Saturday, June 27, 2020
कैलिफोर्निया के वॉलमार्ट में शूटिंग, 2 की जान गई और 4 घायल हुए; हमलावर को पुलिस ने सीने में गोली मारी June 27, 2020 at 06:33PM
अमेरिका में कैलिफोर्निया के वॉलमार्ट बिक्री केंद्र में शनिवार को हुई गोलीबारी में दो लोगों की मौत हो गई। घटना में चार लोग घायल हुए हैं। न्यूयार्क टाइम्स ने शनिवार को अपनी रिपोर्ट में यह जानकारी दी है। वॉलमार्ट वितरण केंद्र उत्तर कैलिफोर्निया से लगभग 120 मील (करीब 193 किमी) दूर स्थित रेड ब्लफ में है।बताया जाता है कि हमलावर को सीने में गोली मारी गई है।
रेड ब्लफ डेली न्यूज पेपर के मुताबिक, शूटिंग कर्मचारियों की शिफ्ट बदलने के दौरान हुई। हमलावार वितरण केंद्र में घुसा और गोलीबारी शुरू कर दी।अधिकारियों ने बताया कि घटना दोपहर 3 बजे के बाद शुरू हुई। लगभग 3:30 बजे पुलिस को इसकी को इसकी जानकारी मिली। घटना के समय वॉलमार्ट में लगभग 200 स्टाफ थे। इनमें से कुछ ने स्टोर रूम में खुद को बंद कर लिया था।
अधिकारियों के अनुसार संदिग्ध ने अपने वाहन से उस जगह टक्कर मारी जहां से कर्मचारी वॉलमार्ट में घुसते हैं। इसके बाद वाहन में आग लग गई और हमलावर ने स्टाफ पर फायरिंग शुरू कर दी।
21 जून को मिनेपोलिस में गोलीबारी हुई थी
इससे पहले 21 जून को मिनेपोलिस में हुई गोलीबारी में एक व्यक्ति की मौत हो गई थी, जबकि 11 घायल हुए थे। वहीं, न्यूयॉर्क में 20 जून को एक जश्न के दौरान हुई फायरिंग में 9 लोग घायल हो गए। इस दौरान17 साल के एक बच्चे के सिर में गोली लगी थी।
2019 में मास शूटिंग में 211 की मौत
जानकारों के मुताबिक, अमेरिका में 2019 में अन्य वर्षों की तुलना में सबसे ज्यादा मास शूटिंग की घटनाएं हुईं। मास शूटिंग वैसी घटनाओं को कहा गया है कि जिनमें चार या ज्यादा लोगों की जान गई हो। एसोसिएटेड प्रेस (एपी), यूएसए टुडे और नॉर्थईस्टर्न यूनिवर्सिटी के मुताबिक, 2019 में 41 मास शूटिंग की घटनाएं हुईं, जिनमें कुल 211 लोगों की मौत हुई है।
दुनिया की कुल सिविलियन गन में 48% अमेरिकियों के पास
अमेरिका में करीब 31 करोड़ हथियार हैं, 66% लोगों के पास एक से ज्यादा बंदूक हैं। दुनियाभर की कुल सिविलियन गन में से 48% सिर्फ अमेरिकियों के पास है। 89% अमेरिकी लोग अपने पास बंदूक रखते हैं। इनमें से 66% लोग एक से ज्यादा बंदूक रखते हैं। अमेरिका में बंदूक बनाने वाली इंडस्ट्री का सालाना रेवेन्यू 91 हजार करोड़ रुपए का है। 2.65 लाख लोग इस कारोबार से जुड़े हुए हैं। अमेरिकी इकोनॉमी में हथियार की बिक्री से 90 हजार करोड़ रुपए आते हैं। अमेरिका में हर साल एक करोड़ से ज्यादा बंदूकें यहां बनती हैं।
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संक्रमितों का आंकड़ा 1 करोड़ के पार, इनमें से 54 लाख से ज्यादा ठीक हुए; मरने वालों की संख्या 5 लाख हुई June 27, 2020 at 04:35PM
दुनिया में कोरोना संक्रमितों की संख्या शनिवार रात 1 करोड़ के पार हो गई। इनमें 54 लाख 58 हजार 367 लोग ठीक हो चुके हैं। वहीं, 5 लाख 01 हजार 298 लोगों ने जान गंवाई हैं। सबसे संक्रमित देश अमेरिका में 24 घंटे में 40 हजार से ज्यादा मामले सामने आए हैं। यहां मरीजों की संख्या 25 लाख से ज्यादा हो गई है। वहीं, अब तक 1.28 लाख मौतें हो चुकी हैं।
