Thursday, April 2, 2020
भारतीय मूल की अमेरिकी नेता हेली ने कहा- कोरोना संक्रमितों पर चीन सरकार के आंकड़े सटीक और सही नहीं April 02, 2020 at 06:05PM
वॉशिंगटन. राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प के बाद भारतीय मूल की अमेरिकी नेता निक्की हेली ने गुरुवार को कोरोनावायरस से जुड़े चीन के आंकड़ों पर संदेह जताया है। हेली के मुताबिक, चीन के आंकड़े सटीक नहीं हैं। इससे पहले, ट्रम्प ने कहा था कि कोरोना पर चीन के आंकड़ों पर विश्वास नहीं होता। अमेरिकी खुफिया एजेंसी सीआईए ने भी व्हाइट हाउस को बीजिंग के आंकड़ों पर विश्वास नहीं करने की सलाह दी है।
हेली के मुताबिक, एक अरब 50 करोड़ की आबादी वाले चीन में कोरोनावायरस के अब तक 82 हजार से ज्यादा मामले सामने आए हैं। वहीं, 3 हजार 300 लोगों की मौत हुई है। यह साफ है कि यह सटीक नहीं है। हेली यूनाइटेड नेशंस में अमेरिका की एंबेसडर रह चुकी हैं। चीन की तुलना में अमेरिका में कोरोना संक्रमण के 2 लाख 45 हजार से ज्यादा मामले हैं और अब तक 5 हजार 800 से ज्यादा मौतें हुई हैं।
हेली ने कहा- चीन को अपनी प्रतिष्ठा की चिंता
हेली ने आरोप लगाया कि कोरोना से प्रभावित दूसरे देशों की मदद करने की तुलना में चीन को अपनी चीन को अपनी प्रतिष्ठा की ज्यादा चिंता रहती है। उधर, अमेरिका की खुफिया एजेंसी सीआईए चीन की वस्तुस्थिति की अलग से समीक्षा कर रही है। उसने व्हाइट हाउस से कहा है कि वह चीन द्वारा उपलब्ध कराए गए आंकड़ों पर यकीन नहीं करे। हाल में न्यूयॉर्क टाइम्स ने एक लेख प्रकाशित किया था, जिसमें बताया था कि सीआईए चीन के अधिकृत आंकड़ों पर काम कर रही है ताकि चीनी सरकार के झुठला सके। हालांकि, यूएस नेशनल सिक्युरिटी एडवाइजर रोबर्ट ओ ब्रायन ने इस पर सवाल उठाए। कहा कि हमारे पास चीन के वास्तविक आंकड़ों को पाने का तरीका नहीं है।
न्यूयॉर्क सिटी कोरोना का एपिसेंटर बना, 50 हजार केस सामने आए
- अमेरिका में अब तक संक्रमण के 2 लाख 45 हजार 66 मामले सामने आए हैं। 6 हजार 75 मौतें हुई हैं। यहां सबसे ज्यादा संक्रमण के करीब 93 हजार मामले न्यूयॉर्क में हैं। इनमें 50 हजार मामले केवल न्यूयॉर्क सिटी के हैं। शहर में लगभग एक हजार 562 व्यक्तियों की मौत हो चुकी है। गुरुवार को यहां चार हजार नए केस सामने आए और 188 लोगों की मौत हुई है।
- कोरोनावायरस दुनियाभर के करीब 200 से ज्यादा देशों में फैल चुका है। इससे करीब 10 लाख 14 हजार लोग संक्रमित हैं। करीब 53 हजार लोगों की मौत हो चुकी है। वहीं दो लाख 12 हजार लोग ठीक भी हुए हैं।
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Crowded in camps, Rohingya refugees vulnerable to virus April 02, 2020 at 05:38PM
कोरोनावायरस महामारी के बाद शेन्जेन शहर में नहीं बिकेगा कुत्ते-बिल्लियों का मांस, एक मई से नियम लागू April 02, 2020 at 05:12PM
कोरोनावायरस महामारी से निपटने और नए कोरोनावायरस मिलने के बाद दक्षिणी चीन के शेन्जेन शहर में कुत्ते और बिल्लियों का मांस खाने पर रोक लगा दी गई है। अगले महीने की पहली तारीख से यहां इन जीवों के मांस का व्यापार नहीं होगा। यह फैसला करने वाला शेन्जेन चीन का ये पहला शहर है। चीन सरकारने जंगली जानवरों के मांस को बेचने और उनके खाने पर रोक लगाने की घोषणा फरवरी में की थी। लेकिन प्रांत औरशहर प्रशासन नेएक मई से नियम लागू करने का फैसला किया है।
