Tuesday, April 21, 2020
Turkish mosque turned into temporary 'supermarket' April 21, 2020 at 08:00PM
Use of hydroxychloroquine shows no benefit for treating coronavirus patients: Report April 21, 2020 at 06:13PM
अब तक 25 लाख संक्रमित और 1 लाख 77 हजार मौतें: ट्रम्प ने कहा- अमेरिका में 60 दिनों तक इमिग्रेशन निलंबित April 21, 2020 at 04:57PM
कोरोनावायरस से दुनिया में अब तक 25 लाख 56 हजार 725 संक्रमित हो चुके हैं। एक लाख 77 हजार 618 की मौत हो चुकी है, जबकि छह लाख 90 हजार 329 ठीक हुए हैं। वहीं, अमेरिका में 24 घंटे में 2,804 लोगों की जान गई है। यहां मौतों का आंकड़ा 45 हजार से ज्यादा हो गया है। इस बीच राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने कहा है कि अमेरिका में विदेशियों के बसने पर रोक के आदेश पर जल्द ही हस्ताक्षर करूंगा। देश में 60 दिनों तक प्रवासियों के आने पर प्रतिबंध रहेगा।
कोरोनावायरस : सबसे ज्यादा प्रभावित 10 देश
देश | कितने संक्रमित | कितनी मौतें | कितने ठीक हुए |
अमेरिका | 8 लाख 18 हजार 744 | 45 हजार 318 | 82 हजार 923 |
स्पेन | 2 लाख 4 हजार 178 | 21 हजार 282 | 82 हजार 514 |
इटली | 1 लाख 83 हजार 957 | 24 हजार 648 | 51 हजार 600 |
फ्रांस | 1 लाख 58 हजार 050 | 20 हजार 796 | 39 हजार 181 |
जर्मनी | 1 लाख 48 हजार 453 | 5 हजार 086 | 95 हजार 200 |
ब्रिटेन | 1 लाख 26 हजार 044 | 17 हजार 337 | उपलब्ध नहीं |
तुर्की | 95 हजार 591 | 2 हजार 259 | 14 हजार 918 |
ईरान | 84 हजार 802 | 5 हजार 297 | 60 हजार 965 |
चीन |
82 हजार 788 |
4 हजार 632 | 77 हजार 151 |
रूस | 47 हजार 121 | 456 | 3 हजार 873 |
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अमेरिका: दूसरी लहर ज्यादा विनाशकारी होगी: सीडीसी
अमेरिका में 24 घंटे में 25,985 केस सामने आए हैं। देश में संक्रमितों की संख्या आठ लाख 18 हजार 744 हो चुकी है। वॉशिंगटन पोस्ट के मुताबिक, फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन के डायरेक्टर रॉबर्ट रेडफिल्ड ने मंगलवार को चेतावनी दी कि कोरोना की दूसरी लहर ज्यादा विनाशकारी होगी। क्योंकि हम फ्लू की महामारी और कोरोना दोनों से एक ही वक्त पर जूझ रहे होंगे। उन्होंने कहा कि इस बात की पूरी संभावना है कि अगली सर्दियों में हम फिर से इस महामारी की चपेट में होंगे।
- ट्रम्प ने कहा- इमिग्रेशन के नियमों में वे कुछ छूट भी देंगे। यह अमेरिकी अर्थव्यवस्था पर निर्भर करेगा कि यहां स्थाई तौर पर बसने आने वालों पर 60 दिन के बाद भी प्रतिबंध बढ़ाएंगे या नहीं। जरूरत पड़ने पर इसे 30 दिनों के लिए या ज्यादा समय के लिए भी बढ़ाया जा सकता है।
- उन्होंने अस्थाई प्रतिबंध लगान के कारणों को स्पष्ट करते हुए कहा- अमरिका को पहले अपने कामगारों का ध्यान रखना होगा। कोरोना संकट के कारण लाखों अमेरिकियों ने नौकरी गंवा दी है। उनके साथ कभी अन्याय नहीं होगा।
- ट्रम्प ने कहा- महमारी ऐसे समय में फैला जब अमेरिका और चीन के बीच ट्रेड वॉर चल रहा था। चीन पर उनके जैसी सख्ती किसी ने नहीं दिखाई। फिर पता नहीं अचानक से ये अदृश्य दुश्मन कहां से आ गया।