10 देश जहां कोरोना का असर सबसे ज्यादा
देश |
कितने संक्रमित | कितनी मौतें | कितने ठीक हुए |
अमेरिका | 25,96,537 | 1,28,152 | 10,81,437 |
ब्राजील | 13,15,941 | 57,103 | 7,15,905 |
रूस | 6,27,646 | 8,969 | 3,93,352 |
भारत | 5,29,577 | 16,103 | 3,10,146 |
ब्रिटेन | 3,10,250 | 43,514 | उपलब्ध नहीं |
स्पेन | 2,95,549 | 28,341 | उपलब्ध नहीं |
पेरू | 2,75,989 | 9,135 | 1,64,024 |
चिली | 2,67,766 | 5,347 | 2,28,055 |
इटली | 2,40,136 | 34,716 | 1,88,584 |
ईरान | 2,20,180 | 10,364 | 1,80,661 |
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ब्राजील: 57 हजार से ज्यादा मौतें
ब्राजील में 24 घंटे में कोरोनावायरस से 1,109 लोगों की मौत हुई है। यहां मरने वालों की संख्या 57,070 हो गया है। वहीं, एक दिन में संक्रमण के 38,693 नए मामले सामने आए हैं। संक्रमितों की संख्या 13 लाख 13 हजार 667 हो गई है। स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार अब तक 7 लाख 15 हजार लोग बीमारी से ठीक हो चुके हैं। ब्राजील के साओ पाउलो शहर के मेयर ने घोषणा की है कि रेस्टोरेंट, बार, पब और सैलून खोलने की योजना टाली जा सकती है।
ब्रिटेन: 6 जुलाई से विदेश यात्राओं से प्रतिबंध हटेगा
ब्रिटेन दुनिया में पांचवां सबसे संक्रमित देश है। यहां संक्रमण के अब तक 3.10 लाख मामले सामने आ चुके हैं, जबकि 43 हजार से ज्यादा मौतें हो चुकी हैं। ब्रिटेश सरकार ने 6 जुलाई से विदेश यात्राओं पर लगे प्रतिबंधों का हटाने का फैसला किया है। ये छूट कुछ यूरोपीय देशों के लिए होंगे। इसके तहत जिन देशों में मामले कम हैं, वहां से आने पर क्वारैंटाइन नहीं होना होगा।
इजराइल: 621 नए मामले
इजराइल में दो अप्रैल के बाद से कोरोना के मामलों में अब तक का सबसे बड़ा इजाफा हुआ है। एक दिन में 621 नए मामले सामने आए हैं। संक्रमितों की संख्या बढ़कर 23,421 हो गई है। स्वास्थ्य मंत्रालय ने रविवार को यह जानकारी दी। इजराइल में कुल 317 लोगों की बीमारी से मौत हो चुकी हैं। यहां गंभीर मरीजों की संख्या 46 से घटकर 41 हो गई है। यहां अब तक 17,002 मरीज स्वस्थ हो चुके हैं।
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सरकारी मदद खत्म करने, मुफ्त भोजन बंद करने जैसे इन 9 तरीकों से ट्रम्प ने अमेरिका में असमानता बढ़ाई June 27, 2020 at 02:43PM
अमेरिका में अश्वेतों- गोरों, अमीरों-गरीबों के बीच असमानता खत्म करने के संघर्ष में अक्सर संसद और सुप्रीम कोर्ट के कानूनों और फैसलों का जिक्र होता है। लेकिन, राष्ट्रपति का प्रशासन इन उपायों को बेअसर कर देता है। अश्वेतों सहित अन्य लोगों को बराबरी का अधिकार देने के लिए लागू कई कानूनों पर पूर्व राष्ट्रपतियों ने पूरी तरह से अमल नहींं होने दिया।
राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प की सरकार भी ऐसा ही करती है। ट्रम्प प्रशासन ने पर्दे के पीछे चुपचाप मौजूदा नियमों को वापस लेकर नए नियम जारी कर दिए। इनके तहत अश्वेतों, बाहर से आए लोगों, मूल अमेरिकियों, किन्नरों और अन्य वंचित लोगों को संरक्षण और अवसर देने के उपायों का खत्म कर दिया गया है। जानिए ये 9 उदाहरण...
