Sunday, May 3, 2020
ट्रम्प ने कहा- साल के अंत तक हमारे पास वैक्सीन होगा, देश में कोरोना से मरने वालों की संख्या एक लाख के पार हो सकती है May 03, 2020 at 05:34PM
अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने दावा किया है कि दिसंबर तक कोरोना का वैक्सीन तैयार कर लिया जाएगा। उन्होंने फॉक्स न्यूज के एक कार्यक्रम में रविवार को यह बात कही। ट्रम्प ने कहा हम पहले से कहीं जल्दवैक्सीन तैयार कर लेंगे। यह इस साल के अंत तक उपलब्ध हो सकता है। हम इसके लिए पूरी कोशिश कर रहे हैं। हम सप्लाई लाइन तैयार कर रहे हैं, यहां तक कि हमारे पास फाइनल वैक्सीन भी तैयार है। उन्होंने खास तौर पर जॉनसन एंड जॉनसन का नाम लेते हुए कहा कि कई फार्मास्यूटिकल कंपनियां इसे तैयार करने के काफी करीब है।
ट्रम्प ने कहा कि देश में मौत का आंकड़ापहले के अनुमान से ज्यादा हो सकता है। इससे 75 हजार या एक लाख से अधिक मौतें हो सकती हैं।यह भयानक है, हमें इससे एक आदमी भी नहीं खोना चाहिए। एक हफ्ते पहले उन्होंने कोरोना से करीब 60 हजार लोगों के मरने का अनुमान जाहिर किया था। अबतक अमेरिका में 68 हजार से ज्यादा मौतें हो चुकीहैं।
ट्रम्प का दावाविशेषज्ञों के बयानों के उलट
वैक्सीन पर ट्रम्प का दावाअमेरिका के देश के स्वास्थ्य विशेषज्ञ के बयानों के उलट है। अमेरिका के नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ एलर्जी एंड इंफेक्शियस डिसीज की डायरेक्टर डॉ एंथनी फॉसी ने हाल ही में कहा था कि वैक्सीन अगले साल जनवरी तक तैयार हो सकता है। ऐसा तब होगा जब दवा कंपनियां पूरी जांच और मंजूरी से पहले इसका उत्पादन शुरू करने को तैयार हों। स्वास्थ्य अधिकारियों ने कहा था कि कोरोना का वैक्सीन तैयार होने में 18 महीने का समय लगेगा। सामान्य तौर पर एक वैक्सीन तैयार करने और इसे बाजार में उतारने में कई साल लग जाते हैं।
आम तौर पर वैक्सीन तैयार में होने में कई साल लग जाते हैं
जॉनसन एंड जॉनसन कंपनी ने अमेरिका के हेल्थ एंड ह्यूमन सर्विस के साथ वैक्सीन तैयार करने के लिए साझेदारी की है। कंपनी ने भी 2021 के शुरुआत तक वैक्सीन के उत्पादन की मंजूरी मिलने की बात कही है। ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी के शोधकर्ताओं के मुताबिक, अगर वैक्सीन प्रभावी होगा तो सितंबर से इसे बड़े पैमाने पर बांटा जा सकेगा। वहीं, डब्ल्यूएचओ के मुताबिक दुनियाभर में कई देशों इसे तैयार करने की कोशिश जारी है। ब्रिटेन में तो क्लीनिकल ट्रायल भी शुरू हो चुका है। यूरोपीय यूनियन ने इसके लिए एक अंतरराष्ट्रीय प्रोग्राम का नेतृत्व करने की घोषणा की है।
पोम्पियो का दावा- वायरस वुहान के लैब में ही तैयार हुआ
अमेरिका के विदेश मंत्री माइक पोम्पियो ने रविवार को दावा किया है कि कोरोनावायरस वुहान के लैब में तैयार किया गया। इस बात के ठोस सबूत हैं। उन्होंने एबीसी न्यूज से बातचीत में यह बात कही। पोम्पियो ने कहा कि विशेषज्ञ भी ऐसा सोचते हैं कि यह वायरस मानव निर्मित है। मेरे पास ऐसा कोई कारण नहीं है कि मैं इस पर विश्वास नकरूं। इससे पहले बीते गुरुवार को ट्रम्प ने भी इस वायरस के वुहान के लैब से फैलने का दावा किया था। हालांकि, अमेरिका की खुफिया एजेंसियों ने कोरोना के मानव निर्मित नहीं होने की बात कही है।