दरअसल, वैज्ञानिकों को आशंका है कि कोरोनावायरस जंगली जानवरों के माध्यम से ही इंसानों तक पहुंचा है। क्योंकि वायरस की मौजूदगी सबसे पहले चीच के शहर वुहान में देखी गई। यह शहर सभी तरह के जंगली जानवरों के मांस को उपलब्ध कराता है। इनमें सांप, चमगादड़,सुअर, भेड़, गधा, खरगोश, मुर्गा, बतख, हंस, कबूतर, बटेर और बिलाव जैसे जीव शामिल हैं।
बुधवार को आदेश जारी
शेन्जेन प्रशासन ने बुधवार को आदेश जारी करते हुए कहा, ‘‘कुत्ते और बिल्लियां पालतू जानवर हैं। ये इंसानों के काफी करीब हैं। पालतू जानवरों के मांस खाने पर हांगकांग और ताइवान में रोक है। ये बैन मानव सभ्यता के अनुकूल है।’’
अधिक पौष्टिक नहीं जंगली जानवरों का मांस
शेन्जेन सेंटर फॉर डिजीज प्रिवेंशन एंड कंट्रोल के एक अधिकारी लियू जियानपिंग ने कहा, ‘‘लोगों के लिए पोल्ट्री उत्पाद, ताजा मांस और सीफूड पर्याप्त थे। ऐसे में जंगली जानवरों को खाना उचित नहीं। वैसे भी ऐसे सबूत नहीं मिले हैं कि जंगली जानवरों का मांस सामान्य पशुओं के मांस से अधिक पौष्टिक होता है।’’
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अब तक 53 हजार मौतें: अमेरिका में 24 घंटे में 29 हजार केस की पुष्टि, ट्रम्प की दूसरी जांच रिपोर्ट निगेटिव; जर्मनी में भी संक्रमितों की संख्या चीन से ज्यादा April 02, 2020 at 03:31PM
कोरोनावायरस दुनियाभर के करीब 200 से ज्यादा देशों में फैल चुका है। संक्रमितों की संख्या गुरुवार को 10 लाख 14 हजार से ज्यादा हो गई। करीब 53 हजार लोगों की मौत हो चुकीहै। वहीं दो लाख 12 हजार लोग ठीक भी हुए हैं। इस महामारी से अमेरिका बुरी तरह प्रभावित है। यहां 24 घंटे में 29 हजार से ज्यादा केस सामने आए हैं। इसके साथ ही यहां संक्रमितों की कुल संख्या दो लाख 44 हजार हो गई है। राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प की कोरोना की दूसरी जांच रिपोर्ट भी निगेटिव आई। व्हाइट हाउस के मुताबिक, दूसरी बार सैम्पल कलेक्शन में एक मिनट और रिजल्ट आने में 15 मिनट का समय लगा। ट्रम्प ने कहा किदूसराटेस्ट होने में ज्यादा समय नहीं लगा। वहीं, जर्मनी (84,794) में भी संक्रमण का आंकड़ा चीन (81,589) से ज्यादा हो गया है।
अमेरिका: न्यूयॉर्क सिटी में करीब 50 हजार मामले
अमेरिका में कोरोना से अब तक छह हजार लोगों की मौत हो चुकी है।संक्रमण के सबसे ज्यादाकरीब 93 हजार मामले न्यूयॉर्क में हैं। इनमें 50 हजार मामले केवल न्यूयॉर्क सिटी के हैं। शहर में लगभग एक हजार 562 व्यक्तियों की मौत हो चुकी है। गुरुवार को यहां चार हजार नए केस सामने आए और 188 लोगों की मौत हुई है।
- न्यूयॉर्क सिटी के मेयर बिल डे ब्लासियो ने कहा कि यहां एक हजार नर्स, 300 रिस्पेरेटरी थिरैपिस्ट और 150 डॉक्टर्स की जरूरत है।
- मेयर ने कहा- न्यूयॉर्क स्टेट से शहर को 400 वेंटिलेटर्स मिले हैं। जबकि अगले हफ्ते के लिए तीन हजार और कुल 15 हजार की जरूरत है।
- ट्रम्प ने कहा- न्यूयॉर्क सिटी के जाविट्स सेंटर को कोरोनावायरस मरीजों का अस्पताल बनया जाएगा। न्यूयॉर्क के गवर्नर गैविन क्युमो ने राष्ट्रपति से इसके लिए आग्रह किया था
- अमेरिका ने व्योमिंग में अब तक मौत का कोई मामला नहीं आया है। वहीं, हवाई में गुरुवार को दूसरी मौत दर्ज की गई।