- कर्जदारों की मुश्किल बढ़ाई
कम आय वाले अमेरिकी अक्सर कर्ज के दुष्चक्र में फंसे रहते हैं। अन्य अमेरिकियों की तुलना में अश्वेतों के स्थायी कर्जदार होने की 105% अधिक संभावना रहती है। पूर्व राष्ट्रपति बराक ओबामा के शासनकाल में कर्जदारों को राहत देने के लिए लागू नियम में साहूकार के लिए जरूरी किया गया कि वह पुराना ऋण चुकाने पर ही नया ऋण देगा। ट्रम्प ने कर्ज देने वाली इंडस्ट्री का साथ देते हुए पुरानी व्यवस्था बहाल कर दी है।
- गर्भ निरोध रोकने की कोशिश
2011 में ओबामा सरकार ने जन्म नियंत्रण के उपायों पर होने वाले खर्च को स्वास्थ्य बीमा में शामिल करने का प्रावधान किया था। ट्रम्प प्रशासन इससे उन नियोक्ताओं को छूट देने जा रहा है जो धार्मिक या नैतिक कारणों से गर्भ निरोधक उपायों का विरोध करते हैं। अवांछित गर्भ रोकने के आईयूडी जैसे उपायों का खर्च लगभग 98 हजार रुपए पड़ता है। इससे सबसे ज्यादा अश्वेतों सहित अन्य गरीब प्रभावित होंगे।
- माइग्रेंट्स के लिए नई बाधाएं खड़ी कीं
अमेरिका में गरीब देशों के लोगों के लिए रहने और नौकरी करने के लिए जरूरी ग्रीन कार्ड हासिल करना मुश्किल हो गया है। फरवरी 2020 के बाद ग्रीन कार्ड आवेदक प्रवासियों की अंग्रेजी, शैक्षणिक योग्यता, स्वास्थ्य और आय का ध्यान रखा जा रहा है। गरीबी रेखा से 250% अधिक आय वाले परिवार को ग्रीन कार्ड मिल सकता है। इस कारण गरीब देशों के लोगों को ग्रीन कार्ड नहीं मिलेगा।
- मूल निवासी की जमीन इंडस्ट्री को दी
अमेरिका के मूल निवासियों के हितों को डोनाल्ड ट्रम्प नुकसान पहुंचा रहे हैं। वे जमीन आवंटन के मामले में तेल, गैस इंडस्ट्री का साथ दे रहे हैं। उटा में मूल निवासियों के स्मारक की 85% जमीन मनोरंजन इंडस्ट्री को दे दी गई है। राष्ट्रपति ने आदिवासी सलाहकार परिषद के अधिकार सीमित कर दिए हैं।
- मुफ्त भोजन बंद करने का फैसला लिया
1996 से बेरोजगारों और निर्धनों को पोषण आहार कार्यक्रम के तहत खाना-फूड स्टैम्प दिया जाता है। दिसंबर में ट्रम्प ने फूड स्टैम्प देने के नियम कड़े कर दिए हैं। अब पिछले 24 माह से 6% बेरोजगारी दर वाले क्षेत्रों में मुफ्त खाना दिया जाएगा। 6.44 लाख लोग फूड स्टैम्प से वंचित हो जाएंगे।
- दुष्कर्म पीड़ितों पर बोझ डाला
शिक्षा परिसरों में दुष्कर्म या यौन दुर्व्यवहार के मामलों में संबंधित शिक्षण संस्थान की कानूनी जवाबदेही नहीं रहेगी। दोनों पक्षों को अदालत में पूछताछ का सामना करना पड़ेगा। पीड़ित छात्रा पर अपराध साबित करने का बोझ पड़ेगा।
- स्वास्थ्य सुविधाओं में कटौती की
ट्रम्प सरकार ने स्वास्थ्य बीमा सुविधा को काम से जोड़ने का प्रस्ताव रखा है। इससे लाइलाज बीमारियों से पीड़ित लोगों को नुकसान होगा। 12 से अधिक राज्यों ने प्रस्ताव लागू कर दिया है। फैसले को अदालत में चुनौती दी गई है।
- गर्भपात के लिए मदद नहीं दी