सीनेट में 480 अरब डॉलर का राहत पैकज पास
अमेरिकी सीनेट में 480 अरब डॉलर के आपातकालीन पैकेज को मंजूरी दे दी गई है। इसे कोरोना संकट के दौरान नुकसान उठा रहे छोटे व्यापारियों, अस्पतालों और देशभर में हो रहे टेस्टिंग पर खर्च किया जाएगा। सीनेट में यह डेमोक्रेट, रिपब्लिकन और व्हाइट हाउस के बीच एक सप्ताह से ज्यादा समय तक बातचीत के बाद सर्वसम्मति से पारित हुआ। अब गुरुवार को हाउस ऑफ रिप्रजेंटेटिव (प्रतिनिधि सभा) में वोटिंग होगी। इस पर ट्रम्प ने कहा कि राहत पैकेज से संघर्ष कर रहे कामगारों को राहत मिलेगी। हम इस महामारी के खिलाफ जमीनी स्तर पर लडाई जारी रखेंगे।
जर्मनी: बर्लिन मैराथन स्थगित
जर्मनी सरकार के भीड़ इकट्ठा करने पर प्रतिबंध के कारण इस साल 27 सितंबर को होने वाले बर्लिन मैराथन को स्थगित करने का फैसला किया है। आयोजकों ने बिना किसी नई तारीख के इसके स्थगित होने की घोषणा की। अधिकारियों ने बयान जारी कर कहा, “हमें पता चला है कि 24 अक्टूबर तक 5,000 से ज्यादा भीड़ वाले किसी भी इवेंट को कराने की मनाही है। इस कारण हम 26-27 सितंबर को होने वाले बर्लिन मैराथन का आयोजन नहीं कर पाएंगे।” यहां अब तक एक लाक 48 हजार से ज्यादा लोग संक्रमित हैं, जबकि 5,086 की मौत हो चुकी है।
चीन: 30 नए मामले सामने आए
चीन में मंगलवार को 30 नए मामले सामने आए हैं। इनमें से 23 मामले बाहर के हैं। चीन स्वास्थ प्रशासन ने बुधवार को इसकी जानकारी दी। राष्ट्रीय स्वास्थ्य आयोग ने कहा कि अन्य सात मामले घरेलू हैं। हिलोंगजियांग प्रांत में कोई मामला सामने नहीं आया है। यहां मंगलवार को एक भी मौत का मामला सामना नहीं आया है।
रूस: मॉस्को में 24 घंटों में 28 की मौत
रूस की राजधानी मॉस्को में 24 घंटों में 28 लोगों की मौत हो गई। इससे यहां मरने वालों का आंकड़ा बढ़कर 261 पहुंच गया है। मॉस्को में कोरोना के 29,430 मामलों की पुष्टि हुई है। यहां 2,050 मरीज स्वस्थ्य हुए हैं। रूस में कुल 52,700 मामले सामने आए हैं। 456 लोगों की मौत हुई है, जबकि 3870 मरीज ठीक हुए हैं।
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ट्रम्प ने प्रवासियों की एंट्री रोक दी तो ग्रीन कार्ड के लिए अप्लाई करने वालों को झटका लगेगा, आईटी पेशेवरों और छात्रों पर इसका असर नहीं April 21, 2020 at 04:30PM
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने कोरोनावायरस के संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए प्रवासियों की अमेरिका में एंट्री पर अस्थायी रूप से रोक लगा दी है। हालांकि, इसका कोई असर न तो भारतीय आईटी पेशेवरों पर होगा और न ही छात्रों पर। ऐसा इसलिए क्योंकि यह घोषणा अमेरिका में प्रवासियों पर सीधे असर करेगी। छात्र और आईटी पेशेवर प्रवासियों की कैटेगरी में नहीं आते। उन्हें नॉन इमिग्रेंट के रूप में माना जाता है। विशेषज्ञों का कहना है कि छात्र और अन्य लोग अमेरिका के विकल्प के तौर पर कनाडा और ऑस्ट्रेलिया का रास्ता अपना सकते हैं।
अभी यह तय नहीं कि ट्रम्प ऑर्डर पर साइन करेंगे या नहीं?
