष्टि हुई। एक दिन पहले मंगलवार को 1693 मामले सामने आए थे।
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हेल्थ कमीशन ने शुक्रवार को बताया-गुरुवार तक कोरोनावायरस से प्रभावित 18,264 लोगों को अस्पताल से छुट्टी दी गई। हुबेई में 411 नए मामले सामने आए। प्रांत में अब तक 62442 मामलों की पुष्टि हुई, जिसमें राजधानी वुहान में केवल 45346 मामले।
- हुबेई के हेल्थ कमीशन ने बताया- राज्य में अभी 42,056 मरीज अस्पताल में भर्ती हैं। इनमें 8,979 की स्थिति बेहतर, जबकि 2,018 गंभीर। राज्य में 1,451 मरीजों को गुरुवार को अस्पताल से छुट्टी मिली। अब तक कुल 11,877 मरीजों को घर भेजा गया।
- दक्षिण कोरिया में शुक्रवार को 52 नए मामले सामने आए। देश में अब तक 156 मामलों की पुष्टि हो चुकी है।
बीजिंग में एक दिन में 36 नए मामले
ग्लोबल टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक, बीजिंग में अचानक संक्रमण में वृद्धि देखी गई। यहां के फुक्सिंग अस्पताल में गुरुवार को कोरोनावायरसके 36 मामले देखे गए। रिपोर्ट में कहा गया किजिचेंग जिले के फॉक्सिंग अस्पताल में आठ मेडिकल स्टाफ, नौ सफाई कर्मचारी और 19 मरीजों में संक्रमण पाया गया है।
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भारत में ट्रम्प की लोकप्रियता बढ़ रही, लेकिन उनकी कुछ नीतियां और कारोबारी रवैया भारतीयों को पसंद नहीं February 20, 2020 at 07:07PM
वॉशिंगटन.अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प की लोकप्रियता भारत में बढ़ रही है। लेकिन उनकी कुछ नीतियां और कारोबारको लेकर उनका रवैया लोगों को पसंद नहीं है। वहीं, कांग्रेस के मुकाबले भाजपा समर्थकों को ट्रम्प के कामकाज पर ज्यादा भरोसा है। यह बात पीयू रिसर्च के एक सर्वे में सामने आई। जिसे ट्रम्प की 24-25 फरवरी की भारत यात्रा से पहले गुरुवार को जारी किया गया। अमेरिकी राष्ट्रपतिसबसे पहले अहमदाबाद, फिर आगरा और दिल्ली जाएंगे।
न्यूज एजेंसी के मुताबिक, भारत में पिछले साल 24 जून से 2 अक्टूबर तक किए गए ग्लोबल एटीट्यूड सर्वे में 2,476 लोगों ने जवाब दिए। इसके आधार पर पीयू ने कहा है कि ज्यादातर भारतीयों का मानना है कि जब वैश्विक मामलों की बात आती है तो ट्रम्प सही कदम उठाते हैं। उन्हें भारतीयों से सकारात्मक प्रतिक्रियाएं मिलती हैं। लेकिन कुछ खास नीतियों और व्यापार से जुड़े दृष्टिकोण को उतनी तरजीह नहीं मिलती है।
ट्रैरिफ बढ़ाने के ट्रम्प के फैसले को 48% ने अस्वीकार किया
सर्वे में सामने आया है कि 2016 में राष्ट्रपति चुनाव में उम्मीदवार बनने पर भारत में ट्रम्प की लोकप्रियता बढ़ने लगी थी। पिछले तीन साल में यह 14% से बढ़कर 56% पर पहुंच गई। उनसे पहले अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा की लोकप्रियता 58% थी। पीयू का कहना है कि कांग्रेस के मुकाबले भाजपा समर्थकों को ट्रम्प के कामकाज पर ज्यादा भरोसा है। वस्तुओं पर ट्रैरिफ बढ़ाने के ट्रम्प के फैसले को 48% ने अस्वीकार किया।
ट्रम्प-मेलानिया 2 दिन में तीन शहर जाएंगे