सरकार ने नियम बनाया है कि सरकारी मदद पाने वाले परिवार नियोजन सेंटर गर्भपात के लिए आने वाली महिलाओं की सहायता नहीं करेंगे। पहले इन सेंटरों में ऐसी सुविधा थी। इससे 22% अश्वेत महिलाएं प्रभावित होंगी।
- गरीबी की दर में बदलाव कर दिया
ट्रम्प प्रशासन ने चार लोगों के परिवार के लिए गरीबी की सीमा रेखा-सालाना 19 लाख रु. की आय- में परिवर्तन का संकेत दिया है। इसे महंगाई से जोड़ा जाएगा। इससे लाखों लोग कई तरह की सरकारी सहायता से वंचित हो जाएंगे।
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कई देशों में एक मरीज से सैकड़ों संक्रमित हुए; साउथ कोरिया में दूसरी लहर के लिए यही सुपर स्प्रेडर जिम्मेदार June 27, 2020 at 02:21PM
दुनियाभर में कोरोनावायरस के एक करोड़ मामले सामने आ चुके हैं। डब्ल्यूएचओ ने कहा है कि खतरा अब ज्यादा है। संक्रमण अब यूरोप में कम हो रहा है, जबकि एशिया और लैटिन अमेरिका में फैल रहा है।
संक्रमण पर अगर काबू पाना है तो सुपरस्प्रेडर से बचना बहुत जरूरी है। जब एक मरीज से कई लोग संक्रमित होते हैं तो उस मरीज को सुपर स्प्रेडर माना जाता है। कई देशों में ऐसे ही सुपर स्प्रेडर की वजह से अचानक मामले बढ़े हैं। साउथ कोरिया में संक्रमण की दूसरी लहर के लिए सुपर स्प्रेडर ही जिम्मेदार है।
अप्रैल तक यहां कोरोना पर काबू पा लिया गया था और न के बराबर मामले आ रहे थे। मई के पहले हफ्ते में ही सियोल में एक 29 साल का कोरोना संक्रमित युवक नाइट क्लब में गया। उसने 229 लोगों को संक्रमित किया। प्रशासन को सात हजार से ज्यादा लोगों की तुरंत टेस्टिंग करनी पड़ी और फिर से मॉल, नाइट क्लब और बॉर बंद करने पड़े।
जनवरी के महीने में चीन में भी एक सुपर स्प्रेडर मरीज ने 14 मेडिकल वर्कर्स को संक्रमित कर दिया था।
भारत, अमेरिका और साउथकोरिया में सुपर स्प्रेडर
भारत.यहां कई राज्यों में सुपर स्प्रेडर के मामले सामने आए हैं। मार्च की शुरुआत में इटली और जर्मनी की यात्रा करके पंजाब लौटे एक बुजुर्ग सुपर स्प्रेडर बने। इस दौरान भारत में केवल 640 मामले थे। बुजुर्ग नेक्वारैंटाइन होने की सलाह नहीं मानी। वह सिख त्योहारों और बड़े आयोजनों में शामिल हुए। इसके बाद उनकी तबियत खराब हुई अस्पताल में मौत हो गई। उनके 19 रिश्तेदार तो तुरंत संक्रमित पाए गए। पुलिस ने उनकी चपेट में आने वाले 550 लोगों को पहचाना, जिसमें कई संक्रमित पाए गए।
- मई की शुरुआत में ही दिल्ली के कापसहेड़ा इलाके में एक बिल्डिंग से 41 लोग कोरोना पॉजिटिव मिले थे। ये लोग भी एक ही मरीज के संपर्क में आने से संक्रमित हुए
- जून में जयपुर के सुभाष चौक से एक ही मकान से 26 लोगों के कोरोना पॉजिटिव होने की पुष्टि हुई। यहां भी संक्रमण सुपर स्प्रेडर से ही फैला
अमेरिका. न्यूयॉर्क शहर में 27 फरवरी को गार्बुज नाम के एक आदमी को निमोनिया जैसे लक्षण मिलने पर अस्पताल में भर्ती कराया गया। वह कोरोना पॉजिटिव मिला। एक हफ्ते के अंदर न्यूयॉर्क में संक्रमण के 170 मामले आए, जिसमें गार्बुज की पत्नी और दो बच्चे शामिल थे। संक्रिमत मिले अधिकांश लोग गार्बुज के संपर्क में आए थे। यहां गार्बुज को सुपर स्प्रेडर माना गया।