इस बारे में अमेरिका सहित कई देशों के लिए पेशेवर वीजा मुहैया कराने वाले अभिनव इमिग्रेशन सर्विसेस के चेयरमैन अजय शर्मा कहते हैं कि ट्रम्प के ट्वीट का मतलब पहले समझना होगा। ट्रम्प ने अभी यह कहा है कि वह प्रवासियों को रोकने के लिए एग्जीक्यूटिव ऑर्डर पर साइन करेंगे। साइन करते भी हैं या नहीं, यहदेखना होगा। दूसरी बात अमेरिका में प्रवासी या इमिग्रेंट वीजा में न तो छात्र आते हैं, न ही आईटी पेशेवर। इसलिए इन दोनों पर इस घोषणा का कोई असर नहीं होगा।
आईटी पेशेवर और छात्र एच1 और एल1 वीजा श्रेणी में आते हैं
अजय शर्मा के मुताबिक, एच1 और एल1 वीजा, जो नॉन इमिग्रेंट के रूप में जाना जाता है, उसमें आईटी पेशेवर और छात्र आते हैं। इस घोषणा का सीधा असर उन पर होगा, जो लोग ग्रीन कार्ड के लिए आवेदन कर चुके हैं। अगर ट्रम्प साइन करते हैं तो जिन लोगों ने ग्रीन कार्ड के लिए आवेदन किया है, उनकीप्रोसेस रुक जाएगी। हालांकि, जिन लोगों ने ग्रीन कार्ड के लिए आवेदन नहीं किया है, वे लोग एक विकल्प के तौर पर कनाडा और ऑस्ट्रेलिया का रुख कर सकते हैं। ग्रीन कार्ड यानी परमानेंट रेजिडेंट कार्ड। इससे अमेरिका में स्थाई रूप से रहने और काम करने की इजाजत मिलती है।
दूसरा झटका उनको लगेगा जिन्होंने ईबी (एम्प्लॉयमेंट बेस्ड) वीजा के लिए अर्जी दी होगी। जब आप ईबी के लिए फाइल करते हैं तो आपको वहां पर निवेश करना होता है और 10 जॉब क्रिएट करने होते हैं। ऐसे बहुत सारे लोग हैं जिन्होंने ईबी फाइल किया है और वे कम से कम 3-4 करोड़ रुपए का निवेश करते हैं। यह निवेश भी अब रुक जाएगा क्योंकि जो शर्तें होंगी, वह पूरी नहीं हो पाएंगी।
ट्रम्प ने नहीं बताया कि फैसला पहले से रह रहे प्रवासियों पर भी लागू होगा या नहीं
ट्रम्प ने अपने ट्वीट में कहा कि एक अदृश्य दुश्मन के हमले और हमारे महान अमेरिकियों की नौकरियों की रक्षा करने की जरूरत को देखते हुए मैं एक एग्जीक्यूटिव ऑर्डर पर साइन करूंगा। इससे अमेरिका में प्रवासियों के प्रवेश पर अस्थायी रूप से रोक लग जाएगी। हालांकि, अमेरिकी राष्ट्रपति ने इस बारे में ज्यादा जानकारी नहीं दी। न तो यह बताया गया कि यह रोक कब तक जारी रहेगी और न ही इससे प्रभावित होने वाले देशों के बारे में बताया। ट्रम्प ने यह भी नहीं बताया कि यह नया फैसला अमेरिका में पहले से रह रहे प्रवासियों पर भी लागू होगा या नहीं।
कई देशों के लोगों पर पहले से प्रतिबंध
राष्ट्रपति ट्रम्प ने कोरोना संक्रमण को रोकने के लिए चीन, यूरोप, कनाडा और मैक्सिको की यात्रा पर प्रतिबंध लगा रखा है। इसके अलावा प्रशासन ने पिछले महीने सभी एम्बेसी और काउंसलेट्स की ओर से दी जाने वाली रूटीन वीजा सेवाओं पर रोक लगा दी थी। अमेरिकी सिटीजनशिप एंड इमिग्रेशन सर्विसेज पहले ही इन-पर्सन सेवाओं पर रोक लगा चुका है। हालांकि, कुछ आपातकालीन सेवाएं दी जा रही हैं।