- कैलिफोर्निया में एक दिन में एक हजार नए केस सामने आए। यहां संक्रमितों की संख्या नौ हजार 191 हो गई है, जबकि 203 लोग जान गंवा चुके हैं। गवर्नर गैविम न्यूसॉम के मुताबिक, लगभग दो हजार लोग अस्पताल में भर्ती हैं। यहां 92 हजार 400 लोगों की जांच हो चुकी है।
- लॉस एंजेलिस में चार हजार 45 लोग संक्रमित हैं। यहां 78 लोगों की मौत हो चुकी है। गुरुवार को यहां 534 नए केस सामने आए।
भारत: 2500 से ज्यादा संक्रमित
कोरोनावायरस के खिलाफ लड़ाई में वर्ल्ड बैंक ने भारत को 1 बिलियन डॉलर (करीब 7600 करोड़) की आपात मदद को मंजूरी दी है। इस फंड के जरिए कोविड-19 के मरीजों की बेहतर स्क्रीनिंग, कॉन्टैक्ट ट्रेसिंग और डायग्नोस्टिक्स में मदद मिलेगी। साथ ही व्यक्तिगत सुरक्षा उपकरणों की खरीदी और आइसोलेशन वार्ड बनाने में भी सुविधा होगी। इधर, देश में कोरोना संक्रमितों की संख्या2 हजार 542 हो गई।इनमें से191 लोग ठीक हो चुके हैं, जबकि 72 की जान चली गई।
ब्राजील: लगातार तीसरे दिन एक हजार से ज्यादा मामले
ब्राजील के स्वास्थ्य अधिकारियों के मुताबिक, देश में लगातार तीसरे दिन एक हजार से ज्यादा केस सामने आए। देश में अब कुल मामले करीब आठ हजार हो गए हैं, जबकि 300 लोगों की मौत हो चुकी है।
ईरान: संसद के स्पीकर कोरोना से संक्रमित
ईरान की संसद के स्पीकर अली लारीजानी भी कोरोना की चपेट में आ गए है। ईरान स्टूडेंट न्यूज एजेंसी ने बताया कि जांच रिपोर्ट पॉजिटिव पाए जाने के बाद उन्हें क्वारैंटाइन कर दिया गया है। ईरान में गुरुवार को संक्रमण के दो हजार 875 नए मामले सामने आए। इसके साथ ही यहां संक्रमितों की संख्या 50 हजार 486 हो गई है। स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा मंत्रालय के जनसंपर्क अधिकारी कैनुश जहानपुर ने बताया कि देश में पिछले 24 घंटों के दौरान 124 लोगों की मौत हुई है। देश में मरने वालों की संख्या तीन हजार 160 हो गई है। इससे पहले ईरान के सर्वोच्च नेता का चुनाव करने वाले शीर्ष धार्मिक संगठन के 78 वर्षीय सदस्य की कुछ दिन पहले कोरोना से संक्रमित होने के बाद मौत हो गई थी।
इटली: करीब 14 हजार लोगों की मौत
इटली में कोरोना से 24 घंटों में 760 लोगों की मौत हुई है। इसके साथ ही मौतों का आंकड़ा 13 हजार 915 हो गया है। नागरिक सुरक्षा विभाग की तरफ से गुरुवार को जारी आंकड़ों के मुताबिक, देश में अब तक एक लाख 15 हजार 242 लोग वायरस की चपेट में हैं। विभाग के प्रमुख एंजेलो बोरेल्ली ने कहा कि बुधवार के मुकाबले गुरुवार को दो हजार 477 नए मामले दर्ज किए गए हैं। कोरोना के बढ़ते मामले को देखते हुए यहां सरकार ने 13 अप्रैल तक लॉकडाउन बढ़ा दिया है।
कोरोना से 10 सबसे ज्यादा प्रभावित देश
देश |
कितने संक्रमित |
कितनी मौतें | कितने ठीक हुए |
अमेरिका | 2,44,877 | 6,070 | 10,403 |
इटली | 1,15,242 | 13,915 | 18,278 |
स्पेन | 1,12,065 | 10,348 | 26,743 |
चीनजर्मनी | 84,794 | 1,104 | 21,400 |
चीन | 81,589 |
3,318 |
76,408 |
फ्रांस | 59,105 | 5,387 | 12,428 |
ईरान |
50,468 |
3,160 | 16,711 |
ब्रिटेन | 33,718 | 2,921 | 135 |
स्विट्जरलैंड | 18,827 | 536 | 4,013 |
तुर्की | 18,135 | 356 | 415 |
स्रोत:https://ift.tt/2SvTwKE