साउथ कोरिया.यहां पर संक्रमण की शुरुआत ही एक सुपर स्प्रेडर से हुई थी। फरवरी की शुरुआत में यहां संक्रमण के मात्र दो मामले थे। 15 फरवरी को एक महिला दाएगू शहर के एक चर्च में शामिल हुई। वह कोरोना पॉजिटिव मिली। चर्च के संपर्क में आए 29 लोग कोरोना पॉजिटिव मिले। इसके दो हफ्ते बाद साउथ कोरिया में 2900 से ज्यादा लोग संक्रमित हो गए।
इटली.यहां पर संक्रमण फैलने की मुख्य वजह चैम्पियंस लीग का एक मैच है। यह मुकाबला 19 फरवरी को अटलांटा और वेलेंसिया के बीच मिलान शहर के सैन सीरो स्टेडियम में खेला गया था। इस दौरान करीब 50 हजार लोग मैच देखने आए थे। इस मैच के दो दिन बाद ही इटली में इस वायरस के स्थानीय संक्रमण से पहली मौत का मामला सामने आया। इसके बाद हालात इस कदर बेकाबू हुए कि इटली का यह शहर कोरोनावायरस का केंद्र बन गया। इसे भी सुपर स्प्रेडर का मामला बताया जाता है।
डब्ल्यूएचओ ने अभी तक सुपर स्प्रेडर के बारे में कुछ नहीं कहा
डब्ल्यूएचओ ने अभी तक सुपर स्प्रेडर के बारे में कुछ नहीं कहा है। हालांकि, विशेषज्ञों का मानना है कि ये ऐसे मरीज होते हैं जो आम मरीजों की तुलना में कहीं ज्यादा संक्रमण फैलाते हैं। उन्होंने बताया कि हर एक व्यक्ति का शरीर अलग होता है। कुछ लोग ऐसे होते हैं, जिनमें वायरस बहुत ज्यादा होता है।
उनकी एक ड्रॉपलेट में आम मरीज से 10 से 100 गुना ज्यादा वायरस हो सकते हैं।
2011 में हुए एक अध्ययन के अनुसार किसी महामारी के दौरान 80% लोगों को संक्रमित करने के मात्र 20% लोग जिम्मेदार होते हैं। यही लोग सुपर स्प्रेडर होते हैं।
पुरानी बीमारी को फिर से जिंदा करते हैं सुपर स्प्रेडर
अमेरिका की संक्रामक रोग विशेषज्ञ एलिजाबेथ मैक्ग्रॉ ने बताया था कि पिछले दो दशकों में अमेरिका में खसरा का प्रकोप शुरू हुआ है। यह ऐसी बीमारी है जिस पर पूरी तरह से काबू था, लेकिन सुपर स्प्रेडरों की वजह से एक बार फिर इसका प्रकोप फैला।
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Pakistan has conveyed its readiness to India to reopen Kartarpur corridor from Monday: Foreign office June 26, 2020 at 10:17PM
UK ditches quarantine for arrivals from low Covid-19 risk countries June 26, 2020 at 10:25PM
पब्लिक टॉयलेट से भी कोरोना का खतरा; इसमें जाने से बचें, जरूरी हो तो एक व्यक्ति के लौटने के एक मिनट बाद ही अंदर जाएं June 26, 2020 at 10:41PM
जेन गंटर. कोरोनावायरस के माहौल में भी हमनेघर से बाहर निकलना शुरू कर दिया है। ऐसे में मॉल, पार्क्स या रेस्टोरेंट्स में मौजूद बाथरूम उपयोग करने की जरूरत भी बार-बार पड़ रही है। अबसवाल उठता है कि सार्वजनिक टॉयलेट यूज करना कितना सुरक्षित है?
बाथरूम कितने संक्रामक होते हैं?