- राष्ट्रपति ट्रम्प और उनकी पत्नी मेलानिया 24 फरवरी को सुबह 11:55 बजे अहमदाबाद एयरपोर्ट (गुजरात) पहुंचेंगे। यहां प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी उनका स्वागत करेंगे। रोड शो के रूट के मुताबिक, ट्रम्प और मोदी एयरपोर्ट से एसपी रिंग रोड होते हुएसाबरमती आश्रम जाएंगे।दोनों नेता वहां 25 मिनट रुकेंगे। दोपहर 1:15 बजे मोटेरा स्टेडियम पहुंचेंगे। यहां ट्रम्प के स्वागत से लेकर सुरक्षा तक के लिए विशेष इंतजाम किए गए हैं। करीब 25 हजार जवान सुरक्षा में तैनात होंगे। वे तकरीबन ढाई घंटे अहमदाबाद में रुकेंगे।
- 24 फरवरी को ही ट्रम्प और मेलानियाताजमहल देखने आगरा जाएंगे। 25 फरवरी को दोनोंदिल्ली में रहेंगे। राष्ट्रपति भवन में उनका आधिकारिक स्वागत होगा। दोनों महात्मा गांधी को श्रद्धांजलि देने राजघाट भी जाएंगे। मेलानिया दिल्ली के एक सरकारी स्कूल में हैप्पीनेस क्लास के बच्चों से मिलेंगी। द्विपक्षीय वार्ता और राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद से मुलाकात के बाद ट्रम्प मंगलवाररात को ही वॉशिंगटन रवाना होंगे।
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ट्रम्प के सहयोगी रोजर स्टोन को 40 महीने की सजा, संसदीय जांच में बाधा डालने के आरोप साबित February 20, 2020 at 06:53PM
वॉशिंगटन. अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प के करीबी रोजर स्टोन को एक अदालत ने 40 महीने की सजा सुनाई। स्टोन को संसदीय जांच में बाधा डालने और झूठ बोलने समेत कुछ अन्य मामलों में दोषी ठहराया गया। फिलहाल, स्टोन को जेल नहीं भेजा गया है। वो फैसले के खिलाफ ऊपरी अदालत में अपील कर सकते हैं।
स्टोन को अमेरिकी संसद में झूठ बोलने, गवाहों को प्रभावित करने और सदन की जांच में बाधक बनने का दोषी पाया गया। अमेरिकी कांग्रेस 2016 के राष्ट्रपति चुनाव में रूस के दखल और ट्रम्प की मदद के आरोपों की जांच कर रही है।
सच्चाई अभी जिंदा है..
डिस्ट्रिक्ट कोर्ट की जज एमी बर्मन जैक्सन ने स्टोन पर फैसला सुनाते वक्त कहा, “सच्चाई अब भी जिंदा है और इसका महत्व हमेशा रहेगा। स्टोन ने स्वयं को बचाने के लिए झूठ बोला। उनकी वजह से हमारे मौलिक संस्थानों को खतरा है। यही संस्थान हमारे लोकतंत्र की नींव हैं।” जज ने कहा कि स्टोन को तत्काल जेल नहीं भेजा जाएगा। उनके पास ऊपरी अदालत में अपील का कानून अधिकार है। कुछ दिन पहले ट्रम्प ने अपने एक और सहयोगी पॉल मैनफोर्ट को सजा दिए जाने के बाद जज पर निशाना साधा था। मैनफोर्ट को भी गलत तरीकों से लॉबीइंग और गवाहों को प्रभावित करने का दोषी पाया गया था।
मुश्किल में अमेरिकी राष्ट्रपति
स्टोन अमेरिकी राष्ट्रपति के छठवें सहयोगी हैं जिन पर सत्ता के दुरुपयोग के आरोप लगे। हालांकि, सीनेट ने उन्हें बरी कर दिया। पिछले राष्ट्रपति चुनाव में रूस की दखलंदाजी और ट्रम्प को फायदा पहुंचाने की जांच विशेष अधिकारी रॉबर्ट मुलर कर रहे हैं। स्टोन को उन्होंने आरोपी माना था। इसके बाद अदालत ने स्टोन को सजा सुनाई। कुछ दिन पहले स्टोन ने सोशल मीडिया पर बंदूक के साथ एक फोटो शेयर की थी। इस मामले में भी उनके खिलाफ शिकायत दर्ज हुई थी। खास बात ये है कि उस मामले की सुनवाई भी एमी बर्मन ने ही थी। तब उन्होंने चेतावनी देते हुए स्टोन को बरी कर दिया था।
