Thursday, April 9, 2020
Vietnam challenges China's monopoly on coronavirus diplomacy April 09, 2020 at 06:52PM
यूएन महासचिव गुटेरेस ने कहा- महामारी को लेकर तैयारियां नाकाफी, दुनिया पर जैविक हमले का खतरा मंडरा रहा है April 09, 2020 at 06:47PM
दुनिया में कोरोनावायरस महामारी रुकने का नाम नहीं ले रही। संयुक्त राष्ट्र (यूएन) महासचिव एंटोनियो गुटेरेस ने कहा कि महामारी से निपटने की तैयारियों में कमी साफ दिखती है। दुनिया पर जैविक हमले का खतरा मंडरा रहा है। दुनियाभर में फैले आतंकी गुट इसका फायदा उठा सकते हैं। अब तक 95 हजार से ज्यादा लोगों की जान जा चुकी है। कोरोना पर नजर रख रही जॉन हॉपकिंस यूनिवर्सिटी के मुताबिक, महामारी के चलते 15 लाख लोगों की जान जा सकती है।
गुटेरेस ने गुरुवार को सिक्योरिटी काउंसिल के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग में कहा, ‘‘कोरोना के चलते दुनिया इस वक्त खतरनाक दौर से गुजर रही है। इसके चलते अंतरराष्ट्रीय शांति और सुरक्षा को खतरा पैदा हो गया है। सुरक्षा परिषद के सभी सदस्यों को इस दौरान एकजुटता दिखाने की जरूरत है। हर देश कोविड-19 की गिरफ्त में है। हजारों लोगों को जान गंवानी पड़ी है। अस्पताल भरे हुए हैं। कर्मचारियों पर अत्यधिक दबाव है। लाखों लोगों को नौकरियां खोनी पड़ीं और बिजनेस में नुकसान हो रहा है। रोजमर्रा की जिंदगी में खासा बदलाव आया है। चिंता इस बात की है कि इससे भी ज्यादा भयावह सामने आ सकता है। ’’
1930 की मंदी से भी ज्याद भयावह:
आईएमएफ अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) प्रमुख क्रिस्टीना जॉर्जीवा ने कहा, ‘‘कोरोना संकट 1930 की महान मंदी से भी बड़ा है। अभी यह और खतरनाक रूप में सामने आ सकता है। कोरोना के चलते 170 देशों की प्रतिव्यक्ति आय में गिरावट आई है। कुछ महीने पहले हम उम्मीद कर रहे थे कि 160 देशों की प्रतिव्यक्ति आय में इजाफा होगा। कोविड के चलते अर्थव्यवस्था में जो गिरावट आई है, वह अगले साल तक कुछ हद तक ही ठीक हो पाएगी।’’ आईएमएफ ने जनवरी में इस साल के लिए ग्लोबल ग्रोथ 3.3% और 2021 के लिए 3.4% का अनुमान जताया था।
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Pakistan's coronavirus cases rise to 4,474, Punjab remains worst affected April 09, 2020 at 06:27PM
Israeli PM Benjamin Netanyahu thanks India for delivering hydroxychloroquine to Israel April 09, 2020 at 05:49PM
अब तक 95 हजार मौतें: अमेरिका में 1 करोड़ 68 लाख लोग बेरोजगार हुए; दक्षिण अफ्रीका ने लॉकडाउन दो हफ्ते के लिए बढ़ाया April 09, 2020 at 05:25PM
कोरोनावायरस से दुनिया भर में अब तक 16 लाख से ज्यादा संक्रमित मिले हैं और 95 हजार 722 मौतें हुई हैं। अमेरिका इससे बुरी तरह प्रभावित हुआ है। यहां 4 लाख 68 हजार से ज्यादा पॉजिटिव केस मिले हैं और 16 हजार 691 मौतें हुई हैं। कोरोना के कारण अमेरिका में अर्थव्यवस्था पर बुरा असर पड़ा है और यहां करीब 1 करोड़ 68 लोग बेरोजगार हो गए हैं। ऐसा माना जा रहा है कि औसतन10 में से 1 व्यक्ति कोरोना की वजह से बेरोजगार हुआ है। रेस्टोरोंट और दुकानें बंद होने से जरूरी सामान की किल्लत महसूस हो रही है। इसे देखते हुए सरकार ने लोगों को फूड बैंक के माध्यम से राशन और खाने का सामान बांटना शुरू किया है। वहीं दक्षिण अफ्रीका ने संक्रमण रोकने के लिए देश भर में दो हफ्ते के लिए लॉकडाउन बढ़ाने की घोषणा की है।