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अब तक 35.65 लाख संक्रमित और 2.48 लाख मौतें: ट्रम्प का दावा- साल के अंत तक हमारे पास वैक्सीन होगा May 03, 2020 at 04:41PM
दुनिया में करोनावायरस से अब तक दो लाख 48 हजार 241 लोगों की मौत हो चुकी है। 35 लाख 65 हजार 110 संक्रमित हैं, जबकि 11 लाख 53 हजार 912 ठीक हो चुके हैं। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने रविवार को फॉक्स न्यूज से इंटरव्यू में दावा किया कि साल के अंत तक हम वैक्सीन बना लेंगे। इस दौरान उन्होंने वायरस को लेकर डेमोक्रेट्स की प्रतिक्रिया की आलोचना की। कहा कि वे इस मुद्दे का राजनीतिकरण कर रहे हैं।
कोरोनावायरस : सबसे ज्यादा प्रभावित 10 देश
देश | कितने संक्रमित | कितनी मौतें | कितने ठीक हुए |
अमेरिका | 11,88,122 | 68,598 | 1,78,263 |
स्पेन | 2,47,122 | 25,264 | 1,48,558 |
इटली | 2,10,717 | 28,884 | 81,654 |
ब्रिटेन | 1,86,599 | 28,446 | उपलब्ध नहीं |
फ्रांस | 1,68,693 | 24,895 | 50,784 |
जर्मनी | 1,65,664 | 6,866 | 1,30,600 |
रूस | 1,34,687 | 1,280 | 16,639 |
तुर्की | 1,26,045 | 3,397 | 63,151 |
ब्राजील | 1,01,147 |
7,025 |
42,991 |
ईरान | 97,424 | 6,203 | 78,442 |
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अमेरिका: एक दिन में 1450 मौतें
अमेरिका मे 24 घंटे में 1450 लोगों की मौत हो गई। इसके साथ ही देश में मरने वालों की संख्या 68 हजार 598 हो गई है। 11 लाख 88 हजार 122 संक्रमित हैं। देश के सबसे ज्यादा प्रभावित न्यूयॉर्क में 24 हजार 648 लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि तीन लाख 23 हजार 883 संक्रमित हैं। उधर, अमेरिकी विदेश मंत्री माइक पोम्पियो ने रविवार को कहा कि इस बात के पक्का सबूत हैं कि वायरस की शुरुआत वुहान के लैब से हुई है। कहा कि अब तक के सबसे अच्छे विशेषज्ञों को लगता है कि यह मानव निर्मित था। मेरे पास इस बात पर अविश्वास करने का कोई कारण नहीं है।
ब्राजील: संक्रमण के केस 1 लाख के पार
ब्राजील में संक्रमणमामले एक लाख के पार हो गए हैं। मरने वालों की संख्या 7025 हो गई है। स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार देश में 24 घंटे में 4588 नए केस मिले और 275 लोगों की मौत हुई। रियो डी जनेरियो में सैकड़ों लोगों ने राष्ट्रपति जायर बोलसोनारो के समर्थन में रैली निकाली और जिला प्रशासन की वायरस से निपटने के प्रयासों की आलोचना की। रियो डी जनेरियो के गवर्नर विल्सन विट्जेल नेबोलसोनारो के मार्च की आलोचना करते हुए ट्वीट किया- राष्ट्रपति ऐसे समय प्रदर्शन में भाग लेकर एक बुरा उदाहरण पेश कर रहे हैं, जब स्थानीय अधिकारी वायरस के प्रसार की रोकथाम के लिए लोगों को आइसोलेशन के लिए कह रहे हैं।
पाकिस्तान: संक्रमितों संख्या 20 हजार के पार