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सरकार का आदेश अनसुना कर जलसे कर रहे हैं मौलवी; देश में अबतक 2,291 लोग संक्रमित, 31 लोगों की मौत हो चुकी April 02, 2020 at 02:55PM
(भास्कर के लिएशाह जमाल)जहां कई देश कोरोना से बचाव के लिए पूरी तरह लॉकडाउन जैसे उपाय अपना रहे हैं, वहीं पाकिस्तान सरकार ने देश में आंशिक लॉकडाउन किया है। प्रधानमंत्री इमरान खान का कहना है कि पूरी तरह लॉकडाउन संभव नहीं है। लोग स्वेच्छा से घर में रहें। इमरान जिस कठिनाई की बात कर रहे हैं, उसका अनुमान देशभर के मजदूरों की स्थिति देखकर लगाया जा सकता है।
सामूहिक नमाज बंद करने के आदेश का विरोध कर रहेमौलवी
इस्लामाबाद के जिन्ना सुपर मार्केट में दिहाड़ी मजदूर इस्माइल शाह (37) कहते हैं- मेरे परिवार ने चार दिनों से पेटभर खाना नहीं खाया। हफ्ते भर से मैंने एक रुपया नहीं कमाया। इस्माइल पाक के उन लाखों लोगों में से एक हैं, जो निर्माण कार्य जैसे क्षेत्रों में मजदूरी कर घर चलाते हैं। अब इन लोगों को काम नहीं मिल रहा है। यहां बाजार, सार्वजनिक परिवहन, अंतरराष्ट्रीय उड़ानें, स्कूल, कॉलेज, विश्वविद्यालय बंद हैं। भारत, ईरान और अफगानिस्तान सीमाएं सील कर दी गई हैं। सरकार ने मस्जिदों में शुक्रवार की सामूहिक नमाज बंद करने के आदेश दिए हैं। इसका कई मौलवी विरोध कर रहे हैं। कुछ दिनों पहले लाहौर में तीन दिवसीय धार्मिक सम्मेलन हुआ था। इसमें करीब 1.50 लाख लोग शामिल हुए थे। इनमें से कई लोग यूएई, फिलीस्तीन और मध्य एशिया से आए थे।
पाकिस्तान में सिर्फ 25 हजार टेस्टिंग किट
पाक में अब तक कोरोना के 2,291 मामले आ चुके हैं। 31 मौतें हो चुकी हैं। इस्लामाबाद में कम्युनिटी हेल्थ एक्सपर्ट डॉ. जीशान का कहना कि मेडिकल उपकरणों की कमी के कारण कोरोना से मुकाबला करना कठिन होता जा रहा है। हेल्थ केयर सिस्टम फेल हो चुका है। यहां हर 5 हजार लोगों पर एक बेड है। स्वास्थ्य विभाग के सूत्र भी कह रहे हैं कि पाकिस्तान में सिर्फ 25 हजार टेस्टिंग किट हैं। सरकार ने कनाडा से एक लाख टेस्टिंग किट खरीदने का आडॅर दिया है। 14 लैबोरेटरी में सैंपल की जांच की जा रही है। करीब 22 हजार संदिग्धों को टेस्ट रिपोर्ट का इंतजार है। कराची के आगा खान यूनिवर्सिटी हॉस्पिटल जैसे अस्पतालों ने नए सैंपल लेने से इनकार कर दिया है। इधर, इस्लामाबाद के 4 सरकारी अस्पताल के डॉक्टरों ने हड़ताल की चेतावनी दी है। युवा डॉक्टर संगठन के चेयरमैन डॉ. असफांदयार का कहना है कि अगर उन्हें पर्याप्त पर्सनल प्रोटेक्टिव इक्विपमेंट नहीं मिले तो वे हड़ताल पर चले जाएंगे। अस्पतालों में कोरोना मरीजों और अन्य के लिए एक ही रास्ता रखा गया है। यहां प्रबंधन में बड़ी लापरवाही बरती जा रही है।
अस्पताल से सीधे कब्रिस्तान भेजे जा रहे शव
प्रशासन ने मृतकों के अंतिम संस्कार के लिए विशेष व्यवस्था की है। पुलिस और स्वास्थ्य मंत्रालय के अधिकारियों की निगरानी में शव सीधे अस्पताल से कब्रिस्तान भेजे जा रहे हैं। मृतकों के परिवार के सदस्यों को भी अंतिम संस्कार में शामिल होने नहीं दिया जा रहा है।
पेशावर में पैसे निकालने के लिए लोगों की भीड़ जुट रही
पेशावर में सरकारी कर्मचारी पैसा निकालने के लिए बैंकों के सामने उमड़ रहे हैं। उधर, इंटर-सर्विसेज पब्लिक रिलेशंस के महानिदेशक मेजर जनरल बाबर इफ्तेखार ने कहा कि किसी भी अप्रिय स्थिति से निपटने और सिविल कर्मियों की मदद के लिए देशभर में सेना तैनात कर दी गई है। सेना प्रमुख जनरल कमर जावेद बाजवा ने इसके आदेश दिए थे।