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Intel officials say Russia boosting Trump candidacy February 20, 2020 at 04:06PM
सेंट्रल लंदन के मस्जिद में चाकू से हमला; एक व्यक्ति घायल, संदिग्ध गिरफ्तार February 20, 2020 at 04:34PM
लंदन. सेंट्रल लंदन के रीजेंट्स पार्क मस्जिद में गुरुवार को दोपहर चाकू से हमला हुआ। हमले में एक 70 साल का बुजुर्ग घायल हो गया। पुलिस ने बताया कि इस मामले में एक संदिग्ध को गिरफ्तार किया गया है। भारतीय समयानुसार यह घटना गुरुवार शाम 8 बजे की है।
पुलिस के मुताबिक, घायल युवक को अस्पताल में भर्ती कराया गया है। उसकी स्थिति बेहतर है। हमलावर की पहचान नहीं हो पाई है। घटना की जांच की जा रही है। गवाहों के मुताबिक, हमलावर ने मुआज्जीन पर चाकू से तब हमला किया, जब वे अजान पढ़ रहे थे।पुलिस ने कहा- हत्या की कोशिश के आरोप में 29 साल के युवक को गिरफ्तार किया गया है। सेंट्रल लंदन पुलिस स्टेशन में उसे हिरासत में रखा गया है।
हमले का कारण पता नहीं चल पाया है
दुर्घटनास्थल के फुटेज के मुताबिक, गिरफ्तार किया गया युवक रेड हूडी पहने नजर आ रहा है। हमले के पिछे के कारणों का पता नहीं चल पाया है। गवाहों के मुताबिक, घटना के समय मस्जिद में लगभग 100 लोग थे। चाकू से हमला के बाद लोगों नेहमलावर को जमीन पर पटक दिया और पुलिस के आने तक पकड़े रहे। कुछ लोगों ने बताया कि वह पिछले कई दिनों से मस्जिद आ रहा था।
प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन ने कहा- इस घटना से बेहद दुखी हूं। प्रार्थनास्थल पर ऐसे अपराध को अंजाम दिया गया। यह चिंताजनक है। घायल और प्रभावित लोगों के साथ मेरी संवेदनाएं हैं।
लंदन के मेयर सादिक खान ने कहा- लंदन का रहने वाला हर नागरिक अपने प्रार्थनास्थल पर सुरक्षित महसूस करने का हकदार है। मैं लंदन के हर समुदाय के लोगों को आश्वस्त करना चाहता हूं कि हमारे शहर में हिंसा बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
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कट-कॉपी-पेस्ट के जनक टेस्लर नहीं रहे, जॉब्स ने उनसे कहा था- आप दुनिया बदल सकते हैं February 20, 2020 at 03:55PM
न्यूयाॅर्क.कम्प्यूटर में कट, कॉपी और पेस्ट की कमांड का आविष्कार करने वाले 74 साल के वैज्ञानिक लैरी टेस्लर का निधन हो गया। न्यूयॉर्क में जन्मे और स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी से कम्प्यूटर साइंस में ग्रेजुएट लैरी ने 1973 में जेरॉक्स पालो अल्टो रिसर्च सेंटर से करियर शुरू किया था। टेस्लर ने इस रिसर्च सेंटर में टिम मॉट के साथ मिल कर जिप्सी टेक्स्ट एडिटर तैयार किया। इसी जिप्सी टेक्स्ट एडिटर में उन्होंने टेक्स्ट को कॉपी व मूव करने के लिए मेथड तैयार किया।