पाकिस्तान में लॉकडाउन के बावजूद लगातार छठे सप्ताह मामलों में वृद्धि जारी है। यहां संक्रमण का आंकड़ा 20 हजार के पार पहुंच गया है और 457 लोगों की मौत हो चुकी है। स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार, पूर्वी पंजाब प्रांत में कोरोना के 7494 मामलों की पुष्टि हुई है। दक्षिणी सिंध प्रांत में 7465, उत्तर पश्चिम खैबर पख्तूनख्वा में 3129, दक्षिण पश्चिम बलूचिस्तान में 1172 और इस्लामाबाद में 393 मामले मिले हैं। 24 घंटे में 17 लोगों की मौत हुई और 981 नए मामले सामने आए हैं।
इजराइल: 16,208 संक्रमित
इजराइल में 15 नए मामले सामने आए हैं। देश में संक्रमितों की संख्या बढ़कर 16 हजार 208 हो गई है। स्वास्थ्य मंत्रालय के मुतबिक, रविवार कोदो लोगों की मौत हुई। इसके साथ ही देश में अब तक 232 जाान जा चुकी है। स्वास्थ्य मंत्रालय ने शनिवार को कहा कि देश में वायरस के मामलों में लगातार कमी आ रही है। शनिवार को 30 नए मामले सामने आए थे और दो लोगों की मौत हुई थी।
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पंजाब प्रांत के मरकज में क्वारैंटाइन 72 तब्लीगी जमाती भागे, इन्हें पकड़ने के लिए सरकार ने आईएसआई लगाई May 03, 2020 at 02:27PM
पाकिस्तान में रविवार को कोरोना मरीजों की संख्या 20 हजार 84 हो गई। यहां 1297 नए केस आए हैं। अब तक 457 मौतें हुई हैं। सबसे ज्यादा 180 मौतें खैबर पख्तूनख्वा प्रांत में हुई हैं। कोरोना से मुकाबले में इमरान सरकार कई मोर्चों पर नाकाम रही है। पंजाब प्रांत के हाफिजाबाद स्थित प्रमुख मरकज में क्वारैंटाइन किए गए तब्लीगी जमात के अब तक 72 सदस्य भाग चुके हैं। इन्हें पकड़ने के लिए खुफिया एजेंसी आईएसआई को लगाया गया है।
दूसरी ओर, सेना ने भी कोरोना से मुकाबले के लिए खुद काे आगे कर दिया है। उसने पूरे देश में अपनी छावनियों, हथियार फैक्ट्रियों, बॉर्डर इलाकों जैसे तिब्बत बेल्ट, कश्मीर, गिलगितबालटिस्तान में सख्त लॉकडाउन किया है। इन सभी जगहों पर जवान तैनात किए हैं। सेना के सभी विभागों के कर्मचारियों की छुटि्टयां रद्द कर दी हैं। इसके अलावा देशभर में सरकारी कर्मचारियों की मदद के लिए रिजर्व बल तैनात किया है।
चीनी मेडिकल टीम2 महीने पाकिस्तान में रहेगी
सेना के मेडिकल कोर की मदद के लिए चीनी सेना के मेडिकल एक्सपर्ट बुलाए गए हैं। इन चीनी डॉक्टरों को पाकिस्तान के अस्पतालों में देखा जा सकता है। चीनी मेडिकल टीम का नेतृत्व मेजर जनरल हुआंग किनजेन कर रहे हैं। वह 9 दिन पहले पाकिस्तान आए थे। टीम अगले दो महीने तक पाकिस्तान में रहेगी। टीम में रोग नियंत्रक, आईसीयू एक्सपर्ट और सांस रोग विशेषज्ञ शामिल हैं।
पीएम इमरान को इस्तीफा दे देना चाहिए: विपक्ष
इधर, विपक्ष प्रधानमंत्री इमरान खान पर लगातार दबाव बना रहा है। पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी के अध्यक्ष बिलावल भुट्टो का कहना है कि सरकार कोरोना संकट का मुकाबला करने में कमजोर साबित हुई है। पीएम इमरान को इस्तीफा दे देना चाहिए। हालांकि, सरकार का कहना है कि उसने अब तक 2 लाख 3 हजार 25 लोगों के टेस्ट कराए हैं।