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रावलपिंडी की सड़कों पर बैठे सैकड़ों परिवार भूख से जूझ रहे; लोगों ने इमरान सरकार के खिलाफ नारे लगाए और सेना से मदद मांगी April 02, 2020 at 02:44AM
इस्लामाबाद. पाकिस्तान में कोरोनावायरस के संक्रमण के बीच भोजन और जरूरी चीजों की भारी कमी हो गई है। यहां भूख से जूझ रहे लोगों ने गुरुवार को इमरान सरकार के खिलाफ जमकर नारे लगाए। लोगों ने सेना से मदद मांगी है।पाकिस्तान में अभी तक संक्रमण के 2,291 मामले सामने आ चुके हैं और 31 लोगों की मौत हो चुकी है। इसके बावजूद भी प्रधानमंत्री इमरान खान देश में लॉकडाउन लगाने के लिए राजी नहीं हैं। हालांकि, देश के तमाम हिस्सों में लोगों की आवाजाही पर रोक लगाई गई है।इमरानने लोगों से राहत कोष में दान देने की अपील की है। उन्होंने कहा- दानदाताओं को कर में छूट दी जाएगी।
पाकिस्तानी अखबार ने बताया कि रावलपिंडी में भूख से जूझ रहे सैकड़ों परिवार सड़क किनारे भोजन के इंतजार में बैठे हैं। वे इमरान खान सरकार की निष्क्रियता और उदासीनता पर नारे लगा रहे हैं। लोगों ने सेना से मदद मांगी है। परेशान लोगों को बाढ़-भूकंप और अन्य प्राकृतिक आपदाओं के दौरान सेना से मिलने वाली मदद याद आ रही है। यही वजह है कि नारे लगा रहे लोगों नेप्रधानमंत्री इमरान खान से अपील की कि वे सेना, रेंजर्स और स्थानीय प्रबंधन के जरिएउन्हें 24 घंटे में खाना दें।
कोरोना संक्रमण के 62 मामले इस्लामाबाद में भी सामने आए
पाकिस्तान में कोरोना से सबसे ज्यादा प्रभावित पंजाब है। यहां पर 914 मामले सामने आए हैं। इसके अलावा सिंध में 743, खैबर पख्तूनख्वा में 276, बलूचिस्तान में 169 और गिलगिट बाल्टिस्तान में 187, इस्लामाबाद में 62 और पीओके (पाकिस्तान आकुपाइड कश्मीर) में 9 मामले सामने आए हैं।विपक्ष के नेता और पाकिस्तान मुस्लिम लीग (नवाज) पीएमएल-एन के अध्यक्ष शहबाज शरीफ ने प्रधानमंत्री पर तुरंत एक्शन लेने के बजाए समय बर्बाद करने का आरोप लगाया है।
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30% संक्रमितों में संक्रमण का एक भी लक्षण नहीं नजर आया था; ज्यादातर देशों में महामारी फैलने की यही बड़ी वजह April 02, 2020 at 02:28AM
विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) की चीन में की गई एक स्टडी में हैरान करने वाली बात सामने आई है। इस रिपोर्ट के मुताबिक, कोरोना संक्रमण के जितने मामले आए हैं, उनमें से 1-3% केस असिम्प्टोमैटिक हैं। यानी, इन मरीजों के पॉजिटिव पाए जाने से पहले, उनमें संक्रमण का एक भी लक्षण नजर नहीं आया था। लेकिन, साउथ चाइना मॉर्निंग पोस्ट की बुधवार को आई रिपोर्ट में ऐसे मरीजों की संख्या 30% बताई गई।
भारत में भी ऐसे मरीज, पर आधिकारिक आंकड़ा सामने नहीं आया
यूएस के सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन (सीडीसीपी) के अनुसार अमेरिका में इस तरह के 20% मामले सामने आ चुके हैं। सीएनएन, फोर्ब्स और नेचर में प्रकाशित रिपोर्ट के मुताबिक सबसे ज्यादा जापान में 30.8%, इटली में 30%, ईरान में 20%, स्पेन में 27% और जर्मनी में 18% पॉजिटिव केस असिम्प्टोमैटिक हैं। ऐसे संक्रमितों में सबसे ज्यादा युवा हैं। भारत में भी ऐसे कई असिम्प्टोमैटिक केस सामने आ चुके हैं। अभी तक केंद्र सरकार की ओर से ऐसे मामलों का कोई आधिकारिक आंकड़ा जारी नहीं किया गया है।