टेस्लर के इस आविष्कार ने लोगों के लिए पर्सनल कम्प्यूटर इस्तेमाल करना काफी आसान बना दिया। उन्होंने फाइंड और रिप्लेस जैसी कई कमांड बनाईं, जिनसे टेक्स्ट लिखने से लेकर सॉफ्टवेयर डेवलप करने जैसे कई काम आसान हो गए। उनकी यह कमांड तब पॉपुलर हुई, जब 1983 में इसे एपल के सॉफ्टवेयर में लिसा कम्प्यूटर के लिए इस्तेमाल किया गया। टेस्लर ने एपल, अमेजन व याहू में भी काम किया है।
फाइंड और रिप्लेस जैसी कमांड बनाकर कम्प्यूटर का इस्तेमाल सरल किया
टेस्लर ने 1960 के दशक में सिलिकॉन वैली में काम करना शुरू किया था। तब कम्प्यूटर कुछ लोगों तक ही सीमित था। जेरॉक्स छोड़ने के बाद लैरी ने 1980 में एपल ज्वाइन की। यहां 17 साल तक बतौर चीफ साइंटिस्ट काम किया। उन्होंने 2011 में कैलिफोर्निया के चर्चिल क्लब कार्यक्रम में कहा था- ‘27 सितंबर 1979 का दिन मुझे अच्छी तरह याद है, जब मुझे एपल के सह संस्थापक स्टीव जॉब्स को जेरॉक्स का अल्टो कम्प्यूटर दिखाने का मौका मिला। इसमें आइकन, विंडो, फोल्डर, माउस और मेरी कट, कॉपी और पेस्ट की तकनीक शामिल थी। इसे देखते समय स्टीव काफी उत्साहित नजर आए।
वे कभी मेरी ओर तो कभी स्क्रीन पर टकटकी लगाकर देखते रहे। वे कमरे के चारों ओर चक्कर काट रहे थे। प्रेजेंटेशन खत्म होते ही वे मेरी ओर आए व बोले- आप तो सोने की खान पर बैठे हैं। आप इस तकनीक के साथ क्याें कुछ नहीं कर रहे हैं... आप दुनिया बदल सकते हैं। मैंने उनसे कहा- आपको लगता है कि यह तकनीक ऐसा कर सकती है तो आप क्यों नहीं इसका इस्तेमाल करते हैं? इतना कहते ही उन्होंने तत्काल मुझे नए असाइनमेंट के लिए अनुबंधित किया। उन्होंने मेरी सभी तकनीक को एपल में जगह दी। वे सालों तक हर बार मुझे यह बताते कि इस तकनीक से कंपनी ने कितना मुनाफा व नाम कमाया। वे हर बार मुझे कंपनी की नई ऊंचाई छूने पर बधाई देना नहीं भूलते। मुझे खुशी है कि आईफोन, आईपैड में उपयोग में आने वाली कई तकनीक पर मैंने काम किया, जो भविष्य को नई दिशा देगा।’
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South Korea confirms 52 more coronavirus cases, total 156 February 20, 2020 at 03:42PM
Trump ally Roger Stone gets 40 months prison amid meddling firestorm February 20, 2020 at 08:47AM
UK's Boris Johnson under fire for flood response as more rain due February 20, 2020 at 02:39AM
विदेशी इमामों और मुस्लिम टीचर्स पर प्रतिबंध; राष्ट्रपति मैक्रों बोले- ये कट्टरता और नफरत फैलाते हैं February 19, 2020 at 09:00PM
पेरिस. फ्रांस सरकार ने विदेशी इमामों के देश आने पर रोक लगा दी। राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों के मुताबिक, सरकार ने यह फैसला कट्टरपंथ और अलगाववाद रोकने के लिए किया है। राष्ट्रपति ने बुधवार को ये भी साफ कर दिया कि फ्रांस में जो इमाम मौजूद हैं उन्हें स्थानीय भाषा यानी फ्रेंच सीखना जरूरी होगा। उन्होंने आगाह किया कि फ्रांस में रहने वालों को यहां के कानून का सख्ती से पालन करना होगा।