सरकार डॉक्टरों कीमांगें पूरी करने में नाकाम रही
पाकिस्तान के डॉक्टर शुरू से ही सुरक्षा उपकरण की कमी से जूझ रहे हैं। चार दिन पहले रावलपिंडी शहर में 26 साल की डॉक्टर की कोरोना से मौत हो गई थी। एक युवा डॉक्टर की मौत ने अन्य हजारों स्वास्थ्य कर्मियों को झकझोर दिया। ये स्वास्थ्यकर्मी शुरू से ही आवश्यक सुरक्षा उपकरणों और सुविधाओं की मांग कर रहे हैं। सरकार उनकी मांगें पूरी करने में नाकाम रही है।
देश में 444 हेल्थ वर्कर कोरोना पॉजिटिव पाए गए
युवा डॉक्टर की मौत के करीब हफ्तेभर पहले पेशावर में भी एक सीनियर डॉक्टर की मौत कोरोना से हो चुकी है। नेशनल इमरजेंसी ऑपरेशन सेंटर के मुताबिक, देश में 444 हेल्थ वर्कर कोरोना पॉजिटिव पाए गए हैं। इनमें सबसे ज्यादा 216 डॉक्टर, 67 नर्स और 161 अन्य स्वास्थ्य कर्मी हैं। यंग डॉक्टर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष डॉ. मोहम्मद फजल ने कहा कि ज्यादातर संक्रमित डॉक्टर बेचैन और मनौवैज्ञानिक समस्याओं से ग्रस्त हैं। इसलिए इनकी निगरानी के लिए साइकोलॉजिस्ट रखे गए हैं।
अगले हफ्ते लॉकडाउन में ज्यादा ढील की घोषणा संभव
सरकार अगले हफ्ते लॉकडाउन में ज्यादा ढील की घोषणा कर सकती है। पिछले महीने 21 उद्योग फिर से खोलने की मंजूरी दी गई थी। इनमें सीमेंट, केमिकल, क्रशिंग, फर्टिलाइजर, खनिज, कृषि, कांच, स्टेशनरी उद्योग, सॉफ्टवेयर डेवलपमेंट, पेपर और पैकेजिंग यूनिट आदि शामिल हैं।पाक के इंस्टीट्यूट ऑफ डेवलपमेंट इकोनॉमिक्स के मुताबिक कोरोना के कारण देश में 1.80 करोड़ लोगों की जॉब जा सकती है। 7 करोड़ लोग गरीबी रेखा के नीचे जा सकते हैं।
5 राज्य में 98 फीसदी मामले
- पंजाबः 7794 मामले
- सिंधः 7465 मामले
- खैबर पख्तूनख्वाः 3179 मामले
- बलूचिस्तानः 1172 मामले
- इस्लामाबाद क्षेत्रः 393 मामले
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थाईलैंड में शॉपिंग सेंटर खुले, मास्क लगाकर पहुंचे लोग; इधर संक्रमण मुक्त गोवा में लापरवाही की सैर May 03, 2020 at 02:23PM
पूरी दुनिया इस समय कोरोनावायरस से मुकाबला कर रही है। हालांकि, इस मुश्किल परिस्थितियों के बीच भी कई देश अपनी अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने की कोशिश कर रहे हैं। दक्षिण-पूर्वी एशियाई देश थाईलैंड ने भी रविवार से कुछ नियम-शर्तों के साथ अपने शॉपिंग सेंटर खोल दिए।
लंबे समय से घरों में बंद रहने को मजबूर लोग बड़ी संख्या में बाहर आए। बाहर निकलने वाले अधिकांश लोग मास्क में देखे गए। सैलून और स्पा में सर्विस देने वाले स्टाफ मास्क के अलावा हेड कवर के साथ-साथ अन्य प्रोटेक्टिव गियर में दिखे। थाईलैंड में अब तक 2969 लोग कोरोना से संक्रमित हुए हैं। इनमें से 2739 रिकवर भी हो गए हैं।
भारत: संक्रमण मुक्त गोवा में बेपरवाह हुए लोग
गोवा के कैंडोलिम बीच पर ऐसा नजारा नजर आया। लॉकडाउन में फंसे लाेग यहां गर्मी से राहत पाने के लिए सैर-सपाटे के लिए आ गए। लेकिन न किसी ने मास्क पहना है और न किसी ने दूरी रखी। गोवा में सैकड़ों प्रवासी लोग पर्यटन, निर्माण क्षेत्र, नाइटक्लब आदि में काम करते हैं। लॉकडाउन के कारण काम ठप है। कई लोगों का रोजगार भी जा चुका है। गोवा दो हफ्ते पहले कोराेना मुक्त हो गया था। यहां 7 मरीज आए थे। ये सभी ठीक हो चुके हैं।