असिम्प्टोमैटिक केस में लक्षण नजर आने में तीन हफ्ते लग जाते हैं
साउथ चाइना मॉर्निंग पोस्ट की रिपोर्ट के मुताबिक, हुबेई प्रांत में कोरोना के 90 हजार से ज्यादा मामले आ चुके हैं। फरवरी के अंत तक इनमें से लगभग 43 हजार लोगों में कोरोना के कोई लक्षण नहीं दिख रहे थे। अगर थे भी तो ना के बराबर। बाद में इनमें से 20 हजार लोग पॉजिटिव पाए गए थे। इन लोगों में दो से तीन हफ्तों में लक्षण दिखने शुरू हुए। ये तब तक पूरी तरह स्वस्थ दिख रहे थे या मामूली दिक्कतें थीं इसीलिए संदिग्ध को 14 दिन क्वारैंटाइन पीरियड में रखा जाता है।
साउथ कोरिया ने सभी को संदिग्ध मानकर किया टेस्ट
साउथ कोरिया में अभी तक 9 हजार संक्रमित पाए गए हैं। 5 करोड़ की आबादी वाले इस देश में करीब 4 लाख लोगों का टेस्ट हो चुका है। साउथ कोरिया की सरकार सभी को संदिग्ध मानकर टेस्ट कर रही है। मतलब जिनमें लक्षण हैं उनकी भी जांच हो रही और जिनमें नहीं है, उनकी भी। रिपोर्ट के मुताबिक, यहां 20% लोग पॉजिटिव मिले, जिनमें पहले से कोई लक्षण नहीं था। यूएस, ब्रिटेन और इटली में तो जिन लोगों में लक्षण नहीं हैं, उनका टेस्ट ही नहीं किया जा रहा है। विशेषज्ञों ने इन्हीं रिपोर्ट का हवाला देते हुए कहा है कि इसी के चलते अमेरिका, इटली और ब्रिटेन जैसे देशों में कोरोना संक्रमितों की संख्या लगातार बढ़ रही है।
क्या है असिम्प्टोमैटिक?
आमतौर पर संक्रमित व्यक्ति में दो से तीन दिन के अंदर कोविड-19 के लक्षण दिखने लगते हैं। जैसे बुखार आना, फ्लू होना, कोल्ड होना, शरीर में दर्द होना, सांस लेने में दिक्कत आना। तीन से पांच दिन में ये लक्षण थोड़े और बढ़ जाते हैं। पांच से 10 दिन में सांस लेने में दिक्कत होने लगती है, निमोनिया के लक्षण दिखने लगते हैं। लेकिन जो असिम्प्टोमैटिक यानी बिना लक्षण वाले होते हैं, उनमें संक्रमण होने के बाद भी लक्षण जल्दी सामने नहीं आते। न तो उन्हें बुखार आता है। अगर आता है तो काफी कम या फिर ठीक हो जाता है। सर्दी-जुखाम नहीं होता। ऐसे लोगों में कोविड-19 के लक्षण सामने आने में दो से तीन हफ्ते लग जाते हैं।
बिना लक्षण वाले संक्रमितों से वायरस फैलने का ज्यादा खतरा
राजीव गांधी सुपर स्पेशियलिटी हॉस्पिटल, नई दिल्ली के डायरेक्टर प्रो. बीएल शेरवाल बताते हैं कि बिना लक्षण वाले संक्रमित मरीज ज्यादा खतरा पैदा कर सकते हैं। मतलब इन्हें खुद नहीं मालूम होता है कि वह संक्रमित हैं। ऐसे में वह लोगों से मिलते-जुलते हैं। घर में आराम से रहते हैं। इसके चलते दूसरों को यह तेजी से वायरस फैल जाता है। ऐसे मामले सबसे ज्यादा युवाओं में आते हैं क्योंकि युवाओं का इम्यून सिस्टम बुजुर्गों और बच्चों से अच्छा होता है। इसलिए जब वायरस शरीर में प्रवेश करता है तो ये इम्यून सिस्टम उनसे लड़ता है। इसके चलते लक्षण दिखाई देने में समय लग जाते हैं।
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पाकिस्तानी कोर्ट ने मुख्य आरोपी अहमद ओमर शेख की फांसी की सजा को सात साल की जेल में बदला, जल्द हो सकता है रिहा April 01, 2020 at 10:09PM