2019 में फ्रांस की कुल जनसंख्या करीब 6.7 करोड़ थी। इसमें करीब 65 लाख मुस्लिम हैं। फ्रांस का 4 देशों से समझौता है। इसके मुताबिक ये देश अपने इमाम और इस्लामिक टीचर्स और स्कॉलर फ्रांस भेज सकते हैं। 2020 के बाद समझौता खत्म हो जाएगा।
विदेशी दखलंदाजी पर सख्त मैक्रों
राष्ट्रपति मैक्रों ने बुधवार को पूर्वी शहर मुलहाउस का दौरा किया। यहां मुस्लिमों की बड़ी तादाद है। मीडिया से बातचीत में राष्ट्रपति ने कहा, “हम विदेशी इमामों और मुस्लिम टीचर्स के प्रवेश पर प्रतिबंध लगा रहे हैं। इनकी वजह से देश में कट्टरपंथ और अलगाववाद का खतरा है। इसके अलावा विदेशी दखलंदाजी भी नजर आती है। दिक्कत तब होती है जब मजहब के नाम पर कुछ लोग खुद को अलग समझने लगते हैं और देश के कानून का सम्मान नहीं करते।”
43 साल पुराना कार्यक्रम
1977 में यानी 43 साल पहले फ्रांस ने 4 देशों से एक समझौता किया। करार के मुताबिक, अल्जीरिया, ट्यूनीशिया, मोरक्को और तुर्की अपने इमाम यहां भेज सकते हैं। समझौते में यह भी शर्त थी कि फ्रांस में अधिकारी इन इमामों या टीचर्स के काम की निगरानी नहीं करेंगे। हर साल 300 इमाम फ्रांस आते थे। ये करीब 80 हजार छात्रों को शिक्षा देते थे। 2020 के बाद यह सिलसिला थम जाएगा। सरकार ने फ्रेंच मुस्लिम काउंसिल को आदेश दिया है कि वो इमामों को स्थानीय भाषा सिखाए और किसी पर इस्लामिक विचार न थोपे जाएं।
देश के कानून का सम्मान करें
मैक्रों ने एक सवाल के जवाब में कहा, “फ्रांस सरकार के पास अब ज्यादा अधिकार हैं। हम इस्लामिक कट्टरपंथ के खिलाफ हैं। बच्चों की शिक्षा, मस्जिदों को मिलने वाली आर्थिक मदद और इमामों की ट्रेनिंग पर ध्यान देंगे। इससे विदेशी प्रभाव कम होगा। हम सुनिश्चित करना चाहेंगे कि यहां रहने वाला हर व्यक्ति फ्रांस के कानून का पालन और सम्मान करे। फ्रांस में तुर्की का कानून नहीं चल सकता।”
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महिला ने राष्ट्रपति से पूछा- क्या आप 12 हजार रुपए महीने में गुजारा कर सकते हैं, पुतिन बोले- कह पाना मुश्किल February 19, 2020 at 10:34PM
सेंट पीटर्सबर्ग. रूस के राष्ट्रपति व्लादिमिर पुतिन को उस वक्त हैरान रह गए, जब एक महिला ने उनसे पूछा कि आप कितना कमाते हैं और क्या 12 हजार रुपए (170 डॉलर) महीने में गुजारा कर सकते हैं? पुतिन इसका जवाब नहीं दे पाए।
आमतौर पर सार्वजनिक जगहों पर जाने से बचने वाले पुतिन महिला के इस सवाल का सही तरीके से जबाव नहीं दे पाए। यह वाकया बुधवार का है। जब पुतिन अपने पैतृक शहर सेंट पीटर्सबर्ग के दौरे पर गए थे। इस दौरान वे लोगों से मिलने पहुंच गए थे।
- महिला- क्या आप मुझे बताएं कि 12 हजार रुपए महीने में गुजारा किया जा सकता है।
- पुतिन- यह कह पाना बेहद मुश्किल है।
- महिला- आपको शायद 8 लाख रुबल मिलते हैं।
- पुतिन- देश में राष्ट्रपति से ज्यादा कई लोग कमाते हैं। राष्ट्रपति की सबसे ज्यादा सैलरी नहीं है। आप सही हैं। कई सोशल समस्याएं हैं, जिनका सरकार को समाधान निकालना हैं।
- महिला- आप इसका समाधान क्यों नहीं करते?