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सुप्रीम कोर्ट ने नेतन्याहू की गठबंधन सरकार के खिलाफ सुनवाई शुरू की, टीवी चैनलों पर हुआ लाइव टेलीकास्ट May 03, 2020 at 03:27AM
इजराइल की सुप्रीम कोर्ट ने प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू के नई गठबंधन सरकार बनाने के खिलाफ सुनवाई शुरू कर दी है। नेतन्याहू पर भ्रष्टाचार के आरोप हैं। वे अपने विपक्षी बेनी गांत्ज के साथ मिलकरसरकार बनाने जा रहे हैं। इजराइल के नागरिक इसका कड़ा विरोध कर रहे हैं। इसके चलते सुप्रीम कोर्ट में नेतन्याहू को सरकार बनाने से रोकने के लिए कई याचिकाएं दायर की गई हैं।
याचिकाओं की सुनवाई के लिए 11 जजों का पैनल बनाया गया है। इस मामले की सुनवाई का सुप्रीम कोर्ट की वेबसाइट और देश के प्रमुख टीवी चैनलों परलाइव टेलीकास्ट किया गया।नेतन्याहू के सरकार बनाने के खिलाफ आठ याचिकाएं दायर की गई हैं।इस पैनल की अध्यक्ष और सुप्रीम कोर्ट की प्रेसीडेंट ईस्थर हायत ने कहा कि अदालत उन याचिकाओं पर सुनवाई करेगी,जिसमें नेतन्याहू पर भ्रष्टाचार के आरोप लगे होने के कारण सरकार बनाने से रोकने की मांग की गई है।
इजराइल में पक्ष-विपक्ष में गठबंधन सरकार में बनी है सहमति
इजराइल में एक साल के भीतर तीन बार आम चुनाव हो चुके हैं। इन चुनावों में न तो नेतन्याहू की लिकुड पार्टी के गठबंधन और न ही बेनी गांत्ज की ब्लू एंड व्हाइट पार्टी के गठबंधन को बहुमत मिला है। 20 अप्रैल को बेंजामिन नेतन्याहू और उनके विपक्षी बेनी गांत्ज में मिलीजुली सरकार बनाने को लेकर सहमति बन थी। इस समझौते से नेतन्याहू प्रधानमंत्री बने रहेंगे। सुप्रीम कोर्ट अगर इन समझौते के खिलाफ फैसला देता है तो देश में चौथे चुनाव का संकट खड़ा हो जाएगा।
लोग कर रहें है प्रदर्शन
गठबंधन सरकार को लेकर हुए समझौते के खिलाफ हजारों लोग सड़कों पर प्रदर्शन कर रहे हैं। लोगों का कहना है कि इस समझौते से भ्रष्टाचार के आरोपों का सामना कर रहे प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू सत्ता में बने रहेंगे। उनके खिलाफ कार्रवाई नहीं हो पाएगी। प्रदर्शनकारियों ने कहा कि गठबंधन सरकार को लेकर बनी सहमति लोकतंत्र को कुचलने वाली है। गठबंधन सरकार में नेतन्याहू सत्ता में बने रहेंगे और न्यायाधीशों की नियुक्ति में दखल दे सकेंगे। इसके चलते न्यायाधीश एवं अधिकारी नेतन्याहू को भ्रष्टाचार के आरोपों से बाहर निकलने में मदद कर सकते हैं।
नेतन्याहू बहुमत पाने से तीन सीट से चूक गए थे
2 मार्च को हुए तीसरी बार चुनाव में लिकुड पार्टी को 36 सीटें और उसकी (लिकुड पार्टी) अगुआई वाले राइट विंग संगठन को 58 सीटें मिली थीं। मुख्य विपक्षी बेनी गांत्ज की ब्लू एंड व्हाइट पार्टी को 33 सीटें और उसकी (ब्लू एंड व्हाइट) अगुआई वाले वामपंथी गुट को 55 सीटें मिली थीं। 120 सीट वाली इजराइल की संसद में बहुमत के लिए 61 सीटों की जरूरत होती है। चुनाव में इन मुख्य पार्टियों के अलावा अन्य छोटी पार्टियों ने 15 सीटें हासिल की थीं। इस चुनाव में नेतन्याहू बहुमत पाने से तीन सीट चूक से गए थे।