कराची. पाकिस्तान कोर्ट ने अमेरिकी पत्रकार डेनियल पर्ल के अपहरण और हत्या के मामले में एंटी टेरिरिज्म कोर्ट (एटीसी) के फैसले को उलट दिया है। मुख्य आरोपी की फांसी की सजा को सात साल की जेल में बदल दिया है। इसके साथ ही तीन अन्य आरोपियों को बरी कर दिया है।इस फैसले सेयह साफ संदेश मिलता है कि पाकिस्तान आतंकवादी संगठनों व कुख्यात आतंकियों को सजा दिलाने के पक्ष में नहीं है। वह उनको पनाह देता रहेगा।
सिंध हाई कोर्ट ने गुरुवार को अमेरिकी पत्रकार डेनियल पर्ल के अपहरण और हत्या मामले में दोषी ठहराए गए चार आरोपियों की अपील पर अपना फैसला सुनाया है। मुख्य आरोपित अहमद ओमर सईद शेख की मौत की सजा को सात साल की जेल में बदल दिया गया है, जबकि तीन अन्य आरोपी फहद नसीम, सलमान साकिब और शेख आदिल की उम्रकैद की सजा को खत्म कर उन्हें बरी कर दिया। हलांकि, ओमार शेख पिछले 18 सालों से जेल में है।इसलिए उसकी सात साल की सजा उसी में काट दी जाएगी और उसे भी जल्द रिहा कर दिया जाएगा।
जस्टिस मोहम्मद करीम खान आगा की अध्यक्षता वाली दो जजों की बेंच ने आरोपियों की ओर से 18 साल पहले दायर याचिका पर अपना फैसला सुनाया है। बचाव पक्ष के वकील ख्वाजा नवीद ने न्यूज एजेंसी एएफपी से बताया कि अदालत ने रिहा करने का आदेश अभी तक जारी नहीं किया है।
एटीसी कोर्ट ने सुनाई थी मौत की सजा
2002 में एंटी टेररिज्म कोर्ट ने अहमद ओमर सईद शेख को मौत की सजा सुनाई थी और तीन अन्य दोषियों को उम्रकैद की सजा सुनाई थी। चारों पर वाल स्ट्रीट जर्नल के साउथ ब्यूरो प्रमुख डेनियल पर्ल के अपहरण और हत्या का आरोप था। डेनियल कराची में धार्मिक चरमपंथियों पर एक स्टोरी के लिए रिसर्च कर रहे थे। डेनियल का शव कराची में मिला था।
1999 में कांधार हाईजैकिंग में छोड़ा गया था ओमर शेख
अहमद ओमर शेख को भारत में 1994 में पश्चिमी देशों के पर्यटकों की किडनैपिंग के आरोप में गिरफ्तार किया गया था। 1999 में जब आतंकीइंडियन एयरलाइंस की फ्लाइट 814 को हाइजैक करके कंधार ले गए तब हरकत-उल-मुजाहिदिन के जिन तीन आंतकियों को भारतीय जेलों से छुड़वा लिया गया था उनमें से एक ओमर भी था। ओमर के साथ मौलाना मसूद अजहर, और मुश्ताक अहमद जरगर को भी छोड़ा गया था।बाद में सितंबर 2001 में अमेरिका में वर्ल्ड ट्रेड सेंटर में हुए हमले में भी ओमर का नाम आया था।
कौन है अमहद ओमर शेख
ओमर पाकिस्तानी मूल का ब्रिटिश आंतकवादी है। कहा जाता है कि वहृ ब्रिटिश इंटेलिजेंस ऑफिसर था। उसे ओसामा बिन लादेन और अन्य इस्लामी आतंकी समूहों के अंदर तक पहुंचाने के लिए ब्रिटेन और अमेरिका की एजेंसियों ने मदद की। पाकिस्तान की आईएसआई से भी उसके संबंध बताए जाते हैं.। पाकिस्तान के पूर्व-राष्ट्रपति परवेज़ मुशर्रफ ने अपनी आत्मकथा ‘इन द लाइन ऑफ फायर’ में ओमर के डबल एजेंट होने का जिक्र किया है। 2018 में भारत में इस पर एक फिल्म ओमार्टा आई थी।
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'Shoot them dead': Philippine President says won't tolerate lockdown violators April 01, 2020 at 11:00PM
कई राज्यों को नहीं मिल रहे लाइफ सेविंग इक्विपमेंट; राष्ट्रपति ट्रम्प का दावा- हमारे पास 10 हजार वेंटिलेटर्स April 01, 2020 at 10:31PM