- पुतिन- हम हल करने की कोशिश कर रहे हैं
सार्वजनिक जगहों पर सवालों का ध्यान रखते हैं
राष्ट्रपति पुतिन आमतौर पर सार्वजनिक जगहों पर सवालों का जवाब नहीं देते हैं। अगर ऐसा कोई कार्यक्रम होता भी है तो सवाल पहले ही चुन लिए जाते हैं। इसके अलावा, वह सड़क या सार्वजनिक जगहों पर लोगों के बीच भी बहुत कम ही जाते हैं। पुतिन ने बुधवार को परिवार के जीवन को बेहतर बनाने वाली नीतियों का उल्लेख किया, इसमें बच्चों के जन्म के वक्त दिए जाने वाले लाभ और फायदों का जिक्र किया।
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भारत को अमेरिका से सहूलियतें मिलने की उम्मीद, दोनों देशों के बीच व्यापारिक तनाव बढ़ने की 9 वजहें February 19, 2020 at 09:52PM
नई दिल्ली. अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प अपने पहले दौरे में भारत आ रहे हैं। इसमें भारत को व्यापारिक सहूलियतें मिलने की उम्मीद है। पिछले साल अमेरिका के कुछ तरह के स्टील और एल्युमीनियम उत्पादों पर कस्टम ड्यूटी बढ़ाने के बाद भारत और अमेरिका के बीच खटास बढ़नी शुरू हुई थी। इसके अलावा अमेरिका ने भारत को जनरलाइज्ड सिस्टम ऑफ प्रिफ्रेंसेज (जीएसपी) प्रोग्राम से भी बाहर कर दिया था। इस प्रोग्राम के तहत अमेरिका विकासशील देशों को निर्यात में छूट देता है। इस प्रोग्राम के तहत भारत ने अमेरिका को करीब 600 करोड़ डॉलर के उत्पादों का निर्यात किया था।
अमेरिका के इस कदम के बाद भारत ने जून 2019 में बादाम, अखरोट, सेब और स्टील समेत 28 प्रोडक्ट्स पर टैरिफ बढ़ा दिया था। इससे अखरोट पर ड्यूटी 120%, काबुली चने और कुछ दालों पर ड्यूटी 70% बढ़ गई। ट्रम्प ने हार्ले डेविडसन मोटरबाइक पर ज्यादा टैरिफ का भी मुद्दा उठाया था। अमेरिका को आईटी प्रोडक्ट्स पर लगने वाली ड्यूटी पर आपत्ति है। मेडिकल उपकरणों की कीमत नियंत्रण पर भी अमेरिका को ऐतराज है। डेटा लोकलाइजेशन को लेकर अमेरिकी कंपनियां लगातार शिकायत कर रही हैं।
भारत और अमेरिका के बीच व्यापारिक तनाव की प्रमुख वजहें
- जीएसपी से हटाना :जीएसपी प्रोग्राम से हटाने के बाद भारत और अमेरिका के व्यापारिक रिश्तों में तनाव आया। इस प्रोग्राम के तहत अमेरिका 129 विकासशील देशों को व्यापार में छूट प्रदान करता है। 2018 में इस प्रोग्राम से फायदा लेने वाले देशों में भारत पहले नंबर पर था।
- पोल्ट्री : अमेरिकी से आयातित चिकन पर प्रतिबंध लगाने से दोनों देशों के बीच खटास बढ़ी।
- स्टील और एल्यूमीनियम टैरिफ मुद्दा :अमेरिका ने भारत समेत 12 देशों से आयातित स्टील और एल्यूमीनियम प्रोडक्ट्स पर टैरिफ बढ़ाया। अमेरिका के इस कदम के खिलाफ भारत डब्ल्यूटीओ पहुंचा।