दक्षिण अफ्रीका में 27 मार्च को 21 दिन के लॉकडाउन की घोषणा की गई थी। राष्ट्रपति सिरिल रैमफोसा ने गुरुवार को कहा कि राष्ट्रीय कोरोनावायरस कमांड काउंसिल ने मौजूदा हालात पर गौर करते हुए यह लॉकडाउन बढ़ाने का फैसला किया है।
इटली में दुनिया में सबसे ज्यादा मौतेंदुनिया में सबसे ज्यादा मौतें इटली में हुई हैं। यहांअब तक 18 हजार 279 लोगों की मौत हो गई। यहां 1 लाख 43 हजार 626 पॉजिटिव केस सामने आए हैं, इनमें 28 हजार 470 लोग ठीक भी हुए हैं।डॉक्टर्स फेडरेशन ने गुरुवार को बताया कि देश में 24 घंटे में चार और फिजिशियन की मौत हो गई। इसके बाद यहां कोरोनावायरस से डॉक्टरों की मौत का आंकड़ा बढ़कर 100 हो गया।इनमें रिटायर्ड डॉक्टर भी शामिल हैं, जो महामारी बढ़ने के बाद दोबारा काम पर लौट आए थे। स्थानीय मीडिया के मुताबिक, यहां 30 नर्सभी कोरोना की चपेट में आने के बाद जान गंवा चुकी हैं। इटली के उच्च स्वास्थ्य संस्थान के मुताबिक, देश में 13 हजार 121 स्वास्थ्यकर्मी कोरोना से संक्रमित हैं।
फ्रांस में मौतों की संख्या 12 हजार के पार
फ्रांस में कोरोना से मरने वालों की संख्या 12 हजार से ज्यादा हो गई है। पिछले 24 घंटे में यहां 424 लोगों ने दम तोड़ा। स्वास्थ्य महानिदेशक जेरोम सैलमन के मुताबिक, संक्रमण फैलने के बाद से अब तक 8 हजार 44 मौतें संक्रमितों की मौत अस्पताल में हुई वहीं नर्सिंग होम में भर्ती 4,166 बुजुर्गों की जान गईं। पिछले एक दिन में ही 4,334 नए पॉजिटिव केस सामने आए हैं। इसके साथ ही देश में संक्रमितों की संख्या1 लाख 17 हजार 749 हो गई है।
कोरोनावायरस : सबसे ज्यादा प्रभावित 10 देश
देश | कितने संक्रमित | कितनी मौतें | कितने ठीक हुए |
अमेरिका | 4,57,101 | 16,246 | 24,910 |
स्पेन | 1,52,446 | 15,238 | 52,165 |
इटली | 1,43,626 | 18,279 |
28,470 |
जर्मनी | 1,15,523 | 2,451 | 50,577 |
फ्रांस | 1,17,749 | 12,210 |
23,206 |
चीन | 81,865 | 3,335 | 77,370 |
ईरान | 66,220 | 4,110 | 32,309 |
ब्रिटेन | 60,733 | 7,097 | 135 |
तुर्की | 42,282 | 908 | 2,142 |
बेल्जियम | 24,983 | 2,523 | 5,164 |
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इजराइल को हाइड्रॉक्सीक्लाेराेक्विन समेत 5 टन दवा भेजी, प्रधानमंत्री नेतन्याहू ने मोदी को शुक्रिया कहा April 09, 2020 at 05:24PM
भारत से 5 टन कार्गाे दवाभेजे जाने पर इजराइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने गुरुवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी काशुक्रिया अदा किया। इससे पहले अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प औरब्राजील के राष्ट्रपति जायर बोलसोनारो भी मोदी का आभार जता चुके हैं। मेडिसिन की खेप में कोरोनावायरस संकट से निपटने में सहायक एंटी मलेरिया मेडिसिन क्लोरोक्विन और हाइड्रॉक्सीक्लोरोक्वीनहैं। इसे उपलब्ध कराने के लिए अमेरिका, ब्राजील से लेकर इजराइल तक ने भारत से मदद मांगी थी। इसके बाद मोदी ने वैश्विक महामारी को खत्म करने और मानवता के लिए इन दवाओं को उपलब्ध कराने का आश्वासन दिया था।