- हम जानते हैं कि किसी सरफेस कोछूने से भी कोरोनासंक्रमित हो सकते हैं। लेकिन हम कई बारसफाईकरने के बाद हाथ धोने से पहले जिन भी चीजों को छूते हैं, उन्हें माइक्रोब्स के कारण दूषित कर देते हैं। माइक्रोब्स जैसे- नोरोवायरस और ई कोली।
- बाथरूम में हवा के कारण भी सांस के जरिए शरीर में जाने वाले वायरस जैसे- इंफ्लूएंजा से संक्रमित हो सकते हैं। अगर हवा में काफी ज्यादा मात्रा में पार्टिक्ल्स तैर रहे हैं तो सांस लेना खतरनाक हो सकता है। इसका सबसे बेहतर उदाहरण है मीजल्स। अगर मीजल्स से ग्रस्त कोई व्यक्ति कमरे में गया है तो हवा 2 घंटे तक खतरनाक हो सकती है।
- बाथरूम में एक और खतरा टॉयलेट प्लूम भी है। हर फ्लश के बाद टॉयलेट हवा में माइक्रोब्स की अदृश्यआर्मी छोड़ती है। इसके बाद ये माइक्रोब्स दीवार, टॉयलेट सीट, जमीन और गेट के हैंडल पर लग जाते हैं। एक नई स्टडी बताती है कि फ्लश करने के बाद संक्रमित करने वाले पार्टिकल्स हवा में करीब एक मिनट तक रहते हैं। इसके बाद दूषित फ्लश के बाद लगातार अगले कई फ्लश प्लूम छोड़ते रहते हैं।
ऐसे में कोरोनावायरस की संभावना
आमतौर पर माना जा रहा है कि दूषित सतह के संपर्क में आना कोरोनावायरस फैलने का मुख्य जरिया नहीं है। हालांकि अभी इस मामले पर स्टडी पूरी नहीं हुई है। बाथरूम शेयर करना गेस्ट्रोइंटेस्टिनल इंफेक्शन के फैलने को बढ़ा सकता है। हम अभी यह नहीं जानते कि कोरोनावायरस जैसे सांस के जरिए फैलने वाले वायरस में बाथरूम क्या भूमिका निभाते हैं। अभी तक यह भी साफ नहीं है कि टॉयेलट प्लूम में मौजूद कोरोनावायरस एयरोसोल्स से कितना खतरा है।
कॉमन बाथरूम का उपयोग करते वक्त इन बातों का ध्यान रखें
- बाथरूम में संक्रमण से बचने का सबसे बढ़िया तरीका मास्क, सोशल डिस्टेंसिंग और सतह को कम से कम छूना है।
- बड़े बाथरूम में जानें की कोशिश करें, क्योंकि यहा एयर सर्कुलेशन अच्छा होता है।
- अगर कोई आपके सामने आपसे पहले बाथरूम में है, तो अंदर जाने से पहले कम से कम 60 सेकंड का इंतजार करें।
- पेपर से टॉयलेट का सीट कवर न बनाएं। क्योंकि यह आसानी से टॉयलेट प्लूम से दूषित हो जाते हैं। ऐसे में हाथ से इन्हें छूना संक्रमण फैलाने का कारण हो सकता है।
- अगर टॉयलेट में लिड है तो फ्लश से पहले इसे बंद कर दें। इससे प्लूम अंदर ही ट्रैप हो जाएगी।
- अगर टॉयलेट में फ्लश ऑटोमैटिक है, तो स्प्रे से बचने के लिए कुछ कदम पीछे हो जाएं।
- आप हाथ धोने के बाद उन्हें कैसे साफ करते हैं इससे फर्क नहीं पड़ता, लेकिन रीयूज टॉवेल के उपयोग से बचें।
- बाथरूम में कम से कम वक्त बिताएं। अगर आपको बाहर जाने के लिए गेट खोलना पड़ रहा है तो बाद में हैंड सैनिटाइजर का उपयोग करें।
अगर बाथरूम न मिले तो
- पहले तो बाथरूम की जरूरत ही न आने दें। अपने पानी पीने की आदत को थोड़ा बदल लें।
- महिलाएं अपने पेल्विक फ्लोर मसल को जल्दी-जल्दी पांच बार दबा सकती हैं। इसे क्विक फ्लिक्स कहा जाता है। इससे आपके ब्लेडर को आराम मिलेगा और बाथरूम जाने की जरूरत कुछ कम होगी।
- बाहर बाथरूम जाना आखिरी रास्ता हो सकता है। अगर हर कोई बाहर ऐसा करने लगा तो बदबू असहनीय हो जाएगी और लोग बिना वजह बीमार पड़ जाएंगे।
केवल अपने बारे में न सोचें
अगर आप किसी पब्लिक प्लेस पर टॉयलेट यूज कर रहे हैं तो कई सावधानियों के साथ कुछ जिम्मेदारियों का भी ध्यान रखें। कोरोनावायरस महामारी के दौर में बाथरूम एटिकेट्स भी अहम भूमिका निभाएंगे। जब भी कोई बाथरूम यूज करें तो केवल अपने बारे में न सोचें। आपके बाद टॉयलेट में आने वाले लोगों का भी ख्याल करें।
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