- भारत की व्यापारिक नीतियां :अमेरिका के टैरिफ बढ़ाने के बाद भारत ने भी 28 अमेरिकी प्रोडक्ट पर टैरिफ बढ़ा दिया। इससे विवाद को और बढ़ावा मिला।
- वीसा मुद्दा :अमेरिका ने एच1-बी वीसा देने पर शिकंजा कसा है। वीसा फीस को दोगुना करने के साथ योग्यता के लिए सालाना आय को भी बढ़ा दिया गया है। इससे भारतीयों के लिए अमेरिका में अवसर कम हुए हैं।
- सोलर विवाद :अमेरिका का कहना है कि सोलर उपकरणों के लोकल सोर्सिंग पर भारत डब्ल्यूटीओ निर्णय का नहीं मान रहा है। नेशनल सोलर मिशन के तहत भारत ऊर्जा सेक्टर में अपनी स्थिति मजबूत करना चाहता है।
- निर्यात सब्सिडी :भारत की निर्यात सब्सिडी पर अमेरिका ने डब्ल्यूटीओ में विरोध जताया है। अमेरिका कहा कहना है कि कमजोर विकासशील देशों द्वारा दी जाने वाली निर्यात सब्सिडी योजना में भारत नहीं आता। अमेरिका को भारत के न्यूनतम समर्थन मूल्य सब्सिडी पर भी आपत्ति है।
- विकासशील देशों का मुद्दा :ब्यूनस आयर्स में डब्ल्यूटीओ की बैठक में अमेरिका ने कहा था भारत और चीन विकासशील देशों को दी जाने वाली सुविधाओं के हकदार नहीं हैं। भारत ने इस पर कड़ी आपत्ति जताई थी।
- डेटा लोकजाइजेशन :डिजिटल क्षेत्र में भारत डेटा लोकलाइजेशन को लेकर विदेशी आईटी कंपनियों पर लगातार दबाव बना रहा है। गूगल, अमेजन, फेसबुक, फ्लिपकार्ट समेत सभी बड़ी कंपनियां भारत के इस कदम का विरोध कर रही हैं।
अमेरिका और भारत के बीच व्यापार
चीन के बाद अमेरिका भारत का दूसरा सबसे बड़ा व्यापारिक साझेदार है। अमेरिका के लिए भारत नौंवा सबसे बड़ा व्यापारिक साझेदार है। गुड्स और सर्विसेज में अमेरिका और भारत के बीच 2018 में 142.6 अरब डॉलर का व्यापार हुआ। भारत ने अमेरिका को 83.9 अरब डॉलर का निर्यात किया जबकि 58.7 अरब डॉलर का आयात किया। अमेरिकी कॉमर्स डिपार्टमेंट के अनुसार भारत को गुड्स और सर्विसेज के निर्यात से अमेरिका में 1.97 लाख नौकरियां पैदा होती हैं।
भारत को अमेरिकी निर्यात
क्या निर्यात किया | कीमत(अरब डॉलर में) |
सर्विसेज | 25.2 |
कीमती धातुएं और स्टोन | 7.9 |
खनिज ईंधन | 6.7 |
एयरक्राफ्ट | 2.9 |
मशीनरी | 2.2 |
आर्गनिक केमिकल्स | 1.6 |
(कृषि क्षेत्र में अमेरिका भारत को नट्स, कपास, ताजे फल, डेयरी प्रोडक्ट्स और रेडी टू ईट फूड का निर्यात करता है)
अमेरिका को भारतीय निर्यात
क्या निर्यात किया | कीमत(अरब डॉलर में) |
सर्विसेज | 29.6 |
कीमती धातुएं और स्टोन | 11 |
फार्मास्यूटिकल्स | 6.3 |
मशीनरी | 3.3 |
खनिज ईंधन | 3.2 |
वाहन | 2.8 |
(कृषि क्षेत्र में भारत ने अमेरिका को मसालों, चावल, एसेंशियल ऑयल, प्रॉशेज्ड फलों और सब्जियों का निर्यात किया)
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