राष्ट्रपति ट्रम्प ने अमेरिका के लोगों को आश्वासन दिया है कि सरकार के पास 10 हजार वेंटिलेटर है। जिन अस्पतालों में इनकी संख्या कम है, वहां जल्द इसकी आपूर्ति की जाएगी। हालांकि, न्यूयॉर्क टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक, सरकार के स्टॉक में उपलब्ध दो हजार 109 लाइफ सेविंग इक्विपमेंट्स इस्तेमाल में नहीं लाए जा सकते। इनकी देखरेख के लिए किया गया करार पिछले साल ही लैप्स हो गया था। इसके बाद रखरखाव के करार को लेकर विवाद शुरू हो गया। ऐसे में नई कंपनी भी जनवरी तक इस पर काम शुरू नहीं कर सकी। इस बीच कोरोना संक्रमण के मामले तेजी से बढ़ने लगे। अब आलम यह है कि अमेरिका के कई राज्यों में इन उपकरणों की कमी महसूस हो रहे हैं। कई राज्यों को कम उपकरण मिल रहे हैं। इनमें से भी कुछ क्षतिग्रस्त हैं।
दरअसल, गृह विभाग के अधिकारियों ने उन्हें मिले कुछ वेंटिलेटर्स के काम नहीं करने की शिकायत की थी। इसके बाद हेल्थ एंड ह्यूमन सर्विस की जांच में यह खुलासा हुआ। अब यह अटकलें तेज हो गई हैं कि प्रशासन स्वास्थ्य उपकरणों के स्टॉक को मेनटेन करने का अपना काम सही ढंग से नहीं कर रहा।
वेंटिलेटर्स की देखरेख का करार रद्द होने के कारणों का पता नहीं
वेंटिलेटर्स में खराबी होने के कारण करार रद्द हुआ या किसी और वजह से इसके बारे में पता नहीं चल सका है। इस बीच मेंटनेस के लिए नया करार प्राप्त करने वाली कंपनी ‘एजिलिटी’ को काम शुरू करने से पहले ही रोक दिया गया। एजिलिटी के चीफ एक्सक्यूटिव लियोनार्ड ने कहा कि पहले करार से उन्हें करार मिलने के बीच इनकी देखरेख के लिए कौन जिम्मेदार था इसकी हमें जानकारी नहीं है। लेकिन, यह हमारी वजह से नहीं हुआ। सरकार से हुए गोपनीय समझौते के तहत मैं यह साझा नहीं कर सकता कि कंपनी फिलहाल कितने वेंटिलेटर्स की देखरेख कर रही है।
ट्रम्प का दावा: जल्दहमारे पास जरूरत से ज्यादा वेंटिलेटर्स होंगे
ट्रम्प न सिर्फ अमेरिका में वेंटिलेटर की कमी दूर करने की बात कर रहे हैं, बल्कि उन्होंने दूसरे देशों को भी यह उपलब्ध करवाने का आश्वासन दिया है। उन्होंने बुधवार को कहा, ‘‘जल्द ही हमारे पास जरूरत से ज्यादा वेंटिलेटर्स होंगे। हम हजारों वेंटिलेटर्स का निर्माण कर रहे हैं। हमजल्द ही ऐसी स्थिति में होंगे जब हमारे पास भविष्य में आने वाली किसी तबाही के लिए पर्याप्त स्टॉक होगा। हालांकि मुझे उम्मीद है कि ऐसी कोई स्थिति नहीं आएगी। हम बाकी बचे वेंटिलेटर्स को दुनिया भर में बांटेंगे। हम इटली, फ्रांस, स्पेन और संक्रमण से सबसे ज्यादा प्रभावित देशों को यह देंगे।
अमेरिका के कई प्रांतों में स्वास्थ्य उपकरणों की कमी
अमेरिका के कई प्रांतों में वेंटिलेटर्स, मेडिकल गीयर्स और दूसरे स्वाथ्य उपकरणों की कमी हो रही है। कैलिफोर्निया में हाल ही में सरकार की ओर से मिले 170 वेंटिलेटर्स टूटे मिले। इनकी आपूर्ति फेडरल इमरजेंसी मैनेजमेंट एजेंसी ने की थी। सरकारी अधिकारियों ने बुधवार को खुलासा किया कि उनके पास मेडिकल गीयर खत्म हो गए हैं। इनमें मास्क, फेस शील्ड जैसे सामान शामिल हैं। वेंटिलेटर्स में एक्सटर्नल बैटरी में खराबी और ऑक्सीजन हाउस नहीं होने जैसी समस्याएं आ रही हैं। इलिनॉय प्रांत के अधिकारियों के मुताबिक उन्होंने सरकार से चार हजार वेंटिलेटर्स मांगे थे, जबकि 450 ही मिले। इसी तरह न्यूजर्सी में दो हजार 300 के बदले 300 मिले। वहीं वर्जीनिया ने 300 वेंटिलेटर्स मांगे थे, लेकिनएक भी नहीं मिले।
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