गुरुवार शाम को नेतन्याहू ने ट्वीट किया, ‘‘क्लोरोक्विन भेजने के लिए इजराइल के सभी नागरिकों की ओर से शुक्रिया मेरे प्यारे दोस्त नरेंद्र मोदी।’’ दवाइयों से भरा विमान मंगलवार को इजराइल पहुंचा था।इजराइल ने भारत से 3 अप्रैल को क्लोरोक्विन और हाइड्रॉक्सीक्लोरोक्विन दवा उपलब्ध कराने को कहा था। इसके बाद भारत नेमंगलवार को दवाइयों की खेप इजराइल को मुहैया करा दी। इससे पहले 13 मार्च को भी इजराइल ने मास्क और दूसरी जरूरी चिकित्सीय सहायता की मांग की थी।इजराइल में फिलहाल 10 हजार से ज्यादा कोरोनावायरस के मामले सामने आ चुके हैं। 86 लोगों की जान चुकी है। 121मरीज वेंटिलेटर पर हैं।
हाइड्रॉक्सीक्लोरोक्विन काप्रमुख निर्यातक है भारत
भारत इस दवा का दुनिया में प्रमुख उत्पादक और निर्यातक है।25 मार्च को भारत ने हाइड्रॉक्सीक्लोरोक्विन के निर्यात पर रोक लगाई थी, लेकिन महामारी से निपटने के लिए कई देशों के अनुरोध पर 6 अप्रैल को डायरेक्टोरेटजनरल ऑफ फॉरेन ट्रेड (डीजीएफटी) ने हाइड्रॉक्सीक्लोरोक्विन समेत 14 दवाईयों के निर्यात पर लगी रोक को हटाने की बात कही।
कहां से हुई इसकी शुरुआत
क्लोरोक्विन दवा का शुरुआत में इस्तेमालमलेरिया के लिए होता था, बाद में इसका उपयोग गठियावात और दर्द निवारक के तौर पर होने लगा। हाइड्रॉक्सीक्लोरोक्विन उसी दवा का एडवांस वर्जन है। अब तक की जांच में यह साबित हुआ है कि यह दवा कोरोना के इलाज में कुछ हद तक कारगर है। बचाव के अलावा अभी इस बीमारी का काई और इलाज नहीं है, इसलिए यही दवा इस्तेमाल में लाईजा रही है।
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रोबोट बन रहे नए हीरो, मरीजों के इलाज और उनकी देखभाल से लेकर घर पर जरूरी सामान तक पहुंचा रहे April 09, 2020 at 02:08PM
कोरोनावायरस का संक्रमण दुनियाभर के लिए चुनौती बना हुआ है। यह इंसानों में तेजी से फैलता है। एक संक्रमित व्यक्ति सैकड़ों लोगों को संक्रमित कर सकता है। इसके मरीजों का इलाज करने वालों डॉक्टरों, नर्सों और स्वास्थ्य कर्मचारियों पर भी संक्रमण का खतरा बना रहता है। ऐसे में रोबोट इस प्रक्रिया में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं। हम बात रहे हैं चीन के शहर वुहान की। जहां से कोरोनावायरस का संक्रमण फैला था।
यहां कोरोना संक्रमितों के इलाज के लिए बनाए गए अस्थाई अस्पताल में रोबोट्स की टीम ने अस्थाई तौर पर मरीजों की देखभाल की। यहां रोबोट के द्वारा ही मरीजों को खाना परोसा गया। समय-समय पर उनका तापमान लिया गया। मशीनों द्वारा ही मरीजों से बातचीत भी की गई।ऐसा ही एक रोबोट क्लाउड जिंजर है, जिसे चीन की क्लाउडमाइंड्स ने बनाया है। यह कंपनी बीजिंग और कैलिफोर्निया में काम करती है।
रोबोट्स की मदद से चलाए गए थे अस्पताल
क्लाउडमाइंड्स के प्रेसिडेंट कार्ल झाओ ने इन ह्यूमेनॉइड रोबोट के बारे में कहा- यह उपयोगी जानकारी, बात करने और नाच-गाने के साथ मनोरंजन और यहां तक कि स्ट्रेचिंग अभ्यास के माध्यम से मरीजों की देखभाल कर रहे हैं। स्मार्ट फील्ड (अस्थायी) अस्पताल पूरी तरह से रोबोट्स की मदद से चलाए गए थे। एक छोटी मेडिकल टीम ने रिमोट से अस्पताल के रोबोट को नियंत्रित किया। मरीजों को रिस्टबैंड पहनाए गए, जो उनका ब्लड प्रेशर और अन्य वाइटल डेटा जमा करते थे।