इस साल दो लाख भारतीय कर चुके हैं आवेदन
यूएस सिटिजनशिप एंड इमिग्रेशन सर्विसेज (USCIS) के अनुसार एच-1बी वीजा रजिस्ट्रेशन के लिए 2 लाख 75 हजार आवेदन मिले हुए हैं। इसमें से 67.7 फीसदी यानी करीब दो लाख आवेदन केवल भारत से हैं। हर साल अमेरिकी कंपनियों में विदेशी कर्मचारियों के लिए 85 हजार एच-1बी वीजा जारी किए जाते हैं।
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ब्रिटेन के हीथ्रो एयरपोर्ट पर रोज 10 हजार यात्री आ रहे; स्क्रीनिंग नहीं हो रही, विशेषज्ञ बोले- इससे परेशानी और बढ़ेगी April 21, 2020 at 02:22PM
कोरोनावायरस से जूझ रहे ब्रिटेन के हॉटस्पॉट लंदन में विदेश से आने वाले यात्रियों से पूछताछ नहीं की जा रही है। न ही उनकी स्क्रीनिंग हो रही है। सोमवार को तेहरान से लौटे ब्रिटिश-ईरानी कारोबारी फरजाद पारिजकर यह देखकर हैरान थे कि उनका मास्क पूरी तरह से उनके मुंह को ढंक भी नहीं पा रहा था। पर वे बिना रोक-टोक के हीथ्रो एयरपोर्ट के टर्मिनल से बाहर आ गए। जबकि तेहरान एयरपोर्ट पर फ्लाइट में सवार होने से पहले लेजर बीम थर्मामीटर से उनका तापमान लिया गया था।
उन्हें एक फॉर्म भी भरने के लिए कहा गया। इसमें पता, नागरिकता, यात्रा की वजह, कोरोना के लक्षणों की जानकारी मांगी गई थी। लंदन आ रही फ्लाइट के सभी 80 यात्रियों को यह फॉर्म भरना पड़ा। पर यहां ऐसा कुछ भी नहीं हुआ। ऐसा लग रहा था कि सब सामान्य है।यह सिर्फ ईरान के यात्रियों के साथ नहीं हुआ, रोजाना एयरपोर्ट पर 10 हजार यात्री ऐसे ही पहुंच रहे हैं।
स्वास्थ्य मंत्री ने माना- 15 हजार यात्री लंदन आ रहे
ब्रिटेन के स्वाथ्य मंत्री मैट हैंकॉक ने एक इंटरव्यू में माना था कि लंदन में 15 हजार यात्री रोजाना आ-जा रहे हैं। इनमें 10 हजार तो हीथ्रो से ही ट्रेैवल कर रहे हैं। बाकी गैटविक, मैनचेस्टर और बर्मिंघम एयरपोर्ट का इस्तेमाल कर रहे हैं। यहां तेहरान, न्यूयॉर्क, लॉस एंजेलिस, शिकागो, वॉशिंगटन और डलास से उड़ानें पहुंच रही हैं। विशेषज्ञों ने चिंता जताई है कि कोरोना प्रभावितशहरों से आ रहे लोगों से ब्रिटेन की परेशानी और बढ़ेगी।
सरकार का तर्क: यात्री घट गए, इसलिए स्क्रीनिंग की जरूरत नहीं
लंदन में इटली, फ्रांस और जापान से भी उड़ानें पहुंच रही हैं। हीथ्रो एयरपोर्ट ने बताया कि एयरपोर्ट खुला रखने का उद्देश्य दुनियाभर में फंसे ब्रिटिश नागरिकों को वापस लाने में मदद करना, मेडिकल उपकरण और खाने की चीजें मंगाना है। हालांकि, इस दौरान लोगों की आवाजाही 75% तक घटी है। लेकिन विशेषज्ञों का मानना है कि बाहर से आ रहे लोगों की स्क्रीनिंग तो होनी ही चाहिए। सरकार का तर्क है कि महामारी के इस दौर में स्क्रीनिंग का बहुत महत्व नहीं रह जाता। हैन्कॉक के मुताबिक एयरपोर्ट पर स्क्रीनिंग की जरूरत इसलिए नहीं है, क्योंकि यात्री वैसे ही घट गए हैं।
