अमेरिकी सेना ने तालिबान को धमकी दी है कि अगर अफगानिस्तान में हिंसा कम नहीं की तो परिणाम भुगतने होंगे। अमेरिकी सेना ने शनिवार को सभी दलों से राजनीतिक माध्यमों से विवादों को हल करने के लिए कहा है। अमेरिकी सेना के प्रवक्ता कर्नल सोनी लेगेट नेतालिबान के प्रवक्ता जबिहुल्ला मुजाहिद को दो पेज का लेटर भेजा है, जिसे ट्विटर पर भी पोस्ट किया है।
अमेरिका ने कहा है कि सभी दलों को राजनीतिक समाधान के रास्ते पर चलना चाहिए, अफगान लोगों से देश के भविष्य पर चर्चा करने के अपील करनी चाहिए।लेगेट ने अपने लेटर में लिखा, ‘‘हिंसा को कम करना बेहद जरूरी है। यह सभी सैन्य बलों के प्रमुखों पर निर्भर है, इसमें अफगान नेशनल सिक्योरिटी फोर्सेस (एएनडीएफएफ), तालिबान लड़ाके को अपनी तरफ से पहल करनी होगी। हमले से हमले ही पैदा होते हैं और संयम से संयम पैदा होता है। सभी पक्षों को संयम अपनना होगा। हिंसा को रोकने का यही एक रास्ता है।’’ इसके साथ ही उन्होंने कहा कि अगर तालिबान हिंसा नहीं छोड़ता तो उसे परिणाम भुगतने होंगे।
तालिबान ने दिया जवाब
तालिबान के प्रवक्ता ने इस लेटर के जवाब दिया है। जबिहुल्ला ने सोशल मीडिया अकाउंट पर लिखा, ‘‘संघर्ष के समाधान का रास्ता दोहा में हुए समझौते को लागू करने में छिपा है।’’ जबिहुल्ला ने अमेरिका से वर्तमान हालातों को नुकसान न पहुंचाने के लिए भी कहा। 29 फरवरी को अमेरिका और तालिबान में कतर की राजधानी दोहामें एक समझौता हुआ था, इसके अनुसार 10 मार्च को एक तालिबान और अफगान सरकार की वार्ता शुरू होनी थी। हालांकि, यह वार्ता टल गई थी। क्योंकि तालिबान और अफगान सरकार में कैदियों को छोड़ने पर सहमति नहीं बन पाई थी।
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