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भारतीय मूल के डॉक्टर ने कहा- कमजोर खानपान का वायरस से होने वाली मौतों से सीधा संबंध, भारतीय अपनी आदत जल्द सुधार लें May 03, 2020 at 02:49AM
भारत, अमेरिका और ब्रिटेन समेत दुनिया के कई देश इस वक्त कोरोना महामारी से जंग लड़ रहे हैं। ऐसे में भारतीय मूल के ब्रिटिश डॉक्टर (कार्डियोलॉजिस्ट) ने भारतीयों को तुरंतअल्ट्रा प्रोसेस्ड फूड (पैकेज्ड फूड) छोड़ने की सलाह दी है। उनका दावा है कि कोविड-19 से होने वाली मौतों का एक प्रमुख कारण कमजोर खानपान है। कोरोना से मोटे लोगों को ज्यादा खतरा हो सकता है।
डॉ. असीम मल्होत्रामूलरूप से दिल्ली के रहने वाले हैं। वे ब्रिटेन में नेशनल हेल्थ सर्विस (एनएचएस) के फ्रंटलाइन डॉक्टरों में शामिल हैं। इन दिनों कोरोनासे लड़ाई में जीवन शैली बदलने के बारे में जागरुकता फैला रहे हैं। डॉ. असीम ने कहा, ‘‘भारत में जीवनशैली सें जुड़ीं बीमारियांज्यादा हैं। खासकर टाइप-2 डायबिटीज, हाई ब्लड प्रेशर, हृदय रोग। ये तीन तरह की बीमारी कोविड-19 के लिए बहुत खतरनाक हैं और ये बीमारियांज्यादावजन होने से आती हैं।’’
‘‘अमेरिका समेत यूरोप के देशों में कोरोना से ज्यादा मौतें हुई हैं। इसका एक कारण यह भी है कि यहां जीवनशैली स्वस्थ रखने वाली नहींहै। इसे जानते सब हैं, लेकिन कहना कोई नहीं चाहता है। ब्रिटेन और अमेरिका में 60 प्रतिशत से अधिक वयस्क लोग ज्यादावजन वाले हैं।अमेरिका में 8 में से एक ही आदमी मेटाबॉलिकली स्वस्थ होता है। इसका मतलब यह है कि उसका बल्ड प्रेशर सामान्य है और वजन भी उचित है। केवल खानपान सुधारकर कुछ हफ्तों में ही मेटबॉलिज्म सही कर सकते हैं।’’
टाइप-2 डायबिटीज के मरीजों को 10 गुना ज्यादा खतरा
साइंस जर्नल ‘नेचर’ में प्रकाशित एक रिपोर्ट में बताया गया है कि टाइप-2 डायबिटीज से पीड़ित व्यक्तिकेकोरोना संक्रमित होने से मौत का खतरा 10 गुना बढ़ जाता है। डॉ. असीम ने चेतावनी दी है कि टाइप-2 डायबिटीज के लिए दी जाने वाली दवाएं जीवनकाल बढ़ाने और मौत के जोखिम को कम करने में बहुत कम फायदा पहुंचाती हैं। इनका साइड इफेक्ट भी होता है, जिसके बारे में ज्यादातर लोगों को जानकारी नहीं होती है। उन्होंने कहा कि मेरे कहने का ये मतलब नहीं है कि दवा लेनी बंद कर दी जानी चाहिए, लेकिन जीवन शैली में बदलाव कर स्वास्थ्य पर सकारात्मक प्रभाव डाला जा सकता है।
भारतीय लोग ऐसा भोजन तुरंत छोड़ दें
डॉ. असीम ने अल्ट्रा प्रोसेस्ड फूड्स (पैकेज्ड फूड) को छोड़ने के लिए कहा है। इस तरह के फूड में सुगर, स्टार्च, खराब ऑयल और फूड को सुरक्षित बनाए रखने के लिए डाले गए केमिकल से सेहत पर बुरा असर पड़ता है। ब्रिटेन में खाद्य पदार्थों का लगभग 50 प्रतिशत हिस्सा पैकेज्ड फूड ही है। उन्होंने कहा कि मैं भारतीय लोगों को सलाह देना चाहता हूं कि तुरंत ही इस तरह के खाने को छोड़ देना चाहिए।