ब्रिटेन में फंसे भारतीय डॉक्टर बोले- हमारी जरूरत देश में ज्यादा
भारतीय मूल के कई डॉक्टर इन दिनों ब्रिटेन में फंसे हुए हैं। दरअसल भारत और दूसरे कई देशों से हर साल सैकड़ों डॉक्टर प्रोफेशनल एंड लिंग्वस्टिक असेसमेंट बोर्ड का टेस्ट देने ब्रिटेन जाते हैं। ये इस टेस्ट का दूसरा भाग होता है। पहला भाग अपने ही देश में देना पड़ता है और पास करना पड़ता है। पास होने वाले डॉक्टर ब्रिटेन एनएचएस में काम करने के योग्य हो जाते हैं। इस बार भी बड़ी संख्या में भारत से डॉक्टर गए थे। कोलकाता की डॉक्टर अनीशा अमीन काकहना था कि मेरी जरूरत भारत में ज्यादा है।
कर्नाटक के अभिषेक भट्टाचार्य ने बताया कि अगर मैं इस वक्त देश में होता तो बहुत सारे लोगों की मदद कर सकता था। भारतीय मूल की मनोचिकित्सक राका मोइत्रा ने युवा भारतीय डॉक्टरों के बारे में सबसे पहले लोगों का ध्यान आकर्षित किया। इसके बाद ब्रिटिश एसोसिएशन ऑफ फिजिशियन ऑफ इंडियन ओरिजिन (बापियो) और ब्रिटिश इंटरनेशनल डॉक्टर्स एसोसिएशन जैसे संगठनों के जरिए उनकी रहने संबंधी और अन्य मदद की।
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टीवी एंकर रिचर्ड क्वेस्ट कोरोना ने शो में दी कोरोना संक्रमित होने की जानकारी; कहा- घर में रहिए, जिंदगी बचाइए April 21, 2020 at 07:22AM
सीएनएन के टॉप प्रेजेंटर और इंटरनेशनल बिजनेस कॉरेस्पोंडेंट रिचर्ड क्वेस्ट में कोरोना संक्रमण की पुष्टि हुई है। क्वेस्ट ने सोमवार को टेलीविजन और सोशल मीडिया पर खुद इसकी जानकारी दी।
उन्होंने ट्वीट किया- मुझे कोरोनावायरस हो गया है। मैं भाग्यशाली हूं कि खांसी होने पर मुझमें इसके लक्षण नजर आ गए। मैं उन लोगों के लिए प्रार्थना करता हूं जो इतने भाग्यशाली नहीं हैं। घर में रहिए और जिंदगी बचाइए।
आप और मैं साथ रहेंगे
सीएनएन के कार्यक्रम प्रॉफिटेबल मूमेंट में उन्होंने कहा- मैं ठीक महसूस कर रहा हूं। जब तक संभव हो सकेगा, आप और मैं इस शो में साथ रहेंगे। हम इस वक्त जो कुछ भी चल रहा है, उसके आर्थिक पहलू पर चर्चा भी जारी रखेंगे।
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सिंगापुर में आंशिक लॉकडाउन 1 जून तक बढ़ाया गया; माईग्रेंट वर्कर्स की वजह से परेशानी में इजाफा April 21, 2020 at 04:43AM
यहां सरकार ने मंगलवार को आंशिक लॉकडाउन 1 जून तक बढ़ाने का ऐलान किया। इसकी वजह कोविड-19 मामलों में लगातार हो रहा इजाफा है। लॉकडाउन बढ़ाने की घोषणा प्रधानमंत्री ली हेइन लूंग ने देश के नाम चौथे संबोधन में की। कुछ मीडिया रिपोर्ट्स में कहा गया है कि स्थानीय स्तर पर तो संक्रमण काबू में आ रहा था लेकिन प्रवासी मजदूरों की वजह से दिक्कतें बढ़ती गईं।
लॉकडाउन बढ़ने का क्या असर?