भविष्य में कर सकेंगे मरीजों की देखभाल
इन रोबोट्स ने कुछ दिनों के लिए ही रोगियों को संभाला, पर इससे भविष्य की तस्वीर स्पष्ट हो गई कि रोबोट संक्रामक रोगों के मरीजों की देखभाल करेंगे। वहीं स्वास्थ्य कर्मचारी सुरक्षित दूरी से उनकी मदद लेंगे। थाईलैंड, इजरायल जैसे देशों में मरीज डॉक्टरों से परामर्श के लिए रोबोट के साथ मिलते हैं। कुछ रोबोट मरीजों के फेफड़ों का चेकअप करते हैं। यह पूरा काम वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए होता है।
अमेरिका: ऑटोनोमस व्हीकल से टेस्टिंग
फ्लोरिडा के मेयो क्लीनिक ने अमेरिका में पहली बार कोरोना टेस्टिंग के लिए ऑटोनोमस व्हीकल लॉन्च की है। यह सैंपल लेकर लैब में पहुंचाती है। इसमें इंसान की जरूरत नहीं पड़ती, इसलिए संक्रमण की फिक्र भी नहीं है। वॉशिंगटन में स्टारशिप टेक्नोलॉजी ने डिलीवरी रोबोट के जरिए सामान भेजना शुरू कर दिया है।
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फाेर्ब्स की सूची से 12 दिन में 226 दाैलतमंद बाहर हुए, मुकेश अंबानी 13वीं से 21वीं रैंक पर खिसके April 09, 2020 at 02:08PM
काेराेनावायरस के कहर से दुनिया के अरबपति भी नहीं बच पाए हैं। गुरुवार काे जारी फाेर्ब्स 2020 सूची के अनुसार, 18 मार्च काे लिस्ट कोअंतिम रूप देते समय दुनियाभर में 2,095 अरबपति थे। यह आंकड़ा एक साल पहले के मुकाबले 58 कम है। वहीं, 12 दिन पहले सूची तैयार करने की शुरुआत के मुकाबले 226 अरबपति कम है। यानी 12 दिन में ही 226 अरबपतियाें की संपत्ति इतनी कम हो गई कि वे फोर्ब्स कीसूची से बाहर हो गए।
सूची से यह भी खुलासा होता है कि इस बार 2,095 अरबपतियाें में से 51% (1062) की दाैलत घट गई है। वर्तमान में अरबपतियाें की कुल संपत्ति 8 ट्रिलियन डाॅलर है। साल 2019 के मुकाबले यह 700 अरब डाॅलर कम है। जानिए दुनिया और देश के शीर्ष उद्योगपतियों के हाल...
जेफ बेजोस : घट गई संपत्ति
अमेजन के सीईओ लगातार तीसरे साल शीर्ष पर आए हैं, लेकिन उनकीसंपत्ति 18 अरब डाॅलर घट गई है। इस साल उन्होंनेपत्नी मैकेंजी काे तलाक के बाद 36 अरब डाॅलर दिए। वह सूची में 22वें नंबर पर हैं।
बिल गेट्स : रैंक बचाई
माइक्राेसाॅफ्ट के सह-संस्थापक बिल गेट्स नंबर दोपर बरकरार हैं। हालांकि उनकी संपत्ति 96.5 अरब डाॅलर से बढ़कर 98 अरब डाॅलर हाे गई है।
बरनार्ड अर्नाल्ट: बफेट से ऊपर
पिछले साल चाैथे नंबर पर रहे बरनार्ड, वाॅरेन बफेट काे चाैथे स्थान पर धकेलकर एक पायदान चढ़ गए हैं। उनकी संपत्ति न घटी, न बढ़ी। हालांकि बफेट पहली बार अपने स्थान सेखिसके।
मुकेश अंबानी: संपत्ति में कमी
रिलायंस इंडस्ट्री के एमडी पिछले साल 50 अरब डाॅलर के साथ 13वीं रैंक पर थे। जियाे की सफलता के बावजूद काेराेना के चलते उनकी संपत्ति 5.7 अरब डाॅलर घट गई।
दमानी: रैंक-संपत्ति दाेनाें बढ़ीं
डीमार्ट का आईपीओ लाने के बाद राधाकृष्ण दमानीदेश के रिटेल किंग कहे जाते हैं। पिछले साल 11.1 अरब डाॅलर के साथ 122वीं रैंक पर थे। उनकी रैंक और संपत्ति दाेनाेें बढ़ी हैं।
शिव नाडर: रैंक-संपत्ति गिरी
सूची में तीसरे भारतीय शिव नाडर पिछली बार 14.6 अरब डाॅलर संपत्ति के साथ 82वीं रैंक पर थे। इस बार उनकी संपत्ति में कमी आई है, वहीं रैंक भी गिरी है।
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