कार्बोहाइड्रेड का ज्यादा सेवन भी खतरनाक
डॉ. असीम ने कहा कि भारत के खानपान में कार्बोहाइड्रेट का बहुत ज्यादा सेवन होता है। कार्बोहाइड्रेट के ज्यादा सेवन से ग्लूकोज और इंसुलिन बढ़ता है,जिससेब्लड प्रेशर, टाइप-2 डायबिटीज और दिल की बीमारी का खतरा बढ़ता है। गेहूं और चावल के आटे में भी बहुत ज्यादा कार्बोहाइड्रेट होता है।
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वुहान के इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी ने अपनी साइट से लैब में काम करते वैज्ञानिकों की तस्वीरें डिलीट कीं, बिना प्रोटेक्शन सूट के होता था काम May 03, 2020 at 01:51AM
चीन के वुहान इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी ने अपनी साइट से लैब में काम करते वैज्ञानिकों की तस्वीरें डिलीट कर दी हैं। डिलीट की गई तस्वीरोंसे साफ पता चलता है कि इंस्टीट्यूट मे बेहद लापरवाही से काम किया जाता था। वैज्ञानिक बिना किसी मेडिकल इक्विपमेंट के खतरनाक वायरसों पर काम करते थे। लैब में वायरसों को रखने की जगह भी खस्ताहाल है। अमेरिका समेत दुनियाभर के देशों के बढ़ते दबाव की वजह से इन फोटो को डिलीट कर दिया गया है।
डेली मेल की खबर के मुताबिक चीन ने इस्टीट्यूट की वेबसाइट से जिन तस्वीरों को हटाया है उन तस्वीरों में दिखता है कि किस तरह इंस्टीट्यूट का स्टाफ गुफाओं में जाकर चमगादड़ों का स्वाब इकट्ठा करता है और उस दौरान टीम पूरी तरह से मेडिकल इक्विपमेंट भी नहीं पहने हुए है।
तस्वीरोंमें दिख रहा है कि जिस प्रिज में 1500 विभिन्न प्रकार के वायरस रखे गए थे, उसकी सीलिंग मानकों के अनुरूप नहीं की गई है।
इंस्टीट्यूट ने अमेरिकी वैज्ञानिकों के विजिट को भी अपनी साइट की हिस्ट्री सेडिलीट कर दियाहै। मार्च 2018 में बीजिंग में अमेरकी दूतावास के साइंस एंड टेक्नोलॉजी एक्सपर्ट रिक स्विट्जर ने इस इस्टीट्यूट में विजिट किया था। इसके बाद स्विट्जर ने अमेरिकी गृह मंत्रालय को चमगादड़ों पर रिसर्च करने के खतरे के बारे में आगाह किया था। उन्होंने लिखा था- वुहान इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी में विजिट के दौरान हमने पाया कि वहां ट्रेंड टेक्नीशियन और शोधकर्ताओं की बहुत कमी है।
इंस्टीट्यूट ने खुद कहा था कि यहां खतरा बहुत ज्यादा है
वुहान का इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी खुद इस काम से जुड़े खतरों को स्वीकार करता है। संस्थान की वेबसाइट में एक कम्युनिस्ट झंडे के बगल में स्टाफ के सदस्यों की तस्वीरें लगी हुई हैं। साइट में लिखा है- ‘‘लैब में रोगजनक सूक्ष्मजीवों पर रिसर्च होती है। वायरस को इकट्ठा करने के लिए जब एक बार टेस्ट ट्यूब खोली जाती है तो यह एक पंडोरा बॉक्स (भानुमती का पिटारा) खोलने जैसा है। इसमें बहुत ज्यादा खतरा होता है। ’’
ट्रम्प ने कहा है कि उनके पास सुबूत हैं