सिंगापुर में दुनिया की कई बड़ी कंपनियों के दफ्तर हैं। ये अब एक जून तक नहीं खुल सकेंगे। हालांकि, इस दौरान जरूरी सेवाएं पहले की तरह जारी रहेंगी।
प्रधानमंत्री ने क्या कहा?
पीएम ली के मुताबिक, देश में कुछ हॉटस्पॉट जैसे बाजार परेशानी बने हुए हैं। यहां तमाम आदेशों के बाद भी लोग पहले की तरह जुट रहे हैं। उन्होंने कहा, “लॉकडाउन बढ़ाना मजबूरी है। हम जानते हैं कि इससे कारोबार और कर्मचारियों को बहुत नुकसान होगा। मुझे उम्मीद है कि लोग वर्तमान हालात को समझेंगे। यह कदम इसलिए भी उठाया गया है ताकि भविष्य में हम अपनी इकोनॉमी को ज्यादा मजबूत कर सकें।”
कम्युनिटी ट्रांसमिशन का खतरा
ली ने माना कि देश में कुछ संक्रमित ऐसे पाए गए हैं जिनका कोई लिंक नहीं है। अगर सावधानी नहीं बरती गई तो यहां किसी भी वक्त कम्युनिटी ट्रांसमिशन हो सकता है। प्रधानमंत्री ने मंगलवार के पहले 3 अप्रैल को राष्ट्र को संबोधित किया था। तब सोशल डिस्टेंसिंग को तरजीह देने की अपील की थी। स्थानीय लोगों में तो मामले कम हो गए लेकिन डोरमेट्रीज में रहने वाले दूसरे देशों से आए मजदूरों में संक्रमण तेजी से बढ़ा। संक्रमण से ठीक होने वाले कुछ मजदूरों को शिप्स में ठहराया गया है। ली ने कहा, “मैं प्रवासी मजदूरों को भरोसा दिलाता हूं कि उनका ख्याल भी यहां के आम नागरिकों की तरह रखा जाएगा।”
फौरन फैसले की वजह क्या?
सोमवार तक ये माना जा रहा था कि सिंगापुर में लॉकडाउन में ढील दी जाएगी। मंगलवार को अचानक इसे बढ़ाने का फैसला सामने आया। दरअसल, मंगलवार सुबह हेल्थ मिनिस्ट्री ने 1111 नए मरीजों की पुष्टि की। इनमें 20 सिंगापुर के मूल निवासी हैं। 11 मौतों के साथ कुल संक्रमित 9125 हो गए। इसके बाद प्रधानमंत्री ने लॉकडाउन बढ़ाने का ऐलान कर दिया।
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Italian Prime Minister Giuseppe Conte to unveil reopening plan April 20, 2020 at 11:46PM
पाकिस्तान ने मुंबई हमले के मास्टरमाइंड लखवी समेत हजारों आतंकियों के नाम टेरर वॉच लिस्ट से हटाए, इसमें अब 7600 की जगह 3800 आतंकी April 20, 2020 at 11:40PM
पाकिस्तान ने अपनी टेटर वॉच लिस्ट से हजारों आतंकियों के नाम हटा दिए हैं। इसमें 2008 में मुंबई हमले का मास्टर माइंड और लश्कर-ए-तैयबा का कमांडर जकी-उर-रहमान लखवी भी शामिल है। अमेरिका में न्यूयॉर्क की एक रेग्युलेटरीटेक्नोलॉजी कंपनी ‘कस्टेलम. एआई’ के जुटाए गए डेटा के अनुसार यह जानकारी दी गई है।
फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स (एफएटीएफ) को जून में मनी लॉन्ड्रिंग और आतंकी वित्तपोषण के मामले में पाकिस्तान के उठाए गए कदमों की समीक्षा करना है। माना जा रहा है कि पाकिस्तान ने अपने आतंकियों को कार्रवाई से बचाने के लिए यह कदम उठाया है। पाकिस्तान की नेशनल काउंटर टेररिज्म अथॉरिटी (एनसीटीए) इस सूची को मेंटेन करती है। इसका उद्देश्य वित्तीय संस्थानों को संदिग्ध आतंकवादियों के साथ लेनदेन करने से रोकना है।वॉल स्ट्रीट जर्नल ने ‘कस्टेलम. एआई’ के डेटा के आधार पर अपनी रिपोर्ट में खुलासा किया है कि 2018 में पाकिस्तान की टेरर वॉच लिस्ट में 7600 आतंकियों केनाम थे। पिछले 18 महीनों में ये घटकर 3800 हो गए हैं। इस साल मार्च की शुरुआत से अब तक करीब 1800 नाम हटाए जा चुके हैं। इन नामों को हटाने का कोई कारण भी नहीं बताया गया।
हटाए गए कई आतंकियों के नाम अमेरिका और यूएन की लिस्ट में
वॉल स्ट्रीट जर्नल के अनुसार, पाकिस्तान की लिस्ट से हटाए गए कई आतंकियों के नाम अमेरिका औरसंयुक्त राष्ट्र की प्रतिबंधितसूची में शामिल आतंकियों के नाम से मिलते जुलते हैं। लेकिन पाकिस्तान की लिस्टमें गलत जानकारी (जन्मतिथि और नेशनल आईडी नंबर में गलती) होने की वजह से कुछ भी सटीक कहना मुश्किल है। रिपोर्ट में बताया गया किपाकिस्तान ने एक आतंकी जाका-उर-रहमान का नाम हटाया है और अमेरिका की लिस्ट मेंलश्कर-ए-तैयबा का कमांडर का नाम जकी-उर-रहमान शामिल है। इससे शक हुआ कि पाकिस्तान नेलश्कर-ए-तैयबा के आतंकी का नाम हटाया है। जब चेक किया गया तो पाकिस्तान की लिस्ट मेंउसका नाम नहीं शामिल था।इसका मतलब यह है कि या तो वह पहले से ही लिस्ट में नहीं शामिल था या फिर उसे अभी हटाया गया।
एफएटीएफ की ग्रे लिस्ट में है पाकिस्तान
एफएटीएफ ने आतंकियों पर पाकिस्तान की कार्रवाई को अभी तक बहुत ही कम प्रभावी बताया है। फरवरी में हुई समीक्षा में एफएटीएफ ने कहा था कि पाकिस्तान ने कार्रवाई के 27 में से 14 पॉइंटपर ही एक्शनलिया है। 13 को पाकिस्तान पूरा नहीं कर पाया है। जबकि ये 13 पॉइंट ज्यादातर आतंकी फंडिंग से संबंधित हैं।एफएटीएफ ने पाकिस्तान को ग्रे लिस्ट में बरकरार रखने का फैसला किया गया था।हालांकि, पाकिस्तानलगातार कोशिश कर रहा है कि वह इस लिस्ट से बाहर आ जाए, लेकिनइसके लिए वह अपने आतंकियों पर कोई कार्रवाई नहीं करना चाहता है। वह केवल आतंकियों पर कार्रवाई का दिखावा करता रहता है। एफएटीएफ ने फरवरी में पाकिस्तान को सिर्फ चार महीने की मोहलत दी थी, लेकिन इसके साथ कहा था कि अगर पाकिस्तान ने जून 2020 तक आतंकी गतिविधियों को रोकने के लिए बताए गए कदम नहीं उठाए तो उसे ब्लैकलिस्ट यानीप्रतिबंधित सूची में डाला जा सकता है।
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