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने गुरुवार को कहा था कि उनके पास ऐसे सुबूत हैं, जिनसे यह साफ पता चलता है कि कोरोनावायरस वुहान की लैब से ही निकला है। व्हाइट हाउस में प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान ट्रम्प से वायरस के वुहान लिंक को लेकर सवाल किया गया तो उन्होंने कहा,‘‘मेरे पास इसके सबूत हैं, लेकिन मैं इसके बारे में आपको बता नहीं सकता। मुझे इसकी इजाजत नहीं है।’’ ट्रम्प ने इस दौरान चीन पर नए टैरिफ लगाने की भी बात कही थी।
वुहान इंस्टीट्यट को अमेरिका की भी मिलती थी फंडिंग
डेली मेल की खबर के मुताबिक वुहान इंस्टीट्यूट को अमेरिकी सरकार से तीन मिलियन पाउंड (28 करोड़ 28 लाख रुपये) की फंडिग भी मिलती थी। हालांकि, अब ट्रम्प ने इस फंडिंग को रोक दिया है। वुहान इंस्टीट्यूट में 1000 किलोमीटर दूर युन्नान प्रांत तक से पकड़कर लाए गए चमगादड़ों पर शोध होता था। चीन ने कहा हैकि इंस्टीट्यूट का वायरस से लिंक इसलिए जोड़ा जा रहा है, क्योंकि वह वुहान में स्थित है। यह दावा आधारहीन है कि वायरस इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलाजीसे निकला है।
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Afghanistan fears coronavirus may be spreading faster May 02, 2020 at 11:55PM
अमेरिकी सेना ने तालिबान को दो पेज का लेटर लिखकर धमकी दी, कहा- अगर हिंसा जारी रही तो नतीजे भुगतने होंगे May 02, 2020 at 11:51PM
अमेरिकी सेना ने तालिबान को धमकी दी है कि अगर अफगानिस्तान में हिंसा कम नहीं की तो परिणाम भुगतने होंगे। अमेरिकी सेना ने शनिवार को सभी दलों से राजनीतिक माध्यमों से विवादों को हल करने के लिए कहा है। अमेरिकी सेना के प्रवक्ता कर्नल सोनी लेगेट नेतालिबान के प्रवक्ता जबिहुल्ला मुजाहिद को दो पेज का लेटर भेजा है, जिसे ट्विटर पर भी पोस्ट किया है।
अमेरिका ने कहा है कि सभी दलों को राजनीतिक समाधान के रास्ते पर चलना चाहिए, अफगान लोगों से देश के भविष्य पर चर्चा करने के अपील करनी चाहिए।लेगेट ने अपने लेटर में लिखा, ‘‘हिंसा को कम करना बेहद जरूरी है। यह सभी सैन्य बलों के प्रमुखों पर निर्भर है, इसमें अफगान नेशनल सिक्योरिटी फोर्सेस (एएनडीएफएफ), तालिबान लड़ाके को अपनी तरफ से पहल करनी होगी। हमले से हमले ही पैदा होते हैं और संयम से संयम पैदा होता है। सभी पक्षों को संयम अपनना होगा। हिंसा को रोकने का यही एक रास्ता है।’’ इसके साथ ही उन्होंने कहा कि अगर तालिबान हिंसा नहीं छोड़ता तो उसे परिणाम भुगतने होंगे।
तालिबान ने दिया जवाब
तालिबान के प्रवक्ता ने इस लेटर के जवाब दिया है। जबिहुल्ला ने सोशल मीडिया अकाउंट पर लिखा, ‘‘संघर्ष के समाधान का रास्ता दोहा में हुए समझौते को लागू करने में छिपा है।’’ जबिहुल्ला ने अमेरिका से वर्तमान हालातों को नुकसान न पहुंचाने के लिए भी कहा। 29 फरवरी को अमेरिका और तालिबान में कतर की राजधानी दोहामें एक समझौता हुआ था, इसके अनुसार 10 मार्च को एक तालिबान और अफगान सरकार की वार्ता शुरू होनी थी। हालांकि, यह वार्ता टल गई थी। क्योंकि तालिबान और अफगान सरकार में कैदियों को छोड़ने पर सहमति नहीं बन पाई थी।
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